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पीरियड्स के बीच होने वाली स्पॉटिंग नार्मल हो सकती है इसलिए ज्यादा घबराएँ नहीं | अगर आपके पीरियड्स की डेट आने ही वाली है, ओव्युलेट हो रही हैं, इंट्रायूटेराइन डिवाइस (IUD) का इस्तेमाल किया है या बर्थ कण्ट्रोल पिल्स बदली हैं तो ब्लीडिंग होना नार्मल है | अन्यथा, पीरियड्स के बीच स्पॉटिंग होना असामान्य होता है | आप बुखार, चक्कर, दर्द, और बॉडी पर नील पड़े हुए (bruising) देखकर असामान्य ब्लीडिंग की पहचान कर सकती हैं | साथ ही, अगर कोई मेडिकल कंडीशन हो, प्रेगनेंसी हो या सेक्स किया हो तो उन पर भी ध्यान दें क्योंकि इनके कारण भी ब्लीडिंग हो सकती है | लेकिन अगर आपको बार-बार स्पॉटिंग हो रही हो या दूसरे लक्षण भी अनुभव हों तो डॉक्टर को दिखाने की जरूरत पड़ सकती है |

विधि 1
विधि 1 का 3:

नार्मल स्पॉटिंग को पहचानें

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  1. चेक करें कि क्या कुछ ही दिनों में आपके पीरियड्स आने वाले हैं: अगर आपके पीरियड्स का टाइम न आया हो तो टॉयलेट पेपर या अंडरवियर पर ब्लड दिखने पर काफी घबराहट होती है | हालाँकि, पीरियड के सप्ताह के अंदर स्पॉटिंग दिखना नार्मल है | कैलेंडर देखकर चेक करें कि आपके पीरियड्स आने वाले हैं | अगर ऐसा है तो स्पॉटिंग संभवतः नार्मल है | [१]
    • अपने पीरियड्स को ट्रैक करना काफी मददगार साबित होता है जिससे आपको पता चल जाता है कि कब स्पॉटिंग नार्मल है और कब नहीं | आपको हर महीने पीरियड्स के दिन से कुछ दिन पहले हो सकती है जो बिलकुल नार्मल है |
    • अगर आपको कभी भी पीरियड से पहले स्पॉटिंग नहीं हुई है तो संभव है कि कुछ गडबड हो | आपको घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन डॉक्टर से सलाह जरुर लें |
  2. पहचानें कि ओव्युलेशन के कारण स्पॉटिंग हुई है या नहीं: ओव्युलेशन के बाद थोड़ी सी स्पॉटिंग दिखना बिलकुल नार्मल है | [२] ओव्युलेशन स्पॉटिंग तब होती है जब एग आपकी ओवरी से बाहर निकलता है। आमतौर पर, यह पिंक दिखेगी क्योंकि ब्लड सर्वाइकल डिस्चार्ज के साथ मिक्स हो जाता है | [३] कैलेंडर देखकर चेक करें कि क्या आप अपने मासिक चक्र में 10 से 16 वें दिन में हैं जिसका मतलब हो सकता है कि आप ओव्युलेट हुई हैं | [४]
    • आपका मासिकचक्र पीरियड के पहले दिन से शुरू होता है | नार्मल ओव्युलेशन लगभग 14 वें दिन के आसपास होता है |यह आपके पीरियड्स ख़त्म होनी के लगभग कुछ दिन या एक सप्ताह बाद होगा |
  3. नये बर्थ कंट्रोल का इस्तेमाल करने के शुरूआती कुछ महीनों तक स्पॉटिंग हो सकती है: बर्थ कण्ट्रोल पिल्स और इंट्रायूटेराइन डिवाइस (IUD) दोनों के कारण पीरियड्स के बीच स्पॉटिंग हो सकती है | यह ओरल कंट्रासेप्टिव या IUD के इम्प्लांटेशन से होने वाले हार्मोन के नार्मल साइड इफेक्ट्स पहल ही हैं | अगर आपने तीन महीने पहले ही कोई नई बर्थ कण्ट्रोल लेनी शुरू की है तो ये भी स्पॉटिंग का कारण हो सकती हैं | [५]

    वेरिएशन: अगर आपने IUD इन्सर्ट कराई है तो इस डिवाइस के यूटेरस के अंदर खिसकने और खरोंच आने के कारण स्पॉटिंग हो सकती है । अगर यही केस है तो आपको ब्लीडिंग के साथ, दर्द और हैवी पीरियड्स भी हो सकते हैं । अगर आपको आशंका है कि ऐसा कुछ हुआ है तो डॉक्टर को दिखाएँ । [६]

