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रेड मीट (red meat), पोल्ट्री (poultry), और सीफूड (seafood) सभी ख़राब होने के संकेत देते हैं | मीट की किस्म पर निर्भर आपको बदबू, रंग और गठन में बदलाव की जांच करनी होगी, और उसे और ख़राब होने से रोकने के लिए निवारक कदम उठाने होंगे | अगर आप इस बात को लेकर दुविधा में हैं की मीट खराब हो गया है की नहीं, तो भी सुरक्षित रहने के लिए उसे फैंक दें | जब तक आपको ख़राब होते मीट के संकेतों का अंदाज़ है, आप उसे सँभालने और खाने में अहतियात बरत कर खुद को सुरक्षित रख सकते हैं!

विधि 1
विधि 1 का 4:

ख़राब हुए रेड मीट (लाल मांस) की पहचान करना

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  1. मीट के पैकेज का निरीक्षण कर के उस की एक्सपायिरेशन डेट (expiration date) जाने: रेड मीट की शेल्फ लाइफ अगर वो कच्चा है तो 1-3 दिन होती है और अगर वो पका हुआ है 7-10 दिन | फ़ूड पोइज़निंग से बचने के लिए ऐसे मीट को फैंक दें जो इस एक्सपायिरेशन डेट को पार कर चुका है | [१]
  2. अगर आपके मीट में खराब होने जैसी महक आ रही है तो वो शायद खराब हो गया है | ख़राब रेड मीट की एक अलग सी तीक्षण बदबू होती है | अगर आपके मीट में बदबू आ रही है तो उसे फैंक दें, ख़ास तौर से अगर उसकी एक्सपायिरेशन डेट निकल गयी है | [२]
    • मीट की बदबू सूंघने के लिए अपनी नाक को उसके पास या उससे सटा कर नहीं लगायें | इसके बजाय, अपने हाथ से मीट के पास ओट बनाएं और हाथ को मुंह की तरफ लाते हुए मीट की बदबू का जायजा ले लें |
  3. आपके फ्रिज में मोजूद पांच दिन से ज्यादा पुराने रेड मीट को फैंक दें: आपके फ्रिज में मीट कितने दिन ताज़ा रहेगा ये इस बात पर निर्भर है की वह ग्राउंड रूप में है या कट रूप में | ग्राउंड मीट को आप फ्रिज में उसके बेचे जाने वाली तारीख के 1-2 दिन बाद तक रख सकते हैं | कटे मीट, स्टीक़स और रोस्ट्स को 3-5 दिन तक रखा जा सकता है | [३]
    • अगर मीट फ्रोज़न है तो वह ज्यादा दिन तक बचा रह सकता है | अगर मीट कुछ दिनों से फ्रिज में है और आप उसका अभी प्रयोग नहीं करने वाले हैं, तो ख़राब होने से बचने के लिए उसे उसी समय फ्रीज़ कर लें | [४]
  4. मीट अगर हरा या भूरा –हरा रंग दिखा रहा है तो वह खाने के लिए असुरक्षित है, हांलाकि बिना हरेपन का भूरा मीट ज़रूरी नहीं है की ख़राब हो गया हो | मीट जिसमें अलग सी चमक दिख रही हो वो भी अधिकतर ख़राब हो गया होता है, क्योंकि ये संकेत है की बैक्टीरिया ने मीट में मोजूद फेट्स को तोड़ दिया है | [५]
    • जब भी मीट के रंग को लेकर शक हो, उसे फैंक दें |
  5. ख़राब रेड मीट छूने से चिपचिपा लगेगा | अगर आपको मीट के ऊपर चिपचिपी सी परत लगे, तो मीट को फैंक दें | अधिकतर इसका मतलब होता है की मीट में मोजूद बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ गयी है |
विधि 2
विधि 2 का 4:

पोल्ट्री में खराबी के संकेत देखें

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  1. ताज़ी पोल्ट्री में किसी प्रकार की महक नहीं होनी चाहिए | अगर आपकी पोल्ट्री में अजीब सी, बदबू है, तो उसे फैंक दें और फ्रिज या फ्रीज़र को साफ़ कर दें | अगर आप उस हिस्से को साफ़ नहीं करेंगे तो कच्ची पोल्ट्री की बदबू आती रहेगी | [६]
  2. ताज़ी कच्ची पोल्ट्री गुलाबी रंग की होती है, और पकी हुई पोल्ट्री सफ़ेद रंग की | स्लेटी रंग की पोल्ट्री शायद ख़राब हो गयी है | ऐसी अवस्था वाली चिकन को ना तो खरीदें और ना ही खाएं | [८]
    • अगर रेस्टोरेंट में आपको पकी पोल्ट्री दी जाए तो उसकी उपरी परत को निकाल कर उसके रंग की जांच करें |
  3. हांलाकि कच्ची पोल्ट्री पर एक पतली पानी सी परत होगी, वो म्यूकस जैसी घनी नहीं होनी चाहिए | अगर आपकी पोल्ट्री ज्यादा चिपचिपी और चिकनी लग रही है, तो उसे फैंक दें | [९]
    • चाहे आपको कच्ची पोल्ट्री के ख़राब होने का यकीन हो या नहीं अपने हाथों को धोना मत भूलें |
  4. इन सब संकेतों से अलग, ख़राब हुई पकी पोल्ट्री मोल्ड होना शुरू हो जाएगी | अगर आपको अपनी पकी हुई पोल्ट्री पर ऐसे निशान देखें तो मोल्ड को ना तो हटाने की कोशिश करें और ना ही बिना मोल्ड के हिस्सों को खाने की | फ़ूड पोइज़निंग से बचने के लिए सारी पकी पोल्ट्री को फैंक दें | [१०]
विधि 3
विधि 3 का 4:

ख़राब सीफूड की जांच

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  1. आम धारणा से विपरीत, ताज़े सीफूड में कोई महक नहीं आंनी चाहिए | उसमें समुद्र जैसी महक आ सकती है, लेकिन ये महक तेज़ और तीक्ष्ण नहीं होनी चाहिए | अपनी नाक पर भरोसा करें: अगर सीफूड में बदबू आ रही है, तो उसे फैंक दें |
    • सुपरमार्केट में ही ताज़े सीफूड की महक सूंघ लें |
  2. सीफूड जब पानी से बाहर आये तो उसकी चमकती त्वचा होनी चाहिए | सूखा सीफूड अक्सर ख़राब होता है | अगर उसकी आँखें और गिल्स हैं, तो आँखें साफ़ होनी चाहिए (नाकि धुंधली) और उसके गिल्स लाल होने चाहिए नाकि भूरा और बैंगनी | [११]
    • ऐसी मछली नहीं कह्यें जिसके फ्लेक्स गिरते हुए लग रहे हैं |
  3. ताज़ा मछली का मीट अक्सर सफ़ेद, लाल या गुलाबी रंग का होता है और उसपर पानी जैसी एक पतली परत होती है | अगर मीट नीले या स्लेटी रंग का हो रहा है और उसमें से कई तरल पदार्थ निकल रहा है, तो शायद आपकी मछली ख़राब हो गयी है | [१२]
  4. ऐसा सीफूड जो जिंदा खाया जाता है, जैसे शैलफिश, मरने के बाद तुरंत ख़राब होने लगता है | जिंदा क्लैम्स (clams), ओएस्टरस (oysters) और मस्सेल्स (mussels) को टैप करके देख लें की छूने से उनका शैल बंद हो रहा है की नहीं | क्रेबस और लॉबस्टरस को पकाने से पहले उनके पांवों में हरकतें पर ध्यान दें | [१३]
    • ऐसी शैलफिश नहीं खाएं जो पकने के बहुत घंटे पहले मरी थी |
विधि 4
विधि 4 का 4:

मीट को ख़राब होने से रोकना

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  1. अपने किचन के काउंटर पर कभी मीट को थौ (thaw) नहीं करें: मीट जो फ्रिज या फ्रीजर से बहुत देर तक बाहर रहा हो वो ख़राब हो सकता है | कमरे के तापमान पर अगर आप मीट को बाहर छोड़ देंगे तो उसके ख़राब होने की सम्भावना बढ़ जाती है | इसके बजाय, माइक्रोवेव में इसे थौ करें, क्योंकि ये एक सुरक्षित तरीका है और इसमें समय भी कम लगता है | [१४]
    • काउंटर के बजाय फ्रिज में थौ करना भी एक बेहतरीन विकल्प है |
  2. मीट को फ्रिज में भी 40 डिग्री फैरेनहाइट या 4 डिग्री सेल्सियस पर रखना चाहिए | अगर मीट इससे ज्यादा तापमान पर रहेगा तो उसके ख़राब होने की सम्भावना बढ़ जाएगी | अगर कोई खाना कुछ घंटों तक कमरे के तापमान पर रखा गया है तो उसे फैंक दें | [१५]
  3. अगर मीट को खाने नहीं वाले हों तो उसे फ्रीज़ कर लें: मीट को आप फ्रिज में कुछ दिनों तक रख सकते हैं, पर फ्रीजर में ज्यादा देर के लिए रख सकते हैं | अपने मीट को ज्यादा समय तक ताज़ा रखने के लिए, बंद बर्तन में रख कर फ्रीज़ कर लें और तभी निकालें जब आपका उसे खाने का इरादा हो | [१६]
    • फ्रोजन मीट्स अक्सर फ्रीजर बर्न का शिकार हो जाते हैं, जो की खतरनाक तो नहीं, पर बुरे स्वाद को जन्म देता है |
  4. फ्रिज में नहीं रखा हुआ और एक्सपायर्ड मीट खाने से बचें: हो सकता है की आपका मीट ख़राब नहीं लग रहा हो, फिर भी उसमें खतरनाक बैक्टीरिया मोजूद हो सकते हैं | अगर मीट किचन में बाहर रखा रह गया है या अपने बिकने वाली तारीख से आगे निकल गया हो तो उसे मत खाएं |
  5. क्योंकि खाने में मोजूद सभी बैक्टीरिया पकड़ में नहीं आते हैं, उसको सही तापमान तक पकाना फ़ूड पोइज़निंग से बचने के लिए बहुत ज़रूरी है | रेड मीट को 120–165 ° फैरेनहाइट (49–74 °सेल्सियस) पर पकाना उत्तम है पर ये भी उसकी प्रकृति पर निर्भर होता है | [१७] पोल्ट्री को 165 ° फैरेनहाइट (74 °सेल्सियस) तक पकाना चाहिए | [१८] सीफूड तब सबसे ज्यादा सुरक्षित रहता है जब उसको 145 ° फैरेनहाइट (63 °सेल्सियस) तक पकाया जाए | [१९]
    • कुछ सीफ़ूड जैसे सुशी (sushi) कच्चा खाया जाता है | ऐसे मौकों पर पकाने के निर्देशों का पालन करें और अगर ख़राब होने के संकेत दिखें तो उसे फैंक दें |

सलाह

  • कच्चे मीट को छूने से पहले हाथों को धोना नहीं भूलें | [२०]
  • अगर मीट की सील टूटी है या उसमें से पानी निकल रहा है तो उसे मत खाएं | [२१]
  • अगर आपको लग रहा है की मीट ख़राब हो गया है, तो उसे मत खाएं | अगर रेस्टोरेंट में आपको ऐसा मीट दिया जाए तो उसे वापस भेज दें | [२२]

चेतावनी

  • अगर मीट पर शक है तो उसे चख कर नहीं देखें | थोड़ी ही मात्रा में भी आप अगर ख़राब मीट खायेंगे तो आपको फ़ूड पोइज़निंग हो सकती है |

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