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एक होममेड या खुद से बनाया बोर्ड गेम, अगली बार लोगों के साथ में गेम खेलने के दौरान सभी लोगों को इम्प्रेस करने का एक बहुत अच्छा तरीका होता है। लेकिन इसके पहले कि आप सबके सामने अपनी इस खोज को पेश करें, आपको उसके बेसिक्स, जैसे कि लक्ष्य और नियम डिजाइन करने होंगे। जैसे ही आप इसे कर लेते हैं, फिर आप उसके एक प्रोटोटाइप (prototype) या एक टेस्ट गेम मॉडल को चेक करने के लिए रेडी हैं, ताकि आप आपकी डिजाइन को टेस्ट कर सकें। टेस्टिंग के दौरान उसकी सभी बारीकियों के ऊपर काम करने के बाद, फिर आपको सिर्फ उसके एक पॉलिश्ड फिनिश्ड प्रॉडक्ट को तैयार करना है।

विधि 1
विधि 1 का 4:

गेम डिजाइन करना

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  1. आपको खुद भी नहीं मालूम कि कब कौन सी परफेक्ट इन्स्पिरेशन या प्रेरणा अपना काम करके दिखाने वाली है। आपको शायद ऐसे दो अलग आइडिया भी मिल सकते हैं, जिनसे एक गेम कान्सैप्ट तैयार हो जाता है। एक नोटबुक में, आपके कंप्यूटर पर या फिर आपके फोन के नोट रखने वाले एप पर, अपने आइडिया का लॉग रखें।
    • आप जब गेम खेल रहे हों, उस दौरान अपने नोट-टेकिंग टूल्स को अपने पास में रखना भी खासतौर से मददगार हो सकता है। गेम खेलने के दौरान भी आपके मन में अपने गेम के बारे में परफेक्ट आइडिया आ सकते हैं।
    • जब इन्स्पिरेशन के लिए स्टोर से खरीदे बोर्ड गेम्स का यूज करें, तब खुद से पूछें, “इस गेम को बेहतर बनाने के लिए मैं क्या कर सकता हूँ?” ये सवाल अक्सर आपको कुछ इंट्रेस्टिंग नई खोज की तरफ लेकर जा सकता है। [१]
  2. थीम गेम की “फील (feel)” होती हैं और इन्हें गेम के “जॉनर (genre)” की तरह भी जाना जाता है। गेम्स में एक सिम्पल "गेम को खत्म करके आखिर तक पहुँचने की थीम" होती है। कॉम्प्लेक्स वारगेम्स में कॉन्फ़्लिक्ट्स, प्लेयर पॉलिटिक्स और गेम पीस प्लेसमेंट स्ट्रेटजी रहती हैं।
    • आप शायद आपके फेवरिट नॉवेल, कॉमिक बुक या टीवी सीरीज से भी आपके गेम की थीम के लिए इन्स्पिरेशन की तलाश कर सकते हैं।
    • थीम्स तैयार करते समय अक्सर मिथालॉजी और लेजेंड्स का इस्तेमाल किया जाता है। कॉमन एलीमेंट्स में वेम्पायर, चुड़ैल, विजार्ड्स, परी, भूत, नोम (gnomes) और भी बहुत कुछ शामिल होता है। [२]
