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कभी ना कभी क्लास में हम सभी के पेट से गड़गड़ाहट की आवाज़ आती है। लेकिन अगर ऐसा आपके साथ अक्सर होता है तो इससे आपको काफी शर्मिंदगी होती होगी। अगर आपको क्लास में पेट से आ रही आवाजों की वजह से ध्यान केंद्रित करने में समस्या आती है और आप इससे काफी परेशान हो जाते हैं, तो आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि ऐसे कई उपाय हैं जिनसे पेट से आ रही आवाजों को रोका जा सकता है।

विधि 1
विधि 1 का 3:

हेल्दी डाइट फॉलो करें (Following a Healthy Eating Regimen)

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  1. आपका पेट तब आवाज़ करता है जब आपका पाचक तंत्र (Digestive system) काम करना शुरू करता है जैसे कि खाना, तरल पदार्थ और अमाशय रस (Gastric juice) को मिलाकर आपकी आंतों तक भेजता है। गड़गड़ाहट की आवाज़ तब आती है जब खाना आपकी आंतों से पाचन प्रक्रिया के लिए गुज़रता है। संतुलित डाइट लेने के बाद भी पेट से गड़गड़ाहट की आवाज आती है इसके लिए आपको शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं है। [१]
  2. जब आप ज़्यादा खाते हैं, तो आपके पाचक तंत्र को भी ज्यादा काम करना पड़ता है और इसकी वजह से पेट से गड़गड़ाहट की आवाज आती है क्योंकि इससे इंटेस्टाइंस पर भी काफी भार पड़ जाता है।
  3. जब आप 2 घंटे से ज्यादा बिना कुछ खाए पिए रहते हैं, तो गड़गड़ाहट की आवाज़ तेज हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपका पेट बिल्कुल ख़ाली होता है या पचाने के लिए और गड़गड़ाहट की आवाज़ को दबाने के लिए पेट में बहुत कम खाना होता है। जब आप बिना कुछ खाए घंटों तक रहते हैं, तो आपके शरीर से हार्मोन्स (Hormones) निकलने लगते हैं जो आपके मस्तिष्क को यह संदेश पहुंचाते हैं कि आपका पेट अब बिल्कुल खाली हो जाए और फिर से खाने के लिए पेट में जगह बन जाए। [२]
    • हमेशा अपने पास कुछ ना कुछ छोटी मोटी स्वस्थ खाने की सामग्री रखें।
    • तरल पदार्थ लेते रहें जैसे पानी, जूस, चाय आदि और खुद को हमेशा हाइड्रेटेड (Hydrated) रखें।
  4. कुछ कार्बोहाइड्रेट्स (Carbs) जो आसानी से नहीं पचते, इन्हें पूरी तरह अपनी डाइट से ना निकाले क्योंकि यह आपके शरीर को ऊर्जा और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। बस इन्हें पर्याप्त मात्रा में लें ताकि आपका पेट बाहर भी ना निकले और स्वस्थ भी रहे। [३]
    • प्रतिरोधी स्टार्च (Resistant starch) ऐसा स्टार्च जो आसानी से पचता नहीं है: आलू या पास्ता जिसे पकाकर ठंडा किया गया हो, खमीरे हुए आटे की रोटी, और ऐसे फल जो पके ना हों।
    • इनसोल्युबल फाइबर (Insoluble fiber) यानी ना घुलने वाले फाइबर: गेहूं का आटा, चोकर का आटा, पत्ता गोभी, लेटस (lettuce) यानी सलाद पत्ता, और शिमला मिर्च।
    • शुगर (Sugar): सेब, नाशपाती, और ब्रोकली।
  5. याद रखें कि पेट में गड़गड़ाहट कभी भी हो सकती है फिर चाहे आपने अभी-अभी खाना खाया हो या बहुत देर पहले खाया हो। ज्यादा खाने से और पेट की गड़गड़ाहट से बचने के लिए यह जानना जरूरी है कि आपको भूख कब लगती है। सही खानपान का रूटीन जानने से आप बे-वक्त खाने से बचेंगे और स्वस्थ भी बने रहेंगे‌।
  6. जिन लोगों में खाते समय वायु भी शरीर के अंदर चली जाती है उन्हें अक्सर पेट की गड़गड़ाहट की शिकायत ज्यादा रहती है। अगर आप जल्दी-जल्दी खाते हैं या खाते वक्त बहुत बात करते हैं, तो खाने के साथ-साथ वायु भी आपके शरीर में प्रवेश कर जाती है इसलिए आराम से और ठीक से चबाकर खाएं। [४]
विधि 2
विधि 2 का 3:

गैस से बचें (Avoiding Gas)

