ओव्यूलेशन (ovulation) या अण्डोत्सर्ग मादा प्रजनन चक्र (female reproductive cycle) का एक हिस्सा है | ओव्यूलेशन की प्रक्रिया के दौरान ओवरी एक अंडा या एग सेल को निकालती है जिसे फेलोपियन ट्यूब के द्वारा ग्रहण कर लिया जाता है | अब यह अंडा अगले 12-24 घंटों के दौरान निषेचित या फ़र्टिलाइज्ड होने के लिए तैयार रहता है | अगर अंडा फ़र्टिलाइज्ड हो जाता है तो यह यूटेरस या गर्भाशय में स्थापित हो जायेगा और हार्मोन निकालेगा जिससे मासिकधर्म होना रुक जायेगा | अगर उन 12-24 घंटों में अंडा फ़र्टिलाइज्ड न हो तो वह फिर फर्टिलाइजेशन के योग्य नहीं रह जायेगा और मासिकधर्म के समय गर्भाशय की परतों के साथ झड जायेगा | जानें कि आपका ओव्यूलेशन कब होगा जिससे आपको गर्भधारण की योजना बनाने या उससे बचने में मदद मिल सकती है |
चरण
विधि 1
विधि 1 का 5:
अपना बेसल बॉडी टेम्परेचर (basal body temperature or BTT) मॉनिटर करें
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एक बेसल बॉडी टेम्परेचर थर्मामीटर खरीदें: 24 घंटे की अवधि में शरीर का सबसे कम तापमान आपका बेसल बॉडी टेम्परेचर होता है | [१] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें नियमित रूप से बेसल बॉडी टेम्परेचर लेने और मॉनिटर करने के लिए आपको एक बेसल बॉडी टेम्परेचर की ज़रूरत पड़ेगी | [२] X रिसर्च सोर्स
- यह अधिकतर ड्रग स्टोर्स पर पाया जाता है और एक चार्ट के साथ आता है जिससे आपको कई महीनों तक अपने बीबीटी का पता लगाने में मदद मिलती है |
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कई महीनों तक हर दिन बेसल बॉडी टेम्परेचर लें और उसका रिकॉर्ड रखें: अपने बीबीटी का एकदम सटीक रूप से पता लगाने के लिए आपको तुरंत जागते ही, बल्कि बिस्तर छोड़ने से पहले हर दिन एक ही समय पर अपना टेम्परेचर लेने की ज़रूरत होगी | [३] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- अपने बीबीटी थर्मामीटर को अपने बिस्तर के पास ही रखें | हर सुबह जागते ही एक निश्चित समय पर सबसे पहले अपना टेम्परेचर लेने की कोशिश करें |
- बेसल बॉडी टेम्परेचर मुख द्वारा, गुदा द्वारा या फिर वेजाइना से लिया जा सकता है | आप जो भी विधि चुनें, एक समान रीडिंग के लिए लगातार उसी विधि का उपयोग करती रहें | गुदा से या वेजाइना से ली गयी रीडिंग्स अधिक सही हो सकती हैं | [४] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- बीबीटी चार्ट या एक ग्राफ पेपर पर हर सुबह लिए गये अपने टेम्परेचर को लिखें | बीबीटी ग्राफ एक पहले से बनाया गया ग्राफ होता है जिस पर आप अपना टेम्परेचर लिख सकती हैं |
- एक पैटर्न की शुरुआत को देखने के लिए आपको अपना बीबीटी कई महीनों तक हर दिन ट्रैक करने की ज़रूरत होगी |
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तापमान में लम्बे समय तक रहने वाली स्पाइक या नोंक को देखें: अधिकांश महिलाओं की बीबीटी ओव्यूलेशन के दौरान तीन दिनों में लगभग आधा डिग्री तक बढ़ जाती है | [५] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें इस प्रकार, हर महीने तापमान कब बढ़ता है, इसका पता करने के लिए अपना बीबीटी ट्रैक करें जिससे आप पहले से विचार कर लेंगे कि आपका ओव्यूलेशन कब होगा |
