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क्या आप भी अपने नेचुरल ब्रैस्ट साइज से संतुष्ट नहीं है और इनका साइज बढ़ाने (how to increase breast size) की सर्जरी के खर्च और उसमे लगने वाले समय के लिए अनिच्छुक हैं? तो जान लें कि दुनिया में आप ऐसी अकेली इंसान नहीं हैं | आज के दौर में, कई महिलाएं बिना सर्जरी के विभिन्न विधियों के द्वारा प्राकृतिक रूप से बड़े ब्रैस्ट पाने की ओर रुख कर रही हैं (breast growth tips in hindi, breast size badhane ke gharelu nuskhe in hindi) | हालाँकि, इनमे से किसी भी विधि के द्वारा प्राप्त किया गया परिणाम ब्रैस्ट इम्प्लांट कराने की तुलना में बहुत ही सूक्ष्म होता है लेकिन धैर्य के साथ विभिन्न प्रकार के उपाय करते रहने से मध्यम सुधार दिखना संभव है | हालाँकि, यह ध्यान रखना बहुत जरुरी है कि इनमे से कई ब्रैस्ट-एन्लार्ज “ट्रिक्स” का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है | लेकिन वैज्ञानिक विश्वसनीयता वाली विधियों से भी हमेशा सफलता की गारंटी नहीं होती |

विधि 1
विधि 1 का 4:

अपने ब्रैस्ट को बाहरीतौर पर बड़ा दिखायें

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  1. कुछ महिलाओं में झुककर या सुस्त होकर कंधे झुकाकर बैठने पर उनके ब्रैस्ट वास्तिवकता से अधिक छोटे दिखाई देते हैं | अपनी बस्ट–लाइन (bust line) को तुरंत बूस्ट करने के लिए सीधे रहें ! सीधे खड़े हो जाएँ, सिर सामने की ओर उठायें और अपने कंधे पीछे ढीले छोड़ दें | अपनी गर्दन को सीधा रखें, साइड में झुकाकर नहीं | खड़े होते समय और चलते समय अपनी छाती को धीरे से धक्का दें | अब, दर्पण में देखें | इस आसान सी ट्रिक से आपको आश्चर्जनक बदलाव दिखाई देंगे |
  2. अपने प्राकृतिक कर्व्स की ओर आकर्षित करने वाले कपड़े पहनकर अपने ब्रैस्ट के साइज़ को बढ़ा दिखाया जा सकता है | उदहारण के लिए, सीने के हिस्से पर फूले हुए, झालरदार या रफल्ड मटेरियल वाली शर्ट यह भ्रम पैदा कर सकती है कि आपके ब्रैस्ट वास्तविकता से अधिक बड़े हैं | इसी प्रकार अच्छी तरह से बांधे गये स्कार्फ से भी यही प्रभाव पाया जा सकता है |
    • एक और उपाय है कि सीने पर क्षैतिज लाइन्स के पैटर्न (horizontal-striped patterns) वाली शर्ट पहनें | जो लोग अपने वज़न को लेकर चिंतित होते हैं वो इस प्रकार के कपडे पहनने से बचते हैं लेकिन जो लोग अपनी चेस्ट के साइज़ को बढ़ा हुआ दिखाना चाहते हैं वे इस तरह के वोल्यूम-एडिंग पैटर्न का उपयोग कर सकते हैं |
