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रात के समय पैरों में होने होने वाली ऐंठन या क्रेम्प्स एक ऐसी कॉमन परेशानी है, जो लगभग किसी को भी और किसी भी वजह से हो सकती है। प्रेग्नेंट महिलाओं और बुजुर्ग लोगों में, साथ ही ऐसे लोग, जो खासतौर से स्पोर्ट्स एक्टिविटीज में शामिल होते हैं या फिर जो कुछ खास तरह की दवाइयाँ ले रहे होते हैं, इनमें इसके होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है, पैरों में ऐंठन होना एक बहुत नॉर्मल रूप से होने वाली तकलीफ है, लेकिन आप खुद ही रात में होने वाले पैर की ऐंठन को कम कर सकते हैं। हालांकि, अगर क्रोनिक या लंबे समय से चली आ रही पैरों की ऐंठन आपको परेशान कर रही है या फिर ये थोड़ी स्ट्रेचिंग और जेंटल मसाज से ठीक नहीं हो रही है, तो ऐसे में आपका, मदद के लिए डॉक्टर के पास जाना ठीक रहेगा।

विधि 1
विधि 1 का 4:

पैर की ऐंठन से राहत पाने के लिए स्ट्रेच करना (Performing Stretches to Relieve Cramps)

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  1. अपनी काफ़ (calf) मसल्स को स्ट्रेच करने के लिए एक टॉवल का यूज करें: अपने क्रेम्प वाले पैर को अपने सामने बाहर फैलाकर बैठ जाएँ और एक टॉवल को अपने पैर की बॉल के चारों तरफ लपेट लें। टॉवल के दोनों सिरों को पकड़ लें और उसे अपनी तरफ खींचें, ताकि आपको आपके पैर के पीछे की तरफ एक स्ट्रेच का अहसास हो। इस स्ट्रेच को 30 सेकंड के लिए रोके रखें और फिर 3 बार रिपीट करें। [१]
    • ये स्ट्रेच आपके पैर को कम्प्रेस करके और प्रभावी रूप से उसे मसाज देकर अपना काम करती है।
    • ओवरस्ट्रेच नहीं करने और अपने पैर को कोई बहुत बड़ी चोट नहीं पहुंचाने के प्रति सावधानी रखें। अगर आपको आपके काफ़ में दर्द महसूस होना शुरू हो जाए, तो इस स्ट्रेच को रोक दें।
  2. अपने इनर काफ़ को स्ट्रेच करने के लिए सामने की तरफ बैठने की पोजीशन में झुक जाएँ: सिटिंग पोजीशन में, अपने उस पैर को फैलाएँ, जिसमें क्रेम्प है और दूसरे पैर को मोड़े रखें, फिर सामने की तरफ झुक जाएँ, ताकि आपके घुटने आपकी चेस्ट तक पहुँच जाएँ। अपने फैले हुए पैर के अंगूठे को बॉटम से पकड़ें और उसे तब तक अपने शरीर की तरफ खींचें, जब तक कि आप कम्फ़र्टेबली ऐसा कर पाएँ। [२]
    • अगर आप इस स्ट्रेच को पूरा नहीं कर पा रहे हैं, तो बस सामने की तरफ झुक जाएँ और अपने हाथों को कम्फ़र्टेबली अपने अंगूठे की तरफ जितना हो सके, उतना दूर तक फैला लें।
  3. अपने काफ़ को स्ट्रेच करने के लिए एक दीवार के सहारे झुक जाएँ: सामने की तरफ झुक जाएँ और अपने हाथों को दीवार पर रखें, फिर अपने उस पैर से एक कदम आगे बढ़ाएँ, जिसमें आपको क्रेम्प नहीं है और दूसरे पैर को स्ट्रेट अपने पीछे बाहर रखें। अपनी उँगलियों और एड़ी को जमीन पर सीधा फैलाया हुआ रखकर, धीरे से तब तक अपने वजन को अपने झुके हुए पैर के ऊपर ट्रांसफर करें, जब तक कि आपको आपके क्रेम्प वाले काफ़ में एक स्ट्रेच न फील हो जाए। इस स्ट्रेच को 15 से 30 सेकंड के लिए बनाए रखें। [३]
    • आपको इस स्ट्रेच को तब तक रिपीट करना चाहिए, जब तक कि आपके काफ़ में क्रेम्प गायब न हो जाए।
    • आप चाहें तो अपने पैर में रात को क्रेम्प आने से रोकने की पुष्टि करने के लिए, एक उपाय के रूप में रात को सोने जाने से ठीक पहले भी इस स्ट्रेच को परफ़ोर्म कर सकते हैं।
  4. अपने हैम्स्ट्रिंग को स्ट्रेच करने के लिए लेट जाएँ और अपने पैरों को उठाएँ: अपनी पीठ के बल सीधा लेट जाएँ और अपने उस पैर के घुटने को इस तरह से मोड़ लें, जिसमें क्रेम्प नहीं है, ताकि आपका पैर फर्श पर ठीक फ्लेट रहे। फिर, आपके क्रेम्प वाले पैर को फैलाएँ और उसे स्ट्रेट रखकर अपनी ओर खींचें। इस स्ट्रेच को 10 से 15 सेकंड के लिए बनाए रखें। [४]
    • अपनी हैम्स्ट्रिंग को अच्छी तरह से स्ट्रेच करने की पुष्टि करने के लिए, अपने पैर को अपने घुटने के ऊपर नहीं, बल्कि आपकी थाई के पीछे खींचने की पुष्टि कर लें।
    • अगर आप आपके क्रेम्प वाले पैर को पूरा नहीं फैला पा रहे हैं, तो बस आप से कम्फ़र्टेबली जितना हो सके उसे उतना दूर और जब तक कि आपको एक स्ट्रेच न महसूस हो जाए फैलाते जाएँ।
विधि 2
विधि 2 का 4:

