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कुछ चीजें हैं, जो आपके दिन को बर्बाद कर सकती हैं, जिनमें से एक फूड पॉइजनिंग भी है। हल्के से गंभीर लक्षण तक, इनमें पेट खराब होना, नॉजिया, उल्टी, डायरिया, बुखार और क्रेम्प्स शामिल हैं, ये किसी खराब खाने को खाने के कुछ घंटे से लेकर कई हफ्ते बाद से भी शुरू हो सकते हैं। ज़्यादातर मामले में, खाने को गलत तरीके से प्रोसेस, स्टोर या हैंडल किए जाने की वजह से खाने में टॉक्सिन या बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं। ज़्यादातर लोग फूड पॉइजनिंग के नेचुरली उनके सिस्टम से बाहर निकल जाने के कुछ दिन के बाद ही उससे छुटकारा पा लेते हैं; हालांकि, इन्फ़ेंट्स या नवजात बच्चे, प्रेग्नेंट महिलाएं और बुजुर्गों को खासतौर पर फूड पॉइजनिंग की वजह से कभी न ठीक होने वाले नुकसान की वजह से, फूड पॉइजनिंग से बचने की पूरी सावधानी रखना चाहिए और अगर उन्हें फूड पॉइजनिंग हो जाए, तो उन्हें तुरंत मेडिकल अटेन्शन मिलने की जरूरत होती है। फूड पॉइजनिंग से रिकवर करने के तरीके के बारे में जानकारी रखना, आपको डिस्कंफ़र्ट को तेजी से कम करने में और जितना हो सके, उतनी जल्दी अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद करेगा।

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपनी डाइट को एडजस्ट करना (Adjusting Your Diet)

