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जूँओं की समस्या बच्चों और यहां तक बड़े लोगों में भी आम बात है। सिर के जूँए बिना पंखों वाले कीड़े होते हैं जो केवल मनुष्यों के सिर में पाये जाते हैं, जूँए खुद को व अपने अंडों को बालों की जड़ों के साथ चिपका देती है। आम धारणा के विपरीत, सिर की जूँए कोई भी बीमारी नहीं फैलाते हैं, और न ही यह स्वच्छता के कमी के कारण होते हैं। यह उस व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलते हैं जिसके सिर में जूँए हैं। यदि आप और आपका बच्चा जूँओं के संपर्क में आ चुके हैं, तो आप टी-ट्री ऑयल का प्रयोग करके इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 2:

सिर की जूँओं का पता लगाना व उनके संक्रमण को कम करना

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  1. ऐसी बहुत-सी चीजें हैं जिनके कारण आपके सिर में खुजली हो सकती है, और इसी वजह से सिर की जूँओं की खुजली को रूसी समझ लेते हैं। [१] यह जानना जरूरी है कि आपको क्या देखना है, ताकि आप जूँओं से पूरी तरह से छुटकारा पा सकें:
    • बारीक दाँतों वाली कंघी का इस्तेमाल करें ताकि आप बालों में मौजूद जूँओं व उनके अंडों का पता लगा पायें। जीवित जूँओं करीब एक तिल के दाने की आकार की (करीब 2-3 मिमी लंबी) होती है। लीखें, अथवा जूँओं के अंडे, ज्यादातर पीले सफेद रंग के होते हैं और बालों में स्कैल्प के पास चिपके हुए होते हैं। जूँओं के अंडे जूँओं से थोड़े से छोटे होते हैं। [२]
    • जूँओं के अंडों को बालों की जड़ों के पास देखें। जूँओं के अंडे जो बालों की जड़ों व स्कैल्प के 1/4 इंच के अन्दर होती है, वह सुकर (वाइयबल) होते हैं (मतलब यह अंडे जूँओं में तबदील हो जाएंगे)। ऐसा इसलिए क्योंकि जूँए मनुष्य की स्कैल्प में मौजूद खून को चूसते हैं। जूँए आपके सिर की गरमाहट के कारण भी पनपते हैं। जूँओं के अंडे जो बालों की जड़ों से दूर होते हैं वे ज्यादातर मर गए होते हैं अथवा जूँओं में तबदील हो गए होते हैं। [३]
    • बालों व स्कैल्प की जाँच करने के लिए विशालक लेन्स का प्रयोग करें। धूल के कण व रूसी को हम लोग काफी बार जूँओं समझ लेते हैं, इसलिए यह जानने के लिए कि आपके बालों में जूँए अथवा जूँओं के अंडे हैं आप विशालक लेन्स का प्रयोग कर सकते हैं। यदि आप जीवित जूँए अपने बालों में नहीं देख पा रहे हैं अथवा जूँओं के अंडे आप बालों की जड़ों से काफी दूर देख रहे हैं, तो इसका मतलब है कि बालों में जूँओं का संक्रमण खत्म हो चुका है। [४]
    • कानों के पीछे व हेयरलाइन में देखें। जूँए और उनके अंडे उन जगहों पर ज्यादा आसानी से दिख जाते हैं जहाँ बाल कम होते हैं। [५]
