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तो आप को किसी नए प्रॉजेक्ट के लिए कुछ अलग सोचने का बोला गया है, या फिर आप अपनी किसी नॉवेल के लिए कुछ अलग सोचना चाहते हैं? इस में चिंता जैसी कोई बात नहीं है! यह भी एक कला ही है, और इसे अभ्यास कर के ही विकसित किया जा सकता है। अपनी रचनात्मक कला को विकसित करने के लिए, नीचे दिए गए पहले चरण से शुरुआत करें।

विधि 1
विधि 1 का 3:

कुछ रचनात्मक समाधान लाना

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  1. रचनात्मकता को अपनाने के लिए, आप को अपनी कठिन दिनचर्या से दूर रहना होगा। यदि आप हर दिन एक ही जैसा काम करेंगे, तो आप के पास सोचने लायक कुछ भी नहीं रह जाएगा, यह विचार अपनाना, रचनात्मक लोगों के लिए बहुत ही सफल रहा है। इस का सीधा तात्पर्य, कुछ समय लेकर रचनात्मकता की ओर ध्यान लगाने से है। [१]
    • नहाएँ, शॉवर लें: नहाने को लेकर सच में कुछ दिलचस्प विचार हैं, कहा जाता है, कि इंसान के मन में नहाते समय बहुत सारे रचनात्मक विचार जन्म लेते हैं (हाँ लेकिन जब तक आप के हाथ में पेन और पेपर आता है, तब तक ये विचार गायब भी हो जाते हैं)। यदि आप किसी विचार पर ही अटक गये हैं, तो शॉवर के नीचे जाएँ, और अपने साथ पेन और पेपर भी ले कर जाएँ, फिर देखें कितने विचार आप के मन में आते हैं।
    • पैदल चलने जाएँ। शॉवर लेने की ही तरह, पैदल चलने से भी रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता है। भले ही आप इस तरह से पैदल चलकर अपने इस रचनात्मक प्रॉजेक्ट की शुरुआत करना चाह रहे हों, या फिर इस प्रॉजेक्ट का ही एक हिस्सा हो, लेकिन पैदल चलने से आप की रचनात्मक विचारों में बढ़ोत्तरी होगी। कभी-कभी पैदल चल कर किसी काम को करने से हमारे मन में उसे करने का कोई नया तरीका उत्पन्न हो जाता है।
    • अपने इस स्वाभाविक दिनचर्या में और रचनात्मक विचारों को दिए जाने वाले समय के बीच में पर्याप्त मानसिक अंतर रखें। किसी एक लेखक का उदाहरण ही ले लें, वे हमेशा ही अपने आसपास की चीज़ों को देखकर ही कुछ लिखना शुरू करते हैं। उन्हें लगता है, कि हमारे आसपास बहुत रचनात्मक चीज़ें मौजूद हैं, और इन से प्रेरणा लेना हमारे ऊपर निर्भर करता है।
  2. अपने अंदर से विचारों की बौछार कर दें। चाहे जिस भी तरह के विचार हों, इन को बाहर आने दें। इस तरह के मंथन से आप को अपनी सोच को खोल सकेंगे, और इस तरह से आप किसी एक पुराने ही विचार पर भी ज़्यादा समय तक अटके नहीं रह पाएँगे। [२]
    • इस तरह के विचारों के मंथन का तात्पर्य, किसी संभव या असंभव बात को सोचने से नहीं है। जब आप विचारों का मंथन करें, तो खुद को सीमाओं में बांधना बंद कर दें। यह ना सोचें कि आप के लिए क्या कर पाना संभव है और क्या असम्भव, इस समय हर तरह के विचारों का स्वागत करें, फिर भले ही कितना भी मजाकिया, तुच्छ या काम के लायक ना हो। यदि आप इस चरण में खुद को सीमाओं में बाँध लेंगे, तो शायद आप प्रगति नहीं कर पाएँगे।
