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बीटा फिश में बीमारी के काफी सारे लक्षण नजर आते हैं, जिनमें आलस से लेकर व्हाइट स्पॉट तक शामिल हैं। जैसे कि ज़्यादातर बीमारियाँ संक्रामक होती हैं, इसलिए किसी भी वक़्त, जब आपको आपकी बीटा फिश के बीमार होने का शक हो, तो आपको उसे दूसरी फिश से अलग कर देना चाहिए। [१] इसके अलावा, आप किसी भी पैट स्टोर से या यहाँ तक कि किसी फिश स्टोर में भी आप बीटा फिश के लिए दवाई नहीं पा सकेंगे। अगर आप चाहें, तो इन्हें ऑनलाइन भी पा सकते हैं। [२]

विधि 1
विधि 1 का 6:

एक अनहैल्दी बीटा फिश में नजर आने वाले लक्षणों की तरफ ध्यान देना

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  1. जब भी कोई बीटा फिश बीमार होती है, तब उसका कलर फीका नजर आने लग सकता है। हो सकता है, कि उसका पूरा कलर ही चला जाए। [३]
  2. एक हैल्दी बीटा में, उसके फिन्स पूरे रहेंगे। लेकिन एक अनहैल्दी बीटा के फिन्स पर होल्स नजर आएंगे या वो फटे हुए नजर आएंगे। [४]
    • यदि आपके बीटा के फिन्स पूरी तरह से उसके शरीर के नीचे दबे हुए दिखाई देते हैं; कुछ इस तरह, कि वो इन्हें ठीक से बाहर भी नहीं कर पा रही है, तो एक और अनहैल्दी संकेत हो सकता है। [५]
  3. अगर आपकी बीटा फिश बीमार है, तो उसके एक्टिविटी लेवल में गिरावट आएगी। वो नॉर्मल टाइम में जैसे एक्टिव रहता है, वैसे अभी नहीं रह सकेगा। उसके मूवमेंट्स जरा धीमे हो जाएंगे। [६]
    • अगर आपकी फिश अब नॉर्मल से कहीं ज्यादा बार, टैंक के नीचे छिपने लगी है, तो ये भी उसके बीमार होने का एक और दूसरा संकेत है। [७]
    • बहुत कम या बहुत ज्यादा टेम्परेचर की वजह से भी उसमें सुस्ती आ सकती है, तो इसलिए पहले टैंक में भरे पानी के टेम्परेचर रेंज के सही होने की पुष्टि भी कर लें।
  4. जरा सी भी बीमारी के चलते, आपकी फिश खाने को पूरी तरह से छोड़ सकती है। अगर आपकी बीटा खाने में ज्यादा इंटरेस्ट लेती नहीं दिखती है, तो वो शायद बीमार है। [८]
  5. खासतौर पर सिर और मुँह के आसपास छोटे-छोटे, व्हाइट स्पॉट्स के ऊपर ध्यान दें। ये निशान किसी खास तरह के पैरासाइट, जिन्हें इच (खुजली) के नाम से जाना जाता है, की निशानी भी हो सकते हैं। [९]
  6. फिश के साँस लेने की तकलीफ़ों की तरफ ध्यान देना, सुनने में आपको जरा सा अजीब जरूर लग सकता है। हालांकि, अगर आपकी बीटा ज्यादा से ज्यादा हवा पाने की कोशिश के चलते लगातार टैंक में ऊपर ही बनी रहती है, तो ये भी किसी तरह की प्रॉब्लम की निशानी हो सकती है। [१०]
    • हालांकि, बीटा कभी-कभी साँस लेने के लिए टैंक में ऊपर जाती हैं, लेकिन ऐसा बार-बार करना ठीक नहीं होता।
  7. अपने बीटा के रब या स्क्रेच करने की कोशिश पर ध्यान दें: अगर आपकी बीटा टैंक के साइड पर आकर, टैंक से खुद को रब करने की कोशिश कर रही है, तो ये भी किसी प्रॉब्लम का इशारा हो सकता है। इसी तरह, अगर आपकी बीटा टैंक में मौजूद प्लांट्स या और किसी ऑब्जेक्ट पर स्क्रेच करने की कोशिश कर रही है, तो वो शायद बीमार है। [११]
  8. उभरी हुई आँख भी बीमारी की एक निशानी हो सकती है। आपके बीटा फिश की आँखों के उसके सिर से ऊपर निकले होने की ओर ध्यान दें। [१२]
    • उभरी हुई स्किन भी बीमारी का ही एक लक्षण हो सकता है। [१३]
    • उसके गिल्स (gills) की तरफ ध्यान दें: अगर वो उसके गिल्स को बंद नहीं कर पा रहा है, वो फूल गए हैं, तो ये भी बीमारी का ही एक और दूसरा लक्षण है। [१४]
विधि 2
विधि 2 का 6:

