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अपनी पसंद की फिटिंग से लेकर, अपने पसंद के मटेरियल तक, ऐसी न जाने कितनी ही वजहों के चलते, हो सकता है कि आप अपने कपड़ों को खुद से बनाना चाहते हों। अगर आपको फैशन डिजाइनिंग में इंटरेस्ट है, आपके मन में ऐसे कुछ डिजाइन चल रहे हैं, जो आप अपने लिए बनाना चाहते हैं या फिर बस आपको अपने पास मौजूद कुछ कपड़ों में थोड़ा ऑल्टरेशन करना चाहते हैं, फिर कपड़े को एकदम शुरुआत से सिलना सीखना, आपके लिए काफी मददगार होगा। अपने कपड़ों को अपने हिसाब से बनाने के लिए जरूरी नहीं कि आपको एकदम दर्जी की तरह ही सब आता हो।

विधि 1
विधि 1 का 4:

कपड़े बनाने के बेसिक्स सीखना (Learning the Basics)

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  1. उन सभी टूल्स का इस्तेमाल करना सीखें, जिनके साथ में आपको काम करना होगा: कपड़े बनाने के लिए सिलाई वाले कई सारे टूल्स, पैटर्न बनाने के टूल्स की जरूरत होगी और साथ ही आप पर फिट आने वाले पैटर्न को मापने के टूल्स की जरूरत भी होगी। आपको हर एक टाइप के टूल के बारे में और उसे यूज करने के बारे में सीखना होगा। शुरुआत में, शायद आप सभी टूल्स के साथ में कम्फ़र्टेबल न महसूस करें, लेकिन आप जितनी ज्यादा प्रैक्टिस करेंगे, ये आपके लिए उतने ही आसान बनते जाएंगे।
    • आयरन और आयरनिंग बोर्ड। आपके पास में जिस भी क्वालिटी का आयरन हो, उसे यूज करना भी ठीक रहता है, लेकिन आपको शायद एक ज्यादा बेहतर क्वालिटी के आयरन के ऊपर इन्वेस्ट करने की जरूरत भी पड़ सकती है। आप कपड़े को सिलते समय उसे प्रैस करने के लिए आयरन का यूज करेंगे, क्योंकि ये सभी सिलाई को सही तरीके से ओपन रखने की पुष्टि करता है।
    • सीम रिपर (Seam ripper): इसे आप गलती से कहीं पर गलत सिलाई या टांके हो जाने पर उस खोलने के लिए इस्तेमाल करेंगे।
    • फेब्रिक पर निशान बनाने के लिए एक चॉक, ताकि आपको पता रहे कि कहाँ से सिलना है और कहाँ पर कट करना है।
    • आपको एक अच्छी, तेज धार वाली कैंची की जरूरत होगी जिसे आप केवल कपड़े ही काटने के काम में यूज करें, नहीं तो कैंची काफी तेजी से डल हो जाएगी और फेब्रिक को डैमेज करेगी या फिर कपड़े के धागे उखड़ने शुरू हो जाएंगे।
    • अपने पैटर्न को बनाने और सिलाई करते समय पैटर्न को मॉडिफ़ाई करने के लिए ट्रेसिंग पेपर।
    • अपने कपड़े को बनाते समय (डिजाइन स्टेज पर भी और सिलाई करने वाली स्टेज के लिए भी) ड्राफ्टिंग और माप लेने के लिए रुलर्स या स्केल।
    • टेप मेजरिंग, खासतौर से एक फ्लेक्सिबल या आराम से मुड़ने वाला मेजरिंग टेप। आप मेजरमेंट्स लेने के लिए और जरूरत पड़ने पर एडजस्टमेंट्स को फिट करने के लिए इसे यूज करेंगे।
    • सिलाई करने से पहले फेब्रिक को उसकी जगह पर बनाए रखने के लिए पिन। पिन को बहुत ही कम यूज किया जाना चाहिए, क्योंकि इनकी वजह से आपका कपड़ा खराब हो सकता है।
  2. आमतौर पर दो तरह की सिलाई मशीन उपलब्ध हैं, एक होती है घरेलू/डोमेस्टिक यूज केटेगरी में और दूसरी इंडस्ट्रियल यूज या बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाने की केटेगरी में आती है। इन दोनों ही केटेगरी के अपने कुछ फायदे और कुछ नुकसान हैं, इसलिए आपकी जरूरत के अनुसार कौन सी मशीन आपके लिए फिट बैठने वाली है, इसे डिसाइड करने में आपको थोड़ा समय लेना होगा। [१]
    • हाउसहोल्ड सिलाई मशीन ज्यादा पोर्टेबल और ज्यादा वर्स्टाइल होती है, मतलब वो आसानी से कहीं भी शिफ्ट हो सकती है। इनमें कई तरह के टांके या स्टिच यूज किए जा सकते हैं। हालांकि, स्पीड और पॉवर के मामले में ये उतनी अच्छी तरह से काम नहीं कर सकती हैं और ये बहुत ज्यादा हैवी कपड़े के लिए ज्यादा अच्छी नहीं होती हैं।
    • इंडस्ट्रियल सिलाई मशीन कहीं ज्यादा पॉवरफुल और काफी तेज होती हैं, लेकिन इनमें केवल एक ही टाइप के टांके (जैसे कि स्ट्रेट लॉकस्टिच) सिले जा सकते हैं। ये केवल इसी एक तरह के टांके को अच्छी तरह से कर सकती हैं, लेकिन ये ज्यादा वर्स्टाइल नहीं होती हैं। ये कमरे की काफी ज्यादा जगह भी घेरती हैं।
