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बेट्टा फिश, जिन्हें साइमीज़ फाइटिंग फिश (Siamese fighting fish) के नाम से भी पहचाना जाता है, ये बहुत खूबसूरत, एलिगेण्ट जलीय या अक्वैटिक जीव होती हैं, जो करीब छह सालों तक जीवित रह सकती हैं। फ़ीमेल आमतौर पर मेल से ज्यादा लंबे समय तक जीवित रहा करती हैं। ये बहुत साहसी पालतू जीव हैं, लेकिन इन्हें हैल्थ से जुड़ी मुश्किलें हो सकती हैं, जो कि अक्सर गंदे टैंक में रहने, पानी की कंडीशन और जरूरत से ज्यादा फीड करने की वजह से हुआ करती है।

विधि 1
विधि 1 का 6:

बीमारी के लिए तैयारी रखना (Preparing for Disease)

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  1. अक्सर पैट स्टोर्स पर बेट्टा फिश मेडिकेशन्स उपलब्ध नहीं होती हैं, जिसका मतलब आपको इन्हें ऑनलाइन ऑर्डर करने की जरूरत पड़ेगी। अगर आप आपकी बेट्टा फिश के बीमार होने के बाद ऐसा करते हैं, तो शायद काफी देर हो चुकी होगी।
    • ऑनलाइन पूरी फर्स्ट ऐड किट उपलब्ध होती है। हालांकि, आप अलग से सप्लाई ऑर्डर करके कुछ पैसे बचाने की कोशिश कर सकते हैं। बेसिक मेडिकेशन्स में: बेट्टेजिंग (Bettazing) या बेट्टमैक्स (Bettamax), केनामाइसिन (Kanamycin), टेट्रासाइक्लिन (Tetracycline), एम्पलीसिलीन (Amplicillin), जंगल फंगस एलिमिनेटर (Jungle Fungus Eliminator), Maracin 1 और Maracyn 2 के नाम शामिल हैं। [१]
  2. बेट्टा फिश की ज़्यादातर बीमारियाँ गलत तरीके से फीड करने और सफाई के प्रति लापरवाही रखने की वजह से हुआ करती है। इनके बारे में बाद में ज्यादा डिटेल में जांच की जाएगी। हालांकि, ध्यान में रखने वाली कुछ बातों में ये शामिल हैं:
    • टैंक को रेगुलरली साफ किया करें। उसे साफ रखने के लिए, टैंक में बहुत ज्यादा फिश से भीड़ मत बनाएँ, पानी में एक्वेरियम साल्ट डालें और टैंक को डिसिन्फ़ेक्ट रखें।
    • एक फिश से दूसरी फिश तक बीमारियाँ फैलने से रोकने के लिए, मरी फिश को तुरंत बाहर निकाल लें, नई फिश को टैंक में डालने के पहले दो हफ्ते तक अलग रखें और फिश को हैंडल करने के बाद अपने हाथों को धो लें। [२]
    • फिश को जरूरत से ज्यादा फीड न करें या न ही उनके फूड को टैंक में सड़ने दें। [३]
  3. बेट्टा फिश कुछ खाना चाहती है या नहीं, ये देखना आपके बेट्टा फिश के बीमार होने की पहचान करने का सबसे अच्छा तरीका होता है। अगर वो नहीं खा रही है या फिर फूड को देखकर वो एक्साइटेड नहीं हो रही है, तो इसका मतलब शायद वो बीमार है। बीमारी के दूसरे लक्षणों में कम वाइब्रेंट कलर या फिर अनजाना डिस्कलरेशन शामिल है। [४]
    • बेट्टा फिश के बीमार होने के दूसरे लक्षणों में: टैंक में मौजूद दूसरी चीजों से इस तरह से रगड़ना, जैसे वो खुद को स्क्रेच या खुजली कर रही हैं; फूली हुई, उभरी आँखें; बढ़े हुए स्केल्स (उन पर मौजूद लकीरें), जो आपकी तरफ उभरी हों; आलस और उनके फिन बाहर फैले होने की बजाय, एक-साथ इकट्ठे रहना, शामिल हैं। [५]
विधि 2
विधि 2 का 6:

खास बीमारी का इलाज करना (Treating Specific Ailments)

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  1. फिश में होने वाली ज़्यादातर बीमारियों को टैंक की पूरी सफाई और डिसिन्फ़ेक्ट करके ठीक की जा सकती हैं। इन सभी कंडीशन के साथ, सबसे पहले इस अप्रोच को ट्राय करें और फिर अगर आपको कोई भी असर नजर नहीं आ रहा है, तो फिर दवाइयों का इस्तेमाल करें।
    • लक्षणों के ऊपर नजर रखें, हो सकता है कि आपको आपकी फिश के इलाज के लिए उसे लेकर एक अक्वैटिक वेट्रनेरीयन के पास जाना पड़े।
    • बीमार फिश को तुरंत टैंक से बाहर निकाल लें।
  2. एक फिश, जिसे फंगल इन्फेक्शन हुआ होगा, वो हमेशा से ज्यादा पेल या भद्दे रंग की रहेगी, एक्टिव नहीं रहेगी और उसके फिन एक-साथ रहेंगे। ज़्यादातर के लिए उनके शरीर के ऊपर व्हाइट, कॉटन के जैसे पैच नजर आएंगे। [६]
    • टैंक को साफ करके और ताजे पानी को फंगल एलिमिनेटर से ट्रीट करके, फंगल इन्फेक्शन का इलाज करें। जब तक कि फंगस के नजर आने वाले लक्षण गायब नहीं हो जाते, तब तक तीन दिनों तक ऐसा दोहराते रहें। पानी को बेट्टेजिंग या बेट्टमैक्स से ट्रीट करके फंगस के अवशेषों को हटा दें।
    • आमतौर पर टैंक को साल्ट और एक्वारिसोल (Aquarisol) से सही तरह से ट्रीट नहीं करने की वजह से फंगल इन्फेक्शन जन्म लेता है।
    • फंगल इन्फेक्शन काफी ज्यादा संक्रामक होते हैं, इसलिए इस डिसऑर्डर को तेजी से ट्रीट किया जाना चाहिए। प्रभावित फिश को सबसे दूर कर दें। [७]
  3. इस मामले में, आपके बेट्टा फिश के फिन और/या पूंछ किनारों के साथ काले या लाल हो जाते हैं। फिन घुलते हुए और छोटे होते नजर आएंगे। आपको शायद फिन में छेद या कटना या फटना भी नजर आ सकता है। [८]
    • हर तीन दिन में एक बार टैंक की सफाई करें। पानी को ट्रीट करने के लिए उसमें या तो एम्पीसिलीन या फिर टेट्रासाइक्लिन मिला लें। तब तक के लिए दोहराएँ, जब तक कि आपकी फिश के फिन के टिशू खोने के लक्षण दिखना बंद न हो जाए। रिकवरी को थोड़ी सुविधा देने के लिए, फंगस एलिमिनेटर भी डाल दें।
    • कुछ समय के बाद पूंछ अपने आप रिपेयर हो जाएगी, लेकिन शायद वो उसकी असली चमक को हासिल नहीं करेंगे। [९]
    • अगर इलाज न किया जाए, तो ये कंडीशन इस हद तक बढ़ सकती हैं, जहां वो आपकी फिश के शरीर को खत्म करना शुरू कर देती है। आखिर में, ये जानलेवा बन जाएगी।
  4. अगर फिश का पेट बढ़ गया है, तो फिश को शायद कोई ब्लॉकेज है, जिसे तुरंत ठीक किया जाना जरूरी है। आपको शायद टैंक में गंदगी या मल की कमी भी नजर आना शुरू हो सकती है। फिश को शायद सीधे तैरने में मुश्किल हो सकती है, बजाय उसके साइड पर या उल्टा भी तैर सकती है।
    • ये ज्यादा फीड कर देने का एक लक्षण होता है। इस कंडीशन को आराम से आपके बेट्टा फिश को फीड की जाने वाली मात्रा में कमी लाकर ठीक किया जा सकता है।
  5. आपकी फिश के पूरे शरीर पर सफेद डॉट्स रहेंगे और भूख की कमी भी महसूस होगी। वो टैंक में मौजूद चीजों के साथ में खुद को स्क्रेच या खुजली करने की भी कोशिश करेगी। ये काफी संक्रामक होती है और मछलियों की मौत का सबसे आम कारण होता है। [१०]
    • खुजली का इलाज करने के लिए, आपको टैंक के टेम्परेचर को 48 घंटे के लिए 78 और 80 डिग्री फारेनहाइट के बीच में रखना होगा। पानी में फॉर्मेलिन (formalin) या मैलाकाइट (malachite) ग्रीन मिलाएं। [११]
