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लाइफ में कभी न कभी आपको पिम्पल्स का सामना करना ही पड़ता है जो या तो हार्मोन्स के कारण या तनाव के कारण उत्पन्न होते हैं | आम धारणा के विपरीत मुहांसे होने का मतलब यह बिलकुल नहीं है कि आपकी स्किन गन्दी या अशुद्ध है, बल्कि स्किन को अत्यधिक साफ़ करने से स्किन और अधिक उत्तेजित हो सकती है | हालाँकि, हार्मोन्स अनियंत्रित नहीं होते और अपने मुहांसों के प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए आप कुछ सरल बदलाव कर सकते हैं और बहुत जल्दी अपनी चमकदार, स्वस्थ और मुंहासों से मुक्त स्किन वापस पा सकते हैं | (Get Rid of Acne, Muhanson se Chutkara Kaise Paye)

विधि 1
विधि 1 का 3:

लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ मुहांसों का इलाज़ करें

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  1. एक्सरसाइज से ऐसी कई चीज़ें होती हैं जिनसे मुहांसे कम करने में मदद मिलती है | इससे एंडोर्फिन (endorphins) निकलते हैं जो तनाव के स्तर को कम करते हैं और इससे तेल का उत्पादन कम हो जाता है और साथ ही` इससे पसीना निकलता है जो मृत स्किन सेल्स को बाहर निकाल कर स्किन को साफ़ करता है | रोज़ कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज न सिर्फ आपके चेहरे के मुहासे कम करने में मदद मिलती है बल्कि छाती, कन्धों और पीठ के मुहांसे भी कम किये जा सकते हैं |
  2. यह बहुत ही मुश्किल है क्योंकि कई लोग नियमित रूप से अपने चेहरे को छूते रहते हैं | अपने चेहरे को कुरेदने, अपने हाथ चेहरे पर हाथ लगाने और मुहांसों को पकड़ने में सावधानी रखें | कभी भी मुहांसे को नोंचें नहीं या गंदे ब्लैकहेड्स को दबाएँ नहीं क्योंकि इससे और अधिक बैक्टीरिया आपकी स्किन में प्रवेश कर जायेंगे और आपके मुहांसों को और बुरा बना देंगे |
  3. हालाँकि, आप अपने पानी का बिल कम करना चाहते होंगे लेकिन नियमित शावर से तेल के उत्पादन को कम रखने, बैक्टीरिया को मारने और मृत त्वचा कोशिकाओं को धोकर बाहर निकालने में मदद करता है | एक मृदु क्लीनजर से अपने पूरे शरीर को धोएं और एक शैम्पू से अपने बाल धोएं जिससे आपके बालों में तेल का उत्पादन सीमित मात्रा में हो | एक्सरसाइज करने के बाद हमेशा शावर लें या नहायें जिससे पसीने के द्वारा आपके शरीर से झड़ी हुई मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाया जा सके |
  4. ऐसे भोज्य पदार्थ जो बहुत ज्यादा पकाए जाते हैं या जिनमे बहुत सारा तेल पाया जाता है, आपके शरीर में मुहांसों की मात्रा को बढ़ा देते हैं | समग्र अनाज, फलों, सब्जियों और प्रोटीन के द्वारा सही मात्रा में पोषक तत्व लेने से आपकी स्किन को तेज़ी से पुनर्जीवित होने और अनावश्यक तेल के उत्पादन को सीमित करने में मदद मिलती है | जब भी संभव हो, ऐसे भोज्य पदार्थों को लेने से बचें जो बहुत सारी चीनी मिलाकर बनाये जाते हैं जैसे जंक फ़ूड |
