हाइ ब्लड प्रैशर को हाइपरटेंशन भी कहा जाता है। आमतौर पर हाइ ब्लड प्रैशर के पीछे दो वजह हुआ करती हैं: आपके दिल के द्वारा पंप की जाने वाली ब्लड की मात्रा और आपकी धमनियों कितनी सँकरी हैं। हाइ ब्लड प्रैशर आपके लिए हार्ट प्रॉब्लम्स और स्ट्रोक्स के रिस्क को बढ़ा देता है। [१] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें ज़्यादातर लोगों को इसके कोई भी लक्षण नहीं नजर आता है, इसलिए कम से कम हर एक साल में डॉक्टर के ऑफिस में होने वाले चेकअप के दौरान इसे स्क्रीन कराना, इसे पता करने का सबसे सही रास्ता होता है। अगर आपका ब्लड प्रैशर हाइ है, तो फिर यहाँ आपके लिए कुछ डाइटरी और लाइफ़स्टाइल चेंजेस दिए हुए हैं, जो आपके ब्लड प्रैशर को कम करने में मदद कर सकते हैं। [२] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
चरण
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अपने सोडियम इनटेक को कम कर दें: ज़्यादातर लोग हर रोज करीब-करीब 3,500 mg सोडियम खाया करते हैं। DASH डाइट, जिसका फुल फॉर्म Dietary Approaches to Stop Hypertension होता है, इसमें दिनभर के दौरान 2,300 mg सोडियम से ज्यादा को न लेने की सलाह दी जाती है। सोडियम साल्ट (नमक) में पाया जाता है, इसलिए साल्ट की मात्रा में कमी करना, अपने सोडियम इनटेक में कमी करने का सबसे अच्छा तरीका होता है। आप ऐसा करके इसे कर सकते हैं: [३] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- अपने खाने में टेबल साल्ट एड नहीं करें। इसमें आपके द्वारा कुकिंग में यूज होने वाले साल्ट की मात्रा में कमी करना भी शामिल होता है। मीट बगैरह में साल्ट एड नहीं करना और पास्ता या चावल बनाते वक़्त, पानी में साल्ट नहीं डालना, इसे करने का एक आसान तरीका होता है।
- चिप्स, प्रेट्जेल्स (pretzels), और साल्ट वाले नट्स को अवॉइड करें। ऐसी चीजों में अक्सर बहुत सारा नमक मिला हुआ होता है। अगर आप पहले से तैयार फूड्स खरीदते हैं, तो फिर देखें, अगर आपको कम नमक (लो साल्ट वर्जन) वाला कुछ मिल सके। केन वाले खाने, पहले से तैयार मसाले, केन वाले सूप्स, जर्कीस (jerkies) और स्पोर्ट्स ड्रिंक्स में साल्ट एड होने के बारे में जानने के लिए, इनके कंटेंट्स को चेक कर लें।
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ग्रेन्स की रोजाना कम से कम छह से आठ सर्विंग्स खाएँ: चूंकि होल ग्रेन्स में ज्यादा फाइबर और न्यूट्रीएंट्स मौजूद होते हैं, इसी वजह से ये प्रोसेस्ड व्हाइट फ्लोर या प्रोसेस्ड व्हाइट राइस से ज्यादा बेहतर हुआ करते हैं। एक सर्विंग, ब्रेड की एक स्लाइस या एक कप पके हुए चावल या पास्ता के बराबर होती है। आप ऐसा करते हुए ज्यादा होल ग्रेन्स खा सकते हैं: [४] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- व्हाइट की बजाय ज्यादा होल व्हीट फ्लोर और पास्ता खरीदें। ज़्यादातर होल व्हीट ब्रेड प्रोडक्ट्स के ऊपर, पैकेजिंग पर ही लिखा हुआ होता है, कि ये होल व्हीट हैं।
- ओटमील और ब्राउन राइस भी न्यूट्रीएंट्स और फाइबर के अच्छे सोर्स होते हैं।
