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आपको दूसरों का सम्मान करना, उनके साथ दयाभाव के साथ पेश आना और उनकी मदद करना सिखाया गया होगा। हालांकि, कभी कभी लोग आपकी उदारता और आपके भले व्यवहार का फायदा उठाने लगते हैं और वो आप से सही, या जो होना चाहिए, उससे भी ज्यादा पाने की उम्मीद करना शुरू कर देते हैं। इस तरह के लोग शायद लगातार आप से मदद की मांग कर सकते हैं, वो भी बदले में आपको बिना कुछ भी दिए या न ही उसके लिए आपकी तरफ कोई आभार दिखाएंगे। जब इस तरह की सीमाओं का उल्लंघन हो जाए, तब आपके लिए अपने खुद के लिए आवाज उठाना और एक सही लेन-देन का फॉर्मूला अपनाना मुश्किल हो सकता है। अगर आप भी ऐसा फील करते हैं कि आपकी लाइफ में ऐसे कुछ लोग हैं, जो आपको नजरअंदाज कर रहे हैं, खुद को प्रोटेक्ट करें और उन सीमाओं को फिर से तय करें।

विधि 1
विधि 1 का 3:

परेशानियों को परखना (Examining the Problem)

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  1. जरूरी है कि आप इस बात को खुद में भी स्वीकार करें कि आपको नजरअंदाज किया जा रहा है। जब तक आप किसी परेशानी की उपस्थिति की बात को नहीं स्वीकार लेते, तब तक आप उसे सुधार नहीं पाएंगे। कई रिसर्च ने अलग अलग प्रकार के मेंटल और फिजिकल हैल्थ बेनिफिट्स के लिए आपके नेगेटिव इमोशन्स को व्यक्त करने और विश्लेषण से जोड़ा गया है। अपनी फीलिंग्स को रिपीट करना केवल आगे जाकर उन्हें और भी बदतर बना देगा। [१]
    • ये तब शायद मुश्किल हो सकता है जब आपको इस तरीके से लोगों के साथ में अच्छा व्यवहार करना सिखाया गया हो, जिसकी वजह से लोग आपका फायदा ले सकते हैं और आपको ऐसा बताता हो, कि आपके पास में अपने लिए कुछ भी कहने का हक नहीं है।
    • जैसे, "बदले में कुछ भी पाने की उम्मीद के बिना, सही काम करना।" जबकि लोगों के साथ में दयाभाव के साथ पेश आने के पीछे हर बार कुछ भी पाने की उम्मीद किए बिना में एक अच्छाई होती है, जिसका मतलब ये नहीं कि आपको एक ऐसे इंसान को पैसे देना है, जो पैसों के साथ में ज़िम्मेदारी नहीं दिखाता है।
    • खासतौर से महिलाओं से अक्सर अच्छे बर्ताव की उम्मीद रखी जाती है और उनके अपने लिए कुछ बोलने को सही बर्ताव नहीं माना जाता है।
    • याद रखें कि कभी कभी आपको नजरअंदाज भी किया जाएगा। जैसे, पैरेंट्स को अक्सर फील होता है कि उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। बच्चे मेच्योरिटी की डिफरेंट स्टेज से बढ़ते हैं, लेकिन कभी कभी जो केवल अपने बारे में सोचने जैसा नजर आता है, वो अक्सर नॉर्मल होता है और उनकी ग्रोथ का एक जरूरी पार्ट होता है।
    • अपनी फीलिंग्स को स्वीकारने में और उन्हें अपने मन में बसा के रखने में अंतर होता है। नेगेटिव फीलिंग्स को एनलाइज किए बिना उन पर फोकस करना या उन्हें ठीक करने की कोशिश करना आपको शुरुआत से ज्यादा बदतर फील करते छोड़ सकता है। [२]
  2. सोशल और कल्चरल प्रैशर शायद आपको ऐसी किसी चीज के लिए पूछा जाए, जो आपको रुड लगे, उनके लिए "न" कहने का प्रैशर करे। हो सकता है कि आपको ऐसा भी फील करना सिखाया गया हो कि आपका काम दूसरों के काम से कम वैल्यूएबल है और वो सम्मान पाने का भी हकदार नहीं है। (ये परेशानी खासतौर से महिलाओं के लिए, वो भी घरेलू मामलों में होती है।) [३] इन चीजों की वजह से आपको नजरअंदाज किए जाने जैसा फील हो सकता है। हर किसी के पास सम्मान किए जाने और एप्रिशिएट किए जाने का अधिकार होता है और इस तरह से ट्रीट किए जाने की इच्छा करने में कोई खराबी नहीं है।
    • नाराज और उदास होना नेचुरल होता है और उन फीलिंग को खुद पर हावी होने देना भी आसान हो सकता है। अपने गुस्से को दूसरे लोगों पर दिखाने की बजाय अपने फोकस को कंस्ट्रक्टिव रहने पर रखें।
  3. नजरअंदाज किए जाने की अपनी फीलिंग्स को संभालने के लिए, आपको पहले एग्जामिन करना होगा कि ऐसा क्या हो रहा है, जिससे आप इस तरह से फील कर रहे हैं। स्पेसिफिक बिहेवियर्स और इवैंट्स की एक ऐसी लिस्ट बनाएँ, जिनसे आपको अनएप्रिशिएटेड महसूस हो रहा है। हो सकता है कि आपको ऐसी चीजें पता चलें, जिन्हें आप दूसरे लोगों से चेंज करने के लिए पूछ सकें। हो सकता है कि आपको शायद आपके अपने कम्यूनिकेशन के बारे में ऐसी कुछ बातें पता चलें, जिनके ऊपर आपको काम करने की जरूरत पड़े। जैसे, आपको शायद आपकी सीमाओं को ज्यादा स्पष्ट रूप से कम्युनिकेट करने की प्रैक्टिस करने की जरूरत पड़ेगी। [४]
    • रिसर्च से पता चलता है कि लोगों के द्वारा उनके जॉब को छोड़ने के पीछे "अनएप्रिशिएट किए जाना" एक कॉमन वजह होती है। 81% एम्प्लोयी कहते हैं कि उन्हें जब उनके बॉस उनके काम के लिए क्रेडिट देते हैं, तब वो काम करने के लिए ज्यादा मोटिवेट फील करते हैं। [५]