पैर की ऐंठन का इलाज करने के लिए होम रेमेडीज़ (घरेलू उपचार) का यूज करना

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  1. टाइट बेडशीट्स या कवर्स सोते समय अनजाने में आपके पैर के अंगूठे को नीचे की तरफ बनाए रख सकती हैं, जो आपके काफ़ में क्रेम्प दे सकता है। अपने पैर के एक ही पोजीशन में लंबे समय तक बने रहने और इसकी वजह से क्रेम्प होने की संभावना को कम करने के लिए लूज बेडशीट्स पर सोएँ। [५]
    • आप चाहें तो सोते समय अपने पैर की उँगलियों को गलत पोजीशन में जाने से बचाने के लिए, अपने पैर को बेड के एंड पर लटकाए रख सकते हैं, ताकि आपके पैर की उँगलियाँ नीचे की ओर पॉइंट की हुई रहें।
  2. अपने पैर के क्रेम्प वाले एरिया पर हॉट कम्प्रेस (गरम सेंक) लगाएँ: क्रेम्प वाले एरिया पर हीट अप्लाई करना आपकी टाइट हुई मसल्स को लूज करने में और दर्द से राहत दिलाने में काफी मदद कर सकता है। अपनी मसल्स को रिलैक्स करने के लिए और आपके क्रेम्प को कम करने के लिए, एक इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड, एक गरम टॉवल या फिर एक कपड़े में लपेटी हुई हॉट वॉटर बॉटल का यूज करें। [६]
    • अगर आप एक इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड यूज करने का फैसला करते हैं, तो फिर इसकी वजह से आग लगने के खतरे से बचे रहने के लिए ध्यान रखें कि इसे यूज करते समय आपकी नींद न लगने पाए। आपके हीटिंग पैड में एक ऑटोमेटिक शटऑफ (बंद) होने की पुष्टि कर लें।
    • आप एक हॉट बाथ लेकर या फिर हॉट शावर से पानी की धार को सीधे आपके पैर के ऊपर डाइरैक्ट करके भी अपने पैर के क्रेम्प को कम करने के लिए हीट का यूज कर पाएंगे।
    • ऐसा करने से पहले अपने पैर में सूजन की जांच जरूर कर लें। अगर आपके पैर में सूजन है और आपको दर्द और क्रेम्प भी हो रहे हैं, तो हो सकता है कि आपके पैर में कोई ब्लड क्लोट हो या फिर डीप वेन थ्राम्बोसिस (deep vein thrombosis) हुआ हो। इस मामले में, मेडिकल अटेन्शन की तलाश करें और हीटिंग पैड मत अप्लाई करें।
  3. सुनिश्चित करें कि आप सही फिट होने वाले शूज पहनते हैं: कभी-कभी गलत फिट आने वाले फुटवियर की वजह से भी, खासतौर से फ्लेट पंजे और पैरों दूसरी कोई स्ट्रक्चरल प्रॉब्लम वाले लोगों में पैरों की ऐंठन हुआ करती है। फुटवियर की वजह से होने वाली पैर की ऐंठन को अवॉइड करने के लिए, हमेशा ऐसे शूज पहनने का ध्यान रखें, जो पूरी तरह से आपको फिट आते हैं और जिन्हें आपके पैर में मौजूद किसी भी तरह की स्ट्रक्चर से जुड़ी परेशानियों को कम करने के लिए डिजाइन किया गया हो। [७]
    • आपको शायद खासतौर से आपके पैरों में फिट आने वाले और पोडिएट्रिस्ट (podiatrist) के द्वारा बनाए गए शूज यूज करना होंगे। इनकी कीमत किसी भी स्टोर से खरीदे शूज की कीमत से ज्यादा होगी, लेकिन ये आपके पैरों के क्रेम्प को रोकने में मदद कर सकते हैं। शूज के लिए सोल इन्सर्ट (शूज में डालने लायक सोल) से कोई मदद मिलने की उम्मीद नहीं है।
    • ऐसे लोग, जो रात में होने वाली पैरों को ऐंठन का सामना करते हैं, उन्हें हाइ हील्स पहनने से भी बचना चाहिए, क्योंकि ये भी लेग क्रेम्प्स की परेशानी से जुड़ी हुई होती हैं।
विधि 3
विधि 3 का 4:

अपनी डाइट को बदलना

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  1. अगर स्ट्रेच करने से मदद नहीं मिल रही है, तो 240 ml टॉनिक वॉटर (tonic water) पीकर देखें: टॉनिक वॉटर में क्विनीन (quinine) होता है, जिसकी वजह से लोगों ने रात में होने वाली क्रेम्पिंग में राहत मिलने का दावा किया है। हालांकि, क्विनीन को पैर की ऐंठन का इलाज करने के लिए FDA के द्वारा अप्रूव नहीं किया गया है और टॉनिक वॉटर में इसकी बहुत जरा सी मात्रा ही होती है। [८]
    • टॉनिक वॉटर में पाई जाने वाली क्विनीन की बहुत थोड़ी सी मात्रा से किसी भी तरह के साइड इफ़ेक्ट्स होने की संभावना नहीं होती है।
  2. अपने पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्निशियम के सेवन को बढ़ा लें: इस बात के कुछ सबूत मौजूद हैं, जो ये सलाह देती है कि न्यूट्रीएंट्स की कमी, खासतौर पर पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्निशियम के लेवल के कम होने की वजह की वजह से पैर की ऐंठन हुआ करती है। ये एथलीट्स के लिए एक बहुत बड़ी परेशानी हो सकती है। इस तरह की कमी से बचने के लिए, सुनिश्चित करें कि आपको आपके खाने या सप्लिमेंट्स से इन मिनरल्स की भरपूर मात्रा मिल रही है। [९]
    • मिनरल्स के अच्छे स्त्रोत में दूध, केला, ऑरेंज, अंगूर, गोभी, ब्रोकली, स्वीट पटेटो (शकरकंद), योगर्ट और साल्टवॉटर फिश शामिल हैं।
    • इस बात से अवगत रहें कि मिनरल्स की कमी और पैर की ऐंठन के बीच के कनैक्शन के ऊपर हुई रिसर्च मिक्स्ड हैं, इसलिए इस तरह के मिनरल्स का सेवन को बढ़ाने की वजह से शायद आपके पैरों में रात में होने वाले क्रेम्प से राहत नहीं मिलेगी। अपनी डाइट में अचानक बहुत बड़ा कोई बदलाव करने की बजाय, अच्छा होगा, अगर आप भरपूर मात्रा पाने के लिए एक बैलेंस्ड डाइट को फॉलो करें।
  3. अगर आप प्रेग्नेंट हैं, तो अपने डॉक्टर से आपके मैग्निशियम सप्लिमेंट के बारे में पूछें: प्रेग्नेंट महिलाओं में, खासतौर से दूसरे और तीसरे ट्राइमेस्टर के दौरान पैर की ऐंठन होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है। अगर आप प्रेग्नेंट हैं और आपको पैर में ऐंठन महसूस होती है, तो फिर आपके लिए मैग्निशियम सप्लिमेंट लेना सही होगा या नहीं, इसके बारे में पता करने के लिए अपने डॉक्टर से बात कर लें। [१०]
    • प्रेग्नेंट महिलाओं को मैग्निशियम सप्लिमेंट से फायदा मिलने की उम्मीद ज्यादा रहती है, जो कि नॉर्मल बॉडी फंक्शन के लिए बहुत जरूरी होता है। बुजुर्ग या नॉन-नर्सिंग लेडीज के लिए, स्टडीज़ से पता चला है कि मैग्निशियम सप्लिमेंट उतना भी ज्यादा प्रभावी नहीं होता।
