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पूरे विश्व में नीलगिरी की पत्तियाँ स्वास्थ्य उपचार के लिए लोकप्रिय है। इन पत्तियों में एंटीबैक्टीरियल (antibacterial) और एंटी-फंगल (anti-fungal) गुण मौजूद होते हैं। नीलगिरी के पत्तों से आसुत (distilled) किया गया जो तेल है जिसे हम यूकेलिप्टस ऑयल के नाम से भी जानते हैं, वह बंद नाक को खोलने में अत्यंत प्रभावकारी साबित होता है। इसके अलावा नीलगिरी तेल का इस्तेमाल छाती की मालिश करने के लिए भी किया जाता है। नहाने के पानी में नीलगिरी तेल की कुछ बूँदें मिलाने से आपको दर्द और वेदना से राहत मिलेगी। कुछ साधारण सी सामग्री का इस्तेमाल करके कोई भी नीलगिरी या यूकेलिप्टस ऑयल बना सकता है। तो आइए इस विकिहाउ आर्टिकल को पढ़कर जानते हैं कि कैसे नीलगिरी का तेल (Eucalyptus Oil) बनाते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 2:

नीलगिरी का तेल बनाने के लिए क्रॉक पॉट या स्लो कुकर का इस्तेमाल करना

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  1. उष्म जलवायु क्षेत्र में नीलगिरी के पेड़ के जंगल होते हैं। और वहीं शीत जलवायु क्षेत्र में यह नर्सरी में गमले में छोटे पौधे के रूप में बेचे जाते हैं। एक कप तेल निकालने के लिए आपको लगभग एक मुठ्ठी लगभग 1/4 कप नीलगिरी की पत्तियों की आवश्यकता होगी। [१]
    • अधिकतर फूलों की दुकानों में आपको नीलगिरी की पत्तियाँ मिल सकती हैं, क्योंकि फूल बेचने वाले इन पत्तियों को गुलदस्ता बनाने में इस्तेमाल करते हैं।
    • उष्म जलवायु क्षेत्र में, आप नीलगिरी की पत्तियों को कृषि बाज़ार (famer’s market) से या नर्सरी से खरीद सकते हैं।
    • नीलगिरी की पत्तियों को आप ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। हालांकि नीलगिरी पेड़ या पौधे के रूप में पाएं जाते हैं, लेकिन इनकी फ्रैगनन्स या खुशबू और मेडिकल प्रॉपर्टीज़ के कारण इन्हें हर्ब अर्थात जड़ीबूटी के नाम से लेबल किया जाता है।
    • नीलगिरी के पत्तों को तोड़ने का उचित समय सुबह है, क्योंकि इस समय नीलगिरी के पत्तों में ऑयल उच्च सांद्रता (high concentration) के साथ मौजूद होता है। [२]
  2. पत्तियों को अच्छी तरह से धोकर, एक तरफ सूखने के लिए रख दें। आप चाहे तो पत्तियों को साफ़, सूखे तौलिए या कपड़े का इस्तेमाल करके भी सुखा सकते हैं। [३]
    • यह स्टेप खासकर तब ज़रूरी होती है, जब आप नीलगिरी को किसी फूल वाले से खरीदते हैं, क्योंकि पत्तियों पर प्रिज़रवेटिव का छिड़काव किया हो सकता है।
    • जितना हो सके पत्तियों को सुखाने की कोशिश करें, लेकिन यदि पत्तियों में थोड़ा पानी रह भी जाएं तो वह वाष्पित हो जाएगा।
  3. इस कार्य के लिए कम खुशबू वाला तेल जैसे कोल्ड प्रेस्ड वर्जिन ऑलिव ऑयल, नारीयल का तेल या बादाम का तेल इस्तेमाल करना उचित रहेगा। [४] स्ट्रॉंग गंध वाले तेल का इस्तेमाल न करें क्योंकि आप नहीं चाहेंगे की दूसरे तेल की खुशबू में नीलगिरी तेल की खुशबू कहीं खो न जाएं।
    • यदि आप 1 कप से भी कम नीलगिरी का तेल बनाना चाहते हैं, तो दूसरे तेल की मात्रा को और पत्तियों को कम मात्रा में लें। उदाहरण के लिए, यदि आप 1/2 कप (125 मिलीलीटर) यूकेलिप्टस ऑयल या नीलगिरी का तेल बनाना चाहते हैं, तो दूसरे तेल को भी 1/2 कप (125 मिलीलीटर) लें और लगभग 1/8 कप नीलगिरी की पत्तियों का इस्तेमाल करें।
