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पिछले कुछ दशकों से लैपटॉप के व्यापार में काफी बदलाव आया है। सिर्फ बिज़नेस की दुनिया में सीमित न रहकर आज लैपटॉप घर और स्कूल सर्वत्र व्याप्त है। आप अपने डेस्कटॉप की जगह लैपटॉप उपयोग कर सकते हैं, बिस्तर पर ही फिल्म देख सकते हैं या अपने मित्र के घर पर होमवर्क करने के लिए उपयोग में ला सकते हैं। लैपटॉप खरीदते वक्त, खासतौर पर नए ग्राहक के लिए, इसका पारदर्शी चयन मुश्किल से हो पाता है। थोड़ी सी जानकारी और शोध द्वारा आप इसे दृढ़ विश्वास के साथ खरीद सकते हैं। अपनी आवश्यकतानुसार सर्वोत्तम लैपटॉप चुनने के लिए नीचे दिए गए निर्देशों का पालन करें।

विधि 1
विधि 1 का 5:

यह निर्धारित करना कि आप क्या चाहते हैं

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  1. यदि आपके पास पहले से लैपटॉप नहीं है, तो इसे खरीदने से पहले इससे होने वाले संभावित फायदे के बारे में विचार कीजिये। डेस्कटॉप से तुलना करने पर, लैपटॉप के कुछ फायदे होते हैं।
    • आप अपने साथ लैपटॉप कहीं पर भी ले जा सकते हैं, विदेश में भी, बस इसके लिए आपको पॉवर अडॉप्टर रखने की आवश्यकता है।
    • जो जानेमाने काम अधिकतर डेस्कटॉप करते हैं, वही काम लैपटॉप भी कर सकते हैं। जबकि उनकी ऊंची सेटिंग पर भी आप लेटेस्ट गेम्स नहीं खेल पाएंगे, अधिकतर आधुनिक लैपटॉप कई कार्यों को करने में सक्षम है।
    • लैपटॉप कम जगह लेते हैं और इन्हें एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सकता है। इन कारणों से इनका छोटे अपार्टमेंट्स में या बेडरूम डेस्क पर इस्तेमाल एक बेहतर विकल्प है।
  2. वैसे तो लैपटॉप सुवाह्य संगणन (पोर्टेबल कंप्यूटिंग) के लिए बेहतरीन विकल्प है, इनकी कुछ मुख्य खामियां भी हैं। इन खामियों से डरने की कोई जरुरत नहीं, लेकिन लैपटॉप खरीदते वक्त आपको इनसे अवगत रहने की आवश्यकता है।
    • लैपटॉप आसानी से चोरी हो सकता है यदि यात्रा करते वक्त आप सही सावधानी नहीं बरतते।
    • इनकी बैटरी लाइफ असाधारण रूप से लम्बी नहीं होती तथा यह निराशाजनक हो सकता है यदि बिना बिजली के आपको लम्बे समय तक इसे उपयोग करना है, जैसे कि हवाई जहाज में या छुट्टियाँ बिताते वक्त किसी नदी किनारे। यदि आप अधिक सफ़र करते हैं, तो आपके लिए लैपटॉप की बैटरी लाइफ बहुत महत्त्वपुर्ण है।
    • क्योंकि डेस्कटॉप की तरह लैपटॉप को अपग्रेड नहीं किया जा सकता, ये जल्द ही गतकालिक हो जाते हैं। इसका मतलब है कि आपको कुछ वर्षो पश्चात् नया लैपटॉप खरीदने की जरुरत पड़ेगी।
  3. अपने द्वारा इसके इस्तेमाल के बारे में विचार कीजिये: क्योंकि लैपटॉप के व्यापक तथा विविध उपयोग हैं, इसके मॉडल्स की तुलना करने पर आप अपने लिए उपयुक्त लैपटॉप पर ध्यान केन्द्रित कर सकेंगे। यदि आप इसे मुख्य रूप से वेब ब्राउज़िंग या इमेल्स लिखने के लिए लेना चाहते हैं तो आपकी जरूरतें गेम्स खेलने या अपना म्यूजिक बनाने से पूरी तरह अलग होंगी।
  4. लैपटॉप खरीदना शुरू करने से पहले यह जानना बहुत जरुरी है कि इसके लिए आपका बजट कितना है, नहीं तो आप स्वयं को लम्बे लुभावने ब्याज-मुक्त प्रस्तावों से प्रभावित कर लेंगे जो कि आपकी आय से अधिक होगा। लैपटॉप के विस्तृत प्रकार एवं श्रेणी उपलब्ध हैं तथा अपनी सीमा तय करने पर आप यह निश्चित कर सकेंगे कि आप आगे फिर से नया लैपटॉप ख़रीदे बिना अपने चुने हुए लैपटॉप का आनंद उठा सकें, क्योंकि आप इसके लिए भी पैसे दे रहें हैं! लैपटॉप के लिए तय किये गए बजट के आधार पर अपने लिए महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार करें।
विधि 2
विधि 2 का 5:

विंडोज, मैक, या लिनक्स?

