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सायनोवियल फ्लूड जोड़ों को लुब्रिकेट करने और उन्हें कुशन देने में मदद करता है और उम्र बढ़ने पर यह तरल जोड़ों में कम होता जाता है | जोड़ों के स्वास्थ्य को सुधारने का सबसे आसान तरीका है- हमेशा हाइड्रेटेड रहना और हेल्दी डाइट मेन्टेन करना | आप ऐसे डाइटरी सप्लीमेंट भी ले सकते हैं जिनसे जॉइंट पैन में राहत मिले और उनकी गतिशीलता में सुधार हो सके | अगर आपके डॉक्टर अनुमति दें तो नियमित रूप से एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग करने से दर्द कम करने और जॉइंट फंक्शन सुधारने में मदद मिल सकती है | डॉक्टर सटीक रूप से आपकी बीमारी या मेडिकल इशू को डायग्नोज़ कर सकते हैं और एक ट्रीटमेंट प्लान दे सकते हैं इसलिए अगर आपको अपने जॉइंट्स की हेल्थ के बारे में फ़िक्र हो तो डॉक्टर से सलाह लें |

विधि 1
विधि 1 का 4:

हेल्दी डाइट मेन्टेन करें

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  1. अपने पूरे स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए हाइड्रेटेड रहना बहुत जरुरी होता है और इसके साथ ही इससे जॉइंट्स को लुब्रिकेट रखने और कुशन देने में भी मदद मिलती है | पानी की सही मात्रा आपकी उम्र, सेक्स और दूसरे फैक्टर्स पर निर्भर करती है | [१]
    • जनरल गाइडलाइन के अनुसार, पुरुषों को हर दिन 15.5 कप (3.7 लीटर) पानी पीना चाहिए और महिलाओं को हर दिन लगभग 11.5 (2.7 लीटर) पानी पीना चाहिए |
  2. सामन, ट्राउट और दूसरी फिश जॉइंट्स की हेल्थ के लिए बहुत अच्छी होती हैं इसलिए हर सप्ताह इनकी कम से कम एक से दो सर्विंग लेने की कोशिश करें | अवोकेडो, नट्स, ऑलिव ऑइल और हेल्दी फैट के दूसरे सोर्सेज से भी जॉइंट्स को लुब्रिकेट रखने में मदद मिल सकती है | हालाँकि कुछ फैट दूसरे की तुलना में थोड़े ज्यादा हेल्दी होते हैं इसलिए आपको अपना ऑइल और फैट का इन्टेक सीमित ही रखना चाहिए | [२]
    • प्रतिदिन फैट लेने की सिफारिश योग्य रेंज 5 से 7 छोटी चम्मच तक होता है जो आपकी उम्र, सेक्स और एक्टिविटी लेवल पर निर्भर करता है | एक मध्यम साइज़ के अवोकेडो में 6 छोटी चम्मच ऑइल, और दो बड़ी चम्मच (29.6 मिलीलीटर) पेंट बटर में चार बड़ी चम्मच ऑइल पाया जाता है और कच्चे या भुने हुए नट्स की एक सर्विंग में 3 से 4 छोटी चम्मच ऑइल होता है | [३]
    • वेजिटेबल ऑयल्स जैसी चीज़ों में पाए जाने वाले अनसैचुरेटेड फैट की सीमित मात्रा लेना, आमतौर पर हेल्दी डाइट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है | सैचुरेटेड और हाइड्रोजनेटेड फैट्स (जिन्हें ट्रांस फैट्स भी कहा जाता है) हेल्दी चॉइस नहीं माने जाते और इनसे LDL या ख़राब कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ सकता है | अनहेल्दी फैट के सोर्सेज हैं- बटर, रेड मीट, प्रोसेस्ड फूड्स आदि | [४]