  3. उम्मीद है कि आपकी सिलाई मशीन के साथ में एक इन्सट्रक्शन मैनुअल भी आया होगा, क्योंकि यही है, जो बताएगा कि बॉबिन किस दिशा में घूमेगी और बॉबिन का केस कहाँ पर है। हालांकि, अपने डिजाइन किए कपड़ों को बनाना सीखने से पहले, आपको अपनी सिलाई मशीन के कम से कम कुछ बेसिक फंक्शन की समझ पाने की जरूरत पड़ेगी।
    • स्पूल होल्डर पर धागे की रील लगाई जाती है और ये सिलाई मशीन में जाते हुए धागे की डाइरैक्शन को कंट्रोल करता है। आपके पास मौजूद मशीन के टाइप के अनुसार, आपका होल्डर या तो हॉरिजॉन्टल होगा या फिर ये वर्टिकल भी हो सकता है।
    • बॉबिन (Bobbin) आमतौर पर एक स्पिंडल होती है, जो धागे से भरी होती है। आपको बॉबिन में धागा भरना होगा और उसे बॉबिन केस में (जिसे सुई वाली प्लेट के नीचे पाया जाता है) फिट करना होगा।
    • आपकी सिलाई मशीन में शायद अलग तरह के स्टिच एडजस्टमेंट्स भी हो सकते हैं, जिससे आपको हर एक टांके की लंबाई को निर्धारित करने में, टांकों के सही तरीके से मिलने के लिए जरूरी टेंशन में और अलग-अलग तरह के टांके (अगर आपके पास में अलग-अलग तरह के टांके में सिलने वाली एक मशीन है) पाने में मदद मिलेगी।
    • टेक अप लीवर (take up lever) धागे के टेंशन को कंट्रोल करता है। अगर धागे का टेंशन उसके सही लेवल पर नहीं है, तो धागा बंध जाएगा, जिससे आपकी सिलाई मशीन जाम हो जाएगी।
    • आप चाहें तो अपनी नजदीकी सिलाई की दुकान पर जाकर देख सकते हैं अगर वो क्लास देते हों या फिर और कोई जो सिलाई मशीन को सेटअप करने में आपकी मदद कर सके, या फिर ऐसा कोई फैमिली मेम्बर या फ्रेंड, जिसे इसकी समझ हो।
  4. आप जब कपड़े बनाने की शुरुआत करें, तब आपको ध्यान रखना है कि आप एक सिम्पल सी डिजाइन के ऊपर ही काम करें, नहीं तो आप बहुत जल्दी परेशान हो जाएंगे और इसे बीच में ही बंद कर देंगे। अच्छा होगा अगर आप स्कर्ट बनाने के साथ में शुरू करें, क्योंकि 3-पीस सूट के मुक़ाबले, इन्हें बनाना ज्यादा आसान होता है और इनमें केवल जरा से ही मेजरमेंट्स लेने की जरूरत होगी।
    • आप जब पहली बार इसकी शुरुआत करें, तब बटन या जिपर्स वाले कपड़े बनाने से बचने की कोशिश करें। इलास्टिक बैंड वाले पाजामा या एप्रन बनाएँ। जैसे ही आपको अपने टूल्स और आपकी सिलाई मशीन की समझ मिल जाए, फिर आप इसके आगे बढ़ सकते हैं।
  5. अपने फ़ाइनल पीस को जहां तक हो सके, उतना अच्छा बनाने के लिए अच्छा होगा अगर आप अपने टेस्ट क्लॉथ को पहले से ही तैयार कर लें, ताकि आप आपकी डिजाइन को थोड़ा सा बदल सकें और फिटिंग का बनाने के लिए अपने फ़ाइनल पीस में और भी सारे जरूरी बदलाव कर पाएँ।
    • अच्छा होगा अगर आप फ़ाइनल पीस वाले ही कपड़े से ही सभी स्क्रेप्स का यूज करें।
  6. एक पैटर्न बनाने के लिए सारे जरूरी मेजरमेंट्स को ठीक तरह से लें: फिर भले आप अपने खुद के पैटर्न को तैयार करने की बजाय, कहीं दूसरी जगह मिले पैटर्न का यूज करके कपड़े बना रहे हैं, आपको अभी भी सारे मेजरमेंट्स को ठीक तरह से लेने की जरूरत होगी, ताकि आखिर में तैयार हुआ कपड़ा आपको एकदम परफेक्ट फिट आए।
    • ट्राउजर के लिए, आपको इन मेजरमेंट्स को करने की जरूरत होगी: कमर, हिप (hip), क्रॉच की गहराई और कमर से लेकर नीचे तक पूरे पैर की लंबाई। शॉर्ट्स के लिए, आपके पास मौजूद ट्राउजर के मेजरमेंट्स का यूज करें, केवल इसमें अपनी पेंट की लंबाई को आपकी चाही हुई लंबाई के अनुसार कम कर लें।
    • शर्ट के लिए आपको इन मेजरमेंट्स को करने की जरूरत होगी: गर्दन, छाती, कंधे की चौड़ाई, बाँहों की लंबाई, आर्महोल या बांह के छेद की लंबाई और शर्ट की लंबाई।
    • स्कर्ट के लिए, आपको बस कमर और हिप का माप लेने की जरूरत होगी। स्कर्ट की लंबाई और फुलनेस आपके द्वारा बनाए जा रहे स्कर्ट के अनुसार बदल भी सकता है।
विधि 2
विधि 2 का 4:

