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पुराना दर्द (Chronic pain) एक ऐसी अवस्था है जो चोट लगने या इलाज के बाद तीन महीने या उससे भी अधिक समय से जारी रहती है | तीव्र दर्द का अनुभव चोट के लिए तंत्रिका तंत्र द्वारा दिये नेचुरल रिस्पांस से होता है | जीर्ण दर्द में दर्द लगातार असामान्य रूप से बना रहता है, पीड़ित व्यक्ति को थकाने वाला और परेशान करने वाला हो सकता है | कुछ मामलों में चोट, बीमारी या संक्रमण रहने के कारण दर्द हो सकता है हालांकि अन्य लोगों में जीर्ण दर्द इन घटनाओं के बिना भी होता है | जीर्ण दर्द पीड़ित को समझने के लिए आपको जीर्ण दर्द के बारे में जानना चाहिए, उनके सहयोगी रहते हुए समझें कि क्या बोलना है और क्या नहीं।

विधि 1
विधि 1 का 3:

जीर्ण दर्द के बारे में जानें (Learning about Chronic Pain)

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  1. प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति का दर्द का अनुभव अलग होता है | यदि व्यक्ति दर्द और रोज दर्द से कैसे जूझता है उसके बारे में बात करे तो आपको इसे समझने में मदद मिल सकती है, जितना आप पीड़ित के बारे में जिससे वह गुजर रहा है जानेंगे उतना ही आप समझ पाएंगे कि उसके लिया क्या अच्छा है |
    • जानें कि क्या पीड़ित व्यक्ति को पीठ के भारीपन या कोई गंभीर संक्रमण या गठिया, डायबिटिक न्यूरोपैथी, या अन्य किसी नर्व डैमेज के कारण दर्द हो रहा है | जानें दर्द कब शुरू हुआ और कुछ रिसर्च करें या ऐसे ही सामान परेशानी वाले लोगों के बारे में पढ़ें |
    • कभी कभी डॉक्टर दर्द का मूल कारण पता नहीं कर पाते जो की मौजूद है |
    • जीर्ण दर्द से पीड़ित व्यक्ति से ऐसी चीजों पर बात ना करें जिस पर वह बात नहीं करना चाहते ऐसा करने से उनको और बुरा महसूस होगा |
    • सामान्य जीर्ण दर्दो में सर दर्द (Headache), कमर दर्द (Lower back pain), जोड़ों का दर्द (Arthritis), केंद्रीय या पेरिफेरल तंत्रिका क्षति (peripheral nerves or the central nervous system) का दर्द या अज्ञात कारण से दर्द आदि शामिल है।
    • किसी व्यक्ति में एक साथ एक से अधिक जीर्ण दर्द हो सकते हैं जैसे कि क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (chronic fatigue syndrome), एंडोमेट्रियोसिस, कटिस्नायुशूल (sciatica), परिधीय न्यूरोपैथी (peripheral neuropathy), या आंत्र रोग (inflammatory bowel disease) या अवसाद |
    • इस बात को समझें कि पीड़ित कैसा महसूस कर रहा है उसको शब्दों में नहीं बता सकता हो याद करें कि जब आपको दर्द हुआ हो और सोचें कि ऐसा दर्द चौबीस घंटे और लगातार जीवन भर रोज बिना राहत के रहे | उस तरह के दर्द को शब्दों में बता पाना मुश्किल होता है |
  2. दर्द की तीव्रता मापने एक संख्यात्मक दर्द स्केल का उपयोग किया जाता है जिससे स्वास्थ्य सेवा देने वाले उनके द्वारा दिए उपचार के प्रभाव को जांच सकें | दर्द के स्तर को 1 से 10 अंको में बांटा जाता है जिसमे 1 "कोई दर्द नहीं और अच्छा लग रहा है" और 10" बहुत तेज़ दर्द और बुरा लग रहा है" सामने वाले से पूछें इस स्केल में वो किस जगह हैं |