  3. फल और सब्जियों से विटामिन्स, मिनरल्स और हाइड्रेशन मिलता है और इनमे एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं | हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकॉली, बेरीज और रेड ग्रेप्स में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं | साइट्रस फ्रूट्स और मिर्च जैसे विटामिन C के सोर्सेज से कार्टिलेज की क्षति को रोका जा सकता है | [५]
    • इनकी कितनी मात्रा लेनी चाहिए, ये आपकी उम्र, सेक्स और दूसरे फैक्टर्स पर निर्भर करता है | जनरल गाइड;लाइन्स के अनुसार, हर दिन 1.5 से 2 कप (350 से 470 मिलीलीटर) फल लेने का लक्ष्य बनाना चाहिए | एक छोटा सेब, एक बड़ा केला या बड़ा संतरा, प्रत्येक की एक कप (240 मिलीलीटर) सर्विंग लेनी चाहिए | [६]
    • हर दिन 2.5 से 3 कप (590 से 710 मिलीलीटर) सब्जियां खाने की कोशिश करें | हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ लाल और नारंगी सब्जियां और स्टार्च वाली सब्जियां (जैसे कॉर्न या आलू) मिक्स करके खाएं | इनके उदाहरण हैं; एक कप (240 मिलीलीटर) पकी हुई पालक, दो स्लाइस माध्यम साइज़ की गाजर या 12 छोटी गाजर, एक बड़ा टमाटर और एक बड़ा हिस्सा कॉर्न | [७]
  4. चीनी और नमक की ज्यादा मात्रा वाली डाइट जॉइंट पैन को और बढ़ा सकती है | बॉडी को हाइड्रेटेड बने रहने के लिए नमक की जरूरत होती है लेकिन इसकी बहुत ज्यादा मात्रा शरीर के लिए नुकसानदायक होती है | नमक और चीनी सीमित मात्रा में लेने से अतिरिक्त वज़न कम करने में मदद मिल सकती है जो जोड़ों के लिए फायदेमंद साबित होता है | [८]
    • डेली 1000 और 1500 मिलीग्राम के बीच ही डेली नमक की मात्रा को सीमित रखें | अपने खाने में अतिरिक्त नमक न डालें और नमक वाले स्नैक्स जैसे चिप्स, नमकपारे आदि खाने से बचें | नमक की जगह पर पकाते समय हर्ब्स, साइट्रस जूस और दूसरे फ्लेवर डालें |
    • ताजे फल जैसे नेचुरल सोर्सेज लेकर चीनी के इन्टेक को सीमित करें और मिठाई, डब्बाबंद प्रोडक्ट्स और दूसरे प्रोसेस्ड शुगर के सोर्सेज लेना बंद करें | [९]
  5. वज़न कम करने पर फोकस करें: विशेषरूप से ऐसे फूड्स खाएं जो अपने जॉइंट के लिए लाभदायक हों और हेल्दी बॉडी वेट मेन्टेन करने की कोशिश करें | विशेषरूप से अगर सायनोवियल फ्लूड कम हो तो अतिरिक्त वज़न जोड़ों पर दबाव बनता है | [१०]
विधि 2
विधि 2 का 4:

डाइटरी सप्लीमेंट आजमायें

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  1. कोई भी डाइटरी सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें: हालाँकि डाइटरी सप्लीमेंट की इफेक्टिवनेस पर तर्क-वितर्क किये जाते हैं लेकिन जोड़ों के दर्द से पीड़ित कई लोगों का दावा है कि इन्हें लेने से उनके जॉइंट पैन कम हो गये है | सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लें और उनकी अनुमति से ही कोई सप्लीमेंट लें | हानिकारक ड्रग इंटरेक्शन से बचने के लिए डॉक्टर को आपके द्वारा पहले से ली जा रही दवाओं की जानकारी भी दें | [१२]
    • अगर किसी सप्लीमेंट से आपको फायदा हो तो उसे लेते रहें | अगर आप 4 से 6 सप्ताह तक सप्लीमेंट लें और कोई भी पॉजिटिव इफ़ेक्ट न मिले तो समझ जाए कि उस सप्लीमेंट पर पैसे खर्च करने का कोई फायदा नहीं होगा |
    • अगर आप प्रेग्नेंट हैं, प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं या स्तनपान कराती हैं तो कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए |
  2. मल्टीविटामिन लेने से शरीर को सायनोवियल फ्लूड बनाने के लिए जरुरी न्यूट्रीएंट्स मिल जाते हैं | सेलेनियम, जिंक, मैंगनीज और विटामिन A, C, और E जॉइंट्स की हेल्थ के लिए बहुत जरुरी होते हैं | [१३]
    • अगर आपको मल्टीविटामिन्स लेने पड़े और सिफारिश योग्य डोज़ के बारे में पता करना हो तो अपने डॉक्टर से पूछें | अगर वे अनुमती दे दें तो जॉइंट हेल्थ के लेबल वाले मल्टीविटामिन खरीदें | [१४]
    • ध्यान रखें, कोई भी न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट लेने से बेहतर हैं कि न्यूट्रीशियस खाना खाया जाए |
  3. ग्लुकोसेमाइन (glucosamine) सप्लीमेंट और कोंड्रोइटिन (chondroitin) सप्लीमेंट लें: ऐसे कुछ प्रमाण मिले हैं कि ग्लुकोसेमाइन और कोंड्रोइटिन से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है, कार्टिलेज की क्षति रुक जाती है और, जॉइंट फ्लूड बढ़ जाता है और जॉइंट स्ट्रक्चर फिर से बनने लगता है | [१५]
    • आमतौर पर प्रतिदिन इनमे से प्रत्येक को 300 से 500 मिलीग्राम तक लिया जाता है लेकिन सिफारिश योग डोज़ के बारे में जानने के लिए डॉक्टर या फार्मासिस्ट से पूछें |
    • अगर आप प्रेग्नेंट हैं, प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं या स्तनपान कराती हों तो ग्लुकोसेमाइन न लें | [१६]
    • अगर आप खून पतला करने वाली दवाएं लेते हो तो अपनी दवा और ग्लुकोसेमाइन के बीच होने वाले संभावित इंटरेक्शन के बारे में डॉक्टर से पूछें | [१७]
  4. ह्यालुरोनिक एसिड जोड़ों के तरल में लुब्रिकेशन और शॉक-अब्सोर्बिंग गुण देता है | हालाँकि इसे आर्थराइटिस के ट्रीटमेंट के तौर पर डायरेक्ट जॉइंट में इंजेक्ट किया जाता है लेकिन इसके ओरल कैप्सूल लेना थोडा कम आक्रामक होता है | जब इसे सात महीने तक लेना हो तो प्रतिदिन 200 मिलीग्राम का डोज़ लेने से सायनोवियल फ्लूड की क्वालिटी सुधर जाती है और जॉइंट हेल्थ में भी सुधार आता है | [१८]
    • हालाँकि इससे कोई हानिकारक ड्रग इंटरेक्शन नहीं होते लेकिन फिर भी इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरुर लेना चाहिए |
  5. ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से शरीर में वो पदार्थ बना सकते हैं जिससे हेल्दी कार्टिलेज और जॉइंट फ्लूड बनता है | इसके लिए आप डेली सप्लीमेंट के रूप में या ज्यादा फैटी फिश, अखरोट और फ्लेक्ससीड खाकर ओमेगा-3 ले सकते हैं | [१९]
    • आमतौर पर इसका 500 से 1000 मिलीग्राम का डेली डोज़ होता है | प्रतिदिन 2000 मिलीग्राम से ज्यादा डोज़ न लें | [२०]
    • अगर आप प्रेग्नेंट हैं, प्रेगनेंसी प्लान कर रही है, स्तनपान कराती हैं या वार्फरिन (warfarin) जैसी खून पतला करने वाली दवाएं ले रहे हों तो ओमेगा-3 सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें | [२१]
    • अगर आपको समुद्री भोजन (seafoods) से एलर्जी हो तो फिश ऑइल न लें |
विधि 3
विधि 3 का 4:

जॉइंट हेल्थ को सुधारने के लिए एक्सरसाइज करें

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  1. कोई भी नया एक्सरसाइज रूटीन शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें: ओवर ऑल जॉइंट हेल्थ के लिए रेगुलर एक्सरसाइज जरुरी होती है और इससे जॉइंट फ्लूड की लुब्रिकेशन और कुशनिंग प्रॉपर्टीज में भी सुधार आ सकता है | [२२] अगर आपको किसी बीमारी की हिस्ट्री रही हो या आप पहले से एक्टिव न हों तो नए एक्सरसाइज रूटीन की शुरुआत सुरक्षित रूप से करने के लिए डॉक्टर से सलाह लें | [२३]
  2. अगर आपको दर्द हो तो धीमी और संशोधित एक्टिविटी से शुरुआत करें: कम समय वाली एक्टिविटी के साथ शुरुआत करें जैसे हर दिन कुछ के लिए 5 मिनट तक एक्सरसाइज करना | अगर आपको जोड़ों की समस्या है तो आपको संभवतः कुछ सप्ताह में परेशानी या जकड़ाहट होगी | बिना दर्द वाले दिनों में एक्टिव बने रहने की कोशिश करें और दर्द वाले दिनों में संयम रखें | [२४]
    • अगर आपको एक्सरसाइज के दौरान या बाद में तेज़ दर्द हो जो और बढ़ता जाए तो एक्सरसाइज करना बंद करें और डॉक्टर को दिखाएँ |
  3. अगर आपको जोड़ों के दर्द की परेशानी हो तो टहलना, कम स्पीड में साइकिल चलाना, डांसिंग और लाइट एरोबिक एक्सरसाइज के दूसरे रूप आपके लिए बेहतर साबित होंगे | अपनी फिजिकल एक्टिविटी धीरे-धीरे बढ़ाएं और अपने अनुसार दो घंटे 30 मिनट की लाइट एरोबिक एक्सरसाइज हर सप्ताह करें | [२५]
    • अगर आप चोट न लगने की रिस्क पर ऐसा कर सकें तो तेज़ स्पीड पर साइकिलिंग और रनिंग, जॉगिंग करें |
  4. अगर आपको आर्थराइटिस या जोड़ों की दूसरी समस्याएं हैं तो रेगुअल्र फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज बहुत जरुरी होती हैं | नौसीखियों के लिए या अपनी उम्र के लोगों के लिए दी जाने वाली लोकल योग क्लास खोजें | जॉइंट्स की ओवरऑल हेल्थ और गतिशीलता सुधारने के लिए हर दिन लाइट स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें | [२६]
    • स्ट्रेच करते समय, खुद को अपने सामर्थ्य से ज्यादा न खींचें | स्ट्रेच को 10 से 30 सेकंड तक बनाये रखें लेकिन इससे ज्यादा देर तक न रुकें | अगर आपको तेज़ दर्द हो या तनाव महसूस हो तो स्ट्रेचिंग रोक दें |
    • अगर आपको चोट लगी हो तो डॉक्टर की सलाह के बिना स्ट्रेच न करें |
  5. स्क्वेट और लंजेस (squats और lunges) जैसे वर्कआउट रूटीन आपके घुटने, कूल्हे और कमर के लिए बेहतर साबित होते हैं | अगर आपको कोहनी या कंधे में परेशानी हो तो बाइसेप्स कर्ल्स और शोल्डर प्रेस जैसी वेटलिफ्टिंग एक्सरसाइज आजमायें | [२७]
    • स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज के बारे में डॉक्टर से सलाह लें: अगर आपने हाल ही में ये एक्सरसाइज शुरू की हैं तो बेहतर होगा कि कोई एक्सरसाइज क्लास या जिम ज्वाइन करें | इंस्ट्रक्टर या ट्रेनर के मार्गदर्शन में एक्सरसाइज करने से चोट की रिस्क कम की जा सकती हैं | [२८]
  6. अगर आपको दूसरी एक्टिविटी करने में दर्द होता है तो स्विमिंग आजमायें: अगर वॉकिंग या साइकिलिंग जैसे वज़न सहन करने वाली एक्सरसाइज में आपको दर्द हो तो स्विमिंग करें | स्विमिंग से जोड़ों पर कम तनाव पड़ता है क्योंकि पानी में होने पर जोड़ों को वज़न नहीं उठाना पड़ता | स्विमिंग लेप्स, पूल में वॉक करें या वॉटर एरोबिक्स क्लास ज्वाइन करें | [२९]
विधि 4
विधि 4 का 4:

मेडिकल ट्रीटमेंट लें

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  1. जोड़ों की समस्या के बारे में डॉक्टर या स्पेशलिस्ट से परामर्श लें: अगर आपको लगातार जोड़ों में दर्द बना रहता है या जॉइंट प्रॉब्लम की हिस्ट्री है तो डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लें | डॉक्टर एकदम सही डायग्नोसिस कर सकता है और उसके इए ट्रीटमेंट प्लान दे सकता है या जॉइंट स्पेशलिस्ट के पास भेज सकता है | [३०]
    • उम्र बढ़ने के साथ नेचुरली जोड़ों का तरल कम होने लगता है और यह एक तरह के आर्थराइटिस से सम्बंधित होता है | लेकिन, जोड़ों में दर्द कई तरह की बीमारियों में हो सकता है इसलिए कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर को दिखाएँ |
    • हालाँकि ऐसी कोई दवा नही होती जिससे शरीर और ज्यादा जॉइंट फ्लूड बनाने लगे लेकिन डॉक्टर आपको कुछ ऐसी दवाए दे सकते हैं जो दर्द और उस कंडीशन को मैनेज कर सकें |
  2. अगर आपको चोट लगी हो या जोड़ों की परेशानी के कारण आप खुद एक्सरसाइज न कर पा रहे हों तो फिजिकल थेरेपी बहुत लाभदायक होती है | [३१] अगर आपको कोई चोट लगी है तो फिजिकल थेरेपी भविष्य में होने वाली जॉइंट सम्बन्धी समस्याओं जिनमे सायनोवियल फ्लूड में होने वाले बदलाव भी शामिल हैं, से बचा सकती है | [३२]
  3. डॉक्टर से विस्कोसप्लीमेंटेशन (viscosupplemenation) के बारे में पूछें: अगर आपका सायनोवियल फ्लूड बहुत कम हो या क्वालिटी खरब हो गयी हो तो डॉक्टर प्रभावित जॉइंट पर ह्यालुरोनिक एसिड इंजेक्ट कर सकते हैं | जॉइंट पैन की गंभीरता के आधार पर कई सप्ताह के कोर्स में एक से पांच इंजेक्शन लगा सकते हैं | यह तुरंत होने वाली प्रोसीजर है लेकिन इंजेक्शन लगवाने के बाद 48 घंटे तक आपको किसी भी तरह की बहुत ज्यादा एक्टिविटी करने की मनाही होती है | [३३]
    • आपको इंजेक्शन लगवाने के बाद दर्द, गर्माहट या हलकी सूजन फील हो सकती है | एक आइस पैक से इन लक्षणों में आराम मिल सकता है और ये लक्षण आमतौर पर ज्यादा लम्बे समय तक नहीं रहते | अगर ये लक्षण और बढ़ जाएँ या आपको ब्लीडिंग भी हो तो डॉक्टर से सलाह करें |
    • सभी तरह की नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट मेथड्स आजमाने के बाद ही इंजेक्शन लगाने की सिफारिश की जाती है | हालाँकि कई लोग दर्द कम होने और फंक्शन इम्प्रूव होने का दावा करते हैं लेकिन विस्कोसप्लीमेंटेशन हर किसी पर काम नहीं करता |

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  1. http://www.nytimes.com/health/guides/disease/osteoarthritis/print.html
  2. https://www.niddk.nih.gov/health-information/weight-management/health-risks-overweight
  3. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmedhealth/PMH0008368/
  4. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3150191/
  5. https://ods.od.nih.gov/factsheets/MVMS-Consumer/
  6. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3150191/
  7. https://www.emedicinehealth.com/drug-glucosamine/page2_em.htm
  8. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/18363538
  9. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3512263/
  10. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3150191/
  11. https://ods.od.nih.gov/factsheets/Omega3FattyAcids-Consumer/#h8
  12. https://nccih.nih.gov/health/omega3/introduction.htm#hed4
  13. https://www.spandidos-publications.com/mmr/7/1/183
  14. https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/conditionsandtreatments/ageing-muscles-bones-and-joints
  15. https://www.cdc.gov/arthritis/basics/physical-activity-overview.html
  16. https://www.cdc.gov/arthritis/basics/physical-activity-overview.html
  17. https://www.cdc.gov/arthritis/basics/physical-activity-overview.html
  18. http://www.nytimes.com/health/guides/disease/osteoarthritis/print.html
  19. https://www.cdc.gov/arthritis/basics/physical-activity-overview.html
  20. https://www.cdc.gov/arthritis/basics/physical-activity-overview.html
  21. https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/conditionsandtreatments/ageing-muscles-bones-and-joints
  22. http://www.nytimes.com/health/guides/disease/osteoarthritis/print.html
  23. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3046542/
  24. https://orthoinfo.aaos.org/en/treatment/viscosupplementation-treatment-for-knee-arthritis

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