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डिजिटल रेक्टल एग्जाम (DRE) एक ऐसी प्राथमिक विधि है जिसका इस्तेमाल डॉक्टर प्रोस्टेट को चेक करने में करते हैं | इसमें डॉक्टर अपनी फिंगर को मरीज के गुदा में डालकर संभावित असामान्यताओं का पता लगाते हैं | इन असामान्यताओं में प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer), बिनाइन प्रोस्टेट हाइपरप्लासिया (benign prostate hyperplasia-BPH जिसमे प्रोस्टेट का आकर बढ़ जाता है) और प्रोस्टेटाइटिस (prostatitis- जिसमे इन्फेक्शन के करान प्रोस्टेट में सूजन आ जाती है) से सम्बंधित लक्षण भी देखे जाते हैं | [१] डॉक्टर्स मरीज को खुद अपना एग्जामिनेशन करने की सलाह नहीं देते क्योंकि इस एग्जाम के आधार पर एकदम सही निष्कर्ष तक पहुँचने के लिए काफी ट्रेनिंग की जरूरत पड़ती है | लेकिन, अगर आप खुद अपना एग्जामिनेशन करना चाहते हैं तो आपको फिजिशियन के द्वारा एग्जामिनेशन की जाने वाली तकनीक की पूरी जानकरी होनी चाहिए |

विधि 1
विधि 1 का 2:

तय करें कि आपको प्रोस्टेट स्क्रीनिंग की जरूरत है या नहीं

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  1. आपकी उम्र के आधार पर स्क्रीनिंग की जरूरत को निर्धारित किया जाता है: इंडियन कैंसर सोसाइटी 50 साल या उससे ज्यादा उम्र वाले पुरुषों को हर साल स्क्रीनिंग कराने की सलाह देती है | हालाँकि, इससे कम उम्र में इसकी शुरुआत होने पर चुनिंदा विशेष परिस्थितियों में भी स्क्रीनिंग कराई जा सकती है | इनमे शामिल हैं: [२]
    • 40 साल के ऐसे पुरुष जिनके एक या उससे ज्यादा करीबी रिश्तेदार (फर्स्ट-डिग्री रिलेटिव्स जैसे बेटा, भाई या पिता) को 65 साल से कम उम्र में प्रोस्टेट कैंसर हुआ हो |
    • 45 साल के ऐसे पुरुष जिनके किसी एक ही करीबी रिश्तेदार (सिंगल-डिग्री रिलेटिव) को 65 वर्ष से कम आयु में प्रोस्टेट कैंसर हुआ हो |
    • 45 साल के अफ्रीकन अमेरिकन पुरुष क्योंकि इन्हें प्रोस्टेट कैंसर होने की रिस्क सबसे ज्यादा होती है |
  2. यूरिनरी सिस्टम से सम्बंधित कोई लक्षण दिखाई देने पर ध्यान दें: यूरिनरी ब्लैडर, यूरिथ्रा और पेनिस से सम्बंधित परेशानियाँ अपने साथ प्रोस्टेट की परेशानी भी लाती हैं | इन सिस्टम्स से प्रोस्टेट की निकटता होने के कारण यह बढ़ सकता है और इन पर दबाव पड़ने से डिसफंक्शन हो सकता है | प्रोस्टेट इशू होने पर आपको निम्नलिखित लक्षण अनुभव हो सकते हैं: [३]
    • मूत्र की धारा बहुत धीमी होना
    • मूत्रत्याग में परेशानी
    • रात में बार-बार मूत्रत्याग के लिए जाना
    • मूत्रत्याग करने पर जलन होना
    • यूरिन में ब्लड आना
    • इरेक्शन में परेशानी आना
    • पीड़ादायक वीर्यपात (ejaculation)
    • पीठ के निचले हिस्से में दर्द
  3. अगर आपको कोई भी यूरिनरी लक्षण हैं तो इसके लिए जिम्मेदार कई तरह की ऐसी बीमारियाँ हो सकती हैं जो सिर्फ DRE से डायग्नोज़ नहीं की जा सकती | साथ ही, DRE ऐसे कई टेस्ट्स में से एक टेस्ट है जिसे डॉक्टर प्रोस्टेट की हेल्थ के बारे में जानने के लिए इस्तेमाल करते हैं |
    • डॉक्टर रेक्टम के अंदर संदेहात्मक टिश्यू को चेक करने के लिए ट्रांस रेक्टल अल्ट्रासाउंड (TRUS) कराने का आर्डर दे सकते हैं |
    • कैंसर का पता लगाने या उसे कन्फर्म करने के लिए बायोप्सी कराना भी जरुरी हो सकता है |
  4. प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन (PSA) टेस्ट कराने के लिए रिक्वेस्ट करें: प्रोस्टेट में असामान्यता का पता लगाने के लिए डॉक्टर PSA लेवल (एक तरह का ख़ास प्रोटीन जो प्रोस्टेट में पाया जाता है) चेक करने के लिए लेबोरेटरी टेस्ट कराने का आर्डर दे सकते हैं R| कई डॉक्टर्स PSA लेवल को 4 नेनोग्राम प्रति मिलीलीटर या इससे कम को नॉर्मल बताते हैं | [४]
    • PSA लेवेल्स के कारण नकली (false) पॉजिटिव या नकली नेगेटिव रिजल्ट्स आ सकते हैं | आमतौर पर इस तरह की रिस्क के कारण PSA लेवल की जगह पर प्रोस्टेट स्क्रीनिंग की सलाह दी जाती है | [५]
    • एजेकुलेशन (हाल ही में की गयी सेक्सुअल एक्टिविटी), प्रोस्टेट इन्फेक्शन, डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन और बाइक राइडिंग (प्रोस्टेट पर प्रेशर पड़ने के कारण) PSA लेवल बढ़ सकता है | जिन लोगों में प्रोस्टेट के लक्षण नहीं हैं और PSA लेवल बढ़ा हो, उन्हें भी दो दिन के बाद फिर से टेस्ट कराने की जरूरत होती है |
    • अगर प्रोस्टेट के लक्षण मौजूद हों तो बार-बार PSA लेवल बढ़ा होने पर DRE और/या प्रोस्टेट की बायोप्सी (नीडल डालकर एनालिसिस के लिए प्रोस्टेट का एक पीस निकालने की प्रोसेस) करानी पड़ सकती है |
    • 2.5 नेनोग्राम प्रति मिलीलीटर से कम PSA वाले पुरुषों को सिर्फ दो साल बाद फिर से स्क्रीनिंग कराना पड़ता है जबकि PSA लेवल 2.5 नेनोग्राम प्रति मिलीलीटर या उससे ज्यादा होने पर हर साल स्क्रीनिंग करानी होगी | [६]
विधि 2
विधि 2 का 2:

प्रोस्टेट को चेक करें

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  1. हालाँकि यह एग्जाम करना काफी आसान है लेकिन इसके लिए सही तकनीकी और फील की जा रही चीज़ों को समझने की काबिलियत होना जरुरी होता है |
    • संभावित कॉम्प्लिकेशंस में शामिल हैं; नाखून से सिस्ट या मास के फटने पर ब्लीडिंग होना | इससे इन्फेक्शन और दूसरी समस्याएं हो सकती हैं जिन्हें आप घर पर हैंडल नहीं कर पाएंगे और डॉक्टर के पास जाना ही पड़ेगा |
    • इसके अलावा, अगर अगर खुद एग्जाम करने पर कोई असामान्यता अनुभव हो तो डॉक्टर की सलाह लें, वे रिजल्ट कन्फर्म करने के लिए फिर से टेस्ट करेंगे |
  2. डॉक्टर की क्लिनिक पर यह टेस्ट कराते समय डॉक्टर आपको एक ख़ास पोजीशन में करवट से लेटने और अपने घुटने ऊपर उठाने के लिए कहेंगे या कूल्हे मोड़कर आगे की ओर झुककर खड़े होने के लिए कहेंगे | इससे डॉक्टर आसानी से रेक्टम और प्रोस्टेट चेक कर पाएंगे | [७]
  3. स्किन कंडीशन को देखने के लिए उस एरिया का परीक्षण करें: इसके लिए एक हैण्ड मिरर या अपने पार्टनर की जरूरत होगी | रेक्टल एरिया को देखकर सिस्ट, मस्से या पिल्स जैसी स्किन कंडीशन चेक करें | [८]
  4. DRE करते समय आपको और आपके पार्टनर को स्टेराइल ग्लव्स पहनना चाहिए | ध्यान रखें कि ग्लव्स पहनने के लिए इन्हें छूने से पहले ही हाथ धो लें | एग्जामिनेशन के लिए आपको केवल अपनी तर्जनी का इस्तेमाल करना होगा लेकिन फिर भी ग्लव्स पहने रहें |
    • याद रखें कि हाथ धोने और ग्लव्स पहनने से पहले आपको अपनी अँगुलियों के नाखून छोटे-छोटे ट्रिम कर लेना है | लेटेक्स पहनने के बाद भी एक्सीडेंटली प्रभावित एरिया खुरच सकता है या सिस्ट या दूसरे मास फट सकते हैं |
  5. वेसिलीन या KY जेली जैसे लुब्रिकेंट ग्लव्स पर लगाने से एग्जाम फिंगर आसानी से गुदा में प्रवेश कर जाती हैं और दर्द भी बहुत कम होता है | ग्लव्स की तर्जनी अंगुली पर सामान्य मात्रा में लुब्रिकेंट लगायें |
  6. आप या आपके पार्टनर को रेक्टम में इंडेक्स फिंगर (तर्जनी) डालनी होगी | फिंगर को सर्कुलर मोशन में घुमाते जाएँ जिससे कोई उभार या लम्प होने पर फील हो सके क्योंकि ये रेक्टम की वॉल के साथ लगे हुए सिस्ट, ट्यूमर या कैंसर का संकेत दे सकते हैं | अगर कोई भी असामान्यता नहीं है तो वॉल स्मूद और एकसमान शेप में होगी | [९]
    • हलके दबाव का इस्तेमाल करें |
  7. प्रोस्टेट रेक्टल वॉल (गुदा भित्ति) के इस हिस्से के ऊपर/सामने स्थित होता है | आपको प्रोस्टेट की ओर असामान्य फाइंडिंग फील हो सकती हैं जिनमे दृढ़ता, उभार, नॉन-स्मूद, एनलार्जमेंट और/या छूने पर दर्द कनरे वाले एरिया शामिल हैं | [१०]
  8. प्रोफेशनल सेटिंग में ये पूरा एग्जाम लगभग दस सेकंड में हो जायेगा इसलिए इसे फील करने में ज्यादा समय बर्बाद न करें अन्यथा इस एग्जाम से आपकी परेशानी और बढ़ जाएगी | [११] ग्लव्स नष्ट कर दें और तुरंत बाद फिर से हाथ धोना न भूलें !
  9. डॉक्टर से फॉलोअप लें और दूसरे टेस्ट्स के बारे में पूछें | अगर आपको लगता है कि खुद एग्जाम करने पर आपकी कुछ असामान्यता दिखाई दी हैं तो तुरंत डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लें | अगर आपको खुद अपना एग्जामिनेशन किये सिर्फ दो ही दिन हुए हैं तो डॉक्टर को इसकी जानकारी दें अन्यथा दूसरे टेस्ट कराने पर PSA लेवल बढ़ा हुआ आ सकता है |

