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लिनक्स (Linux), विंडोज (Windows) और मैक ओएस (Mac OS) को रिप्लेस करने के लिए डिजाइन किए गए कई हजारों ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम्स का आधार है। ये किसी भी कंप्यूटर पर डाउनलोड और इन्स्टाल करने के लिए एकदम फ्री है। क्योंकि ये ओपन सोर्स (open source) है, इसलिए इसके, कई अलग-अलग ग्रुप्स द्वारा डेवलप किए गए, कई सारे अलग-अलग वर्जन्स या डिस्ट्रीब्यूशन्स मौजूद हैं। लिनक्स के किसी भी वर्जन को इन्स्टाल करने के लिए, साथ ही कुछ बेहद पॉपुलर वर्जन्स के लिए खास सलाह पाने के लिए, इस गाइड को पढ़ते जाएँ।
चरण
विधि 1
विधि 1 का 2:
किसी भी लिनक्स डिस्ट्रीब्यूशन को इन्स्टाल करना (Installing Any Linux Distribution)
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अपनी पसंद के लिनक्स डिस्ट्रीब्यूशन को डाउनलोड कर लें: अगर आप अभी लिनक्स इस्तेमाल करने के लिए नये हैं, तो फिर उबन्टू (Ubuntu) या लिनक्स मिंट (Linux Mint) किसी लाइटवेट और इस्तेमाल करने में आसान डिस्ट्रीब्यूशन को चुनने के बारे में सोचें। लिनक्स डिस्ट्रीब्यूशन्स (जिन्हें "डिस्ट्रोस/distros" के नाम से भी जाना जाता है), आमतौर पर ISO फ़ारमैट में, फ्री में डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध होते हैं। आप आपके पसंद के डिस्ट्रीब्यूशन की वेबसाइट पर से, अपने डिस्ट्रीब्यूशन के ISO को पा सकते हैं। लिनक्स इन्स्टाल करने से पहले, इस फ़ारमैट को एक सीडी या यूएसबी स्टिक में बर्न करना जरूरी होता है। ये एक लाइव सीडी (Live CD) या लाइव यूएसबी (Live USB) तैयार कर देता है।
- लाइव सीडी या लाइव डिस्क एक ऐसी डिस्क होती है, आप जिसमें बूट (boot) कर सकते हैं और इसमें अक्सर ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रिव्यू वर्जन शामिल होता है, जिसे सीधे सीडी या यूएसबी स्टिक से रन किया जा सकता है।
- एक इमेज बर्निंग प्रोग्राम इन्स्टाल कर लें, या अगर आप विंडोज 7, 8 या मैक ओएस एक्स इस्तेमाल कर रहे हैं, तो अपने सिस्टम के बिल्ट-इन बर्निंग टूल का इस्तेमाल करें। पेन ड्राइव लिनक्स (Pen Drive Linux) और UNetBootin, ये ISO फाइल्स को यूएसबी स्टिक्स में बर्न करने के दो पॉपुलर टूल्स हैं।
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लाइव सीडी या लाइव यूएसबी में बूट करें: ज़्यादातर कम्प्यूटर्स पहले एक हार्ड ड्राइव में बूट होने के लिए सेट होते हैं, जिसका मतलब, आपको आपकी नई बर्न हुई सीडी या यूएसबी से बूट करने के लिए कुछ सेटिंग्स को बदलना पड़ेगा। कंप्यूटर को रीबूट करके स्टार्ट करें।
- कंप्यूटर के रीबूट हो जाने के बाद, बूट मेन्यू में एंटर करने के लिए इस्तेमाल होने वाली की (key) प्रैस करें। आपके सिस्टम की वो बटन (key), मैन्युफ़ेक्चरर के लोगो वाली स्क्रीन पर ही दिखाई देगी। आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली कीज में F12, F2, या Del शामिल हैं।
- विंडोज 8 यूजर्स के लिए, शिफ्ट (Shift) बटन को होल्ड करें और रिस्टार्ट क्लिक करें। ये एड्वान्स्ड स्टार्टअप ऑप्शन लोड कर देगा, जहां से आप सीडी से बूट कर सकते हैं।
- विंडोज 10 यूजर्स के लिए, सेटिंग्स में एड्वान्स्ड बूट पर जाएँ और "Restart Now" क्लिक करें।
- अगर आपका कंप्यूटर आपको मैन्युफ़ेक्चरर की स्क्रीन से, बूट मेन्यू पर डाइरैक्ट एक्सेस नहीं देता है, इसका मतलब, मुमकिन है, कि वो BIOS मेन्यू में छिपा हो। आप BIOS मेन्यू को भी ठीक उसी तरह से बूट कर सकते हैं, जैसा आप बूट मेन्यू के लिए करते हैं। मैन्युफ़ेक्चरर स्प्लैश स्क्रीन पर, की को किसी एक बॉटम कॉर्नर में मौजूद होना चाहिए।
