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गाड़ी के गियर्स शिफ्ट करना और स्टार्ट करने की बेसिक प्रोसेस को लगभग हर कोई मैनेज कर सकता है। मैनुअल गाड़ी (Manual car) चलाने के लिए, आपको पहले कार के क्लच (clutch) के बारे में अच्छी तरह से समझ हासिल करना होगी, गियरस्टिक (gearstick) के साथ कम्फ़र्टेबल होना होगा और गाड़ी को स्टार्ट, स्टॉप करने और अलग-अलग ड्राइविंग स्पीड पर गियर्स को शिफ्ट करना सीखना होगा।

विधि 1
विधि 1 का 4:

बेसिक्स सीखना (Learning the Basics)

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  1. जानें कि मैन्युअल कार का प्रत्येक महत्वपूर्ण भाग क्या करेगा।
    • शिफ्टर - शिफ्टर सीधे ट्रांसमिशन के ऊपर स्थित होता है, ड्राइवर और यात्री सीट के बीच आमतौर पर विहिकल के सेण्टर में होता है । ट्रांसमिशन में वांछित गियर को बदलने और चुनने के लिए आप शिफ्टर को अपने हाथ से संचालित करेंगे। आप रिवर्स, न्यूट्रल, पहला गियर, दूसरा गियर, तीसरा गियर इत्यादि का चयन करने के लिए शिफ्टर का उपयोग करेंगे।
    • क्लच पेडल - क्लच पेडल, ब्रेक पेडल के बाईं ओर स्थित होता है। यह आपके बाएं पैर से ऑपरेट किया जाएगा। क्लच पेडल क्लच मेकेनिज़्म को संचालित करता है जो वाहन के इंजन को उसके ट्रांसमिशन से जोड़ता है। यदि क्लच पेडल ऊपर की स्थिति में है (ड्राइवर की ओर) तो ट्रांसमिशन इंजन से जुड़ा हुआ है और आगे या रिवर्स गियर में रखे जाने पर वाहन इंजन द्वारा संचालित होगा। यदि क्लच पेडल नीचे की स्थिति में (फ्लोरबोर्ड की ओर) है तो इंजन और ट्रांसमिशन कनेक्ट नहीं होंगे और वाहन को इंजन से बिजली प्राप्त नहीं होगी।
    • पार्किंग ब्रेक/हैंडब्रेक - पार्किंग ब्रेक आम तौर पर हाथ से संचालित होता है और सेण्टर कंसोल में स्थित होता है, हालांकि कभी-कभी यह पैर से संचालित होने के लिए फर्श के पास भी स्थित हो सकता है। पार्किंग ब्रेक और ब्रेक पैडल के बीच भ्रमित नहीं होना चाहिए। पार्किंग ब्रेक वह है जो यदि ब्रेक पेडल दबा हुआ न हो तो व्हीकल को न्यूट्रल स्थिति में रखते समय लुढ़कने से रोकता है । पार्किंग ब्रेक वह है जिसका उपयोग इग्निशन बंद होने और वाहन पार्क करने के दौरान वाहन को स्थिर रखने के लिए किया जाएगा।
  2. कार को बंद रखकर किसी एक समान लेवल वाली जमीन के ऊपर शुरुआत करें: अगर आप अभी पहली बार मैनुअल ट्रांसमिशन कार चला रहे हैं, तो पहले धीमी और एक सही तरीके के साथ शुरुआत करें। कार में बैठने के बाद अपना सीट बेल्ट लगा लें। गाड़ी चलाना सीखते समय, अच्छा होगा अगर आप कार की विंडो को खुला रखें। ऐसा करने से आपको इंजन के चालू होने का साउंड सुनने में और उसी के अनुसार गियर्स शिफ्ट करने में मदद मिलेगी। [१]
    • बाएँ तरफ मौजूद पेडल क्लच होता है, बीच वाला ब्रेक और दाईं तरफ वाला एक्स्लरेटर (इसे बाएँ से दाएँ के लिए C-B-A की तरह याद रखें) होता है। ये लेआउट लेफ्ट-हैंड और राइट-हैंड, दोनों ही तरह की ड्राइव गाड़ियों के लिए एक सा ही होता है।
  3. इसके पहले कि आप बाएँ तरफ मौजूद इस अनजाने पेडल को दबाना शुरू करें, इसके बेसिक फंक्शन को समझने में थोड़ा समय बिताएँ। [२]
    • क्लच इंजन को व्हील्स से हटा देता है। जब एक या दोनों घूम रहे होते हैं, तब क्लच आपको हर एक अलग गियर को शिफ्ट करके उनमें रगड़ने की आवाज किए बिना गियर बदलने देता है।
    • इसके पहले कि आप गियर्स बदलें (चाहे ऊपर या नीचे मूव करें), क्लच को दबाए रखना जरूरी होता है।
    एक्सपर्ट टिप

