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सिर को आगे की ओर सही पोस्चर में न रखने से लम्बे समय तक दर्द, हाथों में सुन्नपन, सांस लेने में परेशानी हो सकती हैं और नसें भी दब सकती हैं | ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके सिर का एक इंच हिस्सा भी आगे की ओर जाने पर गर्दन को अतिरिक्त 4.5 किलोग्राम वज़न को सहारा देना पड़ता है | [१] कई लोगों को यह पता ही नहीं चलता कि उनकी गर्दन का पोस्चर गलत है इसलिए अगर आप लम्बे समय तक कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं, टेलीविज़न देखते रहते हैं या गलत तरीके से सोते हैं तो एक टेस्ट के द्वारा पता लगा सकते हैं कि इससे सिर को होल्ड करने में कितनी परेशानी होती है | गर्दन के गलत पोस्चर के कारण होने वाले तनाव और अन्य लक्षणों को कम करने के लिए और मसल्स को स्ट्रेच करने और मजबूती देने के लिए विशेष प्रकार की एक्सरसाइज करें |

विधि 1
विधि 1 का 4:

वॉल टेस्ट (wall test) से गलत पोस्चर का पता लगायें

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  1. अपनी एड़ियों को कन्धों की चौड़ाई की सीध में रखें, कूल्हों को दीवार से दबाएँ और ध्यान रखें कि कंधे की हड्डियाँ दीवार से टच करती रहें (यह कन्धों के ऊपरी हिस्सों के दीवार से टच होने से भी ज्यादा जरुरी है) | [२]
    • कन्धों को दीवार की सीध में लाने और अधिक नेचुरल पोजीशन में लाने के लिए कन्धों की हड्डियों (shoulder blades) को एकसाथ थोडा दबाने की जरूरत हो सकती है | इसे अधिकतर "छाती चौड़ी करना" कहा जाता है |
    • इस पोजीशन में आने पर सिर की पोजीशन पर ध्यान दें | नोटिस करने कि सिर का पिछला हिस्सा दीवार से टच हो रहा है या नहीं | अगर यह दीवार से टच नहीं हो रहा हो तो आपका पोस्चर फॉरवर्ड हेड पोस्चर (forward head posture) है और आपकी गर्दन की मसल्स कमज़ोर होने की पूरी संभावना होती है | [३]
  2. सिर के पिछले हिस्से को दीवार से टच करा कर सिर का सही पोस्चर पायें: ऐसा सोचें कि गर्दन के बेस से सिर से ऊपरी हिस्से की ओर एक रस्सी है | गर्दन को लम्बा बनाने के लिए ऊपरी हिस्से से रस्सी को ऊपर की ओर खींचें | इस प्रकार गर्दन का पिछला हिस्सा लम्बा हो जायेगा और ठोड़ी गर्दन के पिछले हिस्से की ओर अंदर और नीचे की ओर आ जाएगी | यह गर्दन और सिर का बिलकुल सही पोस्चर है |
    • ध्यान रखें कि आपको सिर को पीछे की ओर नहीं ले जाना है और गर्दन के पिछले हिस्से के कर्व को और नहीं बढ़ाना है | गर्दन के पिछले हिस्से पर लम्बाई बनाये रखने पर फोकस करें |
  3. यह सिर का बिल्कुल सही पोस्चर है और अपने शरीर को इसकी आदत होने दें | अपने पोस्चर के बदलाव को रिव्यु करने के लिए बार-बार इस पोजीशन में वापस आयें |
विधि 2
विधि 2 का 4:

टाइट मसल्स को स्ट्रेचेस (streches) से राहत दें

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  1. एक मसाज बॉल से ऑक्सीपिटल मसल्स (occipital muscles) को राहत दें: स्कल (skull) के बेस पर स्थित छोटी मसल्स जो सिर और गर्दन के मिलने वाली जगह पर होती हैं, ऑक्सीपीटल मसल्स कहलाती हैं | टाइटनेस के कारण बहुत दर्द और खिंचाव होता है और कई बार इससे सिरदर्द और चक्कर भी होते हैं | इन मसल्स में राहत पाने का सबसे अच्छा तरीका है -बॉल मसाज | इसके लिए कोई टेनिस बॉल, रैकेट बॉल, छोटा फोम रोलर या कोई भी इसी आकार की चीज़ का इस्तेमाल करें | चेहरा ऊपर कहते हुए पीठ के बल लेट जाएँ और स्पाइन से दोनों साइड स्कल के बेस पर गर्दन के नीचे बॉल रखें | [४]
    • अलग-अलग जगह पर सिर को एक साइड से दूसरी ओर घुमाएं | ऐसा लगभग 5 मिनट तक करें और ध्यान दें कि इससे दोनों ओर मसाज होती रहे |
  2. गर्दन के पिछले हिस्से की स्ट्रेचनिंग नियमित रूप से करें: सीधे खड़े हो जाएँ | अपनी ठोड़ी को छाती की ओर मोड़ें | अँगुलियों को आपस में फंसाकर सिर के पीछे रखें | [५] सिर को नीचे की ओर खींचें लेकिन सिर पर नीचे की ओर हल्का प्रेशर डालने के लिए अपनी भुजाओं का वज़न पड़ने दें |
    • 30 सेकंड तक इसी स्थिति में बने रहें | इसे 3 या उससे ज्यादा बार रिपीट करें |
  3. सीधे खड़े हों या बैठें | अपनी नाक को सीधा रखें और दाहिने कान को दाहिने कंधे के पास लायें | दाहिने हाथ को सिर के साइड में छोड़ दें और भुजा के वज़न से धीरे से खिंचाव पड़ने दें; गर्दन की बायीं साइड को स्ट्रेच करें | फिर से, सिर को एक्टिवली न' खींचें, सिर्फ अपनी भुजा के वज़न से हल्का ट्रैक्शन होने दें |
    • अगर कंधे आगे की ओर झुकें तो बायीं कोहनी को मोड़ें और हथेली को बाहर रखते हुए बायीं भुजा को पीठ के पीछे रखें (जब सिर दाहिनी ओर झुके) |
    • ऐसा प्रत्येक साइड 30 सेकंड तक करें और इसे 3 बार रिपीट करें |
  4. गर्दन के सामने स्थित स्टर्नोक्लिडोमेस्टोइड (SCM) मसल्स को रिलीज़ करें: स्टर्नोक्लिडोमेस्टोइड (sternocleidomastoid muscles) मसल्स ऐसी स्ट्रोंग, पतली मसल्स होती हैं जो गले के लगभग मध्य से लेकर कान के पीछे के निचले हिस्से को स्ट्रेच करती हैं (ये कॉलर बोन के एंड्स को मिडलाइन के नज़दीक कनेक्ट करती हैं) और गले के सामने की ओर थोडा V-शेप का डिवोट (divot) बनाती हैं | आप मसल्स के इस स्ट्रोंग बैंड को फील भी कर सकते हैं | इसे खोजें और अँगुलियों के बीच दबाते हुए या घुमाते हुए थोड़ी मसाज करें | [६] मसल्स की लम्बाई में ऊपर और नीचे की ओर मसाज करें |
    • गर्दन पर गहराई से तेज़ दबाव न डालें अन्यथा अन्य सेंसिटिव हिस्से चोटिल हो सकते हैं | मसाज का मोशन धीरे-धीरे खिंचाव वाला या SCM को गर्दन में दूसरे स्ट्रक्चर से थोडा दूर करते हुए ऊपर उठाने वाली होनी चाहिए |
    • सिर को दूसरी दिशा में घुमाने पर मसल्स में थोड़ी राहत अनुभव हो सकती है जैसे, नाक को सीधा रखते हुए सिर को बायीं ओर घुमाने पर दाहिनी ओर कि SCM फील हो सकती हैं |
  5. एक खुली जगह पर टहलें | अपने दाहिने हाथ को हथेली से दाहिनी साइड के दरवाज़े पर रखें | अब भुजा पर दरवाज़े के साइड की ओर दबाव डालते हुए कोहनी को 90 डिग्री के एंगल को मोड़ें | अपने दाहिने पैर से एक छोटा कदम आगे बढ़ें | अपनी भुजा से दरवाज़े को टच करते रहें | इससे कांख (armpit) के नज़दीक छाती के सामने की ओर स्थित पेक्टोरल मसल्स (pectoral muscles) पर खिंचाव अनुभव होगा | [७]
    • इस स्ट्रेच को 30 सेकंड तक होल्ड करें और फिर इसे दूसरी ओर भी रिपीट करें |
  6. कायरोप्रेक्टर्स (chiropractors) और मसाज थेरापिस्ट को गलत पोस्चर के कारण होने वाले दर्द के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उन्हें इस परेशानी को ठीक करना भी आता है | इसलिए किसी मसाज थेरापिस्ट या एक कायरोप्रेक्टर से सलाह लें और घर पर की जाने वाली एक्सरसाइज के बारे में पूछें |
विधि 3
विधि 3 का 4:

रोजमर्रा की आदतों के साथ अपने पोस्चर को सुधारें

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  1. मॉनिटर को ऊपर उठायें जिससे स्क्रीन का ऊपरी तिहाई हिस्सा आपकी आँखों के लेवल पर हो | मॉनिटर से अपनी आँखों के बीच की दूरी नापें और ध्यान रखें कि यह मॉनिटर, चेहरे से 18 से 24 इंच (45.7 से 61 सेंटीमीटर) की दूरी पर हो | आप कंप्यूटर में नीचे कुछ किताबे रखकर ऊंचा कर सकते हैं, लम्बी या छोटी डेस्क का इस्तेमाल कर सकते हैं या अपनी कुर्सी की हाइट को एडजस्ट कर सकते हैं | एक टेप से नापें कि आपका चेहरा कंप्यूटर स्क्रीन से कितनी दूरी पर है और अपनी कुर्सी को उसके अनुसार एडजस्ट करें | [८]
  2. अपने शोल्डर बैग या पर्स छोटे साइज़ के और कम वज़न वाले लें | अगर आपको ज्यादा सामना ले जाने की जरूरत हो तो केवल एक स्ट्रेप (strap) वाली किसी चीज की बजाय बैकपैक (backpack) का इस्तेमाल करें क्योंकि ये एक समान वेट डिस्ट्रीब्यूशन के लिए ही बनाये जाते हैं | [९] पूरे समय एक ही कंधे पर सारा वज़न न टांगें क्योंकि इससे एलाइनमेंट (alignment-एक सीध में खड़े होने का पोस्चर) असमान हो जाता है | नियमित रूप से वज़न को दोनों कन्धों पर बारी-बारी से बदलते रहें |
  3. डेस्क, कंप्यूटर या टीवी के सामने बैठे होने पर हर 30 मिनट में स्ट्रेच करें: अगर आप डेस्क पर या कंप्यूटर के सामने काम करते हैं तो गर्दन और पीठ के दबाव को कम करने के लिए बार-बार उठें और थोड़ी देर आस-पास घूमें | हर आधा घंटे में थोडा घूम-फिर कर लिया गया पॉज काफी असरदार साबित हो सकता है | हर दो घंटे में 30 सेकंड या एक मिनट के लिए गर्दन की स्ट्रेचिंग करें | ऐसा ही सोफे पर बैठकर टीवी देखने पर भी करें | [१०]
  4. अगर अधिकतर आपकी नींद गर्दन के दर्द के कारण खुलती है तो पूरी सम्भावना होती हैं कि आपके सोने का तरीका या पोस्चर सही नहीं है | सपोर्टिव नैक पिलो आपके सिर को तकिये के मध्य भाग में गिरने से बचाता है और यह पिलो के बॉटम भाग के घुमावदार (curved) नर्म सेक्शन से गर्दन को सहारा देता है |
  5. चलते समय, अपने कन्धों को पीछे और एक सीध में रखें | अपने शरीर को सीधा रखने के लिए कोर मसल्स (पेट की मसल्स) को अंदर की ओर खींचें | कूल्हों से प्रेशर हटाने के लिए अपने घुटनों को थोडा मोड़ें | अच्छे आर्च सपोर्ट वाले जूते खरीदें क्योंकि ये पोस्चर को सुधारने में काफी मदद करते हैं | [११]
  6. चलते समय अपनी ठोड़ी को जमीन के समान्तर रखें और एड़ी से पंजे की ओर गति देते हुए चलें | अपने पंजों या पीठ के घुमाव को न ताँके, अपने कूल्हों और पेट को अपने बांकी शरीर के साथ एक लाइन में मेन्टेन रखें | [१२]
  7. पोस्चर ब्रेस के इस्तेमाल से देखा गया है कि कन्धों को पीछे की ओर बल पड़ने और सिर को वर्टीब्री (vertebrea) की सीध में बनाये रखने से सही पोस्चर को मेन्टेन रखने में मदद मिलती है | प्रतिदिन पोस्चर ब्रेस के इस्तेमाल से न केवल सही पोस्चर को मेन्टेन करने में मद मिलती है बल्कि इससे कन्धों की स्थिति में भी सुधार आता है |
विधि 4
विधि 4 का 4:

एक्सरसाइज से अपनी गर्दन की मसल्स को मजबूती दें

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  1. ठोड़ी को पीछे ले जाएँ जिसे नोज नोड (nose nods) भी कहा जाता है: चेहरा ऊपर रखते हुए पीठ के बल लेट जाएँ, घुटने मोड़ लें और अपने पैरों के पंजों को जमीन पर सटाकर रखें जिससे कमर के निचले हिस्से पर तनाव न पड़े | अपनी नाक को छत के समानांतर (सीधा उपर की ओर) रखें | अपनी गर्दन को हिलाए बिना सिर को धीरे-धीरे ऊपर लायें | कल्पना करें कि आप अपनी नाक की टिप से एक मेहराब (arc) बना रहे हैं | ये मूवमेंट बहुत धीरे-धीरे करें | [१३]
    • धीरे-धीरे नाक को उसकी वर्टीकल पोजीशन में वापस लायें | इस प्रक्रिया को 10 बार रिपीट करें | थोड़े दिन बाद इन रिपीटीशन्स को बढ़ा कर 20 बार तक कर दें | अगले सप्ताह, नोज नोड्स के 2 से 3 सेट्स हर दिन करें | इन मोशन को करने की आदत होने पर, आप इन्हें दीवार के सामने खड़े होकर या दीवार से दूर खड़े होकर भी कर सकते हैं |
  2. कंधे की हड्डी पर दबाव (shoulder blade squeezes) की प्रैक्टिस करें: एक कुर्सी पर सीधे बैठ जाएँ | गर्दन सीधी रखें और जमीन से 90 डिग्री के एंगल पर घुटने मोड़ें | अब दोनों कन्धों की हड्डियों को एकसाथ दबाएँ | इस पोजीशन में 3 सेकंड तक इस तरह बने रहें जैसे आप अपने कन्धों की हड्डियों के बीच किसी टेनिस बॉल को पकडे रहने की कोशिश कर रहे हों | रिलैक्स पोजीशन में आने के लिए अपनी पकड को धीरे-धीरे ढीला छोड़ें |
    • अगर तनाव के कारण कानों के नज़दीक कुछ रेंगने जैसी फीलिंग हो तो तुरंत कंधे सीधे कर लें | अपनी भुजाओं को साइड्स में छोड़ दें |
    • इस एक्सरसाइज को 10 बार नियंत्रित रूप से रिपीट करें | इसे बढ़ाते हुए 10 सेकंड तक होल्ड करें और फिर गर्दन की मसल्स में ताकत आने पर 2 से 3 सेट्स हरदिन करें |
    • जो लोग अपना काफी समय डेस्क या कंप्यूटर के सामने गुजारते हैं उनमे छाती में खिंचाव और पीठ की मसल्स कमज़ोर होना बहुत आम बात होती है | इसे कारण कंधे आगे की ओर झुके रहते हैं | यह एक्सरसाइज इस गलत पोस्चर को सुधारने में मदद करती है |
  3. एडवांस चिन रिट्रैक्शन (advanced chin retraction) से गर्दन घुमाने की रेंज सुधारें: एक कुर्सी पर बैठे या सीधे खड़े हो जाएँ | थोड़ी देर तक ठोड़ी को पीछे हटाने/सिर को हिलाने की प्रैक्टिस करें | ठोड़ी को पीछे की ओर लायें और नाक को थोडा नीचे लायें | चिन रिट्रैक्ट होने पर गर्दन से ठोड़ी को समान दूरी पर बनाये रखें लेकिन अपने सिर के ऊपरी हिस्से को पीछे की ओर ले जाएँ |
    • थोड़ी देर रुकें और फिर धीरे-धीरे हिलाएं, और अपने सिर को अपराईट (upright) पोजीशन में वापस ले आयें | अब, ठोड़ी को पीछे हटा लें | इसे 10 बार करें और करते-करते इसके रिपीटेशन और सेट्स बढाते जाएँ |
    • एक्सरसाइज के दौरान याद रखें कि आपको अपनी गर्दन की आर्च (arc) को बढ़ाने की कोशिश नहीं करनी है | अपने सिर को पीछे की ओर नेचुरल और सही पोस्चर में ही झुकाना है | जो लोग लम्बे समय तक सिर को आगे की ओर रखते हैं, उनको शुरुआत में एक्सरसाइज करने में काफी परेशानी हो सकती है |

सलाह

  • मांसपेशियों की थकान से बचने के लिए हमेशा धीरे-धीरे एक्सरसाइज करें | पहले सेट से शुरुआत करें और जैसे-जैसे स्ट्रोंग होते जाएँ, धीरे-धीरे सेट और रिपीटिशन बढाते जाएँ मांसपेशीय थकान से पीठ पर असंगत पोस्चर वाले दबाव की रिस्क बढ़ जाती है जिसकी आपको आदत पड़ जाती है |

चीज़ें जिनकी आवश्यकता होगी

  • एर्गोनोमिक (ergonomic) कंप्यूटर सेटअप
  • सपोर्टिव नैक पिलो

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