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टेबल टैनिस (Table tennis), जिसे पिंग-पोंग (ping-pong) के नाम से भी जाना जाता है, ये एक एक्साइटिंग गेम है, जिसे दो या चार प्लेयर्स के द्वारा खेला जा सकता है। यहाँ तक कि केवल मनोरंजन के लिए खेलने वाले प्लेयर्स भी काफी जल्दी इसे अच्छी तरह से सीख लेते हैं; प्रोफेशनल लेवल पर खेले जाने वाले पिंग पोंग गेम को देखना बहुत मजेदार अनुभव होता है। इस गाइड में आपके लिए पिंग पोंग गेम को खेलने के बेसिक नियमों के साथ ही उसे जीतने की भी सलाह दी गई है।

विधि 1
विधि 1 का 3:

गेम को खेलना (Playing the Game)

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  1. आपको एक ऐसे किसी इंसान के साथ में खेलना शुरू करना चाहिए, जो भी लगभग आप ही की तरह खेलता हो या आप से थोड़ा बेहतर हो और शायद एक ऐसा इंसान, जो बहुत ज्यादा अग्रेसिवली कॉम्प्टिटिव न हो। इस तरह से, खेलना सीखने के साथ आप मजे भी कर सकते हैं। आप चाहें तो वन-टू-वन खेल सकते हैं या फिर आप दो लोगों की एक टीम के साथ भी खेल सकते हैं, जिसे डबल्स (doubles) के नाम से जाना जाता है। और अगर आपके पास में ये चीजें नहीं हैं, तो आपको एक ऐसे प्लेयर के साथ में खेलने की जरूरत होगी, जिसके पास में रेगुलेटिंग पिंग पोंग बॉल्स, पेडल्स और टेबल हो!
    • अगर आपके हाथ और आँखों का को-ओर्डिनेशन जरा भी ठीक नहीं है, तो फिर आपको पहले एक दीवार के सामने प्रैक्टिस करना शुरू कर देना चाहिए और बॉल और पेडल के एक-साथ काम करने के तरीके को समझ लेना चाहिए। रिकॉर्ड के लिए अच्छा होगा अगर ये दीवार के सामने रखी टेबल पर किया जाए। [१]
    • आपको ऐसी बॉल के साथ में प्रैक्टिस करना चाहिए, जो ऑरेंज या व्हाइट कलर की हों और जिनका साइज 40 mm हो। टेबल का साइज 2.74 meters (9.0 ft) लंबा, 1.525 meters (5.0 ft) चौड़ा और 0.76 meters (2.5 ft) ऊंचा होना चाहिए। पिंग पोंग पेडल में असल में रेगुलेशन साइज नहीं होते हैं। छोटे पेडल्स को सही तरह से इस्तेमाल करना मुश्किल होता है और बड़े पेडल्स का भार काफी ज्यादा होता है और साथ ही ये एक बोझ के जैसे लगते हैं। लेकिन इन्हें लकड़ी और रबर का बना होना चाहिए और कॉम्प्टिटिशन पेडल्स में दो कलर्स (लाल और काला) रहना चाहिए।
  2. पेडल ग्रिपिंग के लिए दो सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाली स्टाइल हैं: पहली तो पेन ग्रिप (पेनहोल्ड) और दूसरी शेकहैंड ग्रिप (shakehand grip) है। आप पेडल्स को किसी भी तरह से पकड़ें, जरूरी ये है कि आप उन्हें इतना ढीला पकड़ें कि आपकी कलाई काफी आसानी से मूव हो सके। अगर आपकी मुट्ठी हैंडल के चारों ओर से जकड़ी रहेगी, तो फिर रिटर्न्स के लिए आने वाला ज़्यादातर फोर्स आपकी कलाई से नहीं, बल्कि आपकी आर्म से आएगा और फिर आप सही तरीके से नहीं खेल पाएंगे। किसी भी तरह की ग्रिप का यूज करना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है: [२]