    मैनुअल कार चलाना सीखते समय, आप जो एक सबसे कॉमन मिस्टेक करते हैं, वो ये कि आप क्लच को बहुत तेजी से छोड़ देते हैं और कार को बंद कर बैठते हैं।

    Ibrahim Onerli

    ड्राइविंग इंस्ट्रक्टर
    इब्राहिम ओनेर्ली रिवॉल्यूशन ड्राइविंग स्कूल के पार्टनर और मैनेजर हैं, यह न्यूयॉर्क शहर में स्थित एक ड्राइविंग स्कूल है, जिसका उद्देश्य सुरक्षित ड्राइविंग सिखा कर दुनिया को महफूज बनाना है। इब्राहिम अपनी 8 से अधिक ड्राइविंग इंस्ट्रक्टर्स टीम की मदद से ड्राइविंग प्रशिक्षण देते हैं और उन्हें डिफेंसिव ड्राइविंग और स्टिक शिफ्ट ड्राइविंग में विशेषज्ञता हासिल है।
    Ibrahim Onerli
    ड्राइविंग इंस्ट्रक्टर
  4. सीट पोजीशन को एडजस्ट करें, ताकि आपका पैर क्लच पेडल तक अच्छी तरह से पहुँच पाएँ: अपनी सीट को सामने की तरफ खिसका लें, ताकि आप अपने बाएँ पैर से क्लच पेडल को (बाएँ तरफ वाला, ब्रेक पेडल के ठीक साइड में) आराम से पूरा नीचे तक दबा सकें। [३]
  5. क्लच पेडल को दबाएँ और उसे नीचे फर्श पर ही रोके रखें: यही आपके लिए क्लच पेडल और ब्रेक और गैस पेडल के बीच के मूवमेंट में फर्क को समझने का एक अच्छा समय होगा। ये क्लच पेडल को धीरे-धीरे और एक स्थिरता के साथ छोड़ने की प्रैक्टिस करने का भी एक अच्छा मौका होता है।
    • अगर आपने पहले केवल ऑटोमेटिक कार ही चलाई है, तो आपको पेडल को दबाने के लिए आपके बाएँ पैर को यूज करने में थोड़ा अजीब सा फील हो सकता है। प्रैक्टिस के साथ, आप आपके दोनों पैरों को यूज करना सीख जाएंगे।
  6. ये वो मिडिल पोजीशन होती हैं, जहां से उसे साइड से साइड में मूव करना आसान लगता है। गाड़ी को उस समय बिना गियर के समझा जाता है, जब: [४]
    • गियरस्टिक न्यूट्रल पोजीशन में हो, और/या
    • क्लच पेडल पूरा दबा हो
    • गियरस्टिक को कभी भी क्लच पेडल को पूरा दबाए बिना यूज करने की कोशिश न करें, क्योंकि सीधी बात है कि ये काम ही नहीं करेगा।
  7. गियरस्टिक को न्यूट्रल पोजीशन में ही रखने का ध्यान रखते हुए, इग्नीशन में चाबी लगाकर इंजन को स्टार्ट कर लें: कार को स्टार्ट करने से पहले सुनिश्चित कर लें कि हैंडब्रेक लगा हुआ है, खासतौर से तब, जब आप अभी गाड़ी चलाना सीखने में नए हैं। [५]
    • कुछ कार न्यूट्रल पर क्लच दबाए बिना भी चालू हो जाएंगी, जबकि कुछ नई कार में ऐसा नहीं होता है।
  8. कार को न्यूट्रल में ही रखकर, अपने पैर को क्लच पेडल से हटाएँ: अगर आप एक लेवल ग्राउंड पर हैं, तो आप स्थिर रहेंगे; अगर आप पहाड़ी एरिया में हैं, तो आपकी गाड़ी ढलान की तरफ जाना शुरू कर देगी। अगर आप असल में गाड़ी चलाने को तैयार हैं, तो गाड़ी चलाने से पहले हैंडब्रेक (अगर ये लगा है) को रिलीज करना न भूलें।
विधि 2
विधि 2 का 4:

फर्स्ट गियर में आगे बढ़ना (Moving Forward in First Gear)

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  1. क्लच को नीचे तक दबाएँ और गियरस्टिक को पहले गियर में मूव कर दें: इसे अपर-लेफ्ट पोजीशन में रहना चाहिए और गियरस्टिक पर ऊपर गियर के पैटर्न का एक विजुअल लेआउट जैसा कुछ बना होना चाहिए। [६]
    • गियर के पैटर्न बदल भी सकते हैं, इसलिए पहले ही आपकी कार के गियर लेआउट को समझने में थोड़ा समय लें। आपको इंजन को बंद रखकर (और क्लच को दबाए रखकर) अलग-अलग गियर्स को शिफ्ट करने की प्रैक्टिस कर लेना चाहिए।
  2. जब तक आपको इंजन की स्पीड में कमी आती सुनाई न दे जाए, तब तक ऐसा ही करें, फिर एक बार फिर से वापस दबा दें। अब जब तक कि आपको साउंड की पहचान न होने लग जाए, तब तक ऐसा कई बार दोहराएँ। ये फ्रिक्शन पॉइंट होता है। [७]
    • आप जब स्टार्ट करने या बढ़ते रहने के लिए गियर्स शिफ्ट करते हैं, यही वो पॉइंट है, जहां आपको गाड़ी को पावर देने के लिए एक्सलरेटर को दबाए रखना होगा।
  3. गाड़ी को आगे बढ़ाते रहने के लिए, अपने बाएँ पैर को तब तक क्लच पेडल से ऊपर उठाएँ, जब तक कि RPM में थोड़ी कमी न आ जाए। इसी दौरान, एक्सलरेटर के ऊपर भी अपने दाएँ पैर से हल्का प्रैशर अप्लाई करें। क्लच पेडल को हल्का सा रिलीज करते हुए एक्सलरेटर के ऊपर हल्का सा दबाने वाले प्रैशर को बैलेंस करें।आपको ऊपर और नीचे लगाने वाले प्रैशर के सही कोंबिनेशन को पाने के लिए ऐसा शायद कई बार प्रैक्टिस करने की जरूरत पड़ेगी।
    • इसे करने का एक और दूसरा तरीका; ये है कि आप तब तक क्लच को छोड़ते रहें, जब तक कि आपको इंजन की स्पीड (rev) में थोड़ी कमी आती महसूस न हो जाए और फिर क्लच को दबाए रखकर एक्सलरेटर पर प्रैशर डालें। इस समय आपकी कार आगे बढ़ना शुरू कर देगी। अच्छा होगा अगर आप इंजन की स्पीड उतनी ही रखें, जिसमें क्लच पर से पैर हटाने पर भी इंजन बंद न होने पाये। अब क्योंकि आपके लिए मैनुअल कार के एक्सट्रा पेडल के लिए नए होंगे, इसलिए ये आपको शुरू-शुरू में शायद थोड़ा मुश्किल लगेगा।
    • जैसे ही आप पहले गियर पर एक कंट्रोल में आगे बढ़ने लग जाएँ, फिर (जो कि, धीरे से आपने पैर को पेडल से उठाना है) क्लच को पूरा छोड़ दें।
  4. जब आप गाड़ी चलाने की शुरुआत ही कर रहे हों, तब कम से कम कुछ बार कार के बंद होने की उम्मीद रखें: अगर आप क्लच को तेजी से छोड़ देते हैं, तो इंजन रुक जाएगा। अगर इंजन का साउंड ऐसा आता है, जैसे वो बस बंद ही होने वाला है, तो क्लच जहां है, उसे वहीं पर रोके रखें या फिर थोड़ा और दबा दें। अगर आप रुक जाते हैं, तो क्लच को पूरा दबा दें, हैंडब्रेक लगाएँ, कार को न्यूट्रल में रखें, इंजन को बंद कर दें और कार को हमेशा की तरह फिर से स्टार्ट करें। परेशान न हों।
    • क्लच को पूरा ऊपर और पूरा नीचे दबाए रखकर इंजन को कम करने की वजह से क्लच पार्ट्स अचानक ही खराब हो जाएंगे, जिसकी वजह से ट्रांसमिशन के दौरान क्लच का फिसलना या स्मोक (धुआँ) निकलना शुरू हो जाएगा। इसे क्लच राइडिंग (riding the clutch) कहा जाता है और इससे बचना चाहिए।
विधि 3
विधि 3 का 4:

गति में बदलाव करना और रुकना (Shifting in Motion and Stopping)

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  1. कार चलाते समय जब आपका RPM लगभग 2500 से 3000 तक पहुँच जाए, इसका मतलब अब अगले गियर में शिफ्ट करने का समय आ गया है — जैसे अगर आप पहले गियर में चला रहे हैं, तो सेकंड गियर लगाना चाहिए। हालांकि, असली RPMs, जिस पर शिफ्टिंग की जरूरत होती है, वो कार के हिसाब से अलग होता है। आपका इंजन बढ़ना शुरू हो करेगा और धीरे-धीरे आपको इसकी आवाज की पहचान करना सीख लेना चाहिए। [८]
    • क्लच को तब तक दबाएँ, जब तक कि ये डिसइंगेज नहीं हो जाता और गियरस्टिक को सीधे नीचे, बॉटम-लेफ्ट पोजीशन में (जो कि ज़्यादातर कॉन्फ़िगरेशन में सेकंड गियर होता है) गाइड कर दें।
    • कुछ कार में "शिफ्ट लाइट” (Shift Light) या टैकोमीटर पर ऐसा इंडिकेशन भी रहता है, जो आपको गियर बदलने की जरूरत के बारे में बताते हैं, ताकि आप गाड़ी के इंजन को बहुत ज्यादा भी तेज न कर सकें।
  2. एक्सलेटर को बहुत हल्का सा दबाएँ और क्लच पेडल को धीरे से छोड़ें: स्पीड में गियर्स को बदलना भी ठीक गाड़ी को रुकी हुई पोजीशन से पहली बार शिफ्ट करने के जैसा ही होता है। ये सारा खेल बस सुनने, देखने और इंजन की तरफ से मिलने वाले संकेतों को महसूस करने का और साथ में अपने पैरों को पेडल पर सही समय पर ऊपर और नीचे लेकर जाने का है। जब तक आपको ये अच्छे से समझ न आ जाए, तब तक प्रैक्टिस करते रहें। [९]
    • जैसे ही आप गियर लगा लें और एक्सलरेटर को बढ़ा लें, तब आप अपने पैर को क्लच पेडल के ऊपर से पूरा उठा लें। अपने पैर को क्लच पेडल पर ही रखे रहना एक बहुत खराब आदत है, क्योंकि इससे क्लच मेकेनिज़्म पर ज्यादा प्रैशर लगता है — और ये बढ़ा हुआ प्रैशर क्लच को आसानी से खराब कर देगा।
  3. अगर आप आपके अभी जिस गियर में हैं, उसके लिए बहुत धीमे जा रहे हैं, तो आपकी कार इस तरह से चलेगी, जैसे कि ये बस अब रुकने ही वाली है। स्पीड में गियर्स शिफ्ट करने के लिए, क्लच को दबाने और एक्स्लरेटर को रिलीज करके, गियर्स को शिफ्ट करने (मान लेते हैं, तीसरे से सेकंड गियर में डालने) और एकसलरेटर को दबाते हुए, क्लच को छोड़ने की ही प्रोसेस को दोहराएँ। [१०]
  4. एक कंट्रोल के साथ कार को रोकने के लिए, जब तक कि आप पहले गियर पर नहीं पहुँच जाते, धीरे-धीरे शिफ्ट करते रहें। जब गाड़ी रोकने का समय आ जाए, अपने दाएँ पैर को एक्स्लरेटर से उठाकर ब्रेक पेडल पर ले आएँ और जितना जरूरी हो, उसे उतना दबाएँ। जब आप करीब 10 mph (16 km/h) तक धीमे हो जाएँ, तब आपकी कार हिलेगी और वाइब्रेट होगी। कार को रोकने के लिए, क्लच पेडल को पूरा नीचे दबाएँ गियरस्टिक को न्यूट्रल पोजीशन पर ले आएँ। पूरी तरह से रोकने के लिए ब्रेक पेडल का यूज करें। [११]
    • आप क्लच को पूरा दबाकर और न्यूट्रल में शिफ्ट करते हुए ब्रेक का यूज करके भी रुक सकते हैं। इसे केवल तभी करना चाहिए, जब आपको जल्दी में कार रोकने की जरूरत हो, क्योंकि ऐसा करने में गाड़ी के ऊपर ज्यादा कंट्रोल नहीं रह जाता है।
विधि 4
विधि 4 का 4:

प्रैक्टिस करना और परेशानियों को हल करना

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  1. किसी एक अनुभवी मैनुअल ड्राईवर के साथ मिलकर कार चलाने की प्रैक्टिस करें: भले आप एक वैलिड ड्राइविंग लाइसेन्स के साथ कानूनी तौर पर (अगर आपकी उम्र 18 के ऊपर है और गाड़ी पर लर्निंग साइन लगाकर) पब्लिक रोड पर भी अकेले प्रैक्टिस कर सकते हैं, लेकिन अगर आपके साथ में कोई अनुभवी मैनुअल कार ड्राईवर होगा, तो आप ज्यादा तेजी से मैनुअल कार चलाना सीख सकेंगे। पहले एक सीधी, खाली या सूनसान एरिया, जैसे एक बड़े (और खाली) कार पार्क में प्रैक्टिस करना शुरू करें, फिर थोड़ी शांत सड़क या कम भीड़ वाली पर निकलें। अब जब तक कि आप कार चलाने में शामिल अलग-अलग स्किल्स को याद रखना सीख नहीं जाते, तब तक इसी तरह से खाली जगह में कार चलाने की प्रैक्टिस करते रहें। [१२]
  2. शुरुआत में ढलान वाली जगहों पर रोकने और चालू करने से बचें: जब आप मैनुअल कार चलाना सीखने की शुरुआत में हों, तब ऐसे रुट्स पर जाने का प्लान करें, जहां ढलान वाली कोई रोड न हो। जब आप पहले गियर में शिफ्ट करें, तब आपकी गियर स्टिक, क्लच, ब्रेक और एक्स्लरेटर के साथ काम करने की टाइमिंग और को-ऑर्डिनेशन ऐसा होना चाहिए, कि गाड़ी पीछे की तरफ न जाए। [१३]
    • आपको उसी समय पर अपने पैर को तेजी से (लेकिन आराम से भी) ब्रेक से उठाकर, एक्स्लरेटर पर रखना होगा, साथ में क्लच को भी इसी समय पर छोड़ते जाना होगा। आप चाहें तो जरूरत पड़ने पर गाड़ी को पीछे की तरफ जाना सीमित करने के लिए पार्किंग ब्रेक (parking brake) भी यूज कर सकते हैं, लेकिन आगे बढ़ना शुरू करते ही इसे हमेशा हटाना भी न भूलें।
  3. खासतौर से चढ़ाई पर पार्किंग करने की प्रोसीजर सीखें: ऑटोमेटिक के विपरीत, मैनुअल ट्रांसमिशन कार में “पार्क” गियर नहीं होता है। लेकिन, कार को बस न्यूट्रल में रखना भी आपकी कार के लिए आराम से बढ़ते रहने की संभावना को खोल देता है, खासतौर से तब, जब इसे किसी ऊंची या ढलान वाली जगह पर खड़ा किया जा रहा हो। हमेशा हैंडब्रेक का यूज जरूर किया करें, लेकिन कार को पार्क करते समय उसे केवल इसी के भरोसे मत खड़ा करें। [१४]
    • अगर आपने अपहिल या चढ़ाई पर फेस किया पार्क किया है, तो अपनी कार को न्यूट्रल पर बंद करें, फिर पहला गियर लगाएँ और फिर पार्किंग ब्रेक लगा दें। अगर उतार या डाउनहिल फेस करके खड़ा कर रहे हैं, तो भी ऐसा ही करें, लेकिन रिवर्स गियर लगा दें। ये आपकी गाड़ी को ढलान की दिशा के साथ गिरने से रोक लेगा।
    • बहुत ज्यादा झुकाव पर, या फिर बस थोड़ी ज्यादा सावधानी के साथ गाड़ी पार्क करने के लिए, आप चाहें तो गाड़ी को हिलने से रोकने के लिए उसके व्हील्स के पीछे बड़े पत्थर (या ईंट) भी लगाकर रख सकते हैं।
  4. फॉरवर्ड से रिवर्स (या इसका विपरीत) चेंज करने से पहले गाड़ी को पूरा रोक लें: गाड़ी की डाइरैक्शन को बदलते समय पूरा रुक जाना, अपने गियरबॉक्स के ऊपर कोई बड़ा डैमेज होने से रोकने का एक अच्छा तरीका होता है। [१५]
    • रिवर्स से फर्स्ट गियर पर जाने से पहले पूरी तरह से रुक जाने की सलाह दी जाती है। हालांकि, ज़्यादातर मैनुअल ट्रांसमिशन में कार के धीमी स्पीड पर पीछे की तरफ मूव होते समय फर्स्ट पर या शायद सेकंड पर भी मूव कर पाना मुमकिन होता है, लेकिन तब भी इसकी सलाह नही दी जाती है, क्योंकि इसकी वजह से क्लच के ऊपर बहुत ज्यादा गलत असर पड़ता है।
    • कुछ कार में, रिवर्स गियर में एक लॉक आउट मेकेनिज़्म होता है, जो आपको गलती से उसे लगाने से रोक लेता है। रिवर्स गियर यूज करने से पहले, सुनिश्चित कर लें कि आपको इस लॉकिंग मेकेनिज़्म के बारे में और रिवर्स को सिलेक्ट करने के पहले उसे हटाने का तरीका मालूम है।