  2. अपने परिवार के सभी सदस्यों की जाँच करें ताकि पता लगा सकें कि उनके सिर में जूँए हैं या नहीं: हालांकि जूँए उड़ व कूद नहीं सकते हैं, लेकिन यह काफी संक्रामक जीव होते हैं तथा आसानी से आपके परिवार के किसी भी सदस्य को संक्रमित कर सकते हैं। [६] यदि आपके घर के किसी भी सदस्य को जूँओं है, तो परिवार के हर सदस्य के बाल व स्कैल्प जाँच लें कि कहीं उनमें से किसी के बालों में जूँओं का संक्रमण तो नहीं है।
    • सिर की जूँए किसी जूओं से संक्रमित व्यक्ति का हेअर ब्रश, टोपियाँ, अथवा बिस्तर इस्तेमाल करने से फैलती हैं। यदि आपके घर में बच्चे हैं जो एक ही कमरे अथवा बिस्तर में सोते हैं, अथवा एक दूसरे के कपड़े पहनते हैं, तो आपको हर एक बच्चे को सिर की जूओं के लिए जाँचना आवश्यक है।
  3. यदि आपके घर के किसी सदस्य को जूँए है, तो उन्हें पहने कपड़े बदलकर, धुले कपड़े पहनने को कहे। उनके कपड़ों में जूँओं के अंडे हो सकते हैं, खासतौर पर कमीजों, स्कार्फ, अथवा टोपियों में यह अंडे हो सकते हैं। [७]
  4. संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाली घर की वस्तुओं को धो लें: सिर की जूँए आस-पास सफाई न होने से नहीं फैलती है। हालांकि, यह कपड़ों व घर के सामान से चिपक जाती हैं तथा इन वस्तुओं से अन्य व्यक्तियों तक फैल जाती है, इसलिए यह जरूरी है कि आप इन वस्तुओं को साफ व कीटाणुरहित कर लें। [८]
    • वस्तुएं जैसे बिस्तर की चादर, टोपियाँ, तौलिये, तथा अन्य कपड़े जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आयें हैं उन्हें वाशिंग मशीन में धोयें और हीट ड्राई करें। कपड़ों को धोते वक्त गर्म पानी का उपयोग करें और वाशिंग मशीन के हीट ड्राइंग मोड सुखायें। यदि कुछ वस्तुएं मशीन में धूल नहीं सकती है, तो उन्हें किसी प्लास्टिक के पैकेट में सील करके 2 हफ्तों तक रखें। ऐसा करने से जूँओं का दम घुट जाएगा। [९]
    • कंघियों और ब्रश को गर्म पानी में (न्यूनतम 130°F या 54.4°C तापमान में) 5-10 मिनट तक डूबो के रखें, अथवा उन्हें डिशवाशर में डालकर गर्म पानी से धोयें।
    • फर्श और असबाब वाले फर्नीचर (कुर्सियों आदि पर स्प्रिंगदार गद्दियां व उन पर लगा कपड़ा) को वैक्यूअम क्लीनर द्वारा साफ करें। यदि जूँओं को किसी व्यक्ति का खून चुसने को न मिलें, तो वह ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रह सकती है, लेकिन वैक्यूअम क्लीनर द्वारा घर को साफ करने से किसी व्यक्ति के सिर से नीचे गिर गए जूँओं को खत्म करने में और उन्हें दूसरे व्यक्ति में संक्रमित होने से रोकने में मदद मिलती है।
  5. घर के किसी भी सदस्य में जूँए होने के लक्षण दिखने पर उसी वक्त इलाज करें: कोई भी व्यक्ति जिसमें जूँओं का संक्रमण होने के लक्षण है, अथवा कोई व्यक्ति, जूँओं से संक्रमित व्यक्ति के साथ अपना बेडरूम शेयर करता है, तो उस व्यक्ति का तुरन्त इलाज करना चाहिए। अथवा, जूँओं किसी एक के बालों में रह जाएगी तथा दूसरों में भी संक्रमण शुरू हो जाएगा।
विधि 2
विधि 2 का 2:

जूँओं के संक्रमण का इलाज करने के लिए टी-ट्री ऑयल का इस्तेमाल करना

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  1. टी-ट्री ऑयल में प्राकृतिक एंटी-माइक्रोबीअल, एंटी-बैक्टीरीअल, एंटी-इन्फ्लामेटरी, एंटी-फंगल, एंटी-वायरल तत्व मौजूद होते हैं। [१०] हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया को अभी कोई समझा नहीं है, लेकिन जूँओं के अंडे मारने व जीवित जूँओं की संख्या कम करने के लिए टी-ट्री ऑयल एक असरदार औषधि मानी गई है। टी-ट्री ऑयल में जूँए भगाने वाले तत्व भी मौजूद हो सकते हैं। [११]
    • टी-ट्री ऑयल व लेवेंडर ऑयल का मिश्रण लगाने से जूँओं के अंडे व जीवित जूँए मर जाते हैं। [१२] शुद्ध लेवेंडर ऑयल ही खरीदें।
    • हालांकि अधिकतर शैंपू व कंडीशनर में टी-ट्री ऑयल मौजूद होता है, लेकिन इनमें टी-ट्री ऑयल की सांद्रता ज्यादा नहीं होती है, और इस कारण वह असरदार होने की संभावना कम होती है। जूँओं के अंडों को मारने के लिए न्यूनतम 2% टी-ट्री ऑयल की आवश्यकता होती है। [१३]
    • “स्टीम डिस्टिल्ड” (“steam-distilled”) टी-ट्री ऑयल ही खरीदें जो कि मेलालुक्या अल्टेरनिफोलिआ ( Melaleuca alternifolia ) नामक वृक्ष से निकाला जाता है।
  2. इस प्रकार की कंघी के दाँत एक दूसरे से काफी नजदीक होते हैं जिसके द्वारा आप स्कैल्प के पास मौजूद बालों को आसानी से जाँच सकते हैं।
    • यदि आपके पास ऐसी कंघी नहीं है, तो आप विशालक लेन्स भी खरीद सकते हैं। यह आपको जूँओं को निकालने के बाद स्कैल्प की जाँच करने में मदद करेगा।
  3. यदि आप टी-ट्री ऑयल उसमें बिना कुछ डाले सीधा बालों में लगाएंगे तो आपको त्वचा में जलन हो सकती है, इसलिए बेहतर होगा आप इसे किसी माइल्ड शैंपू में डालकर लगायें।
    • आई ड्रापर की मदद से टी-ट्री ऑयल की 2-4 बूँदें एक कटोरे में डालें।
    • लेवेंडर ऑयल की 2-4 बूँदें उसी कटोरे में मिलायें।
    • 96-98 माइल्ड शैंपू की बूँदें इस मिश्रण में मिलायें। (यदि आप इस मिश्रण को अंदाजे से लेना चाहते हैं, तो इस मिश्रण में ज्यादा शैंपू डालें ताकि जब आप हथेली पर शैंपू लें तो आपको 25 पैसे के सिक्के के आकार जितना शैंपू मिलें)
    • कुछ बूँदें ऑलिव ऑयल या नारियल तेल की मिलायें, ऐसा करने से जूँओं का दम घुट जाएगा। [१४]
    • इस मिश्रण को अच्छी तरह मिलायें जब तक सब वस्तुएं अच्छी तरह से न मिल जाएं।
  4. इस मिश्रण को लगाते वक्त यह ध्यान रखें कि आप इसे अपनी स्कैल्प में ज्यादा मात्रा में लगायें, क्योंकि इसी जगह में जूँओं व उनके अंडों की मात्रा अधिक होती है। बालों को शॉवर कैप अथवा स्विमिंग कैप से ढंक लें। शैम्पू को 30 मिनट तक बालों में रहने दें।
    • यदि आपके बच्चे को इस इलाज के दौरान सिर में खुजली व जलन होती है, तो यह ऐलर्जी होने का संकेत हो सकता है। [१५] ऐसा होने पर जल्दी से जल्दी अपने बच्चे के बालों को गर्म पानी से धो लें व दुबारा से किसी माइल्ड शैम्पू से बाल धो लें। तौलिये से बाल पोंछे फिर हवा द्वारा बालों को सूखा लें। यदि आपके बच्चे को फिर भी खुजली व जलन हो रही है, तो एक बार फिर उसके बाल धोयें।
  5. शैंपू से बालों में झाग आने दें और बाद में बाल धो लें: बालों में अच्छी तरह झाग आने दें तथा यह कोशिश करें कि शैंपू को आप अपनी उँगलियों से लगायें ताकि आप ज्यादा से ज्यादा जूँओं को हटा सकें। बालों को अच्छी तरह से गर्म पानी से धो लें।
  6. क्योंकि कंडीशनर गाढ़ा होता है, जिसके कारण यदि कोई जूँओं टी-ट्री ऑयल द्वारा न मरी हो तो उसका दम कंडीशनर लगाने पर घुट जाएगा। कंडीशनर लगाने से आप आसानी से जूँओं वाली कंघी अपने बालों में फिरा सकते हैं। कंडीशनर को न धोयें।
  7. अपने बालों को कंघी करना स्कैल्प से शुरू करें, क्योंकि यही वह जगह है जहाँ जूँए अंडे देती हैं व यह अंडे जूँओं में बदल जाते हैं। यदि यह उपचार किसी लम्बे बालों वाले व्यक्ति के ऊपर किया जा रहा है, तो बालों को दो भागों में बाँट लें तथा हर एक भाग में एक-एक करके कंघी करें।
    • इस प्रक्रिया को आराम से करें! यदि एक भी जूँओं का अंडा बालों में रह गया, तो वह कुछ ही दिनों में जूँ बन जाएगी व दुबारा संक्रमण शुरू कर देगी।
  8. ऐसा करना आवश्यकता से अधिक लग सकता है, लेकिन यह काफी असरदार होता है। क्योंकि अंडे को जूँओं में तबदील होने में एक सप्ताह का समय लेते हैं, और इस उपचार को एक हफ्ते तक दोहराने से बाकी बची हुई जूँए भी निकल जाएंगी।
  9. शैंपू में टी-ट्री ऑयल की कुछ बूँदें उसी मात्रा में डालें जैसे उपचार करते वक्त डाली गई थी, अथवा ऐसा शैंपू खरीदें जिसमें पहले से टी-ट्री ऑयल मौजूद है। सप्ताह में एक बार इस शैंपू का उपयोग करने से दुबारा जूँओं का संक्रमण होने से बचा जा सकता है।