  3. ऐसी ब्रा पहनें जो न बहुत छोटी हो और न ही बहुत बड़ी हो अन्यथा आपके ब्रैस्ट वास्तविकता से अधिक छोटे दिखेंगे | ध्यान रखें कि ब्रैस्ट बड़े दिखाने के लिए बड़ी ब्रा न पहनें बल्कि ऐसी ब्रा पहनें जो आपके ब्रैस्ट को ऊपर उठाये | इसके अलावा, सही साइज़ की ब्रा न पहनना बहुत असुविधाजनक भी होता है | आदर्श रूप से, ब्रा ब्रैस्ट को ऊपर की ओर उठाये रखने और सहारा देने वाली होना चाहिए, न कि उन्हें सपाट दिखाने या नीचे ढीला लटकता हुआ छोड़ने वाली | अगर आपको लगता है कि आप गलत साइज़ की ब्रा पहनती हैं तो अगली बार लिंगरी शॉप पर जाने पर वहां फिटिंग के बारे में जानें | कई बार एक ही फिटिंग की ब्रा सालों तक पहनने वाली महिलाएं फिर से फिटिंग के बाद कुछ हद तक बेहतर दिखाई देती (अनुभव करती) हैं |
  4. एक अच्छी पैडेड ब्रा आपके बस्ट को एक ध्यान देने योग्य वॉल्यूम देती है और साथ ही आपके ब्रैस्ट को चुस्त लुक भी देती है | दूसरी ओर, पुश-अप ब्रा आपके ब्रैस्ट को बहुत अधिक “उठाव” देती हैं, जिससे ब्रैस्ट बड़े और भरे हुए दिखाई देते हैं | इस प्रकार की ब्रा, किसी भी परिधान के साथ एक क्विक-फिक्स का काम करती हैं और इनसे थोड़ी चौड़ी छाती के साथ ही बहुत अच्छा लुक आता है |
    • हालाँकि कुछ सूत्र हवाला देते हैं कि आमतौर पर जिस तरह की ब्रा पहले से पहनी जा रही हो उसके अलावा कई तरह की ब्रा पहनना सही नही है | चूँकि अगर इसे सही तरह से पहना जाये तो ही ये ब्रैस्ट का साइज़ बढ़ा दिखा “सकती” हैं अन्यथा ये असुविधाजनक साबित होंगी और संभवतः आपको पूरे दिन इन्हें सँभालने में बहुत सारा समय बर्बाद करना पड़ेगा |
  5. अगर आप अपने ब्रैस्ट साइज़ को लेकर चिंतित हैं तो आपको पतली और लेस वाली ब्रा पहनने से बचना चाहिए | इस तरह की ब्रा लिंगरी स्टोर्स में रखे हुए पुतलों पर ही जंचती हैं लेकिन वास्तविकता में इन्हें पहनने से बहुत अनाकर्षक लगते हैं | चूँकि ये ब्रैस्ट को थोड़ी पैडिंग या लिफ्ट जैसा लुक प्रदान करती हैं इसलिए इस तरह की ब्रा आपके ब्रैस्ट साइज़ को कम दिखा सकती हैं | इनकी वजाय अपने ब्रैस्ट के लिए अधिकतर प्राकृतिक साइज़ के विकल्प के रूप में पैडेड ब्रा या पुश-अप ब्रा चुनें |
    • आपको स्पोर्ट्स ब्रा जैसी एक्स्ट्रा-टाइट ब्रा पहनने से भी बचना होगा (निश्चित ही, अगर आप एक्सरसाइज नहीं कर रही हों तो) अन्यथा ये ब्रैस्ट पर जोर देने की वजह से उन्हें फ्लैट या सपाट दिखाएंगी | अगर आप बिना किसी परेशानी के काम करना चाहती हों तो ये अच्छी हैं लेकिन अगर आप अपने कर्व्स को बढ़ा दिखाना चाहती हैं तो ये विकल्प सही नहीं है |
  6. यह मिडिल स्कूल ट्रिक आपके ब्रैस्ट को बढ़ा दिखा सकती है लेकिन इसे अंतिम उपाय के रूप में ही देखना चाहिए | ब्रैस्ट के साइज़ को आर्टिफीसियल तरीके से बढ़ा दिखाने के लिए एक टिश्यू या कपडे का उपयोग करना थोडा असुविधाजनक हो सकता है, विशेषरूप से तब, जब इनके एक्स्ट्रा मटेरियल के कारण आपको पसीना आये या स्किन में परेशानी हो | अगर आप एक्स्ट्रा पैडिंग को शिफ्ट करते हैं तो इससे ब्रैस्ट असमान या लम्प जैसे दिखेंगे | साथ ही, आपकी पूरी तैयारी होने के बावजूद भी पूरी सम्भावना रहेगी कि पैडिंग आपकी चेस्ट से नीचे खिसक जाए या गिर जाये और दिखाई देने लगे | इसीलिए, ब्रा में स्टफिंग करने से तब तक बचना होगा जब तक आप अनुभव न करें कि आपको इसे सकारात्मक रूप से “करना ही” है |
