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बार-बार होने वाली एलर्जी, जुकाम या ठन्डे मौसम के कारण छींकने से नाक में काफी दर्द होने लगता है | नाक के अंदर और आसपास के कोमल टिश्यू लगातार छींकने और पोंछने के "माइक्रो-ट्रॉमा" के कारण ड्राई और पपडीदार हो सकते हैं | एलर्जी से विशेषरूप से समस्या हो सकती है क्योंकि जुकाम या फ्लू के एक या दो सप्ताह की अपेक्षा काफी लम्बे समय तक चलती हैं | कारण चाहे जो भी हो, यहाँ ऐसी कुछ स्टेप्स दी जा रही हैं जिन्हें आजमाकर आप नाक के दर्द में आराम पा सकते हैं |

विधि 1
विधि 1 का 2:

इर्रीटेशन और पपड़ी बनना कम करें

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  1. नासाछिद्रों के बाहर कोई सूथिंग माँइश्चराइजर लगायें: वेसिलीन जैसी पेट्रोलियम जेली और नियोस्पोरिन (neosporin) जैसे ऑइंटमेंट सबसे बेहतर काम करते हैं | इन प्रोडक्ट्स की थोड़ी सी मात्रा क्यू-टिप पर लगाएं और फिर इसे प्रत्येक नासाछिद्र के प्रवेश द्वारा पर लगाएं | इनका अतिरिक्त माँइश्चर न केवल ड्राईनेस दूर करता है बल्कि बहती हुई नाक के कारण नाक में होने वाले इर्रीटेशन के लिए भी बैरियर का काम करता है | [१]
    • अगर आपके पास वेसिलीन या नियोस्पोरिन जैसी चीज़ें नहीं हैं तो आप रेगुलर फेशियल लोशन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं | इनसे उतने असरदार तरीके से माँइश्चर लॉक तो नहीं हो पाता लेकिन थोडा आराम जरुर दे देंगी |
  2. [२] अगर आप थोड़े पैसे खर्च करना चाहते हैं तो कुछ हाई-क्वालिटी वाले फेशियल टिश्यू खरीदने से लम्बे समय तक अपनी नाक को राहत दे सकते हैं | ऐसे प्रोडक्ट चुनें जिनमे लोशन भी हो | ये नाक साफ करने पर डैमेज बहुत कम करेंगे और इनमे मौजूद लोशन से इर्रीटेशन नहीं हो पायेगा | छींकते समय कम रगड़ने का मतलब है कि लम्बे समय तक रहने वाले इर्रीटेशन को कम करना |
  3. अगर नाक बहुत बुरी तरह से पपड़ी बन गयी हो या ब्लीडिंग हो रही है तो दर्द से राहत पाने के लिए वहां तुरंत गर्म माँइश्चर लगायें | एक साफ़ कपडे को बहते हुए गर्म पानी के नीचे लायें और फिर इसे धीरे से नासाछिद्रों में दबाकर लगाएं | अपने सिर को पीछे की और झुकाएं और कपडे को कमरे के तापमान पर ठंडा होने तक उसी जगह पर रखें रहें | इस दौरान मुंह से सांस लें |
    • गीले कपडे से नाक को भिगोने के तुरंत बाद उस पर पेट्रोलियम जेली या नियोस्पोरिन लगायें |
    • इसके बाद इस कपडे को या तो नष्ट कर दें या तुरंत धो लें |
  4. बहती हुई या बंद नाक के कारण बहुत ही भयावह फील होता है और आपको लगेगा कि लगातार नाक साफ़ करते रहें | हालाँकि इस इच्छा को दबाना बहुत मुश्किल हो सकता है | विशेषरूप से अगर आप घर में अकेले हों और आपकी बहती हुई नाक देखकर मुंह सिकोड़ने वाला कोई भी न हो तो सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही नाक साफ़ करें | अगर नाक से थोडा सा म्यूकस बहने लगे तो ड्राई टिश्यू से रगड़कर पोंछने और नाक को इर्रीटेड करने की बजाय इसे धीरे से दबाकर निकालें |
  5. [३] गहरी सांस भरकर बहुत तेज़ी से नाक साफ़ करने की बजाय धीरे से नाक साफ़ करें जिससे पपड़ी न बनें और नाक छिल न पाए | एक नासाछिद्र से सॉफ्टली साफ़ करें और इसके बाद दूसरे से | नाक पर्याप्त रूप से साफ फील होने तक एक-एक करके नासाछिद्रों से नाक साफ़ करें |
    • नाक साफ़ करने से पहले हमेशा डिसकंजेस्टिंग तकनीक से म्यूकस ढीला करें |
  6. [४] डॉक्टर आपको एलर्जी के लिए दवाएं दे सकते हैं जो रिएक्शन कण्ट्रोल कर सकें | चाहे आपको एलर्जी शॉट लेने पड़ें या जब नाक बहना शुरू हो तो फ्लोनेस (flonase) नेसल स्प्रे लें पड़े, ये चीज़ें एलर्जी को ट्रीट करके नाक को राहत दे सकती हैं |
    • ध्यान रखें, ओरल डिकंजेस्टेंट्स म्यूकस को और भी सुखा देते हैं जिससे इर्रीटेशन और बढ़ सकता है |
विधि 2
विधि 2 का 2:

नाक को डिकंजेस्ट करें

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  1. नाक को बंद करने वाले स्त्रावों को ढीला और पतला करने की कई सारी मेथड्स होती हैं | इस तकनीकों के लिए थोडा सा समय निकालकर आप प्रत्येक नासाछिद्र की कार्यक्षमता सुधार सकते हैं | धीरे-धीरे समय के साथ आपको बहुत कम बार नाक साफ़ करना पड़ेगी और नाक पर पपड़ी बनना कम हो जाएँगी | पूरे दिन इन डिकंजेस्टेंट तकनीकों को आजमायें और इसके तुरंत बाद नाक साफ़ करें |
  2. अगर आप किसी ऐसे जिम में जाते हैं जिसमे सॉना बाथ भी हो तो नाक के कंजेशन को ढीला करने और लम्बे समय के बाद रिलैक्स होने के लिए यह बेहतरीन जगह साबित होगी | लेकिन, अगर आपके पास सॉना बाथ की सुविधा नहीं है तो आप बाथरूम में भी भाप ले सकते हैं | शॉवर में हॉट वॉटर चलायें और पूरे बाथरूम में भाप भरने तक दरवाजे बंद रखें | इस बाथरूम में तीन से पांच मिनट तक या म्यूकस ढीला और नम होने तक रहें | भाप वाले कमरे से बाहर आने से पहले धीरे से नाक साफ़ ककरें |
    • पानी बचाने के लिए, शॉवर से बाहर आते समय नाक साफ करें |
  3. [५] एक गीला कपडा लें और माइक्रोवेव में गर्म होने तक रखें लेकिन इसे स्किन जलाने जितना गर्म न करें | माइक्रोवेव की टाइमिंग आपकी मशीन पर निर्भर करती है इसलिए 30 सेकंड से शुरुआत करें और फिर 15 सेकंड बढाते जाएँ | कपडा गर्म तो हो लेकिन यह सहन करने योग्य होना चाहिए | इस कपडे को नाक पर रखें और ठंडा होने तक रखें रहने दें | हीट से म्यूकस ढीला होने लगेगा, भले ही आप इसे नेसल कैविटी में बाहर की ओर रखें |
    • नाक साफ़ करने से पहले अगर जरूरत हो तो इस प्रोसेस को रिपीट करें |
  4. [६] इसका मतलब है कि आपको सेलाइन स्प्रे से नासामार्ग को धोना होगा | आप किसी ग्रोसरी स्टोर या फार्मेसी से नेसल सेलाइन स्प्रे खरीद सकते हैं | दिन में दो बार प्रत्येक नासाछिद्र में स्प्रे करें जिससे म्यूकस में थोडा लिक्विड जाने से उसे ढीला किया जा सके | अगर आप सेलाइन स्प्रे नहीं खरीदना चाहते तो आप इसे घर पर भी आसानी से बना सकते हैं:
    • 8 औंस गर्म पानी में 1/2 छोटी चम्मच नमक मिलाएं |
    • ग्रोसरी स्टोर या फार्मेसी से एक सक्शन बल्ब खरीदें | होममेड नेसल सेलाइन के साथ इससे नाक धोएं |
  5. नेति पॉट एक छोटे टी पॉट जैसा दिखाई देता है | यह एक नासाछिद्र में गर्म पानी डालकर उसे दूसरे नासाछिद्र से निकालने के द्वारा बंद साइनस के मार्ग को खोल देता है |पानी को कम से कम 120 डिग्री फेरनहाइट (49 डिग्री सेल्सियस) पर गर्म करें जिससे पानी में मौजूद हानिकारक चीजें ख़त्म हो जाएँ | अब पानी को नेति पॉट में इस्तेमाल करने से पहले सुविधाजनक तापमान तक ठंडा होने दें | सिर को झुकाएं और दाहिने नासाछिद्र में पानी भरें | अगर आप अपने सिर को झुकाएं रखेंगे तो यह पानी बाएं नासा छिद्र से बाहर निकल जायेगा |
    • अगर आप किसी ऐसे एरिया में रहते हैं जहाँ पानी काफी गन्दा आता हो तो नेति पॉट से नाक साफ़ करने की विधि का इस्तेमाल न करें | ऐसा देखा गया है कि ऐसी जगहों के नल के पानी में पाए जाने वाले पैरासाइट से अमीबिक इन्फेक्शन हो सकते हैं | [७]
