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बिना कंडोम का प्रयोग किए अनचाही प्रेग्नेंसी के जोखिम को कम करने के विविध तरीके उपलब्ध हैं। आप अपने फैमिली डॉक्टर से विभिन्न मेडिकल विकल्पों पर चर्चा करने के लिए मिल सकते हैं (और प्रेसक्रिप्शन प्राप्त कर सकते हैं) या आप प्राकृतिक तरीकों को चुन सकते हैं। तथापि, इस बात को ध्यान में रखें कि, गर्भ निरोध के अलावा भी कंडोम के फायदे हैं – जिसका नाम है सेक्चुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन्स (STIs) से बचाव। फिर भी, एक मात्र शत-प्रतिशत गारंटी वाला रास्ता, प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए सेक्स से बचना ही है; अन्य सभी विकल्प प्रेग्नेंसी के जोखिम को काफी हद तक कम करते हैं परंतु, वे उसे रोकने की कोई गारंटी नहीं हैं।

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बिना कंडोम के प्रेग्नेंसी रोकने के लिए मेडिकल विकल्पों का प्रयोग करना

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  1. [१] यदि आप एक ऐसी महिला हैं जो बिना कंडोम का प्रयोग किए प्रेग्नेंसी को रोकना चाहती हैं तो, हार्मोनल बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना सबसे आम विकल्पों में से एक है। ये आपके फैमिली डॉक्टर के पास उपलब्ध होते हैं; पिल्स या तो एस्ट्रोजेन (estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (progesterone) के ब्लेन्ड से या केवल प्रोजेस्टेरोन से बने होते हैं। आपको सामान्यतया प्रतिदिन एक गोली 21 दिनों तक और उसके बाद “शुगर पिल्स” 7 दिनों तक लेना होता है (जिसके दौरान आपका शरीर, माहवारी की जगह “विदड्रायल ब्लीड” का अनुभव करता है)।
    • बर्थ कंट्रोल फार्मूलेशन्स की विभिन्न किस्में उपलब्ध हैं, आप अपने फैमिली डॉक्टर से, यह निर्धारित करने के लिए कि आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प कौन सा होगा, विभिन्न उपलब्ध विकल्पों के बारे में बात कर सकती हैं।
    • बर्थ कंट्रोल पिल्स को लेने का फायदा ये है कि यह प्रेग्नेंसी को रोकने में 91% प्रभावी होती हैं (और यदि बिना कोई खुराक भूले प्रतिदिन एक ही समय पर इन्हें लिया जाए तो, ये और भी प्रभावी होती हैं)।
    • यदि आप एक पुरुष हैं और किसी महिला के साथ सहवास कर रहे हैं और नहीं चाहते हैं कि वो प्रेग्नेंट हो जाए तो, आप उससे पूछ सकते हैं कि वो बर्थ कंट्रोल पिल्स नियमित रूप से ले रही है या नहीं। तथापि, पुरुषों के लिए इस विधि में ख़ामी यह है कि वे महिला की बातों पर, इस मामले में विश्वास कर लेते हैं कि, वो पिल्स प्रतिदिन लेती है और दुर्घटनावश भी उन्हें लेना भूलती नहीं है।
  2. [२] IUD, एक छोटा, T के आकृति का डिवाइस होता है जिसे आपके योनि से होकर आपके गर्भाशय में डाला जाता है (जहां यह आगामी वर्षों के लिए स्थित रहता है और बर्थ कंट्रोल का कार्य करता है)। ये प्रेग्नेंसी रोकने में 99% से अधिक प्रभावी होते हैं।
    • उपलब्ध IUDs में ये शामिल हैं: मिरेना (Mirena), स्काइला (Skyla) और लिलेटा (Lilletta) IUDs, तथा कापर IUD।