विधि 2
विधि 2 का 4:

नेचुरल तरीकों का उपयोग करें (How to Increase Breast Size Naturally)

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  1. ब्रैस्ट-एनलार्जिंग हर्ब्स (breast-enlarging herbs) के बारे में विचार करें: कथित रूप से ब्रैस्ट की वृद्धि करने के लिए हर्ब्स और प्लांट सप्लीमेंट्स का विस्तृत चयन, प्राकृतिक चिकित्सा स्टोर्स और ऑनलाइन दोनों ही रूप में खरीद के लिए उपलब्ध है | हालाँकि कुछ महिलाएं इन प्राकृतिक दवाओं का दावा करती हैं लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि ये पारंपरिक उपचार “पाश्चात्य उपचार” के समान प्रभावी हैं और संदेहवाद की स्वस्थ सीमा में उपयोग किये जाने चाहिए | साथ ही, कुछ विशेष प्रकार की प्राकृतिक हर्ब्स के कारण विशेष प्रकार की दवाओं (विशेषरूप से खून को पतला करने वाली) का उपयोग करने वाले लोगों में प्रभावशाली गंभीर उपद्रव उत्पन्न हो सकते हैं , [१] इसलिए हर्बल सप्लीमेंट का कोर्स शुरू करने से पहले आपको डॉक्टर से सलाह लेनी होगी | कथित तौर पर ब्रैस्ट ग्रोथ को बढाने वाली कुछ हर्ब्स हैं: [२]
    • सॉ पाल्मेटो(saw palmetto)
    • सौंफ
    • कावा (kava)
    • जंगली रतालू या वाइड याम (wild yam)
    • निर्गुंडी (chaste tree berry)
    • ब्लैक कॉहोश (black cohosh)
    • मैथी
    • जंगली रतालू का एक प्रकार पुरेरिया मिरिफिका(pueraria mirifica)
  2. हर्बल सप्लीमेंट के अलावा कई टॉपिकल लोशन, ऑयल्स और क्रीम भी ब्रैस्ट की वृद्धि करने का दावा करती हैं | हर्ब्स के साथ ही, इनके भी बहुत कम (अगर कोई हैं तो) ऐसे वैज्ञानिक प्रमाण हैं कि ये सलूशन ब्रैस्ट की ग्रोथ में आशानुरूप प्रभावशाली हैं, परन्तु कुछ महिलाएं इन स्थानीय उपचारों से सफलता मिलने का दावा करती हैं | इन विधियों का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह ले लें जिससे आप इनका प्रभावशाली रूप से उपयोग कर सकें और ब्रैस्ट वृद्धि के लक्ष्य को हासिल करने का प्रभावी उपाय भी मिल जाये |
    • ध्यान रखें कि एस्ट्रोजन जैसी कुछ वास्तविक हार्मोनल मेडिकेशन स्थानीय रूप में पायी जाती हैं | उचित डोज़ में ये दवाएं वास्तव में ब्रैस्ट की वृद्धि के लिए जानी “जाती हैं” | सावधान रहें और इन हार्मोनल क्रीम से कंफ्यूज न हों क्योंकि प्राकृतिक दवाओं के साथ इस प्रकार की हार्मोनल क्रीम से अन्य साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं |
  3. कुछ सूत्र दावा करते हैं कि सही तकनीक से ब्रैस्ट की मसाज़ करने से ब्रैस्ट की थोड़ी वृद्धि संभव है | कई बार, ये सूत्र ब्रैस्ट की ग्रोथ के लिए स्पेशल ऑइल्स, क्रीम या गैजेट्स की सिफारिश करते हैं | हालाँकि इनसे अच्छा अनुभव हो सकता है और इनसे काफी आराम मिल सकता है जिससे मूड और पोश्चर में सुधार आ सकता है परन्तु मसाज़ से ब्रैस्ट की ग्रोथ को उत्तेजित करने के कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिले हैं |
