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पेट के संक्रमण (stomach virus) या स्टमक फ्लू में गंभीरता बहुत कम पाई जाती है लेकिन कुछ दिनों तक यह आपकी हालत खराब कर सकता है | हमारा शरीर वायरस से अपने आप छुटकारा पा लेता है लें यहाँ कुछ चीज़ें बताई जा रही हैं जिनसे आप अपने शरीर को इन कीड़ों से लड़ने में सक्षम बना सकते हैं और साथ ही बेहतर फील कर सकते हैं | अधिक जानकारी के लिए आगे पढ़ते रहें | (Pet ka Infection, Pet Dard Kaise Kam Kare)

विधि 1
विधि 1 का 3:

आवश्यक देखभाल

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  1. आइस चिप्स और साफ़ तरल से खुद को हाइड्रेट करते रहें: किसी भी स्टमक फ्लू में सबसे ज्यादा रिस्क डीहाइड्रेशन (dehydration) की होती है | इसीलिए अपने शरीर से इन वायरस को बाहर निकालने के लिए जितना हो सके खुद को हाइड्रेटेड रखना जरुरी होता है |
  2. जैसे ही पेट फिर से सॉलिड फ़ूड लेने लायक हो जाए, आपको न्यूट्रीएंट्स की कमी को पूरा करने के लिए खाना शुरू करना चाहिए | हालाँकि ऐसे साइंटिफिक एविडेंस बहुत कम देखे गये हैं जो ये बताते हों कि सॉलिड फूड्स की अपेक्षा ब्लैंड फूड्स को पचाना ज्यादा आसान होता है लेकिन अधिकतर लोग मितली की कंडीशन में इन्हें लेने पर बेहतर महसूस करते हैं |
    • ट्रेडिशनली ब्लैंड डाइट BRAT डाइट होती है, जिसमें केला, चावल, एप्पल सॉस और टोस्ट शामिल होते हैं | अन्य अच्छे ऑप्शन्स हैं- बगैर बटर के बेक्ड पोटैटो, ब्रेड से बने प्रोडक्ट जैसे बगेल्स (bagels), प्रेत्ज़ेल्स (pretzels) और क्रैकर्स |
    • ऐसा आपको केवल एक या दो दिन ही करना है | ब्लैंड फूड्स खाना निश्चित रूप से कुछ न खाने से बेहतर है लेकिन अपनी रिकवरी के दौरान इन पर पूरी तरह से भरोसा करने से शरीर को पेट के इन्फेक्शन से लड़ने के लिए जरुरी न्यूट्रीएंट्स नहीं मिल पाएंगे |
  3. जितना जल्दी हो सके, अपनी नार्मल डाइट पर वापस आ जाएँ: एक या एक से ज्यादा दिन तक ब्लैंड डाइट पर रहने के बाद आपको अपने ईटिंग रूटीन में फिर से नार्मल फूड्स लेना शुरू कर देना चाहिए | ब्लैंड फूड्स पेट में अच्छी तरह से सेट हो सकते हैं लेकिन इनसे इन्फेक्शन से छुटकारा पाने के लिए जरुरी सभी न्यूट्रीएंट्स नहीं मिल पाते |
  4. पेट के वायरस काफी स्ट्रोंग होते हैं और कुछ समय तक मानव शरीर के बाहर भी सर्वाइव कर सकते हैं | बल्कि, एक बार पूरी तरह से इनसे रिकवर होने के बाद भी आप किसी अन्य व्यक्ति से इसी वायरस से संक्रमित हो सकते हैं | बार-बार इन वायरस से संक्रमित होने से बचने के लिए ध्यान रखें कि आप और आपके रहने की जगह हमेशा साफ़-सुथरी रहे |
  5. किसी भी बीमारी में आराम एक बहुत अच्छी दवा होती है | रेस्ट करने से शरीर पेट के फ्लू से लड़ने के लिए सक्षम हो जाता है |
  6. अंततः पेट के फ्लू से छुटकारा पाने के लिए आप वास्तव में अगर कुछ कर सकते हैं तो इन्हें अपना काम करने दें | जब तक ऐसी कोई कंडीशन न हो जिसमे आपका इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो तब तक आपका शरीर नेचुरली वायरस से लड़ने में सक्षम होगा |
    • इसीलिए कहा जाता है कि जरुरी देखभाल पेट के फ्लू से छुटकारा पाने का सबसे अहम हिस्सा है | यहाँ दी गयी सभी सलाह का उद्देश्य आपके शरीर को इन वायरस से लड़ने के लिए सक्षम बनाना है | अगर आप अपने शरीर की देखभाल नहीं करेंगे तो शरीर को रिकवर होने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा |
    • अगर आपके इम्यून सिस्टम में किसी प्रकार की कोई डेफिशियेंसी हो तो पहला लक्षण दिखाई देते ही डॉक्टर को कॉल करें |
विधि 2
विधि 2 का 3:

कुछ होम रेमेडीज (Pet Dard ke Liye Home Remedies)

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  1. [४] जिन्जर का इस्तेमाल ट्रेडिशनली रूप से मितली और पेट के दर्द में किया जाता है | जिंजर एल और जिंजर टी का इस्तेमाल अधिकतर पेट की गड़बड़ियों को ठीक करने में किया जाता है |
    • फ्रेश जिंजर टी बनाने के लिए आपको 250 मिलीलीटर पानी में अदरक की ½ इंच (1.25 सेंटीमीटर) की दो से चार स्लाइसेस पांच से सात मिनट तक उबालना होंगी | पीने योग्य गर्म रहने तक ठंडा होने दें और फिर सिप लें |
    • जिंजर एल (अदरक मिश्रित झागदार शराब) और हर्बल जिंजर टी स्टोर्स पर आसानी से मिल जाती है |
    • जिंजर पेय के अलावा आप जिंजर कैप्सूल और ऑयल्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं जो हेल्थ स्टोर्स या ड्रग स्टोर्स के सप्लीमेंट सेक्शन में मिल जाते हैं |
  2. पेपरमिंट में सुन्न करने के गुण पाए जाते हैं इसलिए ऐसा माना जाता है कि इससे मितली और पेट के दर्द में आराम मिल सकता है | आप पेपरमिंट को एक्सटर्नली और इंटरनली दोनों रूप में ले सकते हैं |
    • आप पेपरमिंट को एक्सटर्नली लेने के लिए पेपरमिंट टी पी सकते हैं, साफ़ पेपरमिंट लीफ चबा सकते हैं या पेपरमिंट कैप्सूल के सप्लीमेंट ले सकते हैं | हर्बल पेपरमिंट टी कई स्टोर्स पर मिल जाती है या फिर इसे 250 मिलीलीटर पानी में कुछ पत्तियां उबालकर फ्रेश भी बनाया जा सकता है |
    • पेपरमिंट से एक्सटर्नली बेनिफिट पाने के लिए, एक कपडे को थोडी पेपरमिंट टी में भिगोयें या एक ठन्डे पानी में भीगे हुए कपडे पर पेपरमिंट ऑइल की दो-तीन बूँद डालें |
  3. [५] कुछ हेल्थ फ़ूड स्टोर्स अपने सप्लीमेंट सेक्शन में एक्टिवेटिड चारकोल टेबलेट्स बेचते हैं | ऐसा माना जाता है कि एक्टिवेटिड चारकोल टोक्सिन को शरीर से बाहर निकालता है और पेट के टोक्सिंस को निष्क्रिय बनाने में मदद कर सकते हैं |
    • दुर्घटनावश ओवरडोज़ लेने से बचने के लिए एक्टिवेटिड चारकोल के लेबल पर दिए गये इंस्ट्रक्शन्स नको फॉलो करें | आमतौर पर आप एक बार में कई सारे कैप्सूल ले सकते हैं और एक दिन में कई सारे डोज़ ले सकते हैं |
  4. [६] सुनने में बहुत अजीब लगता है लेकिन नहाने के गुनगुने पानी में थोडा सा सरसों पाउडर मिलाने से थोडा आराम मिल सकता है | प्राचीन उपचारों के अनुसार, सरसों में शरीर की अशुद्धियों को बाहर निकालने की क्षमता होती है और यह साथ ही ब्लड सर्कुलेशन को भी सुधारता है |
    • अगर आपको फीवर न हो तो गर्म पानी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं लेकिन अगर आपको फीवर है तो शरीर का तापमान बढ़ने से रोकने के लिए पानी गुनगुना ही लें |
    • एक टब पानी में 2 बड़ी चम्मच (30 मिलीलीटर) पिसा सरसों पाउडर और ¼ कप (60 मिलीलीटर) बेकिंग सोडा डालें | इसे अच्छी तरह से मिलने तक हिलाएं और फिर 10 से 20 मिनट के लिए इस बाथ वाटर में खुद को भिगोये रखें |
  5. अगर पेट की मसल्स को बहुत ज्यादा काम करना पड़े तो उनमे ऐंठन शुरू हो जाती है इसलिए एक गर्म टॉवल या गर्म हीटिंग पैड को पेट पर रखने से दर्द में आराम पाया जा सकता है |
    • अगर आपको हाई फीवर है तो इसे ट्रीटमेंट को करने से बचें क्योंकि इससे टेम्परेचर और बढ़ सकता है |
    • पेट की मसल्स की ऐंठन में राहत पाकर न केवल पेट के फ्लू के लक्षण कम किये जा सकते हैं बल्कि दर्द कम होने की वज़ह से पूरे शरीर को काफी आराम भी मिल जाता है | इससे शरीर के इम्यून सिस्टम को बेहतर काम करने के लिए समय मिल जाता है और फ्लू से जल्दी राहत मिल जाती है |
  6. मितली को कम करने के लिए एक्यूप्रेशर का इस्तेमाल करें: एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर से सम्बंधित थ्योरीज के आधार पर, पेट और आंतों के दर्द और परेशानी में राहत पाने के लिए हाथ और पैरों के कुछ विशेष प्रेशर पॉइंट्स को प्रेस किया जाता है |
    • एक और तकनीक है जिसे आप आजमा सकते हैं-फूट मसाज | कोमलता से फूट को मलने से मितली में राहत पायी जा सकती है और बार-बार बाथरूम जाने की इच्छा को कम किया जा सकता है |
    • अगर पेट के फ्लू के साथ ही सिरदर्द भी हो तो अपने हाथों पर एक्यूप्रेशर का इस्तेमाल करें | एक हाथ की इंडेक्स फिंगर और अंगूठे के द्वारा दूसरे हाथ की इंडेक्स फिंगर और अंगूठे के बीच की वेबिंग को दबाएँ | इस तकनीक से सिरदर्द को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है |
विधि 3
विधि 3 का 3:

प्रोफेशनल मेडिकल ट्रीटमेंट

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  1. एंटीबायोटिक्स बक्टेरिया की स्ट्रेंस पर इफेक्टिव होती हैं लेकिन वायरस पर इनका कोई प्रभाव नहीं होता | पेट का फ्लू वायरस के इन्फेक्शन के कारण होता है जो एंटीबायोटिक्स से ठीक नहीं हो पाता |
    • यही नियम एंटी-फंगल मेडिकेशन पर भी लागू होता है |
  2. अगर गंभीर मितली 12 से 24 घंटे तक बनी रहे तो डॉक्टर तरल और थोड़ी मात्रा में फूड्स को आपके पेट में पर्याप्त रूप से सेटल करने के लिए एंटी-नौजिया मेडिकेशन के इस्तेमाल की सिफारिश कर सकते हैं |
    • ध्यान रखे, मितलीरोधी दवाएं केवल आपके लक्षणों में राहत देती हैं | ये वायरस से छुटकारा नहीं दिलातीं | चूँकि मितलीरोधी दवाओं से ज्यादा से ज्यादा फ़ूड और तरल को नीचे दबाने में मदद मिलती है इसलिए आप अपने शरीर को इन वायरस से लड़ने के लिए जरुरी न्यूट्रीएंट्स प्रोवाइड करा सकते हैं |
  3. बाज़ार में मिलने वाली एंटी-डायरियल मेडिसिन्स लेने से बचें: जब तक आपको डॉक्टर द्वारा इन्हें लेने का अप्रूवल न मिल जाएँ, इन्हें लेने से बचें | ये मेडिसिन्स काफी इफेक्टिव हो सकती हैं लेकिन यह परेशानी भी खड़ी कर सकती हैं | शुरूआती 24 घंटे और उससे ज्यादा समय तक शरीर को सिस्टम से अपने आप वायरस निकालने देना चाहिए | दुर्भाग्यवश, डायरिया और वोमिटिंग इस प्रोसेस के नेचुरल पार्ट्स हैं |
    • सिस्टम से वायरस बाहर निकल जाने के बाद डॉक्टर आपको बचे हुए लक्षणों को ठीक करने के लिए एंटी-डायरियल ड्रग्स लेने की सलाह दे सकते हैं |