  5. नींद, एक पंथ दो काज करती है क्योंकि इससे आपके शरीर को आराम मिलता है और साथ ही शरीर डिटोक्सीफाई (detoxify) भी हो जाता है | अगर आप पर्याप्त नींद नहीं लेते तो संभावना है कि आपकी स्किन में नयी स्किन सेल्स को बनाने की क्षमता न रहे | हर रात एक निश्चित समय पर सोने के लिए जाकर और कम से कम आठ घंटे सोकर अपनी निद्राचक्र का नियमन करें | [१]
  6. जैसा कि हम सभी ने सुना है कि एक दिन में आठ गिलास पानी पीना चाहिए, परन्तु ऐसा नहीं है कि आप सिर्फ इतनी ही मात्रा में पानी पी सकते हैं | पानी आपके शरीर को डिटोक्सीफाई करता है और त्वचा को शुद्ध करता है इसलिए पूरे दिन खूब पानी पीते रहें |
  7. अधिक तनाव के स्तर से सीबम (sebum) का उत्पादन बढ़ जाता है इसलिए अपने दिमाग और स्किन के लिए कुछ समय खुद को विश्राम दें | एक स्नान लेने की कोशिश करें, किताब पड़ें, ध्यान लगायें या योगा का अभ्यास करें और इसके बदले में अपनी त्वचा को बदलता हुआ देखें |
  8. नियमित रूप से जो भी वस्त्र आपकी स्किन के संपर्क में आते हों जैसे कपडे, टॉवल, तकिये के गिलाफ़ और चादर को सप्ताह में कम से कम एक बार धोना चाहिए जिससे समय के साथ पापने वाले बैक्टीरिया को और तेल को हटाया जा सके | अपनी मुहांसे की परेशानी को दूर करने में मदद के लिए संवेदनशील त्वचा के लिए एक कोमल क्लीनजर का उपयोग करें |
  9. अगर आप मेकअप करते हैं तो आपको मुहासे होने की सम्भावना बढ़ जाती है क्योंकि आपकी स्किन मेकअप से ढंकी रहती है जिससे छिद्र बंद हो जाते है | मुहांसों से लड़ने वाले तेल मुक्त मिनरल मेकअप खोजें जिससे आपके मुहांसों की हालत और बुरी होने से रोका जा सके और इनसे आप आसानी से मुहांसे छुपाने की कोशिश कर सकते हैं | पाउडर फाउंडेशन के उपयोग की सिफारिश की जा सकती है | यथासंभव, पूरे दिन मेकअप लगाये रहने से बचें क्योंकि पूरे दिन लगाये रहने से यह आपकी स्किन के छिद्रों को बंद कर देता है |
    • मेकअप ब्रश में बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकने के लिए ब्रश नियमित रूप से साफ़ करें |
  10. समय से पूर्व वयता या बुडापे के कई कारणों में से एक कारण हैं -अल्ट्रावायलेट विकिरण | इनके अत्यधिक प्रयोग से स्किन कैंसर की सम्भावना भी होती है | सूर्य की ये रेज़ (rays) मौत की किरणों के समान व्यवहार करती हैं | ये हानिकारक यूवीए और यूवीबी किरणें स्किन को नुकसान पहुंचा सकती हैं और इनके संपर्क में लम्बे समय तक रहने पर पोस्ट इंफ्लेमेटरी एरीथेमा (post inflammatory erythema या PIE) हो जाता है जिसमे मुहांसों के लाल निशान आ जाते हैं क्योंकि धूप पिगमेंट उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं को उत्तेजित कर देती है |
