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मितली (nausea) या जी मचलाना, पेट में होने वाली ऐसी अनुभूति होती है जिसके कारण अंततः वमन या उलटी हो जाती है | यह कई कारणों से हो सकती है जिसमे चिंता, तनाव, जहाज पर चलने से होने वाली मितली और गर्भवती स्त्रियों में होने वाली सुबह की मितली (morning sickness) शामिल हैं | मितली कई गंभीर बीमारियों का लक्षण भी हो सकती है जैसे, भोजन विषाक्तता (food poisoning) या पेट की गड़बड़ी, इसलिए अगर आपकी मितली 48 घंटे के बाद भी ठीक न हो तो अपने डॉक्टर को दिखाएँ | [१] अगर आपकी मितली थोड़ी कम गंभीर बीमारियों या सामान्य चिंता औत तनाव के परिणामस्वरूप हो तो यहाँ दी गयी विधियों के द्वारा आप मितली से छुटकारा पाने की कोशिश कर सकते हैं (Nausea, ji machalna, kaise, kare) |

विधि 1
विधि 1 का 6:

तुरंत एक्शन लें (Immediate Action)

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  1. यहाँ-वहां घूमने से मितली और बढ़ जाती है | एक शांत स्थान पर या शांत कमरे में बेड पर या चटाई पर बैठकर आराम करने की कोशिश करें | अगर फिर भी आप मितली अनुभव करें तो आप किसी भी चीज़ से (बेहतर होगा कि तकिये का उपयोग करें) अपने सिर को थोडा ऊंचा रखते हुए लेट जाएँ और खुद को धीरे-धीरे शांत करने की कोशिश करें (इससे नींद आसानी से आ जाएगी और अधिक आराम भी मिलेगा) | [२]
    • अगर आप पर्याप्त विश्राम ले सकें तो एक छोटी सी झपकी लेने से भी मितली से मुक्ति पाई जा सकती है | ऐसा करने से सोकर जागने पर आप बेहतर अनुभव कर सकते हैं |
  2. ताज़ी हवा में ली गयी साँसें फेफड़े साफ़ कर सकती हैं, चिंता कम कर सकती हैं और आपके पेट को थोडा उम्दा अनुभव दे सकती हैं | [३]
    • एक शांत स्थान पर बैठें और अपनी आँखें बंद करके मितली के अलावा किसी अन्य चीज़ के बारे में सोचने की कोशिश करें (जिससे आपका ध्यान मितली से हट जाए) |
    • सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक्स से दूर रहें क्योंकि बहुत अधिक समय तक इलेक्ट्रोनिक्स के उपयोग से सिरदर्द होने लगता है और अधिक सिरदर्द भी मितली का कारण बन सकता है |
