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रिश्ते निभाना एक बहुत मुश्किल काम हो सकता है और ब्रेकअप तो इससे भी कहीं ज्यादा मुश्किल होता है। ब्रेकअप के बाद ऐसी न जाने कितनी ही वजह होती हैं, जिनके चलते आप अपने एक्स से बात करने के बारे में सोचते हैं। हो सकता है कि आप आपके रिश्ते के आगे न बढ़ पाने के बावजूद भी उनके साथ में दोस्ती को बनाए रखना चाहते हों। अगर आपका उसके साथ में बोलचाल का रिश्ता है, तो हो सकता है कि आप उससे थोड़ी और दूरी रखने का बोलना चाहते हैं। हो सकता है कि आपका कोई बच्चा हो, जिसकी भलाई के लिए ही आपको उसके साथ में कम से कम बातचीत का रिश्ता रखना पड़ रहा हो। हो सकता है कि आप शायद एक बार कोशिश करना और फिर से एक-साथ आना चाहते हैं। लेकिन उसे फोन या मैसेज करने की शुरुआत करने के पहले, थोड़ा टाइम लेकर उन सभी वजहों के बारे में सोचें, जिसके चलते आप उनसे कांटैक्ट करना चाहते हैं। ये चाहे जो भी क्यों न हों, ऐसे कई स्टेप्स हैं, जो आपको आपके एक्स के साथ में बात करने की प्रोसेस में मदद दिला सकते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 4:

बात करने की अपनी वजहों के ऊपर विचार करना (Contemplating Your Reasons)

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  1. खुद से पूछें कि आप क्यों अपने एक्स से बात करना चाहते हैं: अपने मन में अपने एक्स से बात करने की इच्छा के पीछे की न जाने कितनी ही वजहें हो सकती हैं। और इसके लिए काफी सारे दृष्टिकोण के बारे में भी सोचना जरूरी है। क्या आप अपने एक्स से केवल इसलिए बात करना चाहते हैं, क्योंकि इसके पहले तक आप लोग एक-दूसरे के टच में नहीं थे? या आपने फ्रेंड्स बनकर रहने की कोशिश की है और अब आप चाहते हैं कि उससे थोड़ी और दूरी मेंटेन करने के बारे में बात करें? क्या आपको इसलिए अपने एक्स से बात करना पड़ती है, क्योंकि आपके बीच में बच्चा भी है? कुछ समय के लिए अपनी वजहों के बारे में सोचें और ये कंफर्म करें कि यही है, जो आप करना चाहते हैं। [१]
  2. अपने एक्स को केवल शिकायत करने के लिए कांटैक्ट करने से बचें: भले ही आपका रिश्ता अब टूट चुका है, लेकिन कहीं न कहीं तो इसमें भी कोई अच्छाई रही होगी। बार-बार उन्हीं पुराने घावों को कुरेदना और शिकायत करना किसी भी परेशानी को हल नहीं कर देगा और अगर आप फ्रेंड्स बनकर रहना चाहते हैं, तो ये आपके रिश्ते में भी किसी तरह से मदद नहीं करेगा। [२]
    • अगर आपके एक्स के साथ में आपका कोई बच्चा है, तो फिर उनसे शिकायत करने पर इसका क्या असर पड़ेगा, इसके बारे में भी सोच-विचार कर लें। लगातार शिकायत करके आपको अपने बच्चों को ऐसा नहीं फील कराना है कि उनके पेरेंट कोई बहुत बुरा इंसान है।
  3. कुछ भी यूं ही न बोलते रहें। अगर ऐसी कोई जरूरी बात है, जो आप चाहते हैं या जो आप आपके एक्स को कहना चाहते हैं, तो कोशिश करें कि इसके बारे में आप ज्यादा छिपाकर बात न करें। कोई हिंट्स या पैसिव रिमार्क न यूज करें, स्पष्ट और ईमानदार रहें। उन सभी संभावित सीमाओं (जैसे, टेक्स्ट करना/टेक्स्ट न करना, ईमेल करना/ईमेल न करना बगैरह) के बारे में एक्सप्लेन करें, जो आप चाहते हैं। [३]