    • स्टडीज़ से पता चलता है कि ऐसे लोग, जो अकेला फील करते हैं, उनके इस तरह के गलत व्यवहार को स्वीकार करने के और दूसरों को उनका फायदा उठाने देने की संभावना ज्यादा रहती है। [६] अगर आप नजरअंदाज किए जाते महसूस करते हैं, तो ये शायद इसलिए क्योंकि आप किसी ऐसी रिक्वेस्ट को अस्वीकार करने को लेकर घबरा रहे हैं, जिसकी वजह से आपको अकेलापन महसूस होगा।
    • "माइंड रीडिंग" या दूसरे लोगों के मोटिवेशन के अंदाजा लगाने को लेकर भी सावधान रहें। अगर आप ऐसा अंदाजा लगाते हैं कि आप दूसरे इंसान के कुछ करने के तरीके के पीछे की वजह के बारे में जानते हैं, तो आप शायद गलत अंदाजा लगा लेंगे। इसकी वजह से आप गलत और अनुचित कल्पना कर सकते हैं।
      • जैसे: आप शायद इसलिए नजरअंदाज किए जाना महसूस करेंगे, क्योंकि आप लगातार अपने को-वर्कर को ऑफिस तक लिफ्ट ऑफर करते हैं, लेकिन जब आपकी कार खराब हुई, तब उसने आपकी मदद नहीं की। लेकिन उससे बात किए बिना, आपको सच में इसकी वजह का पता नहीं चल पाएगा। हो सकता है कि वो एक अजीब, अहसान न मानने वाला इंसान हो--या फिर उसने शायद इसलिए आपकी मदद नहीं की, क्योंकि उस दिन उसका डेन्टिस्ट अपोइंटमेंट था या शायद इसलिए, क्योंकि आपने खुद उससे सीधे आपकी मदद करने का नहीं बोला और आप केवल अस्पष्ट हिंट्स दे रहे थे।
  4. अगर आप नजरअंदाज किए जाता फील करते हैं, तो ये शायद इसलिए, क्योंकि आपने शायद पहले उस इंसान को आपकी वैल्यू करते पाया था, जो अब आपको नजरअंदाज कर रहा है। ये शायद ऐसे नॉलेज की वजह से भी फील हो सकता है, जिसे आप एप्रिशिएट किए जाते फील करना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वजह चाहे जो भी हो, दूसरे इंसान के साथ में आपके इंटरेक्शन के साथ में क्या बदला है, ये जानना आपको बेहतर महसूस करने में मदद कर सकता है। ये आपके रिश्ते के लिए एक सलुशन पाने में भी मदद कर सकता है। [७]
    • एक बार फिर से पीछे उस समय के बारे में सोचकर देखें, जब आपने उस इंसान के साथ पहली बार बात करना शुरू किया था। उन्होने आपको एप्रिशिएटेड फील करने के लिए क्या महसूस कराया? ऐसा क्या है, जो पहले होता था, लेकिन अब नहीं हो रहा है? क्या आपने अपने बारे में कुछ चेंज किया? [८]
    • अगर आपको ऑफिस के दौरान नजरअंदाज किए जाते महसूस हुआ, तो ये शायद इसलिए क्योंकि आपको ऐसा लगता है कि आपकी मेहनत की कोई वैल्यू नहीं कर रहा है (जैसे, आपको रेज़ नहीं मिला, आपको प्रोजेक्ट में नोटिस नहीं किया गया)। ये शायद इसलिए भी हो सकता है, क्योंकि आपको फैसले लेने में शामिल नहीं किया गया। [९] उस बारे में सोचे, जिससे आपको आपके जॉब के बारे में एप्रिशिएट फील हुआ और देखें अगर इसमें कुछ भी बदला हो।
  5. जब आप रिश्ते में नाइंसाफी फील करते हैं, फिर चाहे ये किसी कोवर्कर के साथ हो या रोमांटिक पार्टनर के साथ, आपके लिए दूसरे इंसान के नजरिए के बारे में विचार करना मुश्किल हो सकता है। आप शायद सजा जैसा और अपमानित सा महसूस करेंगे, इसलिए आपके साथ ऐसा व्यवहार किए जाने के पीछे की वजह को समझने की जरूरत ही क्या है? दूसरा इंसान क्या सोच रहा है, ये समझना भी शायद जो भी हो रहा है, उसे समझने में उपयोगी हो सकता है। इससे आपको दूसरे इंसान के साथ मिलकर परेशानी के लिए एक हल निकालने में भी मदद कर सकता है। [१०]
    • पर्सनेलिटी डिसऑर्डर की एबसेंस में या और किसी परेशानी की वजह से लोग आमतौर पर दूसरों को बुरी तरह से ट्रीट नहीं करते हैं। [११] किसी को मूर्ख कहना, फिर चाहे आपको आपकी राय कितनी भी ठीक क्यों न लग रही हो, इससे सामने वाला इंसान भी अनप्रॉडक्टिव तरीके से रिएक्ट करने लग सकता है। जब लोगों पर इल्जाम लगाया जाता है, तब वो अक्सर आपकी बातों को सुनना बंद कर देते हैं।
    • दूसरे इंसान की जरूरतों और चाहत के बारे में भी विचार करें। क्या वो बदल चुके हैं? [१२] रिसर्च से पता चलता है कि कभी कभी लोग अक्सर जब रिलेशनशिप में इन्टरेस्ट खोने के बाद, एक अप्रतिरोधी "डिस्टेन्सिंग टेक्निक" का इस्तेमाल करने लग जाएंगे, जैसे कि किसी की मदद करना रोक देना और लगाव या एप्रिशिएशन को दिखाना बंद कर देना, लेकिन उन्हें ये समझ नहीं आएगा कि वहाँ से निकला कैसे जाए। [१३]
विधि 2
विधि 2 का 3:

अपने रोल के बारे में विचार करना (Thinking About Your Role)