    • मिरेना IUD हारमोन-आधारित होता है। ये ज्यादा महंगा होता है और पाँच वर्षों तक चलता है तथापि, इसका फायदा ये है कि यह माहवारी के दौरान होने वाली ऐंठन और ब्लीडिंग को भी कम करता है। स्काइला और लिलेटा IUDs भी हारमोन-आधारित होते हैं और ये तीन वर्षों तक चलते हैं।
    • कापर IUD हारमोन-आधारित नहीं होते हैं। इनकी अच्छाई ये है कि ये अपेक्षाकृत सस्ते होते हैं और 10 वर्षों तक चलते हैं तथापि, इनमें कमी ये है कि ये आपके माहवारी के दौरान होने वाली ऐंठन और ब्लीडिंग को बढ़ा सकते हैं।
    • IUD के लिए आप अपने फैमिली डॉक्टर से प्रेसक्रिप्शन प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद आपका डॉक्टर उसे आपके अंदर लगाने के लिए, जिसमें आमतौर पर दो मिनट लगते हैं, आपको अप्वाइंटमेंट दे सकती है।
    • IUD अंदर लगवाना कुछ देर के लिए दर्दनाक हो सकता है क्योंकि वह आपके गर्भाशय ग्रीवा के सँकरे द्वार से होकर गुजरता है तथापि, इसके लग जाने के बाद आपको कोई दर्द नहीं होना चाहिए।
  3. अन्य हार्मोनल बर्थ कंट्रोल विकल्पों को आज़माएँ: [३] अन्य हार्मोनल विकल्पों में वेजाइनल रिंग, डेपो-प्रोवेरा इंजेक्शन्स और गर्भ निरोधक पैचेज़ शामिल हैं। वे आपके फैमिली डॉक्टर के प्रेसक्रिप्शन के माध्यम से उपलब्ध हो जाएंगे।
    • एक वेजाइनल रिंग (जसे नुवा रिंग कहते हैं) ऐसी चीज़ है जिसे आप अपने योनि में रखवा कर एक ही बार में तीन वर्षों के लिए छोड़ देती हैं (और उसके बाद विदड्रायल ब्लीड के लिए उसे एक सप्ताह के लिए निकलवा सकती हैं)। [४] योनि में रहने के दौरान यह, हार्मोन्स (एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन का मिश्रण) रिलीज करके ओव्यूलेशन को दबा देता है। सहवास के दौरान रिंग द्वारा कोई समस्या होना बेहद दुर्लभ (rare) होता है और समान्यतया, इसकी उपस्थिति का एहसास न तो इस्तेमाल करने वाले को होता है और न ही उसके साथी को होता है। प्रारूपी (typically) रूप इस्तेमाल करने पर इसके असफलता की दर 9% होती है और उत्तम रूप से इस्तेमाल किए जाने पर 0.3% होती है। यदि आपको रिंग के बिना सहवास करना ज्यादा सुविधाजनक लगता है तो विकल्प के रूप में इसको तीन घंटे तक के लिए निकलवा सकते हैं।
    • डेपो-प्रोवेरा इंजेक्शन्स आपके फैमिली डॉक्टर द्वारा हर तीन महीने पर दिया जाएगा इसलिए, इसका फायदा ये होता है कि, जब तक आप इसे हर तीन महीने लगवाती रहेंगी, आपको नियमित रूप से बर्थ कंट्रोल पिल खाना याद रखने की (या किसी अन्य विधि को अपनाने की) कोई आवश्यकता नहीं रहेगी। [५] जो महिलाएं इस इंजेक्शन को हर तीन महीने पर लगवाती रहती हैं उनके मामले में असफलता की दर 1% से भी कम होती है। [६]