  4. अगर आपने हाल ही में इमरजेंसी कंट्रासेप्टिव का इस्तेमाल किया है तो ध्यान दें: हालाँकि इमरजेंसी कंट्रासेप्शन सुरक्षित होते हैं लेकिन इनके इस्तेमाल के बाद भी स्पॉटिंग हो सकती है | अगर लगातार ब्लीडिंग न हो तो कोई चिंता की बात नहीं होती | अगर आपको चिंता हो रही है तो डॉक्टर को दिखाकर संतुष्ट हो जाएँ | [७]
    • उदाहरण के लिए, प्लान B लेने के बाद हलकी स्पॉटिंग हो सकती है |
    • हालाँकि इमरजेंसी कंट्रासेप्टिव के साइड इफेक्ट्स से बहुत कम ही ब्लीडिंग होती देखी गयी है लेकिन ऐसा हो भी सकता हिया क्योंकि इन पिल्स में हार्मोन्स ही होते हैं |
विधि 2
विधि 2 का 3:

असामान्य स्पॉटिंग को पहचानें

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  1. ध्यान दें कि स्पॉटिंग के साथ दूसरे कोई लक्षण भी हैं: आपको पेल्विक इन्फेक्शन, मेडिकल कंडीशन या कैंसर के कारण असामान्य स्पॉटिंग हो सकती है | चिंता न करें क्योंकि स्पॉटिंग के कई हानिरहित कारण भी होते हिं | बल्कि, अगर आपको किसी मेडिकल कंडीशन के दूसरे संभावित लक्षण हों तो उन्हें मॉनिटर करें | अगर आपको इनमे से कोई लक्षण अनुभव हों तो डॉक्टर को दिखाएँ: [८]
    • आसानी से नील पड़ जाना (bruising)
    • बुखार
    • चक्कर आना
    • पेट या कमर में दर्द
    • असामान्य डिस्चार्ज
  2. पहचाने कि स्पॉटिंग कहीं PCOS के लक्षण के रूप में तो नहीं हो रही: पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक ऐसी हार्मोनल कंडीशन है जिसके कारण पीरियड्स अनियमित होने के साथ ही कई लक्षण होने लगते हैं | अनियमित पीरियड्स होने के रूप में आपको स्पॉटिंग अनुभव हो सकती है | अगर आपको मालूम है कि आपको PCOS है तो इसे अपनी स्पॉटिंग का कारण माना जा सकता है | [९]
    • अनियमित पीरियड्स के अलावा PCOS के अन्य लक्षण हैं, चेहरे और बॉडी पर बहुत ज्यादा बाल आना, मुहांसे, पुरुषों जैसा गंजापन (कनपटी और सिर के ऊपरी हिस्से (क्राउन) पर बाल पतले होना) और ओवरी का आकार बढ़ जाना | अगर आपको लगता है कि आपको PCOS है लेकिन अभी तक डायग्नोस नहीं हुआ है तो डॉक्टर को दिखाएँ | [१०]
  3. सेक्सुअल इंटरकोर्स के बाद होने वाली स्पॉटिंग पर ध्यान दें: आपको सेक्स के बाद वेजाइना के अंदर खरोंच आने के कारण या किसी मेडिकल इशू के कारण स्पॉटिंग हो सकती है | कभी-कभी इससे कोई नुकसान नहीं होता लेकिन ये एक चिंता का विषय जरुर है | अगर आपको केवल एक बार ही स्पॉटिंग हुई है तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है | लेकिन अगर सेक्स के बाद एक से ज्यादा बार स्पॉटिंग हो या आपको और स्पॉटिंग होने की आशंका हो तो डॉक्टर से सलाह लें | [११]
    • अगर आपको वेजाइनल ड्राईनेस होती है तो सेक्स के बाद स्पॉटिंग होने की संभावना बढ़ जाती है | अगर ऐसा है तो लुब्रिकेंट्स के इस्तेमाल से भविष्य के होने वाली स्पॉटिंग से बचा जा सकता है | [१२]
  4. अगर आप प्रेगनेंसी के शुरूआती सप्ताह में हैं तो प्रेगनेंसी टेस्ट करें: प्रेगनेंसी के शुरूआती दिनों में जब बेबी यूटेरस की लाइनिंग से जुड़ता है, तब स्पॉटिंग हो सकती है | हालाँकि, यह शुरूआती कुछ सप्ताह तक हो सकती है | अगर आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं तो होम प्रेगनेंसी टेस्ट करें जिससे पता चल सके कि क्या आपकी स्पॉटिंग का कारण यही है | [१३]
    • अगर रिजल्ट नेगटिव आये लेकिन आपके पीरियड्स न आयें तो फिर से टेस्ट लगायें या डॉक्टर से सलाह लें |
  5. घबराएं नहीं लेकिन संभव है कि स्पॉटिंग आपकी प्रेगनेंसी के आने वाले खतरे का संकेत हो | डॉक्टर के पास जाएँ और सुनिश्चित करें कि प्रेगनेंसी एक्टोपिक तो नहीं है, जिसका मतलब है कि बेबी फेलोपियन ट्यूब में विकसित हो रहा हो | इसके अलावा, डॉक्टर यह भी बता सकते हैं कि ये मिसकेरेज़ (गर्भपात) के आरम्भिक लक्षण हो नहीं हैं | [१४]
    • अगर कुछ भी अनहोनी होने की सम्भावना होगी तो डॉक्टर आपकी और आपके बेबी की मदद करने के लिए तुरन्त ट्रीटमेंट शुरू कर देंगे |
    • हालाँकि यह काफी डरावना है लेकिन यह भी संभव है कि सब कुछ ठीक हो | सुरक्षा की नज़र से तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ |
  6. सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) होने की रिस्क का अंदाज़ा लगायें: कुछ STDs के कारण वेजाइनल स्पॉटिंग हो सकती है | अगर आप नये पार्टनर के साथ असुरक्षित सेक्स करते हैं या आपके सेक्सुअल पार्टनर के पास एक से ज्यादा पार्टनर हैं तो आपको STD होने की सम्भावना हो सकती है | STD के लिए टेस्ट कराएं और अपने पार्टनर से भी बात करके पता लगायें कि क्या उन्हें ये रिस्क हो सकती है | [१५]
    • अगर आपको STD है तो जल्दी रिकवर होने के लिए आप ट्रीटमेंट ले सकते हैं |
  7. अगर आप कोई दवा लेते हैं तो उससे भी स्पॉटिंग हो सकती है | डॉक्टर से पूछे बिना मेडिसिन लेना बंद न करें | बल्कि, दवाओं के बारे में पूछने के लिए डॉक्टर को दिखाएँ और पता लगायें कि क्या यही आपकी स्पॉटिंग का कारण है | [१६]
    • इसके अलावा बर्थ कण्ट्रोल पिल्स, ब्लडथिनर (blood thinners), एंटीडिप्रेसेंट (antidepressants) और एंटीसायकोटिक (antipsychotics) के कारण भी पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग हो सकती है |
    • डॉक्टर आपको बता सकते हैं कि स्पॉटिंग से घबराने की कोई बात नहीं हैं | या फिर वे आपको दवाएं बदल सकते हैं |
विधि 3
विधि 3 का 3:

मेडिकल ट्रीटमेंट लें

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  1. अगर स्पॉटिंग बार-बार हो रही हो या इन्फेक्शन के कोई चिन्ह दिखाई दें तो डॉक्टर को दिखाएँ: चिंता करने की जरूरत नहीं है लेकिन अगर स्पॉटिंग बार-बार होती रहे या इसके साथ ही दूसरे लक्षण भी दिखाई दें तो आपको मेडिकल ट्रीटमेंट लेना पड़ेगा | स्पॉटिंग के कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर को दिखाएँ | इसके बाद, डॉक्टर से पूछें कि क्या आपको ट्रीटमेंट लेने की जरूरत है? [१७]
    • डॉक्टर सुनिश्चित कर सकते है कि ब्लीडिंग नार्मल है या चिंता की कोई बात नहीं है | लेकिन, आपको ऑफिशियल डायग्नोसिस कराना पड़ेगा क्योंकि असामान्य ब्लीडिंग के कुछ केसेस बहुत गंभीर हो सकते हैं |
  2. असामान्य ब्लीडिंग के कारण का पता लगाने के लिए डायग्नोस्टिक टेस्ट्स कराएं: डॉक्टर्स को जरुरी सभी डायग्नोस्टिक टेस्ट करने दें, ये सभी टेस्ट दर्दरहित होंगे लेकिन इनसे थोड़ी परेशानी हो सकती है | अब, डॉक्टर एक फॉर्मल डायग्नोसिस करेंगे जिससे जरुरी होने पर आपको ट्रीटमेंट दिया जा सके | डॉक्टर आपको नीचे दिए गये टेस्ट्स में से 1 या उससे ज्यादा टेस्ट्स कराने की सिफारिश करेंगे: [१८]
    • इन्फेक्शन, फाइब्रोइड, असामान्य वृद्धि या कैंसर के चिन्ह देखने के लिए पेल्विक एग्जाम |
    • असामान्य सेल्स या इन्फेक्शन को चेक करने के लिए वेजाइनल कल्चर |
    • इन्फेक्शन या हार्मोन असंतुलन चेक करने के लिए सरल, पीड़ारहित ब्लड टेस्ट्स |
    • फाइब्रोइड, असामान्य ग्रोथ या प्रजनन तंत्र सम्बन्धि परेशानी को देखने के लिए इमेजिंग टेस्ट्स |
    • इस प्रकार के इन्फेक्शन का पता लगाने के लिए STD टेस्ट |

