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सांस की दुर्गंध, या दुर्गंधित श्वास, कभी न कभी इस समस्या का सामना सबको करना पड़ता है। सांस की दुर्गंध कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि मुंह का सूखापन; आहार में प्रोटीन, शर्करा, या अम्ल की अधिक मात्रा; और धूम्रपान। कोई लम्बी बीमारी और दांत की सड़न भी सांस में दुर्गंध के कारण हो सकते हैं। अच्छी ओरल हेल्थ आदतों को अपनाने से और अपने आहार एवं जीवन शैली को बदलने से आप दुर्गंधयुक्त सांस से छुटकारा पा सकते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 3:

मुंह की सफाई का विशेष ध्यान रखना

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  1. मुंह कि दुर्गन्ध को दूर करने के लिए दांतो को अच्छी तरह से साफ करना एक अच्छा तरीका है, जो आप आसानी से कर सकते हैं। दिन में दो बार, कम से कम दो मिनट के लिए ब्रश करें और ध्यान रखें कि आप मुंह के अंदर सभी जगह अच्छी तरह से साफ कर रहे हैं। खास तौर पर जहां दांत और मसूड़े आपस में मिलते हैं वहां ध्यान केंद्रित करें। [१]
    • नरम ब्रिसल वाले ब्रश का इस्तेमाल करें और अपने ब्रश को तीन से चार महीनों के बीच में बदल लें।
    • भोजन करने से तुरंत पहले या एक घंटे बाद ब्रश करें (अन्यथा आप अपने दांतो के इनेमल को नुकसान या क्षति पहुंचा सकते हैं)।
    • ध्यान रखें, अपनी जीभ को भी अवश्य साफ करें, क्योंकि आप की जीभ पर काफी बैक्टीरिया जमा हुए होते हैं, जिसकी वजह से सांस में दुर्गन्ध हो सकती है। जीभ के ऊपर पीछे से आगे की तरफ ब्रश करें और जीभ के कोनों को न भूलें। अपने जीभ पर चार बार से ज्यादा बार ब्रश न करें और ध्यान रखें कि ब्रश करते वक्त जीभ के ज्यादा पीछे तक ब्रश न करें।
  2. फ्लॉस करना अच्छे स्वस्थ मुंह का जरूरी अंश है। फ्लॉस करने से आपके दांतो के बीच में से प्लैक और बैक्टीरिया निकल जाता है, जो कि अच्छे से अच्छे ब्रश से भी नहीं निकलता। दिन में कम से कम एक बार फ्लॉस जरूर करें। [२]
    • फ्लॉस करने से आपके मुंह में फसे हुए भोजन के टुकड़े और अवशेष भी निकल जाते हैं। अगर यह आपके दांतो के बीच फंसे रहेंगे, तो यह दांतों को सड़ायेंगे, जिसकी वजह से दुर्गंध आएगी।
    • जब भी आप फ्लॉस करते हैं तो ध्यान उस भाग पर दे जहां दांत मसूड़ों से मिलते है, तो यह ध्यान रखें कि एक बार आप एक दांत को फ्लॉस से रगड़कर साफ करें और बाद में दूसरे दांत को साफ करें।
  3. दांतो को बेकिंग सोडा से हफ्ते में एक बार ब्रश करने से बैक्टीरिया निष्प्रभावित हो जाते हैं, जो मुंह में दुर्गंध का कारण है। अपने ब्रश के ब्रिसल पर हल्का बेकिंग सोडा लगाएं, और हमेशा की तरह ही ब्रश करें। [३]
    • बेकिंग सोडा का इस्तेमाल माउथवॉश के तौर पर भी किया जा सकता है। आधा छोटा चम्मच बेकिंग सोडा एक छोटे गिलास पानी में मिलायें। पानी से अपना मुंह भर लें, बिना निगलें हुए, और इसे मसूड़ों और दांतो के बीच में हिलाते हुए कुल्ला करें।
