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मांसपेशियों में ऐंठन (Muscle spasms) शरीर की किसी भी मांसपेशी में हो सकती है जिनमे कंकालीय मांसपेशियां जैसे पिंडली, पीठ, जांघ, या हाथ या स्मूथ मसल्स जो आहारनाल में पायी जाती हैं, शामिल हैं | मांसपेशीय ऐंठन मांसपेशी का अनैच्छिक संकुचन होता है जो सामान्यतः डिहाइड्रेशन, अत्यधिक मांसपेशीय भार या आवश्यक इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी से होता है | [१] यह नर्व स्टिमुलेशन से भी हो सकता है | हालाँकि, मांसपेशीय ऐंठन का इलाज़ मांसपेशियों के सम्बद्ध होने और ऐंठन के कारण पर निर्भर करता है, अधिकांश ऐंठन गंभीर नहीं होतीं और घर पर उपचारित की जा सकती हैं | [२]

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घर पर मांसपेशीय ऐंठन का इलाज़ करें (Treat Muscle Spasms at Home)

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  1. जब मांसपेशियों में ऐंठन शुरू हो तब अपनी गतिविधियाँ बंद कर दें | ऐंठन व्यायाम के समय या रोज़ के सामान्य कामों के दौरान हो सकती है | ऐंठन के शुरूआती लक्षण महसूस होने पर ही अपने सभी काम बंद कर दें और ऐंठन से निपटने की कोशिश करें | [३] परन्तु, लम्बे समय तक इन पर कोई ध्यान न देने से ये पीड़ादायक हो सकती हैं | [४]
    • ऐंठनयुक्त हिस्से की मालिश करें या उसे मलने की कोशिश करें | इससे मांसपेशियों को आराम देने और उस हिस्से में रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद मिल सकती है | [५]
  2. ऐंठन के बाद, कुछ दिन तक उन मांसपेशियों को आराम दें, विशेषरूप से अगर ऐंठन पीठ की मांसपेशियों में हो | ऐंठन के बाद, पीड़ा होना आम बात है | आपकी मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है और बिना अतिरिक्त तनाव के उन्हें ठीक होने के लिए थोडा समय देना चाहिए | ध्यान रखें कि अन्य किसी भी प्रकार की जकड़न को रोकने के लिए इस दौरान मांसपेशी को धीरे-धीरे हिलाते रहें |
    • आप प्रभावित मांसपेशी का उपयोग हल्के रूप में कर सकते हैं, लेकिन अगर आपको मांसपेशी में ऐंठन या दर्द हो तो इसका उपयोग बंद कर दें | धीरे-धीरे चलने या स्ट्रेच करने की कोशिश करें, लेकिन धड़ को मोड़ें या मोड़कर घुमाएँ नहीं |
  3. मांसपेशीय ऐंठन में स्ट्रेचिंग से लाभ मिल सकता है | जब आप स्ट्रेच करते हैं तो आप संकुचित मांसपेशी की विपरीत दिशा में मांसपेशी को खींचते हैं, इसे और लम्बा खींचें | मांसपेशी को बहुत ज्यादा न खींचें | अगर आपको दर्द होना शुरू हो जाए तो इसे बंद कर दें | अगर इससे कसाव अनुभव हो तो इसे पकड़ें रहें, लेकिन कुछ और न करें | प्रत्येक स्ट्रेच को लगभग 30 सेकंड के लिए थामे रहें | [६]
    • पिंडली की ऐंठन (चार्ली हॉर्स) के लिए, दीवार से कुछ फीट की दूरी पर खड़े हो जाएँ | अपने हाथों को दीवार के विरुद्ध रखें जबकि घुटने और पीठ सीधी बनाये रखें | एड़ियां जमीन से लगी होना चाहिए | [७] आगे की ओर झुकें | आपको पिंडली की मांसपेशियों में खिंचाव अनुभव होगा | यह अनुभव सुखद या उदासीन हो सकता है | अगर आपको किसी भी प्रकार का दर्द हो तो ऐसा करना बंद कर दें | [८]