एक पैटर्न चुनना (Picking a Pattern)

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  1. आपके द्वारा लिए गए मेजरमेंट्स का इस्तेमाल करके अपने गारमेंट के लिए एक पैटर्न स्केच करें। सही डिजाइन और लेआउट के लिए एक इसी तरह के गारमेंट का गाइड की तरह इस्तेमाल करें। ऐसी कई सारी जगह हैं, जहां से आप पैटर्न के लिए आइडिया पा सकते हैं।
    • सेकंड हैंड स्टोर्स और सिलाई वाली शॉप पर अक्सर मजेदार विंटेज पैटर्न (खासतौर से ड्रेस के लिए) मिल जाते हैं और ऑनलाइन आपको कई सारे आसान पैटर्न देखने को मिल जाएंगे।
  2. अपने चुने हुए फेब्रिक को एक बड़ी, सीधी सतह पर रखें और फेब्रिक पर पैटर्न पीस को रखें: अपने पैटर्न पीस को किस तरह से बिछाना है, इसे तय करने के लिए आपको बड़ी सावधानी के साथ प्लानिंग करने की जरूरत पड़ेगी।
    • कपड़े के सीधे वाले साइड को एक-दूसरे की तरफ करके, हर एक किनार को किनार से मिलाते हुए फेब्रिक को फ़ोल्ड करें। ये किनारें फेब्रिक की फिनिश्ड किनार होती हैं, जो उसे खुलने से रोके रखती है। कपड़े को इस तरह से मोड़ना, डबल पैटर्न पीस (स्लीव्स, लेग्ज बगैरह) और बड़े सिमिट्रिकल पैटर्न पीस के लिए एक आसान कटिंग प्रोवाइड करेगा।
    • अगर आपके पास में एक ऐसा बड़ा पैटर्न पीस है, जो सिमिट्रिकल है और उसे बीच से (जैसे कि, शर्ट के पीछे के हिस्से) मोड़ा जा सकता है, फिर पैटर्न के पीस को बीच से मोड़ें और फिर पैटर्न के मोड़े हुए भाग को फेब्रिक की फ़ोल्ड की हुई किनार पर फ़ोल्ड कर दें। ये आपकी काटने की मेहनत को बचा लेगा और फेब्रिक के पीस के एकदम परफेक्टली सिमिट्रिकल होने की पुष्टि करेगा।
    • आपके शरीर पर एकदम फिट आने वाले कपड़े बनाने के लिए, अच्छा होगा अगर आप पैटर्न पीस को थोड़ा सा तिरछा (फ़ोल्ड किए किनार से एक 45 डिग्री के एंगल पर) नीचे बिछाएँ।
    • बिना स्ट्रेच वाले गारमेंट को सिलने के लिए, पैटर्न पीस को फ़ोल्ड की हुई किनार से एक 90 डिग्री के एंगल पर रखें।
  3. आपको सुनिश्चित करना होगा कि आपके कपड़े में कोई भी सिकुड़न न हो, नहीं तो अगर सिकुड़न की वजह से कपड़े का अलाइनमेंट बिगड़ जाता है, ये आपके फ़ाइनल पीस को खराब कर देगा।
  4. ऐसा करने से आपको समझ आएगा कि आपको कहाँ पर काटना है। सुनिश्चित करें कि इस पर अभी भी कोई सिकुड़न नहीं है और फेब्रिक को सही तरीके से अलाइन किया गया है।
  5. ध्यान रखें कि आपको फेब्रिक की दोनों लेयर्स पर काटना है।
  6. अब आप सिलाई करने की प्रोसेस को शुरू करने के लिए तैयार हैं।
विधि 3
विधि 3 का 4:

अपने कपड़े की सिलाई करना (Sewing Your Clothing)

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  1. सिलाई वाली किनारों पर फेब्रिक के पीस को पिन से एक-साथ जोड़ें: तय करें कि आपको कौन सी किनार को एक-साथ सिलना है और कपड़े के 2 पीस को सिलाई वाली किनार पर सीधी साइड को एक-दूसरे की ओर रखकर, पिन से एक-साथ जोड़ें। पिन को किनार से 90 डिग्री के एंगल पर अंदर लगाएँ, ताकि गारमेंट की सिलाई करते समय आपको उन्हें निकालने की जरूरत न पड़े।
  2. फेब्रिक के पीस को एक टाइम पर 1 किनार सिलते हुए, और 1 सिरे को दूसरे सिरे के साथ में तब तक एक-साथ सिलें, जब तक कि आप पूरी तरह से गारमेंट तैयार नहीं कर लेते।
    • ऐसा होने में टाइम लगेगा, इसलिए ऐसा करते समय धैर्य रखने की कोशिश करें। अगर आप से कहीं पर गड़बड़ हो जाती है, तो घबराएँ नहीं, बस यहीं पर सीम रिपर आपके काम आएगा।
  3. आपको सुनिश्चित करना होगा कि आप इस काम के लिए सही सुई और सही धागे का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। अलग तरह का धागा और अलग-अलग तरह की सुई अलग-अलग तरह के फेब्रिक के साथ में अच्छी तरह से काम करते हैं।
    • कॉटन या फ़्लेक्स जैसे नेचुरल फाइबर और रेयॉन या पॉलिएस्टर के जैसे सिंथेटिक फाइबर के लिए मुक़ाबले सिल्क या वूल या एल्पेका जैसे एनिमल या जानवरों वाले अलग-अक्ग तरह के लिए फाइबर फेब्रिक्स के लिए आपको अलग-अलग तरह की टेक्निक इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ेगी। एक बात का ध्यान रखें कि आपको पता होना चाहिए कि आप कौन से फेब्रिक का इस्तेमाल कर रहे हैं और इसके साथ में किस तरह की सुई और धागा काम करेगा।
    • आराम से अपने फेब्रिक को मशीन में से निकालें। अपने प्रोजेक्ट को खींचें या धकेले नहीं, क्योंकि मशीन खुद ही इस काम को करेगी और फिर आप आपकी सिलाई मशीन को क्लोग कर देंगे और अपने गारमेंट को बर्बाद कर देंगे।
  4. क्लीन, फिनिश किनार के साथ में अपने कपड़ को पूरा करें।
    • उल्टी साइड को अंदर की तरफ फेस किया रखकर, हेम की चाही हुई चौड़ाई पर किनार को ऊपर फ़ोल्ड करें और फिर फ़ोल्ड को एक-साथ फ़ोल्ड करें। प्रैस की हुई किनार को 1 और बार ऊपर मोड़ें और उसे फिर से दबाएँ। अब, हेम की ऊपरी फ़ोल्ड की हुई किनार को ऊपर के साथ, कपड़े के अंदर की तरफ में सिलें।
  5. ये बटन से लेकर एलास्टिक, जिपर्स से लेकर कई तरह की मजेदार एम्ब्रोयडरी तक या फिर कुछ खास तरह के टांके जैसा कुछ भी हो सकता है। आप सिलाई करने में और अपने खुद के कपड़े बनाने में जितने ज्यादा बेहतर होते जाएंगे, आप फिर अपने फिनिशिंग टच एड करने के साथ में भी उतने ही ज्यादा क्रिएटिव होते जाएंगे।
विधि 4
विधि 4 का 4:

अलग-अलग स्टाइल के कपड़े बनाना (Making Different Styles of Clothing)

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  1. स्कर्ट्स सिलें : जैसे कि कपड़े की हर एक स्टाइल अपने आप में थोड़ी सी अलग होती है, इसलिए ऐसे कुछ पॉइंट्स हैं, जिन्हें आपको आपके द्वारा बनाए जाने वाले कपड़े को और उन कपड़ों को बनाने के तरीके को चुनते समय ध्यान में रखकर चलना होगा। [२]
    • यहाँ पर आपके आपके लिए चुनने के लायक कई तरह के अलग-अलग स्कर्ट मौजूद हैं: ए-लाइन स्कर्ट्स (a-line skirts), सर्कल स्कर्ट (circle skirt), फ्लेयर्ड या फैलने वाले स्कर्ट (flared skirt), गेदर्ड स्कर्ट (gathered skirt), मैक्सी और मिनी स्कर्ट (maxi and mini skirts), पेंसिल स्कर्ट (pencil skirt,) प्लेटेड स्कर्ट (pleated skirt) और ये लिस्ट इसी तरह से बढ़ती जाती है। आपको डिसाइड करना होगा कि आप किस तरह के स्कर्ट को ट्राई करना चाहते हैं। [३]
    • ट्यूब स्कर्ट (tube skirt) एक सबसे बेसिक टाइप का स्कर्ट होता है, जिसके लिए आपको एक इलास्टिक बैंड और फेब्रिक (स्ट्रेच होने वाला ठीक रहेगा) की जरूरत होती है। आप इसे बस एक घंटे में बना सकते हैं और ये काफी मजेदार, पहनने में कम्फ़र्टेबल और आसान होते हैं। [४]
    • स्कर्ट को सिलने का जनरल ऑर्डर है: साइड, सामने और पीछे की सिलाई, जिपर या फिर बंद करने की और कोई मेथड, वेस्टबैंड, हेम।
  2. क्योंकि ट्राउजर बेहद वर्स्टाइल होते हैं और इन्हें लगभग किसी भी तरह के कपड़े से बनाया जा सकता है, लेकिन जैसे ही आपको इनका बेसिक समझ आ जाए, फिर ये एक बेहद अच्छे प्रोजेक्ट बन जाते हैं। आप चाहें तो इलास्टिक वेस्टबैंड वाले ट्राउजर बनाकर इन्हें बहुत आसानी से बना सकते हैं या फिर आप जिपर और बटन और वेस्टबैंड के साथ इन्हें थोड़ा ज्यादा मुश्किल भी बना सकते हैं।
    • जींस (या फिर और कोई दूसरा ट्राउजर) के पेयर को सिलने के एक जनरल ऑर्डर में: पॉकेट, साइड, सामने और पीछे की सिलाई, जिपर या और कोई दूसरी बंद करने की मेथड, वेस्टबैंड, हेम शामिल हैं।
  3. बनाने के लिए न जाने कितनी ही सारी अलग-अलग तरह की ड्रेस उपलब्ध हैं, जिनमें कुछ शॉर्ट, स्वीट समर कॉटन से लेकर एक लंबी फ़्लो होती हुई बॉल गाउन तक शामिल है। ड्रेस बनाना एक स्कर्ट बनाने के मुक़ाबले काफी मुश्किल हो सकता है, इसलिए आपको तब तक के लिए इन्हें बनाने से बचना होगा, जब तक कि आपको बेसिक्स समझ में न आ जाएँ।
    • एक ड्रेस बनाने के एक जनरल ऑर्डर में: इंटरफेसिंग, शेपिंग शोल्डर, साइड सीम, हेम के अलावा ड्रेस का टॉप पार्ट, ड्रेस का बॉटम पार्ट, पीछे और सामने की सिलाई शामिल है। फिर स्कर्ट के बॉटम को वेस्टलाइन से ड्रेस के ऊपर के भाग से जोड़ें, जिपर या बटन के छेद, हेम अटेच करें।
  4. हालांकि इसे बनाने में बहुत मजा आता है, लेकिन ये थोड़े से ज्यादा मुश्किल हो सकते हैं, क्योंकि इसमें आपको बटन की और कर्व या घुमाव (क्योंकि आप इसमें आपकी गर्दन और आपके कंधे के साथ में बनी हुई लाइन के साथ में सिलाई करेंगे) को सिलने की जरूरत पड़ेगी। इसके साथ ही ऐसे और भी कई पैटर्न वफ़े पीस मिल जाएंगे, जिन्हें भी आपको बनाने की जरूरत पड़ेगी।
    • ऊपर से बिना कोई बटन या पॉकेट वाले ओवर निट टॉप बनाना, सबसे आसान टाइप का टॉप होता है।
    • आपके द्वारा शर्ट (या जैकेट) को बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एक जनरल ऑर्डर में: इंटरफेसिंग, शेपिंग शोल्डर, जिपर्स या बटन वाले छेद, कंधे की सिलाई, साइड वाली सिलाई, गर्दन और सामने की किनार, आर्महोल, स्लीव, हेम शामिल हैं।
  5. जैकेट और कोट्स बनाने के लायक सबसे मुश्किल टाइप के कपड़े होते हैं। ये एक ऐसी चीज हैं, जिन्हें बनाने से पहले आपको तब तक इंतज़ार कर लेना चाहिए, जब तक कि आपको कपड़े की सिलाई का अच्छा-खासा एक्सपीरियंस नहीं हो जाता, क्योंकि इनमें बटन और पॉकेट शामिल होते हैं, स्ट्रेट लाइन की बजाय कॉन्टोर पर काम करना होता है और इनमें कई सारे पैटर्निंग पीस बनाना होता है।
    • सबसे आसान जैकेट के टाइप में एक ऐसा टाइप शामिल होता है, जिसमें लाइनिंग न हों या फिर जिसमें स्लीव्स को न सिला जाना शामिल हो।