    • हालाँकि, ये विधि तुलनात्मक रूप से काफी सुरक्षित और सस्ती है (अगर आप प्राकृतिक चिकित्सा स्टोर्स से बेचे जाने वाले मसाज़ एड्स नहीं खरीदते तो) और जब इच्छा हो इसे करवा सकते हैं | जैसा की पहले बताया जा चुका है कि मसाज़ आराम पाने और मूड ठीक करने का एक हस्तचालित काम है |
विधि 3
विधि 3 का 4:

डाइट और एक्सरसाइज (How to Increase Breast Size with Diet and Exercise)

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  1. पंपिंग आयरन न केवल आपकी स्ट्रेंग्थ को बढाने के लिए बेहतर है बल्कि यह मूड [३] और सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी उचित है, यह आपके ब्रैस्ट के साइज़ को बढाने के लिए भी बहुत अच्छा विकल्प है | विशेषरूप से, रेगुलर स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग एक्सरसाइज के द्वारा ब्रैस्ट के नीचे की पेक्टोरल (चेस्ट) मसल्स को बनाने से ब्रैस्ट के साइज़, दृढ़ता और ब्रैस्ट के ऊपरी सिरे की आकृति को सुधारने में मदद मिल सकती है | आप नीचे बताई गयी दो सैंपल एक्सरसाइज कर सकते हैं:
    • एक्सरसाइज बॉल से चेस्ट प्रेस (chest presses) करें: जमीन पर अपने पंजों को सपाट रखते हुए घुटनों को मोड़कर पीठ के बल लेट जाएँ | अपनी कोहनियों को 90 डिग्री के एंगल में मोड़कर प्रत्येक हाथ में एक-एक डंबल पकड़ें | अपनी चेस्ट मसल्स का उपयोग, वज़न को छत की ओर ऊपर की तरफ उठाने और फिर उन्हें एक साथ स्पर्श कराने में करें | अब धीरे-धीरे वज़न को अपनी शुरूआती स्थिति में वापस लायें | हर सप्ताह 3-5 बार तक इस एक्सरसाइज के 12-15 रिपीट्स के 3 सेट्स करें |
    • पुश-अप करें (push-ups): अपने हाथों और पैरों पर अपना वज़न रखें | अपने शरीर के पीछे की ओर अपने पैरों को स्ट्रेच करें और पंजे के सिरों पर बैलेंस करें | हाथों को मोड़ते हुए शरीर को जमीन की ओर लायें | अब अपनी भुजाओं और छाती के द्वारा वापस ओरिजिनल पोजीशन में आयें | इस सारी प्रक्रिया में अपनी पीठ को सीधा रखें और कूल्हों को ऊपर उठाए रखें जिससे आपका शरीर एक स्ट्रैट लाइन में बना रहे | अगर स्टैण्डर्ड पुश-अप करना बहुत मुश्किल हो तो आप अपने घुटनों को जमीन की ओर नीचे ला सकते हैं | सप्ताह में 3-5 बार इस एक्सरसाइज के 12-15 रिपीट्स के 3 सेट करें |