    • पैरों या पिंडली की ऐंठन (चार्ली हॉर्स) के लिए, बैठ जाएँ और ऐंठन युक्त पैर की अँगुलियों को ऊपर की ओर उठाते हुए नाक की ओर लायें | आप धीरे-धीरे पैर को अपने सिर की ओर भी खींचकर ले जा सकते हैं |
    • हैमस्ट्रिंग मसल्स की ऐंठन के लिए, जमीन पर बैठ जाएँ और अपने पैरों को अपने सामने की ओर फैलाएं | आपके पंजे न तो पॉइंटेड होना चाहिए और न ही मुड़े हुए | पीठ को सीधा रखते हुए कमर को मोड़ें | अपनी छाती को अपने पैरों की ओर लायें | अपने पैरों में पीछे की ओर खिंचाव अनुभव होने पर मुड़ना बंद कर दें | [९]
    • जांघ में ऐंठन होने पर, एक स्थिर सतह को पकड़ें, अपने टखने पकड़ें और अपने पैरों के पंजों को धीरे-धीरे पीछे अपने पृष्ठ भाग की ओर खींचें | [१०] यह खिंचाव आपकी जांघ के सामने की ओर पड़ेगा |
    • हाथ की ऐंठन के लिए, पूरी हथेली को फैलाकर दीवार के विरुद्ध रखें और अंगुलियाँ नीचें की ओर किये हुए हाथ से दीवार के विरुद्ध दबाव डालें | [११]
  4. अगर आपको पीठ में ऐंठन अनुभव हो तो धीरे-धीरे किये गये व्यायाम से आराम मिल सकता है | पीठ की ऐंठन में केवल तभी व्यायाम करें जब दर्द बहुत कम हो या ऐंठन न्यूनतम हो | अगर पीठ की ऐंठन गंभीर या बहुत पीड़ादायक हो तो व्यायाम न करें | अगर इनमे से किसी भी व्यायाम से ऐंठन और बढ़ जाए तो इसे बंद कर दें |
    • अपने घुटनों को सामान्य की अपेक्षा अधिक ऊपर उठाते हुए टहलें और पीठ सीधी रखें | इससे आपकी पीठ के निचले हिस्से को एक कोमल स्ट्रेचिंग गतिविधि प्राप्त होती है जिससे मांसपेशी की ऐंठन को दूर करने में मदद मिल सकती है | [१२]
    • अपने हाथों को उठाते हुए सिर तक ले जाएँ | इस स्थिति को 10 बार दोहराएँ और 5-10 सेकंड के लिए थामे रखें | इससे आपकी पीठ की मांसपेशियों को स्ट्रेच करने में मदद मिलती है | [१३]
    • जमीन पर लेट जाएँ और धीरे-धीरे अपने घुटनों को अपनी छाती तक खींचकर लायें | इसे 5-10 बार दोहराएँ और दिन में 2-3 बार तक करें | [१४] आप अपने दोनों घुटनों को मोड़कर भी छाती की ओर खींच सकते हैं | इन गतिविधियों से आपकी पीठ का निचला हिस्सा स्ट्रेच होता है, जबकि बांकी मांसपेशियों को आराम मिलता है | [१५]
  5. हीट के कारण मांसपेशियों को आराम मिलता है और ऐंठन दूर होती है | ठंडा सेंक सूजन और दर्द में राहत देने में मदद कर सकता है | पहली बार ऐंठन होने पर ठंडे सेंक का उपयोग करें | शुरुआत के कुछ दिन प्रभावित हिस्से पर आइस पैक लगायें | हर 3-4 घंटों में 20-30 मिनट के लिए ऐंठन वाले हिस्से पर आइस पैक लगायें | फिर भी अगर जकड़न बनी रहे तो पूरे दिन 20-30 मिनट के लिए गीली हीट का प्रयोग करें | [१६]
    • यह कहावत याद रखें:” "गर्मी खेलने के लिए, बर्फ रहने के लिए होती है |” जब बाद में आपको गतिविधियाँ करनी हों तब हीट का उपयोग करें और जब आपको बाद में आराम करना हो तब आइस या बर्फ का उपयोग करें |