  4. क्या आप केवल एक केजुअल रिलेशनशिप की इच्छा में हैं, जिसमें केवल सेक्स शामिल हो? भले आपका एक्स संभावित रूप से एक अच्छा केंडीडेट हो सकता है, लेकिन उम्मीद है कि आपके लिए उसके मन में अभी रोमांटिक फीलिंग मौजूद हों। अपने एक्स के साथ में, अपनी उम्मीदों को स्पष्ट किए बिना, नए टाइप के रिश्ते की शुरुआत करने की इच्छा रखना, शायद आपको और भी ज्यादा ठेस पहुंचा सकता है। [४]
  5. अपने एक्स को अपने एक भावनात्मक सहारे की तरह यूज करने से बचें: जब भी कभी आपको अकेलापन या उदासी महसूस हो, तब आपके लिए अपने जान-पहचान वाले लोगों पर आश्रित हो जाना बहुत आसान होता है। आप शायद ऐसा सोच सकते हैं कि आपको अच्छा फील कराने के लिए आपके एक्स से ज्यादा अच्छा और कोई नहीं होगा। हालांकि, आपको अपने एक्स को इमोशनल सपोर्ट के रूप में इस्तेमाल करने से बचने की कोशिश करना चाहिए। सपोर्ट पाने के लिए दूसरे फ्रेंड्स और सपोर्ट के दूसरे सोर्स की तलाश करें। [५]
  6. आपका फैसला चाहे जो भी हुआ हो (अपने एक्स से बात करना है या नहीं करना है) याद रखें कि सबसे पहले उसके साथ में ब्रेकअप करने के पीछे की आपकी कोई तो वजह थी। अगर आपको लगता है कि रिश्ते को संभालने या चलाते रहना का कोई तरीका हो सकता है, तो रियलिस्टिक रहें। अपने एक्स के साथ में एक बार फिर से मिलना या बात करना उसे अचानक से एक अलग ही, नया इंसान नहीं बना देगा। और साथ ही दोनों ही तरफ से होने वाले वादों के भी खोखले होने की संभावना सबसे ज्यादा होगी। [६]
विधि 2
विधि 2 का 4:

उस तक पहुँचना (Reaching Out)

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  1. हो सकता है कि आपको अपने एक्स से बातें किए लंबा समय बीत गया है। आपके और उनके लिए भी काफी सारी चीजें अब बदल चुकी होंगी। पहले सोशल मीडिया पर एक एक छोटी शुरुआत करने के बारे में विचार करें। अपने एक्स को एक डाइरैक्ट मैसेज या ईमेल लिखें और उससे आखिरी बार बात करने के बाद आपके साथ में हुई किसी पॉज़िटिव चीज के बारे में उसमें बताएं। कोशिश करें कि इसकी अति न करें; इसे बस छोटा और फ्रेंडली ही रखें। अपने एक्स को भी आपके साथ में फ्रेंडली होने का मौका दें। [७]
  2. अगर आपके एक्स ने रिप्लाई दिया और वो भी आप से आगे बात करने में इन्टरेस्ट लेते दिखे, तो फिर किसी ऐसी जगह पर मिलने के लिए सजेस्ट करें, जहां आप दोनों ने कभी हंसी-खुशी के पल बिताए और जहां से आपकी कोई पॉज़िटिव याद जुड़ी हो। एक से ज्यादा आइडिया दें और उनसे पूछें कि वो क्या चाहते हैं। [८] अगर आपका एक्स आप से खुद नहीं मिल सकता है या फिर शायद वो आसपास कहीं नहीं रहता है, तो फिर फोन पर ही बात करने का टाइम अरेंज करें। उनसे पूछें कि वो बात करने के लिए किस दिन और किस समय फ्री रहेंगे। पहले से ही इसकी प्लानिंग करके रखना, बिजी शेड्यूल के चलते एक-दूसरे से बात नहीं कर पाने की संभावना से आपको बचा लेगा। [९]
    • जैसे, ऐसा कोई खास कॉफी शॉप या रेस्तरां है, जहां आप दोनों काफी ज्यादा मिला करते थे, जहां से आपकी केवल पॉज़िटिव मेमोरी ही जुड़ी हैं? या फिर शायद एक पार्क या ऐसी कोई बेकरी, जहां से आपका और आपके एक्स का पहले से कोई लेना-देना नहीं? पहली मुलाक़ात के लिए इसी तरह की किसी लोकेशन को चुनें, ताकि लोकेशन की वजह से आपके रिश्ते में कोई भी मुश्किल आने की संभावना कम हो जाए।