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ओव्यूलेशन की आशा के लिए प्रयास करें: हर सुबह कई महीनों तक अपना बीबीटी रिकॉर्ड करने के बाद, अपने ओव्यूलेशन का पता लगाने के लिए चार्ट पर नज़र डालें | जब एक बार आप पैटर्न को पहचान लेंगें कि हर महीने कब आपका बीबीटी बढ़ता है तो निम्नलिखित के द्वारा आप अपने ओव्यूलेशन की आशा कर पाएंगे:
- हर महीने तापमान में लगातार आने वाली स्पाइक को खोजें |
- संभावित ओव्यूलेशन के दिनों के रूप में इस तापमान की स्पाइक से दो से तीन दिन पहले के समय को चिन्हित करें | [६] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- अगर आपको संभावित बंध्यता या बाँझपन की समस्या होने पर यह रिकॉर्ड अपने डॉक्टर को दिखाने के काम भी आ सकता है | [७] X रिसर्च सोर्स
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विधि की सीमाओं को समझें: हालाँकि, आपका बीबीटी एक उपयोगी साधन हो सकता है, लेकिन इसकी भी सीमायें होती हैं जिनके प्रति आपको सावधान रहना चाहिए | [८] X रिसर्च सोर्स
- हो सकता है कि आप पैटर्न को पहचान न पायें | अगर आप कई महीनों के बाद भी पैटर्न को न पहचान सकें तो आपको अपने बीबीटी को मॉनिटर करने के साथ ही अन्य विधियों में संयोजन का उपयोग करने की ज़रूरत पड़ सकती है |
- बेसल बॉडी टेम्परेचर आपके बायोलॉजिकल प्रक्रिया के बदलने से बाधित हो सकता है जो रात में काम करने, बहुत ज्यादा या बहुत कम सोने, यात्रा या शराब पीने से होती है |
- बेसल बॉडी टेम्परेचर तनाव बढ़ने की अवधि से, बीमारी की अवधि से और साथ ही विशेष दवाओं और स्त्रीरोग स्थितियों से भी बढ़ सकता है |
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अपने सर्वाइकल म्यूकस की चेकिंग और परीक्षण करना शुरू करें: अपने पीरियड्स के खत्म होते ही तुरंत इसका आरंभ करें और सुबह सबसे पहले काम के रूप में सर्वाइकल म्यूकस को चेक करना शुरू करें |
- एक टॉयलेट पेपर के साफ़ टुकड़े से इसे पोंछें और अपनी अंगुली से थोडा सा पकड़कर पाए गये म्यूकस का परीक्षण करें |
- डिस्चार्ज के प्रकार और सघनता को रिकॉर्ड करें या डिस्चार्ज के अभाव हो नोट करें |
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विभिन्न प्रकार के सर्वाइकल म्यूकस में भेद करे: हार्मोन्स के स्तर में उतार-चड़ाव के कारण महिलाओं का शरीर हर महीने कई विभिन्न प्रकार के सर्वाइकल म्यूकस का उत्पादन करता है और विशेष प्रकार के म्यूकस गर्भधारण के लिए अधिक संवाहक होते हैं | यहाँ बताया गया हिया कि महीने के दौरान वेजाइनल डिस्चार्ज कैसे बदलते हैं: [९] X रिसर्च सोर्स
- मासिकधर्म के दौरान आका शरीर मासिकधर्म का रक्त डिस्चार्ज करेगा जो गर्भाशय की झड़ी हुई परतों और अनिषेचित अंडे से मिलकर बनता है |