    • यदि पीड़ित बोलता है कि वह ठीक है तो ऐसा ना समझें कि उसे कोई दर्द नहीं हो रहा है कई बार कम समझ पाने के कारण पीड़ित दर्द छुपाते हैं |
    • जब आप उनसे उनके दर्द के स्तर के बारे में पूछते हैं तो जीर्ण दर्द पीड़ित, दर्द के सही स्तर को बताने में अक्षम होता है चूँकि उनका दर्द पुराना है उनको एक निश्चित दर्द सहने की आदत हो जाती है, इसलिए वो बस यही बताते हैं कि सामान्य दर्द है या दर्द नहीं है | वह जब तीव्र दर्द होता है तभी दर्द के सही स्तर को बता पाते हैं जबकि "सामान्य" स्तर के दर्द को रोज सहन करते हैं इसलिए जब कोई अलग तरह का दर्द (जैसे: "एकिंग (aching)" के बजाय "शूटिंग", " थ्रोबिंग" के बजाय "बर्निंग") होता है तब बता पाते हैं |
  3. जब आपको फ्लू होता है, तो आप शायद कुछ दिनों या हफ्तों के लिए दुखी महसूस करते हैं और काम कर सकने की भी पूरी कोशिश करते हैं | गंभीर दर्द पीड़ित शायद लंबे समय से भयानक महसूस कर रहे होते हैं क्योंकि उन्होंने अपनी क्षमताओं का उपयोग करके अपने दर्द को दबा रखा है और उनमे हो सकता है अब सामान्य रूप से कार्य करने की शक्ति ना हो |
  4. कई बार लम्बे समय तक दर्द के चलते भी डिप्रेशन हो जाता है जिसे सेकेंडरी डिप्रेशन (secondary depression) कहते हैं (क्या लगातार महीनों या वर्षों तक पीड़ा होने से आप अवसाद में या कमजोर नहीं होंगे?) | पुराने दर्द के कारण आपको अवसाद हो सकता है या फिर अवसाद के कारण दर्द जीर्ण हो सकता है | [१]
    • अवसाद के कारण लोग अपनी भावनाएं कम दिखाते हैं, वो दर्द को छुपा लेते हैं क्योंकि पीड़ित उसे दिखाना बंद कर देता है | [२] हमेशा अवसाद के लक्षणों को पहचानें और भ्रमित ना हों कि पीड़ित को दर्द कम हो रहा है।
    • अवसाद लोगों में ज्यादा भावनाएं दिखाने का कारण भी हो सकता है (रोना, आंसू आना, चिंतित रहना, चिडचिडा होना, अकेलापन, निराश रहना, भविष्य के लिए चिंतित होना, जरा में उत्तेजित होना, गुस्सा आना, ज्यादा बोलना, नींद में कमी ) ऐसा दिनों दिन घंटो और मिनट मिनट में परिवर्तित होता रहता है |
    • किसी को जीर्ण दर्द के साथ छोड़ देना सबसे बुरा होता है और पीड़ित के अवसाद में जाने का ये भी एक कारण होता है जिससे वह अकेलापन और निराशा महसूस करता है | आपको उनका सहयोग करना चाहिए और साथ देने की कोशिश करनी चाहिए |
  5. कई बीमारियों में परिस्थितियों के स्पष्ट संकेत दिखेंगे, जैसे पक्षाघात बुखार या टूटी हुई हड्डियां | हालांकि पुरानी पीड़ा में यह बताने का कोई तरीका नहीं है कि किसी व्यक्ति को किसी भी समय में मूवमेंट करने में कितनी परेशानी हो रही है | ना आप इसे हमेशा चेहरे पर ना ही शारीरिक भाषा में पढ़ सकते हैं |
    • दिन व दिन पीड़ित ये नहीं जान सकता कि अगले दिन वह कैसा महसूस करने वाला है प्रत्येक दिन जैसा भी होगा उसे सामना करना होगा, ये भ्रमित कने वाला हो सकता है परन्तु पीड़ित के लिए बहुत कष्टदायी होता है |
    • पीडित 10 मिनट खड़ा हो सका है तो इसका मतलब ये नहीं है कि वह 20 मिनट या एक घंटा भी खड़ा हो सकता है या फिर कल वह जैसे तैसे 30 मिनट खड़ा हो सका है तो वैसा ही आज कर सकता है |