    • अगर आप और आपके एक्स के रिश्ते में एक-दूसरे के बीच में हमेशा मनमुटाव ही रहता था, लेकिन आपको शायद बच्चे की वजह से मिलना और बात करना पड़ता है, तो एक पब्लिक प्लेस आप दोनों को अपने इमोशन को काबू में रखने में मदद कर सकेगा।
    • स्काइप (Skype) लोन डिस्टेन्स में (या इस मामले में कम दूरी में भी), एक-दूसरे के टच में रहने का एक अच्छा तरीका होगा, जो किफ़ायती भी है और आसान भी। बशर्ते आप दोनों के ही पास में अपना कंप्यूटर या टेबलेट, साथ में इन्टरनेट है, तो आप दोनों स्काइप पर आसानी से बात कर सकते हैं। स्काइप के बारे में अच्छी बात ये है कि अगर आप नहीं चाहते, तो आपको कैमरा यूज करने की जरूरत नहीं होती।
  3. अगर आप चाहते हैं कि आप अपने एक्स के साथ में फ्रेंड्स बनकर रहें, तो एक सोचा-समझा जेस्चर शायद उन्हें आपके बारे में पॉज़िटिवली सोचने के लिए एंकरेज कर सके। आप क्या अच्छा और सोचा-समझा करेंगे, ये पूरी तरह से आप पर है, लेकिन इसे आपकी परनेलिटी पर और आपको क्या करने में कम्फ़र्टेबल लगता है, पर आधारित होना चाहिए। बहुत ज्यादा भी आगे न पहुँच जाएँ और अपने एक्स को अनकम्फ़र्टेबल न फील करा बैठें, लेकिन ऐसा कुछ सोचें, जिसे वो पसंद करे और एंजॉय भी करे। एक ऑप्शन ये है कि आप उन्हें दिखाएँ कि आपको उनकी किसी खास चीज (जैसे, किसी खास स्टोर पर मिलने वाली किसी खास तरह की चॉकलेट बार के लिए उनका प्यार, किसी खास तरह की चाय के लिए उनकी चाहत, बगैरह) के बारे में याद है, जो उन्हें ये दिखाएगा कि आप उनके साथ बिताए अच्छे पलों को नहीं भूले हैं। [१०]
    • जैसे, शायद आपका एक्स केवल कुछ ही लोकेशन पर मिलने वाले क्राफ्ट बीयर को बहुत पसंद करता है या शायद उसे स्नो ग्लोब्स के जैसी कुछ चीजें कलेक्ट करना अच्छा लगता है। इस तरह का कुछ किफ़ायती, सिम्पल, लेकिन अभी भी सोचा-समझा एक ऐसा जेस्चर होगा, जिससे उसे ये दिखेगा कि आपको अभी भी आपके एक्स के बारे में कई सारी अच्छी बातें याद हैं।
  4. आपने किसी वजह से ही इस कांटैक्ट की शुरुआत की है। आपने डिसाइड किया है कि आप आपके एक्स के साथ में किसी तरह का रिश्ता शुरू करना चाहते हैं। सुनिश्चित करें कि आपको मालूम है कि आप उनसे असल में चाहते क्या है और इसे अपने एक्स को भी क्लियर कर दें। अगर आप केवल फ्रेंड्स बनकर रहना चाहते हैं, तो अपनी इस इच्छा को उन तक पहुंचाने का ख्याल रखें। अगर आप फिर से एक-साथ होने का ख्वाब देख रहे हैं, तो ये भी उन्हें बता दें। अगर आप केवल अपने बच्चों के मामले में डिस्कस करने लायक बातों के अलावा और किसी भी बात के लिए अपने एक्स से कांटैक्ट नहीं रखना चाहते, तो अपने एक्स को ये भी बता दें। उम्मीद है कि आपका एक्स भी सोच रहा होगा कि आप उससे चाहते क्या हैं और शायद वो आप से ये पूछकर आपको तुरंत उलझन में डाल दे। अपने जवाब के साथ में तैयार रहें। [११]
    • अपने मन की बातों को उसके सामने क्लियर करने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि आप एक लक्ष्य बना लें। निर्धारित करें कि आप अपने एक्स से असल में चाहते क्या हैं और फिर बस उसी पर बने रहें। अगर आप उसके साथ में वापस आना चाहते हैं, तो इस बात को भी ठीक उसके सामने क्लियर कर दें। अगर आप फ्रेंड्स बनकर रहना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपका एक्स भी इस बात को समझ रहा है। और अगर आपका एक्स आप से आपकी इच्छा से कुछ भी कम पर सेटल होने की बात कहता है, तो सीरियसली वहाँ से निकलने के बारे में सोचें।
