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हो सकता है कि आपके पति या पत्नि ने आपको धोखा दिया है, आपके बेस्ट फ्रेंड ने आपके साथ धोखेबाज़ी की है या फिर आपके को-वर्कर ने आपके किसी आइडिया का पूरा क्रेडिट खुद ले लिया है। वहीं दूसरी ओर, शायद आपने आपके पार्टनर से झूठ बोला है, ऐसे किसी लड़के या लड़की के साथ में रिश्ता बनाया है, जिस पर आपके फ्रेंड का क्रश था या फिर अपने को-वर्कर या क्लासमेट को किसी जरूरी प्रोजेक्ट पर हेल्प नहीं की है। दो लोगों के बीच भरोसे का मतलब कि वो एक-दूसरे के साथ में जो चाहें वो बात कर सकते हैं। [१] दो लोगों के बीच के रिश्ते को संतोषजनक बनाए रखने के लिए उनके बीच में भरोसे का होना बहुत जरूरी होता है। [२] इसी तरह से दो लोगों के बीच भरोसे के खोने में दोनों ही लोगों का हाथ होता है और खोए भरोसे को दोबारा बनाना भी उन्हीं पर निर्भर करता है। रिश्ते में भरोसे को फिर से जगाने के लिए, दोनों ही तरह से जो किया जाना चाहिए, उसके बारे में इस गाइड में बताया गया है।

विधि 1
विधि 1 का 4:

अपने की हुए की ज़िम्मेदारी लेना (Taking Responsibility for Your Actions)

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    आप से जो हुआ, उसे एक्सेप्ट करें: अगर आप वो इंसान हैं, जिसने किसी के साथ धोखा किया है, तो फिर आपको अपने किए धोखे को कुबूल करना होगा। एक दोनों तरफ से बने रहने वाले रिश्ते में, जरूरी है कि आप तब भी सच ही बोलें, जब आपको मालूम है कि झूठ बोलने से आपका फायदा होने वाला है। [३] अगर आपने किसी के साथ धोखा किया है, तो अपने किए की ज़िम्मेदारी लेना सामने वाले को बता देता है कि आपके लिए अपनी भलाई से ज्यादा, उनकी भलाई मायने रखती है। [४] अपने किए को न स्वीकार करना केवल सामने वाले के मन में आपके लिए अविश्वास को और भी गहरा कर देगा, खासतौर से उस समय, जब सच पहले से ही पता हो।
    • अपनी सभी गलतियों को मान लें। फिर चाहे इसमें ऐसी भी कोई बात हो, जिसे आप पकड़े बिना भी छिपाए रख सकते हैं, लेकिन आपको तब भी हर एक बात को बता देना चाहिए। केवल अपनी गलतियों को स्वीकार करना है, उनके लिए माफी मिलने का एकमात्र तरीका होता है।
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    सामने वाले इंसान की ओर से एक इमोशनल रिएक्शन मिलने की उम्मीद रखें, खासतौर से तब, जब आपने जो भी किया, वो बहुत बुरा था: आपने किसी को धोखा दिया है, इस बात को स्वीकार करने से मामला तुरंत नहीं सुलझ जाता। बल्कि, आप सामने वाले इंसान के आपके किए धोखे के बारे में सुनने पर उनकी तरफ से इमोशनल आउटबर्स्ट, रोने और गुस्सा करने की उम्मीद कर सकते हैं। याद रखें कि आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप जो भी है, उसे खुल के बताएं।
    • उनके रिएक्शन को मैनेज करने की कोशिश करने की बजाय, वो जब इसे उजागर करें, तब उनके साथ बने रहने की कोशिश करें।
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    इसके बाद के परिणामों से बचने की कोशिश के साथ इसे और भी बदतर न बनाएँ: इसकी कोई वैल्यू नहीं दिखाने की कोशिश करना या परिस्थिति को छिपाने से सामने वाले इंसान के और भी ज्यादा दुखी होने की संभावना बढ़ जाएगी। एक बात का ख्याल रखें कि आप सामने वाले इंसान के रिएक्शन को काबू नहीं कर सकते, लेकिन आप अपने स्ट्रेटफॉरवर्ड और सहानुभूति जताने के तरीके को जरूर कंट्रोल कर सकते हैं।
    • काफी लंबे समय इंतज़ार करना: अपनी बात को बताने के लिए लंबे समय तक इंतज़ार करना उसे और भी दुखी कर सकता है, क्योंकि एक तो आपने गलती की, उसके बाद आपने उस गलती को उनसे छिपाया। जितना हो सके, उतनी जल्दी सच्चाई बताएं।
    • इसे कम समझना: इस तरह की बातें कहना, "इसमें कोई बड़ी बात नहीं" या "आपने गलत समझा" ये केवल सामने वाले इंसान को और उदास ही करेगा, क्योंकि उन्हें ऐसा लगेगा कि आपको उनकी फीलिंग के बारे में जरा भी फिक्र नहीं।
    • बहाने बनाना: ऐसी बातें कहना, "मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था, लेकिन आपको समझना होगा..." इससे उन्हें ऐसा लगेगा, जैसे आप आपकी गलती को सीरियसली नहीं ले रहे हैं। आप चाहें तो सफाई दे सकते हैं, लेकिन इसे ऐसा दिखाने के लिए न यूज करें, जैसे इसमें आपकी कोई गलती नहीं थी। अपने किए को सही ठहराने की कोशिश न करें। [५]