    • मूवमेंट ही एक मात्र सीमा नहीं है जिससे जीर्ण रोगी झूझता है बल्कि चलना, बैठना, ध्यान केन्द्रित करना और सामाजिक होने में भी परेशानी होती है |
    • समझदारी से काम लें अगर जीर्ण रोगी बोलता है कि उसको बैठना है, लेटना है, बिस्तर में ही रहना है या ये दवा अभी खानी है | इसका मतलब शायद उनके पास और कोई विकल्प नहीं है पुराना दर्द इंतज़ार नहीं करता है इसलिए उनकी बात को समझें और सिर्फ इसलिए कि आप किसी काम में व्यस्त हैं उन्हें ऐसे ही नहीं छोड़ सकते |
  6. बेचैनी, चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग्स, हाथों की झुकाव, कराहना, नींद में परेशानी, दांत पीसने, एकाग्रता की कमी, गतिविधि में कमी और शायद आत्मघाती विचारों (suicidal thoughts) को लिखना भी परेशानी या दर्द का संकेत हो सकता है। वे क्या कर रहे हैं इसके प्रति संवेदनशील रहें | [३]
  7. आप सोच सकते हैं कि पीड़ित व्यक्ति डॉक्टर के पास जाता है क्योंकि उसको लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचना होता है या उसे अच्छा लगता है | लेकिन वास्तव में वह अपने जीवन को सुधारने खासकर दर्द का कारण का पता करने ऐसा करता है जो उसको नहीं पता है | कोई उनकी तरह महसूस नहीं करना चाहता है लेकिन उनके पास विकल्प नहीं होता है |
  8. दर्द के बारे में किसी को बताना बहुत कठिन होता है ये केवल हमें ही महसूस होता है और ये मनोवैज्ञानिक और शारीरिक दोनों भागों पर आधारित होता है, यहां तक कि यदि आप बहुत सहानुभूति रखते हैं, तो कभी भी यह न मानें कि आप वैसा ही जानते हैं जैसे उस व्यक्ति को लग रहा है | निश्चित रूप से, आप जानते होंगे कि यह आपके लिए कैसा महसूस करता है लेकिन हम में से प्रत्येक व्यक्ति अलग है, और किसी व्यक्ति की त्वचा के अंदर जाना और उनके दर्द को महसूस करना असंभव है |
विधि 2
विधि 2 का 3:

सहयोग करें

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  1. सहानुभूति होने का मतलब है कि आप उनकी आंखों से दुनिया को देखकर उनकी भावनाओं, दृष्टिकोण और व्यवहार को समझने का प्रयास करते हैं | आप इस समझ का उपयोग उस व्यक्ति को क्या बोलना है क्या करना है गाइड करने में करते हैं पुरानी पीड़ा वाले लोग कुछ तरीकों से आपके से अलग हैं लेकिन बहुत अधिक आपके जैसे हैं, इसलिए आप सामान्य बातों पर ध्यान केंद्रित करें और अंतरों को समझने की कोशिश करें | [४]
    • बीमार होने का मतलब ये नहीं है कि पीड़ित इंसान नहीं है यद्यपि पीड़ित बहुत अधिक समय दर्द सहन करने में गुजारता है लेकिन फिर भी वह वही चाहता है जो एक स्वस्थ्य व्यक्ति चाहता है | वह परिवार, दोस्तों, के साथ छोटी छोटी गतिविधियों और काम को एन्जॉय करना चाहता है |
    • पुराने दर्द से पीड़ित व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है कि शरीर के अन्दर फंस गया है जिस पर उसका बहुत ही कम या कोई नियंत्रण नहीं है | दर्द उनको ख़ुशी से दूर रखता है और अवसाद. दुःख, असहाय जैसी भावनाओं को बढाता है |
    • याद करने की कोशिश करें कि आप कितने भाग्यशाली हैं कि आप शारीरिक रूप से उन सभी चीजों को करने में सक्षम हैं जो आप कर सकते हैं | तो कल्पना करें कि यदि आप ये ना कर पाएं तो ?
