टैली 9 ईआरपी, एक अकाउंटिंग प्रोग्राम है जो आपको अकाउंट्स, सेल्स, ऋण, और व्यापार चलाने से संबंधित सभी चीज़ों का ट्रैक (track) रखने और मैनेज करने देता है। टैली 9 का इस्तेमाल मुख्यतः भारत में होता है और आप इसका परीक्षण मुफ़्त में कर सकते हैं। टैली की मदद से, बस कुछ बटन दबा कर आप अपने सभी ख़र्चों को ट्रैक कर सकते हैं।
चरण
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टैली सॉफ्टवेयर को इन्स्टाल करिए: टैली 9 ईआरपी को टैली वेबसाइट से खरीद कर डाउनलोड किया जा सकता है। अगर आपको अभी यह पक्का यकीन नहीं है कि आप इसे खरीदना ही चाहते हैं, तब आप 30 दिन का ट्रायल वर्ज़न डाउनलोड कर सकते हैं। टैली 9 केवल विंडोज़ के लिए है। आप टैली को एजुकेशनल मोड (Educational Mode) में भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसमें आप इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल को बिना किसी प्रकार का लाइसेन्स खरीदे सीख सकते हैं। इस मोड में कुछ फ़ीचर्स पर प्रतिबंध होता है।
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टैली में नेवीगेट करिए: टैली को ऐसे डिजाइन किया गया है कि कीबोर्ड की मदद से उसमें नेवीगेट किया जा सके। हालांकि आप जिस विकल्प पर चाहें, उस पर क्लिक कर सकते हैं, मगर टैली में हर चीज़ के लिए शॉर्टकट मौजूद है। आम तौर पर प्रत्येक उपलब्ध विकल्प के बग़ल में वह की प्रदर्शित की जाती है। कीबोर्ड की मदद से कैसे काम किया जाये यह सीख लेने से आपकी कार्यक्षमता बढ़ जाएगी।
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कंपनी बनाइये: टैली का इस्तेमाल करने के लिए आपको प्रोग्राम में एक कंपनी बनानी होगी। चाहे आप टैली का इस्तेमाल व्यावसायिक रूप से नहीं भी कर रहे हों, तब भी आपको कंपनी तो बनानी ही होगी। ओपनिंग मेन्यू में "Create Company" चुन लीजिये। इससे आप कंपनी बनाने वाले स्क्रीन पर पहुँच जाएँगे, जहां आप अपनी कंपनी का विवरण एंटर कर सकेंगे।
- अपनी कंपनी का नाम, जिस प्रकार बैंक के रिकॉर्ड में हो, उसी प्रकार यहाँ एंटर करिए।
- अपनी कंपनी का पता, वैधानिक कंप्लायन्स (compliance), टेलीफ़ोन नंबर और ईमेल एंटर करिए।
- अपनी मुद्रा चुन लीजिये।
- यह सुनिश्चित करने के लिए "Auto Backup" चालू कर दीजिये कि यदि आपके ओरिजिनल (original) काम को कुछ हो जाये, तब आपके काम की एक प्रति सेव (save) होती रहे।
- अगर आप टैली का इस्तेमाल केवल अपने अकाउंट्स को मैनेज करने के लिए कर रहे हैं, तब मेंटेन (maintain) मेन्यू में "Accounts info" चुन लीजिये। अगर आप टैली का इस्तेमाल इनवेंटरी (inventory) मैनेजमेंट के लिए भी कर रहे हैं, तब "Accounts with inventory" चुन लीजिये।
- अपने वित्तीय वर्ष की शुरुआत और बुक्स की शुरू करने की तिथि एंटर करिए।
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समझिए कि लेजर्स क्यों हैं: लेजर्स में उस अकाउंट के सभी ट्रांज़ेक्शन्स (transactions) रिकॉर्ड किए जाते हैं। आप जिस अकाउंट के साथ भी व्यापार करते हैं आपको उसके लिए एक लेजर बनाने की आवश्यकता होगी। इसमें दो लेजर्स: "Cash" तथा "Profit and Loss Account" शामिल होते हैं। आपको जितने लेजर्स की आवश्यकता हो, आप उतने बना सकते हैं।
- जब सेल्स (sales) या पर्चेज़ (purchase) के अंतर्गत अन्य पार्टियों के लिए अकाउंट का निर्माण कर रहे हों, तब उनको संडरी डेटर्स (Sundry Debtors), संडरी क्रेडिटर्स (Sundry Creditors) या शाखा/डिवीज़न की तरह सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। पार्टी को उस समूह में रखिए जिससे वह सबसे निकट से संबंधित हो। जैसे कि, ऐसी पार्टी जो कि आपको उससे अधिक बेचती जितना वह आपसे ख़रीदती है, वह संडरी डेटर्स अकाउंट होगी।
