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आमतौर पर स्तनों के नीचे की त्वचा का लाल होना, त्वचा में खुजली या जलन महसूस करना रैश (चकत्ते) हैं। अधिक टाइट ब्रा पहनना या आरामदायक ब्रा न पहनना या स्तनों के नीचे अत्यधिक पसीना आना रैश (Rash) होने के कुछ कारण हैं। प्रभावित त्वचा की सतह से मृत एपिडर्मिस की पतली परत निकलना (Scaling), फुन्सियाँ होना, खुजली, जलन तथा त्वचा का लाल होना रैश के लक्षण हैं। सौभाग्यवश, ऐसे कई उपाय हैं जिससे आप खुजलाहट और रैश से छुटकारा पा सकते हैं। इस आर्टिकल के जरिए हम स्तनों के नीचे आने वाले रैश (Rash) से निजात पाने के तरीके जानेंगे।

विधि 1
विधि 1 का 3:

घर पर रैश का इलाज करना

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  1. प्रभावित त्वचा पर कोल्ड कम्प्रेस का प्रयोग करें: अगर आपको स्तनों के नीचे रैश दिखाई देते हैं तो, कोल्ड कम्प्रेस (Cold Compress) आज़माएं। इस से सूजन को कम करने में मदद मिलती है और रैशेज़ के लक्षणों में सुधार दिखाई देते हैं।
    • आप बर्फ के कुछ टुकड़ों को एक कॉटन टॉवल में या प्लास्टिक बैग में लपेट सकते हैं। आप सूपरमार्केट से आइस पैक भी खरीद सकते हैं। पर ध्यान रहें मार्केट से खरीदा हुआ आइस पैक सीधे त्वचा पर न रखें – इसका इस्तेमाल करने से पहले उसे भी कॉटन टॉवल में लपेट लें। [१]
    • एक बार में सिर्फ 10 मिनट के लिए आइस पैक का उपयोग करें। अगर रैशज़ अभी भी कायम हैं तो, फिर से एक छोटे अंतराल के बाद चकत्तों (Rashes) पर यह प्रक्रिया दोहराएं। [२]
    • आप फ्रोज़न मकई या मटर के बैग को आइस पैक की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।
  2. गर्म पानी या शॉवर में नहाने से स्तनों के नीचे वाले रैशेज़ सहित कई प्रकार के स्किन रैशेज़ से निजात मिलती है। अगर चाहो तो आप एक साफ़ सूती कपड़े को गर्म पानी में भिगोकर उसे अपने स्तनों के नीचे कुछ मिनट के लिए रख सकते हैं। [३]
  3. कुछ हद तक, टी ट्री ऑइल स्किन रैशेज़ की जलन से ठंडक पहुँचाता है। टी ट्री ऑइल में अधिक मात्रा में एंटीमाइक्रोबियल गुण (antimicrobial properties ) मौजूद है। ध्यान रहें टी ट्री ऑइल को सीधे अपनी त्वचा पर न लगाएं, क्योंकि इससे प्रॉबल्म सुलझने की जगह और बढ़ सकती है। टी ट्री ऑइल का उपयोग करने से पहले उसे ऑलिव ऑइल में मिलाकर पतला कर लें।
    • चार बड़े चम्मच ऑलिव ऑइल में टी ट्री ऑइल की 6 बूँदें मिलाएं। फिर इस तेल में एक कॉटन बॉल भिगोकर उसे प्रभावित त्वचा पर धीरे-धीरे लगाएं। [४]
    • प्रभावित त्वचा पर कुछ मिनट के लिए हल्के हाथों से मालिश करें ताकि ऑइल त्वचा में गहराई तक पहुँच सके। बेहतरीन नतीजे के लिए इस प्रक्रिया को नहाने या शॉवर लेने के बाद और रात को सोने से पहले करें। [५]
    • बाकी घरेलू नुस्खों की तरह, टी ट्री ऑइल का प्रयोग हर किसी की त्वचा पर सूट नहीं करता है। कुछ लोगों की त्वचा इस ऑइल के प्रयोग के लिए संवेदनशील (sensitive) होती है। अगर आपको महसूस होता है कि ऑइल के इस्तेमाल से चकत्ते (Rashes) कम होने की जगह बढ़ रहे हैं तो, इसका उपयोग तुरंत बंद कर दें।
  4. तुलसी एक जड़ीबूटी है, जो कुछ हद तक त्वचा को जलन से राहत दिलाने में मदद करती है। ताज़े तुलसी के पत्तियों को पीसकर लेप बनाएं। फिर उस लेप को हल्के हाथों से अपने रैश वाली त्वचा पर लगाएं और लेप को सूखने दें। लेप सूखने के बाद गर्म पानी से धोएं और साफ़ सूती कपड़े से त्वचा को हल्के से थपथपा कर पोंछ लें। इस प्रक्रिया को दिन में एक बार करें और त्वचा में आनेवाले बदलाव देखें। [६]
    • जैसे पहले भी बताया गया है, सारे घरेलू नुस्खे हर किसी को सूट नहीं करते हैं। अगर आपको रैश (Rash) बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं तो, तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल बंद कर दे। यदि आपको तुलसी से एलर्जी होती है तो आप इसका प्रयोग न करें।
  5. रैश पर कैलामाइन लोशन (Calamine Lotion), एलोवेरा, या सुगंध रहित मॉइस्चराइज़र लगाएं, ताकि जलन से राहत मिलें: कुछ लोशन्स और मॉइस्चराइज़र रैश को कम करने में मददगार साबित होते हैं। सुगंध रहित मॉइस्चराइज़र, एलोवेरा, या कैलामाइन लोशन को आज़माकर देखें।
    • कैलामाइन लोशन, खुजली तथा जलन को कम कर सकता है, खास कर तब जब आपको पता है कि इन रैशेज़ का कारण जहरीले ओक या आइवी के पौधे हैं। इस लोशन को दिन में दो बार कॉटन बॉल से लगाएं। [७]
    • एलोवेरा जेल ज्यादातर सुपरमार्केट या मेडिकल स्टोर में बिकती है। कुछ लोगों के लिए यह जेल रैशेज़ से होने वाली खुजली तथा जलन से राहत देता है। एलोवेरा में एंटीफंगल (Antifungal) और एंटीबैक्टीरियल (Antibacterial) गुण होते हैं जो चकत्तों (Rashes) को ठीक करने में मदद करते हैं। प्रभावित त्वचा पर एलोवेरा जेल लगाएं। कम से कम 20 मिनट तक इसे ऐसा ही लगा रहने दें, उसके बाद कपड़े पहने, इसे पोंछने की ज़रूरत नहीं हैं। ज़रूरत पड़ने पर फिर से जेल लगाएं। [८]
    • आप चाहे तो किसी भी मेडिकल स्टोर या सूपरमार्केट से सुगंध रहित मॉइस्चराइज़र खरीद सकते हैं। खरीदने से पहले निश्चित करें कि इस मॉइस्चराइज़र में कोई भी इत्र (Perfume) नहीं मिलाया गया हैं, क्योंकि सुगंधित लोशन में इस्तेमाल किए गए इत्र से रैशेज़ बढ़ सकते हैं। मॉइस्चराइज़र को चकत्तों पर ज़रूरत के हिसाब से लगाएं और पैकट पर लिखें निर्देशन का अवश्य पालन करें। [९]
विधि 2
विधि 2 का 3:

डॉक्टर से परामर्श करना

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  1. स्तनों के नीचे के कई रैशेज़ मामूली होते हैं और अक्सर होने वाले इस तरह के त्वचा के रैशेज़ बिना डॉक्टरी इलाज के घरेलू नुस्खों से ही ठीक हो जाते हैं; परन्तु, स्तनों के नीचे के रैशेज़ कभी-कभी बड़ी परेशानी का कारण बन सकते हैं, जैसे कि दाद (एक प्रकार का चर्मरोग)। निम्नलिखित में से किसी भी परिस्थिति में आप डॉक्टर के पास जाएं।
    • अगर आपके रैशेज़ पर एक या दो हफ्ते बाद भी घरेलू इलाज का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है, तो आप डॉक्टर के पास जाएं। अगर आपको रैशेज़ (Rashes) की वजह से बुखार, अत्यधिक दर्द, घाव जो ठीक नहीं हो रहे हैं और रैशेज़ बढ़ते जा रहे हैं, तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। [१०]
  2. रैशेज़ कितने नुकसान पहुंचाने वाले हैं यह जानने के लिए अपने फैमिली डॉक्टर से अपॉइन्टमेंट लें। यदि चकत्तों (Rashes) के अलावा और भी कुछ लक्षणों का आप अनुभव कर रहे हैं तो, उसे अपने डॉक्टर को बताएं।
    • शायद आपके डॉक्टर रैशेज़ को देखना चाहेंगे। यदि यह मामूली रैश है और इससे आपको कोई दूसरी परेशानी नहीं हो रही है तो, वह आगे परीक्षण किए बिना ही आपको दवाई लिख देंगे। [११]
    • फंगल इन्फेकशन की जाँच के लिए त्वचा की खुरचन का टेस्ट (Skin Scraping Test) करने की सलाह दी जाती है। आपकी त्वचा की परीक्षण करने के लिए डॉक्टर एक खास तरह की रोशनी का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसे वूड लैम्प (Wood’s Lamp) कहते हैं। कुछ मामलों में ज़रूरत पड़ने पर बायोप्सी (Biopsy) की सलाह दी जाती हैं। [१२]
  3. अगर किसी इन्फेक्शन की वजह से रैश हुए है या रैश अपने से ठीक नहीं हो रहे हैं तो, आपके डॉक्टर आपको दवाइयाँ दे सकते हैं। त्वचा की रैशेज़ ठीक करने के लिए कई तरह की निर्धारित औषधियाँ (Prescription Medicines) हैं।
    • डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक (Antibiotic) या एंटीफंगल (Antifungal) क्रीम लिख देंगे, जिसे आप ड़ॉक्टर के निर्देशानुसार प्रभावित त्वचा पर लगाएं। [१३]
    • क्रीम जिसमें स्टेरॉइड (Steroid) की मात्रा कम हो और क्रीम जो आपकी त्वचा की रक्षा करें, आपके डॉक्टर द्वारा सुझाएं जा सकते हैं। [१४] अगर डॉक्टर को लगता है कि आपको बैक्टीरियल संक्रमण (Bacterial Infection) हुआ है तो, वह आपको खाने के लिए भी एंटीबायोटिक दवा दे सकते हैं।
विधि 3
विधि 3 का 3:

अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना

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  1. स्तनों के नीचे नमी का होना स्किन इन्फेक्शन तथा रैशेज़ का कारण हो सकता है। इसलिए स्तनों के नीचे की त्वचा को शुष्क रखने का प्रयास करें ताकि रैशेज़ होने से बचा जा सकें।
    • व्यायाम के बाद अपने स्तनों के नीचे की त्वचा को पोंछे तथा शुष्क करें। [१५]
    • गरमी के दिनों में जब आपको अधिक पसीना आता है, तब स्तनों के नीचे वाली त्वचा को शुष्क रखें।
    • स्तनों के नीचे वाली त्वचा को शुष्क रखने के लिए आप पंखा चला सकते हैं।
  2. संभावित उत्तेजित पदार्थों (potential irritants) पर विशेष ध्यान दें: यह हो सकता है कि कुछ उत्पाद जो आप इस्तेमाल कर रहे हैं स्किन रैश होने का कारण हो। अगर आप नए साबुन, शैम्पू, लोशन, कपड़े धोनेवाला डिटर्जेंट, या अन्य उत्पाद इस्तेमाल कर रहे हैं तो, इनका इस्तेमाल बंद कर दें। इस्तेमाल रोकने के बाद देखे कि रैश के लक्षण कम हुए है या नहीं। अगर रैश कम नहीं हुए हैं तो इन उत्पादों का इस्तेमाल बंद कर दें। [१६]
  3. अगर ब्रा काफी बड़ी या बहुत छोटी है तो, वह स्तनों के नीचे की त्वचा में जलन तथा रैशेज़ को बढ़ावा देते हैं। कॉटन ब्रा खरीदें जिसमें बढ़िया क्वालिटी की इलास्टिक का इस्तेमाल किया गया हो। ऐसी ब्रा न खरीदें जो सिन्थेटिक कपड़ों से बनी हो, क्योंकि उसे पहनने से त्वचा में जलन होती है। अगर आपको अपनी ब्रा की साइज़ ठीक से पता नहीं है तो, आपके क्षेत्र में स्थित किसी अंडरगार्मेंट की दुकान में जाएं और सेल्स गर्ल से अपना नाप लेने के लिए अनुरोध करें। [१७]
    • अगर हो सके तो अंडरवायर ब्रा (Underwire Bra) पहनना अवॉइड करें, या ध्यान रखें कि वह कहीं से भी आपकी त्वचा को चोट या जलन न पहुँचाएं।
  4. सूती कपड़ा (Cotton fabric) स्तनों के नीचे की नमी को कम कर सकता हैं। दूसरे फैब्रिक के मुकाबले यह अधिक हवादार होते हैं और बड़ी सरलता से नमी को सोख लेते हैं। इसलिए हमेशा 100% कॉटन से बने कपड़े ही पहनें। [१८]

चेतावनी

  • स्तनों के नीचे रैशेज़ होना ज्यादातर मोटे, मधुमेह से पीड़ित (Diabetic), और स्तनपान (breastfeeding ) करने वाली महिलाओं में आम बात है।
  • स्तनों के नीचे की त्वचा पर खुजली करने से त्वचा पर खरोच आती है और इससे जलन हो सकती है।

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