  3. वैकल्पिक रूप से, अपने गेम को डेवलप करने के लिए मेकेनिक्स का इस्तेमाल करें: मेकेनिक्स हमेशा प्लेयर्स के लिए गेम के साथ और एक-दूसरे के साथ में इंटरेक्ट करने के तरीके होते हैं। मोनोपोली या एक से अधिकार में, मेकेनिक्स डाइस रोलिंग, प्रॉपर्टी खरीदने/बेचने और पैसे बनाने के ऊपर ही केन्द्रित होती है। एक्सिस एंड एलीज़ (Axis & Allies) के मेकेनिक्स में एक बड़े बोर्ड के ऊपर पूरे में पीस को मूव करते रहने और डाइस रोल्स के साथ प्लेयर कॉन्फ़्लिक्ट्स को सुलझाना शामिल होता है। [३]
    • कुछ लोगों के मन में एक मेकेनिक आती है और फिर वो उसी के इर्द-गिर्द एक थीम तैयार करते हैं, वहीं कुछ के मन में एक अच्छी थीम आ जाती है और फिर वो उस थीम से मैच होती हुए एक मेकेनिक्स को बनाने के ऊपर काम करते हैं। थोड़ा खोज करें और पता करें कि आपके लिए क्या बेहतर काम करता है।
    • इस्तेमाल करने के लायक कुछ कॉमन मेकेनिक्स, जो शायद आपको भी अच्छी लगें, उनमें टर्न, डाइस रोलिंग, मूवमेंट, कार्ड निकालना, टाइल बिछाना, ऑक्शन करना और भी बहुत कुछ शामिल हैं।
  4. आपके प्लेयर्स की उम्र की सीमा आपके बोर्ड गेम की कॉम्प्लेक्सिटी और उसके नियमों के ऊपर असर डालेगी। अगर आप बच्चों के लिए गेम डिजाइन कर रहे हैं, तो अच्छा होगा कि आप आपके गेम को सिम्पल, आसानी से समझने के लायक और मजेदार रखें। एडल्ट्स के लिए, आप थोड़ा कॉम्पटिटिव, एक्साइटिंग और मुश्किल गेम बना सकते हैं।
    • उम्र की सीमा को निर्धारित करते समय अपनी थीम को भी ध्यान में लेकर चलें। एक जॉम्बी हंटिंग शायद बच्चों के लिए ठीक नहीं रहेगा, लेकिन ये ऐसे एडल्ट्स के लिए अच्छा होगा, जो जॉम्बी टीवी शो के फैन हैं। [४]
  5. अपने गेम के लिए प्लेयर, टाइम और साइज लिमिट्स सेट करें: कुछ गेम्स बोर्ड के साइज, प्लेयर्स के नंबर या फिर कार्ड के नंबर के हिसाब से सीमित होते हैं। गेम बोर्ड साइज और कार्ड्स के नंबर इस बात पर असर डालेंगे कि कोई प्लेयर किस तरह से आपके गेम में खेलने वाला है। लिमिट्स को सेट करते समय, इनके बारे में सोचें:
    • आपके गेम में सपोर्ट किए जाने वाले प्लेयर्स की संख्या। क्या ये गेम केवल दो प्लेयर्स वाला ही होगा? ज्यादा लोगों के बारे में क्या ख्याल है? क्या उसमें काफी कार्ड्स/टोकन रहेंगे?
    • आपके गेम की एवरेज लेंथ। इसके साथ ही, फर्स्ट प्लेथ्रो सबसे लंबा होने वाला है। प्लेयर्स को रूल्स सीखने में समय लगेगा।
    • आपके गेम का साइज। बड़े गेम्स और डेक्स आमतौर पर गेम को ज्यादा मुश्किलें देंगे और साथ ही इन गेम के टाइम को बढ़ाएँगे, लेकिन साथ में ये आपके गेम को कम पोर्टेबल या मूव नहीं होने लायक भी बना देगा।