    • बेकिंग सोडा उन एसिड्स को निष्प्रभावित कर देता है जो आपके दांत के पिछले हिस्से में, और जीभ के नीचे निर्माण होते हैं।
  4. डेंटिस्ट के पास जा कर अपने ओरल हेल्थ की जांच करवाना आवश्यक है, जिसका प्रथम कारण दुर्गंधित सांस है। डेंटिस्ट, या डेन्टल हाइजीनिस्ट, आपके दांतो, मसूड़ों और मुंह की अच्छी तरह से सफाई कर देंगे। [४]
    • डेंटिस्ट यह आसानी से जान जाएंगे कि आपकी दुर्गंधयुक्त सांस का कारण भोजन या पेय पदार्थ है, या ढंग से ब्रश न करना है या इससे भी अधिक गंभीर कोई अन्य कारण है।
    • आप स्वस्थ मुंह के लिए सख्त नियमों का पालन करते हैं (जैसे ब्रश करना और ढंग से भोजन करना) लेकिन फिर भी आपको दुर्गन्धयुक्त सांस की शिकायत है, तो निश्चित ही आपको डेंटिस्ट को दिखाना चाहिए।
  5. पानी की तरह ही, शुगर फ्री गम या मिंट भी आपके मुंह में लार (सलाइवा) तैयार करने में और हानिकारक बैक्टीरिया को बाहर निकालने में आपकी मदद करते है। शुगर फ्री गम या मिंट आपकी दुर्गन्धयुक्त सांस को कुछ समय के लिए छुपा भी सकते हैं। [५]
    • हमेशा शुगर फ्री गम या मिंट का ही इस्तेमाल करें, क्योंकि शक्कर हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद कर सकता है, और जैसे ही शुगर वाली गम या मिंट खाकर खत्म हो जाएगी, तो आपकी सांस की दुर्गंध और ज्यादा बढ़ जाएगी।
    • मिंट की तुलना में शुगर फ्री गम का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, और च्यूइंग गम के लाभ का अनुभव आपको पांच मिन्ट के बाद ही हो सकता है।
    • गम में ज़ाइलीटोल (Xylitol) पाया जाता है, एक शुगर-फ्री स्वीटनर जो की सनौबर पेड़ की छाल (birch bark) से बनता है, खासतौर पर दुर्गंधयुक्त सांस को रोकने में मददगार होता है। यह आपके दांत को खराब होने से बचाता है, और दाँतों के घिसे हुए इनेमल को मिनरल देकर पुनः निर्माण करने में मदद कर सकता है। [६]
  6. दुर्गंधयुक्त सांस पर शीघ्र प्रभाव करने के लिए माउथवॉश का इस्तेमाल करना एक उत्तम तरीका है। यह आपकी दुर्गंधित सांस को अस्थायी रूप से छिपा देता है, लेकिन यह काफी है अन्य लोगों को बुरा लगने से बचने के लिए। [७]
    • हालाँकि, ऐन्टिसेपटिक माउथवॉश हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म कर देता है, जो गंदी दुर्गंध को छुपाने से भी ज्यादा मददगार है। ऐसे माउथवॉश का इस्तेमाल करें, जिसमें क्लोरहेक्सिडाइन (chlorhexidine), सिटाइलपायरिडिनियम क्लोराइड (cetylpyridinium chloride), क्लोरीन डाइऑक्साइड (chlorine dioxide), ज़िंक क्लोराइड (zinc chloride) और ट्राइक्लोसैन (triclosan) मौजूद हो, जो बैक्टीरिया को खत्म करते है।
    • क्लोरहेक्सिडाइन युक्त माउथवॉश का प्रयोग लम्बे समय के लिए न करें क्योंकि इससे दांत में दाग पड़ जाते है (हालाँकि, इस प्रक्रिया का इस्तेमाल बंद करने के बाद दांतो से दाग निकल जाएंगे)।
    • अल्कोहल युक्त माउथवॉश का प्रयोग न करें। अल्कोहलिक युक्त माउथवॉश, मुंह के कैंसर को बढ़ावा देने का कारक हो सकता है।
    • माउथवॉश से अच्छी तरह कुल्ला करें और अंदर तक गरारे करें।
विधि 2
विधि 2 का 3:

आहार और जीवनशैली में बदलाव लाना

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  1. एक कारण जिसकी वजह से दुर्गंधित सांस या आपकी सांस और खराब हो जाती है, वह है मुंह का सूखापन। पानी गंध मुक्त होता है और यह मदद करता है आपके दांतो में से बचे हुए खाने के अवशेष को निकालने में, जो बैक्टीरीया के उपज का कारण होते हैं। यह मुंह में लार (सलाइवा) बनाने में भी मदद करता है जो आपके मुंह को साफ़ रखता है और उस पदार्थ को निकालता है जिसकी वजह से आपके मुंह में दुर्गंध रहती है। [८]
    • कॉफी, सोडा, या शराब का इस्तेमाल मुंह साफ़ करने के लिए न करें। यह बदबूदार सांस को नहीं खत्म करेगा, और कई कारणों में से, यही वह कारण है जिस वजह से दुर्गन्धयुक्त सासं रहती है।
    • पानी की कमी भी दुर्गन्धयुक्त सांस का कारण हो सकती है। जागते समय ज्यादा पानी पीने से पानी की कमी दूर हो सकती है, और दुर्गन्धयुक्त सांस भी नहीं रहेगी।
  2. ताजा और कुरकुरा भोजन आपके दांतो को साफ़ रखने के साथ-साथ, यह दुर्गन्धयुक्त सांस को भी रोकेगा। इससे आपकी पाचनशक्ति में सुधार होगा और विषैले तत्व आपके शरीर से निकल जाएंगे। [९]
    • मीठे खाद्य पदार्थ और पेय से बचे। अगर आपको स्नैक खाना ही है, तो कैन्डी बार की जगह पर सेब या कुछ प्रोटीन से भरपूर खाएं।
    • अम्लिय पेय से बचें। यह आपकी सांस और दांत के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, क्योंकि अम्लिय पेय आपके दांतो के इनेमल को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। जितना हो सके अम्लिय पेय पीने से बचे और अगर पीना ही है तो ध्यान रखें कि आप स्ट्रा के जरिए या जल्दी से पीए, बिना मुंह में रखें। आप पानी का इस्तेमाल करके कुल्ला करके अपने खाने के अवशेष को दूर करें।
    • कॉफी और शराब का सेवन न करें। यह दोनो ही पेय आपके मुंह में बैक्टीरीया को बढ़ाते है, जो सांस की दुर्गंध का मुख्य कारण होते हैं। यह आपके मुंह को भी सूखाते है, जिस वजह से बैक्टीरिया दीर्घ काल तक मुंह में ही रहते हैं।
  3. वैसे तो कई सारी वजह है धूम्रपान और तम्बाकू को छोड़ने के लिए (जैसे कैंसर), परंतु सांस की दुर्गंध होना भी एक कारण है। धूम्रपान करने से व्यक्ति की सांस की गंध बासी तम्बाकू जैसी लगती है, जिसे कई बार “ऐश ट्रे की गंध” आना कहा जाता है। इस गंध को रोकने का सबसे आसान तरीका, धूम्रपान छोड़ना ही है। [१०]
    • तम्बाकू की आदत से आपके मसूड़ों में बीमारी हो सकती है, जो की काफी गंभीर है, और जिस कारण सांस दुर्गंधित रहती है।
    • धूम्रपान से दांत खराब हो जाते है और मसूड़ो को भी नुकसान पहुंचता है। धूम्रपान न करने से आपका मुंह भी स्वस्थ रहता है।
  4. विटामिन-डी आपके मुंह में बैक्टीरिया होने से रोकता है। विटामिन-डी का सेवन हम अपने आरक्षित आहार और पेय के रूप में कर सकते हैं, विटामिन-डी आम तौर पर और अधिक प्रभावशाली रूप में सूरज की रोशनी से मिलता है। [११]
    • विटामिन-डी से भरपूर आहार लें: विटामिन-डी आपके मुंह में बैक्टीरिया होने से रोकता है। विटामिन-डी का सेवन हम अपने आरक्षित आहार और पेय के रूप में कर सकते हैं, विटामिन-डी आम तौर पर और अधिक प्रभावशाली रूप में सूरज की रोशनी से मिलता है।
    • विटामिन-डी युक्त चरबीदार मछली को अपने भोजन में शामिल करें, जैसे कि सैमन, ट्यूना या मैकरल। कुछ मशरूम में भी विटामिन-डी मौजूद होता है।
    • विटामिन-डी को हम पूरक के रूप में भी ले सकते हैं। 1-70 वर्ष कि आयु वाले लोगों को विटामिन-डी की खुराक 600 IU लेने की सलाह दी गई है, और 70 वर्ष से ऊपर के लोगों को 800 IU लेने की सलाह दी गई है। [१२]
  5. अजवाइन को कच्चा खाने से आपका मुंह और दांत साफ़ रहते हैं, और इससे आपकी सांस दुर्गंध भी दूर हो जाती है। इलायची, छिलकों के साथ या पिसी हुई खाने से आपकी सांस को ताजा रखने में मदद मिलती है। मसालेदार भोजन के बाद सौंफ को चबाएं, या इन्हें पीस कर टूथब्रश पर छिड़कर ब्रश करें। [१३]
    • पुदीने के पत्ते चबाने से आपकी सांस साफ़ रहती है। आप पुदीने कि पत्तियों को पानी में डालकर और इसे उबालकर चाय बनाकर पी सकते हैं।
    • नींबू को काट कर नमक छिड़के, और नींबू का गूदा खाएं। इससे प्याज़, लहसुन, और अधिक गंध युक्त भोजन की गंध दूर हो जाएगी।
  6. चाय में पॉलीफेनोल्स (polyphenols) मौजूद होता है, जो सल्फर को दूर करने में और मुंह के बैक्टीरिया को कम करने में मदद करता है। यह मुंह को हाइड्रेट (जलयोजित) करने में भी सहायता करता है। अच्छे नतीजे के लिए दिन में कई बार बिना मिठास वाली गर्म चाय को पीयें। [१४]
    • ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट ज्यादा मात्रा में मौजूद होता है, और यह मुंह में बैक्टीरिया से लडने में मदद करते है। ग्रीन टी पीने से लहसुन की गंध को दूर करने में भी मदद मिल सकती है।
    • ग्रीन या ब्लैक टी दोनों ही कॅमीलिया सिनेन्सिस की पत्तियों के अर्क से बनती है। इस ग्रह पर, पानी के बाद, ब्लैक टी यह दूसरा ऐसा पेय है, जिसको अक्सर पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
विधि 3
विधि 3 का 3:

स्वयं में मौजूद सांस की दुर्गंध को पहचानना

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  1. परीक्षण करें, अगर आपको सांस की दुर्गंध की समस्या है: यह बताना मुश्किल है कि कब आपकी सांस दूसरो को बदबूदार लगें। अगर आपकी सांस बदबूदार है, तो इन परीक्षण का इस्तेमाल करके, आप अपने मुंह में मौजूद सल्फर नमक को किसी और चीज़ में मिलाकर, सूंघ सकते हैं और स्वयं ही अपने सांस की दुर्गंध को पहचान सकते हैं। [१५]
    • अपनी साफ कलाई को चाटें, और पांच मिनट तक इंतजार करें। कलाई को सूंघे। अगर आपकी सांस दुर्गंधयुक्त है, तो आप इसे अपनी त्वचा से आसानी सें सूंघ पायेंगे।
    • साफ जालीदार कपड़े को जीभ पर लगाए और उस कपड़े को सूंघे। अगर उस कपड़े से बदबू आएं तो जान ले कि आपकी सांस बदबूदार है।
  2. अगर आपके मुंह का स्वाद खराब है, तो इसका अर्थ यह है कि, आपकी सांस दूर्गंधित है। आपने कई बार ध्यान दिया होगा कि, खाना खाने के बाद, भोजन का स्वाद आपके मुंह में कई देर तक बना रहता है। कई पदार्थ जिनका स्वाद तेज होता है और वह अपनी खुशबूदार गुणों से भी जाने जाते है, जैसे कि लहसुन, प्याज़, या अधिक ज्यादा मसालेदार भोजन। [१६]
    • भोजन करने के बाद दुर्गंधित सांस को रोकना, सांस की दुर्गंध के इलाज का सबसे आसान तरीका है।
    • अगर आप अपने मुंह का स्वाद किसी कारण वश खराब महसूस करते हैं, जिसका स्वाद आपके भोजन से मेल नहीं खा रहा है, तो आपको अतिरिक्त चिकित्सा की जरूरत हो सकती है। ध्यान रखें कि, सांस की दुर्गंध, स्ट्रेप थ्रोट नामक गले का संक्रमण हो सकता है।
  3. अगर आप लगातार सांस की दुर्गंध से परेशान है, तो इसके इलाज के लिए आपके डेंटिस्ट के पास हैलीमिटर होगा। हैलीमिटर एक प्रकार का विशेष यंत्र है जो आपकी सांस की गति को जानने के लिए बनाया गया है। यह एक प्रकार का सांस की जांच करने वाला यंत्र है जो शराब या अन्य पदार्थ की जांच करता है जिसे पुलिस भी इस्तेमाल करती है। [१७]
    • हैलीमिटर सांस की दुर्गंध की स्थिति पर कोई असर नहीं करता है, परंतु यह यंत्र दुर्गंधित सांस के लक्षण के सटीक आँकड़े बताने में मदद करता है। ज्यादा सांस की बदबू होने पर आप जल्दी से उपचार कर सकेंगे।
    • सांस की बदबू होने के तीन रासायनिक कारण है; डाइमिथाइल सल्फाइड, हाइड्रोजन सल्फाइड, और मिथाइल मेरकाप्टन। जब आप जान जाए कि इनमे से क्या आपकी सांस में मौजूद है, तो आप आसानी से जान जाएंगे कि आपको अपनी सांस के लिए किस उपचार की जरूरत है।

चेतावनी

  • सांस की बदबू मुंह के कैंसर का प्रारंभिक संकेत है। कैंसर के कई प्रारंभिक संकेत है, जैसे कि मुंह के अंदर गांठ या सफेद, लाल, या गहरें दाग़ होना, चबाते समय, निगलते समय या जबड़े को हिलाते समय कठनाई होना, ऐसा लगना कि आपके गले में कुछ अटक गया हो, मुंह का सुन्न होना, गालो में सूजन होना, या आवाज़ का बदलना। अगर इनमे से कोई भी संकेत आपको नज़र आए तो डॉक्टर से मिलें।

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