आर्टिकल डाउनलोड करें आर्टिकल डाउनलोड करें

इंटरनेट पर अपनी प्राइवेसी या निजता को लेकर चिंता अब सिर्फ चाइल्ड पोर्नोग्राफर्स, आतंकवादियों और हैकर्स का ही क्षेत्र नहीं रह गया है। ध्यान से ना बचाई गई या समझौता की हुई इंटरनेट पर आपकी पहचान (compromised internet identity) आपको पहचान की चोरी (identity theft), और अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों का मुख्य निशाना बना सकती है। कुछ लोग खुद अपनी ही सरकारों से सुरक्षित रहने को लेकर चिंतित रहते हैं (ऐसा उचित कारणों की वजह से होता है!)। अगर आप इस डिजिटल युग में खुद को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो आप कुछ मूल सावधानियों को अपना कर ऐसा कर सकते हैं जो आपकी पहचान को छुपाने या उसे बदलने का काम करती हैं।

विधि 1
विधि 1 का 4:

गुमनाम होने (Anonymity) की मूल बातें समझना

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. वेबसाइटें एड्स (ads) दिखाने और सोशल मीडिया से लिंक करने के लिए यूजर पर नजर रखती हैं: हर बार जब आप किसी वेबसाइट को विजिट करते हैं, तो वह वेबसाइट आपके आईपी एड्रेस (IP address) यानि आपके इंटरनेट के "पते" याद कर लेती है (log), आप किस साइट से आ रहे हैं, कौन सा ब्राउज़र आप इस्तेमाल कर रहे हैं, आपका ऑपरेटिंग सिस्टम, आपने उस वेबसाइट पर कितना समय बिताया, और आपने किन लिंकों पर क्लिक किया।
  2. प्रमुख सर्च इंजन्स आपकी सर्च हिस्ट्री को स्टोर कर लेते है: आपकी सर्च इंजन हिस्ट्री पर की गई क्वेरीज आपके आईपी एड्रेस (IP address) से जुडी होती हैं (और आपके अकाउंट से अगर आपने लोग इन (logged in) कर रखा है)। इन आंकड़ों का संकलन और विश्लेषण किया जाता है ताकि ज्यादा शुद्धता से प्रचारों (ads) और उपयुक्त सर्च रिजल्ट्स को लक्षित (target) किया जा सके।
  3. अगर आपका कम्प्यूटर किसी सोशल नेटवर्क पर लोग इन हैं (फेसबुक, ट्विटर, आदि), तो ये नेटवर्क आपकी ब्राउज़िंग हिस्ट्री पर नजर रखने में समर्थ होते हैं अगर आपके द्वारा विजिट की जा रही साइट पर सोशल नेटवर्क प्लगिन्स (plugins) हैं ("like" बटन्स रीट्वीट (Retweet), आदि)।
  4. आपका आईएसपी (ISP) या इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर यह जानने के लिए कि आप ऑनलाइन क्या कर रहे हैं नेटवर्क ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकता है: आमतौर पर इसका उपयोग यह निर्धारित करने के लिए होता है कि कहीं आप नेटवर्क का उपयोग कॉपीराइटेड सामग्री के टोरेन्ट्स (torrents) डाउनलोड करने में तो नहीं कर रहे।
  5. आप अपने पर नजर रखने के तरीकों (tracks) को कितना ही क्यों ना रोकें, ऐसी "कुछ ना कुछ" जानकारी जरूर होती है जिसका उपयोग आपकी रूपरेखा निर्धारित करने और आपको सशक्त रूप से पहचान लेने में किया जा सकता है। गुमनामी के साधनों (anonymity tools) के उपयोग का लक्ष्य है उपलब्ध जानकारी की मात्रा को घटाना, पर इंटरनेट के मिज़ाज के कारण, आप सचमुच कभी गुमनाम (anonymous) नहीं हो सकते।
  6. जब आप ऑनलाइन ब्राउज़िंग कर रहे हों, तो आपको सुविधा और गुमनामी के बीच से एक को चुनना होता है: वास्तव में ऑनलाइन गुमनाम (anonymous) बने रहना आसान नहीं है, और इसके लिए महत्वपूर्ण मात्रा में सजग प्रयासों की जरूरत पड़ती है। आप जब वेबसाइट्स को ब्राउज करेंगे तो आपको अपेक्षाकृत बहुत धीमे कनेक्शन का सामना करना होगा, और आपको ऑनलाइन जाने तक के पहले बहुत सी बाधाओं से गुजरना होगा। अगर आपकी गुमनामी आपके लिए महत्वपूर्ण है, तो कुछ कुर्बानियों के लिए तैयार रहें।
    • अगला सेक्शन इस बात की जानकारी देगा कि कैसे आपकी जानकारी को आपके आईपी एड्रेस (IP address) से जुड़ने से बचाना है, पर यह गुमनामी (anonymity) की गारंटी नहीं देता। ऑनलाइन अपनी गुमनामी (anonymity) को बढ़ाने के लिए, इस लेख के अंत के दो सेक्शंस को देखें।
विधि 2
विधि 2 का 4:

अपनी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा करना

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. साइट्स पर रजिस्टर करने के लिए अस्थाई (throwaway) ईमेल का उपयोग करें: सुनिश्चित करें कि ईमेल एड्रेस में कोई व्यक्तिगत जानकारी नहीं दी गई है, और यह ऐसे किसी अकाउंट से नहीं जुड़ा हुआ है जिसमें आपकी व्यक्तिगत जानकारी स्टोर या संग्रहित है।
  2. ऐसे सर्च इंजन का उपयोग करें जो गोपनीयता का ध्यान (privacy-oriented) रखते हों: प्रमुख सर्च इंजन्स जैसे गूगल (google), बिंग (bing), और याहू (yahoo)! सब आपकी सर्चों पर नजर रखते हैं और उन्हें आपके आईपी एड्रेस (IP Address) से बाँध देते हैं। किसी ऐसे वैकल्पिक सर्च इंजन का उपयोग करें जो आपकी सर्चों पर नजर ना रखता हो, जैसे डकडकगो (DuckDuckGo) या स्टार्टपेज (StartPage)।
  3. अपने पासवर्ड को मजबूत रखने के लिए पासवर्ड मैनेजर का उपयोग करें: अगर आपने एक हफ्ते से ज्यादा इंटरनेट का उपयोग किया है, तो संभावनाएं हैं कि आपके पास नजर और ध्यान में रखने रखने के लिए बहुत से पासवर्ड्स होंगे। कई वेबसाइट्स पर एक ही पासवर्ड का अनेक जगह उपयोग करने का, या मामूली परिवर्तन के साथ उसका उपयोग करने का लालच आना सामान्य बात है, ताकि चीजें आपके लिए ज्यादा आसान हो जाएं, पर सुरक्षा के लिए यह एक भारी खतरा है। अगर एक ऐसी वेबसाइट हैक हो जाती है जिसमे आपके ईमेल और पासवर्ड हैं, तो हर वो साइट जिस पर आपने उसी कॉम्बिनेशन या सम्मिश्रण का उपयोग किया है खतरे में पड़ जाएगी। एक पासवर्ड मैनेजर आपके द्वारा विजिट की गई हर वेबसाइट का पासवर्ड याद रखेगा, इससे आप मजबूत पासवर्ड्स रख पाएंगे और चाहे तो हर साइट के लिए अलग अलग पासवर्ड भी रख सकेंगे।
    • एक पासवर्ड मैनेजर के साथ, आपको ऐसे पासवर्ड रखने की चिंता करने की जरूरत नहीं होती जिन्हे आप याद रख सकें। इसकी बजाय, आप ऐसे पासवर्ड्स बना सकते हैं जिन्हें तोड़ना संभवतः असंभव हो। पासवर्ड "Kz2Jh@ds3a$gs*F%7" पासवर्ड "MyDogName1983" से कहीं अधिक मजबूत पासवर्ड है।
विधि 3
विधि 3 का 4:

बुनियादी गुमनामी (Basic Anonymity) के साथ ब्राउज करना

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. जब बात ऑनलाइन गुमनामी (anonymity) की हो, तो चीजें बहुत जल्दी तकनीकी हो जातीं हैं। इसके पहले कि आप इसकी शुरुवात करें, कुछ आमतौर पर इस्तेमाल में आने वाले बुनियादी शब्दों को समझना आपकी मदद करेगा।
    • Traffic (ट्रैफिक) - नेटवर्किंग के शब्दों में, ट्रैफिक एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डेटा के ट्रांसफर को कहते हैं।
    • सर्वर (Server) - यह दूर किसी जगह पर रखा हुआ एक कंप्यूटर होता है जो फाइल्स को होस्ट करता है या अपने साथ रखता है और कनेक्शंस को सेटअप करता है। सारी वेबसाइट्स सर्वर्स में संगृहीत या स्टोर्ड होती हैं जिन्हे आप अपने वेब ब्राउज़र से एक्सेस करते हैं।
    • एन्क्रिप्शन (Encryption) - यह अनिश्चित तरीके (randomly) से बनाए गए कोड का उपयोग करके नेटवर्क पर भेजे गए डेटा को सुरक्षित करने का काम है। जब डेटा एन्क्रिप्टेड (encrypted) होता है, तो यह इस यह एक ऐसे अनोखे कोड के अनुसार बिखरा हुआ होता है जो सिर्फ आपके और सर्वर के पास ही होता है। यह सुनिश्चित करता है कि अगर आपके डेटा को बीच में पकड़ भी (intercepted) लिया जाए, तो इसे समझा (decode) ना जा सके।
    • प्रॉक्सी (Proxy) - एक प्रॉक्सी सर्वर (proxy server) वो सर्वर होता है जिसे नेटवर्क ट्रैफिक को एकत्र करके और फिर उसे दुबारा भेजने के लिए कॉन्फ़िगर (configure) किया जाता है। मूल रूप में, एक प्रॉक्सी सर्वर ((proxy server) आपको खुद से कनेक्ट होने देगा, और फिर यह वेबसाइट्स के लिए आपकी मांगों (requests) को बाहर भेजेगा। फिर यह वेबसाइटों से डेटा प्राप्त करेगा और फिर इसे आपको भेजेगा। इसका फायदा यह है कि ये आपके आईपी एड्रेस (IP address) को उस वेबसाइट से छुपा लेता है जिसे आप एक्सेस कर रहे हैं।
    • वीपीएन (VPN) - एक वीपीएन (VPN) एक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क या अप्रत्यक्ष निजी नेटवर्क होता है। यह आपके और सर्वर के बीच में एक एन्क्रिप्टेड (encrypted) कनेक्शन होता है। पारम्परिक रूप से इसे कॉर्पोरेट वातावरण (corporate environments) में उपयोग किया जाता है ताकि कर्मचारी दूर किसी जगह से और सुरक्षित तरीके से कंपनी के संसाधनों का उपयोग कर सकें। एक वीपीएन (VPN) को इंटरनेट में से एक "सुरंग (tunnel)" की तरह माना जा सकता है जो आपको सीधे सर्वर से कनेक्ट करती है।
  2. हजारों की संख्या में वेब-बेस्ड प्रोक्सीज (web-based proxies) उपलब्ध हैं, और वो रोजाना बदलते रहते हैं। ये ऐसी वेबसाइट्स होती हैं जो ट्रैफिक को प्रॉक्सी सर्वर (proxy server) के जरिए गुजारती हैं। वो सिर्फ उस ट्रैफिक को प्रभावित करती हैं जो उस वेबसाइट से जा रहा हो, अपने ब्राउज़र में कोई दूसरी टैब खोलिए और आप जो भी ऑनलाइन भेजेंगे वो गुमनाम (Anonymously) तरीके से जाएगा। [१]
    • जब आप एक वेब-बेस्ड प्रॉक्सी (web-based proxy) का उपयोग कर रहे हों, तो ऐसी किसी भी साइट से बचें जो सिक्योर लोगिन का उपयोग करती हो (फेसबुक, बैंकिंग साइट्स, आदि) क्योंकि प्रॉक्सी साइट्स पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए।