    सलाह: अगर आप सफाई देना चाहते हैं, तो "लेकिन" शब्द की जगह पर "और" शब्द का इस्तेमाल करें। जैसे, "ये गलत था, लेकिन उस समय मैं तुम पर नाराज था" कहने की बजाय, आप ऐसा कह सकते हैं, "ये गलत हुआ और मैं इतना नाराज था कि मैं सही तरीके से कुछ सोच भी नहीं पाया।"

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    माफी मांगें: वैसे तो ये बात कहने वाली नहीं होनी चाहिए, लेकिन कभी-कभी इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। आप माफी मांगने के लिए किस तरीके का इस्तेमाल करते हैं, उससे ये तय होगा कि आपको माफी मिलेगी या नहीं और क्या आप दोनों आगे बढ़ सकते हैं। [६]
    • अपनी ज़िम्मेदारी को स्वीकार करने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि आप ये जानें कि सामने वाला इंसान दुखी है, आप इसकी जगह पर क्या कर सकते थे, कहना और ये भी भरोसा दिलाना कि आप आगे जाकर इस बिहेवियर को नहीं दोहराएंगे। [७]
    • आपने जिसे धोखा दिया, उसे पता चलने दें कि आप आखिर माफी क्यों मांग रहे हैं। अगर उन्हें ऐसा लगेगा कि आप पछतावे और शर्म की वजह से माफी मांग रहे हैं, तो उनके आपको माफ करने की संभावना ज्यादा हो जाएगी। अगर उन्हें लगेगा कि आप बस तरस खाकर माफी मांग रहे हैं, तो उनसे आपको माफी मिलने की उम्मीद ज्यादा नहीं होगी। पछतावे और शर्म की तरह तरस खाने से सामने वाले को आपकी अपनी गलती के लिए ज़िम्मेदारी लेने का अहसास नहीं होता है। तरस से ऐसा भी लगता है कि चोट पहुंचाने वाला, चोट खाने वाले से बड़ा है। [८]
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    खुद को माफ करें: जब आप किसी के भरोसे को तोड़ते हैं, तब आपको शायद इतना पछतावा महसूस हो सकता है कि आपके लिए अपनी इस गलती के लिए खुद को माफ करना मुश्किल हो जाता है। भले ही पछतावा का होना, जिसे आपने धोखा दिया है, उस इंसान के साथ में अपने रिश्ते को फिर से बनाने का एक जरूरी हिस्सा होता है, लेकिन दोबारा दोस्ती करने और मनमुटाव खत्म करने की कोशिश करने के बाद आपको खुद को एक्सेप्ट करना और माफ करना सीखना होगा।
    • एक बात का ध्यान रखें कि हर एक इंसान परफेक्ट नहीं होता है। भले ही जजमेंट में आपकी गलती बड़ी है या छोटी, इससे केवल यही पता चलता है कि आप एक इंसान हैं। अपनी फेलर को एक्सेप्ट करें और आगे जाकर ऐसा नहीं करने की कोशिश करें।
    • अपनी सोच को फेलर के आसपास ही रखने से आप खुद की कीमत को कम करने के रिस्क में रहते हैं। जैसे ही आप इस तरह की सोच रखना शुरू करते हैं, तो ये आपकी सेल्फ इम्प्रूवमेंट के लिए मोटिवेशन को नष्ट कर देती है।
विधि 2
विधि 2 का 4:

आपके किसी को धोखा देने के बाद आगे बढ़ना (Moving Forward If You Betrayed Someone)

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    दूसरे इंसान के लिए अपनी लाइफ को ट्रांस्परेंट बनाएँ: हर कोई पर्सनल इन्फोर्मेशन को कंट्रोल करना चाहता है। [९] लेकिन, कभी-कभी आपको उस इंसान का भरोसा दोबारा हासिल करने के लिए शायद उस इंसान के लिए अपनी प्राइवेसी को भो तोड़ने की जरूरत पड़ेगी, जिसका आप भरोसा जीतने की कोशिश कर रहे हैं। अपनी लाइफ को ट्रांस्परेंट बनाकर, सामने वाला इंसान अपनी खुद की नजरों से ये देख पाएगा कि आप आगे उसके साथ फिर कभी धोखा नहीं करेंगे।
    • ये खासतौर से ऐसे रोमांटिक रिलेशनशिप में ज्यादा मायने रखता है, जो विश्वास पर चोट पहुँचने की वजह से टूट चुके हैं। आपके धोखा देने के कुछ हफ्ते या महीने के बाद अपने पार्टनर को अपने फोन, ईमेल और अपोइंटमेंट बुक पर बिना कोई रोक-टोक एक्सेस दे दें। जब भी हो सके, उन्हें ये पता रहने दें कि आप कहाँ हैं और किसके साथ में हैं।
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    दूसरे इंसान को भी अपना मन हल्का करने दें: [१०] किसी धोखे के बाद मुश्किल भावनाएँ महसूस होना नेचुरल है। वो इंसान, जिसके साथ में धोखा हुआ है, उसे इससे उबरने के लिए अपने इमोशन्स और विचारों को सामने लाने की जरूरत होती है। ये भले ही आपको ठीक नहीं लगेगा, लेकिन सामने वाले इंसान के लिए ये बहुत जरूरी है।
    • उनके इमोशन्स को कंट्रोल करने की कोशिश करने की बजाय, उनकी फीलिंग्स को सही ठहराने पर ध्यान दें और जब वो उदास हों, तब उन्हीं के साथ में बने रहें।
    • सामने वाले इंसान को उनकी अपनी स्पीड से अपना मन हल्का करने दें। इसे करने में हर किसी को अलग अलग तरीके से और अलग अलग समय लगता है। दूसरे इंसान के साथ में जल्दबाज़ी करना, मतलब आपको उनके बारे में कोई परवाह नहीं।
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    आगे बढ़ने के साथ अपनी कही बातों पर कायम रहें: कहते हैं न, कुछ करना, कुछ कहने से ज्यादा अहमियत रखता है। दो लोगों के बीच के भरोसे का मतलब कि आगे जाकर आपको भरोसे के लायक और कंसिस्टेंट बने रहना है। [११] आपको इसे बेहतर करने का वादा करना चाहिए, लेकिन एक वादा या माफी अकेले भी कम समय पर भरोसे को वापस बनाने में काफी होता है। [१२] अगर आप आगे जाकर ऑनेस्ट नहीं रह सकते हैं, या फिर आप अपने वादे के अनुसार सारा कुछ नहीं कर सकते हैं, तो आपने जिसे धोखा दिया है, उसे इस बात का भरोसा नहीं हो पा रहा है कि आप बदल गए हैं या फिर आप दोबारा भरोसा किए जाने के लायक हैं या नहीं।
    • जैसे भी हो, वैसे आपको इस गलती को दोबारा करने से बचना चाहिए।
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    धैर्य रखें: इस बात को समझें कि दोबारा भरोसा बनाने में समय लगता है। सामने वाले इंसान के साथ में धैर्य रखें, लेकिन अपनी खुद की कोशिशों के साथ में बने रहें।
    • धोखेबाज़ी की गंभीरता के आधार पर, भरोसा बनने में हफ्ते, महीने या सालों का समय लग सकता है।
    • सामने वाले इंसान को आप पर ज्यादा भरोसा जताने के लिए दबाव मत डालें।
    • इस बात का ध्यान रखें कि आपके धोखे के बाद सब कुछ पहले की तरह नहीं हो जाएगा, लेकिन अगर आप ऐसा जताएँगे कि आप एक भरोसेमंद इंसान हैं, तो थोड़ा भरोसा अपने आप खुद ही वापस बनते जाएगा।
विधि 3
विधि 3 का 4:

किसी को फिर से भरोसा करने के लिए तैयार करना (Getting Ready to Trust Someone Again)

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    परिस्थिति का आकलन करें: इसके पहले कि आप किसी के धोखा देने के बाद उस पर दोबारा भरोसा करें, आपको पहले खुद से पूछना चाहिए कि ये रिश्ता ऐसा है, जिसे आप बचाना चाहते हैं। खुद से पूछें:
    • क्या ऐसा पहली बार हुआ है, जब उसने आपको धोखा दिया है?
    • क्या मैं इस इंसान पर फिर से भरोसा कर पाऊँगा, फिर चाहे अब से वो हर एक चीज को ठीक तरह से भी क्यों न करने लगे हों?
    • क्या मैं उसे माफ कर पाऊँगा?
    • क्या मेरे उस इंसान के साथ में रिश्ता इतना जरूरी है कि मुझे इसके लिए संघर्ष करना चाहिए?
    • क्या ये गलती पाली बार हुई है या फिर ये बिहेवियर का एक पैटर्न है?
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    परिस्थिति के लिए उस इंसान के रिएक्शन के बारे में विचार करें: क्या वो आपको ठेस पहुंचाने को लेकर दिल से सॉरी नजर आते हैं या फिर वो पकड़े जाने को लेकर सॉरी हैं? क्या वो आपको सुनने की इच्छा रखते हैं और अगली बार बेहतर बनने को लेकर कोशिश करते हैं? क्या वो अपने दोष को स्वीकार करने की इच्छा करते हैं?
    • अगर वो आपको ठेस पहुंचाने को लेकर सच में पछताते नहीं दिख रहे हैं या फिर वो चीजों को बेहतर बनाने में इन्टरेस्टेड नहीं हैं, तो फिर आपको इस रिश्ते में आपका समय को बर्बाद करने की जरूरत नहीं है।
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    लगातार मिलने वाले धोखे के ऊपर नजर रखें: आगे बढ़ने के साथ स्थिति का आकलन करना जारी रखें। कुछ हफ्ते से लेकर महीने के बाद, आप आपके साथ में धोखा करने वाले इंसान में भरोसे के लायक होने के लक्षणों को देखने लग जाएंगे। कोई झूठ बोल रहा है या नहीं, इसे पता लगाने की कोशिश करना एक मुश्किल काम होता है, लेकिन कुछ संकेतों पर ध्यान देने की कोशिश करना, धोखे के बारे में जानकारी दे सकता है: [१३]
    • ऐसे लोग जो झूठ बोल रहे हैं, वो जवाब देने में ज्यादा समय लेते हैं और जब वो ऐसा करते हैं, तब कम बोलते हैं।
    • एक झूठा इंसान ऐसी कहानियाँ सुनाता है, जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं और कम से कम डिटेल्स का इस्तेमाल करता है। इसके साथ ही ये कम डाइरैक्ट भी होते हैं, ज्यादा ठहरते हैं और कम जेस्चर यूज करते हैं।
    • झूठे लोगों की सच बोलने वाले लोगों के मुक़ाबले खुद को करेक्ट करने की संभावना कम रहती है।
    • ऐसे लोग जो झूठ बोलते हैं, वो ज्यादा तनाव में रहते हैं। इससे उनकी आवाज को ज्यादा बढ़ा देती है और उनके घबराने की संभावना ज्यादा रहती है।
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    अपनी फीलिंग्स को एक्स्प्रेस करें: जिसने आपके साथ में धोखा किया है, उस इंसान को ये पता चलने दें कि आपको उनके किए से कितना दुख पहुंचा। सबसे जरूरी, आपके साथ में धोखा करने वाले इंसान को वो बात बताएं, जिससे आपको चोट पहुंची है। उन्हें बताएं कि आपके लिए क्या जरूरी है, ताकि आप उस इंसान पर दोबारा भरोसा कर पाएँ।
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    नोटिस करें कि उस इंसान का बिहेवियर बदला है या नहीं: लोग अगर चाहें तो बदल सकते हैं। अगर वो इंसान नॉर्मली जैसा बर्ताव करता है, उससे अलग व्यवहार करना शुरू कर देता है, तो ये इस बात का एक संकेत हो सकता है कि उन्होने अपनी मिस्टेक से सीखा है। अगर वो इंसान लगातार उनके बेहतर के लिए बदलने का संकेत देता है, तो शायद अब वो दोबारा विश्वास करने के लायक बन चुका है।
विधि 4
विधि 4 का 4:

आपके साथ में किसी के धोखा किए जाने पर आगे बढ़ना (Moving Forward if Someone Betrayed You)

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    अपनी नाराजगी को उजागर करने की कोशिश करें: जैसे ही आप अपनी नाराजगी को जता लें, फिर उसे जाने दें। धोखे के बारे में डिस्कस करने के बाद, आपको उसे अपने बीते समय में ही रखने की कोशिश करना होगी। फिर चाहे आपको अभी भी दुख हो या गुस्सा आ रहा हो, लेकिन आप हमेशा ऐसा ही नहीं महसूस करने वाले हैं। इसे अपनी अगली बहस में मुद्दा बनाने से बचें, खासकर अगर उस इंसान ने अपने एक्शन में सुधार करने की कोशिश की हैं।
    • अगर आप अभी भी खुद को अपनी नेगेटिव फीलिंग्स को रोके रखते महसूस करते हैं, तो एक बार सोचकर देखें कि आपको इन्हें भूलने में क्यों तकलीफ हो रही है। ऐसा इसलिए, क्योंकि आपका पार्टनर शायद अभी भी ठीक उसी तरह से बर्ताव कर रहा है, जिससे आप भरोसा टूटा था? या ऐसा इसलिए, क्योंकि आपके पर्सनल इशू, आपकी अपनी किसी पिछली हिस्ट्री से रिलेटेड है?
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    जहरीले रिश्तों को खत्म हो जाने दें: अगर वो इंसान आपकी भावनाओं को गंभीरता से लेने से इनकार करता है या फिर अपने व्यवहार में बदलाव नहीं करता है, तो फिर ये आपके रिश्ते के हेल्दी नहीं होने का एक इशारा हो सकता है। अगर वो इंसान आपके उनसे आपको चोट नहीं पहुंचाने की बात कहने के साथ ही, आपकी फीलिंग्स के लिए अनादर दिखाना जारी रखने का एक पैटर्न दिखाता है, तो अच्छा होगा कि आप उनके साथ में संपर्क को सीमित कर दें या खत्म ही कर दें।
    • माफी मांगना केवल तभी मायने होता है, जब उस इंसान ने अपने व्यवहार को बदलने की कोशिश की हो। जैसे, अगर आपकी माँ आप पर चिल्लाती हैं और आपको न जाने क्या-क्या कहती हैं, माफी मांगती हैं और फिर अगले हफ्ते एक बार फिर से ऐसा ही करती है, तो इसका मतलब कि उनकी माफी का कोई मतलब नहीं था।
    • अब्यूस को सीरियसली लें। वर्बल, फिजिकल और सेक्सुअल अब्यूस, ये सभी इस बात के संकेत होते हैं कि उस इंसान पर (फिर चाहे आप एक विक्टिम हैं या फिर सिर्फ एक दर्शक मात्र) कभी भरोसा नहीं करना चाहिए। अब्यूस में बदलाव लाना बहुत मुश्किल होता है।
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    अपनी उम्मीदों को एडजस्ट करें: फिर चाहे अगर किसी ने आपको कभी भी ठेस नहीं पहुंचाई है, लेकिन कोई भी आपको हमेशा हर समय 100 परसेंट वैसे नहीं कर सकता, जो आप चाहते हैं। जैसे ही आप ये समझ जाएँ कि आपको परफेक्शन की उम्मीद नहीं करना चाहिए, लेकिन आपको ये समझ तो मिल ही जाती है कि आपको दूसरे इंसान के ऊपर कितना भरोसा करना चाहिए। [14]
    • सच्चे बने रहना असली लक्ष्य होता है, खुद को भटकने न दें। इस बात को स्वीकार करें कि हर कोई कभी न कभी भटक सकता है। हालांकि, कभी भी किसी को जानबूझकर या न जान के आपको चोट न पहुंचाने दें।
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    प्यार दें और पाएँ: आप में आपको धोखा देने वाले इंसान को स्वीकार करने और उससे प्यार करने की इच्छा होना चाहिए और साथ ही आप उस प्रेम को भी स्वीकार कर सकें, जो आपको बदले में उनसे मिलने वाला है। जब आपको धोखा देने वाला आप से प्यार दिखाने की कोशिश करे, इस बात को स्वीकार करें कि लगाव दिखाना असली बातें होती हैं। ऐसे एक्शन को स्वीकार करने की कोशिश करें, जो आपको सच्चे नजर आते हैं।

