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क्या खांसी की वजह से आप सारी रात जागते रहते हैं, और भी तब, जबकि आपको सर्दी ही नहीं? ऐसी कई सारी वजह हैं, जो आपको रात में खांसी लाती हैं। ये विकिहाउ आपको उनके ऊपर रोक लगाने की सलाह देगा।

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपनी सोने की आदतों को एडजस्ट करना

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  1. सोने जाने से पहले अपने साथ में पिलो (तकिये) लेकर जाएँ और एक से ज्यादा पिलो पर सोने की कोशिश करें। यह दिन के दौरान आपके द्वारा निगले हुए सभी पोस्टनेजल ड्रेनेज और बलगम को, नीचे लेटते वक़्त आपके गले तक आने से रोक लेगा। [१]
    • आप चाहें तो अपने बेड को कुछ 4 इंचेस तक बढ़ाने के लिए, अपने बेड के हैड के नीचे लकड़ी के टुकड़े भी रख सकते हैं। ये एंगल एसिड्स को आपके पेट में नीचे ही रखेगा, ताकि वो आपके गले को इरिटेट न कर सकें।
    • अगर हो सके, तो अपनी पीठ के बल सोने से बचें, क्योंकि ये रात में आपकी साँसों के ऊपर ज़ोर डाल सकता है और जिसकी वजह से आपको खाँसी आती है। [२]
    • सिर के नीचे रखे जाने वाले तकियों की संख्या को बढ़ाना, कंजेस्टिव हार्ट फेलर (congestive heart failure/CHF) की वजह से रात में होने वाली खाँसी को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है। पानी जाकर लोअर लंग फील्ड में जमा होता है और साँसों को प्रभावित नहीं करता है।
  2. ड्राइ एयरवेज रात में खाँसी को और भी बदतर बना देती है। इसलिए, खुद को स्टीमी बाथरूम में डाल लें और सोने से पहले कुछ मॉइस्चर को सोख लें। [३]
    • अगर आपको अस्थमा (दमा) है, स्टीम आपकी खाँसी को बदतर बना सकती है। इसलिए अगर आपको दमा है, तो आप इस रेमेडी को न यूज करें।
  3. रात को आपके चेहरे पर पड़ने वाली ठंडी हवा, खाँसी को और भी बदतर बना देती है। अपने बेड को किसी ऐसी जगह पर रख दें, जहां पर ये एयर कंडीशनर या हीटर के डाइरैक्ट नीचे न हो। अगर आप रात में अपने रूम में फ़ैन चालू रखते हैं, तो इसे अपने बेड के अपोजिट किसी जगह पर रख दें। [४]
  4. हयूमिडिफ़ायर आपके रूम की एयर को ड्राइ बनाने के बजाय, उसकी नमी को बनाए रखती है। स्टीम एयरवेज को खोल देती है और अच्छे एयर फ़्लो को होने देती है। मॉइस्चर आपके एयरवेज की नमी को बनाए रखने में मदद करेगी और खाँसी को भी कम करेगी। [५]
    • हयूमिडिटी लेवल को करीब 40% से 50% तक रखें, क्योंकि डस्ट माइट्स (धूल के कीड़े) और फफूँदी नमी वाली हवा में ही पनपते हैं। अपने बेडरूम की हयूमिडिटी को मेजर करने के लिए, अपने लोकल हार्डवेयर स्टोर से एक हाइड्रोमीटर को ले आएँ।