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  1. दो मुख्य विकल्प हैं विंडोज और मैक, इसके अलावा ज्यादा तकनिकी समझ वालों के लिए लिनक्स। इनकी निजी वरीयता के आधार पर और भी चुनाव कर सकते हैं, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जिनसे अवगत होना जरुरी है।
    • आप जिससे अवगत हैं वह चुनें। यदि आप किसी OS से अवगत हैं, तो किसी नए OS को चुनने के बजाय उसी जाने-माने इंटरफ़ेस के साथ बने रहना ज्यादा आसान होगा। लेकिन अपने पहले OS के आधार पर हर आगामी ख़रीदे जाने वाले कंप्यूटर और OS का निर्धारण न करें।
  2. यदि आप माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस प्रोडक्ट्स का अत्याधिक उपयोग करते हैं, तो विंडोज कंप्यूटर आपके लिए संगत होगा। इसका मतलब यह नहीं कि आप दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग नहीं कर सकते, लेकिन इसके लिए आपको ज्यादा चक्कर काटने पड़ेंगे। इसके विपरीत यदि आप फोटो एडीटिंग या म्यूजिक प्रोडक्शन कर रहें हैं, तो इसके लिए ज्यादा प्रभावी प्रोग्राम आप मैक पर पायेंगे।
    • अब तक विंडोज सबसे अधिक विडियो गेम्स को सपोर्ट करता है, फिर भी मैक और लिनक्स में भी इस सपोर्ट में बढ़त देखी जा रही है।
    • यदि आप कंप्यूटर के क्षेत्र में अनुभवहीन हैं और इसके लिए आपको मदद चाहिए, तो ऐसा कंप्यूटर खरीदिये जिससे आपके परिवार के सदस्य परिचित हों तथा वे आपकी इसमें मदद कर सकें। नहीं तो आपको कॉल-सेंटर के ‘टेक-सपोर्ट’ पर अवलंबित होना होगा।
  3. कुछ लैपटॉप को प्री-इन्सटाल्ड लिनक्स के साथ ख़रीदा जा सकता हैं। आप अपनी मौजूदा मशीन में भी लाइव सीडी द्वारा लिनक्स आजमा सकते हैं। इससे आप अपने कंप्यूटर में बिना इंस्टाल किये लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम चला सकते हैं।
    • अधिकतर लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम हजारों ऐप्स तथा प्रोग्राम की तरह मुफ्त होते हैं। एक WINE नाम के प्रोग्राम द्वारा आप लिनक्स सिस्टम पर कई विंडोज प्रोग्राम चला सकते हैं। आप इन एप्लीकेशन को उसी तरह इंस्टाल कर के चला सकते हैं जैसा कि आप विंडोज में करते हैं। वैसे WINE का अभी इतना सक्रिय विकास नहीं हुआ है, इसलिए सभी प्रोग्राम सुचारू रूप से नहीं चलते। फिर भी लाखों लोग WINE के उपयोग द्वारा अपने लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम पर विंडोज सॉफ्टवेयर रन करते हैं।
    • लिनक्स पर किसी प्रकार के वायरस का लगभग कोई डर नहीं है। लिनक्स बच्चों के लिए एक उत्तम विकल्प है क्योंकि यह ऑपरेटिंग सिस्टम मुफ्त है, इसके प्रोग्राम भी मुफ्त हैं और इसपर वायरस का कोई डर नहीं है। यदि बच्चे ऑपरेटिंग सिस्टम से कोई छेड़खानी करें तो बस ऑपरेटिंग सिस्टम को री-इंस्टाल कर दे और पुनः शुरू करें। लिनक्स मिंट काफी हद तक विंडोज की तरह दिखता और काम करता है। ऊबंटू लिनक्स सबसे ज्यादा प्रचलित है।
    • लिनक्स से बहुत अधिक प्राप्त करने के लिए ज्यादा तकनिकी अनुभव की आवश्यकता होती है। आपको कमांड लाइन्स से अवगत होने की जरुरत है, लेकिन इसके लिए जो भी जानने की जरुरत है लगभग वह सब कुछ ऑनलाइन सीखा जा सकता है।
    • सभी हार्डवेयर लिनक्स से सुसंगत (कम्पेटिबल) नहीं होते, और आपको इसके काम करने लायक ड्राईवर प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।