  5. याद रखें कि आपके अलग होने के पीछे एक वजह थी। आपके एक्स ने शायद अलग होने के बाद में ऐसे कुछ इमोशन फील किए होंगे, जिनके बारे में शायद आपको कभी पता भी न चला हो। आपको इस बात के लिए भी तैयार रहना होगा कि शायद आपका एक्स आपकी बोली हुई सभी बातों के लिए नेगेटिवली ही रिएक्ट करे, फिर चाहे आपका उसमें कोई भी गलत नहीं, बल्कि अच्छी ही इंटेन्शन रही हो। रिजेक्शन का एक बड़ा सीन न बना दें और ऐसा कुछ न बोलें या करें, जिसके लिए आगे जाकर आपको पछतावा हो। [१२]
    • इसके पहले कि आप आपके एक्स से मिलें या बात करें, उसके रिएक्ट करने के सभी संभावित तरीकों -- अच्छे भी और बुरे भी, के बारे में सोच लें। सोचकर देखें कि आपके एक्स को आखिर क्यों इस तरह के रिएक्शन महसूस हुए। संभावित रिएक्शन (आमतौर पर) के लिए भी तैयारी कर लें, ताकि जब आपके सामने असल में ये सब हो रहा हो, तब एकदम अचम्भे में पड़े से न रह जाएँ।
विधि 3
विधि 3 का 4:

डिस्कसन करना (Having the Discussion)

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  1. अपनी पर्सनल कम्यूनिकेशन स्टाइल के बारे में सोचें: हर किसी की लोगों से बात करने की अपनी एक सबसे हटके स्टाइल रहती है। ये स्टाइल भी आपके एक्स के द्वारा आपकी बोली जाने वाली बातों को समझने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है। अगर आपको आपके बात करने के अपने तरीके के बारे में बेहतर समझ है, तो आप लोगों के द्वारा इसके समझे जाने की तरीके के बारे में भी बेहतर समझ रख सकेंगे। ये कन्फ़्यूजन और कॉन्फ़्लिक्ट को अवॉइड करने में मदद कर सकता है, लेकिन अगर आपको पता है कि आपका एक्स आपकी टिपिकल स्टाइल के लिए किस तरह से रिएक्ट करेगा, तो ये आपकी अपनी स्टाइल को भी बदलने में मदद कर सकता है। [१३] जैसे, अगर आप आपके सामने आने वाले किसी भी इंसान से नॉर्मली बहुत डाइरैक्ट बात करते हैं, लेकिन आपको मालूम है कि आपका एक्स आसानी से डर जाता है, तो आपको अपनी डाइरैक्ट बात करने की इस आदत को, कम से कम शुरुआत में तो थोड़ा बदलना होगा।
    • जुड़कर बात करने वाले (Affiliative communicators) अक्सर एक-साथ मिलकर चर्चा करते हैं। इन्हें जब कोई फैसला लेने की जरूरत होती है, तब ये फैसला लेने के पहले, कई लोगों की सलाह पाने की इच्छा रखते हैं। इसका मतलब कि ये अपने पार्टनर के द्वारा बोली जाने वाली बातों को सुनने वाले होते हैं और फैसला करते समय उनकी राय को भी ध्यान में लेकर चलते हैं।
    • कॉम्प्टिटिव कम्यूनिकेटर्स (Competitive communicators) को पॉवर और बात दबाना अच्छा लगता है। ये किसी से सलाह किए बिना अपने फैसले खुद से करते हैं। ये अपनी बात को सबसे पहले रखने वाले (लेकिन जरूरी नहीं कि अग्रेसिव), डाइरैक्ट होते हैं, और कभी-कभी तो ये इनके साथ में सहमति नहीं रखने वालों को चैलेंज भी कर देते हैं।