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  1. आप दूसरों के व्यवहार के लिए जिम्मेदार नहीं होते और साथ ही, जब कोई इंसान अजीब तरह से या रुड व्यवहार करता है, तब भी आपको इसके लिए खुद पर दोष नहीं डालना चाहिए। हालांकि, आप अपने खुद के एक्शन को कंट्रोल जरूर कर सकते हैं। अगर आप दूसरों के द्वारा अपमानित या इग्नोर किया जाता महसूस करते हैं, तो आप अपने बात करने और व्यवहार करने के तरीके को बदलकर उनके आपके प्रति रिस्पोंड करने के तरीके को बदल सकते हैं। ये कुछ ऐसे एटीट्यूड्स और बिहेवियर्स दिए गए हैं, जो शायद दूसरों को आपके साथ में अनुचित व्यवहार करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं: [१४]
    • आप उस इंसान (या और किसी भी इंसान) के द्वारा आप से बोली जाने वाली हर एक बात के लिए हाँ कहते हैं, फिर चाहे उनकी रिक्वेस्ट आपके लिए असुविधाजनक या अनुचित भी क्यों न हो।
    • आप शायद इस डर में उस इंसान को न कहने या उससे उसकी उम्मीदों में बदलाव करने का नहीं कह रहे हैं, क्योंकि आपको लगता है कि वो आपको पसंद नहीं करेगा या शायद उसे आप में कोई कमी दिख जाएगी।
    • आपका अपनी असली फीलिंग्स, विचारों या मान्यताओं को नहीं एक्स्प्रेस करना।
    • आप आपके विचारों, जरूरतों या फीलिंग्स को एक अत्यधिक क्षमा या आत्म-प्रेरित तरीके से व्यक्त करते हैं (जैसे, "अगर आपको ज्यादा तकलीफ न हो, तो क्या आप ऐसा कर देंगे" या फिर "ये केवल मेरी राय है, लेकिन....")
    • आप शायद ऐसा सोच सकते हैं कि दूसरों की फीलिंग्स, जरूरतें और विचार आप से ज्यादा जरूरी हैं।
    • आप खुद को दूसरों के सामने (और अक्सर, आपके लिए) कम समझते हैं।
    • आप ऐसा सोच सकते हैं कि अगर आप सामने वाले इंसान की उम्मीदों को पूरा करते हैं, केवल तभी वो आपको पसंद या प्यार करेंगे।
  2. साइकोलॉजिस्ट ने ऐसे "तर्कहीन विश्वास (irrational beliefs)" के एक सेट को डिफ़ाइन किया है, जिन्हें अगर आप रोके रखते हैं, तो आपको ठेस पहुंचा सकती और असंतोष दे सकता है। ये विश्वास अक्सर दूसरों की तुलना में खुद से ज्यादा की मांग करते हैं। इनमें "चाहिए" स्टेटमेंट का भी इस्तेमाल हो सकता है। सोचकर देखें आप इनमें से क्या सोचते हैं: [१५]
    • आप शायद ऐसा मानेंगे कि ये आपके करीबी लोगों के लिए जरूरी है और आपकी लाइफ में मौजूद हर इंसान के द्वारा अप्रूव होता है।
    • अगर कोई आपकी वैल्यू न करे, तब आप शायद खुद को एक "लूजर", "बेकाम" का या स्टुपिड भी फील कर सकते हैं।
    • आपको "चाहिए" स्टेटमेंट का इस्तेमाल बार बार करना चाहिए, जैसे कि "मुझसे कोई कुछ भी करने का बोलेगा, मुझे वो करना चाहिए" या "मुझे हमेशा दूसरों को खुश करने की कोशिश करना चाहिए।"
  3. तर्कहीन विश्वास होने के साथ, जैसे कि ऐसा फील होना कि आपको आप से कोई जो भी करने को बोले, आपको हमेशा उसे करने को तैयार रहना चाहिए, आप शायद अपने बारे में भी एक बिगड़े तरीके से सोचना शुरू कर सकते हैं। नजरअंदाज किए जाने की भावना से डील करने के लिए, आपको अपने और दूसरे के बारे में डिस्टोर्टेड और विसंगत विचारों का सामना करना चाहिए। [१६]
    • जैसे, आप ऐसा मान सकते हैं कि आप हर किसी की सोच के लिए जिम्मेदार (एक "इंटरनल कंट्रोल फेलसी") हैं। ये नजरअंदाज किए जाने की फीलिंग का कॉमन सोर्स है: हो सकता है कि आप शायद आपके न कहने पर दूसरों को ठेस पहुंचने के बारे में भी चिंता कर सकते हैं, इसलिए जब भी वो आप से कोई रिक्वेस्ट करे, तब आपको हमेशा उन्हें "हाँ" कहना चाहिए। हालांकि, अगर आप आपकी सीमाओं के साथ में ईमानदार रहते हैं, तो आप न तो अपने साथ या न ही दूसरे इंसान के साथ में कोई फ़ेवर कर रहे होंगे। [१७] "नहीं" कहना भी हेल्दी और हेल्पफुल हो सकता है।
    • "पर्सनेलाइजेशन" एक और दूसरा कॉमन डिस्टोर्शन है। आप जब पर्सनलाइज करते हैं, आप खुद को ऐसा कुछ करने पर मजबूर कर देते हैं, जिसके लिए आप असल में जिम्मेदार भी नहीं। जैसे: ऐसा इमेजिन करना कि आपके फ्रेंड ने आप से बच्चे की देखभाल करने का कहा, ताकि वो जॉब इंटरव्यू पर जा सके, लेकिन उस समय पर आपका खुद का ऐसा एक जरूरी काम है, जिसे आप आगे के समय में शेड्यूल नहीं कर सकते हैं। इस स्थिति में खुद को पर्सनलाइज करना आपको आपके फ्रेंड की स्थिति के लिए जिम्मेदार फील करा सकता है, फिर भले आप उसके लिए जिम्मेदार न भी हों। अगर आपने उस समय पर "हाँ" बोला, जबकि असल में आपको वहाँ पर "न" कहने की जरूरत थी, ये शायद आपको असंतुष्ट महसूस करा सकता है, क्योंकि आपने आपकी अपनी जरूरतों की रिस्पेक्ट नहीं की।
    • “केटेस्ट्रोफाइजिंग (Catastrophizing)” तब होता है, जब आप आपकी परिस्थिति को बेकाबू होकर उसके सबसे बुरे संभावित सिनेरियो के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं। जैसे, आप शायद इसलिए नजरअंदाज किया जाते महसूस कर सकते हैं, क्योंकि आपने ऐसा इमेजिन किए कि अगर आप आपके बॉस से बात करते हैं, तो वो आपको फायर कर देगा और आप फिर जॉब के बिना ही रह जाएंगे। इन सभी संभावनाओं में ऐसा कुछ नहीं होता!