सलाह

  • अगर आपको रुकी हुई कार को स्टार्ट करने में मुश्किल हो रही हो, तो सुनिश्चित करें कि आप क्लच धीरे-धीरे छोड़ रहे हैं। फ्रिक्शन पॉइंट (जहां से इंजन कार को स्टार्ट करना शुरू करता है) पर थोड़ा रुकें और फिर धीरे-धीरे क्लच को लगातार छोड़ते जाएँ।
  • अगर आपको क्लच कंट्रोल को सीखने में मुश्किल हो रही है, तो क्लच को दबाएँ, पहले गियर को इंगेज करें (हैंडब्रेक को इंगेज करके), क्लच को धीरे से छोड़ें और एक्सलरेटर दबाएँ। आप कार को थोड़ा सा बढ़ता हुआ महसूस करेंगे, फिर हैंडब्रेक को छोड़ें और इसके बाद कार आराम से आगे बढ़ेगी।
  • अगर आपको आपकी कार रुकते हुए महसूस हो रही है या फिर इंजन से खड़कने जैसी आवाज आ रही है, तो क्लच को दोबारा दबाएँ और इंजन के वापस स्थिर अवस्था में आने का इंतज़ार करें और उसके बाद कार स्टार्ट करने के स्टेप्स को फिर से रिपीट करें।
  • अपने इंजन के साउंड की पहचान करना सीख लें; कुछ समय में कार की स्पीड के ऊपर निर्भर किए बिना, आपको खुद ही गियर बदलने के समय का पता चल जाएगा।
  • जब तक कि आप गियरस्टिक को देखे बिना गियर्स बदलना सीख नहीं जाते, तब तक प्रैक्टिस करते रहें। इस तरह से आप अपनी आँखों को रोड पर बनाए रख सकेंगे और अपने सामने मौजूद चीजों पर फोकस कर सकते हैं। शुरुआत में, आपको शायद गियरस्टिक की तरफ देखने की इच्छा होगी, लेकिन आपको अपनी इस इच्छा को रोकना होगा।
  • आप जब ऊंचाई या स्पीड ब्रेकर के ऊपर से निकलने वाले हों, अपने क्लच को दबाकर रखें और अपने ब्रेक को हल्का सा दबाकर गाड़ी को धीमा कर लें और बाद में क्लच को धीरे-धीरे रिलीज कर दें और धीरे-धीरे आगे बढ़ने के लिए एक्स्लरेटर बढ़ाएँ।
  • "स्टिक शिफ्ट (stick shift)", "स्टैंडर्ड (standard)", "मैनुअल (manual)" या केवल "स्टिक (stick)"--इन सभी का मतलब भी "मैनुअल ट्रांसमिशन (manual transmission)" ही होता है।
  • कड़ाके की ठंड के दौरान, अपनी कार को लंबे समय के लिए हैंडब्रेक लगाकर नहीं रखने की सलाह दी जाती है। नमी फ्रीज़ हो जाएगी और शायद हैंडब्रेक भी खुल जाएंगे।
