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पैर की अंगुलियो में लगने वाली चोट बहुत ही कॉमन होती है, विशेषरूप से छोटी अंगुली में (पांचवी सबसे छोटी अंगुली) जिसके दबने या कुचले जाने की सम्भावना सबसे ज्यादा होती है | [१] हालाँकि पैर के अंगूठे में फ्रैक्चर होने पर अक्सर प्लास्टर या स्पलिंट लगाने की जरूरत पड़ती है जिससे वो अच्छी तरह से हील हो सके लेकिन छोटी अंगुली टूटने पर उसे "buddy taping" नामक टेप लगाने की तकनीक से फिक्स किया जा सकता है और यह काम घर पर ही किया जा सकता है | लेकिन, अगर छोटी टूटी हुई अंगुली सच में कुचल गयी हो, समतल हो गयी हो या हड्डी टूटकर स्किन में चली जाए तो इमरजेंसी मदद की जरूरत पड़ती है |

विधि 1
विधि 1 का 2:

पैर की टूटी हुई अंगुली पर टेप लगायें

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  1. पैर की अँगुलियों के अधिकांश फ्रैक्चर, जीमे छोटी अंगुली का फ्रैक्चर भी शामिल है, में स्ट्रेस या हेयरलाइन फ्रैक्चर होते हैं जिसमे हड्डी की सतह पर हलके से क्रैक आ जाते हैं | [२] स्ट्रेस फ्रैक्चर थोडा ज्यादा पीड़ादायक होते हैं और इनमेपैर के पंजे में सूजन और/या नील (ब्रुइसिंग) भी आ जाते हैं लेकिन इनके कारण हड्डी कुचली हो, दबी हुई, टेडी या स्किन से चिपकी हुई नहीं दिखाई देती | इसीलिए सिंपल स्ट्रेस या हेयरलाइन फ्रैक्चर के लिए टेप उचित होते हैं लेकिन ज्यादा जटिल फ्रैक्चर में दूसरी मेडिकल प्रोसीजर की जरूरत पड़ती है जैसे सर्जरी, कास्टिंग या स्पलिंट |
    • अगर दर्द में कुछ दिनों में सुधार न आये तो डॉक्टर को दिखाकर पैर का x-ray कराएं | अगर बहुत ज्यादा सूजन हो तो x-ray में स्ट्रेस फ्रैक्चर मुश्किल से दिखाई देता है |
    • अगर सूजन बहुत ज्यादा हो तो स्ट्रेस फ्रैक्चर का पता लगाने के लिए डॉक्टर बोन स्कैन कराने की सलाह दे सकते हैं |
    • पैर की छोटी अंगुली के स्ट्रेस फ्रैक्चर ज्यादातर मेहनत के काम करने (उदाहरण के लिए, बहुत ज्यादा जॉगिंग या एरोबिक्स), गलत तरीके से जिम में ट्रेनिंग तकनीकों का इस्तेमाल करने, पैर की अंगुली दबने से चोट लगने या कोई भारी चीज़ से दब जाने और टखने में गंभीर रूप से मोंच आने के कारण हो सकते हैं |
  2. जब भी शरीर के कहीं चोट लगे और उस जगह पर सपोर्टिव टेप लगा हो तो उस एरिया को सबसे पहले साफ़ करना बेहतर होता है | उस एरिया को साफ़ करने से इन्फेक्शन (जैसे फंगस) फैलाने वाले बैक्टीरिया और दूसरे कीटाणु हट जायेंगे और इसके साथ ही धूल, गंदगी भी साफ़ हो जाएगी जिससे टेप अंगुली पर अच्छी तरह से चिपका रहेगा | [३] पैर और पैर की अँगुलियों को साफ़ करने के लिए आमतौर पर सामान्य साबुन और गर्म पानी ही पर्याप्त होता है |
    • अगर आप सच में अपने पैर के पंजे /पैर की अंगुली को सेनीटाइज करना चाहते हैं और ज्यादातर नेचुरल ऑयल्स को हटाना चाहते हैं तो अल्कोहल-बेस्ड सेनीटाइजिंग जेल या लोशन का इस्तेमाल करें |
    • ध्यान रखें कि कोई भी गौज या टेप के इस्तेमाल से पहले पैर की अँगुलियों और उनके बीच की जगह पूरी तरह से सूखी होनी चाहिए |
  3. जब आपको पता चल जाए कि पैर की छोटी अंगुली टूट गयी है लेकिन बहुत ज्यादा गंभीर नहीं है तो सबसे पहले स्टेप में छोटी अंगुली और उसके नजदीक वाली अंगुली )जिसे पैर की चौथी अंगुली कहते हैं) के बीच थोड़ी गौज, फेल्ट या कॉटन का टुकड़ा रखने के लिए बडी टेप लगायें | [४] इससे दो अँगुलियों को एकसाथ टेप करने के कारण होने वाले स्किन इर्रीटेशन और संभावित फफोलों से बच जायेंगे | स्किन इर्रीटेशन/ फफोलो से बचने से इन्फेक्शन डेवलप होने की रिस्क कम हो जाती है |