    • ऐंठन जाने तक हर 4 घंटे में 15 मिनट के लिए हीट का उपयोग करें | शुरुआत के दो दिन हर 2 घंटों में 15 मिनट के लिए ठंडा सेंक लगायें |
    • एक हीटिंग पैड या हीट पैच, या एक आइस पैक या आइस पैच का उपयोग करें | आप एक गर्म पानी या ठंडे पानी से भरी हुई बोतल का भी उपयोग कर सकते हैं | या बर्फ को कपडे में लपेटकर या फ्रोज़ेन मटर के पैकेट को भी आज़मा सकते हैं | [१७]
  6. जब आपकी मांसपेशियां डिहाइड्रेटेड हो तो उन्हें पर्याप्त हाइड्रेशन देना बहुत जरुरी होता है | पानी और इलेक्ट्रोलाइट (जूस, स्पोर्ट्स ड्रिंक आदि के रूप में) लेने से घटती हुई सप्लाई की पुनः पूर्ती में मदद मिल सकती है | आपकी मांसपेशियों को पर्याप्त रूप से संकुचन और विश्राम के लिए सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम की ज़रूरत होती है |
    • अगर आप जानते हो कि आपको बहुत सारा व्यायाम करना होगा या अपनी मांसपेशियों का शक्तिपूर्वक उपयोग करना होगा तब इन पोषक तत्वों को इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक और पानी से प्रतिस्थापित करें | [१८]
    • कभी-कभी मांसपेशियों को ऐंठन शरीर में विटामिन्स और मिनरल्स की कमी को भी सूचित करती है | उच्च गुणवत्ता वाले मल्टीविटामिन और बहुत सारे मिनरल्स लें |
विधि 2
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दवाओं से मांसपेशीय ऐंठन का इलाज करें

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  1. सामान्य रूप से मिलने वाली दर्द निवारक दवाओं से ऐंठन का इलाज करें: कभी-कभी मांसपेशीय ऐंठन के कारण अत्यधिक दर्द हो सकता है | सामान्य रूप से मिलने वाली दर्द निवारकों जैसे नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स लेने के बारे में अपने डॉक्टर से पूछें | इनमे इबुप्रोफेन (ibuprofen जैसे advil) या नाप्रोक्सेन सोडियम (naproxen sodium जैसे aleve) शामिल हैं | [१९] आप ऐसेटामिनोफेन (acetaminophen जैसे tylenol) भी ले सकते हैं | [२०]
  2. ये प्रभावित हिस्से की अत्यधिक सूजन को कम करती हैं | एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं उस हिस्से को ठीक करने के लिए रक्त प्रवाह को बढ़ाने में भी मदद कर सकती हैं | आपके डॉक्टर पहली चिकित्सा के रूप में आपको एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं जैसे इबुप्रोफेन (ibuprofen) लेने की सिफारिश भी कर सकते हैं | [२१]
    • इबुप्रोफेन से आमतौर पर होने वाले साइड इफेक्ट्स में गेस्ट्रोइंटेस्टाईनल (gastrointestinal) समस्याएं शामिल हैं, लेकिन ये एस्पिरिन (aspirin) से होने वाले साइड इफ़ेक्ट की तुलना में बहुत कम हैं | इबुप्रोफेन के साइड इफेक्ट्स में शामिल हैं; मितली, सीने में जलन, दस्त, अपच, कब्ज़, पेट में ऐंठन, चक्कर आना, सिरदर्द, घबराहट या चकत्ते | [२२]
  3. अगर आपको चोट लगी हो या कोई ऐसी मांसपेशी हो जिसके कारण बार-बार या लगातार ऐंठन होती हो तो आपको फिजिशियन को दिखाना चाहिए | आपके डॉक्टर आपके लिए ऐसी दवाएं लिख सकते हैं जिनसे आपकी मांसपेशियों को आराम मिलने और रक्त प्रवाह बढ़ने में मदद मिल सकती है | [२३] अगर आपके द्वारा ली जाने वाली किसी भी दवा के कारण मांसपेशीय ऐंठन हो तो डॉक्टर से बात करें | [२४]