  • अपने पैर को क्लच या ब्रेक पेडल के ऊपर रखना, एक बेकार, महंगी पड़ने वाली आदत होती है। इसकी वजह से अचानक गड़बड़, पावर की कमी और फ्यूल इकोनोमी में कमी आ सकती है। जब गियर्स बदलना चाहें, तब उसे पूरा नीचे दबा रहना चाहिए या अगर आपको जल्दी से ड्राइव व्हील्स से पावर हटाने की जरूरत हो (जैसे: जब ग्रेवल, आइस बगैरह जैसी एक फिसलने लायक स्लिपरी जगह में हों) आपके पैरों को क्लच पेडल पर होना चाहिए। जब रुकी हुई पोजीशन से शुरुआत करें, तब क्लच पेडल को केवल धीरे-धीरे ही छोड़ा जाना चाहिए।
  • जब एक चढ़ाई वाली जगह पर रुके हों, तब गाड़ी को पीछे की तरफ जाने से रोकने के लिए अपने पैरों के प्रैशर को कभी भी एक-साथ एक्स्लरेटर पेडल और क्लच पेडल के ऊपर "बैलेंस" करने की कोशिश न करें। बल्कि, क्लच पेडल को पूरा दबा दें और गाड़ी को अपनी जगह पर बनाए रखने के लिए ब्रेक पेडल पर भरपूर प्रैशर डालें। ढलान पर गाड़ी को चालू करने के लिए 1st गियर में शिफ्ट करें, ठीक वैसे ही जैसे ऊपर दिए स्टेप्स में बताया गया है।

चेतावनी

  • जब तक आप मैनुअल कार चलाने में कम्फ़र्टेबल न हो जाएँ, तब तक टैकोमीटर के ऊपर नजर बनाकर चलें। एक मैनुअल ट्रांसमिशन को ऑटोमेटिक से ज्यादा एक्सपीरियंस की जरूरत होती है। इंजन पर ज्यादा ज़ोर पड़ा, और इंजन के ऊपर गंभीर नुकसान हो जाएगा।
  • रिवर्स में बदलने के पहले कार को पूरा रोक लें, फिर चाहे कार किसी भी डाइरैक्शन में क्यों न जा रही हो। कार के स्पीड में होने के दौरान रिवर्स में शिफ्ट करना, ज़्यादातर मैनुअल गियरबॉक्स को डैमेज कर देगा।
  • अगर आप हिल पर या एक ढलान पर हैं, तो ध्यान रखने की कोशिश करें। अगर आप ब्रेक और क्लच को नहीं दबाए रखेंगे, तो आप आपके पीछे मौजूद इंसान या किसी चीज को ठोकर मार बैठेंगे।
  • जब आप रुक जाएँ और इंजन को कई बार फिर से स्टार्ट कर चुके हों, स्टार्टर देने और बैटरी को 5 से 10 मिनट का ब्रेक देने की कोशिश करें। ये ओवरहीटिंग को होने से रोकने में मदद करेगा और स्टार्टर को डैमेज करने और बैटरी को पूरी तरह से डिस्चार्ज करने से रोकने में मदद कर सकता है।

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