  2. ब्रैस्ट की वृद्धि के लिए आपको केवल चेस्ट मसल्स पर ही काम नहीं करना है | तात्पर्य है कि जब स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग एक्सरसाइज की जाए तो ध्यान रखें कि इसमें अधिकतम टोटल-बॉडी स्ट्रेंग्थ के लिए और चोट से बचने के लिए आपको हर सप्ताह सभी मुख्य मसल्स ग्रुप्स की एक्सरसाइज करना होगी | साथ ही, चेस्ट की मसल्स के अलावा अन्य मसल्स की टोनिंग होने से भी बस्ट साइज़ पर सकारात्मक प्रभाव होता है | उदाहरण के लिए, कंधे और पीठ की मांसपेशियों की स्ट्रेंथनिंग से शरीर के ऊपरी हिस्से टोन होते हैं और दृढ़ दिखाई देते हैं और इससे गठीला, सीधा पोस्चर बनाये रखना आसान हो जाता है | इन दोनों ही एक्सरसाइज से ब्रैस्ट बड़े और सुडौल दिखाई दे सकते हैं | इसलिए नीचे बताई गयी सैंपल एक्सरसाइज के द्वारा कंधे और पीठ की मांसपेशियों पर काम करना शुरू करें:
    • वाय-रेज (Y-RAISE) करें: अपने पंजों और कन्धों को चौड़ाई में फैलाते हुए खड़े हो जाएँ | प्रत्येक जांघ के सामने हर हाथ में एक-एक डंबल पकड़ें | नियंत्रित और एकसार गति में डंबल को अपने सामने की ओर और सिर के ऊपर “Y” शेप में उठायें | अपनी बुनियादी दृढ़ता बनाये रखें और जितना हो सके अपने पोस्चर को सीधा बनाये रखें | वज़न को वापस नीचे शुरूआती पोजीशन में धीरे-धीरे लाते हुए एक्सरसाइज को पूरा करें | हर सप्ताह 3-5 बार 15-20 रिपीट्स के 3 सेट करें |
    • रेनेगेड रो (Renegade Row) करें: दो डंबल पकड़ें और भुजाएं सीधी रखते हुए पुश-अप पोजीशन में आ जाएँ | अपने कूल्हों को स्थिर रखते हुए एक डंबल को चेस्ट से ऊपर की ओर खींचें, अपनी कोहनी को शरीर के विरुद्ध खींचे | अब डंबल को वापस जमीन पर ले आयें और दूसरी भुजा से इसे दोहराएँ | हर सप्ताह 3-5 बार 12-15 रिपीट्स के 3 सेट करें |
  3. यह एक आम धारणा है कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज से महिलाएं भारी, मांसल और बदसूरत हो सकती हैं | अपितु, बिना स्टेरॉयड के सेवन और प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर बने बिना महिलाओं के लिए बड़ी और हष्ट-पुष्ट मांसपेशियां प्राप्त करना असंभव है | महिलाओं में पुरुषों के जितना टेस्टोस्टेरोन हार्मोन उत्पन्न नहीं होता है जिससे उनमे बड़ी मांसपेशियों का वज़न प्राकृतिक रूप से बढना काफी मुश्किल हो जाता है | हालाँकि महिलाएं खुद को ताकतवर और अधिक सुडौल बनाने में पूरी तरह से सक्षम होती हैं लेकिन आमतौर पर, पुरुषों की तरह मांसल शरीर बनाने के लिए उन्हें प्रोफेशनल एथलिट्स से मीटिंग निर्धारित (या स्टेरॉयड के उपयोग) करना पड़ सकता है |
  4. अगर आप पतली हैं तो वज़न बढाने के बारे में विचार करें: ब्रैस्ट आमतौर पर प्राथमिक रूप से फैटी कनेक्टिव टिश्यू से बने होते हैं | [४] महिलाओं में वज़न कम होने पर शरीर के अन्य हिस्सों के समान ही ब्रैस्ट का वज़न भी धीरे-धीरे कम होने लगता है | अगर आप पतली हैं और आपके ब्रैस्ट छोटे हैं तो कुछ किलो वज़न बढ़ा लेने से आपके ब्रैस्ट को भरने में मदद मिल सकती है | परन्तु, आपको अनियंत्रित रूप से वज़न बढाने के लिए ठूंस—ठूंस कर खाना छोड़ना होगा अन्यथा मोटापे और तुरंत वज़न बढ़ने से कई तरह के नकारात्मक प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है | [५] बेहतर परिणाम पाने के लिए एक या दो सप्ताह तक मध्यम रूप से कैलोरी इनटेक बढ़ा दें और फिर अपने परिणामों का आंकलन करें | अगर दिखाई देने वाला कोई परिवर्तन आपको पसंद न आये तो वापस अपनी पुरानी डाइट पर आ जाएँ |