    • न सिर्फ धूप से होने वाला पीआईइ दिखाई देता है बल्कि इससे समय से पूर्व वयता (aging) के लक्षण जैसे पतली रेखाएं, धूप के धब्बे, और झुर्रियां भी हो सकते हैं | अल्ट्रावायलेट से होने वाली क्षति डीएनए की क्षति होती है | सनस्क्रीन वयता को रोकने वाला होता है और इसे बच्चन और बूढों सभी उम्र के लोगों को लगाना चाहिए क्योंकि ये भविष्य में होने वाले स्किन कैंसर से बचाता है | सावधानी, उपचार से बेहतर होती है |
    • इसलिए 30 एसपीएफ़ वाले सनस्क्रीन प्रतिदिन लगाना बहुत जरुरी होता है और 30 एसपीएफ के बाद यूवीबी से सुरक्षा कम होती जाती है | एसपीएफ 40 और 50 में सुरक्षा की दृष्टी से बहुत ज्यादा फर्क नहीं होता | कुछ देशों में एसपीएफ 100 को निषिद्ध कर दिया गया है |
    • अगर लम्बे समय के लिए धूप में जा रहे हों तो यथासंभव खुद को ढंकें रहें और एक चौड़ी टोपी और हलके लम्बी आस्तीनों वाले कपडे पहनें | सनग्लासेज पहने, विशेषरूप से जिनकी आँखों में मेलेनिन की उपस्थिति कम हो | एक छाते का उपयोग करें | एशिया में, ये लोकप्रसिद्ध फैशनेबल वस्तु है |
  11. अगर इनका प्रयोग बिना किसी सावधानी के किया जाता है तो कुछ ऐसे अनुभव प्राप्त हुए हैं जो बताते हैं कि इनके कारण उत्तेजना हो सकती है या आपके चेहरे पर केमिकल बर्न (chemical burn) हो सकता है [२]
    • टूथपेस्ट, नीम्बू, बेकिंग सोडा और नमक सामान्यतः मुहांसों को ठीक करने और विवर्णता में सुधार लाने के रूप में समय परंपरा की तरह बताये जाते हैं लेकिन इसकी बजाय ये आपकी स्किन को नुकसान पहुँचा सकते हैं | इनमे से किसी भी सामग्री का उपयोग न करें |
  12. एप्रीकॉट (apricot) स्क्रब और प्लास्टिक मिक्रोबीड्स (plastic microbeads) दूर रहें क्योंकि इन्हें प्राथमिक रूप से उपयोग करने से सूक्ष्म आंसू आयेंगे और लम्बे समय तक उपयोग करने से ये वातावरण प्रदूषण और खाद्यश्रंखला पर बायोएक्युमुलेशन (bioaccumulation) में सहयोग करेंगे |
    • एप्रीकॉट स्क्रब एक कल्ट प्रोडक्ट (cult product) है लेकिन अखरोट की खोल (shells) स्किन को एक्स्फोलियेट करने के लिए बहुत नुकीली होती हैं और इनके कारण माइक्रोटीयर्स या सूक्ष्म आंसू आयेंगे जो फोटोएजिंग (photoaging) उत्पन्न करने में योगदान देंगे |
    • प्लास्टिक माइक्रोबीड्स पर विचार करने की प्रक्रिया में इसे कई क्षेत्रों में निषिद्ध किया जा रहा है क्योंकि ये पानी के स्त्रोतों को दूषित करते हैं और उस दूषित पानी के द्वारा मछलियों के द्वारा अंतर्ग्रहित किये जाते हैं |
विधि 2
विधि 2 का 3:

घर पर इलाज़ करें

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  1. एक पी एच बैलेंस करने वाले क्लीनजर से दिन में दो बार रोज़ अपना चेहरा धोएं: [३] अपनी स्किन को साफ़ करने का पहला चरण है कि त्वचा की एसिड मेंटल को दुरुस्त रखने के लिए एक अनुशासित क्लीनजिंग रूटीन को व्यवस्थित करें और इस प्रकार एक्ने वल्गेरिस (acne vulagaris) की वृद्धि को रोकें | इसके लिए कमर कास लें और खुद को 5.5 पीएच बैलेंस वाले क्लीनजर से चेहरा धोने के लिए तैयार करें, [४] जब आप सुबह सोकर उठें और रात में सोने से पहले | कभी-कभी बहुत थके होने या व्यस्त होने की स्थिति में अपनी स्किन को साफ़ करने के लिए थोड़े अतिरिक्त मिनट्स लेने से मुहांसे काफी हद तक कम हो जायेंगे |
    • अगर आपको चेहरे के अलावा शरीर के अन्य भागों जैसे कन्धों, पीठ या छाती पर मुहांसे हों तो इन स्थानों पर इसी प्रकार दिन में दो बार स्क्रबिंग करें |
    • अगर आप मेकअप लगते हों तो इसे धोने से पहले कभी सोने न जाएँ | मेकअप के साथ सोना, आपके मुहांसों की संख्या बढ़ाने का अचूक तरीका है और ऐसा करने से मुहांसों से छुटकारा पाना और मुश्किल बन जाता है | मेकअप के सभी अवशेषों को हटाने के लिए नियमित क्लीनजर के द्वारा मुंह धोने से पहले एक आयल फ्री मेकअप रिमोवर का उपयोग करें |
  2. यह आयल क्लीनजिंग मेथड (OCM) कहलाती है, यह एशिया में बहुत प्रसिद्ध है और इसका प्रचालन बढ़ता जा रहा है | यह एक वैकल्पिक क्लीनजिंग मेथड है जो स्किन के लिए बहुत सौम्य है और संवेदनशील त्वचा के लिए विशेषरूप से उपयोगी है |
    • इसके लिए आप तेल लें जैसे ऑलिव आयल, कैस्टर आयल, एग आयल (eggoil) और अंगूर के बीज का तेल |
  3. एक्स्फोलियेट्स मृदु स्क्रबिंग प्रोडक्ट्स होते हैं जो डेड स्किन सेल्स को झड़ा देते हैं जो कि मुहांसों के कारण बनती है और मुहांसों को उत्पन्न भी करती है | एक्स्फोलियेशन केमिकल या फिजिकल हो सकते हैं |
    • मृदु रूप में उपयोग करें के लिए, एक केमिकल एक्स्फोलियेटर का उपयोग करें जिनमे स्किन को झडाने के लिए एएचए या बीएचए युक्त केमिकल में पीएच लेवल 3 और 4 के बीच हो | [५]
    • एक बीएचए प्रोडक्ट में अधिकतर सैलिसिलिक एसिड पाया जाता है और इसके सही रूप से काम करने के लिए इसका पीएच बैलेंस 3 से 4 के बीच होना जरुरी है | यह मृत त्वचा कोशिकाओं को झड़ाने का काम करता है और नयी स्किन सेल्स की वृद्धि को प्रेरित करता है | इसके फलस्वरूप आप अपने मुहांसे के चारों ओर परत और सूखी त्वचा का अनुभव कर सकते हैं लेकिन समय के साथ आपकी स्किन के तेज़ी से पुनर्जीवित होने की शुरुआत होने पर यह गायब हो जाएगी | इसे एक क्लीनजर या स्पॉट ट्रीटमेंट में अपनी स्किन पर प्रतिदिन मुहांसे से प्रभावित जगहों पर प्रयोग करें | [६]