    • अपनी पैर की चौथी और पांचवीं अंगुली के बीच पर्याप्त स्टेराइल गौज, फेल्ट या कॉटन बॉल्स का इस्तेमाल करें जिससे टेप लगाने के बाद यह आसानी से बाहर न गिर पाए |
    • अगर आपकी स्किन मेडिकल टेप के प्रति सेंसिटिव हो (हो सकता है कि इसके एड्हेसिव से इर्रीटेशन और खुजली हो) तो टेप लगाने से पहले गौज को पैर की चौथी और पांचवी अँगुलियों के चारो ओर अच्छी तरह से लपटें जिससे ज्यादा से ज्यादा स्किन कवर हो जाए |
  4. अँगुलियों के बीच थोड़ी स्टेराइल गौज, फेल्ट, या कॉटन बॉल्स रखने के बाद चौथी और पांचवी अंगुली को एकसाथ मेडिकल या सर्जिकल टेप (जो शरीर पर लगाने के लिए ही बनाये गये हों)से ढीलेपन से चिपका दें | यह बडी टेप मेथड होती है जिसका इस्तेमाल चौथी अंगुली को स्पलिंट की तरह सपोर्ट देने और टूटी हुई अंगुली को स्थिर और सुरक्षित रखने के लिए जरुरी होता है | [५] पैर की अंगुली के बेस से लगभग ¼ इंच से लार्क अंगुली के ऊपरी हिस्से तक टेप लगायें | टेप की दो अलग-अलग स्ट्रिप्स का इस्तेमाल करते हुए इसे दो बार लपेटें जिससे यह बहुत ज्यादा टाइट न रहे |
    • टेप को बहुत कसकर लपेटने से सर्कुलेशन रुक जायेगा और अंगुली का रंग बैंगनी-नेला हो जायेगा | अगर टेप को बहुत ज्यादा टाइट लपेटेंगे तो पैर की अंगुली में सुन्नपन या झनझनाहट भी फील होगी |
    • पैर की अंगुली में सर्कुलेशन कम होने से भी हीलिंग प्रोसेस धीमी हो जाती है इसलिए बडी टेप करते समय ध्यान रखें कि अँगुलियों को एकसाथ मजबूती से बांधें लेकिन इतना ढीला भी रखें कि नार्मल ब्लड फ्लो होता रहे |
    • अगर आपके पास मेडिकल या सर्जिकल टेप नहीं है (जो आमतौर पर फार्मेसी पर बेचे जाते हैं) तो डक्ट टेप, इलेक्ट्रीशियन टेप या छोटे (संकरे) वेल्क्रो स्ट्रैप्स भी काम आ सकते हैं |
    • पैर की अंगुली के अधिकतर सिंपल (स्ट्रेस) फ्रैक्चर लगभग 4 सप्ताह या इससे ज्यादा समय में अच्छी तरह से हील हो जाते हैं इसलिए इतने समय तक चलाने के लिए बडी टेपिंग करें |
  5. पैर की अँगुलियों में एकसाथ Buddy taping करने से उन्हें सपोर्ट मिलता है और हीलिंग की प्रोसेस को गति मिलती है लेकिन यह एक बार की जाने वाली प्रोसेस नहीं होती | अगर आप हर दिन शॉवर लेते हैं या नहाते हैं तो आपको हर दिन फिर से टेप लगाना पड़ेगा क्योंकि गौज या फेल्ट गीली हो जाएगी जिससे फफोलों से असरदार तरीके से बचाव नहीं हो पायेगा और पानी टेप पर लगे एड्हेसिव को गलाना शुरू कर देगा | [६] इसी तरह, नहाने के बाद पुराने टेप और गौज को हटा दें और पैरों को साफ़ करने और सुखाने के बाद सूखी गौज या कॉटन का इस्तेमाल करें |
    • अगर आप एक दिन छोड़कर नहाते हैं तो आप दूसरे कारणों जैसे बारिश या बाढ़ के पानी में पैर गीले न होने तक एक दिन बाद टेप बदल सकते हैं |
    • वॉटर रेसिस्टेंट मेडिकल/सर्जिकल टेप के इस्तेमाल से बार-बार टेप बदलने की झंझट नहीं रहती लेकिन कभी भी अगर पैर की अँगुलियों के बीच की गौज या कॉटन गीली होती है तो आपको टेप बदला पड़ेगा |
    • ध्यान रहे कि बहुत ज्यादा टेप का इस्तेमाल न हो (भले ही इसे ढीला ही लगा रहे हों) क्योंकि ऐसा होने पर आपके पैर जूते में सही ढंग से फिट नहीं हो पाएंगे | बहुत ज्यादा टेप लगाने से गर्मी और पसीना भी बढ़ जायेगा |
विधि 2
विधि 2 का 2:

टूटी अंगुली के लिए घरेलू देखभाल की दूसरी तकनीकें इस्तेमाल करें

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  1. पैर की छोटी अंगुली के स्ट्रेस फ्रैक्चर को कन्फर्म करने के लिए डॉक्टर के पास जाने से पहले दर्द को सुन्न करने और सूजन कम करने के लिए किसी भी मसक्युलोस्केलेटल इंजरी के इए आइस लगाकर एक तरह से कोल्ड थेरपी की जा सकती है | एक पतली टॉवल में कुटी हुई बर्फ लपेटकर इस्तेमाल करें (जिससे फ्रोजन बाईट न हो पायें) या पैर के सामने वाले हिस्से में फ्रोजेन जेल पैक लगायें | [७] फ्रोजन सब्जियों के छोटे-छोटे बैग भी बेहतर काम करते हैं |
    • आइस या कोल्ड थेरेपी को पैर के बाहरी हिस्से पर एक बार में 20 मिनट से ज्यादा न लगायें | चोट लगने के शुरुआती कुछ दिनों में हर दिन 3 से 5 बार कोल्ड थेरेपी आजमायें |
    • बेहतर रिजल्ट्स के लिए पैर के सामने वाले हिस्से में आइस बैग या जेल पैक को चारो ओर लपेटें क्योंकि कम्प्रेशन से सूजन भी कम होती है |
  2. पैर पर इसे लगाते समय पंजे की सूजन कम करने के लिए उसे ऊपर उठा कर रखें | [८] पैर का पंजा ऊंचा रखने से ब्लड फ्लो कम हो जाता है जिससे चोट के दौरान सूजन आने को कम किया जा सकता है | बेहतर रिजल्ट्स के लिए, जब भी संभव हो (आइस लगाने के पहले, दौरान या बाद में) अपने पैर के पंजे को ऊंचा रखें जिससे यह हार्ट के लेवल से ज्यादा ऊंचा रहे |
    • अगर आप सोफे पर बैठे हैं तो एक फुटस्टूल या कुछ तकिये लगाकर पुर/पैर के पंजे को हार्ट के लवले से ऊंचा रखें |
    • बेड पर लेटे हों तो तकिया, मुड़ी हुई कम्बल या फोम रोलर लगाकर पैरों को कुछ इंच तक ऊंचा रखें |
    • दोनों पैरों को हमेशा एक ही समय पर ऊंचा रखें जिससे आपको हिप, पेल्विस और/या कमर का दर्द या इर्रीटेशन न हो |
  3. पैर की टूटी हुई अंगुली के लिए घर पर की जाने वाली देखभाल का एक जरुरी हिस्सा है- थोडा रेस्ट और रिलैक्सेशन | बल्कि, पैरों का वजन हटाकर रेस्ट करना प्राथमिक उपचार होता है और पैर के सभी स्ट्रेस फ्रैक्चर में इसकी सलाह दी जाती है | इसी तरह, चोट को नुकसान पहुंचाने वाली एक्टिविटी से बचें और सभी वजन उठाने वाली एक्सरसाइज (वॉकिंग, हाईकिंग, जॉगिंग) जो पैर के पंजे के बाहरी किनारे पर वजन डालती हैं, उन्हें 3 से 4 सप्ताह तक न करें | [९]
    • अगर आप पेडल को एडी के नजदीक और पैर की अँगुलियों से दूर रखने के काबिल हैं तो एक्सरसाइज करने और फिटनेस मेन्टेन रखने के लिए साइकिलिंग भी बेहतर ऑप्शन है |
    • स्विमिंग एक बिना-वजन उठाने वाली एक्सरसाइज है और सूजन और दर्द न रहने पर पैर की टूटी अंगुली के लिए उचित है | लेकिन इसके बाद अंगुली के टेप को बदलना न भूलें |
  4. थोड़े समय के आराम के लिए बार में मिलने वाली दवाएं लें: भले ही स्ट्रेस फ्रैक्चर हो या हेयरलाइन, पैर की छोटी अंगुली टूटना काफी पीड़ादायक होता है और दर्द को मैनेज करन ही हीलिंग प्रोसेस का सबसे जरूरी पार्ट होता है | इसीलिए, कोल्ड थेरपी से दर्द कम करने के अलावा, बाज़ार में मिलने वाली नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी (NSAIDs) या दर्दनिवारक दवाएं जैसे acetaminophen (Tylenol) ली जा सकती हैं | [१०] विपरीत साइड इफेक्ट्स जैसे पेटदर्द के चांसेस कम करने के लिए इन दवाओं को डेली बेसिस पर दो सप्ताह से कम समय तक ही लें | सबसे सिंपल फ्रैक्चर के लिए ये दवाएं 3 से 5 दिनों तक लेना काफी होता है |
    • NSAIDs में शामिल हैं- ibuprofen (Advil, Motrin), naproxen (Aleve, Naprosyn), और aspirin (Excedrin) | NSAIDs हड्डी के फ्रैक्चर में बेहतर होती हैं क्योंकि ये सूजन रोक देती हैं जबकि दर्द निवारक दवाएं नहीं रोक पातीं | लेकिन, naproxen जैसी NSAIDs हड्डी की हीलिंग को धीमा कर देती हैं इसलिए इनका इस्तेमाल सावधानीपूर्वक करना चाहिए | [११]
    • एस्पिरिन बच्चों को नहीं दी जाती जबकि आइबूप्रोफेन नवजातों को नहीं दी जाती इसलिए अगर आपके बच्चे को दर्द निवारक की जरूरत हो तो acetaminophen ही दें |