    • हालाँकि, यह बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि सभी महिलाओं में वज़न अलग-अलग तरह से बढ़ता है | कुछ महिलाओं में वज़न उनकी छाती पर बढ़ने से पहले ही उनकी जाँघों, पेट या किसी अन्य हिस्से पर बढ़ता है |
    • अगर आप वज़न बढाने की कोशिश कर रहे हों तब भी जरुरी है कि एक हेल्थी डाइट का पालन किया जाए | अपनी डाइट में अन-हेल्थी फैट और चीनी से भरपूर डाइट के स्थान पर लीन प्रोटीन, हेल्थी फैट्स और कॉम्प्लेक्स कार्बोहायड्रेट का इनटेक बढ़ाएं | साथ ही, ध्यान रखें कि आप हमेशा सक्रीय रहें क्योंकि सेंटर फॉर डिजीज कण्ट्रोल सिफारिश करते हैं कि हर सप्ताह स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग एक्सरसाइज के कम से कम 2 सेशन के साथ लगभग 2 घंटे और 30 मिनट की एरोबिक एक्सरसाइज करना चाहिए | [६]
  5. ”स्पॉट-रिड्युसिंग (spot-reducing)” की धारणा पर विश्वास न करें: दुर्भाग्यवश, ये एक आम धारणा है कि शरीर के कुछ ख़ास हिस्सों के फैट को उन हिस्सों की चयनात्मक एक्सरसाइज करके कम करना संभव है | अपितु, स्पॉट-रिडक्शन जैसी कोई चीज़ नहीं होती है, सम्पूर्ण रूप से ही आपके शरीर में फैट बढ़ता या घटता है और आप शरीर के किसी ख़ास हिस्से के वज़न को कम या ज्यादा नहीं कर सकते | [७] यह कॉन्सेप्ट साइंटिफिक रिसर्च के द्वारा कई बार खारिज़ की जा चुकी है | इसलिए, अगर आप बड़े ब्रैस्ट पाना चाहती हैं तो शरीर के अन्य हिस्सों पर स्पॉट-रिड्यूस करके अपना समय बर्बाद न करें | इससे कुछ नहीं होगा!
    • हालाँकि आप शरीर के किसी चुनिंदा हिस्से का फैट घटा या बढ़ा नहीं सकतीं लेकिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज से कुछ हिस्सों को टारगेट करके मांसपेशियां चयनात्मक रूप से बनायीं “जा सकती हैं” | परन्तु, ये ध्यान रहें कि अधिकतर लोग संतुलित और अलग-अलग तरह के वर्कआउट रूटीन के द्वारा सुंदर दिखाई देते हैं (और चोट लगने की रिस्क भी बहुत कम होती है)|
विधि 4
विधि 4 का 4:

दवाओं के द्वारा ब्रैस्ट साइज बढ़ायें

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  1. जो महिलाएं अनियोजित गर्भावस्था से बचना चाहती हैं और संयोगवश बढे ब्रैस्ट की इच्छा भी रखती हैं, तब बर्थ कण्ट्रोल पिल्स इन दोनों समस्याओं के निवारण का प्रभावशाली उपाय हो सकता है क्योंकि कई हार्मोन-बेस्ड बर्थ कण्ट्रोल पिल्स के साइड इफ़ेक्ट के रूप में ब्रैस्ट की ग्रोथ बढ़ जाती है | अधिकतर बर्थ कण्ट्रोल पिल्स में फीमेल सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन (estrogen) पाया जाता है जिसके बारे में पहले चर्चा की जा चुकी है,जो ब्रैस्ट साइज़ थोडा बढ़ा सकता है | परन्तु, सिर्फ ब्रैस्ट का साइज़ बढाने के उद्देश्य से बर्थ कण्ट्रोल पिल्स का उपयोग “कभी नहीं” करना चाहिए होते हैं क्योंकि एक प्रभावशाली दवा होने के कारण इसके गंभीर साइड इफेक्ट्स भी होते हैं (जो बहुत कम देखे जाते हैं)| चूँकि सभी बर्थ कण्ट्रोल पिल्स में एस्ट्रोजन नहीं पाया जाता और बर्थ कण्ट्रोल पिल्स में ये हार्मोन होने की वज़ह से शरीर पर कई अन्य साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं इसलिए बर्थ कण्ट्रोल पिल्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बहुत आवश्यक होता है | बर्थ कण्ट्रोल पिल्स के साइड इफेक्ट्स में शामिल हैं: [८]
    • मूड स्विंग्स (मूड में बदलाव आना)
    • मितली
    • सिरदर्द
    • सेक्स की इच्छा कम होना
    • वज़न बढ़ना
    • अनिर्धारित ब्लीडिंग (या स्पोटिंग)
    • ध्यान दें कि बर्थ कण्ट्रोल पिल्स लेते समय सभी महिलाओं में ब्रैस्ट का साइज़ नहीं बढ़ता और अगर कोई ग्रोथ होती भी है तो वो बहुत सूक्ष्म हो सकती है |
  2. एस्ट्रोजन एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाल फीमेल सेक्स हार्मोन है जिसे महिलाओं की कई तरह की समस्याओं में डॉक्टर के द्वारा लिखा जा सकता है | उदाहरण के लिए, मध्यम आयु की महिलाओं में मीनोपॉज के पीड़ादायक लक्षणों में राहत देने के लिए डॉक्टर के द्वारा इन दवाओं को अधिकतर लिखा जाता है | ब्रैस्ट के साइज़ में थोड़ी वृद्धि, एस्ट्रोजन के साइड इफ़ेक्ट के रूप में होती है | परन्तु, केवल ब्रैस्ट का साइज़ बढाने के लिए एस्ट्रोजन “कभी नहीं” लेना चाहिए | चूँकि जब शरीर के एस्ट्रोजन की स्वाभाविक सप्लाई, आर्टिफिशियल सप्लीमेंट से रिप्लेस होती है तबी कई तरह के अन्य साइड इफेक्ट्स देखे जा सकते हैं और लम्बे समय में शरीर में गंभीर बीमारियां होने की सम्भावना भी बढ़ सकती है इसलिए आपको एस्ट्रोजन लेने के बारे में तभी सोचना चाहिए जब डॉक्टर पहले ही अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के लिए इस लेने की सलाह दें | एस्ट्रोजन के साइड इफेक्ट्स में शामिल हैं: [९]
    • सिरदर्द
    • मितली
    • वज़न बढ़ना
    • वेजाइनल डिस्चार्ज
    • ब्रैस्ट में स्पर्श-असह्यता
    • ब्रैस्ट, एंडोमेट्रियल और ओवेरियन कैंसर की संभावना थोड़ी बढ़ जाना
    • स्ट्रोक या ब्लड क्लोट्स की संभवना में थोड़ी बढ़ोत्तरी
  3. प्रोजेस्ट्रोन थेरेपी के द्वारा ब्रैस्ट साइज़ बढ़ाएं: प्रोजेस्ट्रोन भी एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला फीमेल सेक्स हार्मोन है जिसे कई कारणों से डॉक्टर के द्वारा लिखा जाता है | उदहारण के लिए, एस्ट्रोजन लेने वाली महिलाओं में गर्भाशय की लाइनिंग में होने वाली ओवर ग्रोथ को रोकने के लिए डॉक्टर द्वारा प्रोजेस्ट्रोन अधिकतर लिखा जाता है | एस्ट्रोजन के समान ही प्रोजेस्ट्रोन के कारण ब्रैस्ट की थोड़ी वृद्धि हो सकती है | हालाँकि, एस्ट्रोजन के समान ही प्रोजेस्ट्रोन भी एक गंभीर उपचार है और इसे सिर्फ ब्रैस्ट की वृद्धि के लिए “नहीं” लेना चाहिए | अगर डॉक्टर अन्य किसी कारण के लिए इसकी सिफारिश करें तो ही इसे लेने के बारे में सोचना चाहिए | प्रोजेस्ट्रोन के साइड इफेक्ट्स में शामिल हैं: [१०]