  6. गला और नाक आपस में कनेक्टेड होते हैं इसलिए गर्म तरल पीने से नासामार्ग भी गर्म होगा | स्टीम लेने के समान ही इससे भी स्त्राव बहुत फ्लो से बाहर आ सकते हैं | आप चाहे जो भी चाय पसंद करें, उचित है लेकिन अगर आपको जुकाम हो तो हीलिंग हर्बल टी पीना बेहतर होगा | ग्रोसरी स्टोर या हेल्थ स्टोर पर जुकाम या फ्लू में राहत देने वाली टी खोजें | पेपरमिंट और क्लोव टी गले की खराश में आराम देती हैं और बंद नाक खोलने में भी मदद करती हैं | [८]
  7. [९] अगर आप जुकाम या फ्लू के कारण बेडरेस्ट पर हों तो आपको थोडा रेस्ट ही करना चाहिए | लेकिन अगर आपकी नाक एलर्जी के कारण बह रही हो तो एक्सरसाइज करना एक अच्छा ऑप्शन नहीं है | जब आपकी हार्ट रेट इतनी बढ़ जाए कि पसीना आने लगे तो इससे नासास्त्राव साफ़ होने का लाभदायक साइड इफेक्ट मिल सकता है | बल्कि 15 मिनट एक्सरसाइज करने से भी मदद मिल सकती है, बशर्ते एलर्जजन्स से दूर रहा जाए तो | उदाहरण के लिए, अगर आपको परागकणों से एलर्जी हो तो घर से बाहर रनिंग के लिए न निकालें |
  8. सोचें कि आपने आखिरी बार कुछ मसालेदार चटपटी चीज़ कब खाई थी | क्या आपको याद है कि आपकी नाक बहना कैसे शुरू हुई? [१०] यह नाक साफ़ करने आइडियल स्टेट है इसलिए हॉट सालसा, पानीपूरी, भेलपुरी, चाट हॉट विंग्स खाएं जिससे आपकी नाक बहने लगें | स्त्राव गीले होने और तरल होने पर तुरंत नाक साफ़ करें |
  9. आप सोते समय कमरे की हवा को नम रखने के लिए किसी ड्रग स्टोर से ह्युमिडीफायर खरीदें | कूल मिस्ट सेटिंग वाले ह्युमिडीफायर चुनें क्योंकि वार्म मिस्ट से कंजेशन और बढ़ सकता है | मशीन को आइडियल ह्युमिडिटी लेवल पर 45 और 50% से नीचे सेट करें | [११]
    • टेबलटॉप वर्शन में एक से चार गैलन पानी आ सकता है लेकिन इसे डेली बदलना पड़ेगा | हर तीन दिन में हाथ से पानी को पूरी तरह से साफ़ करें |
    • HEPA वाले फ़िल्टर लें और उन्हें मैन्युफैक्चरर के डायरेक्शन के अनुसार बदलें |
  10. [१२] साइनस को प्रभावित करने वाले एरिया पर मसाज करने से नासा मगर खुल सकता है और इससे नाक साफ करना आसान हो जाता है | थोड़े अतिरिक्त लाभ के लिए रोजमेरी, पेपरमिंट या लैवेंडर ऑइल का इस्तेमाल करें लेकिन ध्यान रखें कि ये आपकी आँख में न जाएँ | इसके बाद आप चेहरे पर गर्म सेंक कर सकते हैं | अपनी इंडेक्स और मिडिल फिंगर से थोडा दबाव देते हुए सर्कुलर मोशन में इन एरियाज पर मसाज करें:
    • माथा (फ्रंटल साइनस)
    • नासासेतु और कनपटी (ऑर्बिटल साइनस)
    • आँखों के नीचे (मैक्सीलरी साइनस)

चेतावनी

  • अगर आपको एक सप्ताह से बिना सुधार हुए साइनस इन्फेक्शन या जुकाम या फ्लू बना रहे तो मेडिकल हेल्प लें | इसके संकेत हैं; गाढ़ा, हरा सा नासा स्त्राव और साइनस के कारण होने वाला सिरदर्द |
  • हालाँकि ऐसा बहुत कम देखा गया है लेकिन फिर भी संभवना है कि नाक के नीचे बार-बार वेसिलीन लगाने से यह सांस के साथ अंदर फेफड़ों तक जा सकती है और इसके कारण लिपिड निमोनिया (lipid pneumonia) हो सकता है | बहुत ज्यादा बार वेसिलीन लगाने से बचें और कई अलग-अलग तरह के माँइश्चराइजर बदल-बदलकर लगाते रहें |

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