    • एस्पिरिन (aspirin) टेबलेट जिसमे सैलिसिलिक एसिड (salicylic acid) पाया जाता है एक अच्छा बीएचए हो सकता है और पानी के साथ मिलकर इसे अपने मुहांसों पर लगाने से उनकी सूजन और लालिमा कम की जा सकती है |
    • अपनी स्किन पर शहद की एक पतली परत को मलें और 30 मिनट तक इसे लगा रहने दें | अब गर्म पानी से धोकर साफ़ कर लें | शहद का पीएच 3 से 6 के बीच बदलता रहता है लेकिन 3 से 4 के बीच के पीएच पर इसमें एएचए पाया जाता है जो स्किन को एक्स्फोलियेट करेगा |
    • फिजिकल एक्स्फोलियेशन के लिए, एक कोंजक (konjac) स्पंज खरीदें जो चेहरे पर उपयोग करने के लिए उचित है |
    • फिजिकल एक्स्फोलियेशन के लिए, ओटमील का उपयोग एक एक्स्फोलियेंट की तरह करें | ओटमील को शहद में मिलाएं और अपने चेहरे पर 2-3 मिनट तक मलें फिर गुनगुने पानी से धीरे- धीरे धोकर इसके अवशेषों को साफ़ करें |
  4. सक्रीय मुहांसों के लिए एसेंशियल आयल (essential oils) का उपयोग करें: माना जाता है कि नीम तेल और टी ट्री (tea tree) आयल में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं जो मुहांसे उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया को मार देते है | टी ट्री आयल या नीम के तेल के विरल रूपांतर की एक बूँद लेकर प्रत्येक स्पॉट पर थपथपाएं या एक गीली कॉटन स्वाब पर इसे लेकर प्रभावित जगहों पर लगाये और फिर पोंछ लें | [७]
    • टी ट्री आयल एक एंटीबैक्टीरियल एजेंट है आपकी स्किन को बंद करने वाले कीटाणुओं को बाहर निकाल देता है | पतले या विरल न किये गये टी ट्री आयल के प्रयोग से बचें क्योंकि इससे आपकी स्किन जल सकती है और मुहांसे बिगड़ सकते हैं | बोतल पर दिए चेतावनी के लेवल को पढ़ लें |
  5. बेन्जॉयल पेरोक्साइड (benzoyl peroxide) युक्त प्रोडक्ट्स का उपयोग करें: आप बेन्जॉयल पेरोक्साइड का उपयोग साबुन या लोशन के रूप में अपने मुहांसों पर लगाने के लिए कर सकते हैं | ये प्रोडक्ट डेड स्किन सेल्स को हटाते हैं और नयी सेल्स को तेज़ी से पुनर्जीवित करने में मदद करते हैं | ऐसे प्रोडक्ट चुनें जिनमे बेन्जॉयल पेरोक्साइड की मात्रा 3 प्रतिशत या उससे कम हो जिससे आपकी स्किन उत्तेजित होने से बच सके |
  6. हालाँकि, हम सही रूप से नहीं जानते कि सल्फर क्यों एक एक्ने-किलर (acne-killer) के समान काम करता है लेकिन हम इतना जानते हैं कि यह मुहांसों पर बहुत अच्छा काम करता है | अपने मुहांसे साफ़ करने और तेल के उत्पादन को कम करने के लिए सल्फरयुक्त प्रोडक्ट्स चुनें |