    • पेन ग्रिप में, आप पेडल को ठीक उसी तरह से पकड़ेंगे, जिस तरह से आप एक पेन को पकड़ा करते हैं। [३] शेकहैंड ग्रिप में, अपने अपने हाथों को पेडल के हैंडल में इस प्रकार से रखेंगे, जैसे कि आप उसेक साथ में हाथ मिला रहे हैं और फिर अपनी उँगलियों को उसके चारों ओर ढीला लपेट लें। यहाँ पर जरूरी है कि आपको जैसा नेचुरल लगे, आप वैसा ही करें।
  3. ऑफिशियल इंटरनेशनल टेबल टैनिस फेडरेशन (International Table Tennis Federation या ITTF) के नियमों के मुताबिक, कौन पहले सर्व करेगा, इस अधिकार को "लॉट के जरिए" (मतलब कि एक सिक्का उछालकर या फिर स्ट्रॉ के जरिए, या इसी तरह से कुछ और करके) तय किया जाता है, जिसमें जीतने वाला चुनता है कि वो पहले सर्व करना चाहेगा या नहीं या फिर वो किस साइड पर खेलना चाहेगा। अगर विनर सर्व करने या रिसीव करने का फैसला लेते है, तो सामने वाला प्लेयर चुनेगा कि वो टेबल की किस साइड पर खेलेगा और इसके उल्टा भी हो सकता है। [४]
    • हालांकि, ज़्यादातर मनोरंजन के लिए खेले जाने वाले पिंग पोंग गेम में, सर्व को एक रैली के जरिए तय किया जाता है, जिसमें हर एक प्लेयर उनके द्वारा किए जाने वाले हर एक हिट के साथ वर्ड P-I-N-G को स्पेल करता है। P-I-N-G वर्ड को स्पेल करने के बाद, रैली को जीतने वाला इंसान पहले सर्व करता है या फिर वो टेबल के किस साइड से खेलना चाहता है।
  4. एंडलाइन के पीछे से, बॉल को आपके फ्रीहैंड से वर्टिकली कम से कम 16 cm (6 in) पर टॉस किया जाना चाहिए और पेडल को हिट करना चाहिए, ताकि ये पहले जाकर टेबल के आपके साइड को एक बार हिट करे और फिर नेट के ऊपर से जाए और आपके सामने वाले खिलाड़ी के साइड को हिट करे। [५]
    • अगर आप सिंगल्स प्ले कर रहे हैं, तो सर्वर की भी समय टेबल के दूसरे साइड से सर्व कर सकता है और अपोनेंट को उसे रिटर्न करना होगा। अगर आप डबल्स खेल रहे हैं, तो इस सर्व को दाएँ तरफ वाले प्लेयर से शुरू करके, आपके और आपके पार्टनर के बीच में रोटेट किया जाएगा और बॉल को आपकी साइड की टेबल की आधी राइट साइड पर बाउंस करना चाहिए और फिर आपके अपोनेंट के साइड पर क्रॉस-कोर्ट डिलीवर होना चाहिए।
    • हर दो पॉइंट्स के बाद सर्व साइड्स स्विच होती है। आपके अपोनेंट को दो पॉइंट मिलने के बाद -- या डबल्स में, वो इंसान, जो अपोजिंग टीम में सर्वे से क्रॉस कोर्ट पर है -- अब उसे सर्व करने का मौका दिया जाएगा। दो और पॉइंट्स अवार्ड किए जाने के बाद, ओरिजिनल सर्वर (या डबल्स में, उसका पार्टनर) फिर सर्व करता है।
    • अगर बॉल एक लीगल सर्व में जाकर नेट को हिट कर देती है, तो ये सर्व "लेट (let)" कहलाएगा और बिना किसी पॉइंट के स्कोर क्ले साथ दोहराया जाएगा। वैसे ज़्यादातर मनोरंजन के लिए खेले जाने वाले गेम में लगातार 2 लेट्स होने के बाद अपोजिट साइड के प्लेयर को पॉइंट दिया जाता है, लेकिन टेबल टैनिस में किए जाने वाले लेट्स के नंबर की कोई लिमिट नहीं होती है; लेट्स से पॉइंट्स को कभी भी स्कोर नहीं किया जाता।