सलाह

  • अगर आपको लगता हो कि स्टमक फ्लू होने वाला है तो कीड़ों के अटैक से खुद को बचाने के लिए सावधानियां अपनाएं | अपने हाथ बार-बार अच्छी तरह से धोएं और जहाँ भी साबुन और गर्म पानी उपलब्ध न हों वहां हैण्ड सेनीटाइज़र का इस्तेमाल करें | अपने घर की सरफेस को बार-बार साफ़ करते रहें, विशेषरूप से अगर घर में पहले से ही कोई व्यक्ति इस परेशानी से ग्रसित हो तो सफाई का ख़ास ख्याल रखें |
  • अगर आपके परिवार में बच्चे हों तो डॉक्टर से ऐसी वैक्सीन के बारे में पूछें जो कुछ ख़ास तरह के वायरस से सुरक्षा देती हों |
  • अगर आपको लगता है कि उलटी या दस्त होकर ही रहेंगे तो कोई बात नहीं, इन्हें हो जाने दें | आखिरकार, इससे पेट से वायरस बाहर निकालने में मदद मिल सकती है |

चेतावनी

  • पेट के फ्लू में होने वाला सबसे कॉमन कॉम्प्लकेशन डीहाइड्रेशन होता है | अगर आपको बहुत ज्यादा डीहाइड्रेशन है तो आपको हॉस्पिटल भी जाना पड़ सकता है जहाँ IV के ज़रिये आपको तरल दिया जायेगा |
  • असुविधा होने पर इसके लक्षणों को होल्ड करने या उनसे लड़ने की कोशिश न करें | ऐसा करने से फायदे की बजाय नुकसान ही होगा | इन्हें होने दें क्योंकि इससे शरीर को रिलीफ ही मिलेगा |
  • अगर आपको हाई फीवर हो या मल में पस या ब्लड दिखाई दे तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए |
  • अगर 3 माह से छोटे बच्चे को स्टमक फ्लू हो या 3 माह से बड़े बच्चे की उल्टियाँ 12 घंटे के बाद भी बंद न हो रही हों या दो दिन से ज्यादा समय से डायरिया हो रहा हो तो डॉक्टर को दिखाएँ |
  • अगर डायरिया और उल्टियाँ 48 घंटे के बाद भी न रुकें तो डॉक्टर से परामर्श लें | [७]

चीज़ें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • इलेक्ट्रोलाइट्स के साथ साफ़ तरल
  • आइस चिप्स
  • ब्लेंड फूड्स
  • नार्मल फ़ूड
  • दही
  • साबुन
  • हैण्ड सेनीटाइजर
  • अदरक
  • पेपरमिंट
  • एक्टिवेटिड चारकोल
  • सरसों दाना और बेकिंग सोडा
  • गर्म टॉवल
  • मितली-रोधी दवाएं (डॉक्टर द्वारा बताई गयी)
  • आमतौर पर बाज़ार में मिलने वाली एंटी-डायरियल मेडिकेशन (डॉक्टर द्वारा बताई गयी)

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