    • मुहांसे या हेयर ग्रोथ
    • खांसी
    • वज़न में परिवर्तन
    • जोड़ों में दर्द
    • वेजाइना में परेशानी
    • एस्ट्रोजन थेरेपी के समान लक्षण (कुछ विशेष प्रकार के कैंसर और गंभीर बीमारियों की संभावना में बढ़ने के समान)
    • बहुत ही कम केसेस में, डिप्रेशन
  4. सेरोटोनिन रि-अपटेक इन्हिबिटर्स (selective serotonin inhibitors) या SSRIs सामान्य प्रकार के एंटी-डिप्रेसेंट होते हैं जिनके कारण साइड इफ़ेक्ट के रूप में मध्यम ब्रैस्ट एनलार्जमेंट होता है | [११] हालाँकि, SSRIs अन्य प्रकार के एंटी-डिप्रेसेंट की तुलना में सुरक्षित और उपद्रव-रहित होते हैं लेकिन फिर भी बिना किसी कारण के इन्हें लेना असुरक्षित हो सकता है इसलिए इन्हें लेने के बारे में तभी विचार करें जब आपके डॉक्टर ने ही सिफारिश की हो कि आपको एंटी-डिप्रेसेंट लेना चाहिए | सिर्फ ब्रैस्ट का साइज़ बढाने के उद्देश्य से कभी भी SSRIs “न” लें | ब्रैस्ट एनलार्जमेंट के अलावा SSRIs से होने वाले साइड इफेक्ट्स में शामिल हैं: [१२]
    • मितली
    • सेक्स की इच्छा कम होना
    • सिरदर्द
    • सोने में परेशानी
    • मुंह सूखना
    • वज़न बढ़ना
    • तन्द्रा

वास्तविकता में आप क्या अपेक्षा रख सकते हैं?

  • ब्रैस्ट में आये बदलाव संभवतः बहुत सूक्ष्म होंगे | दुर्भाग्यवश, हो सकता है कि आपके ब्रैस्ट का साइज़ फुल कप साइज़ न हो | इसलिए हर सप्ताह ब्रैस्ट का नाप लें जिससे आपको पता चल सके कि समय के साथ ब्रैस्ट में कितनी वृद्धि हो रही है |
  • प्रत्येक व्यक्ति पर हर्ब, डाइट में बदलाव, एक्सरसाइज और दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया अलग-अलग होती है इसलिए इन विधियों का उपयोग करने वाले किसी और व्यक्ति में आपको अलग परिवर्तन दिखाई दे सकते हैं |
  • प्राकृतिक रूप से ब्रैस्ट के वृद्धिकरण के परिणाम दिखाई देने में संभवतः समय लग सकता है इसलिए धैर्य के साथ कोशिश करते रहें |

चेतावनी

  • हालाँकि हर्ब्स प्राकृतिक होती हैं लेकिन इनका अत्यधिक मात्रा में उपयोग शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है | ब्रैस्ट के वृद्धिकरण के लिए हर्बल सप्लीमेंट लेना शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें |
  • परिवार नियोजन के तरीके सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से सुरक्षा नहीं देते हैं | अगर आप बर्थ कण्ट्रोल पिल्स लेती हैं तो भी जब तक हाल ही में आपके पार्टनर का टेस्ट न हो तब तक कंडोम का उपयोग करना चाहिए |

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