    • वैसे मनोरंजन के लिए खेलने वाले ज़्यादातर खिलाड़ी, इस तरह का गेम खेलते हैं, जिसमें जिस प्लेयर के गेम पॉइंट कम हो रहे हैं, वो सर्वर बनता है, जब तक कि गेम खत्म न हो जाए या 10-10 का ड्यूस स्कोर न हो जाए, तब तक हर एक सर्व में बारी-बारी से सर्व करना जारी रहती है; गेम पॉइंट या मैच पॉइंट पर, असल में ऐसा मुमकिन है कि आप अपने अपोनेंट की सर्व से चूक जाएं या सर्विस में कोई गड़बड़ी हो, जिसकी वजह से आपका सर्व खराब हो सकता है।
  5. एक सर्व या रिटर्न के बाद, बॉल को टेबल के सामने वाले प्लेयर की साइड पर रिटर्न या नेट के ऊपर से भेजा जा सकता है। बॉल के आपके साइड पर बाउंस होने के बाद, लेकिन उसके दोबारा बाउंस होने से पहले या फिर फर्श या फिर टेबल के ऊपर की किसी भी चीज से टकराने के पहले रिटर्न किया जाना चाहिए। [६]
    • अगर बॉल रिटर्न करने पर नेट से टकरा जाती है, लेकिन फिर भी नेट के ऊपर से चली जाती है और अपोनेंट की साइड पर हिट कर देती है, तो बॉल अभी भी गेम में ही रहेगी और आपका अपोनेंट को इसे रिटर्न करना चाहिए।
  6. हर उस रैली के लिए एक पॉइंट दिया जाता है, जो एक लेट नहीं और किसी भी अपोनेंट ने कोई स्कोर न पॉइंट किया हो, फिर चाहे किसी ने भी सर्व किया हो। यहाँ पर इसका मतलब बताया है: [७]
    • अगर आपका सर्व नेट में चला जाता है, अपोनेंट की साइड को हिट किए बिना टेबल से निकल जाता है या (डबल्स में) अपोनेंट की साइड के गलत हाफ एरिया को हिट कर देता है, तो रिसीविंग अपोनेंट या टीम एक पॉइंट स्कोर करेगी।
    • अगर आप एक लीगल रिटर्न करते हैं (जैसा कि ऊपर बताया है -- बॉल नेट में जाती है या टेबल पर अपोनेंट की साइड को हिट नहीं करती है) तो आपके अपोनेंट को एक पॉइंट दिया जाएगा।
    • अगर आप एक लीगल सर्व रिसीव करते हैं या फिर अपने पेडल से बॉल को एक से ज्यादा बार हिट कर देते हैं या फिर बॉल को अपने शरीर से टच कर देते हैं, तो आपके अपोनेंट को एक पॉइंट दिया जाएगा। एक बात का ध्यान रखें कि अगर आपका अपोनेंट का सर्व या रिटर्न आपकी साइड की टेबल को हिट नहीं करता है, तो भी आपको एक पॉइंट मिलेगा, फिर चाहे बॉल ने आपको हिट भी किया हो या फिर टेबल के एंड से पास होने पर आप उसे कैच भी कर लेते हैं।
    • अगर आप अपने फ्री हैंड से टेबल को टच करते हैं या फिर टेबल को मूव करते हैं, तो आपका अपोनेंट एक पॉइंट स्कोर कर लेगा।
  7. ज़्यादातर लोग 21 या 15 खेलते हैं (हर एक 5 पॉइंट के बाद में सर्व को बदलकर), जो कि मनोरंजन के लिए खेलने वाले लोगों के लिए सही होता है। हालांकि, ऑफिशियल रूल्स में 11 पॉइंट्स (हर 2 पॉइंट्स के बाद में सर्व्स को बदलना) का गेम खेलना शामिल है। गेम जीतने के लिए, किसी एक को दूसरे से दो पॉइंट्स आगे रहना चाहिए। अगर जैसे कि प्लेयर्स या टीम 10-10 या 20-20 खेल रही है, तो सर्विस का नॉर्मल ऑर्डर आगे बढ़ेगा, लेकिन हर एक दो पॉइंट की बजाय, इसमें हर एक पॉइंट के बाद में सर्व बदलते रहेंगे। [८]
