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हमारा शरीर आर्टरीज़ (arteries) और वेन्स (veins) का एक जटिल नेटवर्क है। आर्टरीज़, खून को शरीर के विभिन्न हिस्सों में ले जाती हैं और वेन्स, खून को वापस हार्ट में एकत्रित करती हैं। हमारे रेक्टम (rectum) और गुदा (anus) को खून की आपूर्ति करने वाली वेन्स कभी-कभी फैल जाती है और खून के साथ सूज जाती है, जिससे बवासीर बनता है। बवासीर दर्दनाक हो सकता है और यदि वो फट जाएँ तो उसमें से खून बहने लगता है। इस बात को समझें कि बवासीर होने का कारण क्या है और घर पर ही उसका इलाज करने का प्रयास करें। यदि खून बहना और संबन्धित लक्षण जारी रहते हैं तो, पता करें कि आपको आवश्यक चिकित्सकीय सहायता कब लेनी होगी।

विधि 1
विधि 1 का 3:

घर पर ब्लीडिंग बवासीर का इलाज करना

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  1. गर्म पानी से प्रभावित हिस्से को भिगोएँ या सिट्ज़ बाथ लें: जलन को कम करने, दर्द को हल्का करने, और वेन्स को सिकुड़ने में सहाता करने के लिए, बवासीर को 15 से 20 मिनट के लिए दिन में तीन बार गुनगुने, न की गर्म, पानी में भिगोएं। [१] यदि आप रूटीन ढंग से नहाना नहीं चाहते हैं, तो सिट्ज़ बाथ लें, जो एक प्लास्टिक टब है जो आपके टॉयलेट की सीट पर लग जाता है। यह आपको बैठी मुद्रा में ही, अपने नितंबों और कूल्हों को भिगोने देता है। यह जलन को, रेक्टल मांसपेशियों के ऐंठन को और खुजली को कम कर सकता है। [२]
    • आप सिट्ज़ बाथ में ¼ कप समुद्री नमक भी मिला सकते हैं और उस पर एक बार में 30 मिनट तक बैठ सकते हैं। नमक एक अति उत्तम ऐन्टीबैक्टीरियल है और घाव के उपचार और इन्फेक्शन को दूर करने में सहायता के लिए प्रयोग किया जाता है। [३]
    • आप इसमें विच हेज़ल (witch hazel), जो बवासीर के लिए एक सुखदायक और ठंडक पहुंचाने वाले उपचार के लिए जाना जाता है, को भी मिला सकते हैं। इसे दिन में कम से कम एक बार किया जाना चाहिए और सिट्ज बाथ लगभग 15 से 20 मिनट का होना चाहिए। [४]
  2. आइस-पैक को फ्रीजर में तब तक रखें जब तक कि यह पूरी तरह जम न जाए। इस बात की सावधानी बरतें कि आइस को बवासीर पर सीधे न लगाएँ। इसके बजाय, कंप्रेस (compress) को बवासीर पर हल्के से लगाने से पहले, उसे किसी साफ तौलिये या कपड़े में लपेट लें। पैक को लंबे समय तक लगाकर न छोड़ें अन्यथा यह आसपास की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। इसे कुछ मिनटों के लिए लगाना सबसे अच्छा है तथा जैसे ही त्वचा, कमरे के तापमान पर आ जाए, इसे हटा दें और फिर दुबारा लगाएँ।
  3. [६] वेसेल्स को संकुचित करने के लिए, फेनाइलएफ्रीन (phenylephrine) युक्त कोई स्थानिक क्रीम लगाएँ , जो ब्लीडिंग को घटा सकता है। आप दर्द, जलन, और खुजली (जिससे ब्लीडिंग हो सकती है) से आराम पाने के लिए कोई क्रीम भी लगा सकते हैं। हालांकि, ये ब्लीडिंग को रोक नहीं पाएगा। आरामदायक क्रीम में हाइड्रोकार्टिसोन, एलो (aloe), विच हेज़ल (हर्बल प्लांट का एक्सट्रैक्ट), और विटामिन ई उपस्थित हो सकते हैं।
    • यदि आप हाइड्रोकोर्टिसोन का प्रयोग करते हैं, तो इसे सुबह और रात में लगाएँ, परंतु इसे एक सप्ताह से अधिक मत उपयोग करें। [७] बहुत ज्यादा अवशोषण (absorption) से आपके हाइपोथैलेमस और पिट्यूटरी हार्मोन्स में असंतुलन पैदा हो सकता है या उस हिस्से की त्वचा पतली हो सकती है।