    • ज्यादातर वेब-बेस्ड प्रोक्सीज (web-based proxies) कुछ निश्चित कंटेंट (content) को दिखा नहीं पाते जैसे वीडियोज।
  3. एक प्रॉक्सी सर्वर ((proxy server) वह सर्वर होता है जो आपके इंटरनेट ट्रैफिक को आगे भेजता या रिले (relay) करता है। इसमें फायदा यह होता है कि यह आपके निजी आईपी एड्रेस (personal IP address) को उन साइट्स से छिपा लेता है जब आप प्रॉक्सी के द्वारा उन साइट्स से कनेक्ट होते हैं। इसका नुकसान यह है कि आपको इस बात को लेकर प्रॉक्सी सर्वर (proxy server) पर विश्वास करना पड़ता है कि वो आपके इंटरनेट ट्रैफिक के साथ कुछ दुर्भावनापूर्ण (malicious) ना करे।
    • ऑनलाइन बहुत सारी प्रॉक्सी सर्विसेज (proxy services) उपलब्ध हैं, दोनों तरह की मुफ्त और भुगतान करके मिलने वाली। आमतौर पर फ्री सर्वर्स प्रचारों (एड्स) द्वारा सपोर्टेड होते हैं।
    • एक बार आपको एक ऐसा प्रॉक्सी सर्वर मिल जाए जिससे आप कनेक्ट होना चाहते हों, आपको अपने ब्राउज़र को प्रॉक्सी सर्वर से कनेक्ट होने के लिए कॉन्फ़िगर (configure) करने की जरूरत पड़ेगी। यह सिर्फ उस ट्रैफिक को प्रभावित करेगा जो आपके ब्राउज़र से बाहर जाएगा (इसका मतलब यह है कि एक इंस्टेंट मेसेजिंग प्रोग्राम (instant messaging program) प्रॉक्सी से रिले नहीं होगा जब तक उसे भी ऐसा होने के लिए कॉन्फ़िगर (configure) नहीं किया जाता)।
    • लगभग सभी वेब-बेस्ड प्रॉक्सीज (web-based proxies) में, आपको किसी भी सिक्योर साइट पर लोगिन करने से बचना चाहिए, क्योंकि आप इस बात को लेकर किसी प्रॉक्सी कंपनी पर भरोसा नहीं कर सकते कि वो आपका डेटा कहीं प्रकाशित या प्रकट नहीं कर देंगे।
    • किसी भी "ओपन (open)" प्रॉक्सी से कनेक्ट ना करें। ये ऐसे प्रॉक्सी सर्वर्स (proxy servers) हैं जो किसी ओर के द्वारा खुले छोड़ दिए गए है, और आमतौर पर दुर्भावनापूर्ण (malicious) या गैर कानूनी होते हैं।
  4. एक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क आपके ट्रैफिक को नेटवर्क पर जाते और आते हुए एन्क्रिप्ट (encrypt) कर देता है, इससे आपकी प्राइवेसी बढ़ जाती है। यह आपके ट्रैफिक को भी ऐसे दिखाएगा कि वह वीपीएन (VPN) सर्वर से आ रहा है, ठीक लगभग एक प्रॉक्सी सर्वर की तरह। ज्यादातर वीपीएन (VPN) में पैसा लगता है, और कई फिर भी आपके ट्रैफिक को लॉग (log) करते हैं ताकि वो सरकारी आदेशों का पालन कर सकें।
    • ऐसी किसी भी वीपीएन (VPN) कंपनी पर भरोसा ना करें जो कहे कि वो कोई जानकारी लॉग (Log) नहीं करते। कोई भी वीपीएन (VPN) एक ग्राहक के लिए सरकारी आदेश ना मानकर खुद अपने बंद होने का खतरा नहीं उठाएगा।
  5. टोर (Tor) एक नेटवर्क है जो कई प्रोक्सीज की तरह काम करता है, यह आपके ट्रैफिक को कई रिलेज (relays) से गुजारता है इससे पहले कि ट्रैफिक अपने गंतव्य या आप तक पहुँचे। सिर्फ वही ट्रैफिक गुमनाम (anonymized) होगा जो टोर ब्राउज़र (Tor Browser) में से गुजर के जाएगा, और टोर ब्राउज़र (Tor Browser) का उपयोग करके ब्राउज़िंग करने पर आपकी ब्राउज़िंग सामान्य ब्राउज़िंग की अपेक्षा बहुत धीमी होगी।
विधि 4
विधि 4 का 4:

सशक्त गुमनामी (Strong Anonymity) के साथ ब्राउज करें

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. अगर आप सचमुच गुमनामी (anonymously) के साथ ब्राउज़िंग करना चाहते हैं, तो ऐसी कई चीजें हैं जो आपको ऑनलाइन जाने के पहले सेटअप करनी होगी। यह बहुत झंझट वाला काम लग सकता है, लेकिन इन क़दमों का अनुशरण करना ही एक मात्र रास्ता है जो यह सुनिश्चित करता है कि आप ऑनलाइन थोड़ी गुमनामी बनाए रख पाएं।
    • यह तरीका आपको अपना व्यक्तिगत वीपीएन (VPN) और सबसे अलग सर्वर कॉन्फ़िगर (configure) करने में मदद करेगा। यह किसी वीपीएन (VPN) के लिए सब्सक्राइब करने से बहुत ज्यादा सुरक्षित तरीका है, क्योंकि आप अपने डेटा को लेकर हमेशा किसी कंपनी पर भरोसा नहीं कर सकते।
  2. अपने घर के कंप्यूटर पर एक वर्चुअल मशीन (virtual machine) में लिनक्स (Linux) इनस्टॉल करें: आपके कंप्यूटर में ऐसी बहुत से सर्विसेज होती है तो इंटरनेट से कनेक्ट हो जाती है, जिनमे से हर एक आपकी ऑनलाइन गुमनामी (Online Anonymity) के साथ आपके समझे बिना समझौते का या उसे कमजोर करने का कारण बन सकती है। विंडोज विशेष रूप से असुरक्षित होता है और मैक ओएस एक्स (Mac OS X) भी अपेक्षाकृत कुछ कम हद तक असुरक्षित होता है। गुमनाम होने की ओर (anonymous) पहला कदम है कि एक वर्चुअल मशीन में लिनक्स (Linux) इंस्टॉल किया जाए, जो एक कंप्यूटर में एक ओर कंप्यूटर की तरह होता है। [२]
    • एक वर्चुअल मशीन के चारों ओर एक "दीवार (Wall)" होती है तो किसी भी डेटा को आपके कंप्यूटर तक जाने से रोकती है। यह आपके असली (physical) कंप्यूटर की पहचान को आपके गुमनामी (anonymously) से ब्राउज़िंग करते समय प्रकट होने से बचाती है।
    • एक वर्चुअल मशीन पर लिनक्स इंस्टॉल करना पूर्णतः मुफ्त प्रक्रिया है, पर इसमें करीब एक घंटे का समय लग सकता है।
    • टैल्स ओएस (TailsOS) निजता की ओर उन्मुख (privacy-oriented) सबसे लोकप्रिय लिनक्स डिस्ट्रीब्यूशन (Linux Distribution) है। यह बहुत हल्का (lightweight) और पूरी तरह एन्क्रिप्टेड (encrypted) होता है।
  3. किसी दूसरे देश में होस्ट किया हुआ कोई वीपीएस (VPS) या वर्चुअल प्राइवेट सर्वर ढूंढ़े: इससे आपको हर महीने कुछ सौ रूपए खर्च करने होंगे, पर यह सुनिश्चित करने में सहायता करेगा कि आप गुमनामी (Anonymously) के साथ ब्राउज कर रहे हैं। किसी दूसरे देश में स्थित VPS (वीपीएस) के लिए सब्सक्राइब करना महत्वपूर्ण है, ताकि वीपीएस (VPS) से आने और जाने वाले ट्रैफिक को आपके अपने आईपी एड्रेस (IP Address) पर ट्रैक ना किया जा सके।
    • आप अपने वीपीएस (VPS) का उपयोग वीपीएन (VPN) या वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क को उस पर इंस्टॉल करने के लिए करेंगे। इससे आप अपने वीपीएन (VPN) से कनेक्ट हो सकेंगे, और अपना वास्तविक आईपी एड्रेस (IP address) छुपा सकेंगे।
    • एक ऐसी वीपीएस (VPS) सर्विस को चुनें जो आपको ऐसे तरीके से भुगतान करने दे कि आपको अपनी पहचान प्रकट ना करनी पड़े, जैसे डार्ककॉइन (DarkCoin)।
    • एक बार जब आप एक वीपीएस (VPS) के लिए साइन-अप कर चुकें, तो आपको इस पर अपना स्वयं का ऑपरेटिंग सिस्टम इनस्टॉल करना होगा। निम्न में से किसी लिनक्स डिस्ट्रीब्यूशन (Linux distributions) को इंस्टॉल करें ताकि वीपीएन (VPN) को आसानी से सेटअप किया जा सके: उबुन्टु (Ubuntu), फेडोरा (Fedora), सेंट ओएस (CentOS), या डेबियन (Debian)।
