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सुगन्धित तेल या जिन्हें 'एसेंशियल ऑयल्स' भी कहा जाता है, असल में लेवंडर और रोसमेरी (गुलमेहंदी) जैसे खुशबूदार पौधों से निकाले गये शुद्ध सत्व तेल होते हैं | करीब 700 तरह के पौधों से सुगन्धित तेल निकाले जा सकते हैं, और इन्हें निकालने के तरीके भी अनेक हैं - जिनमे कि सबसे आम तौर पर इस्तेमाल होने वाला तरीका है 'डिस्टिलेशन' | डिस्टिलेशन एक प्रक्रिया है जिसमे कि किसी तरल पदार्थ को पहले भाप बनाया जाता है, फिर उस भाप से शुद्ध तरल पदार्थ को अलग किया जाता है | हालाँकि शुद्ध सुगन्धित तेल बाज़ार में काफी महंगे मिलते हैं, पर घर में आप इन्हें अपेक्षाकृत कम दाम में तैयार कर सकते हैं |

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपनी खुद की 'एसेंशियल आयल स्टिल (Essential Oil Still)' तैयार करें

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  1. 'एसेंशियल आयल स्टिल' कई उपकरणों से बनी एक मशीन है जिसकी मदद से सुगन्धित तेल निकाला जाता है | हालाँकि यह आपको किसी आम हार्डवेयर की दुकान में शायद ही मिलें (अगर आपके घर के पास में कोई विशिष्टत हार्डवेयर दुकान नहीं है), पर यह आपको ऑनलाइन बड़ी ही आसानी से मिल जायेगी | पर ध्यान रहें, आयल स्टिल काफी महंगी हो सकती है - जो कि 6000 रूपये से लेकर लाखों रूपये तक की हो सकती है | पर अगर आप काफी ज्यादा मात्रा में सुगन्धित तेल तैयार करना चाहते हैं, तो व्यावसायिक आयल स्टिल खरीदना एक बेहतर निवेश है |
  2. अगर आप आयल स्टिल खरीदना नहीं चाहते हैं, तो उसे खुद तैयार करें: अगर आप एक आयल स्टिल बनाना चाहते हैं, तो इसमें आप अपनी रचनात्मकता का खुल कर इस्तेमाल कर सकते हैं - आयल स्टिल के हज़ारों डिज़ाइन मौजूद हैं, और आज भी, बहुत सी आयल स्टिल घर में ही तैयार की जाती हैं | एक आयल स्टिल के कुछ ज़रूरी भाग:
    • ताप का एक स्त्रोत - अक्सर आग का इस्तेमाल किया जाता है
    • एक प्रेशर कुकर
    • एक 10 मिलीमीटर लम्बी कांच की पाइप
    • ठन्डे पानी का एक बड़ा बर्तन या टब ताकि पाइप में से गुजरने वाली भाप को ठंडा कर के वापस तरल में बदला जा सके [१]
    • एक 'एस्सेंशिअर', जो कि सुगन्धित तेल को उन तत्वों से अलग करेगा, जो आपको अपने पूर्ण रूप से तैयार उत्पाद में नहीं चाहिये होंगे | [२]
  3. अगर हो सके, तो स्टेनलेस स्टील या कांच के उपकरण का इस्तेमाल करें: [३] कांच की पाइप की जगह, प्लास्टिक की पाइप का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे सुगन्धित तेल की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है | कुछ पौधे ताम्बे के साथ उग्र रसायनिक क्रिया करते हैं, पर टिन युक्त तम्बा सभी पौधों के लिए उपयुक्त है | आप एल्युमीनियम के उपकरण भी इस्तेमाल कर सकते हैं, पर विंटरग्रीन (गंधपुरा), लौंग या कोई भी ऐसा पौधा जिसमे फिनॉल हो, उसके साथ नहीं |