    • गर्भनिरोधक पैचेज़ आपकी त्वचा पर लगाए जाते हैं और उनका साइज़ लगभग 5 सेमी x 5 सेमी होता है। प्रत्येक पैच एक सप्ताह तक चलता है जिसके बाद उसे अवश्य ही बदल देना चाहिए इसलिए, आपको एक लाइन से तीन पैचेज़ प्रयोग करने की आवश्यकता होती है जिसके बाद, विदड्रायल ब्लीड के लिए, एक सप्ताह के लिए ऑफ रखना होता है। पैचेज़ में वही हार्मोन्स होते हैं जो बर्थ कंट्रोल पिल में होते हैं और जब ये सही ढंग से प्रयोग किए जाते हैं (और हर सप्ताह निष्ठापूर्वक बदले जाते हैं) तो असफला की दर 1% से भी कम होती है। [७]
    • इंप्लेनोन (Implanon) नामक इंप्लांट किए जा सकने वाले बर्थ कंट्रोल के बारे में पता करें। यह बर्थ कंट्रोल इंप्लांट आपकी बांह में घुसाया जाता है जो चार वर्षों तक चलता है। [८]
  4. स्पर्मीसाइड्स जेल या फ़ोम्स होते हैं जो योनि में डाले जाने पर स्पर्म के लिए जहरीले केमिकल्स का प्रयोग करके उन्हें पकड़ते हैं और फिर मार डालते हैं। इन्हें स्थानीय ड्रगस्टोर या फार्मेसी से खरीदा जा सकता है। [९] स्पर्मीसाइड्स के लिए असफलता की दर लगभग 22% होती है।
  5. बैरियर विधि जैसे कि, एक सरवाईकाल कैप या एक डायाफ़्राम, का प्रयोग करें: सरवाईकाल कैप और डायाफ़्राम, दोनों ही डिवाइसेज़ हैं जिन्हें, एक महिला अपने योनि में गर्भाशय ग्रीवा (cervix) को ढकने के लिए लगवाती है। ये, स्पर्म्स को गर्भाशय में प्रवेश करने से, ब्लाक करते हैं। सरवाईकाल कैप या डायाफ़्राम में भी समान्यतया ऐसे केमिकल्स होते हैं जो स्पर्म को मार कर प्रेग्नेंट होने के जोखिम को और भी कम कर देते हैं। [१०] कभी भी प्रेग्नेंट न हुई महिलाओं में असफलता की दर लगभग 14% होती है और पहले प्रेग्नेंट हो चुकी महिलाओं में यह दर 29% होती है।
    • आप अपने डॉक्टर के क्लीनिक में सरवाईकाल कैप या डायाफ़्राम फिट करवा सकती हैं।
  6. [११] पुरुष या महिला (या फिर दोनों) का बंध्याकरण, प्रेग्नेंसी रोकने के सबसे भरोसेमंद तरीकों में से एक है। तथापि, यह जानना बेहद महत्वपूर्ण है कि यह एक स्थायी प्रक्रिया है। जब तक आप इस बात के लिए पूर्ण रूप से निश्चय नहीं कर लेते कि भविष्य में आपको अपना स्वयं का जैविक बच्चा नहीं चाहिए तब तक आपको बंध्याकरण नहीं करवाना चाहिए।
    • एक पुरुष के लिए यह प्रक्रिया “वासेक्टमी” कहलाती है। इस प्रक्रिया में, पुरुष का “वास डिफ़ेरेन्स”, वह ट्यूब जिससे होकर स्पर्म बाहर जाता है, काट दिया जाता है। यह पुरुष द्वारा स्त्री को गर्भवती बनाने के लिए अंशदान करने की योग्यता को ही समाप्त कर देता है।
    • एक महिला के लिए यह प्रक्रिया “ट्यूबल लिगेशन” कहलाती है। स्त्री के फैलोपियन ट्यूब्स (जो अंडों को अंडाशय से गर्भाशय तक ले जाती है) पृथक कर दिये जाते हैं। यह अंडों को फर्टिलाइज होने से रोक देता है और इस तरह प्रेग्नेंसी को भी रोक देता है।
विधि 2
विधि 2 का 3:

आपकी प्रेग्नेंसी के रिस्क को घटाने के लिए प्राकृतिक विधियों का प्रयोग करना

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  1. [१२] बिना कंडोम इस्तेमाल किए, प्रेग्नेंसी की संभावनाओं को कम करने का एक रास्ता, विदड्रायल विधि है। पुरुष द्वारा स्खलन से पहले ही अपने शिश्न को बाहर निकाल लेना ताकि, स्पर्म को अवसर ही न मिले कि वह स्त्री के योनि में वह यात्रा कर सके जिससे वह प्रेग्नेंट हो जाए, इस विधि में शामिल है।