    • डाइरैक्ट बात करने वाले (Direct communicators) असल में डाइरैक्ट ही होते हैं। ये किसी भी बात को वैसी ही बोलते हैं, जैसी वो है और ये जबर्दस्ती की बातें नहीं करते हैं। अगर इन्हें कोई चीज किसी खास तरह से चाहिए होती है, तो ये आपको बता देंगे। अगर इन्हें आपका किसी काम को करने का तरीका पसंद नहीं आता, तो ये आपको बता देंगे। इनकी यही डाइरैक्ट बोलने की आदत, इस तरह के कम्यूनिकेटर्स को आसानी से समझने लायक बना देता है। इनकी कही हुई बातों में आमतौर पर कोई भी कन्फ़्यूजन नहीं रहता है। कभी-कभी डाइरैक्ट कम्यूनिकेटर्स को दबाव डालने वाला या अग्रेसिव समझ लिया जाता है।
    • इनडाइरैक्ट बात करने वाले (Indirect communicators) के लिए अपनी मन की बात, अपनी इच्छा और अपनी जरूरत को लोगों तक पहुंचा पाना मुश्किल रहता है। ये शायद लोगों की बोली हुई बातों के बीच से भी चीजों के बारे में ऐसी सोच बना लेते हैं कि कोई उनकी बात को समझ रहा है। इस तरह से बात करने वाले लोगों की बातों से काफी ज्यादा कन्फ़्यूजन और गलतफहमी पैदा होती है, लेकिन ये लोग कम अग्रेसिव भी होते हैं।
  2. एक एक्टिव लिसनर (बातों को ध्यान से सुनने वाला) बनना न भूलें: बातों को ध्यान से सुनना, किसी भी कम्यूनिकेशन का एक अहम हिस्सा होता है। आपका एक्स आपको जो भी बता रहा है (वो जो भी बोल रहा है और उसके बोलने का जो भी मतलब है), उसके बारे में अवगत रहने को ही एक एक्टिव लिसनिंग की तरह माना जाता है। जब आप बात करते समय आपके सामने आने वाले सभी भटकावों के बारे में सोचते हैं, तब एक्टिव लिसनिंग और भी ज्यादा अहम बन जाती है। आपका सेल फोन, कार, टीवी, बहस करते लोगों की आवाज, बगैरह, ये सभी आपके ध्यान को आपके एक्स से हटा सकते हैं और आपके ध्यान को और किसी तरफ ले जाते हैं। ऐसी कई सारी चीजें हैं, जिन्हें आप खुद को एक एक्टिव लिसनर बनाने के लिए अपना सकते हैं। [१४]
    • आपको जो भी बताया गया हो, उसे फिर से बोलें और समराइज करें। कही जाने वाली बातों को फिर से बोलने के लिए ऐसे दूसरे शब्दों का इस्तेमाल करने से न घबराएँ, जिनसे आपके लिए वो बात ज्यादा स्पष्ट और सिम्पल बन रही है। आपने जो भी सुना, उसे दोबारा बोलकर और समराइज करने से न केवल आपके एक्स को महसूस होगा कि आप उसे पर ध्यान दे रहे हैं, बल्कि उन्हें ये भी समझ आएगा कि वो आपको जो भी कुछ बताना चाहते हैं, आप उसे समझ रहे हैं।
      • जैसे, आप कह सकते हैं : “मैंने सुना कि आप मुझसे बच्चों को हर वीकेंड की बजाय, हर अगले वीकेंड पर लेकर जाने का कह रहे हैं। क्या ये सही है?”
    • बीच में न रोकें। अगर आपका एक्स कोई बात कहना चाहता है, तो उनकी आँखों में देखकर और सिर हिलाकर या फिर कोई छोटी बात बोलकर, अपने एक्स को बात करते रहना जारी रखने के लिए एंकरेज करते हुए, बातों के ऊपर ध्यान दें। वो जो भी कुछ कहना चाहते हैं, उन्हें रोके बिना और उनकी बातों की लय को तोड़े बिना, उन्हें कहने दें। इसमें जब कोई इंसान सोचता है या फिर जब वो इस्तेमाल करने के लिए सही शब्द चुनने की कोशिश में हो, तब चुप रहना भी शामिल है।
    • सवाल पूछें: अगर आपको कोई बात समझ नहीं आई या आपको उसके ऊपर सफाई चाहिए, तो पूछें। अगर आपको लगता है कि आपके एक्स ने आपके सामने किसी फीलिंग को अच्छी तरह से नहीं, बस थोड़ा ही जाहिर किया है, तो उनसे ज्यादा डिटेल पाने के लिए सवाल करें।
      • इन सवालों को केवल हाँ या न में जवाब वाले सवाल की बजाय, ओपन-एंडेड रखने की कोशिश करें। जैसे: “आगे जाकर तुम हम दोनों को किस तरह से इंटरेक्ट करते देखना चाहते हो?”