सलाह

  • अगर आपको एडवांस्ड डायबिटीज हो या पेरीफेरल आर्टरी प्रॉब्लम हो तो पैर की टूटी हुई अंगुली पर बडी टेप न लगायें क्योंकि टेप लगाने से ब्लड फ्लो कम हो जायेगा और नेक्रोसिस या ऊतक क्षय की रिस्क बढ़ जाएगी |
  • अगर आप अपने पैर की अंगुली में स्ट्रेस फ्रैक्चर को कन्फर्म कराने के लिए डॉक्टर के पास x-rays कराने जायेंगे तो वे आपको बता सकते हैं कि बड़ी टेप से अँगुलियों को एकसाथ कैसे बाँधा जाता है |
  • पैर की टूटी हुई छोटी अंगुली पर टेप लगाने और इससे रिकवर होते समय चौड़े कठोर-तली वाले जूते पहनें जिससे पैर उसमे आसाम से फिट हो पाए और सुरक्षित भी रहे | सैंडल और रनिंग शूज से कम से कम 4 सप्ताह तक दूर ही रहें |
  • एक सप्ताह या उससे ज्यादा समय में लक्षण ख़त्म होने के बाद डॉक्टर एक और x-ray कराने की सलाह दे सकते हैं जिससे कन्फर्म किया जा सके कि हड्डी जुड़ गयी है या नहीं |
  • हड्डियों के सामान्य फ्रैक्चर ठीक होने में 4 से 6 सप्ताह का समय लग सकता है जो प्रत्येक व्यक्ति की हेल्थ और उसकी उम्र पर निर्भर करता है |
  • दर्द और सूजन ख़त्म होने के (1 से 2 सप्ताह) बाद हर दिन थोडा- थोडा खड़े होकर और चलकर वज़न सहन करने की मात्रा धीरे-धीरे बढाते जाएँ |

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