    सलाह: अगर पहले कभी आपके पीरियड आये ही नहीं थे तो डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री को रिव्यु करेंगे और कुछ फिजिकल एग्जामिनेशन करेंगे । हालाँकि, वे ब्लड टेस्ट और डायबिटीज स्क्रीनिंग, थाइरोइड स्क्रीनिंग, ब्लीडिंग स्टडी, हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट स्टडी या एनेस्थीसिया के अंतर्गत एग्जामिनेशन भी कर सकते हैं । अगर आप पोस्ट-मीनोपॉजल (रजोनिवृत्ति के बाद) की कंडीशन में हैं तो ब्लड टेस्ट, ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड या अगर डॉक्टर को लगता है कि कैंसर हो सकता है तो एंडोमेट्रियल बायोप्सी भी करा सकते हैं । अगर आप प्रजनन काल में हैं तो प्रेगनेंसी टेस्ट, कराएँगे और ब्लड टेस्ट, थाइरोइड स्क्रीनिंग, लिवर डिजीज के लिए टेस्ट्स और इमेजिंग टेस्ट कराकर ब्लीडिंग के कारणों को खोजेंगे । अगर आप प्रेग्नेंट नहीं हैं तो डॉक्टर आपका कम्पलीट ब्लड काउंट (CBC), फास्टिंग ग्लूकोज, HBA1C, अल्ट्रासाउंड, FSH/LH, थाइरोइड टेस्ट, प्रोलाक्टिन लेवल टेस्ट और संभवतः एंडोमेट्रियल बायोप्सी भी करायेंगे । अगर आप प्रेग्नेंट हैं और पहली तिमाही में हैं तो डॉक्टर ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड या ब्लड टेस्ट कराएँगे । प्रेगनेंसी के अगले चरणों में प्लेसेंटा की लोकेशन का पता लगाने के लिए ट्रांसएब्डोमिनल अल्ट्रासाउंड करा सकते हैं । [१९]

  3. अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो अपनी सुरक्षा के लिए तुरंत डॉक्टर को कॉल करें: आपको चिंता करने की जरूरत नहीं हैं लेकिन डॉक्टर से चेक करना सबसे बेहतर होता है | कई बार स्पॉटिंग का मतलब कुछ गलत होना भी हो सकता है लेकिन डॉक्टर ही आपको भरोसा दिला सकते हैं कि सब ठीक है या नहीं | उसी दिन डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लें या तुरंत इलाज़ के लिए इमरजेंसी रूम जाएँ | [२०]
    • चिंता न करें क्योंकि हो सकता है कि कुछ गलत हो ही नहीं | लेकिन, अपनी और अपने बच्चे के स्वास्थ्य की सुनिश्चितता बहुत जरुरी होती है |
  4. अगर आप मीनोपॉज से गुजर रही हैं और स्पॉटिंग हो रही हो तो डॉक्टर से बात करें: मीनोपॉज के बाद, कोई भी वेजाइनल ब्लीडिंग नहीं होनी चाहिए | अगर ऐसा होता है तो संभव है कि कुछ गलत है | स्पॉटिंग के कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर को दिखायें जिससे जरूरत पड़ने पर ट्रीटमेंट लिया जा सके | [२१]
    • उदाहरण के लिए, संभव है कि आपको हार्मोन असंतुलन या कैंसर के संकेत हों | लेकिन यह भी संभव है कि आपकी बॉडी में केवल एक आखिरी ओव्युलेशन हो जो किसी चिंता का विषय नहीं होता |

सलाह

  • अगर आपको यह चिंता सता रही हो कि वेजाइनल स्पॉटिंग असामान्य हो सकती है तो डॉक्टर को दिखाना ही बेहतर होगा | संभव है कि सब कुछ ठीक हो लेकिन डॉक्टर आपके चिंताग्रस्त मन को शांत कर सकते हैं |

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