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खूब सारे फ्रूट्स और वेजिटेबल्स भर लें: आपको रोजाना फ्रूट्स की चार से पाँच सर्विंग्स और वेजिटेबल्स की भी चार से पाँच सर्विंग्स ही लेना चाहिए। आधे कप हरी पत्तेदार सब्जियों की एक सर्विंग या ½ कप पकी हुई सब्जियाँ। फ्रूट्स और वेजिटेबल्स पोटेशियम और मैग्नीशियम के अच्छे सोर्स होते हैं, जो ब्लड प्रैशर कम करने में मदद करते हैं। फ्रूट्स और वेजिटेबल्स पाने के अच्छे सोर्स में, ये शामिल हैं: [५] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- अपने मील्स के साथ में सैलड खाया करें: आप चाहें तो इसमें एड की जाने वाली चीजों को बदल कर, इसे इंटरेस्टिंग बनाए रख सकते हैं। आप चाहें तो सैलड में एप्पल या ऑरेंज स्लाइस डालकर, उसमें मीठापन एड कर सकते हैं। एप्पल जैसे पतली परत वाले फ्रूट्स की स्किन को भी साथ में रखें, क्योंकि इनमें भी न्यूट्रीएंट्स मौजूद होते हैं। आप चाहें तो फ्रेश ग्रीन्स, गाजर और टमाटर एड करके, इसे और ट्रेडीशनल भी बना सकते हैं। लेकिन सैलड की ड्रेसिंग करते हुए, चीजों को जरा आराम से यूज करें: इनमें अक्सर काफी सारा साल्ट और फेटी ऑइल्स मौजूद होते हैं।
- वेजिटेबल्स को एक साइड डिश बनाकर। पास्ता बनाने के बजाय, मेन डिश को एक स्वीट पोटेटो या स्क्वेश के साइड में यूज करके देखें।
- अपने ऑफिस या कॉलेज, मील्स के बीच में फ्रूट्स और वेजिटेबल्स एक एप्पल, बनाना, कैरट, कुकुम्बर (ककड़ी) लें।
- फ्रेश और फ़्रोजन वेजिटेबल्स लेकर। यदि आप फ्रेश वेजिटेबल्स के यूज होने (खाने) से पहले इनके खराब हो जाने के बारे में सोचकर परेशान हैं, तो ऐसे में फ़्रोजन वेजिटेबल्स आपके लिए बेस्ट चॉइस हो सकता है। फिर आप चाहें जब तक आप इन्हें यूज नहीं करते, तब तक के लिए फ्रीजर में रखे रहने दे सकते हैं और आप जब इन्हें रखेंगे, ये तब भी न्यूट्रीएंट्स के साथ पैक रहेंगे।
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लो-फेट डेयरी प्रोडक्ट्स एड कर लें: डेयरी कैल्शियम और विटामिन डी का एक बहुत जरूरी सोर्स होता है, लेकिन फिर भी आपके लिए इस बात का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है, कि आप बहुत ज्यादा भी फेट और साल्ट खाने से बचें। एक सर्विंग को एक कप तक ही रखें। हर रोज दो से तीन सर्विंग्स लेने का लक्ष्य रखें। [६] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- चीज़ (Cheese) में अक्सर बहुत हाइ साल्ट होता है, इसलिए इसे कम ही खाएं।
- जब आप योगर्ट खाएं और दूध पीयेँ, तब लो-फेट या स्किम (skim) वेराइटीज को चुनें। ये दोनों ही ब्रेकफ़ास्ट के लिए बहुत अच्छे होल-ग्रेन सीरियल्स हैं।
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लीन मीट, पौल्ट्री और फिश को लिमिट में खाएं: मीट्स और फिश प्रोटीन्स, विटामिन्स, आइरन और ज़िंक के अच्छे सोर्स होते हैं, लेकिन इनके कुछ प्रकार फेट और कोलेस्ट्रॉल में हाइ होते हैं। चूँकि, फेट और कोलेस्ट्रॉल आपकी धमनियों को ब्लॉक कर सकते हैं, इसलिए इन्हें ज्यादा खाना अवॉइड करने में ही भलाई हैं। एक दिन में छह सर्विंग्स से ज्यादा मत खाएं। एक सर्विंग में 30 ग्राम मीट या अंडे लेना होता है। [७] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- फेटी रेड मीट्स को अवॉइड करें और अगर आप उन्हें खाते भी हैं, तो जितना हो सके, उतना कम लेने की कोशिश करें। आप जब बनाएँ, तब मीट्स को फ्राई मत करें। इनके हैल्दी विकल्पों में बेकिंग, ग्रिलिंग या रोस्टिंग करना शामिल है।