    • नोट कर लें कि आपके वीपीएस (VPS) प्रोवाइडर को फिर भी कोर्ट का आर्डर मिल सकता है कि वह आपकी वीपीएन (VPN) जानकारी प्रकट करे, अगर आपकी सरकार को संदेह होता है कि आपके वीपीएन (VPN) पर कुछ गैरकानूनी गतिविधि हो रही है। इसे रोकने के लिए आप वास्तव में बहुत ज्यादा कुछ नहीं कर सकते।
  4. वीपीएस (VPS) पर अपना खुद का वीपीएन (VPN)/वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क सेटअप करें: वीपीएन (VPN) ही वो चीज है जिससे आपके कंप्यूटर को इंटरनेट एक्सेस करने के लिए कनेक्ट होना होगा। मूल रूप से यह ऐसी अनुभूति देगा जैसे आप वीपीएस (VPS) की लोकेशन से ब्राउज कर रहे हों, अपने घर से नहीं, और यह वीपीएस (VPS) से आने और उस पर जाने वाले डेटा को भी एन्क्रिप्ट (encrypt) करेगा। यह कदम वर्चुअल ऑपरेटिंग सिस्टम को इनस्टॉल करने से थोड़ा ज्यादा जटिल है। पर तो भी यह तार्किक रूप से सबसे महत्वपूर्ण कदम है, इसलिए अगर आपके लिए गुमनामी (anonymity) महत्वपूर्ण है, तो इसे पूरा करना सुनिश्चित करें। ये कदम विशिष्टः रूप से उबुन्टु (Ubuntu) के ओपन वीपीएन (OpenVPN) के लिए हैं, जो एक ज्यादा भरोसेमंद मुफ्त वीपीएन (VPN) सोल्युशन में से है। [३]
    • अपने वीपीएस (VPS) ऑपरेटिंग सिस्टम पर लोगिन करें। यह करने की प्रक्रिया आपकी चुनी हुई वीपीएस (VPS) सर्विस के अनुसार अलग अलग हो सकती है।
    • ओपन वीपीएन (OpenVPN) वेबसाइट को विजिट करें और सही सॉफ्टवेयर पैकेज को डाउनलोड करें। वहां आपको कई विकल्प मिलेंगे, इसलिए सुनिश्चित करें कि आप अपने वीपीएस (VPS) के ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए सही विकल्प को चुनें। आप सभी उपलब्ध डाउनलोड विकल्पों को openvpn.net/index.php/access-server/download-openvpn-as-sw.html यहाँ देख सकते हैं।
    • अपने वीपीएस (VPS) पर टर्मिनल खोलें और अपने डाउनलोड किए गए ओपन वीपीएन (OpenVPN) सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करने के लिए dpkg -i openvpnasdebpack.deb टाइप करें। अगर आप उबुन्टु (Ubuntu) या डेबियन (Debian) का उपयोग नहीं कर रहें है तो यह कमांड अलग होगी।
    • passwd openvpn टाइप करें और जब प्रांप्ट किया जाए तो नया पासवर्ड सेट करें। यह आपके ओपन वीपीएन (OpenVPN) का एडमिन (Admin) पासवर्ड होगा।
    • अपने वीपीएस (VPS) पर वेब ब्राउज़र खोलें और टर्मिनल में दिखाए जा रहे एड्रेस को एंटर करें। इससे ओपन वीपीएन (OpenVPN) का कंट्रोल पैनल खुलेगा। openvpn यूजर नेम और अपने द्वारा बनाए गए पासवर्ड से लोगिन करें। पहली बार लोगिन करने के बाद, आपका वीपीएन (VPN) काम करने के लिए तैयार है।
  5. अपने वर्चुअल कंप्यूटर (virtual computer) पर एक वेब ब्राउज़र खोलें: आपको ओपेनवीपीएन कनेक्ट क्लाइंट (OpenVPN Connect Client) को एक्सेस करना पड़ेगा ताकि आप वह कॉन्फ़िगरेशन (configuration) फाइल डाउनलोड कर सके जिसकी आपके कनेक्शन प्रोग्राम के लिए जरूरत पड़ेगी।
    • वही पासवर्ड एंटर करें जो आपने एडमिन पैनल (admin panel) को एक्सेस करने के लिए वीपीएस (VPS) में किया था, /admin वाले हिस्से के बिना।
    • अपने ओपेनवीपीएन (OpenVPN) एडमिन अकाउंट को "ओपेनवीपीएन (openvpn) को यूजर नेम की तरह उपयोग करके लोगिन करें और उस पासवर्ड को डाले जो आपने पहले बनाया था।
    • अपने वर्चुअल कंप्यूटर पर client.opvn या client.conf फाइल डाउनलोड करें।
  6. अपने वर्चुअल कंप्यूटर पर ओपेन वीपीएन क्लाइंट (OpenVPN client) डाउनलोड करें: एक बार आपका वीपीएन (VPN) कॉन्फ़िगर (configure) हो जाने के बाद, आपको अपने वर्चुअल कंप्यूटर को इससे सीधे कनेक्ट हो जाने के लिए सेटअप करने की जरूरत पड़ेगी। निम्नलिखित निर्देश उबुन्टु (Ubuntu) और डेबियन (debian) के लिए हैं, इसलिए आपको अपने ऑपरेटिंग सिस्टम के अनुसार कमांड्स को बदलने की जरूरत पड़ सकती है।