    • इस अवस्था में खुद से कोई भी बात ना कहें, क्योंकि यह आप की सोचने की क्षमता को कम कर सकती है, और जिस से फिर कोई फायदा नहीं होगा। ध्यान दें, जब भी आप इस तरह की बातें बोलें: "यह काम नहीं करेगा," "हमने ऐसा पहले कभी नहीं किया," "हम इस समस्या को नहीं सुलझा सकते," "हमारे पास पर्याप्त समय नहीं है" तो संभाल जाएँ। [३]
    • उदाहरण के लिए, मान लेते हैं कि: आप अपनी नई कहानी लिखते वक़्त कहीं पर अटक गये। तो अपनी कहानी के अगले चरण में इस परेशानी को शामिल ना कर के, कुछ ऐसे विचारों को मन में लाएँ, जो इसे आगे बढ़ाने में मददगार हों, जैसे अब आगे क्या होगा या यदि आप पर इस कहानी को लिखने की कोई सीमा ना होती, तो आप इसे किस तरह आगे बढ़ाते।
  3. अपनी इस समस्या को एक नए अंदाज़ में देखने से भी आप को इस के लिए कुछ रचनात्मक समाधान पाने में मदद होगी। ऐसे किसी रास्ते के बारे में सोचें, जिस से इस समस्या का समाधान हो सके, और जिसे पहले किसी ने भी ना सोचा हो। किसी भी चीज़ को एक अलग नजरिये से देखकर आप को उस के समाधान पाने की अलग संभावनाओं का पता चलेगा। आप चाहें तो इन समस्याओं को ड्रा कर के भी इन के समाधान ढूंढ सकते हैं। [४] [५]
    • समस्या को ऊपर से नीचे तक देखें। किसी भी चीज़ को उलट-पुलट कर देखने से, आप का दिमाग़ और भी सही तरीके से इस के बारे में सोच सकता है, कि किस जगह पर क्या होना चाहिए। यह बहुत सारी काल्पनिक समस्याओं के लिए मददगार साबित होता है।
    • उदाहरण के लिए, किसी कहानी को लिखते वक़्त, आप इस विचार में खो जाते हैं, कि किस तरह से आप के नायक को कहानी के किसी एक परिस्थिति पर लाया जाए, तो खुद से पूछें "क्या इस पात्र को सच में नायक होना चाहिए? यह कहानी में नायक की तरह ही अन्य पात्र हों, तो यह एक साथ किस तरह से काम करेंगे?
    • पीछे से काम करें। कभी-कभी हमें पहले समाधान पर ध्यान केंद्रित करना होता है, और फिर इस समाधान के साथ ही पीछे की ओर से आगे बढ़ना होता है। उदाहरण के लिए, आप एक न्यूज़पेपर में विज्ञापन के लिए काम करते हैं। और क्योंकि पेपर को विज्ञापन नहीं मिल रहे हैं इस लिए इस में घाटा हो रहा है। तो इस की शुरुआत आख़िर से करें, सोचें कि इसे बहुत सारे अच्छे विज्ञापन मिल रहे हैं। इस के बाद कुछ अच्छे बिजनेस ग्रुप्स से जुड़ कर अपने बिजनेस को बढ़ाने पर ध्यान देना शुरू कर दें।
  4. इस तरह से आप को समस्या की सारी जानकारी और इस के पैटर्न को समझने में मदद होगी। जब आप सीमा से परे कुछ सोचने की कोशिश कर रहे हैं, तो सपने देखना आप के लिए और भी ज़रूरी बन जाता है, इस से आप कुछ ऐसे संबंधों को सोच पाएँगे, जिन्हें आप ने पहले कभी ना सोचा हो। और अक्सर आप का सब से अच्छा विचार दिन में सपने देखते वक़्त ही आता है। [६]
    • खुद को सपने देखने का समय दें। टीवी, फ़ोन या कंप्यूटर बंद कर दें। यदि आप निरंतर रूप से किसी भी ऐसी चीज़ से जुड़े रहेंगे, जो आप को विचलित कर पाए, तो आप के दिमाग़ को शांत होने में और कुछ भी सोच पाने में समस्या होगी।