चेतावनी

  • याद रखें, PSA टेस्ट और DRE दोनों के रिजल्ट्स नॉर्मल आने पर भी कैंसर हो सकता है |
  • इस एग्जाम को करने से पहले अपनी अँगुलियों के नाखून ट्रिम कर लें |
  • स्क्रीनिंग की विश्वसनीयता को लेकर आम सहमती मिलीजुली है, क्योंकि कुछ फाउंडेशन और फिजिशियन इसकी सिफारिश करते हैं जबकि दूसरे नहीं | [१२] अपने डॉक्टर से अपनी फैमिली हिस्ट्री, उम्र और लक्षणों के बारे में चर्चा करें जिससे एक ठोस नतीजा निकल सके |

चीजें जिनकी आवश्यकता होगी

  • सर्जिकल ग्लव्स
  • लुब्रिकेशन

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रेफरेन्स

  1. Bickley, Lynn S. Techniques of Examination. Chapter 15 The anus, rectum and prostate. Bates Pocket Guide to Physical Examination and History Taking. sixth edition. P 262-264. © 2009 Wolters Kluwer Health- Lippincott Williams & Wilkins.
  2. http://www.cancer.org/cancer/prostatecancer/moreinformation/prostatecancerearlydetection/prostate-cancer-early-detection-acs-recommendations
  3. Bickley, Lynn S. Techniques of Examination. Chapter 15 The anus, rectum and prostate. Bates Pocket Guide to Physical Examination and History Taking. sixth edition. P 262-264. © 2009 Wolters Kluwer Health- Lippincott Williams & Wilkins.
  4. http://www.pcf.org/site/c.leJRIROrEpH/b.5802071/k.C620/PSA__DRE_Screening.htm
  5. http://www.pcf.org/site/c.leJRIROrEpH/b.5802071/k.C620/PSA__DRE_Screening.htm
  6. http://www.cancer.org/cancer/prostatecancer/moreinformation/prostatecancerearlydetection/prostate-cancer-early-detection-acs-recommendations
  7. Bickley, Lynn S. Techniques of Examination. Chapter 15 The anus, rectum and prostate. Bates Pocket Guide to Physical Examination and History Taking. sixth edition. P 262-264. © 2009 Wolters Kluwer Health- Lippincott Williams & Wilkins.
  8. Bickley, Lynn S. Techniques of Examination. Chapter 15 The anus, rectum and prostate. Bates Pocket Guide to Physical Examination and History Taking. sixth edition. P 262-264. © 2009 Wolters Kluwer Health- Lippincott Williams & Wilkins.
  9. Bickley, Lynn S. Techniques of Examination. Chapter 15 The anus, rectum and prostate. Bates Pocket Guide to Physical Examination and History Taking. sixth edition. P 262-264. © 2009 Wolters Kluwer Health- Lippincott Williams & Wilkins.
  1. http://www.pcf.org/site/c.leJRIROrEpH/b.5802071/k.C620/PSA__DRE_Screening.htm
  2. Bickley, Lynn S. Techniques of Examination. Chapter 15 The anus, rectum and prostate. Bates Pocket Guide to Physical Examination and History Taking. sixth edition. P 262-264. © 2009 Wolters Kluwer Health- Lippincott Williams & Wilkins.
  3. http://www.pcf.org/site/c.leJRIROrEpH/b.5802037/k.6B8C/Early_Detection__Screening.htm

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