  4. पाइप को मोड़ लें ताकि उसे ठन्डे पानी के टब से गुजारा जा सके: आप वनस्पति सामग्री को एक प्रेशर कुकर में डालेंगे, और कुकर से निकली भाप पाइप में से गुजरेगी | आपको उस भाप को ठन्डे पानी या बर्फ युक्त पानी में से गुजार कर वापस तरल में बदलना होगा | आप ठन्डे पानी के टब के लिए क्या इस्तेमाल कर रहे हैं, इस बात पर निर्भर करते हुए आपको पाइप को अलग अलग आकारों में मोड़ना पड़ सकता है | जैसे कि, अगर आप एक सिंक का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आप पाइप को एक कोइल के आकार में मोड़ सकते हैं, ताकि उसे सिंक में आसानी से रखा जा सके | अगर आप एक बड़ी बाल्टी का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आप पाइप को 90 डिग्री के कोण में मोड़ सकते हैं, ताकि वह बाल्टी में ऊपर से लेकर नीचे तक पहुँच सके और फिर बाल्टी के तल के नज़दीक बने एक छेद में से बाहर आ सके |
  5. आप एक लचीली नली का टुकड़ा इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसे पाइप के दोनों छोर पर लगाया जा सके | अगर आप एक 10 मिलीमीटर की पाइप इस्तेमाल कर रहे हैं, तो लचीली नली के टुकड़े का आकार भी वही होगा | आप इस जोड़ को एक जुबिली क्लिप (एक गोल क्लिप) से सुदृढ़ कर सकते हैं, जो आप को किसी भी हार्डवेयर की दुकान में आसानी से मिल जायेगी |
    • यह सुनिश्चित कर लें कि आप नली को इतना लम्बा काटें कि उसमे मुड़ने की जगह बची रहे | नहीं तो पाइप हवा में सीधी खड़ी हो जायेगी, और फिर आपको उसे 90 डिग्री के कोण में मोड़ना पड़ेगा ताकि वह ठन्डे पानी के टब की तरफ जा सके |
  6. अगर आप एक सिंक इस्तेमाल कर रहे हैं, तो पाइप (कोइल) को इस तरह से रखें कि वह पूरी तरह से सिंक में हो | जब सिंक में ठंडा पानी या बर्फ डाली जाये, तो पाइप उसमे पूरी तरह से डूब जानी चाहिये | अगर आप एक बाल्टी का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो बाल्टी के तल के नज़दीक एक छोटा सा छेद कर दें, ताकि पाइप बाल्टी से बाहर निकल सके | इस छेद को एक सिलिकॉन सीलर या एम सील से बंद कर दें, ताकि पानी गिरने की वज़ह से गंदगी न फैले |
  7. पाइप के खुले हिस्से को एस्सेंसिअर के ऊपर स्थित करें: एक बार जब भाप वापस तरल बनकर एस्सेंसिअर में गिरेगी, तो उसके बाद का सारा काम एस्सेंसिअर संभाल लेगा | एस्सेंसिअर तरल में से अनचाहे तत्वों को अलग कर देगा, ताकि आपको केवल शुद्ध सुगन्धित तेल ही प्राप्त हो |
  8. यह निश्चित कर लें कि सारे उपकरण स्थिर और सुरक्षित हों: आप जो उपकरण इस्तेमाल कर रहे हैं और पाइप के आकार पर निर्भर करते हुए, आपको एक ऐसी जगह तलाशनी होगी, जहाँ आप इन सभी उपकरणों को सुरक्षित तरीके से रख सकें | प्रेशर कुकर पर पाइप से जुड़ा ढक्कन लगायें, पाइप को ठन्डे पानी के टब में से गुजारें, और पाइप के खुले हिस्से को एस्सेंसिअर के ऊपर स्थित करें | आपको यह ध्यान रखना होगा कि पाइप एक सुरक्षित कोण पर हो और कोई भी उपकरण गिरे नहीं |
विधि 2
विधि 2 का 3:

सुगन्धित तेल के लिए प्लांट मटेरियल एकत्र करें

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  1. तय करें कि आप प्लांट मटेरियल को कब एकत्र करना चाहते हैं: किसी पौधे में मौजूद सुगन्धित तेल की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है कि वह पौधा अपने जीवन चक्र के किस चरण में है | इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि पौधे की किस्म के अनुसार, सही समय पर ही उससे सुगन्धित तेल एकत्र किया जाये | आपको इस बारे में थोड़ी जानकारी एकत्र करनी होगी कि जिस पौधे से आप सुगन्धित तेल निकालना चाहते हैं, उसका सबसे उपयुक्त समय कौन सा है | जैसे कि, लेवेंडर से तेल एकत्र करने का सबसे उपयुक्त समय तब है, जब उसके तने से आधे फूल झड़ चुके हों | [४] वही दूसरी और, रोसमेरी के पौधे से तेल एकत्र करने का सबसे अच्छा समय तब है, जब उसमे ढेर सारे फूल खिले हुए हों | [५]
  2. जैसे आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिये कि 'कब' पौधों की कटाई कर के बढ़िया तेल एकत्र किया जाये, वैसे ही आपको इस बात की भी जानकारी होनी चाहिये कि उनकी कटाई 'कैसे' की जाये | कटाई करने में लापरवाही करना, पौधों के गलत भागों को काटना, या फिर गलत समय पर पौधों की कटाई करने से सुगन्धित तेल की मात्रा और गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है | जैसे कि, रोसमेरी का सुगन्धित तेल निकालने के लिए आपको उसका सिर्फ फूलों वाला ऊपरी हिस्सा चाहिए होगा | बचे हुए हिस्से को फेंक दें या फिर किसी दूसरी चीज़ में इस्तेमाल करें |
    • सुगन्धित तेल अक्सर पौधों की तैलीय ग्रंथि, नसों और बालों में मौजूद होता है, और ये हिस्से बेहद नाज़ुक होते हैं | अगर आप इन्हें हिलायेंगे या फिर तोड़ेंगे, तो आपको कम मात्रा में सुगन्धित तेल प्राप्त होगा | पौधों को सावधानीपूर्वक पकड़ें और उन्हें जितन हो सके उतना कम स्पर्श करें |
  3. अगर आप पहले से कटे हुए पौधे खरीद रहे हैं, तो उनकी कटाई पर आपका कोई नियंत्रण नहीं होगा | इसलिये ऐसे पौधे खरीदें जो कि दिखने में स्वस्थ और बिना किसी क्षति के हो | साथ ही आप दुकानदार से यह भी पूछ सकते हैं कि उन पौधों की कटाई कब की गयी थी | सामान्यतः, साबुत रूप (जो कुटे या पाउडर रूप में न हों) में मौजूद पौधें सबसे बेहतर होते हैं |
    • हालाँकि डिस्टिलेशन की प्रक्रिया सुगन्धित तेल में से काफी सारी अशुद्धियों को अलग कर देती है, पर कीटनाशक और वनस्पतिनाशक (हर्बीसाइड) रसायन फिर भी सुगन्धित तेल को विषाक्त बना सकते हैं | इसलिए बेहतर है कि आप जैविक खेती से उगाये गये पौधों का इस्तेमाल करें, चाहे बाहर से खरीद कर या फिर अपने घर में उगा कर |
  4. हालाँकि वनस्पति सामग्री को सुखाने से उसमे मौजूद तेल की मात्रा कम हो जाती है, पर इससे आप हर बैच में ज्यादा मात्रा में सुगन्धित तेल का उत्पादन कर पायेंगे | ऐसा इसलिए क्योंकि आप हर बैच में ज्यादा वनस्पति सामग्री इस्तेमाल कर पायेंगे | सुखाने की यह प्रक्रिया धीमी, और धुप से दूर होनी चाहिये | [६] व्यावसायिक तौर पर उगाये जाने वाले पौधें, जैसे कि लेवेंडर और पेपरमिंट, कटाई के बाद करीब एक दिन तक खेतों में सूखने के लिए छोड़े जा सकते हैं |
    • पौधों को सुखाने का आदर्श तरीका पौधों की किस्म के अनुसार अलग-अलग हो सकता है, पर सामान्य तौर पर वनस्पति सामग्री को सुखाने के लिए आपको ज्यादा ताप का इस्तेमाल नहीं करना चाहिये | छाया में या फिर एक अँधेरे वाले कमरे में वनस्पति सामग्री को सुखाने से उसमे मौजूद सुगन्धित तेल, कम से कम घटेगा |
    • डिस्टिलेशन से पहले प्लांट मटेरियल को फिर से गीला न होने दें | जहाँ तक संभव हो, सुखाने के तुरंत बाद ही डिस्टिलेशन की प्रक्रिया आरंभ कर दें |
    • अगर आप प्लांट मटेरियल को सुखाने के इस कदम को छोड़ना चाहते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं |
विधि 3
विधि 3 का 3:

सुगन्धित तेल की डिस्टिलेशन करें

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  1. अगर आपने अपनी स्टिल खुद बनाई है, तो प्रेशर कुकर ही उसमे टैंक की भूमिका निभायेगा | साफ़ पानी का इस्तेमाल करें; पानी जितना हो सके उतना शुद्ध होना चाहिये | आप फ़िल्टर पानी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं | अगर आपने स्टिल बाज़ार से खरीदी है, तो आप उस पर लिखे निर्देशानुसार उसका इस्तेमाल करें | आपके पास बस पानी पर्याप्त मात्रा में होना चाहिये, ताकि डिस्टिलेशन की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके | पौधे की किस्म और मात्रा के अनुसार, पानी उबलने के बाद डिस्टिलेशन करने में आधे घंटे से लेकर 6 घंटे, या उससे भी ज्यादा समय लग सकता है |
  2. टैंक या कुकर में जितनी सामग्री आ सकती है, उतनी डाल दें | जब तक कुकर में पर्याप्त मात्रा में पानी है, तब तक प्लांट मटेरियल को कोई नुक्सान नहीं होगा, चाहे वह उसमे ठसाठस भरी हो | बस आपको यह सुनिश्चित करना है कि प्लांट मटेरियल की वज़ह से कुकर की सीटी में कोई रूकावट न आये | [७] इसके लिए आप कुछ इंच जगह छोड़ सकते हैं |
    • आपको वनस्पति सामग्री को काटने या तैयार करने की कोई ज़रुरत नहीं है - बल्कि ऐसा करने से वनस्पति सामग्री में मौजूद तेल की मात्रा कम हो जायेगी |
  3. कुकर के ढक्कन को अच्छी तरह से बंद कर दें, ताकि भाप केवल उसकी सीटी से निकल कर पाइप में से गुजरे | ज्यादातर पौधें करीब 100 डिग्री के तापमान पर सुगन्धित तेल छोड़ते हैं - जो कि पानी के उबलने का सामान्य तापमान है | [८]
  4. कुछ देर बाद कंडेंसर (बर्फ युक्त टब) में से तरल निकल कर एस्सेंशिअर में एकत्र होने लगेगा | इस प्रक्रिया में आपको ज्यादा कुछ करने की ज़रुरत नहीं है, बस इस बात का ध्यान रखें कि टैंक में पानी की कमी न हो | डिस्टिलेशन की प्रक्रिया में लगने वाले समय के अनुसार, आपको ठन्डे पानी के टब का पानी भी बदलना पड़ सकता है | अगर गर्म पाइप की वज़ह से टब में मौजूद पानी गर्म होने लगे, तो उसकी जगह ठंडा पानी या बर्फ डाल दें ताकि भाप के ठन्डे होने की प्रक्रिया जारी रहे |
  5. डिस्टिलेशन की प्रक्रिया खत्म होने के बाद, आप चाहें तो सुगन्धित तेल को पनीर वाले कपड़े या ऐसे ही किसी सूखे सूती कपड़े से छान लें | यह सुनिश्चित कर लें कि कपड़ा साफ़ और सूखा हो - डिटर्जेंट के अवशेषों या मिट्टी की वज़ह से तेल दूषित हो सकता है |
    • इस बात से निराश न हो कि ज्यादा मात्रा में वनस्पति सामग्री इस्तेमाल करने के बाद भी आपको बेहद कम सुगन्धित तेल ही प्राप्त हुआ है | पौधों की किस्म के अनुसार उत्पादन प्रतिशत अलग हो सकता है, पर वह शुरुआत में तो बेहद कम ही होता है | [९]
  6. जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी तेल को किसी पात्र में डाल दें: ज्यादातर सुगन्धित तेल कम से कम 1 या 2 सालों तक खराब नहीं होते हैं, पर कुछ सुगन्धित तेल बेहद कम समय के लिए ही इस्तेमाल किये जा सकते हैं | [१०] सुगन्धित तेल को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए, आप उसे किसी गहरे रंग की कांच की बोतल में रखें, या फिर एक स्टेनलेस स्टील के पात्र में | एक साफ़ कीप से सुगन्धित तेल को पात्र में डालें | यह सुनिश्चित कर लें कि पात्र भी साफ़ हो | सुगन्धित तेल को किसी ठंडी और अँधेरे वाली जगह में रख दें | [११]
    • हाइड्रोसोल का क्या करना है, यह भी तय करें | एस्सेंसिर में मौजूद बची हुई सामग्री हाइड्रोसोल कहलाती है - यानी कि ऐसा शुद्ध पानी जिसमे पौधे की खुशबू सम्मलित हो चुकी है |
    • कुछ हाइड्रोसोल, जैसे कि गुलाबजल और लेवेंडर जल, अपने आप में ही एक उत्पाद हैं |
    • अगर आप हाइड्रोसोल को बचा कर नहीं रखना चाहते हैं, तो आप उसे अगले बैच में इस्तेमाल कर सकते हैं (अगर आप एक बैच तैयार करने के बाद, तुरंत एक और बैच तैयार करने जा रहे हैं) | नहीं तो आप हाइड्रोसोल को फेंक सकते हैं |