  8. एक सेंक्शन्ड कॉम्प्टिशन में, पाँच में से तीन मैच जीतने वाले प्लेयर के द्वारा मैच को जीत लिया जाता है। प्लेयर्स हर एक गेम के बाद में साइड्स को चेंज करते हैं और फ़िफ्थ गेम (अगर एक फ़िफ्थ गेम की जरूरत हो) में भी, जब प्लेयर या टीम पाँच पॉइंट्स को स्कोर कर लेता है, तब भी ये साइड्स को बदलते हैं। [९]
    • पहले सर्व करने वाली टीम या प्लेयर भी हर गेम में बदलता है। आमतौर पर, चीजें जहां तक हो सके, उतनी समान रहनी चाहिए। किसी भी एक प्लेयर को दूसरे से ज्यादा फायदा नहीं मिलना चाहिए।
विधि 2
विधि 2 का 3:

स्किल्स डेवलप करना (Developing the Skills)

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  1. बस नियमित प्रैक्टिस के साथ आप बड़ी जल्दी एक अच्छे पिंग पोंग प्लेयर बन सकते हैं। शुरुआत में प्रैक्टिस करते समय याद रखने वाली सबसे जरूरी बात ये है कि आप अपनी नजरों को बॉल के ऊपर बनाए रखें, सही टाइमिंग के लिए एक फील पाएँ और बॉल को नीचे ही रखें।
    • जब आप सबसे पहली बार पेडल को पकड़ें, तब आपको अपनी आँखों को बॉल के ऊपर इसे सर्व किए जाने से लेकर, जब ये आपके पेडल को हिट करे, पर अपनी नजर बनाए रखें और ऐसे ही हमेशा इसे फॉलो करने की पूरे ध्यान से कोशिश करते रहना चाहिए। [१०]
    • प्रैक्टिस के साथ आपकी टाइमिंग बेहतर होते जाएगी -- आपको बस इसकी आदत बनाना है -- लेकिन और भी मददगार होगा, जब आप बॉल को नजदीक से देखते हुए उसे सुनते भी जाएँ।
    • बॉल को नेट पर हिट किए बिना -- बॉल को नीचे ही रखना -- शायद बिगिनर्स के लिए सीखने के लायक एक सबसे मुश्किल स्किल रहेगी। ये साथ में सबसे जरूरी भी है, क्योंकि हाइ या ऊंची बॉल को बड़ी आसानी से आपके अपोनेंट के द्वारा स्मेश किया जा सकता है। अपने पेडल को जहां तक हो सके हॉरिजॉन्टल रखने की कोशिश करें और बॉल पर एनर्जी डालने और उस पर एम (aim) करने के लिए अपनी कलाई का इस्तेमाल करें। आमतौर पर, बॉल जितनी ज्यादा तेजी से बढ़ेगी, आपके लिए उसे नीचे रखना उतना ही आसान रहेगा। [११]
  2. अगर आप टेबल टैनिस में अच्छे होना चाहते हैं, तो आपको अपने शरीर के दोनों ही साइड से बॉल को हिट करते आना चाहिए और ये आमतौर पर हैंड प्रैक्टिकल भी नहीं होता है, इसलिए अपने फोरहैंड और बैकहैंड शॉट्स के साथ में कम्फ़र्टेबल हो जाएँ। [१२]
  3. बॉल के हिट होते ही ऐसा अपनी कलाई को साइड से साइड में ले जाकर या फिर ऊपर और नीचे घुमाकर करते आना चाहिए। काउंटर-स्पिन के लिए, अपनी बॉल पर एक स्पिन या घुमाव डालें। अगर आपके पास में थोड़ा टाइम रहे, तो इसे दीवार के सामने प्रैक्टिस करके देखें कि आपके लिए क्या ठीक काम करता है। [१३]
    • बॉल को चॉप (chopping the ball) करने के बारे में सोचें -- ये जब आपके पास आए, तब नीचे की साइड की अंडरकटिंग ठीक रहती है। ऐसा करने से बॉल स्पिन होगी, ये धीमी हो जाएगी और इसे एक नई ही ट्रेजेक्टरी या रास्ते पर भेज देगा। अपने फोरहैंड और बैकहैंड स्ट्राइक के साथ में ऐसा करें।