  6. वेल्वेट वाली फिश उनके फिन को उनके शरीर के सामने रखेंगी, कलर छोड़ेंगी, दाना खाने से इनकार करेंगी और खुद को टैंक में रखे पत्थरों से स्क्रेच करेंगी। इसका इलाज किया जा सकता है, लेकिन इन्हें पहचानना मुश्किल हो सकता है। फिश को वेल्वेट होने की पुष्टि करने के लिए, उस पर फ्लैशलाइट डालें और उसकी त्वचा के ऊपर गोल्ड या पतली परत की जांच करें। [१२]
    • टैंक को साफ करके और पानी में बेट्टेजिंग मिलाकर वेल्वेट का इलाज करें।
    • अगर आप आपके टैंक को साल्ट और वॉटर कंडीशनर से सही तरीके से ट्रीट कर रहे हैं, तो उसमें वेल्वेट नजर नहीं आना चाहिए। अगर आपकी फिश को वेल्वेट होता है, तो आपको एक बार फिर से आपके टैंक का ख्याल रखने के तरीके के बारे में सोचना होगा।
  7. अगर आपकी किसी एक फिश की आँख बाहर निकली दिख रही है, तो उसे पॉप-आइ (pop-eye) हुआ है। बदकिस्मती से, पॉप-आइ किसी एक अकेली कंडीशन की वजह से नहीं हुआ करती है। कभी-कभी तो इसका इलाज किया जा सकता है, लेकिन कभी-कभी इसे ठीक किया जाना मुश्किल भी हो जाता है। [१३]
    • अगर कई सारी फिश को पॉप-आइ के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो इसके पीछे शायद पानी की कंडीशन का सारा दोष हो सकता है। पानी को चेक करें और 4 से 5 दिनों तक डेली 30% पानी बदलते रहें।
    • अगर किसी एक फिश को पॉप-आइ है, तो ये शायद एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो सकता है। फिश को निकालकर एक दूसरे टैंक में रख दें और उसे तब तक Maracyn या Maracyn II से ट्रीट करें, जब तक कि इम्प्रूव्मेंट के लक्षण दिखना शुरू नहीं हो जाते।
    • कभी-कभी, पॉप-आइ किसी सीरियस, ट्रीट नहीं होने वाली मेडिकल कंडीशन की वजह से हुआ करती है। अगर आपकी फिश किसी भी ट्रीटमेंट के लिए रिस्पोंड नहीं कर रही है, तो मुमकिन है कि उसके लिए कुछ भी नहीं किया जा सकता है। [१४]
  8. ड्रॉप्सी के मामले में, आपकी फिश का पेट फूलना शुरू हो जाएगा। जब ये फूलेगा, तब इसकी वजह से उसके स्केल्स बाहर की ओर, एक पाइनकोन की तरह प्रोजेक्ट करते हुए नजर आएंगे। ये कोई खास बीमारी नहीं है, लेकिन एक लक्षण है कि आपकी फिश अब लिक्विड को जरा भी रेगुलेट नहीं कर सकती है। ये घातक होगी। [१५]
    • अगर जल्दी पकड़ में आ जाए, तो ड्रॉप्सी को एक्वेरियम साल्ट बाथ और दवाइयों से ठीक किया जा सकता है। हालांकि, ये देखना मुश्किल होता है कि किस तरह की दवाइयों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए (गलत दवाई से मामला और भी बदतर बन सकता है), तो ये बहुत मुश्किल हो सकता है। इस मामले में वैट आपकी मदद कर सकते हैं। अगर बेट्टा खासतौर से प्रभावित है, तो फिर उसे नरमी के साथ मार देना ही एक विकल्प होता है।
    • ड्रॉप्सी संक्रामक नहीं होती, लेकिन ये इस बात की ओर एक इशारा हो सकती है कि आपके पानी के पैरामीटर ठीक नहीं हैं। उन्हें चेक करें और आपके टैंक के पानी को बदलने के बारे में सोचें। [१६]
  9. एक अक्वैटिक वेट्रनेरीयन स्पेशलिस्ट से कंसल्ट करें: एक अक्वैटिक वेट्रनेरीयन फिश का इलाज करने में खास होते हैं। ऐसे कुछ कॉमन वैट्स हैं, जो कैट, डॉग्ज और दूसरे घरेलू पालतू जानवरों का इलाज करते हैं। आपके आसपास मौजूद वेट्रनेरीयन स्पेशलिस्ट के बारे में सर्च कर लें।
विधि 3
विधि 3 का 6:

एक्वेरियम की कंडीशन को बदलना

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  1. एक अकेली बेट्टा फिश के लिए कम से कम 9.5 लीटर बड़े टैंक का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। अगर आपके पास में एक से ज्यादा फिश हैं, तो फिर आपको सारी फिश को रखने के लिए एक बड़े टैंक की जरूरत पड़ेगी। [१७]
    • अगर आपके पास में एक बड़ा टैंक है, तो फिर आपको बार-बार पानी बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। टॉक्सिन एक छोटे टैंक में बहुत तेजी से और ज्यादा कोन्संट्रेशन में जम जाते हैं।
  2. सही pH बैलेंस का होना अमोनिया, नाइट्राइट और नाइट्रेट के लेवल को रोकने में मदद करेगा, जो आपकी बेट्टा फिश को हेल्दी रखेगा। pH 7 आइडियल होता है। [१८]
    • पानी को डिक्लोरीनेटर (dechlorinator) से ट्रीट करें। इसे पानी में डालने के लिए मैन्युफ़ेक्चरर के इन्सट्रक्शन को फॉलो करें।
    • एक टेस्ट किट का इस्तेमाल करके टैंक के पानी में अमोनिया की जांच करें। आप पानी की जांच करने के लिए या तो डिप-स्टिक यूज करेंगे या फिर पानी के सैंपल को इकट्ठा करेंगे। अब क्योंकि आपने अभी डिक्लोरीनेटर का इस्तेमाल किया है, इसलिए आपके अमोनिया लेवल को 0 रीड होना चाहिए। जब तक कि आपको अमोनिया लेवल्स दिखना शुरू नहीं हो जाते, तब तक हर दिन में एक बार अमोनिया लेवल को मापें। ऐसा करके आपको इस बात का पता चल जाएगा कि आप कितने समय तक टैंक के पानी को बदले बिना रह सकते हैं। [१९]
  3. हफ्ते में दो बार, आपको आपके टैंक के पानी में अमोनिया, नाइट्रेट और नाइट्राइल के खतरनाक लेवल के नहीं जम रहे होने की पुष्टि करने के लिए, टैंक के पानी को बदलना चाहिए। आप चाहें तो डिस्टिल्ड, बॉटल वाले या टैप वाले पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन हर तरह के पानी में न्यूट्रीएंट्स के सही बैलेंस को बनाए रखने की पुष्टि करने के लिए, टैंक में जाने से पहले ट्रीट किया जाना चाहिए। [२०]
    • हफ्ते में दो बार टैंक के 25%-50% पानी को बदल दें। इसका मतलब आप 25% नया पानी एड कर सकते हैं और बाकी के 75% पुराने पानी को (या फिर 50% नए और 50% पुराने पानी को) छोड़ सकते हैं।
    • पानी में pH लेवल को एडजस्ट करने के लिए, अक्वैटिक वॉटर कंडीशनर का इस्तेमाल करें, जो ज़्यादातर पैट स्टोर पर Rs.400-Rs.700 तक में मिल जाता है। उन्हें मैन्युफ़ेक्चरर के इन्सट्रक्शन के अनुसार इस्तेमाल करें।
    • करीब 4 लीटर पानी में 1 चम्मच एक्वेरियम साल्ट और 1 बूंद एक्वारिसोल जैसे किसी फंगस को रोकने वाली दवाई का इस्तेमाल करें। एक्वेरियम साल्ट की जगह पर टेबल साल्ट का इस्तेमाल न करें। टेबल साल्ट में आयोडिन और कैल्शियम सिलिकेट जैसे कई तरह के एडिटिव्स हो सकते हैं, जो फिश के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं।
  4. अपने टैंक को साइकिल करने का मतलब आप टैंक में अच्छे बैक्टीरिया जमा करते हैं, ताकि आपकी फिश उसमें अच्छे से रह सके। ये बैक्टीरिया फिश वेस्ट को नाइट्राइल में और फिर नाइट्रेट में ब्रेक करके, अमोनिया लेवल को बनाए रखने में मदद करेगा। टैंक को साइकिल करने के लिए, पहले बिना फिश के, फ्रेश पानी के साथ शुरुआत करें। [२१]