- इस मासिकधर्म के तीन से पांच दिनों के दौरान, अधिकतर महिलाओं में कोई डिस्चार्ज नहीं होगा | हालाँकि, यह संभव नहीं है, लेकिन यह भी असंभव है कि इस स्टेज के दौरान महिला गर्भवती होगी | [१०] X रिसर्च सोर्स
- इस सूखी अवधि के बाद, आप धुंधले सर्वाइकल म्यूकस की शुरुआत होने को नोटिस करेंगे | [११] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें इस प्रकार का सर्वाइकल म्यूकस सर्वाइकल कैनाल के ऊपर प्लग बनता है जिससे गर्भाशय में बैक्टीरिया का प्रवेश रुक जाता है और इसे स्पर्म भी भेद नहीं पाते | इस अवधि में महिला का गर्भधारण करना असंभव होता है | [१२] X रिसर्च सोर्स
- इस चिपचिपे डिस्चार्ज के बाद, आप एक सफ़ेद, गहरा पीला या पीला “क्रीमी” डिस्चार्ज शुरू होते देखेंगे जो क्रीम या लोशन के समान गाढ़ा होता है | इस स्टेज के दौरान महिला अधिक फर्टाइल होती है लेकिन सर्वोच्च फर्टाइल स्थिति पर नहीं होती | [१३] X रिसर्च सोर्स
- अब आप पतला, फैलने वाला, पानी जैसा म्यूकस जो अंडे के सफ़ेद हिस्से (egg white) के समान होता है, का शुरू होना नोटिस करेंगे | यह काफी जलीय होता है और आपकी अँगुलियों के बीच कई इंच तक फ़ैल जायेगा | इस अंडे के सफ़ेद हिस्से जैसी (egg white) सर्वाइकल म्यूकस स्टेज में या इसके बाद आप ओव्युलेट करना शुरू करेंगी | यह स्टेज बहुत फर्टाइल और स्पर्म को पोषण प्रदान करने वाली होती है जिससे यह महिलाओं की सबसे फर्टाइल स्तेज बनती है | [१४] X रिसर्च सोर्स
- इस स्टेज और ओव्यूलेशन के बाद, डिस्चार्ज फिर से प्रारंभिक धुंधली और चिपचिपी सघनता में वापस आने लगेगा |
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कई महीनों तक अपने सर्विकल म्यूकस का चार्ट बनायें और उसे रिकॉर्ड करके रखें: एक नियमित पैटर्न कर पाने के पहले इसे मॉनिटर करने में कई महीने लग जायेंगे | [१५] X रिसर्च सोर्स
- कई महीनों तक निरंतर रिकॉर्ड रखते रहें | अपने चार्ट का परिक्षण करें और पैटर्न को पहचानने की कोशिश करें | “एग वाइट” सर्वाइकल म्यूकस स्टेज के अंत के ठीक पहले आप अण्डोत्सर्ग (ओव्युलेट) करती हैं |
- सर्वाइकल म्यूकस को बीबीटी के साथ पता लगाने से ओव्यूलेशन का स्टिक पता करने में मदद मिल सकती है | [१६] X रिसर्च सोर्स
विधि 3
विधि 3 का 5:
ओव्यूलेशन प्रेडिक्टर किट (ovulation predictor kits) का उपयोग करें
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एक ओव्यूलेशन प्रेडिक्टर किट (OPK) खरीदें: यह अधिकतर ड्रग स्टोर्स पर उपलब्ध होती है और इससे यूरिन टेस्ट लगाते हैं जिससे ल्युटीनाइजिंग हार्मोन (luteinising hormone-LH) के स्तर को नापा जाता है | सामान्यतः एलएच का स्तर मूत्र या यूरिन में कम होता है लेकिन ओव्यूलेशन के ठीक पहले 24-48 घंटों के लिए यह तेज़ी से बढ़ जायेगा | [१७] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- विशेषरूप से अगर आपके चक्र अनियमित हों तो आपके बेसल बॉडी टेम्परेचर या सर्वाइकल म्यूकस का पता लगाने की अपेक्षा ओपीके आपको सटीक परिणाम देने में मदद कर सकता है |