  4. अपने अपोनेंट के द्वारा ऊंचा हिट किए बॉल को स्मेश करें: बॉल को स्मेश करना (जिसे स्लैमिंग या स्पाइकिंग भी कहा जाता है) मतलब इसे फोर्स के साथ में हिट करना, ताकि ये बहुत तेजी से जाए, उम्मीद है कि उसे रिटर्न भी नहीं किया जा सकेगा। स्लेम एक पॉवरफुल हथियार है, लेकिन शुरुआत में इसे सही तरीके से यूज करना मुश्किल हो सकता है और आप पाएंगे कि शुरुआत में आपके स्लेम्स नेट में या फिर टेबल की दूसरी साइड पर ठीक जाएंगे। हालांकि, इन्हें ट्राई करने को लेकर घबराएँ नहीं। आखिर में जाकर आप इसे करना सीख ही जाएंगे। [१४]
    • ये भी ठीक वॉलीबॉल की तरह ही है। जैसे ही आप बॉल को स्लेम, स्मेश या स्पाइक कर लेते हैं फिर आपके अपोनेंट के लिए बॉल को खेलना नामुमकिन सा रहेगा। ये सीखने के लायक एक बहुत मददगार स्किल होगी -- और साथ ही आपके अपोनेंट के लिए सबसे ज्यादा फ्रस्ट्रेटिंग ट्रिक भी लगेगी।
  5. एक फास्ट सर्व या फिर कई सारे स्पिन वाला एक सर्व, जब आप बेहतर प्लेयर्स को फेस करेंगे, तब आपके गेम के लिए एक सिंबल जैसा बन जाएगा। [१५] अगर आप आपके अपोनेंट को एक आसान सर्व देते हैं, तो उसके रिटर्न में आपको एक पेडल मिलने की उम्मीद रहेगी। एक आसान सर्व उसे सर्व को समझने का मौका दे देगा और फिर वो आपको एक ऐसा धमाकेदार स्लेम देगा, जिसकी आपने कल्पना भी नहीं की होगी।
    • आप जब रेंक्स को मूव करते हैं, तब स्पीड बेशक बहुत मायने रखती है, लेकिन आपको अपने लक्ष्य को और अपने दाव को मेंटेन रखना होगा। आप जब गेम में बेहतर और भी बेहतर होते जाएंगे, आप खुद ही बॉल के रास्ते को और हर एक स्ट्राइक के साथ में क्या करना है, को समझने लग जाएंगे।
  6. जब आपके सामने एक बेहतर कॉम्प्टिशन रहे, तब आप आपके अपोनेंट के द्वारा कोई गलती किए जाने की उम्मीद भी नहीं कर सकते हैं, फिर चाहे आप बॉल को कितना भी ज़ोर से क्यों न हिट कर रहे हों। आपको गेम के ऊपर अपना कंट्रोल बनाकर और अपने अपोनेंट को टेबल के चारों ओर मूव होने को मजबूर करके गलतियाँ कराने की कोशिश करना चाहिए। अगर आप दाएँ साइड पर आए किसी शॉट को हिट कर सकते हैं और तेजी से अपने बाएँ साइड पर एक दूसरे शॉट को हिट कर सकते हैं, तो शायद आप अपने अपोनेंट को बॉल को खेलने से रोक पाएंगे। ट्रिक्स, जैसे कि बॉल को स्लेम करने का दिखावा करना और फिर बॉल को डंक कर देना या फिर एक राइट-लेफ्ट पैटर्न में खेलना और फिर लगातार दो से तीन शॉट को दाएँ तरफ हिट करना भी आपके अपोनेंट के बैलेंस को और स्लेम की पोजीशन को बिगाड़ सकता है।
विधि 3
विधि 3 का 3:

गंभीरता से खेलना (Getting Serious)

