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स्टैफ इन्फेक्शन (Staph infections) स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus) नाम के एक बैक्टीरिया की वजह से होता है और आमतौर पर इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है। स्किन इन्फेक्शन, स्टैफ इन्फेक्शन का सबसे कॉमन टाइप है और ये किसी जले हिस्से या घाव के संक्रमित होने पर होता है। अच्छी बात ये है कि कई सारे इन्फेक्शन बहुत हल्के होते हैं और अगर आप एरिया को साफ और बैंडेज में रखते हैं, तो तेजी से ठीक भी हो जाते हैं। हालांकि, अगर आपको बुखार आना शुरू हो जाए या फिर आपके लक्षण बदतर होना शुरू कर दें, तो आपको अपने डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए। वैसे तो ऐसा होता नहीं है, लेकिन स्टैफ इन्फेक्शन खून की धार (bloodstream) में बैक्टीरिया छोड़ सकता है और कुछ बहुत गंभीर मेडिकल परेशानी खड़ी कर सकता है। समय रहते तुरंत उपचार करा लेना इन सीरियस इन्फेक्शन को जानलेवा बनने से रोक लेता है। [१]

विधि 1
विधि 1 का 3:

स्किन इन्फेक्शन्स को डाइग्नोज करना और इलाज करना

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  1. पिम्पल, फोड़े या फिर ऐसे एरिया की तलाश करें, जहां की स्किन में लालिमा, सूजन है: स्किन इन्फेक्शन्स सबसे कॉमन टाइप के स्टैफ इन्फेक्शन हैं। ये पिम्पल, फोड़े, छाले की तरह दिखते हैं या फिर स्किन में गर्माहट के साथ लालिमा, सूजन भी होती है। कभी-कभी, इनमें से पस या दूसरे तरह के डिस्चार्ज भी निकलते हैं। [२]
    • टूटी या फटी हुई स्किन पर इन्फेक्शन होने का खतरा ज्यादा रहता है। अपने हाथों को बार-बार धोते रहना और घाव को साफ रखना स्किन को स्टैफ इन्फेक्शन से बचाए रखने का सबसे सही तरीका होता है।
  2. फोड़े स्किन के फूले हुए हिस्से होते हैं, जिनमें पस भरी रहती है। ये गांठ वाली फूली हुई स्किन की बजाय, इस तरह से महसूस होते हैं, जैसे कि इनमें लिक्विड भरा है और आमतौर पर इन्हें टच करने पर दर्द भी महसूस होता है। ऐसे फोड़े जो बहुत दर्द के साथ में बढ़ते हैं और घाव से पस का निकलना एक बुरे इन्फेक्शन की ओर इशारा कर सकता है, इसलिए अगर आपको ये लक्षण नजर आएँ, तो अपने डॉक्टर को कॉल कर लें। [३]