    • इस विधि में यह चुनौती होती है कि स्पर्म प्रीमेच्योरली लीक हो सकता है (स्खलन से पहले और इस तरह पुरुष द्वारा अपना शिश्न बाहर निकालने से पहले) जिसकी वजह से यह विधि प्रेग्नेंसी रोकने में मात्र 78% प्रभावी होती है।
  2. [१३] तकनीकी रूप से, महीने में कुछ ही दिन ऐसे होते हैं जब कोई स्त्री वास्तव में प्रेग्नेंट हो सकती है। अधिकांश महिलाओं में 28 दिनों का मासिक चक्र होता है जो उनके माहवारी के पहले दिन से शुरु होता है। औसतन, अंडा बनने की प्रक्रिया 14वें दिन शुरू होती है, परंतु एक महिला, ओव्यूलेशन के कई दिन पहले और बाद तक, फर्टाइल बनी रह सकती है।
    • यदि एक महिला अपने अधिकतम फर्टाइल दिनों के पहले या बाद में काफी सहवास करती है, तो उसके प्रेग्नेंट होने की संभावना काफी कम होती है।
    • कैलेंडर विधि की कमी ये होती है कि सभी महिलाओं का चक्र 28 दिनों का नहीं होता है। विभिन्न महिलाओं में थोड़ी बहुत भिन्नता होती है, यहाँ तक कि एक ही महिला का मासिक चक्र हर महीने 28 दिनों का नहीं होता है। इसी वजह से, बिना कंडोम का प्रयोग किए प्रेग्नेंसी रोकने की यह विधि, मात्र 76% ही प्रभावी होती है।
    • यदि आपका मासिक चक्र हमेशा 28 दिनों से कम या ज्यादा होता है तो, अपने चक्र के अंत से 14 दिन घटाएँ और इसे अपने अधिकतम फर्टाइल दिनों की शुरुआत मान लें। एक महिला के मासिक चक्र का दूसरा आधा भाग (ओव्यूलेशन के बाद), चक्र के पहले आधे भाग (ओव्यूलेशन से पहले) की तुलना में ज्यादा कंसिस्टेंट रहता है।
  3. अपने फर्टिलिटी को शारीरिक मार्कर्स का प्रयोग करके ट्रैक करें: [१४] अपनी फर्टिलिटी को ट्रैक करने के लिए एक रास्ता है शारीरिक मार्कर्स का प्रयोग करना जैसे कि, बेसल बॉडी टेंपरेचर नापना और/या सरवाईकाल म्यूकस डिस्चार्ज पर निगाह रखना जिससे उन विशिष्ट दिनों का पक्का पता चल सके जब महिला की फर्टिलिटी उच्चतम होती है। तब आप उन दिनों में सहवास करने से परहेज कर सकते हैं जब महिला की फर्टिलिटी उच्च स्तर पर होती है।
    • "बेसल बॉडी टेंपरेचर" विधि के अंतर्गत, एक महिला सुबह सबसे पहले और उसके बाद पूरे दिन खाना खाने से पहले अपना टेंपरेचर नापती है। ओव्यूलेशन के बाद यह 0.4-1.0 डिग्री फारेनहाइट बढ़ जाता है। इसलिए, महिलाओं को, उनके माहवारी शुरू होने के पहले दिन से लेकर उनके बेसल बॉडी टेंपरेचर के बढ़ने से तीन दिन बाद तक, कंडोम, स्पर्मीसाइड या अन्य कोई नॉन-हार्मोनल बर्थ कंट्रोल का प्रयोग करने का सुझाव दिया गया है।
    • "सरवाईकल म्यूकस" विधि के अंतर्गत, महिला को अपने सरवाईकल म्यूकस डिस्चार्ज के विशेषताओं पर निगाह रखनी होती है। मासिक चक्र शुरू होने के तुरंत बाद वस्तुतः कोई म्यूकस डिस्चार्ज नहीं होता है, उसके कुछ दिनों बाद दूधिया और चिपचिपा म्यूकस डिस्चार्ज होता है, ओव्यूलेशन के आस-पास ज्यादा मात्रा में; ज्यादा गीला और साफ म्यूकस डिस्चार्ज होता है और; उसके “फर्टाइल अवधि” के समाप्त हो जाने के बाद से लेकर अगले मासिक चक्र के शुरू होने तक म्यूकस डिस्चार्ज नहीं के बराबर होता है। इसलिए, जिन दिनों में ज्यादा मात्रा में; ज्यादा गीला और साफ म्यूकस डिस्चार्ज होता है उन दिनों में सहवास नहीं करना चाहिए क्योंकि यही वे दिन होते हैं जब महिला की फर्टिलिटी अपने उच्चतम स्तर पर होती है। [१५]