  2. व्यक्ति जो दर्द होने पर भी पूरी कोशिश कर रहा है उसका सम्मान करें: वह आपके सामने खुश रहने, सामान्य दिखने का प्रयास कर सकते हैं | जितनी उनकी क्षमता है उस अनुसार अपनी जिंदगी जीने पूरी कोशिश करते हैं | ध्यान रखें कि जब कोई जीर्ण दर्द से पीड़ित बोलता है कि उसे दर्द हो रहा है तो इसका मतलब उसे सच में हो रहा है |
  3. जीर्ण दर्द पीड़ित के लिए आप एक सबसे अच्छी चीज कर सकते हैं कि आप उनकी बातें ध्यान से सुनें | अच्छे से सुनने के लिए आप उनकी बातों पर ध्यान दें और समझें कि उनके अन्दर क्या चल रहा है ताकि आप समझ सकें कि वो कैसा महसूस कर रहे हैं और वास्तव में क्या चाहते हैं |
    • स्पष्ट करें कि आप सुनना चाहते हैं जो उन्हें क्या कहना है। पुरानी पीड़ा वाले बहुत से लोग महसूस करते हैं कि अन्य लोग उन पर विश्वास नहीं करेंगे या कमजोर होने के लिए उनका मजाक उड़ायेंगे |
    • समझने का प्रयास करें जो वह छिपा रहे हैं उनके बॉडी लेंगुऐज और आवाज के स्वर से जाने का प्रयास करें जो वह दबा रहे हैं |
    • अपने आप को खुलने की अनुमति दें: शेयर करने का मतलब है कि आप दोनों एक दुसरे को कुछ दें | सामने वाले से अच्छा बांड स्थापित करने जरुरी है महत्वपूर्ण चीज़ें शेयर करें अपनी वास्तविक भावनाएं, अनुभव, विचार भी शेयर करें |
    • पढ़ें अच्छे श्रोता कैसे बनें अच्छे श्रोता बन्ने के लिए पढ़ें |
  4. धैर्य रखें: यदि आप अपने आप को अधीर पाते हैं और पीड़ित के बारे में "अब चलो छोड़ो" सोच रहे हैं, आप उस व्यक्ति जो दर्द से पीड़ित है उसको बीमारी से कैसे सामना करे इस अधर में छोड़ रहे हैं वो आपके बताये अनुसार सब करने का सोच रहे हों पर हो सकता है कि उनकी सामना करने की शक्ति ना हो |
    • पीड़ित ज्यादा स्पर्शी लगे तो भी उससे भागें नहीं क्योंकि उन्होंने बहुत कुछ सहा होता है और जीर्ण दर्द उनके शरीर और मन को तोड़ देता है ये दर्द का सामना करने की पुरजोर कोशिश करते हैं इसलिए जैसे हैं उन्हें वैसे ही एक्सेप्ट करें |
    • जीर्ण दर्द से पीड़ित व्यक्ति लास्ट मिनट में पुराने कमिटमेंट से मुकर सकता है ऐसा होता है इसलिए कृपया पर्सनल नहीं लें |
  5. पुराने दर्द से पीड़ित व्यक्ति उन लोगों पर जो बीमार नहीं हैं और स्वस्थ्य हैं उनसे घर पर या विजिट के दौरान सहयोग की उम्मीद रखते हैं | कई बार नहाने, कपडे पहनने, और अपनी देखभाल आदि के लिए भी मदद चाहते हैं | डॉक्टर के पास जाने मदद चाहते हैं | आप उनकी और जीवन की "सामान्यता" की लिंक बन सकते हैं इसलिए उनकी जीवन के भागों से जुड़ने में मदद कीजिये और उनको वो सब करने में मदद कीजिये जो वो करना चाहते हैं |
    • कई लोग मदद करने की पेशकश करते हैं लेकिन जब जरुरत होने पर नहीं पहुँचते हैं इसलिए ये ध्यान रखें पीड़ित जिसकी आपको परवाह है उसके सहायता के लिए बुलाने पर आप वहां हों |
  6. यदि आप पीड़ित के साथ रहते हैं या लगातार उसकी देखभाल करते हैं तो आपको अपने जीवन में संतुलन बनाये रखना होगा | यदि आप पीड़ित की देखभाल के साथ अपनी आवश्यकताओं, अपने स्वास्थ्य, कार्य और जीवन गतिविधिओं को ध्यान नहीं देते हैं तो इससे आप नीचे जाते जायेंगे | दुसरे व्यक्ति की केयर करते हुए खुद को पूरा झोंक नहीं दें जितनी केयर करनी है करें परन्तु साथ में अपनी केयर भी जरुर करें |