    • हमेशा नजरअंदाज किए जाने की फीलिंग के साइकिल में फंसे रहने का एक खुद को हराने वाला विश्वास ये है कि आप कुछ भी हटके डिजर्व नहीं करते हैं। ऐसा मानना कि अगर आप किसी को खुश नहीं कर पाएंगे, तो वो आपको छोड़ जाएगा, आपकी लाइफ में ऐसे लोगों को रखते जाएगा, जो आपकी खुशियों में या ग्रोथ में कोई योगदान नहीं देते। [१८]
  4. आपको ये तो पता है कि आप नजरअंदाज किया जाना फील नहीं करना चाहते हैं। लेकिन आप आखिर चाहते क्या हैं ? अगर आप एक अस्पष्ट असंतुष्टि महसूस करेंगे, लेकिन आपको इसका कोई अंदाजा नहीं होगा, कि इसे बेहतर करने के लिए क्या किया जाए, ऐसे में आपके लिए आपकी स्थिति में कोई भी बदलाव देखना मुश्किल होगा। उन सभी चीजों की एक लिस्ट बनाकर देखें, जो आप रिश्ते में बदलाव के लिए देखना चाहते हैं। जब आप जान जाएँ कि आपका आइडियल इंटरेक्शन कैसा दिखना चाहिए, फिर आप वहाँ से निकलने के लिए बेहतर कोशिश कर पाएंगे।
    • जैसे, अगर आप इसलिए नजरअंदाज किया महसूस करते हैं, क्योंकि आपके बच्चे आपको केवल तभी याद करते हैं, जब उन्हें पैसों की जरूरत होती है, तो फिर सोचें कि आप आपके इंटरेक्शन करने के तरीके को कैसा रखना चाहेंगे। क्या आप उन्हें हफ्ते में एक बार कॉल करना चाहते हैं? उनका दिन कब अच्छा गुजरा? क्या आप जरूरत पड़ने पर उन्हें पैसे देना चाहेंगे? क्या आप इसलिए उन्हें पैसे देना चाहते हैं, क्योंकि आपको डर है कि अगर आप ऐसा नहीं करेंगे, तो वो आपको कॉल नहीं करेंगे? आपको अपनी सीमाओं को एग्जामिन करना होगा, ताकि आप उन्हें दूसरों तक कम्युनिकेट कर सकते हैं।
  5. आप केवल सीमाएं बना सकते हैं और उन पर बने रह सकते हैं। आप शायद इसलिए अनएप्रिशिएटेड फील कर सकते हैं, क्योंकि आप आपकी जरूरतों और फीलिंग्स को क्लियरली नहीं कम्युनिकेट कर पा रहे हैं, या शायद इसलिए क्योंकि आप एक मेनिपुलेटिंग इंसान के साथ में इंटरेक्ट कर रहे हैं। ऐसे कुछ लोग मौजूद हैं, जो जरूरत पड़ने पर अपनी इच्छा पूरी कराने के लिए दूसरे लोगों को मेनिपुलेट करेंगे। फिर चाहे चाहे सामने वाले इंसान का व्यवहार इग्नोरेंस या मेनिपुलेशन की वजह से हो, ऐसा न मान लें कि ये सिचुएशन अपने आप से क्लियर हो जाएगी। आपको खुद ही कोई कदम बढ़ाना होगा।
  6. दूसरों के साथ इंटरेक्शन की अपनी व्याख्याओं को चैलेंज करें: आप शायद इसलिए भी नजरअंदाज किया महसूस कर सकते हैं, क्योंकि आप खुद को किसी इंटरेक्शन के कंक्लूजन पर पहुँचने दे रहे हैं। जैसे, आप शायद ऐसा मान सकते हैं कि अगर आप किसी को कुछ करने के लिए "न" कहेंगे, तो वो शायद नाराज हो जाएगा या उसे ठेस पहुंचेगी। या आप शायद ऐसा मान सकते हैं कि कोई आपके लिए कुछ करना भूल गया है, वो आपके बारे में केयर नहीं करता है। थोड़ा धीमा होने की कोशिश करें और हर एक स्थिति के बारे में लॉजिकली सोचें।
    • जैसे: आप अक्सर अपने रोमांटिक पार्टनर को उसके लिए अपना प्यार और केयर दिखाने के लिए उसे गिफ्ट्स दे सकते हैं, लेकिन शायद वो इसके बदले में आपको गिफ्ट नहीं देते हैं। आप शायद इसलिए भी अनएप्रिशिएटेड फील कर सकते हैं, क्योंकि आप आपके किसी खास एक्शन के लिए उस इंसान का प्यार पाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, आपके पार्टनर को शायद आपकी परवाह होगी, लेकिन वो उसे उस बिहेवियर के साथ में नहीं दिखाता है, जैसा आप उससे उम्मीद कर रहे हैं। [१९] अपने पार्टनर के साथ में बात करना शायद इस गलतफहमी को खत्म कर सकता है।
    • आप शायद दूसरे लोगों के द्वारा उस विशेष इंसान की रिक्वेस्ट को हैंडल करने के तरीके को भी देख सकते हैं। जैसे, अगर आप ऐसा फील करते हैं कि आपके बॉस आपको शायद इसलिए नजरअंदाज कर रहे हें, क्योंकि वो अक्सर आपको वीकेंड पर एक्सट्रा काम दे देते हैं, अपने को-वर्कर्स से बात करके देखें। उन्होने उस रिक्वेस्ट को कैसे हैंडल किया? क्या उनका सामना ऐसे नेगेटिव रिजल्ट्स से हुआ, जिनकी उम्मीद आप कर रहे हैं? आपके सामने इसलिए भी काम का ढेर जमा हो सकता है, क्योंकि केवल आप अकेले वो इंसान हैं, जो अपने खुद के लिए खड़ा नहीं हो सकता।