    • अपने एक्स के इमोशन्स को भी जायज मानें: वो जो भी बोले, उसे लेकर सहानुभूति दिखाएँ। अगर ऐसा लगे कि वो जिस स्थिति के बारे में बात कर रहे हैं, वो बहुत फ्रस्ट्रेटिंग थी, तो उन्हें बताएं कि इससे सच में ऐसा लग रहा है, जैसे वो बहुत फ्रस्ट्रेट हैं। ऐसी बातें बोलें, जो उन्हें आपके सामने खुलकर बात करने का अहसास कराए। अगर उसने आपको ऐसी कोई बात बताई है, जिससे निश्चित रूप से उनका बाहर निकल पाना मुश्किल लग रहा है, तो उन्हें आपके साथ में इसे शेयर करने के लिए थैंक्स कहें।
  3. इस बात को लेकर सावधान रहें कि आपकी कम्यूनिकेशन स्टाइल और एक्टिव लिसनिंग टेकनिक्स का कोंबिनेशन आपको ये नहीं समझा देता कि आपका एक्स आप से क्या कहना चाहता है। ये तब और भी जरूरी हो जाता है, जब आपके पास में अपने एक्स के साथ ब्रेकअप करने की एक वजह में गलत, या कम बातचीत भी एक रही हो। अगर पहले इस्तेमाल की हुई कम्यूनिकेशन स्टाइल से कुछ फर्क नहीं पड़ा, तो आपको इस बार कुछ नया ट्राई करके देखना होगा, नहीं तो आप आगे नहीं बढ़ पाएंगे। जब भी अपने एक्स के साथ में बात करें, तब आपको क्या नहीं करना चाहिए, उन सभी बातों को ध्यान में रखकर चलना भी आपके लिए मददगार रहेगा। [१५]
    • ऐसे बहुत ज्यादा सवाल न पूछें जिनकी शुरुआत क्यों से होती हो - खासकर अगर सवाल की शुरुआत ही “तुमने क्यों नहीं किया…” से होती हो। इस तरह के सवाल पूछने से लोग सीधे डिफ़ेंसिव हो जाते हैं और आखिर में आप भी बहस में पड़ जाते हैं।
    • अपने एक्स से ऐसा कुछ कहकर कि उन्हें किसी बात को लेकर ज्यादा चिंता नहीं करना चाहिए या उन्हें किसी चीज से इतना फर्क नहीं पड़ना चाहिए, आपके एक्स की फीलिंग्स को सिरे से खारिज न करें। आप कोई जज नहीं है, जो ये फैसला कर सकें कि किसी इंसान को कौन सी बात से परेशानी होना चाहिए और कौन सी बात से नहीं। उन्हें भी किसी बात को लेकर परेशान होने या चिंता करने का पूरा हक है।
    • अगर आप अपने एक्स से किसी बात के बारे में डिटेल मांगने के लिए सवाल पूछने लग जाएंगे, लेकिन वो आपको उसे बताने में और भी ज्यादा हिचक होगी, इसलिए आप रुक जाएँ। उन्हें ऐसा कुछ कहने को मजबूर न करें, जो वो नहीं कहना चाहते हैं। अगर वो आपको कुछ बताना चाहते हैं, तो वो जब इसके लिए तैयार होंगे, तब उसे खुद ही बता देंगे।
    • ऐसा न मान लें कि आप आपके एक्स की फीलिंग्स को समझते हैं। इसमें उन्हें उनके द्वारा आपको सुनाई हर एक कहानी के लिए आपकी लाइफ के बारे में कहानी बताना भी शामिल है। अगर वो आपको किसी ऐसे समय के बारे में बताता है, जब वो असल में बहुत उदास था, तो इसके बदले में ऐसी कोई कहानी सुनाना न शुरू कर दें, जब आप भी बहुत उदास थे।
  4. अगर आप आपके एक्स को अपनी फीलिंग (या कभी आपको जो महसूस हुआ) के बारे में एक्सप्लेन करने की कोशिश करते हैं, तो इसे ऐसी शिकायत में न बदल दें, जहां पर आप उनकी बोली हुई सभी बातों को सुनते रहे, जिससे आपको ठेस पहुंची - “तुमने मुझे हमेशा इग्नोर किया है,” “तुमने मेरे साथ में कभी भी टाइम स्पेंड नहीं किया,” या “तुम हमेशा अपने बाकी के फ्रेंड्स के साथ में टाइम स्पेंड करना चाहते थे।” बल्कि, सुनिश्चित करें कि आप हर एक सेंटेन्स में ‘मैं’ का इस्तेमाल करें - “मुझे ऐसा लगा, जैसे मुझे इग्नोर किया जाता रहा है,,” “मुझे बुरा लगता था, जब मुझे तुम्हारे साथ ज्यादा टाइम स्पेंड करने को नहीं मिलता था” या “मुझे कभी-कभी ऐसा लगता था जैसे मुझे अकेला छोड़ा जा रहा है।” [१६] ठीक यही उदाहरण “हमेशा” या “कभी नहीं” जैसे शब्दों को का इस्तेमाल करके जो हुआ उसे और भी बढ़ावा नहीं देने के लिए भी लागू होता है।