  7. यद्यपि पुराने दर्द से पीड़ित व्यक्ति बदल गया है ऐसा वह भी सोचता है पर ध्यान रखें अभी वह कैसे हैं और पहले जो भी किया हो उससे उनका दर्द बड़ा होगा | वह अभी भी बुद्धिमान हैं और काम करते हुए अच्छा जीवन जिए हैं और प्यारे हैं और अभी उनके पास कोई विकल्प नहीं था | दयालु और विचारशील बनें और संरक्षक नहीं बनें |
    • पीड़ित व्यक्ति से किसी बात मनवानेके लिए जबरदस्ती करने पर वह बुरा महसूस करते हैं और उनको लगता है कि आप उनको समझ नहीं रहे हैं | जो पुराने दर्द से पीड़ित हैं वो पहले से ही बहुत कुछ झेल रहे हैं इसलिए उनको समझने की कोशिश करें कि वह क्यों बात नहीं मान रहे हैं |
  8. सिर्फ इसलिए कि कोई व्यक्ति कुछ गतिविधियों को अक्सर नहीं कर सकता है या इससे पहले भी रद्द कर दिया है इसका मतलब यह नहीं है कि आपको उनसे ज्वाइन करने के लिए पूछना नहीं चाहिए या उनसे प्लान छिपाना चाहिए | हो सकता है पीड़ा कम मैनेज करने लायक हो और दर्द कम हो इसलिए उनसे बराबर पूछते रहना चाहिए |
  9. ये बताने कि बजाय कि दर्द कैसे ठीक होगा आप उनसे सहानुभूति बनाएं और गले लगायें और उन्हें अहसास कराएं कि आपको उनकी परवाह है | वैसे तो वह कई डॉक्टरों से दर्द को ठीक करने के लिए उनको सलाह पहले ही मिलती रही है |
    • कई बार किसी के कंधे पर हाथ रखना ही सामने वाले को आराम देने में मदद करता है इसलिए सभ्य बनें और मदद करने जुड़े रहें |
विधि 3
विधि 3 का 3:

जानें क्या बोलना सही है

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  1. समझें कि जीर्ण दर्द हमेशा बदलता रहता है और जोशीली बातें जीर्ण दर्द पीड़ित को उत्तेजित और हतोत्साहित कर सकती है | अगर आप उनके लिए कुछ करना चाहते हैं तो उनसे पूछिये और उनके उत्तर का सम्मान कीजिये |
    • ऐसा कहने से बचें: "ये आपने पहले भी किया है" or "अरे, चलो मुझे पता है आप ऐसा कर सकते हो"
    • जितना संभव हो उतना सक्रिय रहना और चलने, बाइकिंग जैसे गतिविधियों में भाग लेना मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द को कम करने में मदद कर सकता है, कभी कभी स्थायी बने रहने से दर्द और भी ख़राब हो जाता है फिर भी कसरत और शुद्ध हवा की महत्ता पर उपदेश ना दें | एक पुरानी पीड़ा से पीड़ित के लिए, ये चीजें दर्द में मदद नहीं करती हैं और अक्सर इसे बढ़ा सकती हैं | उनको बोलना कि कसरत करना चाहिए या कुछ ऐसा करना कि "दिमाग ना चले" उनको हतोत्साहित कर सकता है, यदि उनमे वो सब करने कि क्षमता होती तो वह करते |
    • दूसरी बात जो उनको दुखी कर सकती है: "आपको थोड़ी और मेहनत करनी चाहिए और और कोशिश करो" कभी कभी छोटे समय या लम्बे समय वाली कोई क्रियाविधि करने से भी जीर्ण दर्द से पीड़ित व्यक्ति को नुकसान पहुंचा सकती है और शारीरिक दर्द को बड़ा सकती है |
    • किसी पीड़ित को ऐसा नहीं सुनना चाहता कि "तुम बहुत सेंसिटिव हो", "तुमको इसे ऐसा नहीं ऐसा करना चाहिए" या "तुमको फलां फलां करना चाहिए" | हाँ वह सेंसिटिव हैं लेकिन अभी वह किस दर्द को और कितने दर्द से गुजर रहे हैं या कितनी चिंताओं का सामना कर रहे हैं इसका आपको अंदाजा नहीं है |
  2. जीर्ण दर्द से पीड़ित लगातार डॉक्टर से मिल रहे हैं और उनकी बीमारी को ठीक करने बहुत प्रयास भी कर रहे हैं आपको कोई अलग से सलाह नहीं देना है जबकि आप मेडिकली ट्रेनिंग नहीं लिए हैं आपको नहीं पता है कि सामने वाला व्यक्ति किस दौर से गुजर रहा है |
