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कई लोगों के लिए बेहतर नींद पाना काफी मुश्किल हो सकता है और डिप्रेशन या लम्बे समय तक रहने वाले तनाव को झेलने वाले लोगों के लिए यह और भी ज्यादा मुश्किल हो सकता है | ऐसे देखा गया है कि डिप्रेशन और अनिद्रा एकसाथ ही आते हैं | स्टडीज दर्शाती हैं कि नींद में सुधार लाने से अपने मूड में भी सुधार किया जा सकता है | [१] बेहतर नींद लेकर अपनी डेली एक्टिविटी में स्वस्थ बने रहें, बेडटाइम रूटीन बनायें, ऐसी चीज़ों से दूर रहें जिनकी वजह से आप जागते रहते हों और नींद न आने की समस्या बने रहने पर डॉक्टर से सलाह लें |

विधि 1
विधि 1 का 4:

एक सकारात्मक बेडटाइम रूटीन बनायें

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  1. अनियमित स्लीपिंग शिड्यूल से बचें जिसमे आप हर रात अलग-अलग समय पर सोने जाते हैं | अगर आप सच में तनाव मुक्त होने और प्रत्येक दिन एक ही समय पर सोने की तैयारी करने की शुरुआत करते हैं तो ज्यादा आराम महसूस कर पाएंगे |
    • अपने स्लीपिंग पैटर्न को नियमित रखने से सुस्ती, आलस और थकान की फीलिंग से बचने में मदद मिलेगी जिनका सम्बन्ध आमतौर पर डिप्रेशन से होता है |
    • अधिकतर वयस्कों को प्रत्येक रात औसतन 8 घंटे की नींद की जरूरत होती है | किशोरों को औसतन 9 घंटे की नींद जरुरी होती है | [2]
    • वीकेंड्स पर भी स्लीप साइकिल जारी रखें |
  2. आपको तनाव से मुक्त करने में मदद करने वाले प्री-बेडटाइम रूटीन बनायें: सोने से पहले खुद को "तनाव मुक्त" होने का समय दें | सोने की तैयारी शुरू करने के बीच आपका सिर तकिये से लगने तक लगभग एक घंटे तक प्लान बनाएं | सोने से बिलकुल पहले, ऐसी एक्टिविटी शुरू न करें जो आपको तनाव दें या आपकी एंग्जायटी बढाए | यह समय रिलैक्स होने के लिए होता है |
    • "तनाव मुक्त" रहने के लिए समय निकालने से नकारात्मक विचार दूर होते हैं और सकारात्मक नीद के लिए आप तैयार हो पाते हैं | अगर आप खुद को तनावमुक्त होने का समय नहीं देते तो सोने की कोशिश करते समय भी आपके डिप्रेसिव विचार दिमाग में ही अटके रहेंगे |
    • सोने से बिलकुल पहले कंप्यूटर या सेल फोन या टीवी देखने का समय सीमित कर दें | ये डिवाइसेस ब्लू लाइट कही जाने वाली लाइट निकालती हैं जिससे मेलाटोनिन (नींद लाने के लिए जरुरी हार्मोन) के प्रोडक्शन को दबा देती हैं | इसके अलावा, इन डिवाइसेस के इस्तेमाल से दूसरी तरह से भी उद्दीपन होने लगते हैं जैसे आप सोशल मीडिया देखते रहने में समय बर्बाद करते हैं या विशेषरूप से अगर आप न्यूज़ देखते हैं तो उनसे आपको तनावपूर्ण इवेंट्स याद आती हैं | अगर आप सोने से बिलकुल पहले कोई चीज़ देख रहे हैं तो ध्यान दें कि वो पॉजिटिव और प्रेरणादायक होनी चाहिए |
  3. अपने ब्रेन की सफाई करने के रूप में अपने एनवायरनमेंट को कण्ट्रोल करें: डिप्रेशन होने पर ऐसा लगता है जैसे इसने आपको स्थिर कर दिया है | अपने बेडरूम को नींद की शरणस्थली बनाकर इन थकाने वाली फीलिंग्स को कम करें | अपने कमरे से गंदे कपडे, फैले हुए पेपर, किताबों के ढेर, उपकरणों का जमावड़ा या दूसरी अव्यवस्थित चीज़ें को हटा दें | यहाँ बेडरूम को सोने के लिए उपयुक्त बनाने के कुछ बेहतरीन उपाय बताये जा रहे हैं:
    • घर और कमरे दोनों के बाहरी शोर को रोकने के लिए पंखे या वाइट नॉइज़ मशीन का इस्तेमाल करें |
    • ध्यान दें कि भारी परदे या ब्लाइंड्स का इस्तेमाल करें और कमरे में अँधेरा रखें या फिर स्लीप मास्क का इस्तेमाल करें |
    • ध्यान रखें कि बिस्तर आरामदायक होना चाहिए | अगर संभव हो तो कोई ऐसे स्पॉट या पोजीशन खोजें जहाँ आपको ज्यादा रिलैक्स फील होता है |
    • अपने पैर, कूल्हों और कन्धों को सहारा देने के लिए बॉडी पिलो का इस्तेमाल करें | इससे नींद बेहतर आती है और अकेलेपन का अहसास भी नहीं होता | [3]
    • कमरे में ऐसा सुविधाजनक तापमान हो जिससे यह अच्छी तरह से वेंटिलेट होता रहे |
  4. डिप्रेशन आपके दिमाग और शरीर को बैचेन कर सकता है | अगर ऐसा मध्यरात्रि में हो, आपकी नींद खुल जाए और आप फिर से सो न पायें तो किसी दुसरे कमरे में जाएँ और फिर से नींद आने तक कुछ और काम (ऐसा कोई काम नहीं हो आपको बहुत ज्यादा उत्तेजित करे) करें | इन एक्टिविटी पर ध्यान दें: [4]
    • ऐसी किताब, न्यूज़ पेपर या मैगज़ीन पढ़ें, जिसमे आप बहुत ज्यादा खो न पायें |
    • बर्तन धोने, कपडे फोल्ड करने या कोई चीज़ दूर रखने से जैसे काम करें |
    • पानी पियें |
    • अगर आपके पास पालतू जानवर हो तो उसके पास जाएँ |
    • टीवी की आवाज़ धीमी करके देखें |
विधि 2
विधि 2 का 4:

आपको जगाये रखने वाले ट्रिगर्स से बचें

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  1. स्टीमुलेंट के रूप में कैफीन सीमित मात्रा में लें: हालाँकि स्टीमुलेंट से डिप्रेशन के थकान जैसे लक्षणों में मदद मिल सकती है लेकिन कैफीन आपके दिमाग और शरीर को पूरी रात एक्टिव रख सकती है | सोने से कम से कम चार से छह घंटे पहले कैफीन का इस्तेमाल न करें | एक दिन में चार कप से ज्यादा कैफीनेटेड ड्रिंक्स (सोडा, कॉफ़ी, एनर्जी ड्रिंक्स) पीने से सीरियस साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जिनमे अनिद्रा भी शामिल है | [5] यहाँ कुछ ऐसे फूड्स बताये जा रहे हैं जिन्हें बेहतर नींद पाने के लिए नहीं लेना चाहिये:
    • बहुत सारी चीनी और कैफीन के साथ सोडा
    • एनर्जी ड्रिंक्स
    • ब्लैक टी या कॉफ़ी
    • चॉकलेट
  2. लापरवाही कम करने के लिए भरी और गरिष्ठ खाने से बचें: अगर आप डिप्रेस्ड हों और उसमे आपको थकान और एकाग्रता न होने जैसे लक्षण हों तो जरूरत से ज्यादा खाने या भरपेट खाना खाने से ये लक्षण और बढ़ सकते हैं | रात में खुद को सामान्य रखने के उपाय के रूप से जरूरत से ज्यादा खाने से बचें | भारी और गरिष्ठ भोजन आपका पेट बहुत भर देता है और सोने से कुछ घंटे पहले रक पेट अपना कोई काम नहीं कर पाता | अगर आपको देर रात को खाने की आदत है तो सोने से बिलकुल पहले भारी भोजन करने की बजाय नीचे दिए गये स्नैक्स आजमायें: [6]
    • एक गिलास गुनगुना दूध या हर्बल (बिना कैफीन वाली) चाय
    • एक बाउल कम चीनी वाले सेरेअल
    • एक केला
  3. सोने से बिलकुल पहले स्ट्रेसफुल एक्टिविटी करना कम कर दें: सोने से बिलकुल पहले ही अगले दिन के लिए काम न करें | यह तनावपूर्ण हो सकता है और इससे एंग्जायटी या डिप्रेशन की फीलिंग आ सकती हैं | सोने से पहले टीवी, फ़ोन या कंप्यूटर देखने के समय को सीमित करें | इनसे आप विचारों से तो डिस्ट्रेक्ट हो सकते हैं लेकिन इनसे स्ट्रेस, डिप्रेशन या एंग्जायटी भी ट्रिगर हो सकती है | [7] बेड पर जाते से ही दुनिया की सारी बाहरी ताकतें जैसे काम, स्कूल लाइफ धुंधली पड़ जाती है | अपनी मसल्स को रिलैक्स करने पर फोकस करें और इसके साथ ही दिमाग को भी शांत करें | इन चीज़ों को आजमायें:
    • हेडफोंस पहनें और कोई शांतिदायक म्यूजिक सुनें |
    • डीप ब्रीथिंग करें, 10 तक गिनें और अपनी साँसों पर फोकस रखें |
    • मैडिटेशन या प्रार्थना करें |
    • उस दिन हो चुकी कोई तीन पॉजिटिव चीज़ों के बारे में सोचें, भले ही वे बहुत छोटी चीज़ें हों |
    • कोई तकिये जैसी चीज़ खोजें | अगर आपको आराम मिलता हो तो अपने पालतू जानवर के साथ भी सो सकते हैं |
विधि 3
विधि 3 का 4:

अपने दैनिक जीवन में स्वस्थ बने रहें

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  1. हमारे शरीर में नींद और जागने के चक्र को मेन्टेन करने के लिए धूप बहुर जरुरी होती है | यह शरीर में विटामिन D को बूस्ट करने में भी मदद करती है | इसलिए अपना पूरा समय घर के अंदर न बिताएं, विशेषरूप से धूप वाले दिनों में | [8]
    • हालाँकि बहुत ज्यादा देर तक धूप में रहना स्किन के लिए बुरा साबित हो सकता है लेकिन दिन में धूप की स्वस्थ मात्रा और रात में अँधेरा ग्रहण करना जरुरी होता है | ऐसा देखा गया है कि इससे रात को बहुत अच्छी नींद आती है | [9]
  2. अपने माइंड और बॉडी को इम्प्रूव करने के लिए एक्सरसाइज करें: एक्टिव रहने से डिप्रेशन से लड़ने में मदद मिल सकती है, बल्कि रेगुलर एक्सरसाइज करने पर देखा गया है कि ये एंटी डिप्रेसेंट लेने से भी ज्यदा असरदार साबित होती है | [10] हालाँकि इस बात की पूरी तरह से पुष्टि नहीं होती, एक्सपर्ट मानते हैं कि एक्सरसाइज से एंडोर्फिन रिलीज़ होने या इससे न्यूरोट्रांसमीटर नॉरएपिनेफ्रिन उद्दीप्त होने से डिप्रेशन के इलाज में मदद मिल सकती है क्योंकि इससे मूड में सुधार आता है |
    • हर सप्ताह लगभग 150 मिनट के लिए एक्सरसाइज करें (एक सप्ताह में पांच दिन 30 मिनट की एक्सरसाइज करें) | इसकी शुरुआत आप तेज़ गति से टहलने के साथ कर सकते हैं |
    • जो लोग सप्ताह में 150 मिनट का वर्क आउट करते हैं, उन्हें बेहतर नींद आती है और दिन में नींद कम आती है | [11]
    • सुबह स्ट्रेचेस करें और रात में मसल्स को ढीला छोड़ दें | इससे शरीर को रिलैक्स करने में मदद मिल सकती है |
  3. डिप्रेशन होने की स्थिति में खाना न खाना या ओवरईटिंग करने से बचें | एक नियमित समय पर खाने से शरीर में शुगर लेवल स्थिर बना रहता है | आमतौर पर ब्लड शुगर लेवल में उतार-चड़ाव होने से मूड स्विंग्स होने लगते हैं | इसके अलावा, मीठे फूड्स और कैफीन वाली चीज़ें खाने से बचें क्योंकि इनके कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है जिसके कारण एंग्जायटी बढ़ सकती है और आपकी नींद प्रभावित हो सकती है | [12]
    • विशेषरूप से सोने का समय आने पर स्पाइसी फूड्स खाने से बचें |
    • देर रात में खाए जाने वाले स्नैक्स के लिए हलके स्नैक्स का ही इस्तेमाल करना बेहतर होता है |
  4. डिप्रेशन में ऐसा फील होता है जैसे आपका पूरा दिन खराब हो गया है और कई बार नकारात्मक विचार भी आने लगते हैं | ध्यान रखें कि हर दिन कुछ सकरात्मक होता है | इस तरह की एक्टिविटीज आजमायें:
    • ऐसा म्यूजिक सुनें (या म्यूजिक चलायें) जो आपको ख़ुशी दे |
    • उस दिन या उस सप्ताह में घटित हुई तीन अच्छी चीज़ों के बारे में लिखें, भले ही वे चीज़ें बहुत छोटी हों |
    • पजल या वर्ड गेम्स जैसे कोई गेम खेलें |
विधि 4
विधि 4 का 4:

सहारा लें

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  1. बहुत कम या बैचेनी भरी नींद (या बहुत ज्यादा सोना) डिप्रेशन के लक्षण होते हैं | डिप्रेशन से पीड़ित लोगों को अपने स्लीप पैटर्न में सुधार लाने पर अपनी मेंटल हेल्थ को सुधारने का फायदा भी मिल सकता है | [13]
    • अपने स्ट्रेस, डिप्रेशन या एंग्जायटी के लक्षणों के संभावित ट्रिगर्स को पहचानें | इन ट्रिगर्स को कम करने या इनसे बचने के तरीके खोजें |
    • अगर डिप्रेशन कई सप्ताह या महीनों तक चलता रहे तो डिप्रेशन को मैनेज करने के तरीकों के बारे में जानने के लिए किसी मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से मदद लें जिससे लक्षण बने न रहें या और बिगड़ें नहीं |
    • अगर आप व्वर्त्मान में एंटीडिप्रेसेंट्स ले रहे हैं और आपकी नींद प्रभावित हो चुकी है तो अपने डॉक्टर से इन लक्षणों के बारे में डिस्कस करें |
  2. अल्कोहल की बजाय पॉजिटिव स्लीप हैबिट्स विकसित करें: अल्कोहल या दूसरी चीज़ों का इस्तेमाल थोड़े समय की राहत दे सकते है लेकिन स्टडीज दर्शाती हैं कि अल्कोहल से अच्छी और आरामदायक नींद नहीं आ पाती | इसके कारण, भले ही शुरुआत में नींद लग जाए लेकिन रात में कम या रेस्टलेस नींद आती है |
    • अल्कोहल को नींद की दूसरी चीज़ों या दवाओं में मिक्स करना काफी खरतनाक साबित हो सकता है या संभतः इससे मौत भी हो सकती है | [14]
    • इसके अलावा, अल्कोहल, डिप्रेशन की रिस्क को बढ़ा देता है | [15] इससे डिप्रेशन और बढ़ सकता है और डिप्रेशन से लड़ने की नकारात्मक मैकेनिज्म होने से आप डिप्रेशन का पता भी नहीं लगा पाते और उसका इलाज़ भी नहीं हो पाता | [16]
    • यकीन मानें, यहाँ डिप्रेशन से लड़ने और बेहतर नींद पाने के दूसरे तरीके भी होते हैं जो ऊपर बताये जा चुके है | इनसे आपका शरीर लम्बे समय तक आपका शुक्रगुजार रहेगा |
  3. बाज़ार में कई सारे स्लीपिंग एड्स आते हैं जिनमे बाज़ार में मिलने वाली दवाएं और डॉक्टर के द्वारा लिखी दवाएं दोनों ही शामिल होती हैं | इन्हें अनिद्रा दूर करने के लिए नियमित रूप से इस्तेमाल करने में सावधानी रखें | अगर आपको नींद की समस्या या डिप्रेशन लम्बे समय तक बने रहें तो डॉक्टर से इनके साथ होने वाली इन दूसरी समस्याओं के बारे में भी सलाह लें: [17]
    • स्लीप डिसऑर्डर जैसे स्लीप एपनिया
    • अगर आप नाईट शिफ्ट में काम करते हैं तो शिफ्ट वर्क डिसऑर्डर
    • लम्बे समय रहने वाली थकान या अनिद्रा के दूसरे संभावित मेडिकल कारण |

सलाह

  • याद रखें, इस परेशानी से जूझने वाले सिर्फ आप ही अकेले नहीं हैं | प्रत्येक पांच में से एक व्यक्ति (बच्चे और बड़े) को अपने जीवनकाल में किसी न किसी तरह की मेंटल हेल्थ कंडीशन का सामना करना पड़ता है | इसमें मदद लेना, शर्मिंदगी की बात नहीं है | [18]

चेतावनी

  • सोने के लिए स्लीपिंग पिल्स पर निर्भर रहना छोड़ दें | इससे आपका शरीर रात की बेहतर नींद के लिए केमिकली उन दवाओं पर निर्भर हो जाता है और इसके कारण समय के साथ-साथ लक्षण और बढ़ते जाते हैं | अगर आप सोने के लिए रेगुलर स्लीपिंग पिल्स लेते हैं तो इसमें कुछ दूसरे फैक्टर्स भी शामिल हो स्क्तेह अं जिसमे मेडिकल अटेंशन की जरूरत पड़े | किसी हेल्थकेयर प्रोफेशनल को दिखाएँ |
  • अगर आपको सोने की कोशिश करते हुए खुद को नुकसान पहुंचाने के विचार आते हैं तो फ़ोन पर या http://www.suicidepreventionlifeline.org/ पर चैट करके नेशनल सुसाइड प्रिवेंशन लाइफलाइन से सम्पर्क करें |

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