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खरगोश से जुड़ा एक कड़वा सच यह है कि उसकी उम्र पता लगाने का कोई आसान तरीका नहीं है। किसी भी खरगोश की सही उम्र या जन्मदिन पता लगाना तो मानो जैसे नामुमकिन ही है। परन्तु कुछ ऐसी बातें है जिनकी मदद से आप यह पता कर सकते हैं कि खरगोश छोटा है (जन्म से लेकर किशोरावस्था के बीच), जवान है या फिर बूढ़ा है। इतना ही नहीं, एक पक्की छानबीन की मदद से आप यह भी अंदाज़ा लगा सकते हैं कि खरगोश बहुत छोटा है, अपनी किशोरावस्था में है या फिर जवान है। लेकिन खरगोश की उम्र के बारे में इससे ज़्यादा नहीं पता लगाया जा सकता।

विधि 1
विधि 1 का 3:

खरगोश की सामान्य उम्र पता लगाना

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  1. खरगोश की उम्र का अंदाजा लगाने के लिए सामान्य आयु श्रेणियों का प्रयोग करें। यह एक अच्छी और सही शुरुआत होगी। एक छोटे खरगोश की उम्र 9 महीने तक की होती है। [१] एक युवा खरगोश की उम्र तक़रीबन 9 महीने से 4-5 साल के बीच होती है। और एक बूढ़े खरगोश की उम्र 4-5 साल से ज़्यादा होती है।
    • कुछ खरगोश लगभग 10-12 साल की उम्र तक जीवित रहते है।
  2. ऐसा मत सोचिएगा कि उम्र का पता लगाना आसान होगा। दरअसल खरगोश के शरीर में कुछ खास विशेषताएं या निशान नहीं होते जो उम्र के साथ बदलते है, और इसी वजह से उनकी उम्र पता लगाना मुश्किल है। अन्य जानवरो की तरह खरगोश के शरीर में उम्र के साथ ज़्यादा बदलाव नहीं आता है। इसका मतलब है कि अपने यौवन और बुढ़ापे में खरगोश एक जैसा ही दिखता है।
    • देखा जाए तो घोड़ो में इसका बिलकुल उल्टा देखने को मिलता है। घोड़ो के दांतों की जाँच करने से उनके सही उम्र का पता लगाया जा सकता है क्योंकि उनके दांतों में प्रत्येक निशान होते है जो कि उम्र के साथ बदलते रहते है। लेकिन खरगोश के दांतों में अगर ऐसे निशान होते तो भी उनकी जांच करना बहुत मुश्किल होता। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके चबाने के दांत मुंह के अंदर के हिस्से में होते है जिन्हें देखने के लिए विशेष उपकरणों की जरूरत पड़ेगी।
  3. खरगोश के रूप-रंग और व्यव्हार की जांच करें। खरगोश की उम्र पता करने के लिए आपको उसके गुण और विशेषताओं की एक पूरी लिस्ट तैयार करनी पड़ेगी। आपको जिन बातों पर ध्यान देना वह कुछ इस प्रकार है:  :
    • फुर्ती: क्या आपका खरगोश हमेशा बड़ी चंचलता के साथ पेश आता है या फिर सिर्फ सोना और खाना पसंद करता है? क्या उसकी चाल में सरलता और सुंदरता झलकती है या फिर दर्द और रूखापन?
    • रूप-रंग: क्या उस खरगोश के फर नरम और घने है या बहुत ही कठोर?
    • शारीरिक चोटें: क्या आपके खरगोश के पैरों के नीचे कोई घाव है?
विधि 2
विधि 2 का 3:

पता लगाना कि आपका खरगोश बहुत छोटा है या अपनी किशोरावस्था में है

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  1. पता करें कि वह खरगोश एक छोटा सा बच्चा तो नहीं। क्या वह बड़ा हो रहा है और अपना ज़्यादातर समय अपनी माँ के साथ बिताता है? खरगोश अंधे और बहरे पैदा होते हैं। वह बहुत ही छोटे होते हैं और उनकी माँ उन्हें हर 24 घंटों में एक या दो बार दूध पिलाती है। दूध पिलाने का काम वह ज़्यादार रात को करती है। [२]
    • 6-8 दिनों के बाद उनके आँख और कान खुलने लगते हैं और उनके शरीर पर पतले से फर निकलने लगते है। जब तक वह 2 हफ्ते के होते हैं, उनके फर पूरी तरह से उग जाते है।
    • जब खरगोश 2 हफ्ते के हो जाते हैं, वह घास कतरने लगते हैं। 3 हफ्ते पुरे होते-होते वह अपने घोसले से बाहर निकल कर घूमने लगते हैं और आवाज़ों का समझने लगते हैं।
    • जब खरगोश लगभग 4-5 हफ्तों के हो जाते हैं तो वह धीरे-धीरे माँ का दूध पीना कम कर देते हैं और घास जैसी चीज़े ज़्यादा खाने लगते हैं। इसी के साथ उनका शारीरिक विकास भी हो जाता है और वह बिलकुल एक जवान खरगोश की तरह दिखने लगते हैं। जब तक वह 8 हफ्तों के होते हैं, वह पूरी तरह से माँ का दूध पीना बंद कर देते हैं।
  2. जानिए कि आपका खरगोश पूर्ण रूप से विकसित हुआ है या नहीं। यह जानने के लिए आपको यह पता लगाना पड़ेगा कि जिस नसल का खरगोश आपके पास है, वह पूरी तरह विकसित होने पर कैसे दिखता है। अगर आपको नहीं पता कि आपके पास जो खरगोश है वह पूरी तरह से विकसित हो चुका है या फीर अभी भी बड़ा हो ही रहा है, तो फिर यह जानने के लिए आप उसकी तस्वीर हर हफ्ते खीचिए और फिर उनकी तुलना कीजिए।
    • अगर ज़रुरत पड़े तो तुलना करने के लिए हर हफ्ते एक ही चीज़ को अपने तस्वीर में शामिल करें।
    • नसल के आधार पर, खरगोश का विकास 6-9 महीनों तक होता है।( बड़े नस्लों के खरगोश के बढ़ने की अंतिम सीमा)
  3. खरगोश के प्रजनन व्यवहार को जांचे। खरगोश के किशोरावस्था की शुरुआत तब होती है जब वह प्रजनन हार्मोन पैदा करने लगता है। यह ज़्यादातर तब होता है जब वह 4 महीने का हो जाता है। 4-5 महीने की उम्र के दौरान, खरगोश दूसरे लिंग के खरगोश में रूचि दिखाने लगता है। [३]
    • किशोरावस्था के दौरान खरगोश बहुत ही जिज्ञासु होते हैं और उन्हें अपने आस-पास की चीज़ो और पर्यावरण की जांच करने में बड़ा मज़ा आता हैं। जब उन्हें अपने लिंग के खरगोश मिलते हैं तो बढ़ते हार्मोन की वजह से वह उनके साथ लड़ाई-झगड़ा करने लगते हैं। एक युवा खरगोश बहुत ही प्रतिक्रियाशील होता है और कोई खतरा महसूस होने पर, वह अपने पीछे के पैर थपथपाने लगता है। [४] हालाँकि, अगर उन्हें दुसरे लिंग के खरगोश दिख जाए तो वह संभोग करने का प्रयास कर सकते हैं।
विधि 3
विधि 3 का 3:

एक युवा और बूढ़े खरगोश के बीच का अंतर खोजना

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  1. खरगोश के उस व्यव्हार को समझिए जिससे यह पता चल सके कि वह युवा है या जवान। युवा खरगोश में संभोग के प्रति कम रूचि देखी जा सकती हैं और वह अपने पर्यावरण को लेकर ज़्यादा जिज्ञासु नहीं होते हैं। युवा खरगोश जब जगे हुए होते हैं या फिर खाना खा रहे होते हैं तो बहुत ही फुर्तीले रहते हैं। वह अपना समय सही तरीके से खाने और सोने के लिए बाँट लेते हैं । जब वह जगे होते हैं तब वह बहुत ही चौकन्ने और इंटरैक्टिव रहते हैं ।
    • बूढ़े खरगोश ज़्यादा देर तक सोते हैं और कम खाते हैं। उनके वजन कम होने और दुबले होने का खतरा बना रहता हैं। जब वह जगे हुए भी होते हैं तो अपने आस-पास चल रही बातों या पर्यावरण पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते हैं। [५]
  2. खरगोश के रूप-रंग पर ध्यान दीजिए। एक छोटा खरगोश विकसित हो ही रहा होता है, इस वजह से आप उसकी लंबाई और आकर में आ रहे बदलाव को देख सकते हैं। एक युवा खरगोश की शारीरिक शक्ति सबसे ज़्यादा होती है और उसका फर बहुत ही घना और चमकदार होता है। उसकी आंखों में चमक और चाल में सरलता भी रहती है। वह वजनदार या कभी-कभी थोड़ा सा मोटा भी होता है।
    • बूढ़े खरगोश का रूप इससे बहुत अलग होता है। क्योंकि वह खुद पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते, उनका फर उतना सुन्दर नहीं होता। उन्हें देखने और सुनने में तकलीफ होती हैं और वह एक युवा खरगोश की तरह अपने पर्यावरण की और ज़्यादा ध्यान नहीं देते हैं। उनके खुदने के अंदाज़ में सहजता नहीं बल्कि रूखापन देखने को मिलता हैं।
  3. उनके पिछले पैरों के नीचे आए घाव देखिए। [६] पैरों के नीचे आने वाली चोट और उम्र का कोई वैज्ञानिक संबंध तो नहीं है, लेकिन बहुत से खरगोश पालने वाले लोगों ने देखा है कि बूढ़े खरगोश के पिछले पैरों के नीचे घाव आ जाते हैं। इसका कारण यह है कि खरगोश का वजन उसके पिछले पैरों के नीचे मौजूद पतली चमड़ी पर पड़ता है जिसकी वजह से वहां के फर झड़ जाते है और उस जगह एक मोटी सी चमड़ी आ जाती है ।
    • पिछले पैरों के नीचे घाव आने के कही कारण हो सकते है जैसी कि खरगोश का वज़न (वज़नदार खरगोश के पिछले पैरों के नीचे घाव आने की संभावना ज़्यादा होती है), उसके बिस्तर की गहराई (बिस्तर के न होने या बहुत पतले होने से खतरा बढ़ जाता है) और उसके बिस्तर की सफाई (पेशाब से भीगे हुए बिस्तर में सोने से खरगोश के फर झड़ जाते है)।
    • युवा खरगोश को इन सभी कारणों का सामना ज़्यादातर नहीं करना पड़ता और इसी कारण उनके पिछले पैरों के नीचे घाव नहीं होते है। लेकिन एक बूढ़े खरगोश के जीवन में इन समस्याओं के होने की संभावना ज़्यादा होती है जिसकी वजह से उनके पिछले पैरों के नीचे घाव होते हैं।
  4. खरगोश के दांतों पर ध्यान दीजिए। खरगोश को किसी भी उम्र में हद से ज़्यादा लंबे हो रहे दांतों से होने वाली तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है। इस समस्या की वजह उम्र नहीं बल्कि उनका खाना और दांतों का ठीक से नहीं पीसा जाना होता है। ज़्यादातर बूढ़े खरगोश कम खाते हैं जिसकी वजह से उनके दांतों के लम्बे होने की संभावना ज़्यादा रहती है ।
    • खरगोश का अपना दांत पीसना या फिर लार बहती गीली ठुड्डी का होना हद से ज़्यादा लंबे दांत होने का लक्षण हो सकता है।

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