  6. जैसे ही आपके पास में आपके गेम के पीछे के बेसिक आइडिया लिखे मिल जाएँ, फिर खुद से पूछें, “गेम में जीतने की कंडीशन या शर्तें क्या होंगी?” प्लेयर्स के जीतने के अलग-अलग तरीकों के बारे में सोचकर देखें और अपने गेम को बनाते समय उन्हें ध्यान में लेकर चलें। [५]
    • रेस गेम्स में प्लेयर्स बोर्ड के आखिर तक पहुँचने की जल्दी में रहते हैं। इस तरह के गेम्स में, फाइनल स्क्वेर पर पहुँचने वाला पहला प्लेयर जीत जाता है।
    • पॉइंट बनाने वाले (Point-gain) गेम्स में प्लेयर को विक्ट्री पॉइंट्स या स्पेशल कार्ड्स के जैसे अवार्ड्स इकट्ठे करने होते हैं। गेम के आखिर में, सबसे ज्यादा अवार्ड वाला प्लेयर गेम जीत जाता है।
    • कोओपरेटिव गेम्स में प्लेयर्स को एक साथ मिलकर सबमरीन को रिपेयर करने या किसी वायरस को फैलने से रोकने के जैसे किसी कॉमन गोल या मकसद को पूरा करने के लिए आगे बढ़ते हैं।
    • डेक-बिल्डिंग गेम्स में कार्ड को साथ में मूव करना शामिल होता है। प्लेयर्स गेम के गोल्स को पूरा करने के लिए, खुद को मजबूत बनाने के लिए हासिल करते, चोरी करते या कार्ड्स ट्रेड करते हैं। [६]
  7. गेम के ऊपर काम करते हुए ये बेशक बदलने वाले हैं, लेकिन एक बेसिक रूल्स का सेट रहना आपको गेम की टेस्टिंग को तेजी से शुरू करने की इजाजत दे देता है। अपने रूल्स को लिखते समय, इन बातों को अपने ध्यान में रखकर आगे बढ़ें:
    • स्टार्टिंग प्लेयर: कई गेम्स में डाइस को रोल करके या फिर कार्ड्स को निकालकर पहले प्लेयर को चुना जाता है। सबसे ज्यादा नंबर या बड़े कार्ड वाला प्लेयर पहले गेम खेलना शुरू करता है। [७]
    • प्लेयर फेज (player phase): प्लेयर्स उनकी टर्न के दौरान क्या कर सकते हैं? टर्न टाइम को बैलेंस करने के लिए, ज़्यादातर गेम्स में एक टर्न के दौरान केवल एक या दो प्लेयर एक्शन ही किए जा सकते हैं।
    • प्लेयर इंटरेक्शन (Player interaction): प्लेयर्स किस तरह से दूसरे को प्रभावित करेंगे? उदाहरण के लिए, एक ही स्क्वेर के प्लेयर्स शायद सबसे बड़े नंबर को रोल करने के बाद “दो बार (duel)” रोल कर सकते हैं।
    • नॉन-प्लेयर फेज (non-player phase): अगर उसमें दुश्मन या बोर्ड इफ़ेक्ट्स (जैसे कि आग या बाढ़) हैं, तो आपको तय करना होगा कि ये गेम के दौरान कब ओपरेट होने वाले हैं।
    • आउटकम रिजोलुशन (Outcome resolution): आउटकम्स को शायद बस एक सिम्पल रोल डाइस के जरिए डिसाइड किया जा सकता है। स्पेशल इवेंट्स के लिए शायद स्पेसिफिक कार्ड्स या रोल्स (जैसे कि डबल्स) की जरूरत पड़ सकती है। [८]
विधि 2
विधि 2 का 4:

एक प्रोटोटाइप बनाना (Making a Prototype)

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  1. अपने गेम का आंकलन करने के लिए प्रोटोटाइप (या मॉडल) का इस्तेमाल करें: इसके पहले कि आप आपके फिनिश्ड प्रॉडक्ट के ऊपर काम करना शुरू करें, पहले एक रफ प्रोटोटाइप (टेस्ट गेम) तैयार कर लें, ताकि आप उस पर गेम खेल सकें। ऐसा नहीं है कि इस मॉडल को बहुत अच्छा दिखना चाहिए, लेकिन बस इसका होना आपको ये बताने में मदद करेगा कि आपके द्वारा तैयार किए बेसिक्स आपकी सोच के अनुसार काम कर रहे हैं या नहीं।
    • चूंकि एक प्रोटोटाइप आपके मन में मौजूद आइडिया को आपके सामने और फिजिकली लेकर आता है, जहां से आप उसे दूसरे प्लेयर्स के साथ मिलकर इवैल्यूएट कर सकते हैं, इसलिए इसे (प्रोटोटाइप) बनाना गेम बनाने की प्रोसेस का एक अहम हिस्सा होता है,
    • जब तक कि आप आपके फ़ाइनल प्रॉडक्ट को जोड़ना शुरू नहीं कर देते, तब तक किसी भी आर्टिस्टिक डिटेल्स को एड करने का इंतज़ार करें। सिम्पल, पेंसिल से बनाए गेम बोर्ड्स और कार्ड्स आपको जरूरत के अनुसार इरेज़ करने और उसमें कोई भी एडजस्टमेंट करने की सुविधा दे देंगे। [९]
  2. इससे आपको इस बात का एक अंदाजा मिल जाएगा कि आपका बोर्ड बहुत बड़ा या बहुत छोटा तो नहीं है। आपके गेम की थीम और मेकेनिक्स के अनुसार, आपके बोर्ड गेम में शायद ये एलीमेंट्स शामिल हो भी सकते हैं या नहीं भी:
    • एक पाथ या रास्ता: सिम्पल गेम्स में शायद एक सिंगल पाथ होगा, जो सीधे फिनिश लाइन की ओर जाएगा, ज्यादा मुश्किल गेम्स के पाथ में शायद स्प्लिट्स या लूप्स हो सकते हैं।
    • एक खेलने की फील्ड: प्लेईंग फील्ड वाले गेम्स में एक सेट पाथ नहीं होता है। बल्कि, प्लेयर्स को जब भी फिट होने वाला एरिया नजर आता है, जिसे आमतौर पर स्क्वेर्स में या हेक्सेस में डिवाइड किया जाता है, पर मूव होते हैं।
    • लैंडिंग पोजीशन: इन्हें शेप्स या इमेजेस के साथ दर्शाया जा सकता है। लैंडिंग पोजीशन का गेम में स्पेशल इफेक्ट हो सकता है, जैसे कि इसकी वजह से एक स्क्वेर पर बढ़ने या एक कार्ड खींचने का मौका। [१०]
  3. बटन्स, चेकर्स, पोकर चिप्स, चीज पीस और निकनैक्स, यानि कि छोटी-छोटी चीजें, प्रोटोटाइप गेम पीस के लिए अच्छी तरह से काम करते हैं। ऐसे गेम पीस का इस्तेमाल करने से बचें, जो आपके प्रोटोटाइप के हिसाब से काफी बड़े हैं, क्योंकि इनकी वजह से बोर्ड पर लिखी हुई इन्फोर्मेशन को पढ़ने में मुश्किल हो सकती है।
    • गेम पीस को आपके गेम के डेवलपमेंट के साथ में बदला जा सकता है। प्रोटोटाइप गेम पीस को सिम्पल रखें, ताकि आपके पास बाद में ऐसी एक डिजाइन न रह जाए, जिसमें आपको बहुत ज्यादा बदलाव करने की जरूरत है। [११]
  4. रैनडमली शफल किए गेम कार्ड्स प्लेयर्स को काफी अनचाहे तरीके से प्रभावित कर एकते हैं। एक कार्ड अक्सर किसी इवेंट या घटना के बारे में एक क्विक स्टोरी तैयार कर लेता है, जो एक प्लेयर को परेशान करता है और फिर उसी के अनुसार उनके स्कोर/पोजीशन/इनवेंटरी को बदल देता है।
    • डेक्स में करीब 15 से 20 तरह के (जैसे कि ट्रेप कार्ड्स और टूल कार्ड्स) कार्ड्स होते हैं। ये टाइप्स एक बैलेंस्ड मिक्स तैयार करने के लिए एक डेक में 10 कार्ड्स तक ही सीमित होते हैं।
    • कार्ड की अपनी कुछ गेम के बाहर की कुछ रिक्वायर्मेंट्स हो सकती हैं, जैसे कि किसी प्लेयर को प्राइज़ जीतने के लिए 5 मिनट तक एक पाइरेट की तरह बात करने का चैलेंज देना। चैलेंज में फेल होने पर पेनल्टी भी हो सकती है। [१२]
विधि 3
विधि 3 का 4:

प्रोटोटाइप को टेस्ट करना

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  1. जैसे ही आप आपके प्रोटोटाइप के सभी बेसिक्स को जोड़ लेते हैं, फिर आप गेम के खेलने के तरीके को समझने के लिए गेम की टेस्टिंग शुरू कर सकते हैं। उसे ग्रुप के साथ में खेलने से पहले, एक बार अकेले आप ही खेलकर देखें। हर एक प्लेयर की तरह गेम को खेलें और फिर खेल के दौरान आपको गेम में नजर आने वाले पॉज़िटिव या नेगेटिव पहलुओं को नोट कर लें।
    • गेम को कई बार अकेले टेस्ट करें। ऐसा करते समय “प्लेयर्स” के नंबर को एडजस्ट करके निर्धारित करें कि आपके गेम में ज्यादा से ज्यादा और कम से कम कितने प्लेयर्स तक खेल सकते हैं।
    • सोलो (अकेले) टेस्टिंग के दौरान अपने गेम को ब्रेक करके, उसमें मौजूद खामियों की तलाश करने की कोशिश करें। देखें, अगर किसी खास स्ट्रेटजी के साथ प्लेयर्स के लिए हमेशा जीत हासिल करना मुमकिन हो या फिर रूल्स में ऐसे लूपहोल्स हैं, जिनकी वजह किसी को बेवजह फायदे मिल रहे हैं। [१३]
  2. अपने फ्रेंड्स और फैमिली के साथ में खेलकर अपने गेम को टेस्ट करें: अपने गेम को अकेले खेलने के बाद, जब आप लगभग ज़्यादातर मुश्किलों या कमियों को सुधार चुके हों, तब फिर उसे खेलकर टेस्ट करने का समय आ चुका है। अपने कुछ फ्रेंड्स या फैमिली को इकट्ठा करें और उन्हें बताएं कि आप आपके गेम को टेस्ट करना चाहते हैं। उन्हें बता दें कि आप अभी भी उसके ऊपर काम कर रहे हैं और उनसे कुछ फीडबैक भी पाना चाहते हैं। [१४]
    • इस प्लेटेस्टिंग के दौरान, एक्सट्रा एक्स्प्लेनेशन देने से बचें। आपको हर बार रूल्स के बारे में सफाई देने की जरूरत नहीं है।
    • गेम को खेले जाने के दौरान नोट्स बनाएँ। उस समय के ऊपर ज्यादा ध्यान दें, जब लोगों को गेम में जरा भी मजा नहीं आ रहा हो या फिर जब रूल्स कन्फ़्यूजिंग लग रहे हों। फिर आपको इन एरिया में सुधार करना होंगे।
    • प्लेयर्स की एंडिंग पोजीशन पर ज्यादा ध्यान दें। अगर एक प्लेयर लगातार बाकी के प्लेयर्स से आगे रह रहा है, तो उसमें शायद कोई बेवजह का फायदा शामिल है। [१५]
  3. अपने गेम के बारे में बेहतर नजरिया पाने के लिए, अपने टेस्ट प्लेयर्स को बदलें: हर कोई गेम को अलग तरीके से समझता है और कुछ लोग गेम में छूट गई ऐसी चीजें भी देख सकते हैं, जिनके बारे में आपने सोचा ही न हो। आपके गेम को टेस्ट करने के लिए जितने ज्यादा लोग रहेंगे, आपके पास में अपने गेम की खामियों या कमियों को पाने का और उन्हें फिक्स करने का उतना ही ज्यादा मौका होगा।
    • लोकल हॉबी और गेम शॉप पर अक्सर कम्यूनिटी गेम्स नाइट जैसे इवेंट्स हुआ करते हैं। इस तरह के इवेंट्स अपने गेम को टेस्ट करने और वहाँ मौजूद अनुभवी बोर्ड गेमर्स से राय पाने की अच्छी जगह होती हैं।
    • एक प्लेयर की उम्र भी उनके द्वारा गेम को समझने के तरीके को प्रभावित करती है। अपने गेम को अपने छोटे भाई-बहन और ग्रैंडपैरेंट्स के साथ मिलकर टेस्ट करें।
  4. टेस्टिंग के दौरान आपके प्रोटोटाइप में सुधार करते रहें: जब आप एक प्लेटेस्ट को पूरा करें, गेम बोर्ड, रूल्स और/या दूसरे कम्पोनेंट्स को जरूरत के अनुसार बदलें या एडजस्ट करते जाएँ। जब आप टेस्ट करना जारी रखें, तब आपके द्वारा चेंज किए फीचर्स का ट्रेक रखते रखें। कुछ “इम्प्रूव्मेंट्स या सुधार” से कुछ अच्छा होने की बजाय उल्टा गड़बड़ हो जाती है। [१६]
विधि 4
विधि 4 का 4:

फ़ाइनल प्रॉडक्ट तैयार करना

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  1. टेस्टिंग पूरी होने और जब आप आपके गेम को लेकर खुश हों, उसके बाद, आप गेम के फ़ाइनल वर्जन को बनाना शुरू कर सकते हैं। हर एक गेम की अपनी कुछ यूनिक जरूरतें होती हैं, इसलिए आपके मटेरियल थोड़े अलग हो सकते हैं। आपके फिनिश्ड गेम के सभी पार्ट्स की एक लिस्ट बना लें, जिनकी आपके गेम में जरूरत पड़ेगी, ताकि आप किसी भी चीज को भूलें नहीं।
    • बोर्ड गेम्स ट्रेडीशनली चिपबोर्ड या बाइंडर बोर्ड के ऊपर बने होते हैं। ये एक मजबूत बैकिंग देते हैं, जिससे प्रोफेशनल फील मिलता है।
    • अगर आप कुछ खरीदना नहीं चाहते हैं, तो आप एक पुराने बोर्ड गेम का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। उसके ऊपर पेपर चिपका दें या फिर उस पर पेंट करके उसके पुराने गेम के लेआउट को छिपा दें।
    • ड्यूरेबल कार्डस्टॉक बोर्ड्स को कवर करने और कार्ड्स बनाने, दोनों के लिए अच्छे होते हैं। खाली प्लेइंग कार्ड्स को ज़्यादातर हॉबी शॉप से खरीदा जा सकता है।
    • सिम्पल टोकन और काउंटर्स को एक कार्डस्टॉक से सर्कल को काटकर या पंच करके बनाया जा सकता है। [१७]
  2. आपके बोर्ड, आपके बोर्ड गेम का ध्यान का केंद्र रहेगा, इसलिए अपनी डिजाइन के साथ में क्रिएटिव बनने को लेकर न हिचकिचाएँ। ध्यान रखें कि आपने गेम के पाथ या प्लेइंग फील्ड को स्पस्थ रूप से मार्क कर दिया है और बोर्ड पर मौजूद इन्सट्रक्शन को आसानी से पढ़ा जा सके।
    • अपना बोर्ड डेकोरेट करने के लिए आपकी इमेजिनेशन की कोई सीमा नहीं रहती। रेडी-मेड प्रिंटआउट, पैटर्न पेपर, पेंट, मार्कर, मैगजीन कट आउट्स, और भी कई चीजों का इस्तेमाल करके आपके बोर्ड को खूबसूरत बना सकते हैं।
    • एक वाइब्रेंट, कलरफुल डिजाइन प्लेयर्स की नजरों को ज्यादा खींचकर लाएगी। कलर मूड को सेट करने का भी एक अच्छा तरीका होता है। जैसे, एक वेम्पायर थीम गेम, को शायद डार्क और डरावना रखा जा सकता है।
    • गेम बोर्ड्स को बार-बार इस्तेमाल किया जाता है और समय के साथ ये खराब होने लग जाते हैं। जब भी हो सके, तब अपने बोर्ड को लैमिनेट करके अपने हार्ड वर्क को बचाकर रखें। [१८]
  3. एक पेपर पर इमेज ड्रॉ करके या प्रिंट करके और फिर उन्हें एक कार्डस्टॉक जैसी किसी मजबूत बैकिंग के ऊपर टेप या ग्लू से चिपकाना इसे करने का अच्छा तरीका होता है। अगर आप फैमिली या फ्रेंड्स के लिए गेम बना रहे हैं, तो आप प्लेयर्स की असली फ़ोटोज़ का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। [१९]
    • अगर आप ज्यादा अच्छा दिखने वाला गेम पीस बनाना चाहते हैं, तो अपने डिजाइन को एक प्रोफेशनल प्रिन्टर के पास लेकर जाएँ और उसे एक मोटे, हाइ-क्वालिटी स्टॉक के ऊपर प्रिंट करा लें।