    • ध्यान रखें कि आप, खासतौर पर अगर आप प्रेग्नेंट हैं, तो अपने डॉक्टर के अप्रूवल के बिना कोई भी सप्लिमेंट मत लें। आपके डॉक्टर आपके डॉक्टर ही ये निर्धारित कर सकते हैं कि आप अपनी डाइट में बदलाव करके मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा का उपभोग कर सकते हैं।
  4. डिहाइड्रेशन से बचने के लिए एक दिन में कम से कम 2.2 लीटर तक पानी जरूर पिया करें: रात में होने वाली पैर की ऐंठन डिहाइड्रेशन की वजह से भी हो सकती है। महिलाओं को दिनभर में कम से कम 2.2 लीटर तक पानी पीने का लक्ष्य रखना चाहिए, जबकि पुरुषों को एक दिन में करीब 3 लीटर तक पानी पीने का लक्ष्य रखना चाहिए। [११]
    • अगर आपको समझ नहीं आ रहा है कि आप सही मात्रा में पानी पी रहे हैं या नहीं, तो फिर अपनी यूरिन की ट्रांसपरेंसी की जांच करें। क्लियर यूरिन भरपूर हाइड्रेशन की ओर इशारा करती है, जबकि पीली यूरिन या फिर बार-बार यूरिन आना, कम भरपूर हाइड्रेशन की ओर इशारा करती है।
    • बहुत ज्यादा अल्कोहल ड्रिंक करने से बचें। बहुत ज्यादा अल्कोहल ड्रिंक करने की वजह से आपके शरीर में पानी को कम करता है, जो उसमें क्रेम्प होने की संभावना को और भी ज्यादा बदतर बना देता है।
  5. अपने डॉक्टर से पूछें, कि आपको कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (calcium channel blockers) लेना चाहिए या नहीं: कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स, कैल्शियम को शरीर में कई सैल्स और ब्लड वेसल से एंटर होने से रोके रखता है। भले ही इन्हें आमतौर पर हाइ ब्लड प्रैशर का इलाज करने के लिए यूज किया जाता है, ये रात में होने वाली मसल क्रेम्प को कम करने में मदद के लिए भी यूज किए जा सकते हैं। अगर आप इस दवाई को लेते हैं, तो आपको आपके ब्लड प्रैशर को नियमित रूप से चेक करना होगा। [१२]
    • अगर आपके डॉक्टर को लगता है कि आपको कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स लेना चाहिए, तो फिर वो आपको स्पेसिफिक डोज़ की इन्फोर्मेशन के साथ में आपको इसकी प्रिस्क्रिप्शन देंगे।
    • कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स के साइड इफ़ेक्ट्स में, नींद जैसा महसूस होना (drowsiness), बढ़ी हुई भूख, वजन में बढ़त और साँस लेने में मुश्किल (पहले कुछ डोज़ के अंदर, अगर आपको इस दवाई के लिए एलर्जी हुई) शामिल हैं।
    • इस बात का ध्यान रखें कि कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स लेने वाले लोगों को ग्रेपफ्रूट (grapefruit) नहीं खाना चाहिए, ग्रेपफ्रूट जूस नहीं पीना चाहिए या दवाई लेने के दौरान अल्कोहल नहीं लेना चाहिए।
विधि 4
विधि 4 का 4:

ऐसी दवाइयाँ लेने से बचना, जिनकी वजह से पैर में ऐंठन हो सकती है

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  1. डाइयुरेटिक्स, जिन्हें हाइ ब्लड प्रैशर का इलाज करने के लिए यूज किया जाता है, ये भी शरीर के एक्सट्रा पानी से राहत पाने में मदद करती हैं। लेकिन इसकी वजह से डिहाइड्रेशन हो जाता है, जो कि रात में होने वाले लेग क्रेप्स के पीछे का एक कॉमन जिम्मेदार होता है। [१३]
    • अगर आप इनमें से कोई दवाई ले रहे हैं और आपको रात में लेग क्रेम्प फील होता है, तो फिर अपने डॉक्टर से डाइयुरेटिक लेने के बारे में बात करें।
  2. समझने की कोशिश करें कि कुछ हाइपरटेंशन मेडिसिन भी लेग क्रेम्प्स दे सकती हैं: थियाजाइड डाइयुरेटिक्स (Thiazide diuretics), को हाइ ब्लड प्रैशर और हार्ट फेलर का इलाज करने के लिए यूज किया जाता है, ये शरीर में प्रमुख इलेक्ट्रोलाइट्स को समाप्त कर सकते हैं, जो ऐंठन की संभावना को बढ़ा देते हैं। ACE-इन्हिबिटर्स की वजह से भी इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस बिगड़ सकता है और मसल क्रेम्प्स हो सकती है। [१४]
    • अपने डॉक्टर से बात करें, अगर हाइपरटेंशन मेडिसिन लेते समय आपकी ब्लड प्रैशर रीडिंग्स अजीब सी मिल रही हों। वो आपके लिए डोज़ बदलने की सलाह दे सकते हैं या फिर आपकी दवाइयाँ बंद करा सकते हैं।
  3. स्टैटिन (statins) और फाइब्रेट्स (fibrates) को दूसरी दवाइयों के लिए स्वैप करने पर विचार करें: हाइ कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए यूज किए जाने वाले स्टैटिन और फाइब्रेट्स आपकी मसल ग्रोथ में रुकावट डाल सकती हैं, जिसकी वजह से मसल एनर्जी कम हो सकती है। अपने डॉक्टर से पूछें, अगर स्टैटिन और फाइब्रेट्स को विटामिन B12, फॉलिक एसिड और विटामिब B6 से स्वेप किया जाना काफी हो। ये ऑप्शन उस समय आपके लिए अच्छा हो सकता है, जब कोलेस्ट्रॉल हाइ होने की बजाय, बॉर्डरलाइन पर हो। [१५]
    • अगर आपका लेग क्रेम्प ठीक आपकी कोई नई दवाई लेने के बाद शुरू हुआ है, तो अपने डॉक्टर से बात करें। अक्सर, लेकिन जरूरी नहीं, वो हाइ कोलेस्ट्रॉल को ट्रीट करने के लिए कोई दूसरी मेडिसिन ढूंढ ही लें।
    • अपने डॉक्टर से पूछें अगर आप डाइट के जरिए आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं। साथ ही, सुनिश्चित करें कि अगर आपको आपका कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करना है, तो इसके लिए आप केवल एक ही मेडिसिन ले रहे हैं।
    • कॉमनली प्रिस्क्राइब किए जाने वाले स्टैटिन में लिपिटर (Lipitor), लेस्कॉल (Lescol) और क्रेस्टर (Crestor) शामिल हैं, कॉमनली प्रिस्क्राइब किए जाने वाले फाइब्रेट्स में बेजलिप (Bezalip), लिपिडिल (Lipidil) और लॉपिड (Lopid) शामिल हैं।
  4. अगर आपको एंटीसाइकोटिक्स (antipsychotics) लेने के दौरान लेग क्रेम्प्स फील हो रहे हैं, तो अपने साइकेट्रिस्ट से इसके बारे में बात करें: ऐसी दवाइयाँ, जिन्हें डिप्रेशन, स्किजोफ्रीनिया (schizophrenia, एक प्रकार का पागलपन) और दूसरी मेंटल कंडीशन का इलाज करने के लिए यूज किया जाता है, ये थकान, सुस्ती और कमजोरी दे सकती हैं, कभी-कभी इनकी वजह से भी लेग क्रेम्प्स हो सकते हैं। अगर आपको ऐसा लग रहा है कि आप भी इनमें से किसी एंटीसाइकोटिक्स की वजह से लेग क्रेम्प फील कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें और देखें अगर आपको कोई दूसरी दवाई प्रिस्क्राइब की जा सके। [१६]
    • इस तरह की दवाइयों में एबिलिफी (Abilify), थोरज़िन (Thorazine) और रिस्परडल (Risperdal) शामिल हैं।
    • कुछ एंटीसाइकोटिक्स की वज़ह से सीरियस साइड इफ़ेक्ट्स हो सकते हैं। अगर आपको एंटीसाइकोटिक्स की वजह से मसल में ऐंठन और फिजिकल मूवमेंट के दौरान चलने में मुश्किल या लचक जैसे दूसरे प्रभाव नजर आ रहे हैं, तो अपने डॉक्टर को तुरंत इसकी जानकारी दे दें।