कोन्स्टीपेशन (कब्ज) से सामना करना

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  1. अगर आपका बीटा फिश अचानक ही फूलने लगता है, तो उसे शायद कब्ज हुआ है। आपको उसकी इस प्रॉब्लम को जल्दी ही ट्रीट करना होगा। [१५]
  2. कुछ हफ्तों के लिए उसकी रेगुलर डाइट को बंद कर देना, कब्ज से निपटने का सबसे पहला तरीका होता है। ऐसा करने से उसे डाइजेस्ट करने का वक़्त मिल जाएगा और वो फूड को अपने सिस्टम से निकाल सकेगा। [१६]
  3. कुछ दिनों के बाद, उसे फिर से फीड करना शुरू कर दें। हालांकि, अभी कुछ वक़्त के लिए आपको सिर्फ और सिर्फ लाइव फूड ही देते रहना होगा। [१७]
    • लाइव फूड के लिए, आप उसे ब्राइन श्रिम्प (समुद्री झींगा) या ब्लड वर्म्स फीड कर सकते हैं। फूड देने का सीधा-सादा नियम ये है, कि आप उसे इतना फूड दें, जिसे आपका बीटा करीब दो मिनट तक खा सके। दिन में दो बार, ठीक ऐसा ही करें। [१८]
  4. कब्ज होना भी इस बात का सबूत है, कि आप आपके बीटा फिश को जरूरत से ज्यादा खिला रहे हैं। इसलिए, जैसे ही वो फिर से नॉर्मली खाना शुरू कर दे, तो अब आपको उसे पहले से जरा कम खाना देना है। [१९]
विधि 3
विधि 3 का 6:

फिन/टैल (पूंछ) में हुई सड़न और फंगल इन्फेक्शन की तरफ ध्यान देना

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  1. [२०] ये बीमारी या तो सिर्फ उसकी टैल को या फिर सिर्फ फिन्स को ही प्रभावित कर सकती है। हालांकि, ये उन्हें एक तरह से अलग-अलग हुआ सा दिखा सकती है। [२१]
    • ये भी जान लें, कि हाफमून बीटा जैसी कुछ लंबी पूंछ वाली वेराइटीज, अपनी पूंछ के ज्यादा वजनदार होने की वजह से खुद ही अपनी पूंछ को काट लिया करते हैं। इस मामले में, टूटे हुए फिन्स के साथ ही बीमारी के किसी और लक्षण की तरफ ध्यान दें।
    • साथ ही, पूंछ के छोर पर डार्क हुए कलर की तरफ भी ध्यान दें। [२२]
  2. 2
    फंगल इन्फेक्शन के साथ, सफेद धब्बों की ओर ध्यान दें: इस बीमारी को अक्सर ही आपके फिश के ऊपर नजर आने वाले सफेद धब्बों के जरिए नोटिस किया जाता है। उनके फिन्स जरा सिकुड़े हुए से भी नजर आ सकते हैं या वो नॉर्मल से जरा कम एक्टिव नजर आ सकते हैं। हालांकि एक फंगल इन्फेक्शन फिन की सड़न से एकदम अलग होता है, इन्हें एक ही तरीके से ट्रीट किया जाता है। [२३]
  3. पानी बदलना, सबसे पहला स्टेप होना चाहिए। बेशक, ऐसा करने के लिए आपको आपकी फिश को एक दूसरे कंटेनर में रखना होगा। ये बीमारी अक्सर गंदे पानी की वजह से फैलती है, इसलिए आपको अपनी फिश के लिए एक साफ माहौल तैयार करना होगा। [२४] टैंक में पानी डालने से पहले आपको टैंक को अच्छी तरह से साफ कर देना होगा। [२५]
    • पानी के साथ 1 से 20 के रेश्यो में ब्लीच यूज करना, टैंक को साफ करने का सबसे अच्छा तरीका होता है। इस मिक्स्चर को करीब एक घंटे के लिए टैंक में ही रहने दें। आप चाहें तो फेक प्लांट्स और स्कूप को भी इसी मिक्स्चर में रहने दे सकते हैं, लेकिन रॉक्स या ग्रेवल्स (पत्थरों) को इसमें मत डालें, क्योंकि ये ब्लीच को एब्जोर्ब कर सकते हैं। [२६]
    • इसे साफ करने के बाद, इसे पानी से कई बार अच्छी तरह से धो लें।
    • रॉक्स को साफ करने के लिए, एक घंटे के लिए उन्हें 450 °F (232 °C) पर बेक करें। फिर उन्हें वापस एड करने से पहले ठंडा हो जाने दें। [२७]
  4. आप आपके बीटा को, टेट्रासाइक्लिन (tetracycline) या एम्पीसिलीन (ampicillin) दे सकते हैं, जिन्हें आप पानी में मिला सकते हैं। आपको इसे कितना मिलाना है, ये पूरी तरह से आपके टैंक के साइज़ पर डिपेंड करेगा, आप इसके पैकेज पर इसे यूज करने की डाइरेक्शन पा लेंगे। [२८]
    • इसके साथ ही आपको एक फंगस एलिमिनेटर का यूज भी करना होगा। ये इसकी ग्रोथ को पानी से दूर रखेगा। [२९]
    • अगर आपके बीटा को फंगल इन्फेक्शन हुआ है, तो उसे टेट्रासाइक्लिन या एम्पीसिलीन की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन उसे एक फंगस एलिमिनेटर की जरूरत जरूर होगी। [३०]
  5. पानी को कम से कम हर 3 दिन के अंदर बदलते रहें। जब भी आप पानी बदलें, उसमें फिर से दवाई एड कर दें। इसे करना केवल तभी बंद करें, जब आपके बीटा फिन्स वापस बढ़ना शुरू हो जाएँ, जिसमें एक महीने तक का वक़्त लग सकता है। [३१]
    • फंगल इन्फेक्शन के लिए, व्हाइट पैचेस (धब्बों) और दूसरे लक्षणों के गायब होने तक इंतज़ार करें। जब वो गायब हो जाएँ, तब टैंक से फंगस को दूर बनाए रखने में मदद पाने के लिए, टैंक को बीटाजिंग (Bettazing) या बीटामैक्स (Bettamax) से ट्रीट करें। [३२]
विधि 4
विधि 4 का 6:

वेल्वेट (Velvet) का सामना करना

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  1. अपनी फिश के ऊपर सीधे एक लाइट यूज करना, वेल्वेट देखने का एक रास्ता होता है। ये लाइट आपको इस बीमारी की वजह से स्किन के ऊपर आई सुनहरी या धुंधली सी चमक को देखने में मदद करेगी। आपकी फिश में और दूसरे लक्षण भी नजर आ सकते हैं, जैसे कि सुस्ती, भूख की कमी और उसे एक्वेरियम में रखी हुई चीजों या इसकी दीवार से खुद को स्क्रेच या रब करना। उसके फिन्स शायद सिकुड़े हुए से भी नजर आ सकते हैं। [३३]
    • अपने टैंक में रेगुलर बेसिस पर एक्वेरियम साल्ट एड करना और वॉटर कंडीशनर करके इस पैरासाइट को दूर रखा जा सकता है। [३४] आपको एक 2 1/2 गैलन (gallons) पानी के लिए 1 टीस्पून एक्वेरियम साल्ट एड करना होगा। साथ ही आपको हर एक गैलन के लिए एक ड्रॉप वॉटर कंडीशनर भी एड करना पड़ सकता है, लेकिन फिर भी एक बार वॉटर कंडीशनर के साथ आए हुए इन्सट्रक्शन को अच्छी तरह से पढ़ लें। टैंक के पानी को बदलते वक़्त ही उसमें एक्स्ट्रा साल्ट एड करें, टैंक में हल्की सी सफाई करते वक़्त नहीं। [३५]
  2. इस दवाई में बीमारी के खिलाफ लड़ने वाले दो एजेंट्स मौजूद होते हैं, इसलिए ये दवा वेल्वेट के खिलाफ काफी इफेक्टिव होती है। एक गैलन पानी में 12 ड्रॉप के हिसाब से एड करें। [३६]
    • आप चाहें तो "मैरासाइड (Maracide)" नाम की दवा भी यूज कर सकते हैं। [३७]
    • जब तक कि फिश के सारे लक्षण पूरी तरह से गायब न हो जाएँ, तब तक ट्रीट करना जारी रखें।
  3. आपको अभी भी प्रभावित फिश को अलग रखना होगा, लेकिन आपको ओरिजिनल टैंक को भी ट्रीट करना होगा। ये बीमारी काफी संक्रामक होती है। [३८]
    • प्रभावित फिश को अलग करने के लिए, आपको उन्हें साफ पानी के एक दूसरे टैंक में रखना होगा। आपको दोनों ही टैंक के लिए ट्रीटमेंट प्रोवाइड करना होगा।
विधि 5
विधि 5 का 6:

इच (खुजली) का इलाज करना

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  1. सारे शरीर पर मौजूद ऐसे सफेद धब्बों की तरफ ध्यान दें, जो साल्ट की तरह नजर आते हों: इच (Ich) एक ऐसा पैरासाइट है, जो बॉडी पर स्पॉट्स बनाते हैं। साथ ही सिकुड़े हुए फिन्स और सुस्ती की तरफ भी ध्यान दें। वो शायद खाना भी बंद कर सकता है। [३९]
    • अगर आप पानी को सही तरह से ट्रीट करते हैं, तो वेल्वेट की तरह ही, पैरासाइट को भी रोका जा सकता है। [४०] 2 1/2 गैलन पानी में 1 टीस्पून एक्वेरियम साल्ट एड करें। वॉटर कंडीशनर के लिए, एक गैलन पानी के लिए 1 ड्रॉप का यूज करें, हालांकि पहले डाइरेक्शन को जरूर पढ़ लें। [४१]
  2. अगर आपका टैंक काफी बड़ा है, तो आप उसके टेम्परेचर को 85 डिग्रीज फारेनहाइट तक बढ़ा लें, जो पैरासाइट को मार डालेगा। हालांकि, अगर आपका टैंक बहुत छोटा है, तो ऐसा न करें, नहीं तो आप गलती से पानी का टेम्परेचर को इतना ज्यादा बढ़ा देंगे, जिसकी वजह से आपकी फिश मर सकती है। [४२]
  3. इच के लिए, आपको पानी को बदल देना चाहिए। इसके साथ ही, पानी को साफ करने का वक़्त भी निकालें, जैसा कि फिन और टैल में आई सड़न और फंगल इन्फेक्शन वाले सेक्शन में बताया गया है। [४३] छोटे टैंक में, आप पहले फिश को बाहर निकाल सकते हैं, फिर उसे क्लीन करें और फिश को वापस टैंक में डालने से पहले, पानी को 85 डिग्रीज फारेनहाइट तक हीट कर लें। [४४]
  4. फिश को फिर से टैंक में डालने से पहले, एक्वेरियम साल्ट और वॉटर कंडीशनर जरूर एड करें। ये आपके टैंक की फिश को फिर से पैरासाइट के अटैक से बचाए रखेगा। [४५]
  5. एक गैलन पानी में एक ड्रॉप के हिसाब से इस दवा को एड करें। आप इसे उस वक़्त तक रोजाना एड करना जारी रख सकते हैं, जब तक कि आपकी फिश बेहतर न हो जाए। दवाई पैरासाइट्स को मार देगी। [४६]
    • अगर आपके पास "एक्वाराइजोल (Aquareisol)" नहीं है, तो एक चुटकी बीटाजिंग भी यूज कर सकते हैं। [४७]
विधि 6
विधि 6 का 6:

पोपेय (Popeye) को ट्रीट करना

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  1. फिश के सिर से उसकी आँख का उभरकर आना, इस बीमारी का खास लक्षण होता है। हालांकि, कभी-कभी ये प्रॉब्लम, इस बीमारी के बजाय किसी और बीमारी का लक्षण भी होती है। [४८]
    • जैसे कि, ये ट्यूबर्क्युलोसिस (tuberculosis) का भी एक लक्षण हो सकता है। [४९] ये अगर ट्यूबर्क्युलोसिस है, तो फिश में शायद ये नहीं नजर आएगा। [५०]
  2. पोपेय के लिए, आपको एक क्लीन टैंक प्रोवाइड करना होगा, जैसा कि आपको पहले सेक्शन में बताया गया है। इसके साथ, पानी को भी बदल लें। [५१]
  3. अगर ये लक्षण किसी और बदतर बीमारी का इशारा नहीं होगा, तो एम्पीसिलीन उस प्रॉब्लम को ट्रीट कर देगी। आपको टैंक से हर बार पानी बदलने के साथ ही इस दवाई को एड करना होगा, जो आपको हर तीन दिन में करना होगा। प्रॉब्लम के लक्षणों के गायब होने के कुछ हफ्तों बाद तक भी इस नियम को करते रहना जारी रखें। [५२]