    • अपने पेपर गेम को एक प्लास्टिक गेम कार्ड स्टैंड के ऊपर फिट करके, उसे एक बेस दे दें। प्लास्टिक गेम कार्ड स्टैंड को ज़्यादातर हॉबी स्टोर्स या जनरल रिटेलर्स से खरीदा जा सकता है।
    • गेम पीस के लिए होममेड चेस पीस, पॉलीमर क्ले से बनाए फिगर या ओरिगेमी एनिमल्स का इस्तेमाल करके देखें। [२०]
  4. पुराने डाइस और स्पिनर्स को फिर से इस्तेमाल करें या फिर अपना खुद का एक तैयार कर लें: अगर आपके गेम में डाइस या एक स्पिनर का इस्तेमाल करना शामिल है, तो आप स्टोर से खरीदे गेम वाले का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। कार्डबोर्ड, एक पुशपिन और एक मार्कर से अपना खुद का एक स्पिनर बना लें। पिन को एक कार्डबोर्ड एरो के बेस पर लगा दें और उसे कार्डबोर्ड के सर्कुलर पीस के सेंटर पर जोड़ दें, फिर कार्डबोर्ड सर्कल के ऊपर एक स्पिनर ऑप्शन बना दें।
    • आपके लिए चुनने के लायक कई तरह के अलग-अलग तरह के डाइस मौजूद हैं। ज्यादा साइड्स वाले डाइस रिपीट होने वाले नंबर के आने संभावना को कम कर देंगे।
    • स्पिनर्स में अक्सर मूव्स का पता लगाने के लिए कलर्स का इस्तेमाल होता है। उदाहरण के लिए, अगर आप एरो को स्पिन करते हैं और ये यलो पर आकर गिरता है, तो आपके पीस को अगले यलो स्क्वेर के ऊपर जाना होगा।
    • स्पिनर्स प्राइज़ राउंड्स के लिए अच्छे होते हैं। अगर प्लेयर एक प्राइज़ कार्ड को निकालता है या फिर स्पेशल स्क्वेर पर लैंड करता है, तो वो उनके रिवार्ड को निर्धारित करने के लिए स्पिनर का यूज कर सकते हैं। [२१]
  5. प्लेन कार्ड्स से असल में प्लेयर्स का इंट्रेस्ट नहीं बन पाता है। आपके डेक में कुछ फ्लेवर एड करने के लिए ग्राफिक्स का, क्रिएटिव डिस्क्रिप्शन का या कुछ मजेदार वन-लाइनर्स का यूज करें।
    • उदाहरण के लिए, एक कार्ड जिससे एक प्लेयर स्किप होता है, उसे जम्प रोप और “आपको स्किप करना पड़ेगा” जैसे किसी टेक्स्ट के साथ में दर्शाया जा सकता है।
    • अपने गेम बोर्ड को हाइ-क्वालिटी अपीयरेंस देने के लिए किसी हॉबी शॉप से खरीदे ब्लैंक प्लेइंग कार्ड्स का इस्तेमाल करके अपने गेम का कार्ड बनाएँ।
    • होममेड गेम कार्ड्स को कार्डस्टॉक से बनाया जा सकता है। अपने कार्ड को काटते समय, उसे एक ही साइज का बनाने के लिए लिए एक नॉर्मल प्लेइंग कार्ड को टेम्पलेट की तरह इस्तेमाल करें। [२२]
  6. बोर्ड को और भी खूबसूरत बनाने के लिए 3D प्रिंटिंग का इस्तेमाल करें: अगर आप असल में अपने गेम को सबसे हटके बनाना चाहते हैं, तो आप 3D पीस, टोकन और/या बोर्ड्स के प्रिंट का यूज कर सकते हैं। आपको इसमें स्पेशलाइज करने वाली एक कंपनी को एक 3D मॉडल सब्मिट करना होगा, लेकिन इससे आपको एक ऐसा कस्टम मॉडल मिलेगा, जो ठीक इस तरह से नजर आएगा, जैसे आप एक स्टोर से खरीदे गेम को खेल रहे हैं।