  4. मैक कंप्यूटर विंडोज कंप्यूटर से सर्वथा भिन्न अनुभव है, इसलिए यदि आप यह बदलाव कर रहें हैं तो इसे पूरी तरह खोया जा सकता है। मैक एक बहुत ही उम्दा यूजर-फ्रेंडली इंटरफ़ेस प्रदान करता है, और यह एक बहुत ही प्रभावशाली मीडिया प्रोडक्शन ऑपरेटिंग सिस्टम है।
    • मैक आसानी से आई-फोन, आई-पॉड्स, आइ-पैड्स, तथा दूसरे एप्पल उत्पादों से जुड़ जाता है। नए एप्पल उत्पादों के लिए एप्पल सपोर्ट भी काफी विस्तारपूर्ण है।
    • विंडोस पीसी की अपेक्षा मैक कम वायरस-प्रवृत्त होता है, लेकिन फिर भी आपको सजग रहने की आवश्यकता है।
    • बूट कैंप द्वारा विंडोस का मैक कंप्यूटर पर अनुसरण किया जा सकता है। इसके लिए आपके पास विंडोज की वैध कॉपी होना आवश्यक है।
    • विंडोस या लिनक्स प्रतिरूप के मुकाबले मैक ज्यादा महंगा होता है।
  5. विंडोज नेटबुक/लैपटॉप सुवहन में आसान हो सकते हैं, और आपकी जरूरतों के मुताबिक कई मैन्युफैक्चरर द्वारा प्रदान किये गए इनके बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं। यदि आपने कुछ दिनों से विंडोस का उपयोग नहीं किया है, तो आपको चीज़े काफी अलग महसूस होंगी। विंडोज 8 में स्टार्ट स्क्रीन पर पुराने स्टार्ट मेन्यू के साथ आपके प्रोग्राम तथा ताज़ा समाचार या खेल जैसे खबरों के लिए “लाइव टाइल्स” हैं। इन्टरनेट एक्स्प्लोरर 10 में आपके फाइल्स को वायरस और मैलवेयर से बचाने के लिए स्कैन की सुविधा भी उपलब्ध है।
    • मैक से अलग, विंडोज मशीन व्यापक तथा विविध कंपनियों द्वारा निर्मित की जाती है। इसका मतलब है इसकी गुणवत्ता हर लैपटॉप के अनुसार बदलती है। यह देखना महत्त्वपुर्ण है कि हर मैन्युफैक्चरर कीमत, वैशिष्ट्य, तथा सपोर्ट के नाम पर क्या दे रहा है तथा इससे संबंधित समीक्षा और जानकारी के दूसरे स्रोत पढ़ें जिससे निर्माता के उत्पादों की विश्वसनीयता को परखा जा सके।
    • मैक लैपटॉप की अपेक्षा विंडोज लैपटॉप अधिक वैशिष्ट्यपूर्ण विकल्प प्रदान करते हैं।
  6. इन तीनों मुख्य ऑपरेटिंग सिस्टम विकल्पों के अलावा भी कुछ विकल्प मौजूद हैं। इनमें से एक अत्याधिक प्रचलित और प्रगतिशील विकल्प क्रोमबुक है। ये लैपटॉप गूगल के क्रोमOS पर चलते हैं, जो कि ऊपर दिए गए विकल्पों से सर्वथा भिन्न है। ये लैपटॉप लगातार इन्टरनेट से कनेक्ट रहने के लिए डिजाईन किये गए हैं, तथा गूगल ड्राइव पर ऑनलाइन स्टोरेज के लिए अंशदान (सब्सक्रिप्शन) के साथ आते हैं।
    • क्रोमबुक के कुछ चुनिन्दा मॉडल्स ही उपलब्ध हैं। HP, सैमसंग, और एसर ये सब इसके बजट मॉडल बनाते हैं जबकि गूगल ज्यादा महंगा मॉडल क्रोमबुक पिक्सेल बनाता है।
    • क्रोमOS को गूगल वेब एप जैसे कि क्रोम, गूगल ड्राइव, गूगल मैप, और ऐसे बहुत से एप के लिए डिजाईन किया गया है। ये लैपटॉप वैसे यूजर के लिए बेहतरीन है जो गूगल का काफी उपयोग करते हैं।
    • क्रोमबुक ऐसा कोई प्रोग्राम रन नहीं कर पायेगा जिसे किसी और ऑपरेटिंग सिस्टम के डिजाईन किया गया है, जिनमें बहुत सारे गेम्स तथा प्रोडक्टिविटी प्रोग्राम्स का समावेश है।
  7. जितना हो सके उतने ऑपरेटिंग सिस्टम को या तो स्टोर में या अपने दोस्त के कंप्यूटर पर आजमां कर देख लें। यह देखें कि आपको कंप्यूटर इस्तेमाल करने का कौन सा तरीका ज्यादा सहज और प्राकृतिक लगता है। आपके पर्सनल इस्तेमाल पर उसी ऑपरेटिंग सिस्टम में, कीबोर्ड्स, ट्रैक पैड, इत्यादि अलग अनुभव दे सकते हैं।
विधि 3
विधि 3 का 5:

संरूप घटक (फॉर्म फैक्टर) पर विचार करें

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  1. लैपटॉप के आकार के बारे में सोचें जो आपके लिए योग्य हो: लैपटॉप के लिए तीन अलग-अलग आकार/प्रकार उपलब्ध हैं: नेटबुक, लैपटॉप, और डेस्कटॉप के एवज (replacement)। यद्यपि ये सभी मोटे तौर पर “लैपटॉप” के सन्दर्भ में आते हैं, फिर भी इनके ध्येय भिन्न हैं और आपके चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं।
    • जब लैपटॉप के आकार की बात आती है तो कई महत्त्वपुर्ण पहलुओं पर गौर करने की आवश्यकता है: वजन, स्क्रीन साइज़, कीबोर्ड ले-आउट, प्रदर्शन, और बैटरी लाइफ। आप नेटबुक को आम तौर पर सबसे सस्ता और छोटे आकार का पाएंगे, जबकि, सामान्य लैपटॉप लेते वक्त आपको जरूरतों के अनुसार सामंजस्य बनाकर इसे चुनना होगा।
    • लैपटॉप चुनते वक्त सुवाह्यता (पोर्टेबिलिटी) एक मुख्य मुद्दा है। अलग-अलग लैपटॉप चुनते वक्त अपने बैग के आकार को भी ध्यान में रखिये।
  2. नेटबुक, जिन्हें मिनी नोटबुक, अल्ट्राबुक या अल्ट्रापोर्टेबल भी कहा जाता है, ये आमतौर पर पोर्टेबल स्क्रीन 7”-13” के छोटे लैपटॉप होते हैं। ये आकार में छोटे होते हैं तथा वजन में भी हल्के होते हैं और इमेलिंग, ब्राउज़िंग या छोटे-मोटे इन्टरनेट उपयोग के लिए सुविधाजनक होते हैं, क्योंकि इनमे कम मेमोरी होती है। चूँकि नेटबुक में लैपटॉप जितना RAM नहीं होता, इनमें जटिल एप्लीकेशन रन करने की योग्यता सीमित होती है। [१]
    • नेटबुक का कीबोर्ड एक सामान्य आकार के लैपटॉप से अलग होता हैं। इसे खरीदने का मन बनाने से पहले इसे आजमाकर देख लें, क्योंकि इससे टाइपिंग थोड़ी देर के लिए अजीब लग सकती है।
    • अब कई टैबलेट हाइब्रिड उपलब्ध हैं। ये अलग हो जाने वाले या पलट जाने वाले कीबोर्ड के साथ आते हैं, तथा टच-स्क्रीन के साथ आते हैं। इसे खरीदने के बारे में विचार कीजिये यदि आपको टैबलेट की आवश्यकता है पर आई-पैड लेने के लिए आप सक्षम नहीं हैं।
  3. इनकी स्क्रीन साइज़ 13”-15” होती है। ये मध्यम वजन के पतले तथा हल्के होते हैं, और इनमें बहुत अधिक मेमोरी होती है। योग्य लैपटॉप चुनते वक्त इसकी स्क्रीन साइज़ और RAM की मात्रा पर विचार करना आवश्यक है (इसके लिए अगला भाग देखें)।
    • लैपटॉप हर आकार तथा रूप में आते हैं। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बेहतर हो रही है, ये और हल्के तथा पतले होते जा रहें हैं। आप ये पायेंगे कि मैक लैपटॉप इस आकार विवरण के अनुरूप नहीं चलते। अलग-अलग मॉडल चुनते वक्त अपने सुवहन आवश्यकता पर ध्यान दें।
  4. इनकी स्क्रीन साइज़ 17”-20” होती है। ये बड़े तथा भारी होते हैं, इनमे सभी फीचर होते हैं तथा इन्हें बैग में लेकर घुमने के बजाय डेस्क पर रखना ही ठीक होता है। जबकी ये दूसरे दोनों प्रकारों की तरह सुवाह्य नहीं होते, फिर भी जरुरत पड़ने पर इनका वहन किया जा सकता है तथा इनका अतिरिक्त वजन कई लोगों के लिए इतनी बड़ी समस्या नहीं है। यदि आप इनकी साइज़ के बारे में निश्चित नहीं हैं, तो अपने डेस्क के वजन और आकार के अनुरूप चयन करें।
    • कुछ डेस्कटॉप के एवज वाले लैपटॉप को कुछ हद तक अपग्रेड करने की सुविधा भी होती है, जिसके द्वारा नया विडियो कार्ड इंस्टाल किया जा सके।
    • ये लैपटॉप गेमिंग समर्थकों के लिए अनुकूल होते हैं।
    • बड़े लैपटॉप की बैटरी लाइफ अक्सर कम होती है, खासकर के यदि आप गहन प्रोग्राम जैसे कि विडियो गेम या ग्राफ़िक डेवेलपमेंट चला रहें हों।
  5. आप धातु या प्लास्टिक का आवरण चाहते हैं, इसका निर्णय कीजिये। आजकल बाहरी आवरण पसंद पर निर्भर करता है, क्योंकि धातु या प्लास्टिक के आवरण दोनों ही समान वजन के होते हैं। टिकाऊपन के मामले में धातु का आवरण बाहरी चोट से बचने के लिए ज्यादा ठीक होता है, फिर भी इसके बारे में अपने रिटेलर से सलाह लें।
    • यदि आप बाहरी क्षेत्र में कार्य करते हैं, या लैपटॉप के साथ काफी “कड़ी यात्रा” करते हैं, तो आपको इसे सुरक्षित रखने के लिए विशेष सुरक्षा की जरुरत है। अपने रिटेलर से मजबूत स्क्रीन, आतंरिक घटकों को धक्के से सुरक्षित रखने के लिए मढ़ना, तथा पानी तथा धूल से सुरक्षा, इत्यादि के बारे में पूछिये।
    • यदि आप इस क्षेत्र में पेशेवर हैं और आप सचमुच में इसे टिकाऊ चाहते हैं, तो लैपटॉप की ऐसी श्रेणी भी उपलब्ध हैं जो कि टफबुक्स कहे जाते हैं, और काफी महंगे होते हैं, लेकिन आप इनपर ट्रक चला दें या ओवन में बेक कर दें, इन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।
    • रिटेल शोरूम में रखे अधिकतर कंस्यूमर मॉडल टिकाऊ नहीं होते। टिकाऊपन के लिए मेटल से या मेटल-मिश्रित पदार्थ से बने लैपटॉप देखें।
  6. लैपटॉप अपने प्रकृति के मुताबिक काफी सार्वजनिक उपकरण है। घड़ी, पर्स, सन-ग्लास, या और कोई एक्सेसरी की तरह लैपटॉप में भी स्टाइल होता है। यह सुनिश्चित कर लें कि आपका चुना हुआ लैपटॉप आपको भद्दा नहीं लगता, तथा आप इसे बाहर ले जाते वक्त हिचकिचायें नहीं। [२]
विधि 4
विधि 4 का 5:

विशेष तकनिकी समीकरण की जाँच करना

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  1. जब आप एक लैपटॉप खरीदते हैं, तो आप इसके भीतर के हार्डवेयर में उलझकर रह जाते हैं। इसका मतलब है कि हम अपनी जरुरत के मुताबिक लैपटॉप के तकनिकी समीकरण के लिए अतिरिक्त सुरक्षित होना चाहते हैं।
  2. तेज और आधुनिक प्रोसेसिंग लैपटॉप में मल्टी-कोर सीपीयू जैसे कि एएमडी और अब एआरएम होता है। ये आमतौर पर नेटबुक या धीमे लैपटॉप में नहीं होते।
    • जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी और आगे बढ़ती है, पुराने प्रोसेसर जल्द ही व्यर्थ हो जाते हैं। यदि आप इंटेल खरीद रहें हैं, तो सेलेरोन, एटम, या पेंटियम चिप्स लेने से बचें, क्योंकि ये पुराने मॉडल हो चुके हैं। इसके बजाय कोर आई3 (core i3) या कोर आई5 (core i5) सीपीयू मॉडल चुनें। यदि आप एएमडी खरीद रहे हैं, तो C या E सीरीज प्रोसेसर लेने से बचें इसके बजाय A6 या A8 मॉडल देखें। [३]
  3. अपने नए लैपटॉप में आप कितना RAM चाहते हैं इस पर ध्यान दें। RAM मेमोरी की मात्रा एक बहुत ही घटक है। अक्सर मेमोरी की मात्रा आपके एप्लीकेशन को चलाने को सीमित कर सकती है। बड़े एप्लीकेशन के लिए ज्यादा मेमोरी की जरुरत होती है। साधारण तौर पर जितनी अधिक मेमोरी होगी, आपका लैपटॉप उतना तेज़ चलेगा।
    • अधिकतर लैपटॉप 4 गीगाबाइट (GB) RAM के साथ आते हैं। यह काफी यूजर के लिए पर्याप्त है। नेटबुक 512 मेगाबाइट (MB) जितने कम RAM में भी आते हैं, लेकिन अब ये कम मिलते हैं। आप लैपटॉप 16 GB या इससे ज्यादा मेमोरी वाला पा सकते हैं, यद्यपि यह तब ही लेने की सलाह दी जाती है जब आप कई मेमोरी-गहन प्रोग्राम चलाते हैं।
    • लैपटॉप लेते वक्त यद्यपि यह प्रलोभक लग सकता है कि भरपूर RAM की मात्रा ली जाए, अक्सर रिटेलर अधिक मात्रा में RAM प्रदान कर के इस बात पर पर्दा डालते हैं कि दुसरे घटक इतने अधिक आवश्यक नहीं (धीमा प्रोसेसर इत्यादि)। जबकि RAM इनस्टॉल करना काफी आसान है, इसे लैपटॉप खरीदते वक्त बहुत ही अधिक महत्व नहीं देना चाहिए।
  4. यदि आप गेम खेलते हैं तो ग्राफिक मेमोरी चेक कीजिये। आपके पास 3D गेम्स के लिए पृथक विडियो मेमोरी के साथ ग्राफिक कार्ड होना चाहिए, जबकि थोड़े बहुत गेम के लिए यह जरुरी नहीं है। इसके अलावा पृथक मेमोरी कार्ड अधिक बैटरी पॉवर लेता है।
  5. हार्ड ड्राइव की दर्शाई गयी साइज़ भ्रामक हो सकती है, क्योंकि इसमें ऑपरेटिंग सिस्टम तथा पहले से इनस्टॉल प्रोग्राम का विवरण नहीं होता। अक्सर दर्शायी गयी मात्रा से 40 GB कम मात्रा मिलती है।