    • आमतौर पर फ्लेक्सेरिल (flexeril या सायक्लोबेन्जाप्रिन) डॉक्टर द्वारा मध्यम से गंभीर प्रकार की मांसपेशीय ऐंठन में दी जाने वाली दवा है जो मांसपेशियों को आराम देने के लिए आपके नर्वस सिस्टम पर काम करती है | हालाँकि यह लाभकारी होती है, लेकिन एनएसएआईडी (जैसे इबुप्रोफेन) मांसपेशीय ऐंठन के तीव्र लक्षणों में आराम देने के लिए अधिक प्रभाव दिखाती है | [२५]
    • कई मसल्स रिलेक्सर्स उच्च रूप से आदात बनाने वाले होते हैं | इस बात का ध्यान रखें और इनके अंतर्ग्रहण पर नज़र रखें |
  4. आप घर पर मांसपेशीय ऐंठन का इलाज करना चाहिए, लेकिन अगर ऐंठन बहुत पीड़ादायक हो, बार-बार हो, लम्बे समय से हो या आस-पास की मांसपेशियों को भी प्रभावित करती हो तो आपको डॉक्टर को दिखाना चहिये | ऐंठन किसी ऐसी समस्या का चिन्ह हो सकती है जिसमे इलाज की ज़रूरत हो | [२६]
    • सामान्यतः मांसपेशीय ऐंठन खुद में एक डायग्नोसिस नहीं है, बल्कि ऐंठन से तात्पर्य हो सकता है कि कोई अन्य समस्या होना, जिसे डायग्नोज़ करने और उसका इलाज़ करने की ज़रूरत है | यह समस्या साधारण तौर पर मांसपेशी के अत्यधिक उपयोग से लेकर चिरकारी ऐंठन के लिए उपापचयी विकार से ग्रसित होने तक विस्तृत रेंज में हो सकती है |
विधि 3
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स्मूद मसल्स की ऐंठन (Smooth Muscle Spasms) का इलाज करें

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  1. मांसपेशियों के शामिल होने के आधार पर इनकी ऐंठन भी भिन्न-भिन्न होती हैं | आंतों की ऐंठन के कारण तेज़ दर्द और दस्त हो सकते हैं | मूत्रमार्ग की ऐंठन अधिकतर किडनी में स्टोन की उपस्थिति होने के कारण होती है जिसके कारण तेज़ दर्द, मितली और उल्टियाँ होती हैं | अगर आप श्वसनमार्ग की ऐंठन या सांस लेने में परेशानी अनुभव करते हैं तो आपातकालीन चिकित्सीय देखभाल अपनाएं | अगर इनका जल्दी इलाज नहीं किया जाए तो ये मारक हो सकती हैं |
    • आँतों की समस्याओं को पहचानें, जैसे गॉलब्लेडर स्टोन (gallbladder stones) या ट्यूमर | किडनी स्टोन के निकल जाने पर या स्टोन को हटा दिए जाने पर मूत्राशय की ऐंठन बहुत कम हो जाएगी | इन स्टोंस को निकालने के लिए इंतज़ार करते समय दर्द का इलाज करने के लिए आप दवाओं का उपयोग कर सकते हैं | [२७]
  2. आहारनाल (digestive tract), मूत्रमार्ग, या श्वसनमार्ग की ऐंठन के लिए चिकित्सीय देखभाल अपनाएं: दुर्भाग्यवश, आप उन स्मूथ मसल्स को नियंत्रित नहीं कर सकते जो आपके ह्रदय और आमाशय जैसे अंगों में पाई जाती हैं | कभी-कभी इन मांसपेशियों में ऐंठन से तात्पर्य होता है कि इनमे चिकित्सीय देखभाल की ज़रूरत हो सकती है | [२८]