    • आप इन सपनों को पैदल टहलते वक़्त या नहाते वक़्त भी देख सकते हैं (पैदल चलने और नहाने के लिए दिए जाने वाले समय का यही कारण है, कि आप कुछ रचनात्मक सोच पाएँ)। सुबह उठने से पहले सपने देखें या फिर सोते समय नींद आने से पहले।
  5. जब आप को सीमा से बाहर का कुछ सोचने में तकलीफ़ का अनुभव हो, तो कुछ मानक तय करने का यही सही वक़्त है। इस से आप को ऐसा लग सकता है, कि ये आप की रचनात्मकता को बाधा पहुँचाएंगे, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, इन मानकों को तय करने से आप के विचार और भी ज़्यादा खुल जाएँगे। [७]
    • व्यापक शुरुआत आप के ऊपर दबाव डाल सकती हैं। उदाहरण के लिए: "मैं किस तरह से विक्री को बढ़ाऊँ" बोलने के बजाय खुद से प्रश्‍न करें "मैं किस तरह से विज्ञापन क्षेत्र में अपने बिज़नेस को बढ़ावा दूं? या फिर "मैं किस तरह से अपने बिज़नेस विज्ञापन पाने के लिए प्रोत्साहित करूँ?"
    • आप अभी भी खुद से सीधे सवाल कर रहे हैं और बहुत ही बड़े विचारों को साथ में लेकर सोच रहे हैं, लेकिन आप अपने विचारों को किसी विशेष चुनौती पर केन्द्रित कर रहे हैं। इस तरह से आप के अन्दर और भी विशेष विचार जन्म लेंगे।
    • एक और उदाहरण, खुद से पूछना कि "मैं किस तरह से एक ऐसा नॉवेल (novel) बनाऊँ, जो बाज़ार में मौजूद अन्य सभी नॉवेल से अलग हो?" आप इस कहानी के सबसे जरुरी पात्र के बारे में सोचेंगे: "मुख्य पात्र कौन होने वाला है? क्या यह पात्र अन्य मुख्य पात्रों कि तरह ही है?" या यह एक काल्पनिक नॉवेल है?
    • या फिर आप खुद से ऐसा कहेंगे कि मुझे यह कहानी फिर से लिखना होगी, क्योंकि मेरे पात्र के पास में कोई भी जादुई ताक़त नहीं है।
  6. डर ही आप की रचनात्मकता को पकड़ कर रखता है। आप का डर, हमेशा आप को सिर्फ़ उसी रास्ते पर जाने का कहता है, जो आप जानते हैं, कि सीधा है। लेकिन आप जब अपने सब से खराब स्थिति का विचार मन में लाते हैं, तो ना सिर्फ़ आप इस से निपटने की तैयारी कर पाते हैं, बल्कि इस स्थिति के बारे में भी समझ पाते हैं, और इस के बाद आप को अहसास होगा, कि यह रास्ता इतना भी कठिन नहीं है, कि इस पर चला ही ना जाए।
    • हम उसी विज्ञापन वाले उदाहरण को लेते हैं: क्या होगा यदि आप अपने पेपर में विज्ञापन देने वालों के लिए भारी छूट के साथ कोई लंबे समय तक चलने वाली एक योजना प्रस्तावित कर दें (जैसे कीमत में कमी, सारी सुविधाएँ कम दाम में देना)। हाँ, लेकिन इस में भी आप के साथ बुरा हो सकता है, यदि कोई भी इस ऑफर को ना स्वीकारे और आप को इस के कारण घाटा हो। तो कुछ ऐसी योजनाएँ साथ में लेकर चलें, जो इन स्थितियों में आप का साथ दे सकें।
    • नॉवेल वाले उदाहरण में: आप की सब से खराब स्थिति यह होगी, यदि कोई पब्लिशर सिर्फ़ इसलिए आप की नॉवेल को प्रकाशित ही ना करना चाहता हो क्योंकि उसे बाज़ार में मौजूद अन्य नॉवेल के जैसी ही एक नॉवेल चाहिए।
विधि 2
विधि 2 का 3:

अपनी रचनात्मकता को लंबे समय तक बनाए रखना

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  1. नकारात्मकता ही आप को आगे बढ़कर सोचने से, सब से ज़्यादा रोकती है। निरंतर रूप से ऐसा सोचना कि मैं कभी कुछ रचनात्मक नहीं सोच सकता या हर एक विचार को हर वक़्त बहुत अलग सा ठहराना, आप की सोचने की क्षमताओं को सीमित देता है। [८]
    • अपने विचारों को कभी ना दबाएँ। आप के मन में एक अलग नॉवेल लिखने का विचार आते ही, आप ऐसा सोच लें कि "मैं इसे लिख सकता हूँ?" ऐसा सोचकर आप सच में कभी भी इसे नहीं लिख पाएँगे।
    • जब भी आप खुद को किसी नकारात्मक विचार से घिरता हुआ पाएँ, तो उसी वक़्त अपने मन को किसी और सकारात्मक विचारों की ओर ले जाने की कोशिश करें। उदाहरण के लिए: जब भी आप के मन में ऐसा कोई विचार आए कि "मैं इस तरह से बदलाव कर के कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता" तो यहाँ पर खुद को रोकें और कहें "मैं देखना चाहता हूँ, कि ये सारे बदलाव किस तरह से काम आते हैं।"
  2. किसी भी कला की ही तरह, रचनात्मकता में कुशलता पाने के लिए हर समय अभ्यास की ज़रूरत होती है। भले ही आप के सामने ऐसी परिस्थितियाँ ना हों, जिन में आप को रचनात्मक तरीके से सोचने की ज़रूरत हो, लेकिन फिर भी आप अपनी इस सृजनकारी सोच को आगे बढ़ाते रहें। यह आप की तब मदद करेगी, जब आप अचनाक किसी ऐसी परिस्थिति में फँस जाएँगे, जहाँ पर आप को खुले विचारों की ज़रूरत हो। [९]
    • किसी भी शब्द में मौजूद अक्षरों को क्रमानुसार व्यवस्थित करें। किसी भी पेपर, मैगज़ीन या कहीं और से एक शब्द लें। जैसे: NUMBER अब इसे क्रमानुसार व्यवस्थित करें, तो यह होगा; B-E-M-N-R-U, अब आप सोच रहे होंगे, ऐसा क्यों किया, यह एक तरह की दिमाग़ की कसरत है, जिसे कर के आप को यह समझ आएगा कि आप किसी भी चीज़ में मौजूद जानकारी का उपयोग कर, कुछ बहुत ही अलग सा सोच सकते हैं। इस तरह से आप का दिमाग़ हर समय कुछ ना कुछ अलग सोचने के काबिल बनेगा।
    • अपने घर में मौजूद चीज़ों का कुछ अलग तरह से उपयोग करना सीखें। इस तरह से आप हर स्थिति को कुछ असामान्य दृष्टिकोण के साथ में देख पाएँगे। उदाहरण के लिए: किताबों से एक टेबल बनाना या किसी अच्छे से डब्बे में पौधा लगाना।