    • वैकल्पिक रूप से, सॉलिड स्टेट्स ड्राइव्स (SSDs) बिना शोर के, अधिक बैटरी के साथ ज्यादा उत्कृष्ट प्रदर्शन प्रदान करते हैं, लेकिन इनकी क्षमता कम होती है (साधारण तौर पर 30GB से 256GB) और ज्यादा महंगे होते हैं। यदि आप सर्वोत्तम प्रदर्शन चाहते हैं, तो SSD जरुरी है, लेकिन आपको म्यूजिक, फोटो तथा विडियो लाइब्रेरी के लिए बाह्य हार्ड ड्राइव लेने की आवश्यकता होगी।
  6. पेरिफेरल जोड़ने के लिए इसमें कितने USB पोर्ट्स मौजूद हैं? यदि आप इसमें अलग से कोई कीबोर्ड या माउस जोड़ना चाहते हैं, तो आपको कम से कम 2 अतिरिक्त USB पोर्ट की आवश्यकता होगी। आपको प्रिंटर, बाह्य ड्राइव, थम ड्राइव, इत्यादि के लिए भी पोर्ट की आवश्यकता होगी।
    • यदि आप अपना लैपटॉप TV से कनेक्ट करना चाहते हैं, तो यह सुनिश्चित कर लें कि इसके लिए इसमें HDMI पोर्ट मौजूद है जिससे बेहतर कनेक्शन संभव हो सके। आप TV कनेक्ट करने के लिए VGA या DVI पोर्ट भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  7. यदि आप CD बर्न करने तथा डिस्क से सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करने में सक्षम होना चाहते हैं, तो आपको DVD ड्राइव की आवश्यकता है। यदि आपके लैपटॉप में यह नहीं है, तो आप एक्सटर्नल DVD ड्राइव को प्लग-इन कर सकते हैं। अभी अधिकतर लैपटॉप में ब्लू रे ड्राइव एक विकल्प होता है। यदि आप ब्लू-रे मूवी प्ले करने में सक्षम होना चाहते हैं, तो DVD ड्राइव की जगह पर ब्लू-रे ड्राइव चुनना सुनिश्चित कर लें (जिसे BD-ROM भी कहा जाता है)
  8. जितना उत्तम रिसोल्यूशन होगा, उतना ही आप संतुष्ट महसूस करेंगे। ऊँचे रिसोल्यूशन स्क्रीन में छवि स्पष्ट दिखेगी। अधिकतर मध्यम मूल्य वाले लैपटॉप 1366 x 768 रिसोल्यूशन में आते हैं। यदि आप स्पष्ट छवि चाहते हैं, तो 1600 x 900 या 1920 x 1080 डिस्प्ले रिसोल्यूशन वाला लैपटॉप चुनें। ये अक्सर बड़े साइज़ के लैपटॉप में उपलब्ध होता है। [४]
    • सूर्यप्रकाश में लैपटॉप की स्क्रीन के प्रदर्शन के बारे में पूछें; सस्ती स्क्रीन अक्सर बाहरी प्रकाश में “अदृश्य” हो जाती है, जिससे लैपटॉप का “सुवहन” कम उपयोगी हो जाता है।
  9. आपका लैपटॉप Wi-Fi सक्षम होना चाहिए। अप्रत्यक्ष रूप से हर लैपटॉप में वायरलेस कार्ड होता है, इसलिए यह इतनी ध्यान रखने योग्य बात नहीं।
विधि 5
विधि 5 का 5:

स्टोर पर जाना (या वेबसाइट)

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  1. चाहे आप लैपटॉप स्टोर से खरीदें या ऑनलाइन खरीदें, आप अपने मनचाहे लैपटॉप के बारे में अधि से अधिक संभव जानकारी लेना चाहेंगे। इससे आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि आप किस तरह की डील पा सकते हैं तथा आप कम जानकारी के कारण गुमराह होने से बच सकते हैं।
    • यदि आप स्टोर में जा रहे हैं, तो साथ में अपने मनचाहे लैपटॉप का प्रिंट-आउट रख लें, या तो अपने फ़ोन पर उससे संबंधित जानकारी रख लें। इससे आप अपने जरुरत के मुताबिक लैपटॉप पर ध्यान केन्द्रित कर सकेंगे।
  2. आजकल आप अनेकों स्थानों से लैपटॉप खरीद सकते हैं। एक बड़े मेगा स्टोर से किसी कंप्यूटर शॉप तक या अमेज़न या फ्लिप्कार्ट पर, ऐसे दर्जनों आउटलेट उपलब्ध हैं, जो कि अलग-अलग कीमत पर और अपनी सेवा प्रदान करते हैं।
    • लैपटॉप खरीदने से पहले इसे चुनने के लिए कोई बड़ा स्टोर या स्पेशलाइज्ड कंप्यूटर स्टोर बेहतर विकल्प है। यदि आप ऑनलाइन खरीदने का मन बना रहें हैं, तो अपने लोकल कंप्यूटर/इलेक्ट्रॉनिक स्टोर जाकर कुछ मॉडल्स की जाँच करें, और इस जानकारी का इस्तेमाल ऑनलाइन खरीदते वक्त करें।
  3. लगभग सभी उत्पादक अपने प्रोडक्ट पर वारंटी प्रदान करते हैं। यह मुफ्त वारंटी भीं हो सकती है, और कुछ स्टोर अतिरिक्त पैसे लेकर अधिक वारंटी दे सकते हैं। दूसरी ओर यदि आप पहले से उपयोग में लाया गया लैपटॉप खरीद रहे हैं तो इसकी कोई वारंटी नहीं होगी।
  4. उपयोग किया हुआ, री-सर्टिफाइड लैपटॉप लेते वक्त इसके जोखिम को समझें: यह बहुत जरुरी है कि लैपटॉप अच्छी वारंटी के साथ तथा किसी प्रतिष्ठित डीलर से ख़रीदा जाये। कॉर्पोरेट रेट, टिकाऊ लैपटॉप नवीकरण करने पर अच्छे सौदे से लिये जा सकते हैं। इसमें यह जोखिम है कि हो सकता है कि इन्हें बुरी तरह उपयोग किया गया होगा तथा ये ख़राब अवस्था में हो सकते हैं। यदि इसका दाम सही है तथा इसके साथ एक साल की वारंटी हो तो इसे ख़रीदा जा सकता है।
    • स्टॉक डिस्काउंट या छूट में बिक रहे लैपटॉप जब तक अच्छी वारंटी के साथ किसी अच्छे डीलर से न हो तब तक उन्हें न लें। इसकी संभावना हो सकती है कि इन्हें इस्तेमाल किया गया हो, इसके साथ ये धूल, बुरे रखरखाव, और कई कस्टमर द्वारा आघात के कारण बुरी अवस्था में हो।
  5. वैसे तो लैपटॉप का टिकाऊपन इसके ब्रांड तथा प्रकार पर निर्भर करता है, फिर भी इसकी ठीक से की गयी देखभाल द्वारा इसे कई वर्षों तक चलाया जा सकता है। लैपटॉप की सफाई तथा रखरखाव इसे कई वर्षो तक अच्छी अवस्था में रख सकती है।