  7. मुखरता के साथ कम्युनिकेट करने का मतलब ये नहीं कि आप रुड हैं या आप दयालु नहीं है। इसका मतलब ये है कि आप आपकी जरूरत, आपकी फीलिंग्स और विचारों को दूसरों तक स्पष्ट रूप से एक्स्प्रेस करते हैं। अगर दूसरे लोग आपकी जरूरतों और आपकी फीलिंग्स को नहीं जानते हैं, तब वो असल में जाने बिना भी आपका फायदा ले सकते हैं। रिसर्च से पता चलता है कि अगर आप अग्रेसिव होने की बजाय, ऐसा मुखरता के साथ में करते हैं, तो आप सामने वाले को ठेस पहुंचाए बिना भी अपने इमोशन्स को एक्स्प्रेस कर सकते हैं। [२०]
    • अपनी जरूरतों को खुल के और ईमानदारी से कम्युनिकेट करें। "मैं" पर फोकस्ड स्टेटमेंट्स, जैसे कि "मैं चाहता हूँ...” या “मुझे ऐसा पसंद नहीं...” यूज करें। [२१]
    • बहुत ज्यादा भी माफी न मांगे या खुद को नीचा न दिखाएँ। न कहने में कोई बुराई नहीं। आपको किसी ऐसी रिक्वेस्ट के लिए मना करने पर गिल्टी नहीं फील करना चाहिए, जिनसे आपको ऐसा फील होता है कि आप पूरा नहीं कर सकते हैं।
  8. विरोध या मुक़ाबले के साथ में कम्फ़र्टेबल हो जाएँ: कुछ लोग हर एक कीमत पर बहस होने से रोकने की कोशिश करेंगे। ऐसा इसलिए, क्योंकि ये लोग दूसरों को दुखी करने से डरते हैं। ऐसा शायद कल्चरल वैल्यू की वजह से (जैसे, कुछ कल्चर के लोग शायद नेगेटिव बनने से बचने के लिए बहस को होने से रोकते हैं) हो सकता है। [२२] जब आपका मन बहस को रोकने का हो, मतलब कि आप आपकी खुद की जरूरतों को और फीलिंग्स को दबाने की कोशिश में हैं, तब ये एक परेशानी की वजह बन जाता है। [२३]
    • अपनी जरूरतों के साथ में ओपन होने के लिए थोड़े विरोध की उम्मीद रखें, लेकिन ये हमेशा नेगेटिव नहीं होता है। रिसर्च से पता चलता है कि बहस को जब प्रॉडक्टिव तरीके से हैंडल किया जाए, ये कॉम्प्रोमाइज़, नेगोसिएशन और को-ऑपरेशन के जैसी स्किल्स को जन्म दे सकता है।
    • असर्टिवनेस ट्रेनिंग (Assertiveness training) भी बहस को बेहतर तरीके से संभालने में आपकी मदद करती है। असर्टिवनेस कम्यूनिकेशन को बढ़ी हुई सेल्फ-एस्टीम के साथ में जोड़ा गया है। [२४] ऐसा मानना कि आपकी खुद की फीलिंग्स और जरूरतें भी ठीक उतनी ही जरूरी हैं, जितनी की दूसरों की, ये आपको बहस को डिफ़ेंसिव फील हुए बिना हैंडल करने में मदद करेगा या फिर दूसरे इंसान पर अटैक करने की आपकी इच्छा को रोकेगा।
  9. एक बार लाचार या बेवश और खुद को दोषी मानना सीखने के बाद अपने आप से इनसे सुलझना मुश्किल हो सकता है। जैसे ही ये पैटर्न बन जाता है, फिर इसे तोड़ पाना मुश्किल हो सकता है, खासतौर से अगर आप काफी लंबे समय से एक ऐसे इंसान के साथ में डील करते आ रहे हैं, जो अधिकार की एक ऐसी पोजीशन में है, जो आप से ऊपर है और आपको ऐसा फील होता है कि आपको हर समय उसे मानना ही है। अपने साथ में कठोरता न दिखाएँ––ये बिहेवियर सामना करने के मेकेनिज़्म के साथ बन जाते हैं, जो खुद को नुकसान और डर से बचाए रखने के तरीके होते हैं। मुश्किल ये है कि अब ये एक ऐसा कमजोर कोपिंग मेकेनिज़्म बन चुके हैं, जो आपको हर बार एक ही तरह से महसूस करते छोड़ देते हैं। इनके ऊपर काम करना आपको ज्यादा खुश और ज्यादा सेफ बनाए रखने में मदद करेगा।
    • कुछ लोग इशू के साथ में अकेले निपटने के लिए, शायद अच्छे फ्रेंड्स या एक मेंटॉर की मदद के साथ एक डिसीजन बना पाएंगे। दूसरे लोग शायद एक थेरेपिस्ट या काउन्सलर के पास जाना ज्यादा मददगार पाएंगे। आपको जो भी कम्फ़र्टेबल लगे, वही करें।
विधि 3
विधि 3 का 3:

दूसरों के साथ मिलकर काम करना (Working With Others)