    • नाइट्रेट में अच्छे बैक्टीरिया जनरेट करने की प्रोसेस स्टार्ट करने के लिए एक अमोनिया सोर्स एड करें। आप चाहें तो पानी में फिश फूड या अमोनिया सलुशन एड कर सकते हैं। पानी में अमोनिया, नाइट्राइट और नाइट्राइल लेवल को टेस्ट करने के लिए एक टेस्ट किट का इस्तेमाल करें। आपके अमोनिया लेवल को शुरुआत में 0 रीड होना चाहिए।
    • पानी को हर रोज टेस्ट करें और अमोनिया लेवल धीरे-धीरे बढ़ना शुरू कर देगा। जैसे ही नाइट्राइट लेवल दिखना शुरू हो जाता है, अमोनिया लेवल फिर ड्रॉप हो जाएगा। फिर नाइट्राइट लेवल गिरते जाएगा और नाइट्रेट लेवल बढ़ना शुरू कर देगा।
    • अमोनिया लेवल को जनरेट होते देने के लिए हर रोज थोड़े फिश फूड एड करते रहें, जो बाद में नाइट्राइट और नाइट्राइल लेवल को जनरेट करता है।
    • धैर्य रखें। टैंक को सही तरीके से साइकिल करके टैंक में सही लेवल लाने में तकरीबन 4-6 हफ्तों का समय लग सकता है। बेहतर हुई पानी की क्वालिटी फिश को हेल्दी रखेगी और लंबी उम्र देने में मदद करेगी।
  5. टैंक के टेम्परेचर को 75 और 79 डिग्री फारेनहाइट के बीच में रहना चाहिए। टेम्परेचर को एक-बराबर बनाए रखने के लिए एक 25 वॉट के हीटर का इस्तेमाल करें। ये हीटर आपके लोकल पैट स्टोर में या ऑनलाइन Rs.700-1000 के बीच में उपलब्ध होता है। [२२]
    • थर्मामीटर को टैंक में रखें और टेम्परेचर के हमेशा एक-बराबर रहने की पुष्टि करने के लिए लगातार उसे चेक करते रहें।
    • टैंक को कमरे के गरम एरिया में रखें। टैंक के अंदर हमेशा एक-बराबर टेम्परेचर मेंटेन रखना चाहिए। इसे खिड़की के करीब रखने की वजह से उसके टेम्परेचर के ठंडे होने का रिस्क रहेगा, जो आपके बेट्टा फिश को नुकसान पहुंचा सकता है।
  6. पानी की अशुद्धियों को साफ करने में मदद के लिए टैंक में एक फिल्टर रखें। फिल्टर की वजह से पानी में बहुत ज्यादा हलचल नहीं होना चाहिए, क्योंकि बेट्टा को पानी की ज्यादा हलचल पसंद नहीं होती। फिल्टर्स एक पैट स्टोर पर टैंक के साइज के अनुसार, Rs.2,000-Rs.10,000 तक में मिल जाते हैं। [२३]
    • अगर आप एक फिल्टर नहीं लेना चाहते हैं, तो फिर एक एयर स्टोन लेकर देखें, जो एक छोटे पम्प से कनैक्ट होता है। एयर स्टोन आपके पैट स्टोर पर Rs.350-Rs.700 के बीच में मिल जाते हैं।
    • एक ऐसा फिल्टर खरीदें, जिसका साइज आपके टैंक के हिसाब से ठीक हो।
  7. एक्वेरियम साल्ट भाप बने समुद्री पानी से निकला होता है और उसे पानी में नाइट्राइट बढ़ाने और हेल्दी गिल (gill) फंक्शन प्रमोट करने के लिए फिश टैंक में इस्तेमाल किया जा सकता है। ये इलेक्ट्रोलाइट्स को भी बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, जो फिश की ओवरऑल हैल्थ को बेहतर बना सकता है। [२४]
    • हर 18 लीटर पानी के लिए 1 चम्मच एक्वेरियम साल्ट का इस्तेमाल करें।
    • नए फिश टैंक में, जब आप पानी बदल रहे हों और जब आप फिश की हैल्थ के बारे में पता करने की कोशिश कर रहे हों, तब उसमें एक्वेरियम साल्ट डालें।
    • एक्वेरियम साल्ट की जगह पर टेबल साल्ट का इस्तेमाल न करें। टेबल साल्ट में आयोडिन और कैल्शियम सिलिकेट जैसे कई तरह के एडिटिव्स हो सकते हैं, जो फिश के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं।
विधि 4
विधि 4 का 6:

टैंक को डिसिन्फ़ेक्टेंट करना (Disinfecting the Tank)

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  1. अगर आपकी फिश को अलग रखे जाने की जरूरत है, तो फिर आपको किसी भी हैल्थ प्रॉब्लम को किसी दूसरी फिश तक पहुँचने से रोकने के लिए टैंक को भी डिसिन्फ़ेक्टेंट करने की जरूरत होगी। आप आपकी फिश को वापस टैंक में डालने से पहले भी आपके टैंक को डिसिन्फ़ेक्टेंट कर सकते हैं। [२५] पानी को बाहर निकाल दें और टैंक से सभी चीजों को बाहर निकाल दें।
  2. इन्हें डिसिन्फ़ेक्ट नहीं किया जा सकता है, इसलिए अगर आप लाइव प्लांट्स का यूज करते हैं, तो फिर नए प्लांट्स के साथ शुरुआत करें या फिर स्टोर से लाए नकली प्लांट्स का इस्तेमाल करें।
  3. अगर आपके टैंक में नीचे नेचुरल ग्रेवल रखे हैं, तो उन सभी को निकाल लें और उन्हें एक कुकी शीट पर रखकर, एक घंटे के लिए 450 °F (232 °C) पर बेक करें। ग्रेवल को पूरी तरह से ठंडा हो जाने दें। अगर ग्रेवल किसी तरह के मटेरियल से कोटेड हैं, तो उन्हें बेक मत करें, क्योंकि ऐसा करने से वो पिघल जाएँगे। इस मामले में, पत्थरों को फेंकना और फिर नए पत्थरों के साथ में शुरुआत करना ही सबसे सही रहता है। [२६]
  4. 1 भाग ब्लीच और 9 भाग टैप वॉटर का इस्तेमाल करें और उसे एक साफ स्प्रे बॉटल में रख दें। बिना किसी एडेड डिटर्जेंट के रेगुलर घरेलू ब्लीच का इस्तेमाल करें। फिश के टैंक में होने पर कभी भी ब्लीच का इस्तेमाल न करें, क्योंकि ऐसा करने से फिश मर जाएगी।
    • आपके ब्लीच सलुशन को टैंक के अंदर स्प्रे करें। उसे 10-15 मिनट के लिए लगा रहने दें।
  5. आपको ब्लीच के सभी अवशेष को धोकर टैंक से बाहर निकालने की पुष्टि करना होगी, ताकि इसकी वजह से आप जब बाद में उसमें फिश डालेंगे, तब पानी में संक्रमण न फैले। टैंक को कई बार धोएँ, और फिर एक बार फिर से पानी से धो लें। पेपर टॉवल से टैंक को पोंछकर सुखा लें।