  3. इन्फेक्शन वाले एरिया को टच करने से पहले और बाद में अपने हाथों को जरूर धोएँ: एरिया की सफाई करने या बैंडेज बदलने के पहले अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह से धो लें। आपको इसे और ज्यादा भी संक्रमित करने का जोखिम नहीं लेना है। इन्फेक्शन वाली स्किन को ट्रीट करने के बाद, जर्म्स को फैलने से रोकने के लिए अपने हाथों को एक बार फिर से पहले की ही तरह धो लें। [४]
  4. माइनर इन्फेक्शन को दिन में 3 बार सोखें और उसे बैंडेज में रखें: माइनर या हल्के फोड़े और स्किन इन्फेक्शन अक्सर बस घरेलू देखभाल से ही ठीक हो जाते हैं। इन्फेक्शन वाले एरिया को अच्छी तरह से धोएँ, दिन में 3 बार उसे आधे मिनट के लिए गुनगुने पानी में सोखें और फिर उसे एक स्टेराइल बैंडेज से कवर कर लें। बैंडेज को डेली 2 से 3 बार या फिर हर बार गीली होने पर चेंज करें। [५]
    • अगर आपको ठीक लगे, तो आप सोखने वाले अपने गुनगुने पानी में नमक मिला सकते हैं। इन्फेक्शन वाले एरिया को 1 चम्मच (15 ml) नमक और तकरीबन 1 लीटर गरम पानी के घोल में सोखने की कोशिश करें। गुनगुने पानी में नमक मिलाने से आपकी स्किन को आराम देने में मदद मिल सकती है। भले ही नमक से स्टैफ बैक्टीरिया खत्म नहीं हो जाता, लेकिन ये दूसरे संक्रमण को दूर करने में मदद जरूर कर सकता है।
  5. अगर आप किसी इन्फेक्शन को ट्रीट न कर रहे हों, तो उसे टच करने से बचें। ट्रीटमेंट करने से पहले और बाद में अपने हाथों को धोना न भूलें। अगर आपको फोड़ा हुआ है, तो उसे अपने हाल पर छोड़ दें और उसे फोड़ने या खोलने की कोशिश न करें। [६]
    • इन्फेक्शन पर खुजली करना या फिर फोड़े को फोड़ने की कोशिश करना उस एरिया को और ज्यादा संक्रमित कर सकता है और जर्म्स फैला सकता है।
  6. अगर आपको किसी गंभीर स्किन इन्फेक्शन के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर को दिखा लें: हल्की सूजन या रेडनेस अक्सर खुद से ही एक या दो दिन में ठीक हो जाएंगे, बस आपको उसे साफ रखना होगा। हालांकि, अगर दर्द, सूजन या फोड़ा बदतर होते हटा है या फिर अगर आपको बुखार आ जाता है, तो आपको जितना हो सके, उतनी जल्दी डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए। [७]
    • केवल एक डॉक्टर ही स्टैफ इन्फेक्शन को डाइग्नोज कर सकता है और सही ट्रीटमेंट भी प्रिस्क्राइब कर सकता है।
    • जब तक कि आप डॉक्टर के पास नहीं चले जाते, तब तक के लिए उस एरिया को एक स्टेराइल बैंडेज से ढँककर रख सकते हैं।
विधि 2
विधि 2 का 3:

किसी अंदरूनी इन्फेक्शन की पहचान करना (Recognizing Internal Infections)

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  1. अगर आपको फूड पॉइजनिंग है, तो आराम करें और भरपूर लिक्विड पिएं: स्टैफ बैक्टीरिया की वजह से फूड पॉइजनिंग होना कॉमन है। इसके लक्षणों में, मितली, उल्टी और डायरिया शामिल हैं और जब ये स्टैफ की वजह से होता है, आमतौर पर एक या कुछ और दिन में कम हो जाते हैं। अगर आपको 24 से 48 घंटे में बेहतर महसूस होना शुरू न हो जाए, तो अपने डॉक्टर को कॉल करें। [८]
    • इस दौरान, खुद को बहुत ज्यादा थकाने से बचें और हाइड्रेट रहने के लिए भरपूर पानी, स्पोर्ट्स ड्रिंक या पीडियालाइट (Pedialyte) पिएं। कोशिश करें कि केवल प्लेन चावल, सूप या ब्रोथ और दूसरे सादे फूड्स ही खाएं। जर्म्स को फैलने से रोकने में मदद के लिए अपने हाथों को बार-बार धोते रहें, खासतौर से तब, जब आपको उल्टी या दस्त हो रहे हों। [९]
  2. अगर आपको लगता है कि आपको सेप्टिक आर्थ्राइटस (septic arthritis) है, तो अपने डॉक्टर को दिखा लें: सेप्टिक आर्थ्राइटस एक जाइंट इन्फेक्शन है, जो अक्सर स्टैफ बैक्टीरिया की वजह से होता है। अगर आपको इंटेन्स जाइंट पेन, रेडनेस, सूजन और बुखार के जैसे इंटेन्स लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो अपने डॉक्टर के साथ एक अपोइंटमेंट शेड्यूल कर लें। इन्फेक्शन आमतौर पर घुटनों, एंकल्स या पैर की उँगलियों में होते हैं, आमतौर पर केवल एक जाइंट ही प्रभावित होता है। [१०]
    • सेप्टिक आर्थ्राइटस के लक्षण अचानक से शुरू हो जाते हैं। दूसरे टाइप के आर्थ्राइटस में, जाइंट पेन और सूजन धीरे-धीरे बढ़ते हैं, दिन के एक खास समय पर होता है और ये एक से ज्यादा जाइंट को प्रभावित करता है।
    • आपके डॉक्टर एक एग्जामिनेशन परफ़ोर्म करेंगे और एक बैक्टीरियल कल्चर लेंगे। वो जाइंट को ड्रेन करेंगे या फिर सूजन कम करने के लिए एक्सट्रा फ्लुइड को हटाएँगे। अगर उन्हें लगेगा कि आपको इन्फेक्शन है, तो वो जाइंट में एक दवाई इंजेक्ट करेंगे या फिर एक ओरल एंटीबायोटिक्स प्रिस्क्राइब करेंगे। [११]
  3. टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (toxic shock syndrome/TSS) के लक्षणों के नजर आने पर इमरजेंसी मेडिकल केयर की तलाश करें: स्टैफ बैक्टीरिया के खून की धार में और अंदरूनी अंगों में फैलने की वजह से TSS हो सकता है। इसके लक्षणों में 102 °F (39 °C) के ऊपर का बुखार, डिसओरिएंटेशन, सिरदर्द, उल्टी, दस्त और हाथों और पंजों में नीचे लाल रैश होना शामिल हैं। [१२]
    • TSS एक मेडिकल इमरजेंसी है और इसके लिए तुरंत केयर की जरूरत होती है। ये टेंपून को रिकमेंड किए समय से ज्यादा देर के लिए इस्तेमाल करके से या फिर जले, घाव या सर्जिकल साइट में इन्फेक्शन की वजह से भी हो सकता है।
  4. अगर आपको सेप्सिस (sepsis) के लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत मदद की तलाश करें: सेप्सिस एक सीरियस कंडीशन है, जो बॉडी के इम्यून रिस्पोंस की वजह से लेकर किसी बड़े बैक्टीरियल इन्फेक्शन की वजह से हो सकती है। इसके लक्षणों में 102 °F (39 °C) से ऊपर का बुखार, ठंड लगना, डिसओरिएंटेशन, दिल की धड़कनें तेज होना और साँसों की कमी शामिल हैं। तुरंत इलाज के बिना, सेप्सिस की वजह से खून के थक्के बन सकते हैं, खून का प्रवाह कम हो सकता है और ऑर्गन फेलर तक हो सकता है। [१३]
    • सेप्सिस एक मेडिकल इमरजेंसी है, इसलिए ठीक नहीं हो रहे किसी इन्फेक्शन और सेप्सिस के लक्षण नजर आते ही आपको जितना हो सके, उतनी जल्दी इसके इलाज के लिए हॉस्पिटल चले जाना चाहिए। [१४]
    • वैसे तो सेप्सिस किसी को भी हो सकता है, लेकिन कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग, नवजात बच्चों, बुजुर्गों, किसी क्रोनिक बीमारी (जैसे कि किडनी या लिवर डिसीज) वाले लोगों और एक सीरियस बर्न या चोट वाले लोगों में इसके होने की संभावना ज्यादा रहती है।
विधि 3
विधि 3 का 3:

मेडिकल ट्रीटमेंट की तलाश करना (Seeking Medical Treatment)