- सैल्मन (Salmon), हेरिंग (herring) और टूना (tuna) ओमेगा-3 फेटी एसिड्स के अच्छे सोर्स होते हैं। इन फिश को खाने से आपका कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रह सकता है और इनमें हाइ प्रोटीन भी होता है।
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अपने फेट कंजम्प्शन को कम करें: फेट आपके हार्ट डिसीज के रिस्क को बढ़ा देते हैं। अपने फेट इनटेक को दिन में ज्यादा से ज्यादा तीन सर्विंग्स तक ही सीमित रखें। एक टेबलस्पून बटर, एक सर्विंग के बराबर होता है। अपने फेट इनटेक को कम करने के तरीकों में ये शामिल हैं: [८] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- ब्रेड पर बटर या मेयोनीज़ नहीं फैलाकर। इसके साथ ही, आप खाना पकाने में यूज किए जाने वाले ऑइल की मात्रा को भी कम कर सकते हैं। होल मिल्क को स्किम मिल्क से बदल दें और हैवी क्रीम, लार्ड, सॉलिड शॉर्टनिंग, पाल्म और कोकोनट ऑइल अवॉइड करें।
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अपनी डाइट में नट्स, सीड्स और फलियों के विकल्प चुन लें: ये वैसे तो फेट में हाइ होते हैं, लेकिन ये मैग्नीशियम, पोटेशियम, फाइबर और प्रोटीन में भी हाइ होते हैं। इसीकी वजह से, DASH डाइट इन्हें हर हफ्ते चार या पाँच सर्विंग्स ही लेने की सलाह देती है। एक सर्विंग नट्स के 1/3 कप के बराबर होती है।
- नट्स और सीड्स सैलड्स के मिलाने के लिए अच्छे माने जाते हैं, या जब इनमें साल्ट न एड किया जाए, तो एक हैल्दी स्नेक के रूप में यूज किया जा सकता है।
- वेजिटीरियन के लिए, टोफू (tofu) हाइ प्रोटीन की वजह से, मीट की जगह पर यूज करने के लिए एक बहुत अच्छा विकल्प हो सकता है।
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अपने शुगर इनटेक को कम करें: प्रोसेस्ड शुगर आपको बिना सेटीस्फाइ फील कराने वाले किसी न्यूट्रीएंट्स प्रोवाइड किए, आपकी डाइट में कैलोरी एड कर देती है। अपने स्वीट्स कंजम्प्शन को हफ्ते में ज्यादा से ज्यादा पाँच तक ही सीमित रखें। [९] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- आप स्प्लेंडा (Splenda), न्यूट्रास्वीट (NutraSweet), और इक्वल (Equal) जैसे आर्टिफ़िशियल स्वीटनर्स को यूज कर सकते हैं, लेकिन इन्हें बहुत कम ही यूज करें।
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एक्सर्साइज़ करें: फिजिकली एक्टिव रहने से, आपके वेट को कंट्रोल रखकर और स्ट्रेस मैनेज करते हुए, ब्लड प्रैशर में कमी आती है। [१०] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- बेस्ट रिजल्ट्स पाने के लिए, हर हफ्ते कम से कम 75–150 मिनट्स की फिजिकल एक्टिविटी करके देखें। आपको जो ज्यादा पसंद हो, आप उसे चुन सकते हैं। इसके अच्छे ऑप्शन में वॉकिंग, रनिंग, डांसिंग, बाइकिंग, स्वीमिंग और बास्केटबाल या सॉकर जैसे स्पोर्ट्स खेलना शामिल है।
- बोन डेंसिटी को मेंटेन रखने और मसल बिल्ड करने के लिए, हफ्ते में दो बार वेट लिफ्टिंग जैसी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें।