  6. एक बाल्टी में या बाउल में रखे ब्लीच सलुशन में बाकी के दूसरे टैंक आइटम (फिल्टर, प्लास्टिक प्लांट्स बगैरह) को भी रखें: उन्हें 10 मिनट के लिए उसी में रहने दें और फिर उन्हें वापस रखने से पहले कई बार धो लें।
विधि 5
विधि 5 का 6:

फीड करने या खाना देने की आदतों को बदलना

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  1. ऐसे पैलेट्स (दाने) खरीद लें, जिन्हें फिशमील या श्रिंप मील से बनाया गया हो। [२७] हफ्ते में एक बार ब्लांच किए मटर के एक दाने या फिर उसके साथ में पंख वाली फ्रूट फ्लाई डालकर कभी-कभी सप्लिमेंट दें। [२८]
  2. एक बेट्टा के पेट का साइज लगभग उसके आइबॉल के साइज के बराबर होता है, इसलिए उसे दिन में दो बार इससे ज्यादा मात्रा से मत खिलाएँ। ये एक बार फीड करने पर तकरीबन 2 या 3 पेलेट के बराबर होता है।
    • दाना खिलाने से पहले, उसको 10 मिनट के लिए सोखने दें। ये उसे आपके फिश के पेट के अंदर फूलने से रोकने में मदद करेगा। [२९]
    • अगर आपके फिश का पेट गोल हो रहा है, तो आप शायद बहुत ज्यादा फीड कर रहे हैं। अगर उसका पेट थोड़ा अंदर की तरफ घुसा दिखता है, तो आप शायद उसे जरूरत के अनुसार भरपूर फीड नहीं कर रहे हैं। [३०]
  3. बचा हुआ, बिना खाया फूड पानी में टॉक्सिक या जहरीला बन जाता है, जो बैक्टीरिया और अमोनिया के लेवल की ग्रोथ को बढ़ावा देता है। टैंक में बैक्टीरिया फिर आपकी फिश को अटेक करना शुरू कर देगा।
  4. आपकी फिश को हफ्ते में एक बार फास्ट पर या बिना खाने के रखें: अगर आपकी फिश को फूड डाइजेस्ट करने में मुश्किल हो रही है या फिर उसे कब्ज हुआ नजर आ रहा है, तो फिर आप उसे हफ्ते में एक बार कुछ नहीं फीड करके उसे आराम दे सकते हैं। ये फिश को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा और आपकी फिश को उसके सिस्टम में पहले से मौजूद फूड को डाइजेस्ट करने का मौका मिल जाएगा। [३१]
विधि 6
विधि 6 का 6:

दवाइयों के जरिए आपकी बेट्टा फिश का इलाज करना

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  1. अगर आपकी फिश को फैलने वाली कोई बीमारी हुई है, तो उसे टैंक से निकाल देना चाहिए, ताकि उसकी बीमारी दूसरी फिश को असर न डाल सके। फ्रेश, कंडीशन किए पानी को टैंक में डालकर आपकी फिश के लिए टैंक को तैयार रखें। आपकी फिश को ओरिजिनल टैंक से निकाल लें और उसे नए टैंक में रख दें।
    • अगर आपकी फिश को किसी नई फिश या उसके टैंक के एनवायरनमेंट में आए बदलाव की वजह से स्ट्रेस महसूस कर रही है, तो आप आप देखेंगे कि उसे निकालने के बाद वो बेहतर महसूस करेगी।
  2. आपकी फिश को हैंडल करने के बाद, डिसिन्फ़ेक्ट कर दें: फिश को होने वाली ज़्यादातर बीमारी बहुत ज्यादा संक्रामक होती हैं। फिश या पानी को छूने वाली हर एक चीज, जिसमें हाथ, फिशनेट, एक चम्मच भी शामिल है, सभी को किसी दूसरी फिश के कांटैक्ट में आने के पहले डिसिन्फ़ेक्ट करने की जरूरत पड़ेगी। [३२]
    • बाकी के दूसरे उन आइटम्स को भी डिसिन्फ़ेक्ट कर दें, जो फिश के या फिर 1 भाग ब्लीच और 9 भाग पानी से बने ब्लीच सलुशन से भरे टैंक के पानी के संपर्क में आया हो। आइटम्स को 10 मिनट के लिए ब्लीच सलुशन में सोखें और उसे अच्छी तरह से धो लें। और भी ज्यादा सावधानी के लिए एक बार फिर से धो लें। टैंक में उस समय कभी भी ब्लीच न डालें, जब उसमें फिश मौजूद हों, क्योंकि इसकी वजह से फिश मर सकती है।
  3. एक बार जब आप अपनी मछली की बीमारी की पहचान कर लेते हैं, उसके बाद आप उसे फिश वाली कॉमन दवाइयाँ दे सकते हैं। [३३] खासतौर से बीमारी के लिए बनी दवाइयों का इस्तेमाल करें और मैन्युफ़ेक्चरर के इन्सट्रक्शन को फॉलो करें।
    • अपनी फिश को, मेडिसिन के मैन्युफ़ेक्चरर के द्वारा रिकमेंड किए इन्सट्रक्शन के मुताबिक ही दवाई का पूरा कोर्स दें।
    • आपकी फिश को दवाई देते समय सही जजमेंट का इस्तेमाल करें। एक सही दवाई की तलाश में कई दवाइयों को इस्तेमाल करके न देखें। अगर आपको कन्फ़्यूजन है, तो फिर एक अक्वैटिक वेट्रनेरीयन से मिलने के बारे में सोच लेना चाहिए।

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नियोन टेट्रा फिश को ब्रीड करें (Breed Neon Tetras)
  1. http://www.peteducation.com/article.cfm?c=16+2160&aid=2421
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  3. http://www.bettatalk.com/betta_diseases.htm
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  8. http://nippyfish.net/bettas-101/choosing-a-tank/
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  13. http://japanesefightingfish.org/how-long-do-betta-fish-live/
  14. http://www.myaquariumclub.com/my-betta-is-laying-on-the-bottom-of-the-bowl-wont-move-eat-or-come-up-for-air-3041817.html
  15. http://www.apifishcare.com/product.php?id=628#.VH_b08kxFdM
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  18. http://nippyfish.net/sick-betta/bloating-and-constipation/
  19. http://japanesefightingfish.org/how-long-do-betta-fish-live/
  20. http://nippyfish.net/sick-betta/bloating-and-constipation/
  21. http://www.bettatalk.com/food.htm
  22. http://nippyfish.net/sick-betta/bloating-and-constipation/
  23. http://www.bettatalk.com/betta_diseases.htm
  24. http://nippyfish.net/2011/07/21/10-tips-for-medicating-betta-fish/

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