  7. अपना चेहरा धोने के बाद, एक्स्फोलियेट या मास्क उपयोग के बाद एक टोनर को अपने पूरे चेहरे पर लगायें | टोनर स्किन के छिद्रों को टाइट (tight) कर देता है जिससे इनमे धूल और तेल के फंसने की सम्भावना कम हो जाती है | एक स्थानीय ड्रगस्टोर से मुहांसों के टोनर को खरीदें या विच हेज़ल (witch hazel) या सेव के सिरके (apple cider vinegar) में एक कॉटन स्वाब डुबाकर उपयोग करें | टोनर लगाने के बाद इसे धोएं नहीं बल्कि इसे अपनी स्किन पर लगा रहने दें |
  8. ऑयली स्किन या तैलीय स्किन मुहांसे उत्पन्न करती है परन्तु अगर आपकी स्किन बहुत रुखी है तो आपके शरीर में सीबम बनने इसकी क्षतिपूर्ति होने लगेगा | ऐसा होने से रोकने के लिए, हर रोज़ सुबह और शाम को अपना चेहरा धोने के बाद एक मृदु माँइश्चराइजर का उपयोग करें | टोनर के उपयोग के बाद माँइश्चराइजर का प्रयोग करें | [८]
  9. रेटिनोइड एक डॉक्टर द्वारा लिखी गयी दवा के रूप में उपयोग की जाती है और इसके उपयोग से पहले साइड इफेक्ट्स के प्रति सचेत रहना चाहिए | रेटिनोइड क्लीनजर में विटामिन ए की उच्च मात्रा पाई जाती है जो बंद छिद्रों को खोलने और अवशिष्ट कानों को घोलकर बाहर निकालने में मदद करती है | ट्रेडमार्कड ओटीसी रेटिनोइड के समान प्रोडक्ट्स अप्रभावी होते हैं |
  10. ऐसे प्रोडक्ट ढूंढें जिनमे अज़ेलैक एसिड (azelaic acid) पाया जाता हो: अज़ेलैक एसिड एक एंटीबायोटिक है जो लालिमा और सूजन कम करने में मदद करता है और प्राकृतिक रूप से गेंहूँ और जौ में पाया जाता है | अगर आपके मुहांसे आपकी स्किन पर गहरे निशान छोड़ दें तो अपने छिद्रों को साफ़ करने के लिए और मुहांसे से उत्पन्न होने वाले डार्क मार्क्स को कम करने के लिए अज़ेलैक एसिड युक्त प्रोडक्ट्स का उपयोग करें | [९]
  11. शीट या फेस मास्क में ऐसे अवयव पाए जाते हैं जो स्किन को राहत देते हैं और बैक्टीरिया को मारते हैं | सप्ताह में 2-3 बार 15-20 मिनट के लिए शीट या फेस मास्क लगायें, सूखने दें और अपने त्वचा के छिद्रों को साफ करें | अपने स्थानीय सौन्दर्य प्रसाधन सामग्रियों के स्टोर से फेस मास्क खरीदें या अपने घर पर इसे बनायें |
    • खीरा और ओटमील मिलकर एक पेस्ट बनायें | खीरा लालिमा कम करता है और डार्क स्पॉट्स दूर करता है जबकि उत्तेजित स्किन को नर्म शांत और करता है | एक पेस्ट बनने तक इन दोनों को मिक्सर में पीस लें और फिर इसे अपनी स्किन पर लगायें |