  5. हफ्ते में करीब एक बार अपनी बेडिंग्स (बिस्तर बगैरह) को जरूर धोएँ: अगर आपको लगातार रात को खाँसी बनी रहती है और आपको एलर्जी भी जल्दी हुआ करती है, तो अपनी बेडिंग को क्लीन रखें। बेडिंग में रहने वाले डेड स्किन फ़्लेक्स को खाने वाले डस्ट माइट्स, छोटे-छोटे कीड़े होना बहुत कॉमन है और ये एलर्जी भी पैदा करते हैं। अगर आपको एलर्जी या दमा है, तो आप डस्ट माइट्स के रिस्क में हैं। अपनी शीट्स को धोने और अपने बेड के लिए शीट कवर्स यूज करने की पुष्टि कर लें। [६]
    • अपनी बेडिंग को धो लें, अपनी शीट्स और पिलोकेस से लेकर आपके नरम कपड़ों तक, सबको हफ्ते में एक बार गरम पानी में डालकर जरूर धोया करें।
    • आप चाहें तो डस्ट माइट्स को दूर रखने और अपनी बेडिंग को साफ रखने के लिए, अपनी मैट्रेस को प्लास्टिक में लपेटकर भी रख सकते हैं।
  6. इस तरह से, अगर आप रात में खाँसने की वजह से उठ जाते हैं, तो आप पानी की एक लंबी सिप लेकर, अपने गले को साफ कर सकते हैं। [७]
  7. सोते वक़्त अपनी नाक से ही साँस लेने की कोशिश करें: आप सोने जाएँ, उससे पहले इस कहावत के बारे में सोचें: “नाक का काम है साँस लेना और मुंह का काम है खाना।” सोने से पहले, अपनी नाक से कई बार लगातार सांसें लेते हुए, अपने आप को नाक से ही साँस लेने के लिए ट्रेन करें। ये आपके गले पर कम स्ट्रेस बनाएगा और उम्मीद तो यही है, कि इससे आपको रात में कम खाँसी भी चलेगी।
    • एक कम्फ़र्टेबल पोजीशन में स्ट्रेट सो जाएँ। [८]
    • अपनी अपर बॉडी को रिलैक्स करें और अपने मुंह को बंद रखें। अपनी जीभ को अपने नीचे वाले दांतों के पीछे, अपने मुंह से दूर रखें।
    • अपने हाँथ को अपने डायाफ्राम (diaphragm) पर या लोअर बेली एरिया पर रखें। आपको अपने चेस्ट एरिया से साँस लेने के बजाय, अपने डायाफ्राम से ही साँस लेना चाहिए। अपने डायाफ्राम से साँस लेना जरूरी है, क्योंकि ये गैस एक्सचेंज के साथ आपके लंग्स की मदद करता है और आपके लीवर, पेट और इंटेस्टाइन्स को मसाज करता है, जो टॉक्सिन्स को इन ऑर्गन्स से बाहर कर देता है। इसके साथ ही ये आपकी अपर बॉडी को भी रिलैक्स करता है।
    • अपनी नाक से गहरी साँस लें और दो से तीन सेकंड के लिए इन्हेल करें।
    • तीन से चार सेकण्ड्स के लिए अपनी नाक से एक्सहेल करें। दो से तीन सेकंड के लिए पॉज करें और फिर फिर से अपनी नाक से ही साँस लें।
    • कुछ राउंड्स तक अपनी नाक से इसी तरह से साँस लेना जारी रखें। अपने इन्हेल्स और एक्सहेल को बढ़ाने से आपके शरीर को आपके मुंह से साँस लेने के बजाय आपकी नाक से साँस लेने की आदत हो जाएगी।
विधि 2
विधि 2 का 3:

प्रोफेशनल रेमेडीज़ (नुस्खों) का यूज करना

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  1. ओवर द काउंटर मेडिसिन दो तरीके से मदद कर सकती हैं: [९]
    • Mucinex DM जैसी एक इक्स्पेक्टरन्ट (expectorant), आपके गले और एयरवेज में मौजूद बलगम और कफ को पतला करती है।
    • Delsym जैसी एक कफ सप्रेसन्ट (cough suppressant) आपके बॉडी के कफ रिफ़्लेक्स को ब्लॉक करती है और आपके शरीर की खाँसने की इच्छा को कम करती है।
    • आप चाहें तो सोने से पहले किसी एक बेसिक कफ सिरप को भी ले सकते हैं या फिर अपनी चेस्ट पर विक्स वेपर रब (Vick’s Vapor Rub) भी लगा सकते हैं। ये दोनों दवाइयाँ ही रात में खाँसी कम करने में मदद करने के लिए जानी जाती हैं।
    • यूज करने से पहले मेडिसिन के लेवल को जरूर पढ़ लें। अगर आप किसी भी ओवर द काउंटर मेडिसिन के आपके लिए सही होने या न होने को लेकर कन्फ़्यूजन में हैं, तो आपके फार्मेसिस्ट से इसके बारे में पूछ लें।
  2. कुछ कफ ड्रॉप्स में बेन्ज़ोकेन (benzocaine) जैसे नंब (सुन्न) करने वाले इंग्रेडिएंट्स मौजूद होते हैं, जो आपकी खाँसी को कम से कम इतनी देर तक तो शांत करने में मदद करते हैं, जब तक आप सो नहीं जाते। [१०]
  3. अगर आपकी खाँसी सात दिनों के बाद भी नहीं जाती है, तो फिर अपने डॉक्टर से बात कर लें: अगर कई तरह के ट्रीटमेंट्स या रेमेडीज़ यूज करने के बाद या फिर सात दिनों के बाद भी आपको रात में आने वाली खाँसी और भी बदतर होती जा रही है, तो फिर अपने डॉक्टर से मिल आएँ। रात को होने वाली खाँसी के पीछे की वजह में अस्थमा, कॉमन कोल्ड, गर्ड (GERD), एस इनहिबिटर्स (ACE inhibitors) लेना, एक वायरल सिंड्रोम, क्रोनिक ब्रांगकाइटिस (chronic bronchitis), ब्रोन्किइक्टेसिस (bronchiectasis) या कैंसर भी शामिल हो सकते हैं। अगर आपको हाइ फीवर है और रात को बहुत तेज खाँसी भी हो रही है, तो जितना जल्दी हो सके, अपने डॉक्टर से मिल आएँ। [११]
    • जोरदार खाँसी की वजह को एक अच्छी हिस्ट्री और फिजिकल के जरिए पता किया जाता है। आपके डॉक्टर किसी छिपी हुई पैथोलोजी को जानने के लिए आपके चेस्ट एक्स-रे की मांग करेंगे। गर्ड (GERD) और अस्थमा के टेस्ट की जरूरत भी पड़ेगी। इनमें अस्थमा के लिए पल्मनेरी फंक्शनिंग टेस्टिंग (pulmonary function testing) और शायद गर्ड के लिए एक एंडोस्कोपी की जरूरत होगी।
    • आपके डाइग्नोसिस के हिसाब से, आपके डॉक्टर आपको शायद एक डिकंजेस्टेंट या फिर किसी एक और ज्यादा सीरियस मेडिकल ट्रीटमेंट को प्रिस्क्राइब करेंगे। Codeine के साथ में Cheratussin सबसे ज्यादा आमतौर पर प्रिस्क्राइब किए जाने वाले सप्रेसन्ट हैं। अगर आपको पहले से ही, अस्थमा या लगातार बनी रहने वाली सर्दी जैसा कोई ज्यादा सीरियस मेडिकल इशू है, जिसकी वजह से आपको रात में खाँसी आती है, तो अपने डॉक्टर से अपने इन लक्षणों को ट्रीट करने के लिए ली जाने वाली खास मेडिसिन्स को प्रिस्क्राइब करने के बारे में बात करें। आपको शायद Dextromethorphan, morphine, guaifenesin, और gabapentin प्रिस्क्राइब की जा सकती हैं।
    • अगर आप एक एस इनहिबिटर ले रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से बात कर लें, क्योंकि खाँसी आना इसका ही एक साइड इफेक्ट भी हो सकता है। फिर वो शायद आपको एक ARB पर भी रख सकते हैं, जिसके भी खाँसी के बिना सेम इफेक्ट होते हैं।
    • कुछ खाँसी, खासतौर पर अगर वो लगातार बनी रहती है और क्रोनिक है, ये हार्ट डिसीज (दिल की बीमारी), ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) और लंग कैंसर जैसी किसी बड़ी खतरनाक बीमारी का लक्षण भी हो सकती है। हालांकि, इस तरह की बीमारियाँ अक्सर ही किसी और दूसरे खास लक्षण, जैसे कि ब्लड के साथ खाँसी आना या फिर मौजूद दिल की बीमारी की हिस्ट्री के साथ आते हैं। [१२]
विधि 3
विधि 3 का 3:

नेचुरल रेमेडीज़ का यूज करना

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  1. क्योंकि हनी आपके गले की म्यूकस मेम्ब्रेन्स को कोट करती और आराम देती है, इसलिए हनी खराब गले के लिए एक बहुत अच्छी नेचुरल रेमेडी होती है। हनी में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज़ भी होती हैं, जिसके लिए मधुमक्खियों को उनके द्वारा एड किए हुए एंजाइम के लिए शुक्रिया। इसलिए अगर आपको बैक्टीरियल बीमारी की वजह से खाँसी आ रही है, तो हनी बैड बैक्टीरिया से लड़ने में मदद कर सकती है। [१३]
    • दिन में एक से तीन बार और सोने से पहले एक चम्मच भर के ओर्गेनिक रॉ हनी लें। आप चाहें तो हनी को एक कप गरम पानी में नींबू के साथ भी मिला सकते हैं और उसे सोने से पहले भी ले सकते हैं।
    • बच्चों के लिए, उन्हें दिन में एक से तीन बार और सोने से पहले एक चम्मच भर के हनी दें।
    • आपको दो साल से कम उम्र के बच्चों को, बोटुलिज़्म (botulism), एक तरह के बैक्टीरियल इन्फेक्शन के रिस्क के चलते कभी भी हनी नहीं देना चाहिए।
  2. लीकोरिस रूट एक नेचुरल डिकन्जेस्टन्ट होती है। ये आपके एयरवेज को आराम देती है और आपके गले के बलगम को लूज करती है। इसके साथ ही, ये आपके गले में माजूद किसी भी इन्फ़्लेमेशन को भी राहत देती है। [१४]
    • अपने लोकल हैल्थ फूड स्टोर में सूखी हुई लीकोरिस रूट की तलाश करें। आप ज़्यादातर ग्रोसरी स्टोर्स में टी वाले सेक्शन में भी लीकोरिस रूट को टी बैग्स के फॉर्म में पा सकते हैं।
    • लीकोरिस रूट को कुछ 10 - 15 मिनट के लिए या फिर टी बैग्स पर दिए हुए वक़्त के मुताबिक गरम पानी में डुबोकर रखें। अब टी में मौजूद स्टीम या ऑइल को इकट्ठा करने के लिए, टी को ढ़ँककर रख दें। इस टी को दिन भर में एक से दो बार और सोने से पहले पिया करें।
    • अगर आप स्टेरोइड्स पर हैं या फिर आपकी किडनी में प्रॉब्लम है, तो फिर आप लीकोरिस रूट मत कंज्यूम करें।
  3. नमक का पानी आपके गले में होने वाले डिस्कंफ़र्ट को आराम देता है और सारे बलगम को बाहर कर देता है। अगर आप भी कंजस्टेड हैं और आपको कफ हुई है, तो नमक के पानी से कुल्ला करने से आपके गले में मौजूद कफ को बाहर निकालने में मदद मिलती है। [१५]
    • 1 चम्मच नमक को आधे ग्लास गरम पानी में तब तक मिलाएँ, जब तक कि ये अच्छे से घुल न जाए।
    • नमक के पानी से 15 सेकंड तक कुल्ला करें, बस ध्यान रखें, कि आपको नमक के पानी को निगलना नहीं है।
    • पानी को सिंक में ठूंक दें और बचे हुए नमक के पानी से फिर से कुल्ला करें।
    • कुल्ला कर लेने के बाद, अपने मुंह को साफ पानी से कुल्ला कर लें।
  4. स्टीम आपके नेजल पैसेज से मॉइस्चर को एब्जोर्ब करने और सूखी खाँसी को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है। टी ट्री ऑइल और यूकेलिप्टस ऑइल जैसे एशेन्सियल ऑइल्स में भी एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इन्फ़्लैमेट्री लाभ मिलते हैं। [१६]
    • एक मीडियम साइज़ के हीट प्रूफ बाउल को भरने लायक पानी उबाल लें। पानी को बाउल में डाल दें और उसे 30 से 60 सेकंड के लिए ठंडा होने दें।
    • पानी से भरे बाउल में टी ट्री ऑइल की तीन बूंदें और यूकेलिप्टस ऑइल की एक से दो बूंदें एड करें। अब भाप निकालने के लिए पानी जल्दी से हिलाएँ।
    • अपने सिर को बाउल पर झुका लें और स्टीम के ज्यादा से ज्यादा करीब जाने की कोशिश करें। हालांकि आपको बहुत ज्यादा भी करीब नहीं जाना है, क्योंकि स्टीम आपकी स्किन को भी झुलसा सकती है। स्टीम को रोकने के लिए अपने सिर पर एक टेंट के जैसे, टॉवल रखें। पाँच से दस मिनट के लिए गहरी सांसें लें। दिन में दो से तीन बार एशेन्सियल ऑइल्स की स्टीम लें।
    • आप चाहें तो रात को आने वाली खाँसने को रोकने के लिए अपने या अपने बच्चे की चेस्ट पर भी एशेन्सियल ऑइल्स रब कर सकते हैं। एशेन्सियल ऑइल को अपनी स्किन पर रब करने से पहले हमेशा उसमें ओर्गेनिक ऑलिव ऑइल जरूर मिला लें, क्योंकि एशेन्सियल ऑइल को कभी भी स्किन पर सीधे नहीं लगाना चाहिए। एक एशेन्सियल ऑइल चेस्ट रब भी विक्स वेपर रब की तरह ही काम करेगी, लेकिन ये पेट्रोकेमिकल्स से फ्री होगी और पूरी नेचुरल भी होगी। 10 साल की उम्र से कम उम्र के बच्चों के लिए, सेफ़्टी नोट्स और वार्निंग्स के लिए लेबल को जरूर चेक कर लें। [१७]

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