  5. आपको हर वक़्त सही होने की जरूरत नहीं है। और आपके एक्स को भी हमेशा आपके साथ में या उनके साथ में सहमति जताने की भी जरूरत नहीं है। इस कन्वर्जेशन का पॉइंट बहस करना नहीं है या फिर ऐसा डिबेट करना नहीं है, जहां किसी को जीतना है। इसका असली मकसद तो आप जिसके बारे में अपने एक्स से बात करना चाहते हैं, उस टॉपिक के लिए एक ऐसे इंटेलिजेंट और पॉज़िटिव कन्वर्जेशन करने से है। इसमें कोई भी विनर या लूजर नहीं होता। [१७]
    • इसका मतलब ये नहीं कि आप आपके एक्स की फीलिंग को या आपका एक्स जो सोचता है, उसे महसूस नहीं कर सकते हैं। आप अभी भी उनके द्वारा की जाने वाली या कही जाने वाली किसी बात को लेकर परेशान या फ्रस्ट्रेट हो सकते हैं। सबसे पहले कुछ विचार किए बिना इन इमोशन के ऊपर कोई भी प्रतिक्रिया न देने की कोशिश करें। सबसे पहले कुछ टाइम लेकर सोचें कि आखिर आपके एक्स ने क्यों ऐसा किया या क्यों ऐसा बोला और फिर खुद से पूछें कि क्या ये कहीं से भी उचित था।
  6. अपनी भावनाओं के स्त्रोत को पहचानने की कोशिश करें: आप और आपका एक्स, आप दोनों ही इंसान हैं। आप दोनों की ही कुछ ऐसी भावनाएँ होंगी, जो कभी अनकम्फ़र्टेबल लगेंगी, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप इन्हें महसूस नहीं कर सकते। मन में विचार आना या भावना महसूस होने में कोई खराबी नहीं है, लेकिन जरूरी है कि आपको पहचानते आए कि कब आप आपके इमोशन्स को दूसरों पर प्रोजेक्ट कर रहे हैं और उसे स्वीकार करें। हो सकता है कि आपके पास में आपको महसूस होने वाली इन भावनाओं या विचारों के पीछे की कोई उचित वजह भी मिले, शायद आपके किसी पिछले अनुभव की वजह से। [१८]
    • जैसे, अगर आपने ऐसे किसी को डेट किया, जिसने आपको अतीत में धोखा दिया और एक तरह से उसने हमेशा ऑफिस में लेट काम करने का बहाना करते हुए आप से झूठ बोला, हो सकता है कि जब आपका पार्टनर आप से रात में ऑफिस में लेट काम करने की बात कहता है, तो आप शायद रेशनली या जल्दी में रिएक्ट कर दें। अपने पार्टनर को यही एक्सप्लेन करने का टाइम लें। आपकी ये भावना कहाँ से आ रही है, उन्हें एक्सप्लेन करें और ये कि आपको महसूस हुआ कि उन्होने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे उनका भरोसा टूटे, लेकिन आपके मन में अभी भी, शायद पिछले अनुभव की वजह से ये विचार आ रहे हैं।
    • कभी-कभी, फीलिंग्स और विचार भी इरेशनल हो सकते हैं। जैसे, आप शायद इस बात से जैलस हैं कि आपके एक्स को नया पार्टनर मिल गया है, फिर चाहे आप उसके साथ फिर से रिश्ते में नहीं भी आना चाहते हैं। आपकी ये फीलिंग शायद इसलिए हैं, क्योंकि आपके लिए आपका एक्स काफी मायने रखता था। इस तरह की फीलिंग होना और विचार आना भी नॉर्मल है।
  7. क्योंकि आप ये कन्वर्जेशन इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि आपका एक ऐसा विशेष लक्ष्य है, जिसे आपको आपके एक्स के साथ मिलकर पूरा करना है, इसलिए आपको जितना हो सके, उतनी जल्दी स्पष्ट, एकदम सटीक और ईमानदार रहना होगा। एक्सप्लेन करें कि आप आपके एक्स से और आपके रिश्ते से क्या पाना चाहते हैं। एक्सप्लेन करें कि आप इस कन्वर्जेशन से क्या हासिल करने की उम्मीद कर रहे हें। एक्सप्लेन करें कि आप क्यों इस तरह से महसूस करते हैं। इस बात को स्वीकारें कि आपकी भी अपनी कुछ जरूरतें और इच्छाएँ हैं और ये भी एकदम नॉर्मल है।
    • अगर आपका एक्स आपको रिस्पेक्ट के साथ में ट्रीट नहीं करता है, तो भी ऑनेस्ट और समझदार बने रहें। अगर वो आपको बुरी तरह से ट्रीट करते हैं, या फिर आप से कुछ गलत बात कह देते हैं, तो याद रखें कि आप इसके लिए भी तैयार हैं। आप इससे भी ऊपर बढ़ सकते हैं और ये भी एकदम ठीक रहेगा। अपने आपको उनके लेवल तक नीचे गिराने में और उनके साथ में भी डिसरिस्पेक्टफुल होने में कोई पॉइंट नहीं है। आपको बाद में इसके लिए पछतावा ही होने वाला है। [१९]