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अपने मासिकधर्म के चक्र पर ध्यान दें: सामान्यतः ओव्यूलेशन आपके मासिकधर्म के चक्र में लगभग आधे रास्ते में होता है (औसतन आपके पीरियड के लगभग 12-14 दिन पहले) | [१८] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें जब आप एग वाइट के समान जलीय डिस्चार्ज की शुरुआत होते देखेंगी तो जान जाएँगी कि आपका ओव्यूलेशन कुछ दिन ही दूर है |
- जब आप इस डिस्चार्ज का आरम्भ देखें तो ओपीके का उपयोग करना शुरू कर दें | चूँकि इस किट में केवल कुछ सीमित संख्या में टेस्टिंग स्ट्रिप्स पाई जाती हैं इसलिए यह ज़रूरी है कि पहले इस बिंदु की शुरुआत होने तक आप इंतजार करें | अन्यथा, आप वास्तविक ओव्यूलेशन की शुरुआत होने से पहले ही सारी स्ट्रिप्स को उपयोग करके खत्म कर सकती हैं |
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हर दिन अपनी यूरिन का टेस्ट करना शुरू करें: किट पर दिए गये निर्देशों का पालन करें | आपको सावधानीपूर्वक हर दिन एक ही समय पर अपने मूत्र का परीक्षण करना चाहिए | [१९] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- बहुत अधिक या बहुत कम हाइड्रेटेड होने से बचें क्योंकि इससे कृत्रिम रूप से LH का स्तर बढ़-घट सकता है |
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जानें कि आपके परिणाम का क्या मतलब है: कई ओपीके में एक यूरिन स्टिक या स्ट्रिप का उपयोग किया जाता है जो LH को नापेगी और रंगीन रेखाओं के उपयोग से आपके परिणाम का संकेत देगी |
- नियंत्रण रेखा के रंग से नज़दीक वाली रेखा बढे हुए एलएच स्तर को दर्शाती है अर्थात् आपके ओव्यूलेशन की अच्छी सम्भावना है |
- नियंत्रण रेखा के रंग की अपेक्षा हल्के रंग की रेखा का अर्थ है कि अभी आपने ओव्युलेट नहीं किया है |
- अगर आप बिना किसी सकारात्मक परिणाम के कई बार ओपीके का उपयोग कर चुकी हैं तो बाँझपन की समस्या को खोजने के परामर्श के लिए एक बंध्यता विशेषज्ञ से सलाह लेंने के बारे में विचार कर सकती हैं |
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ओपीके के उपयोग की सीमाओं को जानें: हालाँकि, यह टेस्ट सटीक होता है लेकिन अगर आप सही तरीके से टेस्ट लगाने में उचित समय नहीं लगाएंगी तो आप अपनी ओव्यूलेशन विंडो ख़राब कर सकती हैं |
- इसी कारण से, ओपीके अन्य ओव्यूलेशन पता करने वाली विधियों से साथ संयुक्त रूप से उपयोग करने पर सबसे अच्छे परिणाम देती है जैसे, बेसल बॉडी टेम्परेचर या सर्वाइकल म्यूकस का पता लगाने वाली विधियों के उपयोग के साथ, इसलिए यूरिन टेस्ट करने से पहले अच्छी तरह से विचार कर लें |
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अपने बेसल बॉडी टेम्परेचर (बीबीटी) का पता लगायें: सिम्पटोथर्मल विधि में शारीरिक बदलावों और बीबीटी दोनों के संयोजन का उपयोग करके आपके ओव्यूलेशन का पता लगाया जाता है | [२०] X रिसर्च सोर्स बीबीटी का पता करना सिम्पटोथर्मल विधि का “थर्मल” भाग है और इसके लिए ज़रूरी है कि आप हर दिन अपने बेसल बॉडी टेम्परेचर का पता लगाते रहें | [२१] X रिसर्च सोर्स
