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सेबेसियस सिस्ट (sebeceous cyst) एक बिनाइन (benign), बंद, सख्त खोल (sac) होती हैं जो स्किन पर पाई जाती हैं और अधिकतर एपिडर्मिस से जुड़ा हुआ एक डोम-शेप्ड (डोम-shaped) उभार बनाती हैं, जो अंदर उपस्थित ऊतकों पर हिल-डुल सकता है | यह आमतौर पर चेहरे, गर्दन, कंधे या छाती (शरीर में बालों वाले भागों) पर पायी जाती है | यह लोगों में होने वाली बहुत ही आम समस्या है और उम्र के किसी भी पड़ाव पर हो सकती है | ये संक्रामक नहीं होतीं और इनसे कैंसर होने का खतरा भी नहीं होता (दूसरे शब्दों के कहें तो, ये बिनाइन होती हैं) | परन्तु, ये संक्रमित हो सकती हैं और थोड़ी अनदेखी रह सकती हैं | इन्हें ठीक करने की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए आगे पढ़ें|

विधि 1
विधि 1 का 4:

पारंपरिक उपचार का उपयोग करें

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  1. आप 37-40 डिग्री सेल्सियस (100-105 डिग्री फेरनहाइट) तापमान तक गर्म टॉवल को दिन में 3-4 बार सिस्ट के सूखने तक लगा सकते है, लेकिन इसे 10-30 मिनट से अधिक देर तक न लगायें | इससे ब्लड वेसल्स फ़ैल जाती हैं और सिस्ट के घाव की मरम्मत के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए स्थानीय ऊतकों के वितरण में सुधार आता है | बढ़ा हुआ रक्त प्रवाह किसी भी प्रकार के सूजन उत्प्रेरकों और स्थानीय सूजन के ख़राब प्रोडक्ट्स को धो देता है |
    • इसके अलावा, गर्माहट विपरीत उत्तेजक के रूप में काम करते हुए दर्द को कम कर देती है |
    • अगर सेबेसियस सिस्ट रोगी को कोई नुकसान न पहुंचा रही हो तो उसे बिना इलाज़ के छोड़ा जा सकता है, क्योंकि अधिकतर सिस्ट खतरनाक नहीं होतीं और केवल सुन्दरता की दृष्टी से थोडा परेशान करती हैं | परन्तु, अगर सिस्ट संक्रमित हो जाती है तो मेडिकल ट्रीटमेंट लेने में ही समझदारी होती है |
  2. ध्यानपूर्वक नियमित रूप से और अच्छी तरह से स्किन को अन-उत्तेजक एंटीमाइक्रोबियल साबुन से बहते हुए पानी में धोएं | एक साफ़ कपडे या टॉवल से थपथपाकर स्किन को सुखाएं और एक विसंक्रमित गौज से ढंकें, हर समय गौज को सूखा रहने दें |
    • आमतौर पर मिलने वाली एंटीसेप्टिक (जैसे, पोविडोन-आयोडीन) भी लगा सकते हैं, लेकिन इसकी ज़रूरत नहीं पड़ती | इसे दिन में एक बार दोहराएँ और स्किन के द्वारा घाव भरने की पपड़ी (healing crust) बनने तक हर बार गौज की ड्रेसिंग करते समय उसे गीला और/या नम होने दें |
    • सिस्ट वाली जगह पर स्किन केयर प्रोडक्ट्स और कास्मेटिक लगाने से बचें क्योंकि इनसे उत्तेजना और संक्रमण और बढ़ सकते हैं |
  3. इस प्रकार की सिस्ट स्वाभाविक रूप से सूख जाती हैं, इन्हें फोड़ने की कोशिश करने से संक्रमण और बढ़ जायेगा और इससे स्थायी रूप से निशान भी बन सकते हैं | अगर आपको बहुत परेशानी हो रही हो तो इसे डॉक्टर के द्वारा निकलवाएँ |
    • अगर सिस्ट ठीक होने पर या दुर्घटनावश स्किन में झटका लगने से फूट जाये तो उस स्थान को अन-उत्तेजक एंटीमाइक्रोबियल साबुन से बहते हुए पानी में अच्छी तरह से धोएं |
  4. अगर कोई भी ध्यान देने योग्य संक्रमण हो तो चिकित्सीय मदद लें: अगर संक्रमण के चिन्हों में दर्द, सूजन, लालिमा और गर्माहट जैसे लक्षण पाए जाएँ तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए | यह बहुत ही सरल प्रक्रिया होती है और इसके बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती, परन्तु, अगर इसे बिना उपचार के छोड़ दिया जाता है तो यह सेप्टिक (septic) हो जाती है जो बहुत अधिक गंभीर स्थिति होती है | [१]
    • अगर आपकी सिस्ट संक्रमित न दिख रही हो तो भी आपको एक बार डॉक्टर को अवश्य दिखाना चाहिए | इसे निकलने के लिए बहुत ही सरल इन्सिजन (incision) दिया जायेगा और सिस्ट कुछ ही मिनटों में चली जाएगी |
विधि 2
विधि 2 का 4:

अप्रमाणित घरेलू उपचारों का उपयोग करें

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  1. टी ट्री से बनाया गया आयल एक बहुत ही अच्छा एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी उपचार है | यह संक्रमण उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया को मार सकता है | परन्तु, टी ट्री आयल और सिस्ट के बीच के सम्बन्ध को समझ पाना थोड़ा मुश्किल है |
    • इस उपचार का उपयोग करने के लिए, प्रभावित स्थान पर टी ट्री आयल की एक या दो बूँदें लगायें और एक बैंडेड से ढँक लें | सुबह, दिन में एक बार इस आयल का उपयोग करें और रात में उस स्थान को खुला छोड़ दें |
  2. कैस्टर आयल में रिसिन (ricin) नामक एक केमिकल पाया जाता है जो बैक्टीरिया के विरुद्ध बहुत प्रभावशाली होता है | कैस्टर आयल में एक कपडे के टुकड़े को भिगोयें और इसे सिस्ट पर रखें | कैस्टर आयल से भीगे हुए कपडे के ऊपर एक गर्म सेंक रखें और इसे 30 मिनट तक लगाये रखें | हीट आयल को स्किन में आसानी से फैलने में मदद करेगी | रिसिन संक्रमण उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया को मार देगा |
    • लेकिन विज्ञान इस प्रमाणित करने में असमर्थ है | विज्ञान के अनुसार, यह बैक्टीरिया को तो मार सकता है लेकिन सिस्ट पर इसकी प्रभावशीलता संदेहास्पद है | संभवतः इससे कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन इससे बहुत ज्यादा फर्क भी नहीं पड़ेगा |
  3. एलोवेरा में फेनोलिक कंपाउंड पाया जाता है जिसमे एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं | एलोवेरा जेल को सीधे प्रभावित स्थान पर लगायें और इसके स्किन में अवशोषित होने तक धीरे-धीरे मलें | संक्रमण ठीक होने तक इस प्रक्रिया को हर दिन दोहराएँ |
    • एलोवेरा का उपयोग एक ऐसा उपचार है जिसका उपयोग सदियों से किया जाता रहा है | यह प्रकृति के सबसे अच्छे उपचार योग्य तत्वों में से एक है | लेकिन, इसे भी विज्ञान के द्वारा प्रमाणित नहीं किया जा सकता कि यह सिस्ट को ठीक कर सकता है |
  4. विच हेज़ल में टैनिन (tannins) पाए जाते हैं जो स्किन पर आवृत अतिरिक्त आयल को हटा देगें और रक्त प्रवाह को बढ़ा देंगे | प्रभावित स्थान पर रक्त का प्रवाह बढ़ने से प्रभावित स्थान पर अधिक एंटीबाडीज भी परिवहित होने लगेंगी |
    • विच हेज़ल जेल की थोड़ी सी मात्रा (एक मटर के दाने जितनी बूँद) का उपयोग सीधे प्रभावित स्थान पर लगाने के लिए करें और इसे धीरे-धीरे मलें | लगभग एक सप्ताह तक हर दिन इस प्रक्रिया को दोहराएँ |
    • इस विषय में भी विज्ञान कोई प्रमाण नहीं देता |
  5. एप्पल साइडर विनेगर में पाया जाने वाला मुख्य कंपाउंड एसिटिक एसिड (acetic acid) है | इसमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो संक्रमण उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया को मार देते हैं | इसका उपयोग सामान्य रूप से किया जाता है और विशेषरूप से सिस्ट पर लगाने के लिए नहीं किया जाता | दूसरे शब्दों में, इस उपचार का प्रयोग अकेले न करें |
    • विनेगर को प्रभावित स्थान पर लगायें और एक बैंडेज से ढंकें | 3 से ४ दिन बाद बैंडेज को हटा दें | आप देखेंगे कि उस स्थान पर सबसे ऊपर एक कठोर लेयर बन गयी है |
    • जब क्रस्ट या कठोर लेयर हट जाती है तो पस बैक्टीरिया के साथ निकलने लगेगा | उस स्थान को साफ़ करें और नयी पट्टी या बैंडेज बिना विनेगर के बांधें | 2 से 3 दिन के बाद, सिस्ट ठीक हो जाएगी |
  6. एक पैकेट सूखी हुई डंडेलिओन हर्ब को चार कप पानी में उबालें | उबालने के बाद, 45 मिनट तक आंच पर रखे रहने दें और इस चाय को हर दिन 3 से 4 बार पियें | इस उपचार का उपयोग लगातार लगभग एक सप्ताह तक करें |
    • डंडेलिओन हर्ब में टेराक्सासिन (taraxacin) नामक प्राकृतिक एंटीबायोटिक पाया जाता है | परन्तु, विज्ञान की पहुँच यहाँ तक नहीं है | सिस्ट के उपचार में, किसी भी हर्बल उपचार की अपेक्षा चिकित्सीय उपचार अधिक प्रभावशाली होता है |
विधि 3
विधि 3 का 4:

मेडिकल ट्रीटमेंट का उपयोग करें

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  1. संक्रमण से लड़ने के लिए यथासंभव जल्दी से जल्दी एक प्रभावशाली एंटीबायोटिक प्रेस्क्राइब की जाएगी | अपने एंटीबायोटिक के कोर्स को पूरा करने की ओर ध्यान दें जिससे संक्रमण वापस न लौट सके | इससे थोड़े ही समय में सिस्ट गायब हो जाती हैं |
    • संक्रमित सिबेसियस सिस्ट के केस में सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली एंटीबायोटिक फ्लुक्लोक्सासिलिन (flucloxacillin) है | संक्रमण को दूर करने के लिए लगभग एक सप्ताह तक, इसकी 500 मिलीग्राम की गोली को हर 8 घंटे में लें |
  2. सिस्ट की सर्जरी में एक सरल से ऑपरेशन से सिस्ट को पूरी तरह से हटा दिया जाता है | चिंता न करें, प्रभावित स्थान के आस-पास के हिस्से को लोकल एनेस्थीसिया के द्वारा सुन्न कर दिया जाता है | यहाँ इसके बारे में और अधिक जानें:
    • एनेस्थीसिया देने के बाद, सर्जन प्रभावित स्थान के मध्य भाग के दोनों ओर एक अंडाकार चीरा लगायेंगे | अगर सिस्ट छोटी होगी तो डॉक्टर इसमें कट लगाने की बजाय, लांस (lance) कर सकते हैं |
    • सिस्ट के चारों ओर उपस्थित केराटिन को खींचकर बाहर निकाल लिया जायेगा | चीरा लगाये हुए भागों के किनारों को पकड़ने के लिए एक रेट्रेक्टर (retractor) का उपयोग किया जायेगा जबकि डॉक्टर सिस्ट को हटाने के लिए फोरसेप्स (forceps) का उपयोग करते हैं |
    • जब पूरे प्रभावित स्थान को हटा दिया जाता है तो ऑपरेशन सफल हो जाता है और सिस्ट के ठीक होने की दर 100% होती है |
    • लेकिन, अगर प्रभावित स्थान को कुरेदकर निकला जाता है तो शेष बचे टिश्यू काउटेराइज्ड (cauterized) हो जायेंगे | प्रक्रिया के संपन्न होने के बाद घाव को टाँके लगाकर बंद कर दिया जायेगा | [२]
    • सिस्ट के संक्रमित हो जाने की स्थिति में, इंटरवेंशन के बाद, एक सप्ताह के लिए इन्हीं एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट को लिख जायेगा |
  3. पहले सेक्शन में दिए गये सभी सुझाव सर्जरी के बाद के लिए भी लागू होते हैं | उस स्थान को साफ़ और स्वच्छ रखना बहुत जरुरी होता है | अगर आप इस जगह की अच्छी तरह से देखभाल करेंगे तो कोई कॉम्प्लिकेशन नहीं होंगे |
    • अगर घाव को बंद करने के लिए टाँके लगाये गये हों तो उनकी पहचान करें | अगर ऐसा हो तो, इस बात का ध्यान रखना जरुरी है कि उन टांकों को हटाने की जरूरत कब होगी (आमतौर पर अधिकतर टाँके 1-2 सप्ताह में हटा दिए जाते हैं) | याद रखें: कुछ प्रकार के टांकें शरीर में अपने आप घुल जाते हैं और उन्हें हटाने की जरूरत नहीं होती |
  4. अगर आप चाहें तो अपने सफाई कार्यक्रम में एक हर्बल एंटीसेप्टिक का उपयोग करें: आप इनमे से किसी का भी उपयोग कर सकते हैं:
    • अमरुद की पत्तियां: एक मिट्टी के घड़े में उबलते हुए पानी में अमरुद की पत्तियां भरें और 15 मिनट तक डालें रहें | अब इसे सहन करने योग्य तापमान पर आने तक ठंडा करें, गुनगुना होना बेहतर होता है | इस घोल का उपयोग घाव को धोने में करें |
    • एलोवेरा: स्किन को धोकर सुखाने के बाद, कोमलता से इस पौधे से रसदार पदार्थ (sap) को स्किन पर लगायें और सूखने दें | अगर आप चाहें तो इसे दिन में कई बार लगा सकते हैं |
    • सावधानी के तौर पर, आपको हमेशा किसी भी प्रकार के एलर्जिक रिएक्शन का पता लगाने के लिए इन होममेड ट्रीटमेंट में से किसी भी एक की थोड़ी सी मात्रा को टेस्ट करना चाहिए | इसके टेस्ट लगाने के लिए सबसे अच्छी जगह है- आपकी भुजा और उसी ओर की हथेली, क्योंकि यहाँ का रंग साफ़ होता है और स्किन तुलनात्मक रूप से पतली होती है जिससे किसी भी प्रकार की खुजली या लालिमा आसानी से दिखाई दे सकती है |
विधि 4
विधि 4 का 4:

सिस्ट होने के कारण और कॉम्प्लिकेशन को समझें

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  1. जानें कि असामान्य सेल प्रोलिफेरेशन (cell proliferation), सिस्ट बनने का कारण होता है: स्किन की सतह केराटिन (keratin) से बनती है जो सेल्स की एक पतली लेयर होती है जो स्किन की सुरक्षा करती है | केराटिन लेयर लगातार झड़ती रहती है और इसकी जगह पर नयी कोशिकाएं आती रहती हैं | सामान्य प्रोलिफेरेशन के बजाय, जब सेल्स स्किन में अधिक गहराई तक चली जाती हैं और लगातार प्रोलिफेरेट होती रहती हैं तो केराटिन आपके शरीर में अंदर की ओर निकलने लगेगा और सिस्ट उत्पन्न करेगा |
    • यह खुद-ब खुद होता है, और इससे कोई हानि या खतरा नहीं होता | केवल ट्यूमर या संक्रमण से होने वाले इस प्रकार के असामान्य प्रोलिफेरेशन ही चिंता का विषय होते हैं |
  2. सावधान रहें, यह डैमेज हेयर फोलिकल के द्वारा उत्तेजित हो सकती है: यह सुनने में हानिरहित लगता है, है न ? लेकिन सिफर एक हेयर फोलिकल भी सेबेसियस सिस्ट का निर्माण कर सकता है | अगर आप कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते-जूझते थक गये हैं तो पता लगायें कि कहीं इनकी वज़ह आपके बाल तो नहीं हैं |
    • इसी कारण, आपकी डर्मिस (जो आपकी स्किन की दूसरी लेयर होती है) में रूपांतरित स्किन की एक पॉकेट पायी जाती है जो एक हेयर फोलिकल के समान होती है | फोलिकल्स आमतौर पर लगातार उत्तेजक पदार्थों के संपर्क में आने या सर्जिकल घाव के द्वारा डैमेज होते हैं जिससे आपको नुकसान होगा और स्कार बन जायेंगे जिससे आगे चलकर स्किन के छिद्र अवरुद्ध हो जायेंगे |
  3. भ्रूण के विकास की प्रक्रिया के दौरान, जो स्टेम सेल्स प्रारंभिक रूप से स्किन, नाखून या बालों का निर्माण करती हैं वो अंत में अंदर किसी अन्य कोशिका में फंस भी सकती हैं | ये उस कोशिका के अंदर लगातार केराटिन का निर्माण करती रहेंगी जो समय के बीतने पर सिस्ट का रूप धारण कर लेगी |
    • अगर आपको बार-बार सिस्ट होती है तो डॉक्टर से इसके लिए विकल्पों के बारे में पूछें |
  4. जानें कि संक्रमण, सिस्ट को अधिक गंभीर बना देता है: अगर सिस्ट फूट जाती है तो बैक्टीरिया इसे दूषित कर सकते हैं जिससे संक्रमण हो सकता है | इससे सिस्ट पीड़ादायक हो जाती है और एक मुहांसे के समान दिखाई देने लगेगी | इसमें नमी युक्त केराटिन से जामव के कारण रक्त मिश्रित पस निकलने लगेगा | इसके आस-पास की जगह लाल हो जाएगी और थोड़ी सूज जाएगी | अगर ऐसा हो तो आपको मेडिकल ट्रीटमेंट लेने की ज़रूरत पड़ सकती है |
    • अगर संक्रमण का इलाज़ न किया जाए तो स्थिति और ख़राब हो जाएगी और संभव है कि इससे आपका पूरा शरीर प्रभावित हो जाए | चूँकि सिस्ट के बारे में बहुत ज्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती, लेकिन संक्रमित सिस्ट का तरंत इलाज़ किया जाना चाहिए | [३]
  5. भले ही सिस्ट संक्रमित न हो, फिर भी यह सूज सकती है | सिस्ट लगातार उत्तेजक पदार्थों जैसे खुरदुरे कपड़ों के संपर्क में आने से सूज जाएगी |
    • भाग्यवश, आमतौर पर NSAIDs (जैसे ibruprofen) लेकर या उत्तेजक फैक्टर को हटाकर आसानी से सिस्ट की सूजन को कम किया जा सकता है |
    • सूजी हुई सिस्ट को हटाना मुश्किल होता है क्योंकि उस जगह पर संक्रमण होने की सम्भावना बहुत अधिक होती है | अगर सर्जिकल प्रोसीजर ज़रूरी हो तो सूजन के जाने तक इसे स्थगित कर दें |
  6. अगर बाहरी तत्व आपकी स्किन से छनकर अंदर आ जाते हैं तो एक फटी हुई सिस्ट इम्यून रिएक्शन का ट्रिगर बन जाएगी | इससे एब्सिस (abscess) कहलाने वाला पस (pus) इकट्ठा होने लगेगा | ऐसा अधिकतर बड़ी सिस्ट में होता है | इसलिए एक फटी हुई सिस्ट को डॉक्टर को दिखाना चाहिए | [४]
    • फटी हुई सिस्ट को यथासंभव साफ़ और स्वच्छ रखने की ज़रूरत होती है | अपनी सिस्ट की देखभाल के तरीकों को जानने के लिए और मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए |

सलाह

  • जननांग भाग में होने वाली सिस्ट के कारण मूत्रत्याग के समय या सेक्स करने के दौरान गंभीर रूप से परेशानी होती है क्योंकि सिस्ट सूजन युक्त और पीड़ादायक हो जाती है | अगर आपको अनावश्यक उपद्रव हो तो डॉक्टर को दिखाएँ |
  • सेबेसियस सिस्ट न तो संक्रामक होती है और न ही मेलिग्नेन्ट (malignant) | चूँकि यह संक्रामक नहीं होती इसलिए इसके बारे में ज्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती |
  • सेबेसियस सिस्ट के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि इनमे से अधिकतर सिस्ट में इलाज की ज़रूरत ही नहीं पड़ती और आमतौर पर निर्हरण (excision) करने से ठीक हो जाती है |
  • इसके अंदर पाया जाने वाला पदार्थ टूथपेस्ट की कंसिस्टेंसी का होता है और बुनियादी तौर पर यह गीला केराटिन (keratin) (वह पदार्थ जो बाल, नाखून और स्किन की सबसे बाहरी सतह के झड़ने से बनता है) |

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रेफरेन्स

  1. http://www.nlm.nih.gov/medlineplus/ency/article/000842.htm
  2. http://www.bad.org.uk/for-the-public/patient-information-leaflets/cysts---epidermoid-and-pilar?q=Cysts%20-%20epidermoid%20and%20pilar#.U2ge31cVdBZ
  3. http://www.webmd.boots.com/skin-problems-and-treatments/guide/cysts-types
  4. http://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/sebaceous-cysts/basics/complications/con-20031599
  5. Bickley, L. S. (2012). Bates' Guide to Physical Examination and History-Taking 11th edition. Philadelphia: Lippincot, Williams, & Wilkins.
  6. Hall, J. C., & Sauer, G. (2000). Sauer's Manual of Skin Diseases 8th edition. Philadelphia: Lippincott, Williams, & Wilkins.
  7. Johnston, R. B. (2012). Weedon's Skin Pathology Essentials. Spain: Churchill Livingstone.
  8. Obi, E., Baker, C., Teo, J., & Teo, M. (2005). Rapid: Surgery. Victoria, Australia: Blackwell Publishing.

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