    • अपनी नाक से गहरी सांस भरें और उसे थामे रखें | अब, धीरे-धीरे मुंह से सांस छोड़ें | इसे कई बार दोहराएँ |
  3. अपनी गर्दन के पिछले हिस्से पर एक ठन्डे सेंक को रखें: मितली बुखार के कारण हो सकती है, लेकिन अगर बुखार न हो तब भी मध्यम से गंभीर प्रकार की मितली के परिणामस्वरूप आपका तापमान बढ़ सकता है | ठंडा तापमान आपके शरीर के तापमान को स्थिर करने में मदद कर सकता है | [४]
    • एक साफ़ कपडे को ठन्डे पानी में डुबायें | अगर आप लेटे हुए हों तो इसे सेंक को अपनी गर्दन के नीचे रखकर दबाएँ | अगर आप सीधे बैठे हों तो इसे अपनी गर्दन के चारों ओर लपेट लें |
  4. कोई मूवी देखें, किसी दोस्त को कॉल करें या ऐसी कोई अन्य हलकी-फुलकी गतिविधियाँ करें जिससे आपको मितली न आये | [५]
    • कभी-कभी चिंता या घबराहट के कारण मितली और बढ़ जाती है इसलिए अपने दिमाग से सभी चिंताओं को हटाने से आप मितली को दूर करने में मदद पा सकते हैं |
    • ऐसी गतिविधियों से बचें, जिनमे गहन फोकस की जरूरत हो: उदाहरण के लिए, पढ़ना, या लिखना जिनमे आपकी आँखों को लम्बे समय तक शब्दों पर फोकस करने की जरूरत होती है और इसके कारण आपकी आँखों में खिंचाव उत्पन्न हो सकता है | सामान्य स्थितियों के अंतर्गत, यह तनाव या खिंचाव आपको प्रभावित नहीं कर सकता, लेकिन अगर आपको मितली अनुभव हो तो किसी भी प्रकार के अतिरिक्त तनाव से आपके लक्षण और बदतर हो सकते हैं |
    • तेज़ी से की जाने वाली किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधियों से दूर रहें | हालाँकि, धीरे-धीरे की जाने वाली गतिविधियों से मितली को कम करने में मदद मिल सकती है, लेकिन इसके विपरीत अधिकतर तीव्र गति से की जाने वाली गतिविधियाँ आपके पेट को खिंचाव देंगी जिससे मितली और बदतर हो जाएगी |
  5. आपके सूंघने की शक्ति आपके पाचन तंत्र से सम्बंधित होती है इसलिए एक तीव्र गंध आपके पेट को उत्तेजित कर सकती है और मितली को और बढ़ा सकती है | [६]
    • खुशबू वाली चीज़ों को न पकाएं, न धूम्रपान करें और न ही किसी तरह का परफ्यूम लगायें | बल्कि, अगर संभव हो तो खुद को ऐसी जगह से दूर रखें जहाँ कोई भी तेज़ सुगन्ध वाली चीज़ें पका रहा हो, जहाँ तेज़ सुगंध फैली हो या कोई तेज़ परफ्यूम लगाये हो |
विधि 2
विधि 2 का 6:

एक्यूप्रेशर और स्ट्रेचिंग का उपयोग करें (acupressure, stretching)

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  1. एक्यूप्रेशर एक प्राचीन चायनीज़ विधि है जिसमे अँगुलियों के उपयोग से, शरीर के हिस्सों पर दबाव डाला जाता है | एक्यूप्रेशर, एक्यूपंक्चर के समान ही तंत्रिकाओं के द्वारा आपके मस्तिष्क को भेजे जाने वाले दर्द के संदेशों को बदलने का काम करता है | [७]
    • अपनी मध्यमा और तर्जनी अंगुली से “C” शेप बनायें | इस शेप के द्वारा अपनी कलाई के अंदर उपस्थित दो बड़े टेंडॉन्स (tendons) के बीच के उस गड्ढे को धीरे-धीरे दबाएँ जहाँ से आपकी हथेली के आधार की शुरुआत होती है |
    • इस दबाव को 30 सेकंड से एक मिनट तक बनाये रखें | अब, अपनी कलाई पर अपनी अँगुलियों को ढीला छोड़ा दें | आपको अनुभव होगा कि मितली कम हो गयी है या चली गयी है | [८]
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    एक एक्यूप्रेशर बैंड का उपयोग करें: अगर आप अपने हाथ फ्री रखना चाहते हैं तो आप एक मोशन सिकनेस ब्रेसलेट (motion sickness breslet) या एक्यूप्रेशर बैंड खरीद कर उपयोग कर सकते हैं | इन बैंड्स में ऐसी बटन होती हैं जिनसे आपकी कलाई के बिन्दुओं पर लगातार दबाव पड़ता है और ये आपको पूरे दिन आराम प्रदान करते हैं | [९]
  3. अपनी पीठ और गर्दन को स्ट्रेच करने के लिए योगा करें: कभी-कभी, आपकी पीठ और गर्दन में असुविधा के कारण भी मितली हो सकती है | धीरे-धीरे की गयी स्ट्रेचिंग से पीठ और गर्दन के दर्द में आराम मिल सकता है और मितली से राहत पाने में मदद मिल सकती है | [१०]
    • अपनी पीठ के ऊपरी हिस्से को स्ट्रेच करने के लिए, नीचे की ओर मुंह करके पैरों को क्रॉस करने का पोज़ बनाकर बैठें | जमीन पर पैरों को क्रॉस करके बैठें और अपने शरीर को आगे की ओर झुकाएं | जब आपका शरीर आपके पैरों से 45 डिग्री के कोण पर आ जाए तो आगे की ओर मुड़ना बंद कर दें | अपनी भुजाओं को एक कुर्सी पर अपने सामने की ओर रखें | अगर आपने काफी लचीलापन हो तो आप अपनी भुजाओं को बाहर की ओर फैलाकर अपने माथे को सामने की ओर जमीन पर स्पर्श करने तक अपने शरीर को झुका सकते हैं |
    • अपनी गर्दन को स्ट्रेच करने के लिए, एक कुर्सी पर बैठ जाएँ | अपने कन्धों को ढीला छोड़ दें और अपने हाथ अपनी जांघों पर रखें | अपने सिर को अपने कन्धों की ओर झुकाएं और इस स्थिति में 15-30 सेकंड तक बने रहें | अपने दूसरे कंधे को नीचे किये रखें | एक गहरी सांस लें और सिर को वापस केंद्र की ओर लायें | इसे प्रत्येक साइड 2-4 बार दोहराएँ | [११]
    • एक अन्य मितली-विरोधी योगा के पोज़ के लिए, अपने पैरों को दीवार के विरुद्ध ऊपर करके रखें | एक दीवार के विरुद्ध, एक योगा करने की चटाई या कारपेट पर लेट जाएँ | अपनी पुच्छास्थि (tailbone) और नितम्बों को दीवार से सटाकर रखें और पैरों को ऊपर दीवार पर लटकाएं | इस स्थिति में कम से कम 5 मिनट तक या 40-50 बार सांस लेने तक बने रहें | इस पोज़ से मितली को शांत करने में मदद मिलेगी और आपके शरीर में होने वाली किसी भी प्रकार के तनाव या खिंचाव को कम करने में मदद मिलेगी |
विधि 3
विधि 3 का 6:

भोज्य पदार्थ और तरल लें

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  1. जब आपके पेट में मितली के कारण परेशानी हो तो अपने पेट को अत्यधिक भरने से बचाने के लिए आपको कम मात्रा में भोजन लेने और कम मात्रा में धीरे-धीरे तरल पीने की आवश्यकता होती है | [१२]
    • बल्कि, जब आप मितली अनुभव करें तब खाना और पीना और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है | भूख और डिहाइड्रेशन से वास्तव में मितली हो सकती है या मितली की स्थिति और बिगड़ सकती है |
  2. नरम और हाइड्रेटिंग (hydrating) खाद्य पदार्थों का सेवन करें: हालाँकि, खाना, वो आखिरी चीज़ होगी जिसके बारे में आप मितली होने पर सोचना चाहेंगे, लेकिन खाली पेट रहने से मितली की स्थिति और बिगड़ जाएगी | अपने पेट की गड़बड़ी को और खराब होने से बचाने के लिए, आसानी से पचने वाले भोज्य पदार्थों का सेवन करें | [१३]
    • नरम खाद्य पदार्थ (bland foods) के अच्छे उदाहरणों में शामिल हैं- क्रैकर्स, टोस्ट, आलू, नूडल्स, चावल और इंग्लिश मफिन्स | अगर आपको हलकी मितली हो तो आप बेक की हुई मछली या चिकन का उपयोग भी कर सकते हैं |
    • हाइड्रेटिंग खाद्य पदार्थों के अच्छे उदाहरणों में शामिल हैं- पोप्सिक्ल्स (डंडी वाली आइसक्रीम), सूप, और जेलो (jello) |
    • चिकनाई वाले, तीखे और चटपटे खाद्य पदार्थों से दूर रहें: उदाहरण के लिए, मितली होने पर सॉसेज, फ़ास्ट फूड्स, फ्राइड फूड्स और आलू के चिप्स आपके दुश्मन बन जाते हैं | इस मितली की संवेदना को अनुभव करने पर आपका पेट इन खाद्य पदार्थों का समायोजन नहीं कर पाता क्योंकि ये सभी आपके पेट के लिए बहुत गरिष्ठ होते हैं | [१४]
  3. गर्म और ठन्डे भोज्य पदार्थों को एक साथ मिलकर सेवन न करें: मितली से मुक्ति पाने की कोशिश करने पर, तापमान की यह भिन्नता आपके पेट को ख़राब कर सकती है |
    • एक सामान्य दिशानिर्देश के अनुसार, ठन्डे खाद्य पदार्थ आमतौर पर आपके पेट के लिए सौम्य होते हैं और गर्म खाद्य पदार्थों की अपेक्षा मितली को शांत करने में अधिक कारगर सिद्ध होते हैं | गर्म खाद्य पदार्थों में तेज़ गंध हो सकती है जिससे मितली और बढ़ सकती है | [१५]
  4. मितली के दौरे आने के समय हाइड्रेशन बहुत ज़रूरी होता है | पूरे दिन में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी और फलों के रस पीते रहने से मितली से राहत पाने में मदद मिलेगी | आप तरल को गटकने की बजाय चूसने के लिए आप एक स्ट्रॉ (straw) का उपयोग कर सकते हैं | [१६]
    • पानी सर्वोत्तम विकल्प है, लेकिन फलों के रस जैसे, सेव का रस भी कमाल का काम कर सकता है | फ्लैट सोडा, विशेषरूप से फ्लैट जिंजर अले (flat ginger ale) मितली वाले पेट को शांत करने में मदद कर सकता है |
    • अगर आपको उलटी हो जाए तो ऐसी स्पोर्ट्स ड्रिंक्स लें जिनमे ग्लूकोस, नमक और पोटैशियम हो जिससे उलटी से निकल जाने वाले मिनरल्स की पूर्ती हो सके |
    • कैफीन और अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों से दूर रहें |
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    भोजन करने के एकदम बाद लेटें नहीं: इससे आपके पाचन की गति धीमी हो सकती है और पेटदर्द हो सकता है जिससे मितली हो सकती है | भोजन करने के बाद लेटने से पहले कम से कम आधे से एक घंटे इंतज़ार करें जिससे पेट को पाचन के लिए पर्याप्त समय मिल सके | [१७]
विधि 4
विधि 4 का 6:

प्राकृतिक उपचार आजमायें (Gharelu Nuskhe, Home Remedy)