    • और यदि आप अधिक मात्रा में यूकेलिप्टस ऑयल बनाना चाहते हैं, तो अनुपात को समान ही रखें: 4 भाग ऑयल के लिए 1 भाग पत्तियाँ।
  4. फिर पत्तियों को अपने हाथों से हल्का क्रश करें। [५] ऐसा करने से पत्तियों से तेल निकलना शुरू हो जाएगा, और आपके हाथों से नीलगिरी के पत्तियों की खुशबू आने लगेगी।
    • आप चाहें तो पत्तियों को क्रश करने के बजाय तेज धार वाली चाकू से काट सकते हैं। यदि पत्तियों के साथ डंठल या टहनी के कुछ टुकड़े मिल भी जाएं तो कोई बात नहीं है।
    • यदि आप तेल बनाते समय अन्य हर्ब्स को तेल में मिलाना चाहते हैं, तो उन्हें इस समय आप मिला सकते हैं।
  5. एक क्रॉक-पॉट या स्लो कुकर में पत्तियों के टुकड़े और तेल डालें और उसे स्टोव की धीमी आँच पर रखें: [६] सुनिश्चित कर लें कि आपने क्रॉक-पॉट को ढक लिया है। ध्यान रहें कि लगभग ¼ कप तेल पत्तियों के ऊपर होना चाहिए।
    • मिश्रण को लगभग 6 घंटों के लिए तेल में ही पकने दें। जितनी अधिक देर तक पत्तियाँ तेल में भीगी रहेगी, नीलगिरी का तेल (यूकेलिप्टस ऑयल) उतना ही स्ट्रांग बनेगा।
    • उबलते तेल की खुशबू इतनी स्ट्रांग होगी कि वह आपके पूरे घर में फैल जाएगी। याद रखें कि आप नीलगिरी का तेल उसी समय बनाएंगे जब उसे बनाने का सही में आपका मन हो ताकि आप इसका मज़ा ले सकें।
  6. ठंडा हो जाने पर नीलगिरी के तेल को एक बारीक छेद वाली छलनी से छान लें: तेल को एक बोतल या जार में भरें। वैसे तो नीलगिरी तेल तो गहरे रंग के जार या मर्तबान में स्टोर करना उत्तम विचार है, लेकिन यदि आपके पास गहरे रंग का जार नहीं है तो आप तेल को किसी भी जार में भरकर उसे घर में अँधेरी जगह पर रख सकते हैं। [७]
    • तेल को जार में भरने से पहले तेल का पूरी तरह से ठंडा होना महत्त्वपूर्ण है, ताकि अचानक गरम तेल भरने से जार के ग्लास को क्रैक होने से रोका जा सकें।
    • साफ जार का इस्तेमाल करें जिसमें कसकर बंद होने वाला ढक्कन लगा हो। और तेल को जार में भरने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि जार या मर्तबान पूरी तरह से सूखा है। जार में थोड़ा सा भी मॉइश्चर या पानी की बूँदें रह जाएं तो जार में फफूँदी लग जाएगी।
  7. घर पर तैयार किए गए यूकेलिप्टस ऑयल के जार पर लेबल को डिज़ाइन करने के लिए आप जितना चाहे उतना क्रिएटिव हो सकते हैं, लेकिन याद से जार पर यूकेलिप्टस या नीलगिरी तेल का नाम लिखें और उस तारीख को लिखें जिस दिन आप ने तेल बनाया है।
    • तेल तैयार करने के तारीख से लेकर लगभग 6 महीने तक यह तेल इस्तेमाल के लिए योग्य रहता है। [८]
    • और यदि तेल बनाते समय नीलगिरी की पत्तियों के साथ आपने दूसरे अन्य हर्ब्स भी तेल में मिलाएं हैं, तो लेबल में इन हर्ब्स के नाम भी शामिल करें। कुछ प्रचलित हर्ब्स में सेज (Sage), लैवेंडर (Lavender), स्पेअरमिंट (Spearmint), या रोजमेरी (Rosemary) शामिल है।
    • नीलगिरी तेल या यूकेलिप्टस ऑयल को लंबे समय तक स्टोर करने के लिए उन्हें रेफ्रिजरेटर में रखें।
विधि 2
विधि 2 का 2:

धूप में नीलगिरी के पत्तों से तेल निकालना

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  1. एक जार का इस्तेमाल नीलगिरी का तेल बनाने के लिए करें और दूसरे जार का इस्तेमाल तेल को स्टोर करने के लिए करें। आप कितना तेल तैयार करने वाले है इस हिसाब से 250 मिलीलीटर, 500 मिलीलीटर या इससे भी बड़े जार का इस्तेमाल करें। [९]
    • सुनिश्चित कर लें कि दोनों जार या मर्तबान साफ और शुष्क हैं क्योंकि मॉइश्चर या पानी की वजह से जार में फफूँदी आ सकती है।
    • जिस जार में आप तेल बनाने वाले हैं वह जार ट्रांसपेरेंट या गहरे रंग का होना चाहिए। नीलगिरी का तेल स्टोर करने के लिए गहरे रंग के ग्लास जार का इस्तेमाल करना सही विकल्प है।
  2. पत्तियों और तेल को उसी अनुपात में ले जो आपने स्लो-कुकर मेथड में इस्तेमाल किया था अर्थात आपको 1 भाग पत्तियों के लिए 4 भाग तेल का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है। प्रति एक कप यूकेलिप्टस ऑयल के लिए 1/4 कप नीलगिरी की पत्तियों का इस्तेमाल करें।
    • नीलगिरी का पत्तियों को जार में डालें और साथ में एक लेयर समुद्री नमक मिलाएं। [१०] नीलगिरी के पत्तियों में नमक मिलाने से पत्तियों से तेल को एक्सट्रैक्ट करने में मदद मिलेगी।
    • एक बड़े चम्मच के हैंडल वाले हिस्से से नीलगिरी की पत्तियों को जार में निचली तरफ दबाएं ताकि उसमें से नैचुरल ऑयल निकल सकें।
  3. अन्य तेल को स्मैश किए गए नमक और नीलगिरी के पत्तों पर डालें: अब जार को कम से कम 2 सप्ताह तक सूरज की रोशनी में रखें। जितना अधिक समय आप तेल और पत्तियों को भीगने देंगे, उतना ही स्ट्रांग नीलगिरी का तेल (यूकेलिप्टस ऑयल) आपको मिलेगा।
    • ध्यान रहें आपने जार कसकर बंद किया है और जार को अच्छी तरह से हिलाएं ताकि पत्तियाँ तेल के साथ घुल मिल जाएं। जब तक तेल बनकर तैयार न हो जाएं तब तक हर 12 घंटे बाद जार को हिलाना जारी रखें।
    • नीलगिरी का उत्तम तेल प्राप्त करने के लिए ध्यान रहें कि पत्तियों से तेल निकालने के लिए जिस जगह पर आपने जार रखा है, वहाँ 8 से 12 घंटे सीधी धूप आती हो। और इसके अलावा जार को ऐसी जगह पर रखें जहाँ वह आपको आसानी से नज़र आएं ताकि आप उसे याद से हिला सकें।
  4. चाय छलनी या चीज़-क्लॉथ का इस्तेमाल करके तेल से पत्तियों को छान लें: [११] स्टोरेज जार के मुंह पर छलनी रखें और तेल को छान लें।
    • पत्तियाँ छलनी में इकट्ठा हो जाएगी जिसे आप फेंक सकते हैं।
    • एक नम कपड़े से जार के बाहरी तरफ गिरे अतिरिक्त तेल को पोंछ लें।
  5. घर पर तैयार किए गए यूकेलिप्टस ऑयल के जार पर लेबल को डिज़ाइन करने के लिए आप जितना चाहे उतना क्रिएटिव हो सकते हैं, लेकिन याद से जार पर यूकेलिप्टस या नीलगिरी तेल का नाम लिखें और उस तारीख को लिखें जिस दिन आप ने तेल बनाया है।
    • तेल तैयार करने के तारीख से लेकर लगभग 6 महीने तक यह तेल इस्तेमाल के लिए योग्य रहता है। [१२]
    • और यदि तेल बनाते समय नीलगिरी की पत्तियों के साथ आपने दूसरे अन्य हर्ब्स भी तेल में मिलाएं हैं, तो लेबल में इन हर्ब्स के नाम भी शामिल करें। कुछ प्रचलित हर्ब्स में सेज (Sage), लैवेंडर (Lavender), स्पेअरमिंट (Spearmint), या रोजमेरी (Rosemary) शामिल है।
    • नीलगिरी तेल या यूकेलिप्टस ऑयल को लंबे समय तक स्टोर करने के लिए उन्हें रेफ्रिजरेटर में रखें।

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