सलाह

  • अगर आपको यकीन है, कि आपकी फिश इस बीमारी से जूझ रही है, तो दया के साथ उसे मार देना भी एक ऑप्शन होता है। हालांकि, इसे करने से पहले, पुष्टि कर लें, कि ये कोई साधारण बीमारी तो नहीं!
  • अगर आपकी बीटा कलर्स बदल रहा है, तो उससे परेशान न हों। इसे मार्बलिंग (marbling) कहते हैं और ये ज़्यादातर बीटा स्प्लेंडन्स (splendens) में होता है। केवल तभी किसी तरह की गंभीर बीमारी होने का अंदेशा किया जा सकता है, जब आपकी फिश अपने पहले के कलर से एकदम फीके (इसमें मार्बलिंग में हुए एक बार में एक ही एरिया में हुए बदलाव के एकदम विपरीत, एक-साथ कलर में पूरी तरह से बदलाव आएगा) कलर की हो गई हो, इससे ऐसा लगता है, कि वो यह दर्शाता है कि वो तनावग्रस्त है, या यदि इसकी पूंछ बिखर गई है और फिन के सड़ने के कारण उसके टिप्स लाल या काले हो रहे हैं।
  • फिन्स पर आई खरोंच के पीछे, टैंक में पड़े हुए रफ पत्थर या प्लास्टिक प्लांट्स भी हो सकते हैं, इसलिए उन्हें हटा दें। टैंक में मौजूद पानी को गरम और साफ कर दें और आपकी बीटा खुद-ब-खुद ठीक हो जाएगी।
  • अगर आपकी बीटा काफी ज्यादा नीचे जा रही है, तो ये भी इन्फेक्शन हो सकता है। हालांकि, एकदम से उसे स्टोर पर न ले जाएँ और न ही बीटा ठीक करने या फंगस एलिमिनेटर न खरीदने चले जाएँ, पहले इस बात की पुष्टि कर लें, कि वो कहीं बोर, उदास उआ भूखा तो नहीं है और फिर इसके बाद ही दवाई लाएँ।

चेतावनी

  • कुछ "लक्षण" असल में लक्षण भी नहीं होते हैं। लो टेम्परेचर (बिना हीटर के) की वजह से सुस्ती आ सकती है और फिन्स पर आई खरोंच बगैरह किसी शार्प ऑब्जेक्ट की वजह से भी हो सकते हैं। सिर्फ इसी वजह से दवाइयाँ न डाल दें, क्योंकि आपको मौजूदा बीमारी के इनमें से कोई लक्षण नजर आ रहे हैं! इनके साथ-साथ दूसरे लक्षणों को देखने की भी कोशिश करें।
  • फिश ट्यूबर्क्युलोसिस ( Mycobacterium marinum ) से भी अवगत रहें। ये संक्रामक होती है और ये ह्यूमन्स तक भी फैल सकती है। [५३] फिश में नजर आने वाले लक्षण: सुस्ती, पोपेय, स्केलेटन/झुकी हुई स्पाइन। ह्यूमन्स में दिखने वाले लक्षण: बड़े-सिस्ट की तरह नजर आने वाले रेड लम्प्स, खासकर उस जगह, जहां से बैक्टीरिया एंटर (जैसे कि, एक खुला हुआ कट) हुआ हो। अगर आपको लगता है, कि आपको फिश टीबी (fish TB) हुआ है, अपने डॉक्टर के पास चले जाएँ और उन्हें बताएं, कि आपके पास में फिश है नहीं तो आपके डॉक्टर इसे पहचानने में गलती कर देंगे।
  • आपके बीटा को कुछ ऐसी बीमारियाँ भी हो सकती हैं, जिनका इलाज करना मुमकिन न हो। जैसे कि, ड्रॉप्सी (dropsy) एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जो बीटा को हो सकती है। इस बीमारी में, आपके बीटा का पेट ब्लोटेड लगेगा और जब आप बीटा को ऊपर से देखेंगे, तब आप देखेंगे, कि उसकी स्किन, बॉडी के साथ मेल न खा रही हो। इसकी बजाय, वो उठे हुए लगेंगे। हालांकि, आप ड्रॉप्सी का इलाज नहीं कर सकते हैं; लेकिन अगर आपकी फिश पर इसी तरह के लक्षण दिख रहे हैं, तो आपको इस फिश को दूसरी फिश से दूर कर देना चाहिए। [५४]

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  43. http://www.earthsfriends.com/betta-fish-diseases/
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  45. http://fishbowlguide.com/betta-fish-disease.htm

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