सलाह

  • यदि आपके बच्चे को जूँए हैं, तो उसके स्कूल या डे केयर में इस बारे में सूचित करें, ताकि वह दूसरे बच्चों के माता-पिता को सूचित कर सकें। छोटे बच्चे आसानी से जूँए फैला सकते हैं, तथा ऐसे में सावधानी बरतने से सिर की जूँओं का संक्रमण नहीं होगा। [१६]
  • सिर की जूँए केवल मनुष्यों के सिर पर रह सकती हैं; और यह पालतू जानवरों द्वारा नहीं फैलाई जाती है।
  • जहां तक संभव हो अपने बच्चों को “दूसरों के साथ सीधे” संपर्क में आने से बचाए (सिर से सिर टकराना, सोते वक्त एक तकिये का इस्तेमाल करना, आदि)। उन्हें प्रोत्साहित करें ताकि वह एक दूसरे के कपड़े, टोपियाँ, पिन, अथवा कोई और वस्तु किसी के साथ बांटा न करें। ऐसा करने से आपके बच्चों में किसी मित्र के सिर से जूँए लाने की आशंका कम हो जाएगी। [१७]

चेतावनी

  • टी-ट्री ऑयल की सुरक्षा का परीक्षण गर्भवती व स्तन-पान कराने वाली महिलाओं के लिए नहीं हुआ है अथवा इन महिलाओं को टी-ट्री ऑयल का प्रयोग करने की सलाह नहीं दी जाती है।
  • टी-ट्री ऑयल यदि मुंह के संपर्क में आ जाए तो यह जहरीला हो सकता है। टी-ट्री ऑयल को अपने मुंह के आस-पास न लगायें, तथा न ही पीएं।
  • कुछ लोगों को टी-ट्री ऑयल के कारण ऐलर्जी भी हो सकती है। यदि आपको टी-ट्री ऑयल लगाने से त्वचा पर लाल चकते, जलन, अथवा, खुजली हो तो टी-ट्री ऑयल के उपचार को न करें।
  • टी-ट्री ऑयल के कारण तरुण पुरुषों में हार्मोनल साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जिसमें असामान्य स्तन वृद्धि (gynecomastia-गाइनेकोमास्टिया) शामिल है। ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जिस के कारण यह पता लगे कि इन परिस्थितियों और टी-ट्री ऑयल के बीच कोई संबंध है या नहीं, लेकिन यह सलाह दी जाती है कि नौजवानों को टी-ट्री ऑयल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। [१८]

चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • टी-ट्री ऑयल
  • सिर की जूँए निकालने वाली कंघी
  • विशालक लेन्स
  • माइल्ड शैंपू व कंडीशनर

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