  4. इस बात को समझें कि प्राकृतिक विधियों के साथ प्रेग्नेंसी का जोखिम फिर भी रहता है: विदड्रायल विधि और कैलेंडर विधि, दोनों ही गर्भ निरोघ के मेडिकल विधियों से काफी कम प्रभावी होती हैं। यदि आप गर्भधारण से वास्तव में बचना चाहती हैं तो यह महत्वपूर्ण है कि आप इन तकनीकों पर भरोसा न करें। ऐसा क्यों है, यह नीचे बताया गया है:
    • यदि आप एक पुरुष है और गलती से किसी महिला को प्रेग्नेंट कर देते हैं तो अधिकांश जगहों पर यह 100% महिला का चयन होता है कि वह प्रेग्नेंसी जारे रखे या नहीं (या गर्भपात करवा ले)।
    • इसका मतलब ये है कि यदि आप किसी महिला को प्रेग्नेंट बनाते हैं और वह बच्चा रखना चाहती है तो उसकी सहायता करने की आर्थिक ज़िम्मेदारी आपकी होगी और हो सकता है कि आपको उसके लालन-पालन में भी सहभागिता करना पड़े।
    • पुरुष और महिला दोनों ही अनचाहे प्रेग्नेंसीज़ से प्रभावित होते हैं। ज़िम्मेदारी उठाने के लिए आपके तैयार हो पाने से पहले ही यदि किसी बच्चे के परवरिश की ज़िम्मेदारी आप पर आती है तो कैरियर, रिलेशनशिप्स या जीवन के अन्य किसी क्षेत्र से संबन्धित आपकी जो भी अन्य योजनाएँ होंगी वे सभी बहुत अधिक प्रभावित हो सकती हैं (या यह संभवतः इन सबके रास्ते में आ सकता है)।
    • यदि आप एक महिला हैं जो गलती से प्रेग्नेंट हो जाती है तो आपके लिए यह निर्णय करना चुनौतीपूर्ण होगा कि आप बच्चा रखें या नहीं या गर्भपात करवा लें, बशर्ते कि ऐसा करना आपके यहाँ लीगल हो।
विधि 3
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कंडोम प्रयोग करने के अन्य फ़ायदों को समझना

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  1. यौन संचारित संक्रमण (STI) के जोखिम को कम करने के लिए कंडोम के बारे में विचार करें: [१६] कंडोम का प्रयोग छोड़ने से पहले STI के जोखिम को कम करने और प्रेग्नेंसी को रोकने में कंडोम जो भूमिका अदा कर सकता है, उसको जान लेना महत्वपूर्ण है। भले ही आप अन्य गर्भ निरोधक डिवाइसेज जैसे कि, बर्थ कंट्रोल का हार्मोनल रूप, गर्भ निरोध की अन्य विधियाँ STI को रोकने के लिए कुछ भी नहीं करती हैं। इसलिए, जब सुरक्षित सहवास करने का मामला हो तो कंडोम का प्रयोग करने के महत्वपूर्ण फायदे हैं।
    • कंडोम्स, जननांगों से जननांगों का संपर्क घटाकर और साथ ही पुरुष के शिश्न से स्खलित तरल पदार्थ के स्त्री के योनि में प्रवेश को ब्लाक करके, STIs से आपकी सुरक्षा करते हैं। संपर्क के ये दोनों ही तरीके वो रास्ते हैं जिनके माध्यम से कोई संक्रमण, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुँच सकता है।