  3. अगर आपको गंभीर मांसपेशीय ऐंठन हो तो आपके डॉक्टर आपके लिए दवा लिख सकते हैं | उदाहरण के लिए, ऐसी दवाएं जिनमे एंटीकोलिनेर्जिक एजेंट्स (anticholinergic agents) पाए जाते हैं जो आँतों की ऐंठन को दूर करने में मदद कर सकते हैं और डाइट और जीवनशैली में बदलाव से प्रभावित नहीं होते |
    • आपके डॉक्टर प्रभावित मांसपेशियों को सुन्न (paralyze) करने के लिए न्यूरोट्रांसमीटर लेवल या बोटॉक्स को रिस्टोर करने के वाली दवाएं लिख सकते हैं | आप अपने डॉक्टर से इसके विकल्पों के बारे में जान सकते हैं |
  4. अगर आपको इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम (irritable bowel syndrom या आईबीएस) हो तो एंटीस्पासमोडिक्स (antispasmodics) लें: अगर आपको आईबीएस है तो आपको आँतों में ऐंठन अनुभव हो सकती है | एंटीस्पासमोडिक्स आँतों को आराम पहुँचाने में मदद करती हैं जिससे दर्द में राहत मिलती है | अगर आपको आँतों की ऐंठन अनुभव हो तो अपने डॉक्टर से सलाह लें जिससे वो आपको सही एंटीस्पासमोडिक्स और उपचार मुहैया करा सके | [२९]
  5. मूत्राशय की ऐंठन होने पर बाथरूम जाने का शेड्यूल बनायें: मूत्राशय की ऐंठन का इलाज करने का एक तरीका यह है कि हर 1.5-2 घंटे में बाथरूम जाएँ | इससे आपके मूत्राशय को खाली रखने में मदद मिलती है जिससे अधिकतर आशानुरूप कम दौरे पड़ते हैं | ऐंठन कम होने पर आप बाथरूम ब्रेक को और लम्बा कर सकते हैं |
    • कीगल एक्सरसाइज (kegel exercise) जिसे पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज भी कहते हैं, से मूत्राशय को मजबूती देकर और विश्राम देने से मूत्राशय की ऐंठन को दूर करने में मदद कर सकती है | पेल्विक मसल्स को हल्का करने के लिए अपने मूत्राशय की मांसपेशियों को इस प्रकार दबाएँ जैसे आप मूत्र को बहने से रोकने की कोशिश करते हैं या खुद को गैस निकालने से रोकने की कोशिश करते हैं | अगर आप इसे सही तरह से करने में परेशानी अनुभव करते हैं तो आपके फिजिशियन आपको विशेष निर्देश दे सकते हैं | [३०]
  6. हीट पैक शरीर की सभी मांसपेशियों की ऐंठन में लाभ पहुँचाने में मदद कर सकता है | पीठ के बल लेट जाएँ और अपने पेट के चारों ओर हीट पैक को लपेट लें और ध्यान रखें कि हीट पैक सीधे आपके शरीर के संपर्क में न आये | [३१] हीट पैक को 10-15 मिनट तक लगाये रखें, परन्तु एक बार में 20 मिनट से अधिक देर तक न लगायें | इंतज़ार करते समय विश्राम करें | [३२]
    • एक कपडे का बड़ा टुकड़ा लेकर खुद हीट पैक बनायें | जब आप इसे मोड़ें तो यह आपके पेट को कवर कर लेना चाहिए | कपडे को गर्म पानी की बोतल या हीटिंग पैड से कवर करें | अब इसके ऊपर एक बाथ टॉवल या अन्य कपड़ा लपेटें और प्रभावित स्थान पर रखें |
विधि 4
विधि 4 का 4:

मांसपेशीय ऐंठन से बचाव करें

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  1. मांसपेशीय ऐंठन से बचने के लिए ज़रूरी है कि हाइड्रेटेड बने रहें | डिहाइड्रेटेड होने पर मांसपेशियों में ऐंठन होने की सम्भावना अधिक होती है | अगर आप परिश्रम करते हैं तो यह बहुत ज़रूरी है | पूरे दिन में कम से कम 6-8 गिलास पानी या स्वस्थ पेय पियें | [३३]