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अपने अल्कोहल इनटेक को कम करें: अल्कोहल यूज करना, आपके हार्ट के लिए बेकार होता है। इसके साथ ही, अल्कोहोलिक ड्रिंक्स में हाइ कैलोरी होती है और इसकी वजह से मोटापा भी बढ़ता है। आप ड्रिंकिंग छोड़कर या एक लिमिट में ड्रिंक करके अपने ब्लड प्रैशर को कम कर सकते हैं। [११] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- 65 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों को रोजाना ज्यादा से ज्यादा एक ड्रिंक लेने तक ही सीमित रखना चाहिए।
- 65 साल की उम्र से कम के पुरुषों को रोजाना 2 ड्रिंक्स से ज्यादा नहीं लेना चाहिए।
- एक 250 ml बीयर, 150 mlवाइन ग्लास या 50 ml हार्ड लिकर को एक ड्रिंक माना जाता है।
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टोबेको (तंबाकू) मत चबाएँ या न ही इसे स्मोक करें: टोबेको यूज करने से आपकी धमनियाँ हार्ड हो जाती हैं और इसकी वजह से ये सिकुड़ जाती हैं, जो आपके ब्लड प्रैशर को बढ़ा देगा। सेकंडहैंड स्मोक से भी ऐसे ही असर होते हैं। ऐसे न जाने कितने ही रिसोर्सेज मौजूद हैं, जो स्मोक करना बंद करने में आपकी मदद कर सकते हैं: [१२] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें [१३] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- अपने डॉक्टर से बात करना या किसी काउंसेलर के पास जाना
- सपोर्ट ग्रुप्स जॉइन करना या हॉटलाइन कॉल करना
- मेडिकेशन या निकोटीन रिप्लेस्मेंट थेरेपी यूज करना
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अपनी दवाइयों पर ध्यान दें और स्ट्रीट ड्रग्स मत यूज करें: अगर आपको ऐसा लगता है, कि आपकी दवाइयों से हाइ ब्लड प्रैशर हो रहा है, अपने डॉक्टर से इस बारे में बात कर लें। आपके डॉक्टर आपके लिए एक ऐसी दवाई चुन सकते हैं, जो आपके लिए सही हो। हालांकि, डॉक्टर से पूछे बिना दवाइयाँ लेना मत बंद करें। ये सब्स्टेंस और दवाइयाँ ब्लड प्रैशर को बढ़ा सकती हैं: [१४] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- कोकीन, क्रिस्टल मेटेएंफेटेमाइन्स (crystal methamphetamines) और एंफेटेमाइन्स (amphetamines)
- कुछ तरह की बर्थ कंट्रोल पिल्स
- कुछ डिकंजेस्टेंट्स और कोल्ड मेडिकेशन
- ओवर-दा-काउंटर नॉनस्टेरोइडल एंटी-इन्फ़्लैमेट्री ड्रग्स (आइबुप्रुफेन और भी दूसरी)
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अपने स्ट्रेस को कम करें: वैसे तो स्ट्रेस हमारी ज़िंदगी का एक अवॉइड नहीं किए जाने वाला हिस्सा है, आप चाहें तो बेहतर तरीके से इससे निपटने के लिए रिलैक्सेशन टेकनिक्स यूज कर सकते हैं। कॉमन टेकनिक्स में, ये शामिल हैं: [१५] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- योगा
- मेडिटेशन
- म्यूजिक या आर्ट थेरेपी
- गहरी साँसें लेना
- शांति देने वाली इमेजेस को सोचना
- अपने शरीर के हर एक मसल ग्रुप को धीरे-धीरे टेन्स और रिलैक्स करना
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अगर आपको ऐसा लगता है, कि आपको शायद हार्ट अटैक या स्ट्रोक आ सकता है, तो किसी मेडिकल इमरजेंसी रिस्पोंडर को कॉल करें: ये दोनों ही इमरजेंसी हैं और इनके तरफ ध्यान दिया जाना जरूरी होता है।