- चूँकि आपका बीबी टी ओव्यूलेशन के बाद दो से तीन दिन तक बढ़ा हुआ रहता है इसलिए आप बीबीटी की मदद से अंदाजा लगा सकती हैं कि आपके मासिकधर्म के चक्र में आपका ओव्यूलेशन कब है |
- ओव्यूलेशन के पैटर्न को स्थापित करने के लिए प्रतिदिन पता लगाने में कई महीनों का समय लगेगा |
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अपने शारीरिक लक्षणों का पता लगायें: यह सिम्पटोथर्मल विधि का “सिम्पटो” भाग है और इसमें ओव्यूलेशन का पता लगाने के लिए आपके शारीरिक लक्षणों को बारीकी से देखा जाता है | [२२] X रिसर्च सोर्स
- हर दिन, सावधानीपूर्वक अपने सर्वाइकल म्यूकस और आपके द्वारा अनुभव किये जाने वाले मासिकधर्म सम्बन्धी लक्षणों जैसे ब्रैस्ट की स्पर्शासह्यता, ऐंठन, मूड का बदलना, आदि का पता लगायें और उनका रिकॉर्ड रखें | [२३] X रिसर्च सोर्स
- आपके लक्षणों को ट्रैक करने के लिए वर्कशीट को ऑनलाइन उपलब्ध होती है जिसका प्रिंट लिया जा सकता है या फिर आप खुद भी इसे बना सकते हैं |
- इस पैटर्न को बनाने के लिए प्रतिदिन ट्रैक करने में कई महीने लग जायेंगे |
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ओव्यूलेशन का निर्धारण करने के लिए डाटा संयोजित करें: अपने ओव्यूलेशन का पता करने के लिए अपने बीबीटी और लक्षणों दोनों को ट्रैक करने से मिली जानकारी का उपयोग करें | [२४] X रिसर्च सोर्स
- आदर्श रूप से, डाटा पुष्टि करेंगे कि आपका ओव्यूलेशन कब होगा |
- अगर डाटा पर संदेह हो तो एक सही पैटर्न दिखने तक प्रत्येक की प्रतिदिन की ट्रैकिंग को जारी रखें |
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इस विधि की सीमाओं के बारे में जानें: इस विधि का सबसे अच्छा उपयोग फर्टिलिटी जागरूकता के लिए किया जाता है और इसकी कुछ विशेष सीमायें भी हैं |
- कुछ दंपत्ति इस विधि का उपयोग महिला के फर्टाइल पीरियड के समय (ओव्यूलेशन के दौरान और ओव्यूलेशन का समय आने पर) में सेक्स से बचकर प्राकृतिक गर्भनिरोधन के लिए करते हैं | हालाँकि, इस विधि का उपयोग सामान्यतः गर्भनिरोधन के लिए करने की सिफारिश नहीं की जाती क्योक्नी इसमें बहुत सावधानी, सूक्ष्मता और निरंतर रिकॉर्ड रखने की ज़रूरत होती है | [२५] X रिसर्च सोर्स
- जो लोग इस विधि का उपयोग गर्भनिरोधन के लिए करते हैं उनमे अनियोजित गर्भधारण की लगभग 10 प्रतिशत संभवना होगी | [२६] X रिसर्च सोर्स
- अगर आप उच्च तनाव, यात्रा, बीमारी, या नींद की परेशानी के समय को अनुभव करते हैं तो यह विधि समस्यात्मक हो सकती है क्योंकि इससे आपके शरीर का बेसल बॉडी टेम्परेचर कम हो जायेगा जो रात में ज्यादा काम करने और शराब पीने से भी कम होगा | [२७] X रिसर्च सोर्स
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अपने पीरियड के चक्र को जानें: इस विधि में कैलेंडर का उपयोग चक्रों के बीच के दिनों को गिनने और यह अंदाजा लगाने के लिए कि आपका फर्टाइल दिन कब होगा, किया जाता है | [२८] X रिसर्च सोर्स