- जब आप बूट मेन्यू में पहुँच जाएँ, फिर अपनी लाइव सीडी या यूएसबी सिलेक्ट करें। सेटिंग्स चेंज कर लेने के बाद, सेव कर लें और BIOS सेटअप या बूट मेन्यू से एक्ज़िट कर लें। आपका कंप्यूटर बूट प्रोसेस के साथ आगे बढ़ेगा।
- कंप्यूटर के रीबूट हो जाने के बाद, बूट मेन्यू में एंटर करने के लिए इस्तेमाल होने वाली की (key) प्रैस करें। आपके सिस्टम की वो बटन (key), मैन्युफ़ेक्चरर के लोगो वाली स्क्रीन पर ही दिखाई देगी। आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली कीज में F12, F2, या Del शामिल हैं।
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इन्स्टाल करने से पहले लिनक्स डिस्ट्रीब्यूशन को ट्राई करके देख लें: ज़्यादातर लाइव सीडी और यूएसबी एक "लाइव एनवायरनमेंट (live environment)" लॉंच कर सकती हैं, जो आपको कुछ भी करने से पहले, उसे चेक करने की काबिलियत देता है। आप फाइल्स तो नहीं बना पाएँगे, लेकिन आप इंटरफेस पर नेविगेट कर सकते हैं और तय कर सकते हैं, कि वो आपके लिए सही है या नहीं।
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इन्स्टालेशन प्रोसेस स्टार्ट करें: अगर आप डिस्ट्रोस ट्राई कर रहे हैं, तो आप डेस्कटॉप के एप्लिकेशन से इन्स्टालेशन लॉंच कर सकते हैं। अगर आप डिस्ट्रीब्यूशन को ट्राई करके नहीं देखना चाहते हैं, तो आप बूट मेन्यू से इन्स्टालेशन स्टार्ट कर सकते हैं।
- आप से लेंग्वेज, कीबोर्ड लेआउट और टाइमजोन जैसे कुछ बेसिक ऑप्शन्स कॉन्फ़िगर करने का बोला जा सकता है।
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एक यूजरनेम और पासवर्ड बनाएँ: लिनक्स इन्स्टाल करने के लिए आपको लॉगिन इन्फोर्मेशन तैयार करना होगी। आपके अकाउंट पर लॉगिन करने और एडमिनिस्ट्रेटिव टास्क्स परफ़ोर्म करने के लिए, आपको एक पासवर्ड की जरूरत पड़ेगी।
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पार्टीशन सेट करें: अगर आप लिनक्स को किसी दूसरे ओएस के साथ डुयल बूट करने का सोच रहे हैं, तो लिनक्स को आपके कंप्यूटर पर दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम्स से एक अलग पार्टीशन में इन्स्टाल करना होगा। पार्टीशन हार्ड ड्राइव का एक पोर्शन होता है, जिसे खासतौर पर ऑपरेटिंग सिस्टम्स के लिए फ़ारमैट किया गया होता है। अगर आप डुयल बूटिंग का प्लान नहीं कर रहे हैं, तो आप इस स्टेप को छोड़ सकते हैं।
- उबन्टू जैसे डिस्ट्रोस ऑटोमेटिकली पार्टीशन रिकमेंड करेंगे। फिर आप उसे अपने हिसाब से मैन्युअली एडजस्ट कर सकते हैं। ज़्यादातर लिनक्स इन्स्टालेशन को कम से कम 20 GB तक की जरूरत होती है, इसलिए लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम और किसी दूसरे प्रोग्राम, जिन्हें आप इन्स्टाल करना चाहते हैं और आपके द्वारा तैयार की जाने वाली फाइल्स के लिए एक-तरफ भरपूर जगह रखने की पुष्टि कर लें।
- अगर आपकी इन्स्टालेशन प्रोसेस आपको ऑटोमेटिक पार्टीशन नहीं देती है, तो आपके द्वारा बनाए जाने वाले पार्टीशन के Ext4 की तरह फ़ारमैट होने की पुष्टि कर लें। अगर आपके द्वारा इन्स्टाल की जाने वाली लिनक्स की कॉपी, आपके कंप्यूटर पर मौजूद अकेला ऑपरेटिंग सिस्टम है, तो ऐसे में उम्मीद है, कि आपको पार्टीशन साइज़ को खुद ही सेट करना पड़ेगा।
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लिनक्स में बूट करें: इन्स्टालेशन पूरा होने के बाद, आपका कंप्यूटर रीबूट होगा। आपके कंप्यूटर के बूट होने के बाद, आपको “जीएनयू ग्रब (GNU GRUB)” नाम से जानी जाने वाली एक नई स्क्रीन दिखेगी ये एक बूट लोडर है, जो लिनक्स इन्स्टालेशन हैंडल करता है। लिस्ट में से आपके नए लिनक्स डिस्ट्रोस को चुन लें। अगर आपके कंप्यूटर पर सिर्फ एक ऑपरेटिंग सिस्टम होगा, तो ये स्क्रीन नहीं नजर आएगी। अगर ये स्क्रीन ऑटोमेटिकली आपके सामने नहीं आती है, तो आप मैन्युफ़ेक्चरर स्प्लैश स्क्रीन के बाद शिफ्ट राइट दबाकर आप इसे वापस ला सकते हैं।