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  1. अपनी जरूरतों को लोगों तक पहुंचाना और अपने खुद के लिए खड़े होना आप रातोंरात नहीं सीख जाएंगे। आपको पहले आप से ऊपर के अधिकार या जरूरी इंसान (जैसे कि बॉस या रोमांटिक पार्टनर) के साथ में बहस करने से पहले किसी कम रिस्क वाली पोजीशन में अपने लिए आवाज उठाना सीखना होगा। [२५]
    • जैसे, अगर आपके को-वर्कर जब भी आप कॉफी शॉप जाते हैं, तो हमेशा हर बार आप से उसके लिए कॉफी लेकर आने का कहता है, लेकिन वो कभी भी इसकी पेमेंट नहीं करता है या अगली बार जब वो आप से लाने का कहे, तब उसे इसकी कीमत बताएं। ऐसा करते समय आपको इन्सल्ट करने या अग्रेसिव होने की जरूरत नहीं है; बस कुछ फ्रेंडली, लेकिन स्पष्ट बोलें, जैसे कि "क्या तुम मुझे इसकी पेमेंट के लिए कैश देंगे या फिर क्या मैं इन दोनों को अपने क्रेडिट कार्ड से पे कर दूँ और अगली बार तुम मेरे लिए पे कर दोगे?"
  2. अगर आप दूसरों के द्वारा नजरअंदाज किए जाने जैसा महसूस करते हैं, तो आपको उस इंसान के साथ में कम्युनिकेट करने की जरूरत पड़ेगी। हालांकि, आपको सीधे निकल के आने की और ऐसा कहने की जरूरत नहीं है कि "आपको नजरअंदाज किया गया।" अटैक और "तुम" वाले स्टेटमेंट्स बातचीत को रोक देते हैं और एक बुरी स्थिति को बदतर बना देते हैं। [२६] बल्कि, अपनी स्थिति को एक्सप्लेन करने के लिए सिम्पल स्टेटमेंट्स का इस्तेमाल करें।
    • शांत रहें। आप शायद उदासी, नाराजगी या फ्रस्ट्रेशन फील कर सकते हैं, लेकिन जरूरी है कि आप उन स्टेटमेंट्स को अंडर कंट्रोल रखें। भले ही आपके अंदर कई सारे नेगेटिव इमोशन्स भरे हों, अपने शांत मन को प्रेजेंट करने और दूसरे लोगों को ये जताने पर फोकस करें कि आप अनस्टेबल नहीं हैं या अटैक नहीं कर रहे हैं, लेकिन आप अपनी बात कह रहे हैं।
    • "मैं" वाली भाषा के साथ में बने रहें। आप बड़ी आसानी से इस तरह की बातों के जाल में फंस सकते हैं, जैसे, "तुमने मुझे बहुत दर्द दिया" या "तुम मूर्ख हो", लेकिन ये सभी चीजें सामने वाले इंसान को डिफ़ेंसिव बना देती हैं। बल्कि, हमेशा यही एक्सप्लेन करने की कोशिश करें कि चीजों से किस प्रकार आप पर असर हो रहा है और अपने सेंटेन्स को इस तरह के फ्रेज के साथ में शुरुआत करें, जैसे "मुझे लगता है," "मैं चाहता हूँ", "मुझे", "मैं ऐसा करने वाला हूँ" और "मैं अब से ऐसा कर रहा हूँ।" [२७]
    • अगर आप इस बात को लेकर चिंतित हैं कि सीमाओं को बनाना शायद ऐसा लग सकता है, जैसे कि आप मदद नहीं करना चाहते हैं, आप सिचुएशन को एक्सप्लेन कर सकते हैं। जैसे, अगर एक को-वर्कर आप से मदद के लिए पूछता है, आप ऐसा कुछ कह सकते हैं, "मैं तुम्हारे प्रोजेट में मदद करना चाहता हूँ, लेकिन आज रात को मेरे बच्चे टेस्ट है और मैं उसे मिस नहीं करना चाहता।" आप फिर ऐसा दिखा सकते हैं कि आप हमेशा सामने वाले इंसान की रिक्वेस्ट को माने बिना भी उस इंसान की ओर अपनी केयर को दिखा सकते हैं। [२८]
    • पॉज़िटिव रिजल्ट्स के साथ शत्रुतापूर्ण या चालाकीपूर्ण व्यवहार को न रिवार्ड करें। जब कोई आपको अब्यूस करे, तब "उससे बदला लेने से बचना" उसे उसके बिहेवियर को चालू रखने के लिए प्रेरित कर सकता है। बल्कि, उस बिहेवियर के साथ में अपनी असंतुष्टि को एक्स्प्रेस करें। [२९]
  3. मामले को हल करने के लिए सामने वाले को कई रास्ते बताएं: दूसरे शायद महसूस भी न कर पाएँ कि उन्होने आपका फायदा उठाया है। ज़्यादातर मामलों में, आप जब स्थिति को उनके सामने लेकर आएंगे, तब वो उसे ठीक करने की कोशिश करेंगे, लेकिन उन्हें ये नहीं मालूम होगा कि इसे किया कैसे जाए। सामने वाले इंसान को परेशानी को सुधारने के तरीके बताएं, ताकि आप दोनों ही अपने रिश्ते के बारे में पॉज़िटिव फील कर सकें।