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क्रिएट (create) लेजर विंडो खोलिए: गेटवे मेन्यू में "Accounts Info" को चुन लीजिये। "Ledgers" विकल्प को चुनिये। इसके बाद आप चुन सकते हैं कि आपको एक लेजर का निर्माण करना है या अनेक लेजर्स का।
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ग्रुप (group) को चुनिये: जब आप लेजर का निर्माण कर रहे होंगे तब पहली चीज़ आपको यह करनी होगी कि उसे किस ग्रुप में असाइन (assign) किया जाए। सही ग्रुप का चुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि बाद में संख्याओं और सेल्स का योग किस प्रकार किया जाएगा, वह इससे प्रभावित होगा। उपलब्ध ग्रुप्स की सूची स्क्रीन के दाईं ओर होगी।
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लेजर को कोई नाम दीजिये: अपने लेजर के नाम को एंटर करिए। इससे बिना लेजर को खोले आप जान सकेंगे कि उसमें क्या है।
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ओपनिंग बैलेंस एंटर करिए: लेजर का निर्माण करते समय, आपको यह बताना होगा कि लेजर कितने बैलेंस से शुरू हो रहा है। अगर आप अपने बैंक खाते के लिए लेजर बना रहे हैं, तब अभी उसमें जितना धन है वही अमाउंट (amount) उसमें आयेगा। अगर आप उस अमाउंट के लिए लेजर शुरू कर रहे हैं जो किसी ठेकेदार को देना है, तब देय अमाउंट शुरुआत का बैलेंस होगा।
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वाउचर्स का उद्देश्य समझना: वाउचर एक ऐसा डॉकयुमेंट होता है जिसमें वित्तीय ट्रांज़ेक्शन का विवरण होता है। सेल्स से ले कर डिपॉज़िट तक, व्यापार के हर पक्ष के लिए वाउचर्स का इस्तेमाल होता है। टैली, पहले से कान्फ़ीगर (configure) किए हुये अनेक प्रकार के लोकप्रिय वाउचर्स के साथ आता है।
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वाउचर्स पेज को खोलिए: गेटवे मेन्यू में से "Accounting Vouchers" चुनिये।
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आप जिस वाउचर का निर्माण करना चाहते हैं उसे चुन लीजिये: दायें मेन्यू में, आपको उन उपलब्ध वाउचर्स की सूची मिलेगी जिनका आपके द्वारा निर्माण किया जा सकता है। जो भी सबसे अधिक आपके काम का हो, उसे चुन लीजिये।
- कंट्रा वाउचर (F4) – कंट्रा वाउचर्स तब बनते हैं जब पैसा बैंक में जमा होता है या निकाला जाता है, या उसे एक ही कंपनी के एक खाते से दूसरे में ट्रांसफ़र किया जाता है।
- पेमेंट (Payment) वाउचर (F5) – यह वाउचर व्यापार के लिए किए गए पेमेंट्स के लिए होता है।
- रिसीट वाउचर (F6) – यह वाउचर कंपनी की किसी भी आय (सेल्स, किराया, ब्याज़ आदि) के लिए होता है।
- जर्नल वाउचर (F7) – ट्रांज़ेक्शन जिनका संबंध सेल्स, पर्चेजेज़, नकद, या अन्य आय से नहीं होता है। इनका इस्तेमाल अधिकतर एडजस्टमेंट्स तथा ओपनिंग और क्लोजिंग बैलेंसेज़ के लिए किया जाता है।
- सेल्स वाउचर / इनवॉइस (F8) – यह वाउचर कंपनी द्वारा की गई सभी सेल्स के लिए बनाया जाता है।
- पर्चेज़ वाउचर (F9) – यह कंपनी द्वारा असेट्स (assets) की खरीद के लिए बनाया जाता है।
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ज़रूरी जानकारी को एंटर करिए: वाउचर को पूरा करने के लिए ज़रूरी जानकारी इस पर निर्भर करेगी कि आप किस प्रकार का वाउचर बनाना चाहते हैं। सामान्यतः आपको यह पता करना होगा कि वाउचर किस लेजर से सम्बद्ध किया जाएगा, तथा साथ ही तिथि तथा जो भी संबंधित पार्टियां होंगी उनके नाम भी एंटर करने होंगे।
- अगर आप खरीदे या बेचे जाने वाले उत्पादों को एंटर कर रहे होंगे, तब टैली अपने आप, आपके द्वारा चुनी गई मात्रा के आधार पर योग की गणना कर लेगा। [१] X रिसर्च सोर्स
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