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क्लेमायडिया (chlamydia) एक खतरनाक लेकिन कॉमन और उपचार योग्य सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (STI) है जिसके कारण पेल्विक पैन और इनफर्टिलिटी हो सकते हैं | बुरी बात यह है कि, 75% महिलाएं ऐसी भी हैं जिनमे कॉम्प्लीकेशन होने तक कोई लक्षण दिखाई नहीं देते | इसीलिए समय से इलाज़ करवाने के लिए महिलाओं को यह जानकारी होना बहुत जरुरी है कि क्लेमायडिया के लक्षणों की पहचान कैसे करें और इसके बाद उसका सही इलाज़ किस तरह से कराएं |

विधि 1
विधि 1 का 3:

जननांगों में क्लेमायडिया के लक्षणों की पहचान करें

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  1. अगर आपको असामान्य वेजाइनल डिस्चार्ज हो तो यह क्लेमायडिया या दूसरी STI का संकेत हो सकता है | [१]
    • असामान्य वेजाइनल डिस्चार्ज के संकेत हैं- अलग सी या बदबूदार स्मेल, गहरे रंग का डिस्चार्ज या कोई ऐसा टेक्सचर जो आपने पहले कभी एक्सपीरियंस नहीं किया |
    • अगर आपको लगता है कि वेजाइनल डिस्चार्ज असामान्य है तो डॉक्टर, गायनेकोलाजिस्ट्स या किसी हेल्थ प्रोफेशनल से सलाह लें जिससे वे इसके लिए टेस्टिंग और ट्रीटमेंट कर सकें |
    • पीरियड्स के बीच होने वाला रक्तजनित डिस्चार्ज भी क्लेमायडिया का संकेत दे सकता है |
  2. मूत्रत्याग के दौरान और/या इंटरकोर्स के दौरान होने वाला दर्द क्लेमायडिया इन्फेक्शन का संकेत हो सकता है |
    • अगर आपको सेक्स के दौरान दर्द या बहुत ज्यादा डिसकम्फर्ट हो तो डॉक्टर के द्वारा एक्सामिन कराने तक इंटरकोर्स करने से बचें | क्लेमायडिया इन्फेक्शन्स के कारण कुछ महिलाओं में वेजाइनल इंटरकोर्स के दौरान दर्द हो सकता है |
    • मूत्रत्याग के दौरान जलन के साथ दर्द होना आमतौर पर किसी न किसी तरह के इन्फेक्शन को ही दर्शाता है जो यीस्ट इन्फेक्शन से लेकर STI तक कोई भी इन्फेक्शन हो सकता है | इनकी शुरुआत में ही मेडिकल ट्रीटमेंट लें |
  3. सेक्सुअल इंटरकोर्स के बाद होने वाली ब्लीडिंग को चेक करें: कुछ महिलाओं को वेजाइनल इंटरकोर्स के बाद हलकी सी ब्लीडिंग होती है और यह लक्षण कई बार महिलाओं में होने वाले क्लेमायडिया इन्फेक्शन से सम्बंधित होता है |
  4. गुदा में होने वाले दर्द, ब्लीडिंग या डिस्चार्ज के बारे में डॉक्टर से सलाह लें:गुदा से होने वाली ब्लीडिंग, दर्द और/या डिस्चार्ज क्लेमायडिया के लक्षण हो सकते हैं | अगर आपको वेजाइनल क्लेमायडिया है तो यह इन्फेक्शन गुदा तक फ़ैल सकता है | अगर आप गुद मैथुन (anal sex) करते हैं तो इन्फेक्शन रेक्टम तक जा सकता है | [२]
विधि 2
विधि 2 का 3:

क्लेमायडिया के दूसरे शारीरिक लक्षणों को पहचानें

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  1. हल्के और धीरे-धीरे बढ़ने वाले कमर दर्द, पेट दर्द और पेल्विक पैन पर ध्यान दें: महिलाओं को किडनी की टेंडरनेस के समान ही तेज़ कमर दर्द भी हो सकता है | ये दर्द संकेत देते हैं कि क्लेमायडिया इन्फेक्शन सर्विक्स से लेकर फेलोपियन ट्यूब तक फ़ैल गये हैं | [३]
    • जैसे-जैसे क्लेमायडिया प्रोग्रेस करता जाता है, पेट के निचले हिस्से में हलके से दबाने पर भी टेंडरनेस (छूने पर दर्द होना) हो सकती है |
  2. अगर आपके गले में खराश रहती है और आपने हाल ही में ओरल सेक्स किया है तो इस तरीके से आपके पार्टनर से आप क्लेमायडिया से संक्रमित हो सकते हैं, भले ही उसे कोई लक्षण न हों |
    • पेनिस से मुंह में क्लेमायडिया का ट्रांसमिशन इन्फेक्शन होने के संभावित कारणों में से एक कारण होता है |
  3. क्लेमायडिया से संक्रमित महिलाओं को अधिकतर बुखार और मितली होती है, विशेषरूप से जब इन्फेक्शन पहले से ही फेलोपियन ट्यूब तक फ़ैल गया हो तो | [४]
    • 37.3 डिग्री सेल्सियस या 99 डिग्री फेरेनहाइट से ज्यादा बॉडी टेम्परेचर को बुखार माना जाता है |
विधि 3
विधि 3 का 3:

क्लेमायडिया के बारे में जानें

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  1. अगर आप ओरल, वेजाइनल या एनल सेक्स करते हैं और आपके बहुत सारे पार्टनर हैं और/या असुरक्षित सेक्स करते हैं तो आपको क्लेमायडिया इन्फेक्शन होने की रिस्क बढ़ जाट है | क्लेमायडिया ट्रांसमिट तभी होता है, जब म्यूकस मेम्ब्रेन के सम्पर्क में आता है | सेक्सुअली एक्टिव लोगों को साल में एक बार STI टेस्ट्स कराना चाहिए जिसमे क्लेमायडिया के लिए टेस्ट भी किया जाता है | [५] आपको हर नए सेक्सुअल पार्टनर के सम्पर्क में आने के बाद भी टेस्ट कराना चाहिए |
    • अगर आप असुरक्षित सेक्स करते हैं और आपके पार्टनर को क्लेमायडिया या दूसरे STI हैं तो आपको क्लेमायडिया इन्फेक्शन होने की रिस्क बहुत ज्यादा बढ़ जाती है | इन इन्फेक्शन से लेटेक्स कंडोम और डेंटल डेम्स के इस्तेमाल से बचा जा सकता है |
    • अगर आपको दूसरी STIs भी डायग्नोज़ हो चुकी हैं तो आप सबसे ज्यादा रिस्क में हैं |
    • कम उम्र के लोगों को कांट्रेक्टिंग क्लेमायडिया होने की रिस्क सबसे ज्यादा होती है |
    • बल्कि पुरुष के साथ सेक्स करने वाले पुरुषों को भी क्लेमायडिया होने की रिस्क बहुत ज्यादा होती है इसलिए पुरुष पार्टनर से बात करके कन्फर्म कर लें कि उसने आपके अलावा किसी और के साथ सेक्स नहीं किया है |
    • मुंह से वेजाइना और मुंह से गुदा में इन्फेक्शन फैलने के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है | मुंह से पेनिस और पेनिस से मुंह में इन्फेक्शन निश्चित रूप से फ़ैल सकता है लेकिन वेजाइनल या एनल सेक्स की तुलना में ओरल सेक्स से इन्फेक्शन फैलने की संभावना बहुत कम होती है |
  2. 75% संक्रमित महिलाओं में क्लेमायडिया के कारण कोई लक्षण नहीं दिखाई देते | अगर आपको कोई भी लक्षण अनुभव नहीं होता तो क्लेमायडिया आपके शरीर को डैमेज करने लगेगा | उपचार न किये जाने पर इससे पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID) हो जाता है जिससे धीरे-धीरे स्कारिंग और इनफर्टिलिटी होने लगती है | [६]
    • लक्षण अधिकतर इन्फेक्शन के एक से तीन सप्ताह बाद दिखाई देने लगते हैं |
    • अगर आपके पार्टनर बता दें कि उनको क्लेमायडिया इन्फेक्शन है तो तुरंत अपने टेस्ट कराएं |
  3. इनके लिए संक्रमित जननांगों से एक स्वाब लेकर उसे एनालाइज किया जा सकता है | महिलाओं में यह स्वाब सर्विक्स, वेजाइना या रेक्टम से लिया जाता है जबकि आपके पुरुष पार्टनर के लिए उसकी यूरेथ्रा या रेक्टम की टिप में स्वाब को डालकर बाहर निकालकर उसे एनालाइज किया जाता है | इसमें यूरिन सैंपल भी लिया जा सकता है | [७]
    • इसके लिए आप अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें या लोकल हेल्थ क्लिनिक पर जाएँ, फैमिली प्लानिंग या ऐसी की दूसरी एजेंसी पर जाएँ जहाँ STI टेस्टिंग होती हो | कई केसेस में फ्री टेस्टिंग भी हो जाती है | [८]
  4. अगर आपको क्लेमायडिया डायग्नोज़ हो जाए तो आपको विशेषरूप से अज़िथ्रोमायसिन (azithromycin) और डॉक्सीसाइक्लिन (doxycycline) जैसी एंटीबायोटिक्स के द्वारा ओरल ट्रीटमेंट दिया जायेगा | अगर आप डॉक्टर के निर्देशों के अनुसार एंटीबायोटिक्स का पूरा कोर्स कर लेते हैं तो इन्फेक्शन एक या दो सप्ताह में चला जायेगा | ज्यादा एडवांस्ड क्लेमायडिया के लिए, आपको एंटीबायोटिक्स IV के जरिये लेनी पड़ेंगी |
    • अगर आपको क्लेमायडिया डायग्नोज़ होता है तो आपके पार्टनर को भी टेस्ट कराकर ट्रीटमेंट लेना चाहिए जिससे आप दोनों फिर से संक्रमित होने से बच सकें | ट्रीटमेंट पूरा होने तक सभी तरह के सेक्स से बचें |
    • क्लेमायडिया से संक्रमित कई लोगों को गोनोरिया (gonorrhea) भी होता है इसलिए डॉक्टर आपको इसके लिए भी ट्रीटमेंट देते हैं | गोनोरिया का लैब टेस्ट कराने की तुलना में इसका ट्रीटमेंट काफी सस्ता होता है इसलिए आपको बिना टेस्ट के भी इसका ट्रीटमेंट दिया जा सकता है | [९]

सलाह

  • चूँकि केवल 30% महिलाओं को भी क्लेमायडिया के फिजिकल लक्षण अनुभव होते हैं इसलिए अगर आप सेक्सुअली एक्टिव हैं तो इस इन्फेक्शन के लिए टेस्ट कराना बहुत जरुरी हो जाता है | क्लेमायडिया इन्फेक्शन डायग्नोज़ न होने पर महिलाओं में प्रजनन सम्बन्धी घातक कॉम्प्लीकेशन हो सकते हैं जिन्हें एंटीबायोटिक्स और बैरियर कॉण्ट्रासेप्टिव्स के द्वारा आसानी से रोका जा सकता है |
  • अगर आप लम्बे समय से समलिंगी रिलेशनशिप में हैं तो तुरंत निष्कर्ष पर न पहुंचें | क्लेमायडिया से अक्सर कोई लक्षण नहीं होते और कई महीनों तक इसके बारे में कुछ पता भी नहीं चलता है | इसकी सुनिश्चिती का एक ही उपाय है- टेस्ट कराना | इसके अलावा, नकली पॉजिटिव (false positive) आना भी बहुत आम बात है लेकिन ऐसा बहुत कम होता है |

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