    • जैसे, अगर आप इसलिए नजरअंदाज किया महसूस करते हैं, क्योंकि किसी ग्रुप प्रोजेक्ट में आपके योगदान को सराहा नहीं गया है, एक्सप्लेन करें कि आपके बॉस किस तरह से सिचुएशन को सुधार सकते हैं। आप ऐसा कुछ कह सकते हैं, "इस बड़े प्रोजेक्ट में केवल मेरा ही नाम बचा रह गया था। जब ऐसा हुआ तब मुझे ऐसा लगा कि मेरे काम की वैल्यू नहीं की गई है। आगे जाकर, मैं चाहूँगा कि सभी टीम मेम्बर के नाम को क्रेडिट किया जाए।”
    • एक और उदाहरण: अगर आपको ऐसा लगता है कि आपका रोमांटिक पार्टनर आपके प्यार को इसलिए फॉर ग्रांटेड ले रहा है, क्योंकि वो अपनी फीलिंग्स को क्लियरली नहीं एक्स्प्रेस नहीं करता, तो उसे कुछ ऐसे ऑप्शन ऑफर करें, जिससे उसे एप्रिशिएटेड फील हो। आप ऐसा कुछ कह सकते हैं, "मुझे पता है कि तुम फूलों और चॉकलेट पसंद नहीं करते हो, लेकिन मैं कभी कभी तुम्हारी मेरे लिए अपनी फीलिंग्स को उस तरीके से एक्स्प्रेस करना पसंद करूंगी, जो तुम्हारे लिए कम्फ़र्टेबल हो। यहाँ तक कि दिन के दौरान एक सिम्पल टेक्स्ट भी मुझे ज्यादा एप्रिशिएट फील करा सकता है।"
  4. आप जब दूसरों के साथ में इंटरेक्ट करें, तब सहानुभूति का इस्तेमाल करें: आपको अपने लिए लड़ने की जरूरत नहीं है और आपको ऐसा भी बनने की कोशिश नहीं करना है, जो हमेशा दूसरों को "न" कहने वाला एक लापरवाह इंसान है। एक्स्प्रेस करना कि आप सामने वाले इंसान की फीलिंग्स की केयर करते हैं, ये किसी अनकम्फ़र्टेबल सिचुएशन में टेंशन को कम करने में मदद करता है और उन्हें आपकी चिंताओं के बारे में सुनने के लिए भी और तैयार कर देता है। [३०]
    • जैसे, अगर आपका रोमांटिक पार्टनर हमेशा बर्तन और कपड़े आपके लिए छोड़ देता है, तो सहानुभूति के एक ऐसे स्टेटमेंट के साथ शुरुआत करें: "मुझे मालूम है कि तुम्हें मेरी परवाह है, लेकिन जब मैं कपड़े और बर्तन करती हूँ, तब मुझे एक रोमांटिक पार्टनर की बजाय एक हाउसकीपर के जैसा फील होता है। मैं चाहती हूँ कि तुम इन कामों में मेरी मदद करो। हम ऐसा एक एक करके कर सकते हैं या फिर हम दोनों मिलकर भी ये कर सकते हैं।"
  5. आप सामने वाले इंसान को जो कहना चाहते हैं, उसकी प्रैक्टिस करना असल में बहुत हेल्पफुल हो सकता है। सिचुएशन या उस बिहेवियर को लिख लें, जिससे आप उदास हुए और डिस्क्राइब करें कि आप सिचुएशन में क्या बदलाव देखना चाहते हैं। [३१] आपको इस वाक्य को याद करने की जरूरत नहीं है; असली मकसद है कि आप जो भी एक्स्प्रेस करना चाहते हैं, उसके साथ में कम्फ़र्टेबल हो जाएँ, ताकि आप इन्हें सामने वाले इंसान के साथ में इन्हें क्लियरली न कम्युनिकेट करने लग जाएँ। [३२]
    • जैसे: ऐसा इमेजिन करें कि आपके पास में एक ऐसा फ्रेंड है, जो अक्सर आपके साथ प्लान बनाता है और फिर लास्ट मिनट पर कैंसल कर देता है। आप शायद इसलिए नजरअंदाज किया फील कर सकते हैं, क्योंकि आपको ऐसा नहीं लगता कि आपका फ्रेंड आपके समय का सम्मान नहीं करता है। आप ऐसा कुछ कह सकते हैं: [३३] “रिया, मैं तुमसे एक ऐसी चीज के लिए बात करना चाहता हूँ, जो मुझे काफी समय से परेशान कर रही है। हम अक्सर एक साथ हैंग आउट करने के लिए प्लान बनाते हैं और तुम उसे अक्सर आखिर में कैंसल कर देती हो। मैं इससे इसलिए फ्रस्ट्रेटेड फील करता हूँ, क्योंकि आमतौर पर मैं इतने शॉर्ट नोटिस पर कोई प्लान नहीं बनाता हूँ। तुम मेरे समय को इसलिए फॉरग्रांटेड ले रहे हो, क्योंकि तुम जब भी मुझसे बात करने का कहते हो, मैं हमेशा तुम्हारे साथ हैंग आउट करता हूँ। कभी कभी मैं सोचता हूँ कि शायद तुम इसलिए प्लान कैंसल करते हो, क्योंकि तुम असल में मेरे साथ हैंग आउट नहीं करना चाहते हो। अब अगली बार जब भी हम एक साथ प्लान बनाएँ, मैं चाहूँगा कि तुम उसे अपने प्लानर में लिख लो, ताकि उस समय पर तुम्हारे पास में और कोई काम न हो। अगर आप सच में कैंसल करना चाहते हो, तो मैं चाहूँगा कि तुम मुझे कुछ मिनट पहले कॉल करके बता दो।”