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  1. प्रोफेशनल प्लेयर्स आमतौर पर टेबल से जरा सा ज्यादा पीछे की ओर खड़े होते हैं और आप जब फास्ट रैली खेलना शुरू करेंगे, तब आप भी इस टेक्निक को अपने लिए एक अच्छी टेक्निक की तरह पाएंगे। बॉल इतनी तेजी से और इतनी हार्ड आ रही होती है कि काफी पीछे खड़े होना ही किसी रैली को पूरा करने का एकमात्र तरीका रह जाता है। और अगर आपका अपोनेंट किसी एक साइड पर खेलना पसंद करता है, तो आपको भी उसी साइड को फ़ेवर करना चाहिए। [१६]
    • स्टांस या मुद्रा के अलावा, इनके पास में कभी-कभी दूसरी तरह के इक्विपमेंट्स भी रहते हैं। मार्केट में पिंग पोंग पेडल्स की काफी सारी वेराइटीज उपलब्ध हैं और यहाँ तक कि आपके लोकल स्पोर्ट्स के शॉप में मिलने वाली सस्ती वेराइटी भी बिगिनर्स के लिए ठीक तरह से काम करती हैं, जब आप गेम खेलने में और भी एडवांस हो जाते हैं, आप फिर आप अपने पेडल्स को आपके हिसाब से भी खरीद सकते हैं।
  2. आप जब कुछ समय खेल चुके हों, तो आपको खुद से ही आपकी स्ट्रेंथ और आपकी वीकनेस के बारे में एक समझ मिल जाएगी। फिर, आप एक ऐसी स्ट्रेटजी को चुनेंगे, जिसमें आपकी स्ट्रेंथ के साथ में आप खेलेंगे और आपकी वीकनेस को दबाने की कोशिश करेंगे। [१७] यहाँ पर प्लेयर्स की कुछ कॉमन स्टाइल्स दी गई हैं:
    • कंट्रोल प्लेयर्स (Control players): ठीक जैसा कि इनके नाम से ही समझ आता है कि इन्हे पूरे समय कंट्रोल में रहना अच्छा लगता है और इसीलिए ये कोई भी रिस्क नहीं लेते हैं। ये बहुत ज्यादा स्मेश नहीं करते हैं और इसे ट्रेडीशनल ही रखते हैं।
    • डिफ़ेंसिव प्लेयर्स (Defensive players): इस तरह के प्लेयर्स अपने अपने खुद के गेम पर फोकस करने की बजाय, सामने वाले प्लेयर्स से कोई गलती कराने की कोशिश में रहते हैं।
    • ऑफेंसिव प्लेयर्स (Offensive players: इस तरह के प्लेयर्स आमतौर पर काफी अग्रेसिव होते हैं, जो टॉपस्पिन और कंसिस्टेंसी के ऊपर फोकस करते हैं। ये बॉल को काफी अच्छी तरह से प्लेस कर सकते हैं और ये स्पिन को भी स्पष्ट रूप से समझते हाइम्न।
    • पॉवर प्लेयर्स (Power players): इसमें भी कोई कन्फ़्यूजिंग बात नहीं है, पॉवर प्लेयर्स खासतौर से अपने अपोनेंट्स को हराने के लिए स्पीड के ऊपर निर्भर होते हैं।
  3. आप जब आपके अपोनेंट के साथ में खेलते हैं, तब आपको खुद से समझ आते जाएगा कि सामने वाला किस प्रकार का खिलाड़ी है। वो आमतौर पर एक ही तरह के स्ट्रोक खेलेंगे और हमेशा ही एक तय तरीके में वापस खेलना शुरू करते रहेंगे। यहाँ पर ध्यान देने के लायक कुछ बातें दी गई हैं: [१८]
    • काउंटर ड्राइव स्ट्रोक तब होता है, जब बॉल के साथ में (बस थोड़े से स्पिन के साथ) उछाल के टॉप पर कांटैक्ट किया जाता है। एक प्लेयर, जो इसका फ़ेवर करता है उसे मिड-टेबल शॉट में उस समय आसानी से हराया जा सकता है -- जब उसे जल्दी से फैसला करना पड़े, कि उसके फोरहैंड से खेलना चाहिए या बैकहैंड के साथ।