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रेफरेन्स

  1. Rousseau, D. M., Sitkin, S. B., Burt, R. S., & Camerer, C. (1998). Not so different after all: A cross-discipline view of trust. Academy of management review, 23(3), 393-404.
  2. Simpson, J. A. (2007). Psychological foundations of trust. Current directions in psychological science, 16(5), 264-268.
  3. Simpson, J. A. (2007). Psychological foundations of trust. Current directions in psychological science, 16(5), 264-268.
  4. Simpson, J. A. (2007). Psychological foundations of trust. Current directions in psychological science, 16(5), 264-268.
  5. Greene, J. O., & Burleson, B. R. (Eds.). (2003). Handbook of communication and social interaction skills. Psychology Press.
  6. Greene, J. O., & Burleson, B. R. (Eds.). (2003). Handbook of communication and social interaction skills. Psychology Press.
  7. Greene, J. O., & Burleson, B. R. (Eds.). (2003). Handbook of communication and social interaction skills. Psychology Press.
  8. Hareli, S. & Eisikovits, Z. (2006). The role of communicating social emotions accompanying apologies in forgiveness. Motivation and Emotion, 30, 189-197.
  9. Petronio, S. (2013). Brief status report on communication privacy management theory. Journal of Family Communication, 13(1), 6-14.
  1. http://www.huffingtonpost.com/sheri-meyers/for-the-betrayer_b_3269327.html
  2. Simpson, J. A. (2007). Psychological foundations of trust. Current directions in psychological science, 16(5), 264-268.
  3. Schweitzer, M. E., Hershey, J. C., & Bradlow, E. T. (2006). Promises and lies: Restoring violated trust. Organizational behavior and human decision processes, 101(1), 1-19.
  4. Knapp, M., Hall, J., & Horgan, T. (2013). Nonverbal communication in human interaction. Cengage Learning.
  5. http://powertochange.com/discover/sex-love/rebuildtrust

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