    • एक और उदाहरण: “रिया मुझे तुमसे बेबीसिटिंग के बारे में बात करना है। तुमने कुछ दिन पहले मुझ से पूछा था कि क्या मैं अगले हफ्ते तुम्हारे बच्चे की देखभाल कर सकती हूँ और मैंने इसके लिए हाँ कहा था। मैं इसलिए मानी, क्योंकि मैं तुम्हारी फ्रेंडशिप की वैल्यू करती हूँ और मैं तुम्हें बताना चाहती हूँ कि जरूरत पड़ने पर मैं तुम्हारे लिए हूँ। हालांकि, इस महीने मैंने पहले ही कई बार तुम्हारे बच्चे की देखभाल की है और अब मुझे ऐसा लगने लगा है जैसे मैं हमेशा ही तुम्हारी मदद करती हूँ। मैं चाहती हूँ कि तुम हमेशा मुझे कॉल करने की बजाय, कभी कभी दूसरे लोगों से भी इस मामले में मदद मांगो।”
  6. जरूरी है कि आप ये सुनिश्चित कर लें कि आपके शब्द और आपका बिहेवियर मैच करता है, ताकि आप कहीं सामने वाले को मिक्स्ड सिग्नल न पहुंचा दें। अगर आपको किसी रिक्वेस्ट के लिए न कहना हो या सीमा को एंफोर्स करना हो, तो असर्टिव बॉडी लेंग्वेज सामने वाले इंसान को ये समझाने में मदद कर सकता है कि आप सीरियस हैं। [३४]
    • सीधे खड़े हों और आइ कांटैक्ट करें। आप जिस इंसान से बात कर रहे हैं, उसे फेस करें।
    • एक ठोस, पोलाइट आवाज में बोलें। आपको सुने जाने के लिए चिल्लाने की जरूरत नहीं है।
    • हँसें, चीखें या फनी चेहरे न बनाएँ। भले ही ये ट्रिक्स शायद ऐसी दिख सकती हैं, जैसे आप आपके इनकार को "सॉफ्टली" पेश कर रहे हैं, ये इस तरीके से कम्युनिकेट कर सकते हैं, जैसे आप जो भी कह रहे हैं, उसका कोई मतलब नहीं है। [३५]
  7. आप जब "न" बोलें, तब उस इंसान को ये क्लियर कर दें, कि इसका मतलब न ही है। किसी भी मेनिपुलेटर या "गिल्ट ट्रिप" पर हार न मान लें। लोग शायद शुरुआत में आपकी सीमाओं को टेस्ट कर सकते हैं, खासतौर से अगर आपने पहले लगातार उनकी डिमांड को पूरा किया हो। अपनी सीमाओं को जताने के बारे में परसिस्टेंट और पोलाइट रहें। [३६]
    • आप जब अपनी बाउंड्रीज को मेंटेन करें, तब अपने एक्शन को ओवर जस्टीफई न करके एक खुद को ही सब मानने वाला इंसान न बन जाएँ। अपने खुद के नजरिए पर बहुत ज्यादा एक्स्प्लेनेशन या इनसिसटेन्स शायद एक रुड जैसा लग सकता है, फिर चाहे आपका इससे कोई मतलब न भी रहा हो। [३७]
    • जैसे, अगर एक पड़ोसी लगातार आपके पास आपके टूल्स उधार मांगने के लिए आता है, लेकिन अक्सर उन्हें वापस नहीं करता है, तो अगली बार जब वो फिर से आप से कुछ लेने आए, तब आपको उसे मना करते समय आपके पर्सनल राइट के बारे में लंबी स्पीच देने की जरूरत नहीं है। उस इंसान को पोलाइटली कहें कि आप उसे तब तक और टूल्स नहीं देंगे, जब तक कि वो पहले वाले टूल्स को वापस नहीं लौटा देता।

सलाह

  • याद रखें कि आपको उस इंसान की और आपकी खुद की जरूरतों की रिस्पेक्ट करना है। आपको किसी और को आपके लिए सपोर्ट करने के लिए उसे बुली करने की जरूरत नहीं है।
  • जब तक कि आप असल में अपने टाइम, पैसे और मेहनत को अफोर्ड नहीं कर सकते, तब तक लोगों के लिए सेक्रिफ़ाइस न करें। नहीं तो आप उन्हें उदास कर सकते हैं।
  • फ्रेंडली होने के साथ असर्टिव भी बनें; लेकिन अभी भी पोलाइट रहना न भूलें। रुड होना केवल सामने वाले इंसान को और विरोधी बना देता है।
  • यदि आप रिश्ते को खोने के डर से अन्य लोगों को वैल्यू करने के लिए मजबूर करते हैं, तो तर्कसंगत सोच और आत्म-सुखदायक आपकी बहुत मदद कर सकते हैं। रेशनल थिंकिंग आपको सामने वाले इंसान के बारे में डर से जुड़े फैसलों को करने से रोकने में मदद करता है।
  • सामने वाले इंसान से वो क्या सोचते और फील करते हैं, के बारे में पूछें। मन पढ़ने की या अंदाजा लगाने की कोशिश न करें।

चेतावनी

  • आपको जिसके वॉयलेंट होने से डर लग रहा है, उसका सामना न करें। अगर आपको उस इंसान के वॉयलेंट होकर रिएक्ट करने के बारे में कोई भी डर लग रहा है और आप उनसे दूर नहीं जा सकते हैं, तो फिर ऐसे किसी अनजान इंसान से, पुलिस से, काउन्सलर से, फैमिली या फ्रेंड्स से मदद पाने की कोशिश करें, जो इससे जुड़ा नहीं है।

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