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  1. अगर आपके लक्षण सीरियस या और भी बदतर होते जा रहे हैं, तो डॉक्टर को दिखा लें: अगर कोई स्किन इन्फेक्शन पहले से बदतर होते जा रहा है, ठीक होने का नाम नहीं ले रहा है या फिर उसकी वजह से फीवर जैसे सीरियस लक्षण सामने आ हे हैं, तो मेडिकल अटेन्शन की तलाश करें। भले ही जानलेवा इन्फेक्शन होना ज्यादा कॉमन नहीं है, लेकिन यहाँ तक कि एक माइनर स्किन इन्फेक्शन तक भी सही तरीके से ट्रीट नहीं किए जाने पर कोई गंभीर स्वास्थ्य संबंधी परेशानी दे सकता है। [१५]
    • अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है, कोई पुरानी बीमारी से जूझ रहे हैं, बुजुर्ग हैं या फिर कोई गंभीर बर्न या घाव है, तो ऐसे में डॉक्टर को दिखाना ज्यादा जरूरी हो जाता है। अगर आपके नवजात बच्चे को या फिर यंग बच्चे को ऐसा कोई इन्फेक्शन हुआ है, जो ठीक नहीं हो रहा या फिर उसकी वजह से तेज बुखार हो रहा है, तो उन्हें डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए।
  2. आप जब डॉक्टर के पास जाएँगे, तब वो आपका एक टेस्ट करेंगे और इन्फेक्शन की शुरुआत कब से हुई, के बारे में पूछेंगे। वो इन्फेक्शन के पीछे की खास वजह का पता लगाने के लिए बैक्टीरियल कल्चर कराने का भी ऑर्डर दे सकते हैं। [१६]
    • अगर आपको स्किन इन्फेक्शन है, तो वो टिशू का सैंपल या पस लेने के लिए उस एरिया का स्वेब लेंगे।
    • TSS या सेप्सिस के लिए, डॉक्टर बैक्टीरियल के लिए ब्लड सैंपल टेस्ट करते हैं और ब्लड सेल काउंट लेते हैं, लेकिन इनके रिजल्ट आने से पहले ही अक्सर इसका इलाज शुरू कर दिया जाता है। क्योंकि ये कंडीशन इतनी गंभीर हैं, कि जितना हो सके उतनी जल्दी एंटीबायोटिक्स और IV (नसों में) फ्लुइड्स दिया जाना जरूरी हो जाता है। [१७]
  3. स्किन पर मौजूद किसी भी घाव या फोड़े को खाली करा लें: अगर आपको स्किन इन्फेक्शन है और आपको फोड़ा हुआ है, तो आपके डॉक्टर पहले शायद उसे खाली करेंगे। वो उस एरिया को नम्ब या सुन्न कर देंगे, एक छोटा सा कट करेंगे और पस को बाहर निकाल देंगे, इसके बाद उस पर पट्टी लगा देंगे। [१८]
    • फोड़े को खाली कराने के बाद उसकी केयर के लिए अपने डॉक्टर के इन्सट्रक्शन को फॉलो करें। उस एरिया को डेली 2 से 3 बार साफ करें, अगर डॉक्टर ने सलाह दी हो, तो एक मेडिकेटेड ओइंटमेंट लगाएँ और एक साफ बैंडेज से ड्रेस कर लें। बैंडेज को दिन में 2 से 3 बार या फिर गीले होने पर चेंज करते रहें।
  4. प्रिस्क्राइब की गई दवाइयों को डाइरैक्शन के अनुसार लें: ऐसा स्टैफ इन्फेक्शन, जो घरेलू इलाज से ठीक नहीं होता, उनका इलाज एंटीबायोटिक्स से किया जाता है। अपने डॉक्टर के इन्सट्रक्शन के अनुसार दवाइयाँ लें और चाहे आपको बेहतर भी क्यों न महसूस होना शुरू हो जाए, फिर भी दवाइयाँ लेना बंद न करें। अगर आप बीच में ही एंटीबायोटिक्स को लेना बंद कर देंगे, तो इन्फेक्शन शायद और भी बदतर हो जाएगा या फिर शायद वापस लौटकर भी आ सकता है। [१९]
    • इसके अलावा, आपके डॉक्टर शायद सूजन, बुखार और दूसरे जुड़े हुए लक्षणों से निपटने के लिए आपको एक पेन रिलीवर (pain reliever) लेने की भी सलाह देंगे।
  5. अगर आपके लक्षणों में कोई सुधार नहीं आ रहा है, तो इसके बारे में अपने डॉक्टर को बताएं: स्टैफ बैक्टीरिया जल्दी से अनुकूलित हो सकते हैं और कई स्ट्रेंस के ऊपर तो कुछ एंटीबायोटिक्स का असर भी नहीं पड़ता है। बैक्टीरियल कल्चर डॉक्टर्स को एक सही एंटीबायोटिक्स चुनने में मदद करता है और आपको भी बस कुछ ही दिनों के अंदर बेहतर महसूस होना शुरू हो जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता, तो अपने डॉक्टर को कॉल करें और दूसरी वैकल्पिक दवाइयों के बारे में डिस्कस करें। [२०]
    • वो शायद आपको एक ज्यादा स्ट्रॉंग IV (नसों में दिए जाने वाले/intravenous) एंटीबायोटिक्स भी रिकमेंड कर सकते हैं।

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