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वरुक—जिन्हें आमतौर पर प्लैंटर वार्ट्स (plantar warts) के नाम से जाना जाता है—ये पैरों तलवे (सोल) पर होने वाले मस्से होते हैं, जो एक संक्रामक एचपीवी (HPV) वायरस की वजह से हुआ करते हैं। [१] ये जेनिटल वार्ट्स पैदा करने वाले एचपीवी की तरह नहीं होते हैं। एचपीवी में 180 से भी ज्यादा अलग-अलग स्ट्रेंस होते हैं, जो शरीर के अलग-अलग एरियाज को पसंद करते हैं। [२] ये अक्सर पैरों के बॉल पर हुआ करते हैं और चलते वक़्त इन से दर्द हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है। वरुक से निजात पाना जरा मुश्किल जरूर हो सकता है, लेकिन ऐसी कुछ चीज़ें जरूर हैं, जिन्हें आप ट्राइ कर सकते हैं। वैसे तो सभी वरुक खुद-ब-खुद गायब हो जाते हैं, इसलिए अगर ये स्टेप्स आपके किसी काम में न आएँ, तो भी परेशान मत हों। हालांकि, दोनों के कोंबिनेशन के साथ, लोगों को बहुत जल्दी वरुक से राहत मिल जाती है।

विधि 1
विधि 1 का 5:

वरुक को जल्दी से संभालना

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  1. काफी सारे वरुक को फौरन हटाने के लिए होम फ्रीजिंग किट्स का यूज करें: वरुक आमतौर पर आपके पैरों के निचले हिस्से में हुआ करते हैं। करीब 66% तक वरुक दो से तीन साल के अंदर ही पूरी तरह से गायब हो जाते हैं। [३] अगर वो दर्दभरे हैं या आपको परेशान कर रहे हैं, तो आपको कायरोथेरेपी लेने के बारे में सोचना चाहिए, जिसमें वार्ट को फ्रीज़ किया जाता है। फ्रीजिंग से स्किन सेल्स हार्ड होती और मारी जाती हैं। एक बार जब ये स्किन क्रेक्स को वर्म अप कर दें, वरुक निकल जाता है।
    • देखा जाए, तो कोई भी ट्रीटमेंट 100% इफेक्टिव नहीं होता है। हालांकि, फ्रीजिंग को सबसे ज्यादा सक्सेसफुल ऑप्शन माना जाता है और साथ ही वरुक से पूरी तरह से राहत पाने के लिए इन्हें आमतौर पर 2-3 बार तक रिपीट किया जाना चाहिए।
    • करीब 1 सेंटीमीटर तक छोटे साइज़ के वार्ट्स को घर पर फ्रीजिंग करना बेस्ट होता है। फिर भी, आपको कई बार इस प्रोसेस को रिपीट करना पड़ सकता है।
    • फ्रीजिंग जरा सी दर्दभरी लग सकती है, इसलिए इसे यंग बच्चों के लिए बेस्ट ऑप्शन नहीं माना जाता है। [४]
    • अगर आप प्रोसीजर को लेकर परेशान हो रहे हैं या फिर आपको बड़े वरुक हैं, जो ट्रीटमेंट को लेकर प्रतिरोधी हैं, तो आप एक आपके डॉक्टर या डर्मेटालोजिस्ट के ऑफिस पर एक प्रोफेशनल कायरोथेरेपी (cryotherapy) ले सकते हैं।
  2. वक़्त के साथ धीरे-धीरे वरुक को तोड़ने के लिए सैलिसिलिक एसिड वाले बैंडेज और क्रीम्स का यूज करें: सैलिसिलिक एसिड, जिसे ज़्यादातर ओवर-द-काउंटर वार्ट रिमूवर्स में पाया जाता है, ये दर्द के बिना वरुक को निकालने का बेस्ट तरीका होता है। हालांकि कुछ प्लैंटर वार्ट्स पर आपको करीब 40% सैलिसिलिक एसिड के कंसंट्रेशन का यूज करना पड़ सकता है। [५] अपनी लोकल फार्मेसी से कुछ खरीद लाएँ और बॉक्स पर दिए हुए डाइरैक्शन के हिसाब से यूज करें।
    • आपके ट्रीटमेंट में कई हफ्ते तक लग सकते हैं, जो पूरी तरह से वरुक पर डिपेंड करता है।
    • बैंडेज को निकाल दें और वरुक को दिन में एक बार साबुन और पानी से धो लें।
    • साथ ही अगर आप आपके वार्ट को एक प्युमिक स्टोन से घिस लेते हैं या अप्लाई करने से पहले नेल फ़ाइल कर लेते हैं, तो आपको इससे बेस्ट रिजल्ट्स मिल सकते हैं। [६] प्युमिक स्टोन्स या नेल फाइल्स को कभी किसी के साथ न शेयर करें, क्योंकि इसकी वजह से इसका इन्फेक्शन दूसरों तक भी फैल सकता है। [७]
  3. अगर चलने से आपके वरुक में बहुत ज्यादा दर्द होता है, ये 1 इंच से भी बड़ा है या फिर ये बहुत अजीब दिखते हैं, तो डॉक्टर के पास चले जाएँ: सारे वरुक कुछ वक़्त के बाद खुद से ही गायब हो जाते हैं। लेकिन अगर वार्ट की वजह से आपकी डेली लाइफ पर असर पड़ रहा है, तो ऐसे में एक डॉक्टर कई तरह के ट्रीटमेंट्स के जरिए, इस प्रोसेस में तेज़ी लाने में मदद कर सकता है। वैसे तो डॉक्टर के पास जाना मेडिकली इतना ज्यादा जरूरी नहीं होता है, लेकिन इससे ट्रीटमेंट में तेज़ी लाने में मदद मिल जाती है। [८]
    • इसके साथ ही अगर आपको ऐसे वार्ट्स हैं, जो क्लस्टर में नजर आते हैं, तो भी आपको डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए। इन्हें मोजेक (mosaic) वार्ट्स के नाम से भी जाना जाता है और इन्हें ट्रीट करना सोलिटरी वार्ट्स को ट्रीट करने से कहीं ज्यादा मुश्किल होता है। [९]
  4. कॉमन शावर्स में शूज पहनकर और पूल या जिम में अपने खुद के वॉशक्लॉथ्स और टॉवल्स लाकर वरुक को अवॉइड करें: वरुक अक्सर नमी वाले गरम माहौल में पाए जाने वाले वायरस की वजह से हुआ करते हैं। ये आपके पैरों में मौजूद छोटे-छोटे कट्स या घाव से आपकी स्किन में एंटर हो जाते हैं और इसी तरह से वरुक बन जाते हैं। अपने पैरों को गरम, गीले कम्यूनल एनवायरनमेंट से बचाना, वरुक को होने से रोकने का बेस्ट तरीका हो सकता है।
    • एक बात का ध्यान रखें, कि वायरस शायद सुस्त भी पड़ा रह सकता है। इसका मतलब कि शायद आपको कोई भी लक्षण न नजर आएँ और शायद टेस्ट्स में एचपीवी भी न नजर आएँ, लेकिन आपको तब भी एक वायरस हो सकता है। [१०]
विधि 2
विधि 2 का 5:

वरुक को खुद से फ्रीज़ करना

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  1. अगर आपको दर्द की चिंता है, तो एक ओवर-द-काउंटर पेन रिलीवर ले लें: ट्रीटमेंट लेने के 30 मिनट्स या और भी पहले, 1-2 रेगुलर स्ट्रेंथ पेन रिलीफ़ पिल्स ले लें। एड्विल (Advil) या आइबुप्रुफेन (Ibuprofen) दोनों ही यूज किए जाने लायक परफेक्ट एंटी-इन्फ़्लैमेट्री ड्रग्स होते हैं, जिन्हें प्रोसीजर के दौरान होने वाले दर्द को कम करने के लिए यूज किया जाता है। वैसे तो वार्ट को फ्रीज़ करने से इतना ज्यादा दर्द भी नहीं होते, जिसे सहन न किया जा सके, फिर भी आप इस प्रोसीजर को ज्यादा से ज्यादा सहने लायक बना सकते हैं। [११]
  2. डाइरैक्शन के मुताबिक फ्रीजिंग एजेंट को यूज करें: आप एक होम कायरोथेरेपी किट खरीद सकते हैं, जिसे आमतौर पर किसी भी ड्रगस्टोर्स से करीब Rs.1500 तक में खरीदा जा सकता है। [१२] अगर आप इसे घर पर ही परफ़ोर्म कर रहे हैं, तो बॉटल पर दिए हुए इन्सट्रक्शन्स को फॉलो करें। आमतौर पर, इसमें एक छोटा, नुकीला प्रोड (prod) या स्वेब होता है, जिसे ठंडा किया जाना होता है। आपको फिर इसे 2-3 सेकंड्स के लिए अपने वरुक पर टच करके रखना होता है। वैसे तो ज़्यादातर कायरोथेरेपी किट्स एक ही तरह से काम किया करते हैं, बेस्ट रिजल्ट्स पाने के लिए अपनी किट पर दिए हुए इन्सट्रक्शन्स को अच्छी तरह से पढ़ने की पुष्टि कर लें।
    • आपको करीब 3 सेकंड्स या और भी देर तक एक शार्प, चुभन-जैसा दर्द फील हो सकता है, लेकिन इसके बाद, ये दर्द कम हो जाएगा। 10-15 मिनट्स के बाद, आपको हल्की से नम्बनेस के अलावा और कुछ भी फील नहीं होगा।
    • अगर आपको दर्द बिलकुल भी सहन नहीं होता है, तो फिर प्रोसीजर को परफ़ोर्म करने के लिए बैठ जाएँ। वैसे तो फेंट होना (बेहोशी) बहुत कॉमन होता है, लेकिन पुष्टि कर लें, कि अगर आपको जरा सा भी ऐसा फील हो, तो आप किसी भी चीज़ को हिट न करें।
  3. फ्रीज़ किए हुए एरिया को हल्के से एक बैंडेज से लपेट लें: फ्रीजिंग के बाद, वरुक के ऊपर एक पपड़ी सी बन जाएगी। आपको शायद एक छाला भी हो सकता है। वरुक को ढ़ँकने के लिए एक स्टेराइल गेज का यूज करें और इसके ड्रेन या ब्लीड नहीं होने की पुष्टि कर लें।
    • अगर आपको एक छाला होता है और ये फूट जाता है, तो उसे बहुत सावधानी से साफ कर लें और फ्लुइड को इकट्ठा कर लें। इसमें वार्ट वायरस भी हो सकते हैं। [१३] फिर, उस एरिया को एक माइल्ड सोप और वॉटर से क्लीन कर लें। उस एरिया को सुखा लें और उसे एक साफ, नॉन-स्टिक बैंडेज से कवर कर दें। [१४]
    • वैसे तो आप कायरोथेरेपी के बाद अपनी नॉर्मल एक्टिविटीज को करना जारी रख सकते हैं, लेकिन फिर भी स्वीमिंग करना और हॉट टब का यूज करना अवॉइड करें। पानी में शायद बैक्टीरिया मौजूद हो सकता है, जो आपके वार्ट में इन्फेक्शन पैदा कर सकता है। ट्रीटमेंट लेने के पहले 24 घंटे तक, आपको उस एरिया को पानी में भीगने से बचाना होगा, जैसे कि पानी में बर्तन धोना। [१५]
  4. अगर वार्ट नहीं जाता है, तो 2-3 हफ्ते के बाद भी इसे रिफ्रीज करें: सिर्फ छोटे वार्ट्स को ही एक बार फ्रीज़ करके निकाला जा सकता है। ज़्यादातर बार आपको बहुत ज्यादा ट्रीटमेंट्स लेने की जरूरत नहीं होती है। ट्रीटमेंट्स के दौरान इन्फेक्शन से बचे रहने के लिए पपड़ी और किसी भी छाले को अच्छी तरह से क्लीन किए जाने की पुष्टि करें। हालांकि, पपड़ी या छाले को खुला रखना ही ठीक रहता है। [१६]
विधि 3
विधि 3 का 5:

घर पर ही वरुक हटाना

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  1. बेस्ट रिस्पोंस पाने के लिए होम रेमेडीज़ के साथ में फ्रीजिंग को भी यूज करें: वैसे तो फ्रीजिंग वार्ट्स को हटाने का सबसे आसान, सबसे असरदार तरीका होता है, लेकिन ये पहली बार में ही वार्ट को पूरी तरह से नहीं निकालता है। फ्रीजिंग काफी सारे वार्ट्स को हटा सकता है, जिससे पैच, सैलिसिलिक एसिड, या अन्य तरीके अधिक प्रभावी हो सकते हैं। वरुक का सामना करने के लिए, इन दी हुई रेमेडीज़ को फ्रीजिंग के साथ यूज करें।
  2. अगर आप आपके वार्ट को वीक करने में वक़्त बिताते हैं, तो आप वार्ट ट्रीटमेंट को और भी ज्यादा असरदार बना सकते हैं। मेडिसिन को और ज्यादा असरदार बनाने के लिए, वार्ट को ट्रीट करने से पहले, वार्ट की ऊपरी लेयर को आराम से हटाने के लिए प्युमिक स्टोन या फ़ाइल का यूज करें। जैल या क्रीम्स अप्लाई करने से पहले, स्किन को सॉफ्ट बनाने और इसे ट्रीटमेंट को लेने लायक बनाने के लिए, आपको अपने पैरों को गरम पानी में भिगो लेना चाहिए।
  3. सैलिसिलिक एसिड जैल्स, क्रीम्स और पैचेस का यूज करें: सैलिसिलिक एसिड ज़्यादातर ओवर-ड-काउंटर वार्ट ट्रीटमेंट्स का मेन इंग्रेडिएंट होता है। आप इसे जैल्स और पैचेस में पा सकते हैं, जो इसे वक़्त के साथ वरुक को ट्रीट करने का इफेक्टिव तरीका बनाता है। आमतौर पर, ट्रीटमेंट धीरे-धीरे काम करता है, वरुक को पूरी तरह से खत्म करने में अक्सर 2 हफ्ते या इससे भी ज्यादा वक़्त लेता है। इसके द्वारा लिए जाने वक़्त की वजह से, ज़्यादातर लोग फ्रीजिंग या दूसरी रिमूवल मेथड्स के साथ, सैलिसिलिक एसिड का यूज किया करते हैं।
    • सैलिसिलिक एसिड अनहैल्दी स्किन के साथ-साथ हैल्दी स्किन को भी डैमेज कर देता है, लेकिन आप अपने वरुक के आसपास की स्किन पर पेट्रोलियम जैली की पतली सी कोटिंग करके, उसे प्रोटेक्ट कर सकते हैं।
    • सैलिसिलिक एसिड को अप्लाई करने के बाद, वार्ट को ढ़ँककर रखें, ताकि मेडिसिन स्किन के करीब रह सके। [१९]
  4. वैसे तो डक टेप ट्रीटमेंट के सपोर्ट में बहुत कम ही एविडेंस मौजूद हैं, लेकिन फिर भी काफी सारे लोग इसकी इफेक्टिवनेस की गवाही दिया करते हैं। वरुक के ऊपर एक पीस डक टेप लगा लें और इसे छह दिनों तक वहीं रहने दें। जब छह दिन पूरे होने को आ जाएँ, तब डक टेप को निकाल दें और वरुक को गुनगुने पानी में भिगोए रखें। ऐसा माना जाता है, कि डक टेप वायरस को स्किन के करीब रखकर, आपके इम्यून सिस्टम के फोकस को को वार्ट पर बनाए रखकर और इसे पूरी तरह से खत्म करते हुए काम करता है।