    • संजीदा रहें यदि आप कोई मेडिसिन या वैकल्पिक उपचार की सलाह दे रहे हैं | नयी मेडिसिन या वैकल्पिक चिकित्सा उपचार के साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं |
    • कुछ पीड़ित आपके सुझावों की सराहना नहीं करेंगे लेकिन ऐसा नहीं है कि वो जल्दी ठीक नहीं होना चाहते बल्कि हो सकता है कि पहले भी ये ट्राई किये हों | हो सकता है कि वो कोई नया उपचार का बोझ नहीं लेना चाहते हों क्योकि वह पहले से ही ज्यादा बोझिल हैं | उपचार सही नहीं लगने पर भावनात्मक रूप से बुरा लगता है और व्यक्ति को और ज्यादा बुरा महसूस होता है |
    • अगर ऐसा कुछ है जो उनके जैसे पुराने दर्द को विशेष रूप से ठीक करने में मदद करता है, तो पीड़ित जब ग्रहणशील लगे और इसे सुनने के लिए तैयार होते हैं तब आप उन्हें बताएं और इसे कैसे प्रयोग में लाते हैं इसके प्रति संवेदनशील रहें |
    • यदि डॉक्टर ने कोई मेडिसिन लिखा है तो उसके ऊपर उपदेश ना दें | दर्द को मैनेज करना बहुत कठिन होता है और कभी कभी पीड़ित को दर्द की ज्यादा मेडिसिन की आवश्यकता होती है सहनशीलता व्यसन नहीं है |
    • जीर्ण दर्द से पीड़ित व्यक्ति द्वारा ली जाने वाली दवाओं के लिए जजमेंटल बनने से बचें |
  3. ऐसा सोचकर कि आप सबसे अच्छा जानते हैं कभी ऐसी बयानवाजी ना करें "अरे ये ज़िन्दगी है इसे ऐसे जिया करते हैं", या "आप धीरे धीरे इससे निकल जाओगे”, “जब तक कि आप इसे अच्छे से नहीं करोगे", या सबसे बुरा, "अब ठीक तो दिख रहे हो", आदि | ये लाइन आपको बीमार व्यक्ति से दूरी बनाने के तरीके हैं इससे बीमार को और बुरा महसूस होता है और आशा से निराशा की ओर जाता है | [५]
    • जो लोग पुराने दर्द के साथ जीते हैं उन्हें पता है कि वे कैसा महसूस कर रहे हैं और अपनी स्थिति के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं, इसलिए पीड़ितों पर ऐसा प्रक्षेपण करने से बचें कि आपको लगता है कि उन्हें क्या महसूस होना चाहिए.
    • कुछ फेंकने वाली लाइनों की बजाय कुछ जीवन के लिए अच्छी बातें करें: "तो मैं आपकी मदद कैसे कर सकता हूं", या "क्या ऐसा कुछ मदद के लिए कर सकते हैं जिससे आपके दर्द में कमी आये " [६]
  4. मत कहो "मैंने पहले यह किया है और मैं अभी ठीक हूं"। यह आपकी समझ की कमी दिखाता है और पुराने दर्द से पीड़ित व्यक्ति को विफलता की तरह लगता है कि वे जो अनुभव कर रहे हैं उसे संभाल नहीं सकते हैं और अन्य इसी स्थिति में बेहतर काम करते होंगे |
  5. जीर्ण दर्द में रहना बहुत पीड़ादायक है लेकिन जब व्यक्ति उनके सामने नकारात्मक बात करे या उनको इसी हालत में छोड़ दे या उनको ना समझे तो पीड़ित का जीवन और कठिन तथा बहुत अकेलापन होता है | लगातार सहयोग और आशा से भरा और स्नेहपूर्ण रहने से उनके लिए अच्छा रहता है |
    • जीर्ण दर्द रोगी को आराम दें और उनको बताएं आप उनके साथ हैं एक सच्चा दोस्त एक जीवन रक्षक है |
  6. पूछें कि पीड़ित उसके उपचार से कितना संतुष्ट है पीड़ित क्या सोचता है उससे ऐसे सवाल पूछना महत्वपूर्ण है कि उपचार संतोषजनक है या दर्द सहन करने योग्य है | [७] लोग उनसे ऐसे सवाल कम ही पूछते हैं जिससे पीड़ित को खुलने में मदद मिल सके |