सलाह

  • कुछ दूसरे ऐसे सप्लिमेंट्स और हैं, जिनसे कुछ लोगों के लेग क्रेम्प में राहत मिली है, हालांकि क्लीनिकल ट्रायल में इनके रिजल्ट्स मिक्स्ड दिखे हैं। अपने डॉक्टर से पूछें अगर आपको रेगुलर बेसिस पर प्रिमरोज ऑइल (primrose oil) या ब्रिवर्स यीस्ट (brewer’s yeast) लेने से कोई फायदा मिल सके।
  • अपने उस पैर के नीचे एक छोटा सा सोप बार रखकर देखें, जिसमें आपको क्रेम्प है। वैकल्पिक रूप से, एक हाइपो-एलर्जिक लिक्विड सोप (hypo-allergenic liquid soap) को सीधे क्रेम्प के सेंटर पर लगाकर देखें। हालांकि, इसके सपोर्ट में कोई भी रिसर्च नहीं मौजूद है, कुछ लोगों का मानना है कि ये मेथड्स प्रभावी रूप से लेग क्रेम्प का इलाज करने में असरदार होती हैं।

चेतावनी

  • अगर आपको अक्सर (हर रात में 2 से 4 या और ज्यादा बार) लेग क्रेम्प महसूस हो रहे हैं, तो ये शायद किसी सीरियस हैल्थ प्रॉब्लम की वजह से भी हो सकता है। अगर आपको क्रोनिक लेग क्रेम्प्स महसूस हो रहे हैं या अगर आपको क्रेम्पिंग केवल एक पैर में है या फिर काफ़ एरिया के आसपास हो रही है, तो अपने डॉक्टर को चेक करा लें।

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