सलाह

  • कपड़े से पैटर्न पीस काटने से पहले फेब्रिक को धोएँ और सुखा लें। ऐसा करने से कपड़े में जितनी भी सिकुड़न आना होगी, वो आ जाएगी।
  • अगर आप पैटर्न में पॉकेट भी शामिल करना चाहते हैं, तो गारमेंट के फेस को एक-साथ सिलने के पहले, इन्हें फेब्रिकेटेड और जगह पर पिन लगाकर रखा जाना चाहिए।
  • सबसे पहले डिजाइन बनाएँ और फिर इसे एक मेनेक्विन (प्लास्टिक के पुतले) पर ट्राई करें।
  • जब फेब्रिक पर पैटर्न पीस को बिछाएँ, तब फेब्रिक के प्रिंट का ख्याल रखें। अगर आपको कोई भी मैचिंग का काम करना है, तो फिर आपको पैटर्न पीस के प्लेसमेंट के ऊपर काफी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होगी।
  • ऐसी सलाह दी जाती है कि आप आपके चुने हुए कपड़े पर डिजाइन काटने के पहले एक बार किसी बेकार कपड़े पर उस पैटर्न को काटने की प्रैक्टिस करके देख लें। इस तरह से आप बाद में अपने पैटर्न में अपनी फिटिंग के अनुसार जरूरत के अनुसार किसी भी तरह के एडजस्टमेंट्स कर सकेंगे।
  • पैटर्न बनाते समय अपने मेजरमेंट्स में सिलाई के लिए जगह छोड़ने का भी ख्याल रखें। जैसे कि अगर आप एक 0.5 इंच (1.27 cm) की सिलाई की जगह दे रहे हैं, तो फिर आपको हर एक सिलाई के बाद में 1 इंच (2.54 cm) फेब्रिक को एक्सट्रा छोड़ेंगे। ठीक ऐसा ही हेम के लिए भी करें।

चेतावनी

  • काम पूरा होने के बाद अपने आयरन को बंद करना न भूलें, नहीं तो आप गलती से खुद को या फिर किसी दूसरी चीज को जला बैठेंगे।

चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • टेप मेजर (Tape measure)
  • पेंसिल
  • पैटर्न पेपर
  • फेब्रिक
  • आयरन
  • फेब्रिक पिन
  • सिलाई मशीन
  • धागा
  • फिनिशिंग टच (बटन, जिपर, इलास्टिक बगैरह)

विकीहाउ के बारे में

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