  7. पीड़ित से "कैसे हैं?" पूछना सिर्फ इसलिए बंद ना करें कि सुनकर अच्छा नहीं लगेगा यही एक मौका है जताने का कि आपको उनकी परवाह है और यदि आपको उनका उत्तर पसंद नहीं आता है तो याद रखें ये उनका उत्तर है ना कि आपका विचार |
    • जब बीमार व्यक्ति अंततः किसी से खुलता है, तो उन्हें यह नहीं बोलना चाहिए कि वे "इसी बारे में बहुत ज्यादा बात करते हैं" या यह "वे बस यही बात करते हैं" | पहचानें कि दर्द शायद उनके जीवन का एक बड़ा हिस्सा है | वे छुट्टियों, खरीदारी, खेल या गपशप जैसी चीज़ों के बारे में बात नहीं करना चाहते हैं |
  8. कभी-कभी शान्ति साझा करना अच्छा होता है, और पीड़ित आपको वहां उनके साथ होने में भी प्रसन्न होता है | आपको हर मिनट को बातचीत से भरने की ज़रूरत नहीं है | आपकी उपस्थिति सब कुछ बयां करती है |
  9. अपनी कमिओं को तथ्यों के आधार पर छिपाने बड़ी बड़ी बातों या बड़े आरोपों का उपयोग ना करें | बहुत बड़े बड़े डॉक्टर भी कभी कभी पुराने दर्द के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं इसलिए ये बोलने में कोई बुरे नहीं है कि "मुझे जानकारी नहीं है " और पता करने की कोशिश करें |

सलाह

  • याद रखें ये उनकी गलती नहीं है, उन्होंने ये दर्द माँगा नहीं है इसलिए जब वो कुछ नहीं कर पाते हैं तो उनको झुंझला देने से उनको बुरा लगेगा |
  • स्टोर घूमने, खाना खाने, मेल करने आदि की पेशकश करें |
  • याद रखें कि दर्द या असुविधा और क्षमताएं एक दिन की अवधि के भीतर भी काफी भिन्न हो सकती हैं |
  • एक मुस्कराहट आपकी अपेक्षा से अधिक बहुत कुछ छिपा जाती है |
  • जीर्ण दर्द रोगी दिखावा नहीं कर रहे हैं और ना ही वो दिखावटी हैं |
  • किसी से डेट करने से पहले उनके ख्याल रखने सम्बन्धी जिम्मेदारियों के बारे में अच्छे से सोच लें और अच्छे से समझ लें कि आप किससे डील कर रहे हैं जरा भी संकोच ना करें और बात अपने आप में ना रखें | या तो आप रिलेशन रखना चाहते हैं या नहीं | जबरदस्ती उनको किसी ऐसे रिलेशन में पुश ना करें | यदि आप किसी हेल्थ प्रॉब्लम वाले की केयर नहीं कर सकते हैं इससे आप बुरे आदमी नहीं बन जायेंगे इसलिए अपने आप की रेस्पेक्ट करें, परन्तु ध्यान रखें जब आप ये ख़त्म कर रहे हैं तो बीमार व्यक्ति को अपराध बोध नहीं हो |
  • भूलें नहीं जीर्ण दर्द से पीड़ित भी उतना ही सामान्य व्यक्ति है जितने कि आप हैं | उनके संघर्ष अलग हैं फिर भी वह ध्यान चाहते हैं और जैसे भी हैं उसका आनंद भी लेना चाहते हैं |
  • हालांकि ये बहुत कठिन है लेकिन किसी व्यक्ति जो कि बीमार है उसकी देखभाल करना ख़ुशी भी दे सकता है, कभी कभी आप उनको अच्छा करते हुए देखते हैं जिसकी आप केयर करते हैं साथ ही दुसरे भी आपको पहचानते हैं और सराहना करते हैं जो भी आप अच्छा कर रहे हैं |
  • पुराने दर्द और उसके साथ ही जुड़े हुए अवसाद और चिंता से दर्द निवारक अफीमउक्त दवा के डोज़ में वृद्धि होती है और इससे दर्द और असहनशील होता है तथा आत्महत्या के खतरे को बढाता है | किसी प्रोफेशनल की सलाह लें यदि दर्द बहुत बढ़ता है और व्यक्ति अवसाद या आत्महत्या की ओर जाये |
  • गंभीर दर्द पीड़ितों को नींद आने में भी परेशानी होती है | नींद या अवसाद के लिए उपचार प्राप्त करने से दर्द में मदद मिल सकती है |

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