    • टर्मिनल खोले और sudo apt-get install network-manager-openvpn-gnome टाइप करें।
    • पैकेज के डाउनलोड और इंस्टॉल होने का इन्तजार करें।
    • नेटवर्क मैनेजर (Network Manager) को खोलें और "VPN" टैब को क्लिक करें।
    • "Import" बटन पर क्लिक करें और फिर उस कॉन्फ़िगरेशन (configuration) फाइल को सेलेक्ट करें जो आपने डाउनलोड की है।
    • अपनी सेटिंग्स को (पुनरीक्षण) रिव्यु करें। सर्टिफिकेट और फ़ील्ड्स में स्वयं आंकड़ें स्वयं आ जाने चाहिए, और गेटवे (Gateway) फील्ड में आपका वीपीएन (VPN) एड्रेस दिखना चाहिए।
    • "IPV4 Settings" को क्लिक करें और मेथड्स (Methods) के ड्राप डाउन मेनू से "Automatic (VPN) addresses only" को चुनें। इससे सुनिश्चित होगा की आपका सारा इंटरनेट ट्रैफिक वीपीएन (VPN) के माध्यम से ही जाए।
  7. अपने वर्चुअल कंप्यूटर पर टोर ब्राउज़र (Tor Browser) बंडल को डाउनलोड करें: इस समय पर, जब आपका वीपीएस (VPS) और वीपीएन (VPN) कॉन्फ़िगर (configure) है और चल रहें हैं, आप बहुत मजबूत गुमनामी से ब्राउज कर रहें हैं। आपका वीपीएन (VPN) आपके वर्चुअल कंप्यूटर से जाने और आने वाले सारे ट्रैफिक को एन्क्रिप्ट (encrypt) कर देगा। अगर आप इसे एक कदम आगे ले जाना चाहते हैं, तो टोर ब्राउज़र (Tor Browser) में सुरक्षा की एक और परत भी जोड़ी जा सकती है, पर इसके लिए आपको अपनी ब्राउज़िंग स्पीड से समझौता करना होगा। [४]
    • आप torproject.org से (Tor browser) डाउनलोड कर सकते हैं।
    • अपने वीपीएन (VPN) से टोर (Tor) चलाने पर आपके आईएसपी (ISP) से यह तथ्य छुपाया जा सकता है कि आप टोर (Tor) का उपयोग कर रहे हैं (वो सिर्फ एन्क्रिप्टेड वीपीएन ट्रैफिक (encrypted VPN traffic) देख पाएंगे।
    • टोर (Tor) इंस्टालेशन प्रोग्राम को चलाएं। इसकी डिफ़ॉल्ट सैटिंग्स ज्यादातर यूजरों के लिए व्यापक सुरक्षा उपलब्ध करवाती हैं।
  8. अगर आपको अपनी गुमनामी की बहुत चिंता है, तो आपको कम से कम हर महीने अपना (VPS) प्रोवाइडर बदलते रहना चाहिए। इसका मतलब है कि हर बार ओपेन वीपीएन (OpenVPN) दोबारा कॉन्फ़िगर (configure) करना होगा, पर आप इसे करते करते इस प्रक्रिया को बहुत तेजी से करने में समर्थ हो जाएंगे। सुनिश्चित करें कि जब आप नए वीपीएस (VPS) पर जाएं तो पहले वाले वीपीएस (VPS) को रिसेट कर लें। [५]
  9. अब जब सबकुछ कॉन्फिगरेड (configured) है, तो आपकी गुमनामी की मजबूती आपकी ब्राउज़िंग की आदतों पर निभर होगी।
    • वैकल्पिक सर्च इंजंस जैसे डकडकगो (DuckDuckGo) या स्टार्टपेज (startpage) का उपयोग करें।
    • जावास्क्रिप्ट (Javascript) वाली किसी भी साइट पर जाने से बचें: जावास्क्रिप्ट (Javascript) कोड का उपयोग आपके आईपी एड्रेस (IP addresses) को प्रकट करने और आपके ट्रैफिक की गुमनामी को ख़त्म करने के लिए लिया जा सकता है।
    • टोर नेटवर्क (Tor network) से डिसकनेक्ट हो जाएं जब आप टोर (Tor) से डाउनलोड की हुई किसी फाइल को खोल रहे हों।
    • जब आप टोर नेटवर्क (Tor network) से कनेक्ट हों तो टोरेंट फाइल्स (torrent files) को डाउनलोड ना करें।
    • ऐसी किसी भी साइट से बचें जो HTTPS (ये देखने के लिए कि साइट HTTP का उपयोग कर रही है या HTTPS का एड्रेस बार में देखें) का उपयोग ना करती हों।
    • ब्राउज़र प्लगिन्स (browser plugins) को इनस्टॉल करने से बचें।