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  1. पेट में अतिरिक्त गैस के कारण गड़गड़ाहट ज्यादा होती है इससे बचने के लिए आमतौर पर मिलने वाली गैस रिलीफ (Gas relief) दवाइयां लें। यह जरूरी नहीं है कि आप जब भी खाना खाए तो यह दवाइयां लें इन्हें सिर्फ तब लें जब आप ऐसा खाना खाएं जिसे खाने के बाद आपको गैस की समस्या हो सकती है।
  2. ऐसा खाना खाने से बचें जिससे आपको गैस की समस्या हो सकती है: ऐसे कई खाने की सामग्रियां होती हैं जिन्हें खा कर पेट में गैस हो सकती है क्योंकि यह पेट में जाकर आसानी से नहीं पचतीं, अगर आप इन्हें खाने से बचेंगे तो आपके पेट में गड़गड़ाहट भी नहीं होगी।
    • पनीर
    • दूध
    • हाथीचक (Artichokes)
    • नाशपाती
    • ब्रॉकोली (Broccoli)
    • फलियां (Beans)
    • फास्ट फूड (Fast food)
    • सोडा
  3. खाना खाने के बाद कुछ देर टहलें आपके लिए आधा मील चलना काफी रहेगा। चलने से खाने को पचाने में भी मदद मिलेगी और आपकी आंतों का मूवमेंट (movement) भी सही रहेगा।
विधि 3
विधि 3 का 3:

बीमारियों को पहचानें (Addressing Disorders)

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  1. सुस्त लाइफस्टाइल (Lifestyle) के कारण आपको पेट की समस्याएं हो सकती हैं और इसी कि वजह से आपके पेट से ज़्यादा गड़गड़ाहट की आवाज़ आती है। व्यायाम ना करने से आपके वज़न और कुछ खाने पीने कि चीजों की पाचन शक्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे आपको पेट के फूलने व अतिरिक्त गड़गड़ाहट की आवाज़, गैस जैसी समस्याएं आती हैं। [५]
  2. यह जानें की आपको कोई नर्वस डिसऑर्डर (Nervous disorder) तो नहीं है: अगर आप लगातार नर्वस या परेशान रहते हैं तो आपकी नर्व्स (Nerves) यानी तांत्रिकाएं पेट तक यह सिग्नल लेकर जाती हैं और आपके पेट में गड़गड़ाहट होने लगती है। अगर आपको लगे कि आपकी डाइट और लाइफस्टाइल सही होने के बावजूद भी पेट से गड़गड़ाहट की आवाज़ आ रही है, तो हो सकता है कि आपको नर्वस डिसऑर्डर हो, यह जानने के लिए आप अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें। [६]
  3. कुछ खाने की सामग्रीयां ऐसी होती हैं जिन्हें खाकर आपको एलर्जीक रिएक्शन्स (Allergic reactions) हो सकते हैं, जिससे आपको अस्वस्थ पेट और गड़गड़ाहट की समस्या भी आ सकती है। अगर आपको लगता है कि कोई विशेष चीज़ खाने से आपको पेट की समस्या आती है, तो उसे खाने से बचें। आमतौर पर लोगों को सबसे ज्यादा लेक्टोस इनटोलरेंस (Lactose intolerance) की शिकायत रहती है यानी जब भी आप दूध से बना हुआ कोई भी पकवान खाते हैं, तो आपको बेचैनी होने लगती है।
  4. गंभीर बदहजमी को नोट करें जिसे डिस्पेप्सिया (Dyspepsia) भी कहा जाता है: पेट के ऊपरी भाग में दर्द या सूजन आना, अतिरिक्त डकार का आना, चक्कर आना, कम खाने के बाद भी पेट का भरा महसूस होना, यह सब गंभीर बदहजमी के लक्षण हैं। अगर आपको लगातार इन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो आपको मेडिकल सहायता लेना चाहिए। डिस्पेप्सिया जानलेवा बीमारी नहीं है लेकिन इसका इलाज ज़रूरी है। [७]

सलाह

  • रोज 6 से 7 घंटे की नींद आपको पाचन की समस्याओं से बचाए रखेगी।
  • कुछ ना कुछ तरल पदार्थ लेते रहें लेकिन ज्यादा मात्रा में एक साथ लेने से बचें क्योंकि इससे भी पेट मैं गड़गड़ाहट हो सकती है।
  • जब भी आप भूखे हों तो हमेशा कम और पर्याप्त मात्रा में खाएं लेकिन आप सुबह का नाश्ता ज़्यादा कर सकते हैं, इसके बाद जो भी खाएं पर्याप्त मात्रा में खाएं। फास्ट फूड खाने से बचें और स्वस्थ आहार लें।
  • खाते वक्त बात ना करें। खाते समय बात करने से खाने के साथ-साथ बाहर की वायु भी शरीर में चली जाती है जिसके कारण भी पेट में गड़गड़ाहट होने लगती है। उम्मीद है कि यह सारे तरीके आपके काम आएंगे।

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