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  1. अगर आपको बार-बार उल्टी या दस्त हो रहे हैं, तो आपका शरीर तेजी से अपने फ्लुइड्स को खो देगा, जिसकी वजह से आपको डिहाइड्रेशन हो जाएगा। इस खोए हुए फ्लुइड की कमी को पूरा करने के लिए जितना हो सके, उतना ज्यादा तरल चीजों का सेवन करने की कोशिश करें। अगर आप एक-साथ ज्यादा लिक्विड पीने में मुश्किल महसूस कर रहे हैं, तो बार-बार छोटे-छोटे घूंट पीते रहें। [१]
    • अगर आप बहुत ज्यादा मितली की वजह से लिक्विड को अपने पेट में नहीं रख पा रहे हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर को कांटैक्ट करें। शायद नसों के जरिए आपके शरीर तक फ्लुइड को पहुंचाने के लिए आपको शायद तुरंत हॉस्पिटल जाने की जरूरत हो।
    • पानी, डिकैफीनेटेड चाय या सेब के रस को 50/50 अनुपात में पानी के साथ में घोलकर पीने की कोशिश करें। ब्रोथ या सूप पीना और आइस चिप्स या पोप्सिकल लेना भी न्यूट्रीशन और फ्लुइड्स पाने का एक अच्छा तरीका होता है।
  2. ये पाउडर होते हैं, जिन्हें आप पानी और ड्रिंक में मिक्स करते हैं। ये आपके शरीर तक उन मिनरल्स और न्यूट्रीएंट्स को पहुंचाने में मदद करते हैं, जो आपका शरीर उल्टी और डायरिया की वजह से खो रहा है। आप इन्हें किसी भी मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं। [२]
    • अपना खुद का रिहाइड्रेशन फ्लुइड बनाने के लिए, आधा चम्मच नमक, आधा चम्मच बेकिंग सोडा और 4 चम्मच चीनी को करीब 1 लीटर पानी में मिला लें। सभी चीजों के अच्छी तरह से घुलने तक इसे हिलाते रहें। [३]
    • आप चाहें तो पीडियालाइट (Pedialyte) या हाइड्रेलाइट (Hydralyte) के जैसे, बच्चों के लिए एक पहले से तैयार रिहाइड्रेशन सलुशन भी खरीद सकते हैं। या फिर एडल्ट्स या बड़े बच्चों के लिए, आप आधा गेटोरेड (Gatorade) या पावरेड (Powerade) के साथ में पानी मिलाकर भी एक घोल बनाकर दे सकते हैं। [४]
  3. जब आपको थोड़ा भूख का अहसास होना शुरू होने लगे और मितली भी कम हो चुकी हो, फिर BRAT फूड्स: केले, चावल, एप्पलसॉस और टोस्ट का सेवन करना शुरू कर दें। [५] इस तरह के फूड्स आपके पेट को शांत कर सकते हैं और इनसे मितली या उल्टी भी नहीं होना चाहिए।
    • साल्टाइन्स, मैश किए आलू और नरम पकाई सब्जियाँ भी अपसेट स्टमक के लिए नरम होती हैं। [६] याद रखें कि खाने के लिए खुद पर दबाव न बनाएँ या न ही एकदम से बहुत ज्यादा खाएं।
  4. जब आपका शरीर फूड पॉइजनिंग से लड़ता है, तब आपका डाइजेस्टिव सिस्टम कुछ समय के लिए लैक्टोज़ इंटोलेरेन्स की अवस्था में होता है, यानि सिस्टम लैक्टोज़ वाली चीजों को सहन नहीं कर सकता। इसकी वजह से, आपके द्वारा सेवन किए जाने वाले किसी भी डेयरी प्रॉडक्ट--जैसे कि, बटर, मिल्क चीज, दही बगैरह--की वजह से और भी मुश्किलें बढ़ जाएंगी। जब तक कि आपका शरीर वापस नॉर्मल नहीं हो जाता, तब तक डेयरी प्रॉडक्ट का सेवन करने से बचकर ही रहें। [७]
  5. ऐसे फूड्स से दूर ही रहें, जिनसे मितली या उल्टी होने का चांस हो: उम्मीद है कि वैसे भी फूड पॉइजनिंग होने पर आपको इन्हें खाने की खुद ही इच्छा नहीं होगी, लेकिन फिर भी ऐसे मसालेदार या फेटी फूड्स का सेवन करने से बचने की पूरी कोशिश करें, जिन्हें पचाना मुश्किल हो सकता है। [८]
    • इसके साथ ही आपको ऐसे हाइ-फाइबर या रेशेदार फूड्स से भी बच के रहना चाहिए, जो आपके पेट के लिए कठोर हो सकते हैं। हाइ फाइबर फूड्स में साबुत अनाज, खट्टी चीजें, फलियाँ, नट्स (ड्राय फ्रूट्स) और छिलके वाली चीजें शामिल हैं।
  6. फूड पॉइजनिंग होने पर कैफीन और अल्कोहल आपको और भी बदतर महसूस करा सकते हैं, इसलिए अच्छा होगा कि आप इन्हें अवॉइड ही करें। [९] इसके साथ ही ये ये डाइयूरेटिक भी होते हैं, जिसका मतलब कि इनकी वजह से आप बार-बार यूरिन कर सकते हैं। बार-बार यूरिन करने की वजह से डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिसकी वजह से उल्टी और डायरिया के साथ मिलने पर गंभीर परेशानी खड़ी हो सकती हैं।
विधि 2
विधि 2 का 3:

घरेलू उपाय ट्राई करना (Trying a Home Remedy)