विधि 3
विधि 3 का 3:

डर्मेटोलॉजिस्ट के द्वारा या स्पा (spa) पर इलाज़ कराएँ

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  1. ये कई स्पा पर उपलब्ध होते हैं और इसमें आपके चेहरे के मुहांसों को कम करने के लिए कई प्रकार के विभिन्न क्लीनजर्स, मास्क और और एक्सट्रैक्शन टूल्स (extraction tools) का उपयोग किया जाता है | अगर आपको इससे कोई लाभ न मिले तो अधिक मेडिकली ओरिएंटेड फेसिअल (medically-oriented facial) के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट से मिलें |
  2. फेसिअल पील एक विशेष जेल होता है जिसमे एसिड पाए जाते हैं जिससे बैक्टीरिया की कोशिकाएं और त्वचा की मृत कोशिकाएं गल जाती हैं | इसे नियमित रूप से करने पर समय के साथ मुहांसों को बहुत कम किया जा सकता है |
  3. यह एक ऐसी प्रक्रिया है आपकी स्किन को जिसमे रेत के द्वारा घिसकर नयी स्किन की वृद्धि करायी जाती है | कई महीनो तक महीने में एक बार इस ट्रीटमेंट को कराना बहुत प्रभावशाली है क्योंकि प्रत्येक ट्रीटमेंट से स्किन की सिर्फ ऊपरी सतह प्रभावित होती है |
  4. अपने मुहांसों को खत्म करने के लिए लेज़र का उपयोग करें | आजकल कई डर्मेटोलॉजिस्ट एक ट्रीटमेंट की सलाह देते हैं जिसमे आपकी स्किन के नीचे उपस्थित अत्यधिक सक्रिय तेल उत्पादन करने वाली ग्रंथि को खत्म करने के लिए प्रकाश के तेज़ ब्लास्ट के लिए लेज़र किरणों का उपयोग किया जाता है | यह प्रक्रिया पीड़ादायक हो सकती है लेकिन इससे औसतन 50 प्रतिशत मुहांसे कम होते देखे गये हैं |
  5. पीड़ादायक लेज़र ट्रीटमेंट के विपरीत, लाइट ट्रीटमेंट में बैक्टीरिया को मारने में मदद करने के लिए एक विशेष डंडी के द्वारा प्रकाश की बहुत सौम्य पल्सेस का उपयोग किया जाता है | प्रकाश के विशेष रंग (जैसे लाल, हरा, और नीला)मुहांसे खत्म करने के प्रति सकारात्मक प्रभाव दिखाते हैं | अगर लाइट ट्रीटमेंट आपके लिए उचित विकल्प हो तो अपने डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लें | [१०]
  6. मुहांसों के बिगड़े हुए केस में डर्मेटोलॉजिस्ट विशेष दवाएं लिख सकते हैं लेकिन इन्हें सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए |
    • बर्थ कंट्रोल (birth control) के विशेष रूपों का उपयोग करने से (महिलाओं के लिए), बुरे मुहांसों को उत्पन्न करने वाले हार्मोन्स का नियमन करने में मदद मिल सकती है | अगर आपको लगता है कि यह विकल्प आपके लिए अच्छा है तो इसके बारे में अपने डर्मेटोलॉजिस्ट से पूछें |
    • मुहांसे के कुछ विशेषरूप से तकलीफ़देह केसेस में, डॉक्टर एक विशेष दवा जिसे एक्यूटेन (acuutane) कहते हैं, लिख सकते हैं | यह एक बहुत तीव्र रेटिनोइड ट्रीटमेंट है जिसके उपयोगकर्ताओं में मुहांसों का समूल नाश होते देखा गया है | परन्तु, अन्य मुहांसों से लड़ने वाली दवाओं की अपेक्षा इसके बहुत गंभीर साइड इफेक्ट्स होते हैं इसलिए इसका उपयोग अतिरिक्त सावधानी के साथ करना चाहिए |

सलाह

  • एक बार में ही मुहांसे के कई उपचारों का उपयोग न करें क्योंकि इनमे से किसी एक से सफलता मिलने पर आप यह नहीं जान पाएंगे कि सफल होने वाला उपचार कौन सा है | इसकी बजाय एकल प्रोडक्ट का उपयोग एक समय पर विभिन्न तरीकों से करें जब तक कि आपको उससे सफलता न मिल जाये |
  • धैर्य रखें | जिस तरह मुहांसे रातभर में दिखने लगते हैं उस प्रकार अधिकतर उपचारों से उन्हें रातभर में गायब नहीं किया जा सकता | सतत प्रयास करने से, अंततः आपको साफ़ स्किन मिल जाएगी |
  • प्राकृतिक अवयवों की स्मार्ट मार्केटिंग जागरूकता का अभ्यास करें: आप प्राकृतिक रूप में पाई जाने वाली मरकरी या बिच्छू के पौधे (poison ivy) को अपनी स्किन पर नहीं रखेंगे इसलिए इन सामग्रियों के प्रति सचेत रहें जो बाजार में “प्राकृतिक”, घरेलू इलाज़ या ट्रेडमार्क के रूप में बेचीं जाती हैं |

चेतावनी

  • अगर आप प्रचलित मुहांसे के उपचारों जैसे सैलिसिलिक एसिड का उपयोग कर रहे हों तो सनस्क्रीन लगायें | ये केमिकल मुहांसों से लड़ते हैं, लेकिन आपकी स्किन को और अधिक संवेदनशील भी बना देते हैं |
  • अगर आप गर्भवती हों (और गर्भवती स्त्रियों को अधिकतर मुहांसे होते हैं) तो काउंटर के “किसी भी” प्रोडक्ट के इस्तमाल से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें |

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