- अधिकतर नियमित पीरियड वाली महिलाओं में 26-32 दिन का चक्र होता है, हालाँकि आपका चक्र 23 दिन से कम या 35 दिन से अधिक दिनों का भी हो सकता है | [२९] X रिसर्च सोर्स व्यापक रूप से संभावित चक्र की लम्बाई सामान्य होती है; पहला दिन एक पीरियड का आरम्भ होता है और आखिरी दिन अगले पीरियड की शुरुआत होती है |
- हालाँकि, याद रखें कि आपका पीरियड महीने दर महीने थोडा कम ज्यादा हो सकता है | आपका चक्र एक से दो महीनों के लिए 28 दिनों का हो सकता है और फिर अगले महीने थोडा बदल सकता है | यह सामान्य है |
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कम से कम 8 चक्रों के लिए चार्ट बनायें: एक साधारण कैलेंडर का उपयोग करके हर चक्र के पहले दिन को अंकित करें (आपके पीरियड के पहले दिन को) |
- हर चक्र के बीच के दिनों की संख्या को गिनें (गिनते समय पहले दिन को भी शामिल करें) |
- हर चक्र में दिनों की संख्या के एक रनिंग टोटल (running total) को रखें | अगर आपको पता चले कि आपके सभी चक्र 27 दिनों से कम दिन के हैं तो इस विधि का उपयोग न करें अन्यथा इससे गलत परिणाम प्राप्त होंगे | [३०] X रिसर्च सोर्स
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अपना पहला फर्टाइल दिन का अंदाज़ा लगायें: आपके द्वारा ट्रैक किये गये सभी चक्रों में से सबसे छोटे चक्र को खोजें और उन दिनों की संख्या में से 18 घटा दें | [३१] X रिसर्च सोर्स
- परिणाम में आई हुई संख्या को लिखें |
- अब, कैलेंडर में अपने वर्तमान चक्र के पहले दिन का स्थिति निर्धारण करें |
- अपने वर्तमान चक्र के पहले दिन से शुरुआत करके लिखी गयी संख्या का उपयोग उन दिनों की संख्या को आगे गिनने में करें | परिणाम में आये हुए दिन के साथ x को चिन्हित करें |
- x के साथ चिन्हित किया गया दिन आपका पहला फर्टाइल दिन है (आपका ओव्यूलेशन दिन नहीं है) | [३२] X रिसर्च सोर्स
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अपने आखिरी फर्टाइल दिन का अनुमान लगायें: आपके द्वारा चिन्हित किये गये सभी चक्रों में से सबसे लम्बे चक्र को खोजें और उन दिनों की संख्या में से 11 घटा दें | [३३] X रिसर्च सोर्स
- परिणाम में आई हुई संख्या को लिखें |
- कैलेंडर में अपने वर्तमान चक्र के पहले दिन का स्थिति निर्धारण करें |
- अपने वर्तमान चक्र के पहले दिन पर शुरुआत करें, आगे के उन दिनों की संख्या की गणना करने के लिए आपके द्वारा लिखी गयी संख्या का उपयोग करें | परिणामस्वरूप दिनों के साथ x को चिन्हित करें |
- जिस दिन को आपने x से साथ चिन्हित किया है वो आपका आखिरी फर्टाइल दिन और आपके ओव्यूलेशन का दिन होना चाहिए | [३४] X रिसर्च सोर्स
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इस विधि की सीमायें जानें: इस विधि में सावधानी और निरंतर रिकॉर्ड रखने की ज़रूरत होती है और इसमें मानवीय त्रुटि हो सकती है |
- चूँकि आपका मासिक चक्र आगे बढ़ सकता है तब इस विधि से आपके ओव्यूलेशन का समय पता करना मुश्किल हो जाता है |