  4. सॉफ्ट टॉयलेट पेपर का प्रयोग करें और खुजलाने की इच्छा को दबाएँ: खुरदरे टॉयलेट पेपर, त्वचा को खरोंच सकते हैं और / या त्वचा में और भी अधिक जलन पैदा कर सकते हैं। दर्द में आराम के लिए और जलन को कम करने के लिए, नम या मेडिकेटेड छोटे तौलिये प्रयोग में लाएँ। आप विच हेज़ल, हाइड्रोकोर्टिसोन, एलो, या विटामिन ई युक्त मेडिकेटेड पैड्स का भी प्रयोग कर सकते हैं। जोर से न रगड़ें अन्यथा जलन अथवा और अधिक ब्लीडिंग हो सकती है। इसके बजाय उस हिस्से को थपथपाएँ या सुखा दें।
    • खुजलाने से ब्लीडिंग तथा जलन और भी बढ़ेंगे जिससे आपके पहले से ही नाजुक बवासीर पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा। इससे और भी इन्फेक्शन हो सकते हैं।
  5. इनमें से कई सप्लीमेंट्स का ड्रगस्टोर्स में मिलना मुश्किल हो सकता है, इसलिए उन्हें ऑनलाइन और हर्बल स्टोर्स में खोजें। सप्लीमेंट्स लेने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से बात करें, खासकर यदि आप अन्य दवाएं ले रहे हैं। यदि आप गर्भवती हैं या परिचर्या (nursing) कर रही हैं तो सप्लीमेंट्स लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें, क्योंकि इनमें से अधिकतर का, गर्भवती या परिचर्या कर रही महिलाओं द्वारा उपयोग के लिए परीक्षण नहीं किए गए हैं। इन सप्लीमेंट्स या पारंपरिक दवाओं में शामिल हैं:
    • फर्गेलिन एक्सट्रा (Fargelin extra): वेन्स को मजबूत करने के लिए जिससे ब्लीडिंग घट सके, इन पारंपरिक चाइनीज़ दवा की गोलियों को दिन में तीन या चार बार लें। [८]
    • ओरल फ्लेवोनायड्स (Flavonoids): इन्हें ब्लीडिंग, दर्द, खुजली, और पुनरावृत्ति को कम करते देखा गया है। ये वैस्कुलर टोन को बढ़ाते हैं जो अत्यंत छोटे ब्लड वेसेल्स (capillaries) के लीकेज को कम कर देता है। [९]
    • कैल्शियम डोबेसिलेट (dobesilate) या डॉक्सियम (doxium) टैबलेट्स: इन्हें दो सप्ताह तक लें और पैकेज पर दिए गए निर्देशों का पालन करें। इन दवाओं को अत्यंत छोटे ब्लड वेसेल्स (capillaries) के लीकेज को कम करने, क्लाटिंग को रोकने और ब्लड विस्कोसिटी में सुधार लाते देखा गया है। ये सभी चीजें, टिशूज के सूजन को, जो बवासीर का कारण है, कम कर सकती हैं। [१०]
  6. यह, बवासीर पर तनाव को रोकने या कम करने में, सहायता कर सकता है। अपने मल को नरम बनाने और कब्ज को कम करने के लिए एक ज्यादा फाइबर-युक्त आहार ग्रहण करें। फल, सब्जियां, और खड़ा अनाज खाने का प्रयास करें या सप्लीमेंट्स (कुल फाइबर का 25 ग्राम प्रतिदिन महिलाओं के लिए या 38 ग्राम प्रतिदिन पुरुषों के लिए खाने का लक्ष्य निर्धारित करें) लें। ढेर सारा फ्लुइड पियेँ और बोवेल हैबिट्स (bowel habits) को नियमित करें तथा विशेष रूप से शौच करते समय ज़ोर लगाने से बचें। आपको ज्यादा देर तक बैठने से भी बचना चाहिए क्योंकि, यह आपके बवासीर के वेन्स पर दबाव बढ़ाकर उन्हें ब्लीड करवा सकता है। दबाव को कम करने के लिए एक्सर्साइज करें और टहलें। [११]
    • प्रभावित हिस्से पर पड़ने वाले आपके शरीर के वजन को कम करने में सहायता के लिए एक डोनट (donut) कुशन का प्रयोग करें। इसे प्रयोग करने के लिए, कुशन पर इस तरह बैठें कि आपका गुदा वाला हिस्सा कुशन के बीच के खाली स्थाने पर पड़े। यह वास्तव में गुदा वाले हिस्से पर अधिक दबाव डाल सकता है, इसलिए यदि आपके लक्षण और खराब होते हैं या ब्लीडिंग जारी रहती है या फिर से शुरू हो जाती है तो इसका उपयोग करना बंद कर दें। [१२]
विधि 2
विधि 2 का 3:

चिकित्सा उपचार प्राप्त करना

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  1. बाहरी या आंतरिक बवासीर के लिए बवासीर का आपरेशन (हेमोराहोइडेक्टोमी) कराएं: बाहरी बवासीर के इलाज के लिए यह सामान्य तरीका है, खासकर यदि वे बड़े हों या कम इनवेज़िव (invasive) प्रक्रियाओं से ठीक न हो रहे हों। आपका सर्जन विभिन्न प्रकार के उपकरणों जैसे कैंची, स्केलपेल्स (scalpels), या एक (ligasure) लिगास्योर (वह डिवाइस जो ब्लीड कर रहे बवासीर को सील करने के लिए इलेक्ट्रिक करेंट प्रदान करता है) की सहायता से बवासीर को निकाल देता है। आपको, किसी सिडेशन युक्त स्थानिक ऐनस्थेटिक, स्पाइनल ऐनस्थेटिक या जनरल ऐनस्थेटिक का प्रयोग करके शांत (sedate) किया जाएगा। [१३] [१४]
    • गंभीर या बार-बार होने वाले बवासीर का इलाज करने का सबसे प्रभावी और सम्पूर्ण तरीका आपरेशन (हेमोराहोइडेक्टोमी) है। यह दर्दनाक हो सकता है, परंतु, आपरेशन के बाद आराम पाने के लिए आपको दवाओं, सिट्ज़ बाथ और / या मरहम (ointment) का प्रयोग प्रेस्क्राइब किया जा सकता है।
    • हेमोराहोइडेक्टोमी के मुकाबले, स्टेपलिंग विधि के साथ, बवासीर की पुनरावृत्ति और रेक्टल प्रोलैप्स, जिसमें गुदाशय का कुछ हिस्सा गुदा से बाहर निकल आता है, का अपेक्षाकृत ज्यादा जोखिम जुड़ा होता है। [१५]
  2. आपका डॉक्टर आपके गुदा के रास्ते से आपके रेक्टम में एक एनोस्कोप (रेक्टम की जांच करने के लिए प्रयोग किया जाने वाला एक प्लास्टिक डिवाइस) डालेगा। फिर वह बवासीर के बेस पर एक रबर बैंड जैसी-डिवाइस पहना देगा। यह डिवाइस, बवासीर में पहुँचने वाले ब्लड सर्कुलेशन को काट देगा जिससे बवासीर क्षत-विक्षत हो जाएगा जिसके परिणामस्वरूप कुछ समय के बाद वह संकुचित होकर बाहर निकल जाएगा। [१६]
    • इस प्रक्रिया के बाद आप असहज महसूस कर सकते हैं। सिट्ज़ बाथ, गुनगुने पानी का सोक, और / या स्थानिक मरहम का प्रयोग करके कुछ राहत पाएँ।
  3. आपका डॉक्टर, आपके रेक्टम की जांच के लिए आपके गुदा के रास्ते एक प्लास्टिक डिवाइस (एनोस्कोप) डालेगा। डॉक्टर इसका उपयोग, केमिकल सोल्यूशन्स जैसे कि 5% फिनोल इन आयल, वनस्पति तेल, क्विनीन तथा यूरिया हाइड्रोक्लोराइड अथवा हाइपरटोनिक साल्ट सोल्यूशन को बवासीर के बेस में इंजेक्ट करने के लिए करेगा। ये केमिकल सोल्यूशन्स, वेन्स को कम संकुचित कर देंगे।
  4. आंतरिक बवासीर के लिए लेजर या रेडियो उपचार (इन्फ्रारेड कोआगुलेशन) कराएं: आपका डॉक्टर, बवासीर के बेस के आस-पास स्थित वेन्स को जमाने (coagulation) के लिए, इन्फ्रारेड लेजर्स या रेडियो फ्रीक्वेंसीज़ का उपयोग कर सकता है।यदि इन्फ्रारेड विधि का प्रयोग किया जाता है तो, बवासीर के बेस पर एक प्रोब (probe) लगाएगा। यदि एक रेडियो फ्रीक्वेंसी का प्रयोग किया जाता है, तो एक बॉल इलेक्ट्रोड को एक रेडियो-फ्रीक्वेंसी जनरेटर से जोड़ा जाता है। इसे बवासीर के टिशू पर रखा जाता है, जिससे टिशूज़ जम जाते हैं और वाष्पीकृत हो जाते हैं।
  5. आपका डॉक्टर बवासीर के बेस पर, तापमान को ठंडा करने में सक्षम प्रोब का उपयोग करेगा। इससे टिशूज का विनाश हो जाना चाहिए। परंतु, इस विधि का उपयोग अक्सर पर नहीं किया जाता है, क्योंकि इसके बाद भी आम तौर पर बवासीर फिर से हो जाते हैं। [१९]
  6. आपका सर्जन, गुदाशय से सरक गए या बाहर निकल आए आंतरिक बवासीर को वापस अंदर पहुंचाने के लिए एक डिवाइस का उपयोग करके स्टेपल करेगा। यह बवासीर में पहुँच रहे ब्लड सप्लाई को काट देगा जिससे टिशू अंततः मर जाते है और ब्लीडिंग बंद हो जाती है। [२०]
विधि 3
विधि 3 का 3:

बवासीर को समझना और जांचना

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  1. पुराना कब्ज़, काँखना और टायलेट में ज्यादा देत तक बैठना वे कारण हैं जो बवासीर से जुड़े हैं। ये सभी आपके वेन्स पर और अधिक दबाव डाल कर उन्हें ब्लाक कर सकते हैं और सर्कुलेशन को खराब कर सकते हैं। गर्भावस्था एक अन्य स्थिति होती है जो इन वेन्स पर अत्यधिक दबाव डालती है, खासतौर पर डेलिवरी के दौरान महिला द्वारा उत्पन्न किया गया तनाव जिससे बवासीर हो सकता है।
    • जिन लोगों की उम्र ज्यादा हो रही हो या जिनका वजन काफी ज्यादा होता है, उनमें बवासीर होना एक आम बात होती है।
    • बवासीर या तो आंतरिक (रेक्टम के अंदर) या फिर बाहरी (गुदा के आसपास बाहर की ओर) हो सकता है। आंतरिक बवासीर दर्दरहित होते हैं जबकि बाहरी बवासीर दर्दनाक होते हैं। परंतु, यदि कट-फट जाएँ तो दोनों में से ही ब्लीडिंग हो सकती है। [२२]
  2. यदि आपको आंतरिक बवासीर हैं, तो संभवतः वे दर्दरहित होंगे और उनका कोई भी लक्षण देखना तभी संभव हो पाता है जब उनमें ब्लीडिंग शुरू हो जाती है। परंतु, यदि आपको बाहरी बवासीर है, तो कई लक्षण दिखेंगे जिनमें ये शामिल होंगे: [२३]
    • बॉवेल मूवमेंट के दौरान दर्द रहित ब्लीडिंग। ब्लड चमकदार लाल होगा और यह बहुत अधिक नहीं होगा।
    • आपके गुदा वाले हिस्से में खुजली या जलन।
    • दर्द या असुविधा।
    • आपके गुदा के चारों ओर सूजन।
    • आपके गुदा के पास टिशू का एक संवेदनशील या दर्दनाक गांठ।
    • लीक हो रहे मल।
  3. दर्पण में अपने पिछले हिस्से को देखें और नोट करें कि आपके गुदा के चारों ओर गांठ या मस्से जैसा कोई उभार तो नहीं है। उसका रंग आपकी सामान्य त्वचा के रंग से लेकर गहरे लाल रंग का हो सकता है। यदि आप गांठों पर दबाव डालते हैं तो दर्द हो सकता है। यदि ऐसा है, तो शायद आपको बाहरी बवासीर है। टॉयलेट पेपर से पोंछने के बाद ध्यान दें कि उस पर खून तो नहीं लगा है। बवासीर से निकला खून आमतौर पर गहरे रंग के बजाय चमकीले लाल रंग का होता है (जो आपके आहार नाल में अंदर कहीं से ब्लीडिंग होने का संकेत दे सकता है)।
    • सही उपकरण के बिना घर में आंतरिक बवासीर को देख पाना मुश्किल हो सकता है। अपने डॉक्टर से अप्वाइंटमेंट लें। आपको अपना विस्तृत मेडिकल हिस्ट्री बताने के लिए कहा जाएगा ताकि,अन्य संभावित कारणों जैसे कि, कोलन-कैंसर और पॉलीप्स को पकड़ा जा सके क्योंकि इन दोनों ही मस्सों से ब्लीडिंग हो सकती है।