    • चॉप स्ट्रोक (chop stroke) तब होता है, जब बॉल इसके डिसेन्ट के साथ में कट होती है। ये कितनी भी बार स्पिन हो सकता है। इससे निपटने के लिए, बीच में खेलें और सबसे जरूरी, धैर्य रखें। अपने शॉट्स को बदल-बदलकर खेलना उन्हें कम्फ़र्टेबल बनने से रोक लेगा।
    • ब्लॉकर्स (Blockers) डिफ़ेंसिव प्लेयर्स होते हैं। इन्हें अटैक करना पसंद नहीं होता, इसलिए इन्हें इसके लिए फोर्स भी न करें। छोटे और लंबे शॉर्ट के बीच में खेलें और अपनी स्टाइल को बदलें। अपनी पूरी पॉवर का इस्तेमाल न करें, जिसके बाद उन्हें भी ऐसा ही करना पड़े, जो कि आप नहीं चाहते हैं।
    • "लूप (loop)" एक शॉट है, जो आपके कंधों को झुकाए रखकर, आपके पैरों से शुरू होता है, आखिर में एक ऐसी स्ट्राइक में बदल जाता है, जो बॉल को थोड़ा सा ऊपर फोर्स करता है और उसे एक अंडरस्पिन देता है। अगर आप इस प्लेयर के साथ में खेलते हैं, तो अग्रेसिव होकर खेलें। उन्हें डिफेंस खेलने के लिए मजबूर करें, जिसमें वो ज्यादा अच्छे नहीं।
    • ऐसे प्लेयर्स, जो पेडल को पेनहोल्डिंग पोजीशन में पकड़ते हैं, उनके फोरहैंड स्ट्रोक्स काफी अच्छे होते हैं और बैकहैंड स्ट्रोक्स उतने ही कमजोर रहते हैं। हालांकि, आमतौर पर इनका फुटवर्क काफी अच्छे होते हैं। आपको उनके बैकहैंड को थोड़ा सा चौड़ा फोर्स करना होगा और थोड़ा अलग-अलग तरह से खेलना होगा, ताकि उन्हें टेबल की किनार पर ही खड़े होने का मौका ही न मिले।
  4. आप चाहे जिसके भी साथ में खेलें, अच्छा होगा कि आप पहले से ही अपने साथ में कुछ आइडियाज को लेकर चलें। इस गेम में कुछ चीजें अचानक से होना बेहद जरूरी होता है। इसे अपने दिमाग में बिठा के चलें और फिर गेम आप ही जीतेंगे। [१९]
    • अपने स्पिन और स्ट्रोक्स को बदलते रहने की पुष्टि करें। अच्छा खिलाड़ी आपको एक बुक की तरह पढ़ सकेगा और उसे ठीक मालूम भी होगा कि आप आगे क्या करने वाले हैं। वो देखेंगे कि आपको बॉल को किस तरह से हिट करना अच्छा लगता है, आप बॉल को किस जगह पर हिट करते हैं और अलग-अलग सेटअप को किस तरह से हैंडल करते हैं। इससे बचने के लिए, अपनी स्टाइल को बदल-बदल कर खेलें। अपने स्पिन को बदलें, आप बॉल को जो हाइट दे रहे हैं, उसे बदलें और अपने स्ट्रोक्स की स्पीड को बदलें। उन्हें चकमे में डालें।
    • बॉल को अपने अपोनेंट के "पॉवर जोन (power zone)" से दूर रखने की पूरी कोशिश करें। अगर आप एक "शेकहैंड" ग्रिप वाले अपोनेंट के साथ में खेल रहे हैं, तो उनके फोरहैंड की उनकी आर्म्स की पहुँच तक और बैकहैंड में उनके शरीर के करीब उनका पॉवर जोन होगा। मिडिल में और (जान-बूझकर) बाहर चौड़ा खेलना आपके अपोनेंट की कमजोरी को सीधे टार्गेट करेगा। लेकिन ऐसा करने के लिए केवल इसी गाइड पर ही निर्भर मत हो जाएँ -- खुद के लिए भी कमजोर स्पॉट्स की तलाश करें!
  5. पिंग पोंग को कुछ सर्कल में बहुत सीरियसली लिया जाता है। अगर आप थोड़ी सी प्रेरणा की तलाश में हैं, तो ऑनलाइन वीडियो -- ट्यूटोरियल्स, टूर्नामेंट्स या और भी चीजें देखें। हो सकता है आगे जाकर आप सीधे ओलम्पिक्स में खेल रहे हों!