- अधिक सही परिणाम पाने के लिए इस विधि का उपयोग अन्य कोई ओव्यूलेशन-ट्रैकिंग विधि के साथ करना अच्छा होता है |
- अगर आपके पीरियड्स अनियमित रहते हों तो इस विधि का सही प्रकार से उपयोग करने में थोड़ी मुश्किल होगी |
- अगर आपको पीरियड्स में अधिक तनाव, यात्रा, बीमारी, या नींद में व्यवधान अनुभव करें जो आपके बेसल बॉडी टेम्परेचर को कम कर देगा और यही स्थिति रात में काम करने या अल्कोहल पीने से भी होगी, तब यह विधि समस्यात्मक भी हो सकती है | [३५] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- गर्भनिरोधन में सफलता के लिए इस विधि के उपयोग में बहुत सावधानी, अतिसतर्कता और निरंतर रिकॉर्ड रखने की ज़रूरत होती है | और जो लोग इस विधि का उपयोग परिवार नियोजन के लिए करते हैं उनमे अनियोजित गर्भधारण की 18 प्रतिशत या उससे भी अधिक सम्भावना होती है | इसीलिए इस विधि को सामान्यतः परिवार नियोजन के रूप में उपयोग करने की सिफारिश नहीं की जाती | [३६] X रिसर्च सोर्स
सलाह
- अगर आपको विश्वास है कि कम से कम छह महीनों के ओव्यूलेशन के समय के आस-पास आपने यौनसंबंध बनाया लेकिन गर्भधारण नहीं हो पाया तो अन्य मूल्यांकन के लिए अपनी स्त्रीरोग विशेषज्ञ या प्रजनन सम्बन्धी ग्रंथिरोग विशेषज्ञ को दिखाएँ (विशेषरूप से अगर आप 35 वर्ष से अधिक आयु की हों | ऐसे कई कारण होते हैं जिनसे गर्भधारण नहीं हो पाता जैसे, फेलोपियन ट्यूब, स्पर्म, यूटेरस या अंडे की गुणवत्ता से सम्बंधित प्रजनन सम्बन्धी परेशानियाँ होना और इन सभी की पहचान डॉक्टर के द्वारा ही कराई जानी चाहिए |
- अपने मासिकधर्म के आखिरी दिन के बाद लगभग 5 से 7 दिन आपको कोई भी दर्द या परेशानी अनुभव होने का पता लगायें | अधिकतर, ओव्यूलेशन के दौरान महिलाएं पेट के एक साइड में दर्द अनुभव करती हैं इसलिए यह दर्द इस बात का चिन्ह हो सकता है कि ओव्यूलेशन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है |
- अगर आपको मासिकधर्म के समय बहुत अधिक मात्रा में रक्तस्त्राव हो तो आपको स्त्रीरोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए |
- अपने प्रजनन जीवनचक्र में किसी बिंदु पर कई महिलाएं अण्डोत्सर्ग न होना (unovulation) या ओव्यूलेशन की अनुपस्थिति अनुभव करेंगी, लेकिन चिरकारी अनओव्यूलेशन पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, एनोरेक्सिया, पोस्ट-पिल ओव्यूलेशन, पिट्यूटरी ग्लैंड कंडीशन, कम रक्तप्रवाह, उच्च तनाव, किडनी डिजीज, लीवर डिजीज और अन्य स्थितियों का चिन्ह हो सकता है | अगर आप अन ओव्यूलेशन से चिंतित हो तो स्त्रीरोग विशेषज्ञ या प्रजनन ग्रंथि रोग विशेषज्ञ को दिखाएँ | [३७] X रिसर्च सोर्स
चेतावनी
- इन विधियों की सिफारिश प्रजनन सम्बन्धी जागरूकता के लिए की जाती है, परिवार नियोजन के लिये नहीं | इनका उपयोग परिवार नियोजन के लिए करने के परिणामस्वरूप अनियोजित गर्भधारण हो सकता है |
- ये विधियाँ आपको सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज या संक्रमण से सुरक्षा प्रदान नहीं करती हैं |
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