सलाह

  • सुगन्धित तेल शुद्ध सत्व होते हैं, और अक्सर इन्हें सीधे अपनी त्वचा पर लगाने की बजाये, एक "संवाहक तेल" के साथ मिला कर इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है | बादाम तेल और ग्रेपसीड तेल सबसे ज्यादा प्रचलित संवाहक तेल हैं, पर इनके आलावा और भी कई तरह के तेल इस्तेमाल किये जा सकते हैं | आप चाहें तो संवाहक तेल को सुगन्धित तेल के साथ मिला कर सीधे बोतल में डाल सकते हैं, या फिर सुगन्धित तेल को इस्तेमाल करने से कुछ देर पहले ही आप उसमे संवाहक तेल मिला सकते हैं | वैसे बेहतर ही कि आप दूसरा तरीका इस्तेमाल करें, क्योंकि कभी-कभी सिर्फ शुद्ध सुगन्धित तेल की ही ज़रुरत होती है | साथ ही संवाहक तेल, सुगन्धित तेलों के मुकाबले जल्दी खराब हो जाते हैं |

चेतावनी

  • ज्यादातर सुगन्धित तेलों को खाद्य पदार्थ के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, खासकर उनके शुद्ध रूप में, और कई सुगन्धित तेलों को त्वचा पर लगाने से पहले भी किसी संवाहक तेल के साथ मिलाना ज़रूरी होता है | साथ ही कुछ सुगन्धित तेल विषैले भी होते हैं |
  • ज्यादातर फूलों को आप कटाई के बाद बिना सुखाये, सीधे ही डिस्टिलेशन की प्रक्रिया में इस्तेमाल कर सकते हैं |
  • किसी भी बैच को बहुत ज्यादा लम्बे समय तक डिसटिल न करें (पौधे की किस्म के अनुसार) | इससे आपको तेल थोड़ी ज्यादा मात्रा में तो मिल सकता है, पर साथ ही ऐसा करने से उस बैच में अवांछित रसायन भी उत्पन्न हो सकते हैं, जो कि आपके उस बैच को खराब कर सकते हैं |
  • जब आप वनस्पति सामग्री सुखा रहे हों, तो आप को इस बात का ध्यान रखना होगा कि धूल-मिट्टी या किसी दूसरे दूषक पदार्थ से वनस्पति सामग्री दूषित न हो जाये | दूषित वनस्पति सामग्री से आपको निम्न गुणवत्ता वाला सुगन्धित तेल प्राप्त होगा और ऐसा सुगन्धित तेल इस्तेमाल करने योग्य नहीं होगा |
  • अगर किसी पौधे को जैविक रूप से उगाया गया है, तो इसका यह मतलब नहीं है कि उसके साथ कीटनाशक या रसायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं किया गया है; बस इसका मतलब यह है कि आम तौर पर इस्तेमाल होने वाले विषैले कीटनाशक और रसायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं किया गया है | कोशिश करे कि आप एक स्थानीय किसान से वनस्पति सामग्री को खरीदें, जो आपको बता सके कि उसने पौधों को कैसा उगाया था |

== चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी ==

  • डिस्टिलेशन उपकरण, जिनमे शामिल है टैंक (कुकर), एक कंडेंसर (बर्फ युक्त टब), एक चूल्हा या ताप का कोई दूसरा स्त्रोत और एक सेपरेटर (एस्सेंसिअर)
  • डिस्टिलेशन उपकरणों को आपस में जोड़ने के लिए कांच की पाइप या टयूब
  • वनस्पति सामग्री जिसमे से सुगन्धित तेल निकाला जायेगा
  • गहरे रंग की कांच की बोतलें या स्टेनलेस स्टील के पात्र, जिनमे सुगन्धित तेल भर कर रखा जायेगा

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