  2. यदि आपको अपने सेक्चुअल साथी पर पूरा भरोसा न हो तो एक कंडोम का प्रयोग करें: यदि आप लंबे समय से एक ही महिला से अपने रिलेशन के प्रति समर्पित हैं तो आपको पता चल ही जाएगा कि आपकी साथी बर्थ कंट्रोल के वैकल्पिक रूपों का, जैसे कि “गोली” लेना या IUD का प्रयोग कर रही है या नहीं, क्योंकि उसके साथ आप एक भरोसेमंद संबंध बना चुके होंगे और दोनों के लिए सर्वोत्तम भरोसेमंद गर्भ निरोधक रणनीति पर चर्चा कर चुके होंगे।
    • यदि आप एक पुरुष हैं तो सहवास के लिए एक नए महिला साथी के बारे में इस बात को लेकर आप कभी भी आश्वस्त नहीं हो सकेंगे कि वो वास्तव में “गोली” (या अन्य किसी बर्थ कंट्रोल तरीके) का प्रयोग कर रही है और वह भी भरोसेमंद तारीके से।
    • यदि कोई महिला जान-बूझ कर प्रेग्नेंट होना चाहती है तो बर्थ कंट्रोल इस्तेमाल करने के बारे में उसके द्वारा बेईमानी किया जाना संभव है।
    • उसी प्रकार, एक पुरुष भी बैइमानी से महिला को कह सकता है कि उसने वासेक्टमी करवा लिया है जबकि वास्तव में उसने यह नहीं कराया होगा। या, वह यह भी कह सकता है कि वह ठीक समय पर विदड्रा कर लेगा और उसके बाद ऐसा करने में असफल रहेगा।
    • कंडोम का प्रयोग, गर्भ निरोध का एक स्पष्ट और सीधा तरीका है जिसमें किसी पर भी भरोसे की आवश्यकता नहीं होती है।
  3. यदि कंडोम ब्रेक हो जाए या उसमें कोई खराबी आ जाए तो आकस्मिक गर्भ निरोधक लें: [१७] प्रेग्नेंसी को रोकने में कंडोम 82% तक प्रभावी होता है। [१८] तथापि, यदि सहवास करते समय आपका कंडोम ब्रेक हो जाता है तो आपके लिए किसी भी तरीके का आकस्मिक गर्भ निरोधक तुरंत लेना महत्वपूर्ण हो जाता है।
    • आप आकस्मिक गर्भ निरोधक अपने स्थानीय फार्मेसी या ड्रगस्टोर या अक्सर सुपरमार्केट से भी खरीद सकते हैं।
    • आपके पास विकल्प है एक गोली खाना (प्लान बी) या फिर कापर IUD लगवाना। प्लान बी अर्थात गोली असुरक्षित सहवास के बाद यथाशीघ्र लेने की आवश्यकता होती है (आदर्श रूप से एक दिन के अंदर, क्योंकि जितना आप देर करेंगे उतना ही उसका प्रभाव कम होता जाएगा)। तथापि, प्लान बी का प्रयोग, असुरक्षित सहवास के बाद 72 घंटों तक, किया जा सकता है। एक कापर IUD का प्रभाव असुरक्षित सहवास के बाद 5 दिनों तक रहता है।
    • अन्य विकल्पों में यूलिप्रिस्टल एसीटेट (ulipristal acetate) और कम्बाइन्ड एस्ट्रोजेन-प्रोजेस्टेरोन (estrogen-progesterone) गोली शामिल हैं। [१९] इन दोनों ही गर्भ निरोधक दवाओं के लिए डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन की आवश्यकता होती है।
  4. यदि प्रेग्नेंट होने के बारे में आप सोच भी नहीं सकती हैं तो, बैकअप सुरक्षा के तौर पर, कंडोम का प्रयोग करें: चूंकि, प्रत्येक विधि की एक असफलता दर होती इसलिए, ऐसी परिस्थितियों में जहां आप प्रेग्नेंसी बिलकुल ही नहीं चाहती हैं, एक से अधिक विधियों को मिलाकर प्रयोग करना ही बुद्धिमानी है जैसे कि, कंडोम और बर्थ कंट्रोल गोलियां दोनों ही लेना। प्रेग्नेंट होने का जोखिम उठाना और उसके बाद संभावित मुसीबतों से निबटने की तुलना में सावधान रहना ही बेहतर है।

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