  3. इस तरह के रचनात्मक विचार तभी मन में आते हैं, जब आप भी कुछ अलग काम करते हैं, तात्पर्य यह है कि यदि आप हर रोज़ एक ही समान कार्य करेंगे, तो यह तो आप की आदत बन जाएगा, फिर कहाँ से कुछ नया सोच पाएँगे। बदलाव आप की रचनात्मकता को बढ़ावा देते हैं। [१०]
    • अपनी सुलभता से बाहर निकलें। कुछ नई चीज़ें, विशेष रूप से जिन्हें आप ने पहले से ना सोच रखा हो, करना आप को हर परिस्थिति का बहुत आसानी से सामना करना सिखा देता है। यह आप में खुले विचारों को आने देता है और आप को कुछ नए विचारों और परिस्थितियों से अवगत कराता है, जिन से आप को कुछ अप्रत्याशित परिस्थियों से निपटने में मदद मिलती है।
    • स्वाभाविक बनें। कुछ ऐसी चीज़ें करें, जिन्हे आप ने पहले कभी ना सोचा हो। यह आप को परिस्थिति को स्वीकारने और समस्याओं से उभरने की प्रेरणा देगा।
    • छोटी-छोटी चीज़ें बदलें। जैसे, ऑफिस से घर तक हर दिन अलग-अलग रास्ते से जाएँ। हर बार एक अलग शॉप पर जाएँ।
  4. इस तरह से आप को, अपने से अलग क्षेत्र के लोगों की सोच का अनुभव होगा, इस क्षेत्र के लोग किस तरह से सोचते हैं और आप इस नए क्षेत्र के लिए अपने विचार भी पेश करें। यह क्षेत्र आप के क्षेत्र से एकदम अलग हो सकता है, लेकिन इस तरह से आप को अपने क्षेत्र के लिए कुछ दृष्टिकोण प्राप्त होंगे।
    • उदाहरण के लिए: वह विज्ञापन वाला व्यक्ति किसी मनोवैज्ञानिक क्षेत्र के बारे में विचार करे या वह जिन बिजनेस से विज्ञापन देने की माँग कर रहे हैं, उन के बारे में सोचे।
    • नॉवेल का लेखक, प्रेरणा पाने के लिए, अपने चुने हुए विषय से अलग विषय, के बारे में सोच सकता है।
  5. आप अपने विचारों के दायरे को जितना बढ़ाएँगे, आप का दिमाग़ उतना ही ज़्यादा सोचने-समझने के लायक बन पाएगा। आप का दिमाग़ जितनी ज़्यादा जानकारियाँ इकट्ठा करेगा, यह उतना ही ज़्यादा असाधारण विचार सोच सकेगा।
    • अपने क्षेत्र से अलग क्षेत्र की क्लास करें। ये कुछ भी हो सकता है, जैसे कुकिंग क्लास (यदि आप एक शेफ नहीं हैं) या म्यूज़िक क्लास। अब आप इन क्लास में सीखी हुई बातों का उपयोग अपने इस काम में कर सकते हैं।
    • एक नई भाषा सीखें। इस से ना सिर्फ़ आप का दिमाग़ तेज़ होगा और नए लोगों से संबंध जुड़ेंगे, बल्कि यह आप के अंदर नये विचारों के आने के रास्ते खोल देगा। विज्ञापन वाले व्यक्ति को अलग-अलग भाषा में विज्ञापन देना सीख लेना चाहिए, ताकि उस की भाषा से अलग भाषा वाले लोग भी उस से विज्ञापन करवा पाएँ।
विधि 3
विधि 3 का 3:

सृजनात्मक ढंग से अन्य लोगों के साथ में जुड़ना

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  1. हर मनुष्य अपने अंदर एक सामाजिक प्रवत्ति रखता है। आप की सोच और भी ज़्यादा अच्छी होगी, यदि आप के आसपास आप को प्रेरणा देने वाले लोग मौजूद होंगे।
    • यह आप के लिए तब और भी मददगार साबित होगा, जब आप के मित्र, आप से अलग क्षेत्र के होंगे। इस तरह के लोग आप को कुछ ऐसे विचार दे सकते हैं, जिन्हें आप या आप के क्षेत्र के लोग नहीं सोच पाते।
    • आप को अपने क्षेत्र से बाहर की चीज़ें क्यों करना चाहिए, उस का यही एक और कारण है। यही वह जगह है, जहाँ पर आप कुछ ऐसे लोगों से मिल सकेंगे, जो आप की सृजनात्मक सोच को टक्कर देंगे।
  2. अन्य लोगों के विचारों पर ध्यान देकर आप अपने खुद के नए विचारों को जन्म दे पाएँगे। जैसे कि एम एफ हुसैन (एक उदाहरण) उन्होंने अपनी पेंटिंग्स के लिए प्रेरणा, अपने आसपास के माहौल से ही ली। अन्य लोगों के विचारों पर ध्यान देना, आप के सकारात्मक विचारों को बढ़ाने में मदद करेगा।
    • आप खुद महसूस करेंगे, कि लोग किस तरह से अपनी सीमा के परे सोचते हैं। अन्य लोगों की सोच और सोचने का तरीका आप की स्थिर सोच को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। आप कुछ ऐसे भी सोच सकते हैं, कि मेरी इस विज्ञापन संबंधी समस्या को मेरा कोई पेंटर फ्रेंड किस नजरिये से देखेगा?
    • आप कुछ प्रसिद्ध आविष्कारी लोगों के विचारों पर भी ध्यान दे सकते है। किसी काम को पूरा करने में उपयोग किए गए उन के विचारों पर ध्यान दें। उन के द्वारा अपनी इस रचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करने वाले अभ्यासों पर ध्यान दें (जैसे एम ऍफ़ हुसैन की पेंटिंग्स, ए आर रहमान का संगीत या फिर अमिताभ बच्चन की अदाकारी) और आप भी उस पर अमल करें।
  3. शांत रहकर लोगों के विचारों को सुनना भी, सृजनात्मक सोच को बढ़ावा देने का ही एक तरीका है। इस तरह से आप सच में लोगों के विचारों को सुनेंगे और उन विचारों को कभी नहीं दोहराएँगे, जो किसी और के द्वारा बोले जा चुके हों। इस तरह से आप के अंदर बोलने से पहले सोचने की आदत का भी निर्माण होगा। और क्या पता किसी की कौन सी बात से आप को कुछ नया करने की प्रेरणा मिल जाए।
    • उदाहरण के लिए: विज्ञापन वाला इंसान, ऐसे किसी बिज़नेसमेन को अपना ऑफर बेचने की कोशिश कर रहे हैं, जो न्यूज़पेपर से नफ़रत करता हो। यदि वे आप के सुझाव को ही नहीं सुनेंगे (जैसे उन्हें लगता हो कि उन के विज्ञापन को इतनी ज्यादा महत्वता नहीं दी गई हो, या फिर उन्हें न्यूज़पेपर में मौजूद कोई चीज़ पसंद नहीं आती हो) तो आप के विचारों अच्छे से नहीं समझ पाएँगे और एक अच्छे प्रस्ताव को ठुकरा देंगे।
  4. ध्यान रखें, कि आप ऐसे विचार प्रस्तावित कर रहे हैं, जो सामान्य से कुछ अलग हों या कहिए "असाधारण" हों: यही एक ऐसी बात है, जिसे आप को किसी व्यक्ति को अपने विचार बताते वक़्त याद रखना होगा, विशेष रूप से जब आप बिज़नेस से संबंधित कोई प्रस्ताव रख रहे हैं। कभी-कभी इस तरह के विचार भी किसी काम के नहीं होते।
    • इस बात पर भी ध्यान दें, कि आप के विचार हर समय सही काम नहीं करेंगे। यह ठीक है! यह भी सीखने की प्रक्रिया का ही एक हिस्सा है और इस लिए आप को कुछ बुरी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर आगे बढ़ना होगा।

सलाह

  • अपनी सुलभता के क्षेत्र से आगे की सोचने की इच्छा मन में लेकर आगे बढ़ें। यह बहुत ही मजेदार है और इस तरह से आप कुछ नई रुचियाँ और नए लोगों से मिल पाएँगे।
  • कुछ ऐसी चीज़ों को भी पढ़ें, जो आप के क्षेत्र की ना हों। जैसे, यदि आप को आपराधिक कहानियाँ पढ़ना पसंद नहीं है, फिर भी इन्हें पढ़ें और देखिए किस तरह यह आप के सोचने की क्षमता को प्रभावित करते हैं।

चेतावनी

  • अपने सोचने के तरीके को बदलना कोई आसान कम नहीं है। धैर्य रखें। और इस यात्रा का आनंद लें।

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