  4. यदि घरेलू उपचार के एक सप्ताह बाद भी लक्षण बने रहें या दर्द हो, तो परीक्षण के लिए आपको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। ब्लीडिंग एक चिंता का विषय हो सकता है, खासतौर से यदि आपको कोई अन्य जैसे कि इन्फ़्लेमेटरी बॉवेल डिजीज़ या कोलन कैंसर का जोखिम हो। यदि खून गहरा लाल हो या आपके मल का रंग गहरा / काला हो तो भी आपको मेडिकल सहायता लेनी चाहिए। इन सबका अर्थ यह हो सकता है कि आपकी आंतों में ऊपर कहीं पर या मस्सों से ब्लीडिंग हो रही है। [२४]
    • अनुमान लगाने का प्रयास करें कि आपको कितना ब्लड लॉस हो चुका है। यदि आप थकान / चिंता महसूस करना शुरू करते हैं, आप पीले दिखने लगते हैं, आपके हाथ या पैर ठंडे पड़ रहे हों, हार्ट रेट बढ़ गया हो या ब्लड लॉस के साथ आप भ्रमित हो रहे हैं तो, आपको तुरंत अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। यह भी जांच होनी चाहिए कि ज्यादा ब्लड लॉस तो नहीं हो गया है। [२५]
  5. जानें कि चिकित्सा परीक्षा से क्या उम्मीद करनी है: आपके गुदा को बाहर से देखकर और डिजिटल रेक्टल परीक्षा करके आपका डॉक्टर यह निर्धारित करेगा कि आपको बवासीर है या नहीं। आपका डॉक्टर अपनी लुब्रीकेटेड तर्जनी उंगली को आपके गुदा में डालेगा यह महसूस करने के लिए कि आपके रेक्टम की दीवारों में कोई गांठ, मस्से या ब्लड तो नहीं है। यदि आंतरिक बवासीर होने का संदेह होता है तो डॉक्टर आपके रेक्टम में गुदा के रास्ते एक एनोस्कोप (एक प्लास्टिक ट्यूब) डाल सकता है। इससे डॉक्टर एक लाइट जलाकर सूजे, फैले या ब्लीडिंग वेन्स की तलाश कर पाता है।
    • आपका डॉक्टर एक गुयाइक (Guaiac) टेस्ट करवा सकता है, जिसमें आपके मल को कागज की एक पट्टी पर पर लगाना शामिल है। यह मल के भीतर उपस्थित माइक्रोस्कोपिक ब्लड सेल्स का पता लगा सकता है, जो बवासीर, कोलन कैंसर और पॉलीप्स सहित कई स्थितियों की ओर इशारा कर सकता है।
    • यदि आप गुयाइक (Guaiac) टेस्ट करवाने वाले हैं तो आपके लिए तीन दिन पहले से रेड मीट, शलजम, मूली, हार्सरैडिश, खरबूजा या कच्चा ब्रोकोली खाना छोड़ देना महत्वपूर्ण है क्योंकि वे फाल्स पाजिटिव परिणाम दे सकते हैं। [२६]

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रेफरेन्स

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