    • अगर टेप निकल जाता है, तो फौरन ही टेप के एक फ्रेश पीस को लगा लें।
    • इसे रिपीट भी करना पड़ सकता है या फिर दूसरी मेथड्स के साथ में इसे यूज किया जा सकता है, इसलिए अगर आपको ट्रीटमेंट लेने के बाद अभी भी वार्ट हैं या ये वापस आ जाता है, तो घबराएँ नहीं।
  5. वरुक को पियर्स (छेद) करें, फिर इसे डिसइन्फेक्ट और कवर कर दें: ये मेथड कटे हुए हिस्से पर व्हाइट ब्लड सेल्स को लाकर, वार्ट्स के प्रति आपके नेचुरल इम्यून रिस्पोंस में तेज़ी ला देती है। वैसे तो चूंकि ये मेथड काफी पेनफुल होती है, इसी वजह से इस मेथड को स्ट्रिक्टली रिकमेंड नहीं किया जाता है, लेकिन इसके अपने ही कुछ फायदे होते हैं। ये पूरी तरह से नेचुरल होती है, इसमें कुछ भी खर्च नहीं होता है और आपकी बॉडी को खुद से ही इन्फेक्शन से लड़ने के लिए तैयार करती है। अगर आप इसे पियर्स करने का तय करते हैं:
    • यूज करने के पहले करीब 5-10 सेकंड्स के लिए खुली आग के ऊपर रखकर नीडल को स्टेरलाइज कर लें।
    • सोप और वॉटर से वार्ट को क्लीन कर लें। स्किन को लूज करने के लिए इसे 5 मिनट्स तक के लिए गुनगुने पानी में डूबे रहने दें।
    • एक क्विक, हल्के से मूवमेंट के साथ वार्ट को पीस कर दें। आपको सिर्फ स्किन को ब्रेक करना है। ये थोड़ा सा पेनफुल होगा।
    • वार्ट को क्लीन कर लें, इसे एक एंटी-बैक्टीरियल ओइंटमेंट से कवर कर लें और करीब 1-2 हफ्तों के लिए इसे बैंडेज कर दें। [२०]
  6. सारे वरुक एक या दो साल के अंदर खुद से ही गायब हो जाते हैं, इसलिए अगर वरुक से आपको जरा-सा भी दर्द नहीं हो रहा है, इसलिए इसे खुद से ही अपना काम करने दें। क्योंकि आपका इम्यून सिस्टम खुद ही सारा काम करता है, इसलिए ये आपके वार्ट्स से राहत पाने का सबसे आसान और बेस्ट तरीका होता है।
    • हालांकि, कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों (एचआईवी वाले लोगों) के वरुक मुश्किल से ही खुद से ही गायब हुआ करते हैं, इसलिए उनके लिए ट्रीटमेंट की तलाश करने की सलाह दी जाती है।
    • दर्द से राहत पाने के लिए, हाइ-हील शूज या ऐसी कोई भी चीज़, जिसकी वजह से आपके वरुक पर काफी दबाव पड़ता है, को यूज करना अवॉइड करें। मोटे सॉक्स और कम्फ़र्टेबल शूज भी आपकी मदद करेंगे।
    • आप चाहें तो मोलस्किन (moleskin) ले सकते हैं और वरुक को बीच में ही रखते हुए एक डोनट-शेप्ड पैड क्राफ्ट कर सकते हैं। इस तरह की पैडिंग आपको अपने वार्ट के ऊपर दर्द भरे स्टेप्स लेने से रोके रखेगी।
विधि 4
विधि 4 का 5:

डॉक्टर की मदद से वरुक को निकालना

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  1. कुछ मामलों में वरुक को किसी पोडाइट्रेस्ट (podiatrist) या कायरोपोडिस्ट के द्वारा पेयर या रब डाउन किया जा सकता है। इसे दूसरी थेरेपीज के साथ किया जाता है, क्योंकि इसकी वजह से दवाई का वार्ट की जड़ टाका पहुँचना आसान हो जाता है और ये पूरी तरह से खत्म भी हो जाता है।
    • ये वरुक को पूरी तरह से नहीं हटाएगा, लेकिन ये उसके साइज़ को जरूर कम कर देगा और शायद उसे जरा कम पेनफुल भी बना देगा।
  2. लिक्विड नाइट्रोजन की मदद से वरुक को डॉक्टर के ऑफिस में निकाला जाना मुमकिन है। इस प्रोसीजर को कायरोथेरेपी के नाम से जाना जाता है और ये होम कायरोथेरेपी किट्स का एक और ज्यादा इंटेन्स वर्जन है।
    • लिक्विड नाइट्रोजन को वरुक के ऊपर फैलाया जाता है, जो फ्रीजिंग के जरिए स्किन सेल्स को खत्म कर देता है। प्रोसीजर के बाद में एक छाला बनेगा, जो बाद में पपड़ी बन जाएगा और फिर कुछ ही दिनों के अंदर, अपने साथ में वरुक को भी लेकर, ये पूरी तरह से गिर जाएगा। [२१]
    • बहुत बड़े वरुक के लिए, इस प्रोसीजर को तब तक कई बार रिपीट करना होता है, जब तक कि वरुक पूरी तरह से न हट जाए।
    • कायरोथेरेपी में जरा सा दर्द हो सकता है, इसलिए इसे यंग बच्चों के ऊपर यूज करने की सलाह नहीं दी जाती है।
  3. केमिकल ट्रीटमेंट्स के लिए प्रिस्क्रिप्शन ले लें: कुछ मामलों में, आपके डॉक्टर आपको एक केमिकल ट्रीटमेंट प्रिस्क्राइब करेंगे, जिसमें सेल्स को मारने के लिए, कोरोसिव सब्सटेन्स को सीधे वरुक पर रखा जाता है। कुछ प्रिस्क्रिप्शन ट्रीटमेंट्स में, ये शामिल हैं:
    • रेटिनोइड क्रीम (Avita, Retin-A)
    • केंथराइडिन (Cantharone, Cantharone Plus): ये दवाई वार्ट के अंदर की स्किन पर छाला ला देती है, जो वार्ट को स्किन के ऊपर उठा देता है। इस दवाई को आपके डॉक्टर के ऑफिस में वार्ट पर अप्लाई किया जाता है।
    • एचपीवी वायरस से लड़ने के लिए इम्यूनोथेरेपी मेडिसिन
    • ब्लोमाइसिन इंजेक्शन्स, हालांकि ये काफी पेनफुल होते हैं और इन्हें अब बहुत मुश्किल से ही कभी यूज किया जाता है। [२२]
  4. सीरियस वरुक को निकालने के लिए लेजर या सर्जिकल रिमूवल को चुनें: इन्हें सिर्फ बहित गंभीर मामलों में ही यूज किया जाता है, ये वार्ट से फौरन और हमेशा के लिए राहत दिलाने में मदद करेगी। हालांकि, ये जरा एक्स्पेंसिव हो सकती है और चलने पर आपके पैर में दर्द भी होगा, जो इसे वार्ट से छुटकारा पाने के लिए चुने जाने वाला सबसे आखिरी ऑप्शन बना देता है।
विधि 5
विधि 5 का 5:

वरुक को फैलने से रोकना

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  1. वरुक स्विमिंग पूल में काफी आसानी से एक से दूसरे इंसान तक फैल जाते हैं, इसलिए स्विमिंग के लिए जाते वक़्त अपने वरुक को वॉटरप्रूफ प्लास्टर से कवर करके रखें। वैकल्पिक रूप से, आप फार्मेसी से स्पेशल स्विम सॉक्स भी खरीद सकते हैं।
    • आप आपके वरुक को नेल पॉलिश वार्निश से भी कवर कर सकते हैं, जो आपके वरुक के वायरस को दूसरे लोगों तक जाने से रोकने के लिए एक सील तैयार करके देता है। [२३] हालांकि, ये साइंटिफिकली प्रूवन मेथड तो नहीं है।
  2. वरुक टॉवल, सॉक्स और शूज को शेयर करने से फैल सकता है, इसलिए अगर आपको वरुक है, तो अपने आइटमास को किसी के भी साथ में न शेयर करें। जिम, लोकल पूल में, अपने साथ में अपने खुद के इक्विपमेंट को यूज करें।
  3. स्विमिंग पूल की तरह ही, वरुक कम्यूनल शावर्स में आसानी से एक से दूसरे इंसान तक फैल जाते हैं। पब्लिक शावर्स यूज करते वक़्त आपको फ्लिप-फ्लोप्स पहनना चाहिए। [२४]
  4. अपने हाँथों को धोए बिना अपने या दूसरे लोगों के वार्ट्स को मत टच करें: एचपीवी वायरस के कुछ स्ट्रेंस दूसरे से कहीं ज्यादा संक्रामक होते हैं, इसलिए आपको आपके वरुक को कवर रखना चाहिए और दूसरे लोगों के वार्ट्स को टच करना अवॉइड करें। [२५]
  5. जिम एडल्ट्स में वरुक के फैलने की सबसे कॉमन जगह होती है, लेकिन इन्हें इक्विपमेंट के पास में मौजूद वाइप्स का यूज करके आसानी से रोका जा सकता है। आपके द्वारा यूज किए जाने वाली किसी भी चीज़ को यूज करने के बाद में वाइप करने की पुष्टि कर लें और अगर आप वरुक के फैलने को लेकर परेशान हैं, तो कुछ लिफ्टिंग ग्लव्स लेने के बारे में सोचें। [२६]

सलाह

  • टी ट्री ऑइल वार्ट्स को निकालने में मदद कर सकता है। एक एमरी बोर्ड से प्रभावित हिस्से को रब कर लें और फिर एक कॉटन बॉल की मदद से टी ट्री ऑइल को अप्लाई कर दें। इस प्रोसीजर को रोजाना रात में सोने से पहले रिपीट करें और कुछ हफ्तों के अंदर ये गायब हो जाने चाहिए।
  • आप वार्ट से विजिबली तो राहत पा सकते हैं, कुछ हफ्तों के बाद ये वापस नजर आ सकते हैं। इसका सीधा सा मतलब ये है, कि आपका शरीर अभी भी वायरस से लड़ रहा है, लेकिन इसे जल्द ही खत्म हो जाना चाहिए।
  • अगर आपको यूज की हुई किसी भी रेमेडी की वजह से इन्फेक्शन होने का शक है, तो ऐसे में डॉक्टर के पास जरूर चले जाएँ। इन्फेक्शन के लक्षणों में, बढ़ा हुआ दर्द, स्वेलिंग, हीट या वार्ट के आसपास के एरिया में नरमी, रेड स्ट्रीक्स, पस या डिस्चार्ज या फीवर शामिल हैं। [२७]
  • वायरस को खत्म करने में मदद पाने के लिए, आपको अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के बारे में भी सोचना चाहिए।

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