    • जब आप व्यायाम करें या बीमार हो तब अपने शरीर को सोडियम और पोटैशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट प्रदान करें | इन्हें आप डाइट के द्वारा या इलेक्ट्रोलाइट प्रदान करने वाले पेय पदार्थों के द्वारा ले सकते हैं | [३४]
  2. सही भोज्य पदार्थ और पोषक तत्व लेकर स्वस्थ बने रहें | इससे मांसपेशीय ऐंठन होने से रोका जा सकता है | अपनी डाइट में समायोजन करने से इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम के कारण होने वाली आँतों की ऐंठन में आराम पाने में मदद मिल सकती है | मांसपेशीय ऐंठन में विशेषरूप से पोटैशियम, एंटीऑक्सीडेंट और स्वस्थ वसा अच्छे होते हैं | निम्नलिखित भोज्य पदार्थ ऐंठन को कम करने में मदद करने के रूप में जाने जाते हैं:
    • केला, आलू, आलू बुखारा (prune) जूस, सूखे मेवे, [३५] संतरे, ब्राउन राइस, एवोकाडो, पालक, [३६] समुद्री भोजन, बादाम, सन के बीज, ओट, टोफू, और केल | [३७]
  3. नियमित रूप से व्यायाम करने से मांसपेशीय ऐंठन को कम करने में मदद मिल सकती हैं क्योंकि इससे मांसपेशियों को खिंचाव और मजबूती मिलती है | [३८] यह चोटिल मांसपेशियों में बहुत मददगार साबित होता है | नियमित व्यायाम से आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य में सुधार आता है |
    • अपने डॉक्टर या फिजिकल थेरापिस्ट से पूछें कि कौन से व्यायाम आपकी मांसपेशियों को लाभ पहुंचाएंगे | [३९]
  4. चूँकि, अधिकतर मांसपेशियों के संकुचित होने से ऐंठन होती है इसलिए स्ट्रेचिंग से इस प्रकार के संकुचनों को रोकने में मदद मिलती है | स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज से आपको मांसपेशियां ढीली और लचीली बनी रहती हैं | [४०] ध्यान रखें कि किसी भी व्यायाम से पहले या बाद में स्ट्रेचिंग करें, विशेषरूप से अगर व्यायाम थका देने वाला या लम्बे समय तक किये जाने वाला हो | [४१] [४२]
    • अगर आपकी कुछ मांसपेशियों में रात में ऐंठन होती है तो सोने से पहले इन मांसपेशियों को ढीला करने के लिए इन्हें स्ट्रेच करें | [४३] आप सोने से पहले मांसपेशियों को ढीला करने और ऐंठन से बचाने के लिए हल्की कार्डियो एक्सरसाइज, जैसे एक स्टेशनरी बाइक चलाना, भी आजमा सकते हैं | [४४]

सलाह

  • अगर आपको चिरकारी या बार-बार होने वाली ऐंठन हो तो निश्चित रूप से अपने डॉक्टर से सलाह लें | किसी न किसी बिंदु पर हर व्यक्ति को ऐंठन का अनुभव होता है, लेकिन लगातार बनी रहने वाली ऐंठन ऐसे कारणों का चिन्ह हो सकती है जिनमे इलाज की ज़रूरत होती है |
  • एक स्टायरोफोम कप (styrofoam cup) में पानी को फ्रीज़ करें | कप की तली को हटायें और मांसपेशियों में आइस से मालिश करें | ऐंठन युक्त हिस्से में 10-12 मिनट तक मालिश करें | फिर 20 मिनट तक आराम दें | और फिर से इसे दोहराएँ | इसे दिन में 6 बार करें | [४५]
  • ऐंठन में राहत पाने के लिए गर्म स्नान या शावर लें | अगर आप स्नान लें तो स्नान के पानी में एप्सोम साल्ट (epsom salt) डालें | [४६]

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