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  1. ये आपके अपसेट स्टमक को आराम देने में मदद करेगा और इंडाइजेशन से भी राहत देगा। इसमें जरूरत पड़ने पर आपको हाइड्रेट रखने के भी फायदे होते हैं।
  2. ये आपके पेट में अच्छे बैक्टीरिया को रिस्टोर करने में मदद करते हैं और रिकवरी प्रोसेस को स्पीड देते हैं। हालांकि, अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है, तो प्रोबायोटिक लेना शायद आपके लिए बेस्ट ट्रीटमेंट नहीं होगा; इसे लेने से पहले अपने डॉक्टर से कंसल्ट जरूर कर लें।
  3. एप्पल साइडर विनेगर एक और दूसरा पॉपुलर उपाय है, एप्पल साइडर विनेगर में एंटी माइक्रोबायल प्रॉपर्टीज़ हो सकती हैं। इसे यूज करने के लिए, एक कप गुनगुने पानी में दो चम्मच मिलाएँ और कोई भी ठोस चीज खाने से पहले इसे पी जाएँ। अगर आप चाहें तो एप्पल साइडर विनेगर को सीधे भी पी सकते हैं।
  4. कुछ हर्ब्स में भी एंटीमाइक्रोबायल प्रॉपर्टीज़ हो सकती हैं और उनमें से कई आपके फूड पॉइजनिंग के लक्षणों को कम भी कर सकती हैं। तुलसी का रस पीकर देखें या फिर पानी में बेसिल ऑयल की कुछ बूंदे मिलाकर लें। जीरे के बीज को भी सीधे खाया या फिर उबालकर एक गरम ड्रिंक में लिया जा सकता है।
    • थाइम, रोजमेरी, धनिया, सागे, पुदीना और मेथी भी वो हर्ब्स हैं, जिनमें एंटीमाइक्रोबायल प्रॉपर्टीज़ हो सकती हैं, हालांकि इनके बारे में अभी कुछ रिसर्च की जरूरत है।
  5. गरम पानी में अदरक और शहद का एक मिक्स्चर पेट के दर्द को और इनडाइजेशन कम करने में मदद कर सकता है। खुद से एक कप अदरक और शहद की चाय बनाकर देखें। [१०]
    • छिले, ताजे अदरक के कुछ टुकड़ों को गरम पानी में उबालें, फिर उसमें एक चम्मच शहद (या अगर आपकी इच्छा हो, तो और) मिलाएँ और धीरे-धीरे पिएं।
    • ध्यान रखें कि एक साल से कम उम्र के बच्चों को कभी भी शहद न दें। शहद में ऐसे बैक्टीरिया हो सकते हैं, जिसकी वजह से नवजात शिशु को बोटुलिज़्म (botulism) या फूड पॉइजनिंग हो सकती है। [११]
विधि 3
विधि 3 का 3:

अपने शरीर को एक ब्रेक देना (Giving Your Body a Break)