संबंधित लेखों

अपने सिम कार्ड से अपना मोबाइल नंबर पता करें
उस व्यक्ति को कॉल करें जिसने आपका नंबर ब्लॉक कर दिया है (Call a Person That Has Blocked Your Number)
इंस्टाग्राम पासवर्ड रीसेट करें (Reset Your Instagram Password)
इंस्टाग्राम पर किसी लड़की से बात शुरू करें (Start a Conversation with a Girl on Instagram)
ब्लॉक (block) किए हुये नंबर पर वापस कॉल करें
WhatsApp टिप्स: फेक नंबर से व्हाट्सअप चलायें
फोटो की मदद से किसी की खोज करें (Search and Find About Someone Using Image Easily)
यूट्यूब से गाने डाउनलोड करें (Kaise YouTube se Gaane Download Kare)
लड़कियों से ऑनलाइन बातें करें (Talk to Girls Online)
PC में हिंदी में टाइप करें (Type in Hindi on a PC)
HTML का इस्तेमाल करके एक वेब पेज तैयार करें (Create a Simple Web Page with HTML)
एंड्राइड में सेफ मोड बंद करें
Pirate Bay से डाउनलोड करें (Download from Pirate Bay)
इंस्टाग्राम अकाउंट को डिलीट करें

विकीहाउ के बारे में

सभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो ३,०२० बार पढ़ा गया है।

यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?