सलाह

  • साईट पर वेब सर्च कीजिये जहाँ पर आप विश्वसनीय उपभोक्ता सलाह प्राप्त कर सकें। किसी की गलती से सबक लें।
  • कई नामी ब्रांड्स के लैपटॉप पहले से इनस्टॉल किये गए कई सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के साथ आते हैं जिन्हें ब्लॉटवेयर कहा जाता है। ये सॉफ्टवेयर सामान्यतया उपयोगी सॉफ्टवेयर होते हैं। लैपटॉप मैन्युफैक्चरर इन्हें पैसा कमाने के लिए इनस्टॉल करते हैं। ये इसे कॉपीराइट होल्डर द्वारा लाइसेंस करते हैं, जिससे प्रतियोगिता में एक और कदम हासिल होता है। अत्याधिक ब्लॉटवेयर आपके सिस्टम के प्रदर्शन पर असर करती है, इसलिए हर इनस्टॉल प्रोग्राम को जरूरतों के अनुसार जाँच लीजिये। यदि जरुरत न हो तो इसे शुरुआत में ही निकाल दें।
  • कुछ जगहों जैसे कि कंस्यूमर रिपोर्ट्स पर जाकर पता लगाएं कि कैसे कंप्यूटर की हर श्रेणी में तुलना होती है।
  • अच्छी डील हमेशा ऑनलाइन उपलब्ध होती है, लेकिन स्टोर पर भी उपलब्ध होती है जो कि अधिक संख्या में लैपटॉप बेचते हैं।
  • क्रोमबुक की तभी सलाह दी जाती है, जब आप हमेशा इन्टरनेट से जुड़े हुए हों। यदि आप लैपटॉप सिर्फ काम के लिए खरीद रहे हैं, तथा मल्टीमीडिया नहीं चाहते तो ही क्रोमबुक आपकी पसंद होनी चाहिए।

चेतावनी

  • यदि आप इस्तेमाल किये हुए लैपटॉप ऑनलाइन ऑक्शन जैसे कि इ-बे से ले रहें हैं, तो हर चीज़ पढ़ें। देखें कि इसमें क्या गलत-सही है। उस व्यक्ति के फीडबैक पढ़ें। यदि यह एकदम नया नहीं है, तो ठीक कीमत पर इसे खरीदें, और यह सुनिश्चित करें कि आप इसे क्लीन इनस्टॉल कर रहें हैं। आपको ये पता नहीं कि पहले के धारक ने इसे कैसे उपयोग में लाया है तथा आप अनजान वस्तु को लेने का खतरा मोल ले रहें हैं। कुछ गड़बड़ी होने पर आप इसे वापस कर सकें यह सुनिश्चित कर लें।
  • अधिकांश समय अच्छी डील ऑनलाइन मौजूद रहती है।
  • यदि आप लैपटॉप ऑनलाइन खरीदना चाहें, तो आपको शिपिंग शुल्क देना होगा।
  • लैपटॉप खरीदने से पहले आप इससे संतुष्ट हैं यह सुनिश्चित कर लें। यदि लैपटॉप खरीदकर आपने इस्तेमाल कर लिया है, तो अधिकतर दुकानों में, से वापस करना या बदलना मुश्किल होगा।
  • फैक्ट्री में नवीनीकरण किये गए लैपटॉप मैन्युफैक्चरर द्वारा निर्देशित होते हैं तथा महंगे होने के साथ-साथ वारंटी के साथ आते हैं, लेकिन फिर भी इसके भत्ते में फर्क हो सकता है।

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