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  1. अगर आपको फूड पॉइजनिंग महसूस हो रही है तो काम पर न जाएँ, खासकर अगर आप फूड सर्विस में ही काम करते हैं। अपने काम पर वापस जाने से पहले, खुद को भरपूर टाइम (आमतौर पर अपने लक्षणों के खत्म होने के बाद, 48 घंटे) दें। [१२]
    • अगर आप फूड सर्विस में काम करते हैं और काम के दौरान ही आपको फूड पॉइजनिंग महसूस होने लगती है, तो तुरंत अपने सुपरवाइजर को बताएं और खाना तैयार होने वाले एरिया को छोड़ दें। फूड पॉइजनिंग से जूझते समय कभी भी खाने की चीजों को न संभालें।
  2. जब आपका शरीर आपके सिस्टम से टॉक्सिन को बाहर निकालने में लगा होता है, तब आपको थकान महसूस हो सकती है। ऐसी सलाह दी जाती है कि आपको जितना हो सके, उतना ज्यादा आराम करना चाहिए, ताकि आपका शरीर रिकवर होने के लिए उसी एनर्जी का इस्तेमाल कर सके। बार-बार झपकी लें, जो भी आपको ज्यादा थकने से बचाने में मदद करेगी।
    • जोरदार या ताकत वाली एक्टिविटी में भाग न लें। थकान में जोरदार ताकत वाली एक्टिविटी करने की वजह से आपको चोट पहुँच सकती है।
  3. बड़ी मात्रा में आहार या ठोस चीजें ज्यादा न खाएं। उम्मीद है कि ये आपको वैसे भी सुनने में ठीक नहीं लगेगा, लेकिन आपके शरीर को अभी उसके अंदर मौजूद आपको बीमार करने वाले टॉक्सिन या बैक्टीरिया से रिकवर होने के लिए थोड़े टाइम की जरूरत पड़ेगी। फूड पॉइजनिंग के लक्षणों के बाद पहले या दूसरे दिन बहुत ज्यादा कुछ खाने से बचें।
    • इसकी बजाय, बहुत सारा ब्रोथ, लिक्विड या सूप पिएं। मितली या उल्टी के बाद दोबारा और कुछ खाने से पहले कुछ घंटे तक इंतज़ार करें।
  4. [१३] [१४] अगर आपको हाइ फीवर (102 से 104 डिग्री फारेनहाइट) या सिरदर्द महसूस हो रहा है, तो आइबुप्रुफेन या पैरासिटामोल के रिकमेंड किए डोज़ लें। [१५] [१६] ये किसी भी दर्द और पीड़ा को भी कम करने में मदद कर सकती हैं।
    • एंटी-डायरिया मेडिसिन लेने से बचें। भले ही फूड पॉइजनिंग की वजह से होने वाला डायरिया बहुत असहूलियत दे सकता है, लेकिन ये शरीर के द्वारा टॉक्सिन को शरीर के बाहर करने की एक प्रक्रिया है। इसलिए ऐसा रिकमेंड किया जाता है कि आप एंटी-डायरिया मेडिसिन न लें। [१७]
    • एक बात का ख्याल रखें कि आइबुप्रुफेन की वजह से पेट में इरिटेशन हो सकती है, इसलिए पैरासिटामोल/एसिटामिनोफेन (acetaminophen) बेहतर ऑप्शन हो सकता है।
    • अगर आपको डोज़ की जरूरत हो, तो आइबुप्रुफेन और दूसरी NSAID को खाने के साथ में लें। हालांकि, इन्हें फूड पॉइजनिंग के साथ में अवॉइड करना ही बेस्ट होता है, क्योंकि इनकी वजह से गैस्ट्रिटिस (gastritis) या गैस्ट्रिक (gastric) और आंतों के अल्सर का खतरा होता है।
  5. अगर आपको उल्टी या डायरिया हो रही है, तो जरूरी है कि आप जर्म्स को फैलने से रोकने के लिए अपने हाथों को बार-बार धोते रहें। टॉवल शेयर न करें या न ही दूसरे लोगों के खाने को हैंडल करें। [१८]
    • अच्छा होगा कि आप अपने बाथरूम में डिस्पोज़ेबल क्लीनिंग वाइप्स रखें। जब आप बाथरूम यूज करें, तब आपके द्वारा टच किए जाने वाले सर्फ़ेस को पोंछकर साफ करें।

चेतावनी

  • अगर फूड पॉइजनिंग कुछ दिनों के बाद भी बनी रहती है, तो डॉक्टर को कॉल करें। अगर आपको तेज बुखार महसूस हो (101 डिग्री फारेनहाइट या बच्चे के लिए 100.4), देखने में परेशानी, डिहाइड्रेशन, खून या आपके मल में पस, दूसरे देश की यात्रा के दौरान डायरिया होना, जो पाँच दिन से ज्यादा (या बच्चे के लिए दो दिन) रहे या साँस लेने या निगलने में तकलीफ हो, तो डॉक्टर को दिखा लें। [१९]
  • अगर फूड पॉइजनिंग मशरूम या सीफूड के सेवन की वजह से हुई है, तो तुरंत मेडिकल अटेन्शन की तलाश करें। [२०] मशरूम और सीफूड की कुछ खास वेराइटी में पाए जाने वाले टॉक्सिन जानलेवा हो सकते हैं और इनके लिए तुरंत ध्यान देने की जरूरत होती है।

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