- हार्ट अटैक के लक्षणों में सीने में दर्द या प्रैशर, किसी एक या दोनों आर्म्स में दर्द, गर्दन, पीठ, जॉ (जबड़े) या एब्डोमेन में दर्द, साँसों की कमी, मितली या चक्कर आना शामिल हैं। कुछ लोगों में, स्टेरनम (sternum) के ठीक नीचे अचानक रिफ्लक्स सिम्प्टंस या दर्द का अनुभव हो सकता है। पुरुष और महिलाएं दोनों को ही हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है। [१६] X विश्वसनीय स्त्रोत American Heart Association स्त्रोत (source) पर जायें
- स्ट्रोक के लक्षणों में, ये शामिल हैं: ढ़ीला-लटका हुआ सा चेहरा, बोलने या बोली जाने वाली बातों को समझने में तकलीफ, आर्म, लेग या चेहरे में सुन्नपन या कमजोरी, कन्फ़्यूजन, एक या दोनों आँखों में विजन प्रॉब्लम, सिर चकराना, सामंजस्य में कमी, सिरदर्द। [१७] X रिसर्च सोर्स
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अगर आपको हाइ ब्लड प्रैशर के लक्षण नजर आते हैं, तो इमरजेंसी रूम में जाएँ: काफी सारे लोगों को कोई भी लक्षण नहीं नजर आते हैं, इसलिए हर साल अपने ब्लड प्रैशर का चेकअप करा लेना, इसे पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका होता है। जिन लोगों को लक्षण नजर आते हैं, उनमें ये लक्षण शामिल हो सकते हैं: [१८] X विश्वसनीय स्त्रोत National Health Service (UK) स्त्रोत (source) पर जायें
- लगातार बने रहने वाला सिरदर्द
- धुंधला या डबल नजर आना
- नाक से बार-बार खून आना (नकसीर)
- साँसों में कमी
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अगर आपके डॉक्टर को जरूरत महसूस हो, तो दवाइयाँ लें: अपने डॉक्टर के इन्सट्रक्शन के हिसाब से दवाइयाँ लेना बहुत जरूरी होता है। अगर आप किसी डोज़ को मिस कर देते हैं या उन्हें सही ढ़ंग से नहीं लेते हैं, तो वो आपके लिए ज्यादा असरदार नहीं रहेंगी। आपके डॉक्टर आपको शायद इन्हें प्रिस्क्राइब कर सकते हैं: [१९] X विश्वसनीय स्त्रोत National Health Service (UK) स्त्रोत (source) पर जायें
- एस इनहिबिटर्स (ACE inhibitors): ACE का फुल फॉर्म Angiotensin-converting enzyme होता है। ये दवाई आपके ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करती हैं। इनकी वजह से आपको साइड इफेक्ट के तौर पर कफ हो सकता है। ये दूसरी दवाइयों से इंटरेक्ट कर सकती हैं, जिनमें ओवर-द-काउंटर मेडिकेशन्स भी शामिल हैं। अपने डॉक्टर से पूछे बिना कभी भी किसी दूसरी दवाई, जिनमें ओवर-द-काउंटर मेडिकेशन्स, सप्लिमेंट्स और हर्बल रेमेडीज भी शामिल हैं।
- कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स: ये दवाई आपकी धमनियों को चौड़ा कर देती हैं। अपने डॉक्टर से इनके साइड इफ़ेक्ट्स और इंटरेक्शन के बारे में पूछ लें।
- डाययुरेटिक्स (Diuretics): ये दवाइयाँ आपकी यूरिन के साथ आपके साल्ट के लेवल को कम कर देती हैं।
- बीटा-ब्लॉकर्स। इस तरह की दवाइयाँ आपकी हार्टबीट को धीमा कर सकती हैं और इसे कम फोर्सफुल बना देती हैं। जब दूसरी दवाइयों और लाइफ़स्टाइल में किए हुए बदलाव बस काफी नहीं होते, तब इन्हें आखिर में यूज किया जाना चाहिए।
रेफरेन्स
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