सलाह

  • अपने गेम को फाइनलाइज करने से पहले दूसरे लोगों से राय और उनके आइडिया की मांग करें। खुद से पूछें, क्या मैं ऐसा ही चाहता था याद रखें कि आप और आपकी फैमिली इस गेम को खेलने वाले हैं, इसलिए आपको इसे दूसरों के लिए आप से जितना हो सके उतना अपीलिंग बनाना होगा।
  • अगर आपको आपके गेम के लिए क्रिटिक या आलोचनाएँ मिलना शुरू हो जाएँ, तो कोशिश करें कि ज्यादा डिफ़ेंसिव न हों। आपके गेम को बेहतर बनाने के लिए क्रिटिक काफी जरूरी होती है, इसलिए पोलाइट रहें और हर एक चीज को लिखते जाएँ।
  • अपने गेम बोर्ड का छोटा रूप भी बनाएँ, ताकि आप उसे कभी भी खेल सकें।
  • गेम को ग्रुप में टेस्ट करते समय, शामिल हुए बिना लोगों के ग्रुप को खेलता हुआ देखें। ये आपको ये देखने में मदद करेगा कि रूल्स को जरा भी नहीं जानने वाले लोग गेम को किस तरह से अप्रोच करते हैं।
  • सिम्पल 3D गेम पीस को पेपर पर केरेक्टर्स प्रिंट करके और उन्हें इरेजर्स से टेप करके बनाया जा सकता है।
  • पैकेजिंग के लिए, आप एक बॉक्स को, शायद एक पुराने बोर्ड गेम के वॉलपेपर में टेप से चिपका सकते हैं।
  • आप चाहें तो किसी दूसरे गेम्स के बॉटल केप्स, मार्बल, बीड्स, पेपर चिट्स या टोकन का भी आपके गेम पीस के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • अगर आपके बोर्ड गेम के डिजाइन में स्क्वेर्स शामिल हैं, तो बोर्ड के ऊपर पैटर्न बनाते समय रूलर का इस्तेमाल करें, ताकि वो एक-समान और अच्छे दिखें।
  • आप चाहें तो थीम पाने में मदद के लिए एक बुक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

चेतावनी

  • आपके गेम के रूल्स के फेयर होने की पुष्टि कर लें। गेम बनाने का मकसद एक एंजॉय करने के लायक, मजेदार और पॉज़िटिव एक्सपीरियंस तैयार करना होता है।
  • अपने गेम के नियमों को जितना हो सके उतना सिम्पल बनाने की कोशिश करें। बहुत ज्यादा मुश्किल कुछ भी प्लेयर्स के इंट्रेस्ट को खो सकता है।
  • अगर आप आपके गेम डिजाइन को पब्लिश करने और बेचने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि आप किसी भी कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं। आप चाहें तो थोड़ा मोडिफ़ाय करके तकरीबन किसी दूसरे गेम की तरह दिखने वाला गेम तैयार कर सकते हैं।

चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • नोटबुक
  • पेंसिल
  • रूलर
  • पेपर
  • आपके बोर्डगेम के लिए एक बेस (कार्डबोर्ड, कार्डस्टॉक, पोस्टर बोर्ड, पुराना गेम बोर्ड बगैरह।)
  • कैंची
  • इंडेक्स कार्ड्स (अलग-अलग साइज और कलर में)
  • गेम पीस (पुराने गेम्स के पीस, पोकर चिप्स, छोटी-छोटी चीजें, फिगर्स, गहने और भी बहुत कुछ)
  • डाइस और/या स्पिनर्स
  • ड्राइंग और कलरिंग मटेरियल्स (मार्कर्स, पेंट, पेन, पेंसिल बगैरह)
  • ग्लू और/या टेप
  • पेंट (ऑप्शनल)

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