    • पिंग पोंग एक ऐसा गेम है, जिसके लिए कई घंटों की प्रैक्टिस की जरूरत होती है। आपके एरिया में क्लब्स, लीग्स की तलाश करें या फिर ऐसे कुछ फ्रेंड्स की तलाश करें, जो भी कॉम्प्टिटिव गेम खेलने की इच्छा रखते हों। क्योंकि इसमें बस बहुत कुछ ही शुरुआती स्किल्स की जरूरत पड़ती है, इसलिए आपके लिए आपके साथ में खेलने के लिए लोगों को ढूँढना बहुत ज्यादा भी मुश्किल नहीं होगा।
    • अगर आप इसे सीरियसली लेते हैं, तो आप जब एनर्जी में अलर्ट होंगे, तब आप अपना बेस्ट गेम खेलेंगे। इसी वजह से, हमेशा भरपूर नींद लें और अच्छी चीजें खाएं! आपको अपनी ओर से अच्छा गेम खेलने के लिए पूरा एक्टिव रहना होगा।

सलाह

  • जब ज़ोर से हिट करें, तो इस तरह से हिट करें कि बॉल डाइगोनल पाथ में ट्रेवल करें। ऐसा करने से बॉल ज्यादा दूरी पर जाएगी, लेकिन फिर भी एक डिसेन्ट हिट के लिए काफी फोर्स की जरूरत पड़ेगी।
  • जहां तक हो सके, कोशिश करें कि इस गेम को आउटडोर सेटिंग में खेलने से बचें, जहां पर हवा की वजह से बॉल रास्ते से भटक सकती है। ये थोड़ा सा परेशान कर सकता है, क्योंकि बॉल उस जगह पर नहीं जाएगी, जहां आप उसे भेजना चाहते हैं। आप चाहें तो जिम के अंदर या फिर एक बड़े से कमरे में खेलने का चुन सकते हैं, जहां पर हवा आपके गेम को खराब न कर पाए।
  • टेबल को दीवार के सामने रखना आपको अकेले खेलने में भी मदद कर सकता है। दीवार बॉल को रिटर्न करेगी (अच्छा होगा अगर कंक्रीट की दीवार हो), जिससे आपके थ्रो में और ज्यादा स्ट्रेंथ मिलेगी।
  • इसे टेबल से आगे हिट करने की प्रैक्टिस करें; ये आपके अपोनेंट को परेशान कर देगा।
  • हमेशा एक शॉर्ट सर्व किया करें, जिसका मतलब कि बॉल को नेट के करीब सर्व करना है।
  • आईने के सामने प्रैक्टिस करें।
  • बॉल को ऊपर और नीचे करने की प्रैक्टिस करें।
  • कुछ मनोरंजन के लिए खेले जाने वाले गेम्स में नियमों को बदल दिया जाता है, इसलिए सर्व को लीगल होने के लिए टेबल के दूसरे सिरे तक (साइड में जाने की बजाय) ट्रेवल करना चाहिए। एक और दूसरा "बेसमेंट रूल" ये है कि अगर आपका सर्व आपके अपोनेंट की साइड की टेबल पर दो बार बाउंस हो जाता है, तो आपका अपोनेंट एक स्कोर बना लेगा। ये नियम किसी भी गेम में सर्व को सबसे इंपोर्टेण्ट की बजाय, थोड़ा नॉर्मल बनाने के लिए मददगार हो सकते हैं, जिससे की आप फिर और भी ज्यादा रैली की प्रैक्टिस कर सकें।
  • क्या आपको मालूम है कि इस गेम में भी स्पोर्ट्समेनशिप की जरूरत होती है? अपने अपोनेंट को देखकर मुस्कुराना न भूलें और बॉल के बाहर जाने पर या आप से बहुत ज्यादा दूरी पर सर्व हो जाने पर 'सॉरी' बोलें। हर एक बात मायने रखती है। [२०]

चेतावनी

  • अगर आप इस गेम को "टेबल टैनिस" की बजाय "पिंग-पोंग" कहेंगे, तो अनुभवी खिलाड़ी शायद आपको सीरियसली नहीं लेंगे।
  • पिंग पोंग बॉल से चोट लगने पर दर्द हो सकता है। इसकी वजह से आपको चोट के निशान (किलर पिंग-पोंग खेलते समय खासतौर से इसका ख्याल रखें) पड़ सकते हैं।
  • मनोरंजन के लिए एक गेम खेलते समय एक बात का ध्यान रखें कि आप अपने अपोनेंट के साथ में सारे नियमों से सहमति रखते हैं। अलग-अलग लोग कभी-कभी अलग-अलग नियम यूज करते हैं और अगर गेम के पहले ही सब-कुछ स्पष्ट रहेगा, तो आप बेकार की बहस में पड़ने से बच सकते हैं।
  • अगर आप आप से काफी दूरी पर मौजूद बॉल को हिट करने की कोशिश करते हैं और टेबल पर आपकी कमर लग जाती है, तो इसमें बहुत दर्द हो सकता है। बॉल को धीमे हिट करने की कोशिश करें, ताकि आपकी कमर को ज्यादा चोट न लगे।

चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • पिंग-पोंग बॉल (ये काफी आसानी से खो जाती हैं।)
  • पिंग-पोंग पेडल
  • पिंग-पोंग टेबल, जिसमें नेट भी शामिल है
  • एक अपोनेंट (अगर आप एक असली गेम खेल रहे हैं)
  • टेबल्स और प्लेयर्स को खेलने के लिए एक फ्री स्पेस

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