- अगर आपने अपने कंप्यूटर पर कई डिस्ट्रोस इन्स्टाल किए हैं, तो वो यहाँ दिखेंगे।
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अपने हार्डवेयर को चेक करें: ज़्यादातर हार्डवेयर को आपके लिनक्स डिस्ट्रोस के साथ में उम्मीद से बेहतर काम करना चाहिए, हालांकि फिर भी आपको सब-कुछ ठीक तरह से चलाने के लिए, कुछ एडीशनल ड्रायवर्स (drivers) भी इन्स्टाल करने पड़ सकते हैं।
- लिनक्स में कुछ हार्डवेयर को सही ढंग से काम करने के लिए रजिस्टर्ड ड्रायवर्स की जरूरत होती है। ये ग्राफिक्स कार्ड्स के साथ बहुत कॉमन है। ऐसे कुछ ओपन-सोर्स ड्रायवर भी हैं, जो काम करेंगे, लेकिन आपके ग्राफिक्स कार्ड्स से ज़्यादा बेहतर परफ़ोर्मेंस पाने के लिए, आपको मैन्युफ़ेक्चरर से कुछ दूसरे (proprietary) ड्रायवर्स को डाउनलोड करना पड़ सकता है।
- उबन्टू में, आप इन ड्रायवर्स को सिस्टम सेटिंग्स (System Settings) मेन्यू से डाउनलोड कर सकते हैं। Additional Drivers ऑप्शन सिलेक्ट करें और फिर लिस्ट में से graphics driver सिलेक्ट करें। दूसरे डिस्ट्रोस की एक्सट्रा ड्रायवर्स पाने की दूसरी, कुछ खास मेथड्स होती हैं।
- आप उस लिस्ट में से Wi-Fi ड्रायवर्स जैसे और भी दूसरे ड्रायवर्स पा सकते हैं।
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लिनक्स इस्तेमाल करना शुरू करें: इन्स्टालेशन पूरा होने के बाद और आपके द्वारा अपने हार्डवेयर के सही तरह से काम करने की पुष्टि कर लेने के बाद, आप लिनक्स इस्तेमाल करने को तैयार हैं। ज़्यादातर डिस्ट्रोस में कई सारे पॉपुलर प्रोग्राम पहले से ही इन्स्टाल होकर आते हैं और आप बाकी के प्रोग्राम्स को उनकी संबंधित फाइल रिपोजिटरी से डाउनलोड कर सकते हैं।
विधि 2
विधि 2 का 2:
स्पेसिफिक लिनक्स डिस्ट्रीब्यूशन्स इन्स्टाल करना (Installing Specific Linux Distributions)
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उबन्टू इन्स्टाल करें: उबन्टू अभी हाल में मौजूद सबसे ज्यादा पॉपुलर लिनक्स डिस्ट्रोस में से एक है। इसकी दो रिलीज उपलब्ध हैं: एक लॉन्ग टर्म रिलीज और दूसरी लेटेस्ट फीचर्स के साथ शॉर्ट टर्म रिलीज। लॉन्ग टर्म रिलीज पर ज्यादा सॉफ्टवेयर सपोर्ट होता है।
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फेडोरा (Fedora) इन्स्टाल करें: फेडोरा एक और बहुत पॉपुलर डिस्ट्रीब्यूशन है। फेडोरा एंटरप्राइज़ सिस्टम और बिजनेस सेटिंग्स में बहुत कॉमन है।
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डेबियन (Debian) इन्स्टाल करें: लिनक्स में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिए, डेबियन भी एक और पॉपुलर डिस्ट्रो है। इसे लिनक्स के सबसे अच्छे बग-फ्री (bug-free) वर्जन्स में से एक माना जाता है। [१] X रिसर्च सोर्स डेबियन के कई सारे सॉफ्टवेयर पैकेज भी उपलब्ध हैं।
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लिनक्स मिंट (Linux Mint) इन्स्टाल करें: लिनक्स मिंट, मौजूदा उपलब्ध सबसे नए डिस्ट्रोस में से एक है और ये काफी पॉपुलर भी होते जा रहा है। ये उबन्टू सिस्टम का ही एक बिल्ट-ऑफ है, लेकिन यूजर फीडबैक के मुताबिक इसमें कई सारे बदलाव हैं।
सलाह
- इन्स्टाल करते वक़्त, अपने कंप्यूटर को इन्टरनेट से जुड़ा हुआ रखें।
- धैर्य रखें; इनमें से कुछ स्टेप्स में वक़्त लगता है।
चेतावनी
- अगर अप अपनी हार्ड ड्राइव का पार्टीशन करने और डुयल बूट करने का नहीं तय करते हैं, तो आपका सारा डेटा डिलीट हो जाएगा।
- आपका पुराना ऑपरेटिंग सिस्टम शायद डिलीट हो सकता है! आपके कंप्यूटर का सारा डेटा भी डिलीट हो सकता है! सावधानी बरतें।