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  1. मितली को कम करने के लिए अदरक की चाय या कच्चा अदरक उपयोग किया जा सकता है | अदरक की जड़ कई सारे पाचक रसों और एंजाइम के स्त्रावण को प्रेरित करती है जिससे आमाशय के अम्ल को उदासीन करने में मदद मिलती है | अदरक में पाया जाने वाला फिनॉल (phenol) भी पेट की गतिविधियों की मात्रा को कम कर देता है और आपके सिस्टम से टोक्सिन्स को जल्दी बाहर निकालने में आपकी आँतों की मदद करता है | [१८]
    • लगभग 2 इंच की अदरक की जड़ को लेकर अदरक की चाय बनायें | अदरक की जड़ को धोकर इसे छील लें | इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें या एक वैक्स पेपर से ढंककर इसे कुचल लें और चम्मच के द्वारा इसे मसल लें |
    • मध्यम-तेज़ आंच पर 2-3 कप पानी उबालें | अब, अदरक मिलाएं और इसे 3-5 मिनट तक उबलने दें |
    • चाय को आंच से हटा लें और अगर आपको चाय में थोडा सा भी अदरक नहीं चाहिए हो तो इसे छान लें | अब, इसे कप में डालें और अगर आपको पसंद हो तो थोड़ी सी शहद मिलाएं | धीरे-धीरे चूसते हुए पियें |
  2. पेपरमिंट की चाय और ठोस पेपरमिंट कैंडी में अदरक के समान ही मितली से राहत देनें वाले गुण पाए जाते हैं |
    • पेपरमिंट का सेंट (scent) भी मितली को कम करने में प्रभावशाली होता है | फ़ूड-सेफ (food-safe) पेपरमिंट आयल की कुछ बूँदें सीधे अपनी कलाई के अंदर की ओर या अपने मसूड़ों में लगायें |
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    मिल्क टोस्ट बनायें: ब्लैंड फूड्स या नरम भोज्य पदार्थ जिनमे दूध और ब्रेड शामिल हैं, आपके पेट को शांत करने में मदद कर सकते हैं | ब्रेड अतिरिक्त एसिड को अवशोषित करते हैं जबकि दूध आपकी आमाशय को आवरित करता है और उसे सेटल होने में मदद करता है | आपको दूध अकेला नहीं पीना चाहिए क्योंकि डेरी प्रोडक्ट्स आपके पेट को ख़राब कर सकते हैं इसलिए मिल्क टोस्ट बनाकर उपयोग करें | [१९]
    • अगर आपके पेट में गड़बड़ी (गेस्ट्रोइंटेराइटिस) हो तो इस दवा का उपयोग न करें |
    • दूध के गर्म होने तक 1 कप दूध को आंच पर रखें लेकिन उबालें नहीं | दूध को बाउल में डालें |
    • ब्रेड के एक टुकड़े या टोस्ट को सेंकें और उस पर थोड़ी मात्रा में बिना नमक वाले बटर को फैलाएं |
    • टोस्ट का चूरा करके उसे दूध में डालें और हिलाएं | इसे धीरे-धीरे खाएं |
  4. एक ठंडा और फ्रोजेन नीम्बू बहुत अच्छा काम करता है | साइट्रस की तेज़ सुगंध और स्वाद मितली को कम करने में मदद कर सकती है | [२०]
    • एक नीम्बू को आधा काटें और सहन होने तक इसे करीब से सूंघें |
    • अगर नीम्बू की सुगंध काम न करे तो टुकड़ों में काटें और 30 मिनट या उससे अधिक समय के लिए फ्रीजर में रखें | इनके ठन्डे या फ्रीज़ होने पर नीम्बू के टुकड़े को चूसने से मितली में तुरंत आराम मिल जाता है |
विधि 5
विधि 5 का 6:

प्रोफेशनल उपचारों का उपयोग करें

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  1. अगर आप जल्दी से अपने किसी नजदीकी स्टोर या सुपरमार्केट जा सकें तो मितली को ठीक करने वाली आमतौर पर मिलने वाली उन दवाओं को ले लें जिन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना लिया जा सकता हो |
    • आमतौर पर मिलने वाली दवाओं में बिस्मथ सबसैलिसिलेट (bismuth salicylate) एक लोकप्रसिद्ध दवा है जिसका उपयोग कई प्रकार की पाचन सम्बन्धी समस्याओं में किया जाता है जिनमे मितली भी शामिल है | [२१]
    • सामान्य “एंटी-नौज़िया लिक्विड (anti-nausea liquid)” कई ड्रग स्टोर्स पर मिल सकते हैं | ये संयोजन आमतौर पर डेक्सट्रोज़ (dextrose), फ्रक्टोज (fructose) और फास्फोरिक एसिड (phosphoric acid) के संयोजन की अपेक्षा थोड़े ज्यादा होते हैं |
  2. उदाहरण के लिए, कई दर्द निवारक दवाएं मितली को उत्पन्न करती हैं और मितली की स्थिति को और ख़राब बना देती हैं | [२२]
    • अगर कोई दवा आपकी मितली को और बदतर कर देगी तो उसकी पहचान करने का यह एक तुरंत और सरल उपाय है कि आपको उसके सामान्य साइड इफेक्ट्स को चेक करना चाहिए | अगर उन संभावित साइड इफेक्ट्स के रूप में मितली भी हो तो वे दवाएं मितली का संभावित कारण हो सकती हैं |
    • उदाहरण के लिए, मितली के कारणों में आमतौर पर मिलने वाली दवाएं जैसे टायलेनोल (tylenol), एडविल (advil), एलेव (aleve) और मोट्रिन (motrin) शामिल होती हैं | [२३]
विधि 6
विधि 6 का 6:

चिकित्सीय उपचार लें (Medical Treatment)

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    अगर आपको दिन में तीन बार या उससे अधिक बार उल्टियाँ हों तो तुरंत चिकित्सीय देखभाल लें: अगर आप थोडा सा भी भोजन या पानी ग्रहण नहीं कर पा रहे हों या 48 घंटों से भी अधिक समय तक मितली बनी रहे तो आपको चिकित्सीय देखभाल लेनी चाहिए | [२४]
    • अगर आप कमजोरी, बुखार या पेटदर्द अनुभव करें या 8 घंटों से अधिक समय से मूत्रत्याग न कर सके हों तो भी आपको चिकित्सीय देखभाल अपनानी चाहिए |
    • अगर आपकी उलटी में खून आये जो चटक लाल या कॉफी के रंग का दिखे और अगर आपको तेज़ सिरदर्द हो या गर्दन में जकड़न हो या गंभीर पेटदर्द हो तो डॉक्टर को दिखाएँ |
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    अगर आपके बच्चे को कुछ घंटों तक लगातार मितली बनी रहे या उसे बुखार हो तो उसे डॉक्टर के पास ले जाएँ: अगर बच्चे को 4-6 घंटों से अधिक समय से मूत्रत्याग न हुआ हो तो भी उसे डॉक्टर को दिखाएँ क्योंकि ये उसके डिहाइड्रेशन के चिन्ह हो सकते हैं और उसे डायरिया हो सकता है | [२५]
  3. अपने डॉक्टर से मितली रोकने वाली दवाओं के बारे में पूछें: डॉक्टर के द्वारा लिखी हुई ऐसी कई दवाएं होती हैं जिनसे मितली कम हो जाती है | इनमे से कई दवाएं 30 से 60 मिनट के अंदर अपना काम करना शुरू कर देती हैं | [२६]
    • प्रोमेथाज़िन हाइड्रोक्लोराइड (promethazine hydrochloride) आमतौर पर टेबलेट्स, सिरप, इंजेक्शन या सपोसिटरी के रूप में आते हैं | [२७]
    • क्लोरप्रोमाजिन (chlorpromazine) केवल सपोसिटरी के रूप में ही उपलब्ध होती है |
    • प्रोक्लोरपेराज़िन (prochlorperazine) टेबलेट्स और सपोसिटरी दोनों रूपों में मिलती है |
    • ट्राईमेथो-बेन्जामाइड हाइड्रोक्लोराइड (trimetho-benzamide hydrochloride) आमतौर पर कैप्सूल, इंजेक्शन, सिरप या सपोसिटरी के रूप में उपलब्ध होती है |
    • मेटोक्लोप्रामाइड हाइड्रोक्लोराइड (metoclopromide hydrochloride) सिरप, टेबलेट्स या इंजेक्शन के रूप में आते हैं |
    • मोशन सिकनेस (किसी भी प्रकार के वहन में यात्रा करने से होने वाली मितली) से सम्बंधित मितली में राहत पाने के लिए, अपने डॉक्टर से स्कोपोलेमाइन (scopolamine) या ड्रामामाइन (dramamine) पैचेज के बारे में पूछें | [२८]

चीज़ें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • शीत या ठंडा सेंक
  • एक्यूप्रेशर व्रिस्ट बैंड (acupressure wrist band)
  • साफ़ तरल
  • नरम भोज्य पदार्थ
  • हाइड्रेटिंग फूड्स (hydrating foods)
  • अदरक
  • पेपरमिंट
  • नीम्बू
  • दूध
  • टोस्ट
  • आमतौर पर मिलने वाली मितली-विरोधी दवाएं (anti-nausea medicine)
  • डॉक्टर द्वारा निर्देशित मितली-विरोधी दवाएं (anti-nausea medicine)

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