विधि 4
विधि 4 का 4:

अपने एक्स से उबरना (Getting Over Your Ex)

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  1. खुद को याद दिलाएँ कि आपने किसी वजह से ही उससे ब्रेकअप किया है: किसी से रिश्ता तोड़ना, खासतौर से ऐसे किसी के साथ जिसके लिए आपके मन में बहुत स्ट्रॉंग फीलिंग थी, ये आपके लिए अपने आसपास की पूरी दुनिया के बदलने के जैसा अनुभव हो सकता है। खुद को ये याद दिलाना जरूरी है कि आमतौर पर किसी रिश्ते के खत्म होने के पीछे की कोई न कोई बड़ी वजह रहती है। हो सकता है कि आपके और आपके एक्स के ब्रेकअप के पीछे की भी एक बड़ी वजह रही हो, फिर चाहे आप उस वजह को ऐसे समय पर न याद कर पा रहे हों। एक ऐसे रिश्ते से बचने की कोशिश करें जो काम नहीं करेगा। [२०]
  2. इस बात को समझें कि दुख और उदासी महसूस करने में कोई बुराई नहीं है। खुद को ऐसा कुछ करने के लिए फोर्स न करें, जो आप नहीं चाहते। किसी दिन, सारा दिन बेड पर पड़े रहना और बीमारों जैसा महसूस करने में कोई ख्रबाई नहीं है। परेशान न हों, अगर आप एक दिन ज्यादा चॉकलेट खा लेते हैं। इनमें से एक जरूरी बात ये है कि आप खुद बेहतर महसूस कराने के लिए अपने एक्स को कांटैक्ट करने की इच्छा से बचाए रखें। आप ऐसा कर सकते हैं! [२१]
  3. आप खुद को जितना समझते हैं, आप उससे भी ज्यादा स्ट्रॉंग हैं। आप इससे निकल जाएंगे, फिर चाहे आप अभी ऐसा न भी महसूस कर रहे हों। हो सकता है कि कभी आप खुद को किसी खास पल के बारे में सोचते और इसके काम न करने के पीछे की वजह के बारे में सोचता पाएँ। परेशानी ये है कि आप शायद कभी भी इसे नहीं समझ पाएंगे। हो सकता है कि इसके पीछे की कोई अच्छी वजह भी न हो। लेकिन आपको अपने ब्रेकअप से उबरने के लिए, अपने ब्रेकअप के पीछे की वजह को समझने की कोशिश नहीं करना है। आपको एक बार में एक स्टेप लेकर, एक घंटे, एक दिन, हफ्ते से गुजरने की कोशिश करना है। [२२]
  4. अपने दुख से केवल अकेले लड़ने की कोशिश न करें। मदद के लिए अपने फ्रेंड्स, फैमिली या जरूरत पड़े तो एक प्रोफेशनल के पास जाए। उन्हें बताएं कि आप कैसा फील करते हैं और खुद को दुख मनाने का मौका दें। लोगों के लिए ये जानना जरूरी है कि आप स्ट्रगल कर रहे हैं, आप शायद ये जानकर थोड़ा राहत महसूस करेंगे कि आप केवल अकेले नहीं हैं, जिसे आपकी फीलिंग के बारे में पता है। अगर बात करना बहुत मुश्किल है। अपनी फीलिंग और विचारों को एक डायरी में लिखकर देखें और अपने साथी के तौर पर अपने फ्रेंड्स और फैमिली का इस्तेमाल करें। [२३]
  5. जब आप खुद को ऐसे समय से बाहर निकाल लें, जब आप किसी के भी बारे में ठीक तरह से नहीं सोच पाते थे और न ही कुछ प्रॉडक्टिव कर पाते थे, फिर आप सोचना शुरू कर सकते हैं कि ये सारा अनुभव की तरह से आपको स्ट्रॉंग बनाता है। आपको ये भी महसूस होना शुरू हो जाएगा कि आप जितना भी बुरा फील करते हैं, असल में आप बहुत कम समय में बेहतर महसूस करने लग जाएंगे। आप में सुधार होगा। आप थोड़ा आराम भी पा सकेंगे। इसके बाद सब ठीक हो जाएगा। [२४]
  6. जब आप खुद को और रिकवरी के अपने रास्ते के महसूस करने लग जाएँ, फिर आप खुद को एक रेगुलर रूटीन में वापस ले आएँ। ऐसी रिलैक्सिंग एक्टिविटीज शामिल करें, जिसमें आप खुद को एंजॉय कर सकें (जैसे, वॉक के लिए जाएँ, बुक पढ़ें, एक बबल बाथ लें, बगैरह)। जब भी जरूरत लगे, तब “न” कहें। आप चाहें तो बाहर निकलें या अंदर ही रहें। भरपूर नींद लें और सही तरह से खाएं। [२५]

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