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जब बहुत ज्यादा म्यूकस गले के पिछले हिस्से में जमा हो जाता है और म्यूकस के गिरने की फीलिंग होती है तो उसे पोस्ट नेसल ड्रिप (नाक बहना) कहा जाता है (इसे साइनस या नाक टपकना भी कहते हैं) | इस कंडीशन में आगे चलकर लम्बे समय तक बनी रहने वाली खांसी या गले की खराश हो सकती है | पोस्ट नेसल ड्रिप के ट्रीटमेंट के लिए अत्यधिक म्यूकस के कारण पर फोकस किया जाता है जो एलर्जिक या नॉन-एलर्जिक हो सकता है | किसी डॉक्टर के पास जाकर सबसे पहले इस कंडीशन के कारण का पता लगाना बहुत जरुरी होता है जिसका इलाज करके पोस्टनेसल ड्रिप को ठीक किया जा सके | (Naak Bahna ya Naak Tapakna Kaise Theek Kare)

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपने आसपास के वातावरण से एलर्जन्स को हटायें

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  1. धूल, परागकण, पालतू जानवरों के बाल और फफूंदी जैसे एलर्जन्स से नेसल कैविटी में इर्रीटेशन हो सकता है और इससे पोस्ट नेसल ड्रिप हो सकता है |
    • पालतू जानवरों को नहलाएं जिससे उनके टूटे बाल हटाये जा सकें क्योंकि इनके कारण इर्रीटेशन होने पर पोस्ट नेसल ड्रिप हो सकता है | अगर आपको सीवियर एलर्जिक रिएक्शन और पोस्ट नेसल ड्रिप हो तो घर से पालतू जानवरों को हटाना जरुरी हो जाता है |
    • घर में से फूल वाले और बिना फूल वाले सभी प्लांट्स हटा दें |
    • इस्तेमाल न होने वाले तकियों और गद्दों को प्लास्टिक में रखें जिससे सोते समय एलर्जन्स कम से कम हों |
    • अपने लिविंग एरिया में झाड़ू, पोंछा और डस्टिंग करके साफ़ रखें |
  2. वातावरण में से इर्रिटेंट्स हटाने के लिए HEPA एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें: एयर प्यूरीफायर हवा को साफ़ करते हैं | सोते समय इन्हें चलाना न भूलें | इसके अलावा, ह्युमिडीफायर का इस्तेमाल करें जिससे हवा में नमी आ सके क्योंकि इससे नेसल कैविटी को आराम मिल सकता है | जब नसल कैविटी में इर्रीटेशन हो तो प्रतिक्रिया स्वरूप और ज्यादा म्यूकस बनता है | [१]
    • अगर आपके पास ह्युमिडीफायर नहीं है तो गर्म पानी से शॉवर लें और भाप लें |
  3. लम्बे समय से चली आ रही पोस्ट नेसल ड्रिप का मुख्य कारण कोई ऐसी फ़ूड एलर्जी हो सकता है जिसके बारे में आप न जानते हों या जो हाल ही में डेवलप हुआ हो | अगर आपको किसी चीज़ से एलर्जी हो और आपको उसके बारे में पता न हो तो एलर्जिस्ट से मिलकर चेक कराएं |
    • दो मुख्य एलर्जन्स हैं-ग्लूटेन/गेहूं और डेरी | डेरी प्रोडक्ट्स का सम्बन्ध अधिकतर साइनस, ऊपरी श्वसनतंत्र और गले की समस्याओं से होता है जबकि गेहूं का सम्बन्ध गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (खाने की नली) की प्रॉब्लम से है | [२]
    • चूँकि डेरी प्रोडक्ट को दोष दिया जाता है इसलिए एक महीने तक डेरी प्रोडक्ट्स न लें | अगर आपको लक्षणों में कोई बदलाव न दिखाई दे तो समझ जाएँ कि दारिय संभावित कारण हो सकता है | अगर आपको लक्षणों में सुधार होता दिखाई दे तो आपको पता चल जायेगा कि डेरी प्रोडक्ट्स लेने से आपकी बॉडी ज्यादा म्यूकस बनाती है लेकिन स्टडीज डेरी और म्यूकस प्रोडक्शन के बीच कोई लिंक का संकेत नहीं देती हैं | [३]
विधि 2
विधि 2 का 3:

डॉक्टर के द्वारा दिया गया ट्रीटमेंट लें

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  1. डिहाइड्रेशन के कारण रायनाइटिस (Rhinitis) और पोस्ट नेसल ड्रिप के लक्षण बढ़ सकते हैं | कैफीन और अल्कोहल से बचें क्योंकि इसके कारण डिहाइड्रेशन होता है | रायनाइटिस और पोस्ट नेसल ड्रिप होने पर हाइड्रेटेड रहने के लिए पानी एक बेहतरीन विकल्प है | [४]
    • आप दिनभर में पर्याप्त पानी पीते हैं या नहीं, इसका पता लगाने के लिए अपनी यूरिन का रंग देखें | अगर आपकी यूरिन पीली है तो संभवतः आप पर्याप्त पानी नहीं पी रहे हैं | अगर यूरिन क्लियर है लेकिन थोडा सा पीलापन है तो इसका मतलब है कि आप पर्याप्त पानी पीते हैं |
    • पानी जैसे गर्म तरल पीने से विशेषरूप से पोस्ट नेसल ड्रिप में फायदा मिलता है |
  2. नेसल कैविटी से अतिरिक्त म्यूकस निकालने के लिए बार-बार नाक साफ़ करें: नाक साफ़ करने से वो इर्रीटेंट्स निकल जाते हैं जिनके कारण म्यूकस बनता है | अगर नाक साफ़ करने के बाद भी म्यूकस न निकले तो कुछ लोग नाक से शब्द निकालते (snorting) है जिससे अतिरिक्त म्यूकस गले में पिछले हिस्से में आ जाता है और सांस की बदबू और मुंह सूखने से बच जाते हैं |
  3. इर्रीटेंट्स के कारण बनने वाले म्यूकस को हटाने के लिए नेसल कैविटी को धोएं: नेसल कैविटी को धोने के लिए बाज़ार में सेलाइन किट्स और नेसल स्प्रे मिलते हैं | सेलाइन सलूशन नेसल कैविटी से इर्रीटेंट्स को फ्लश कर देता है, म्यूकस को पतला कर देता है और नाक की मेम्ब्रेन को आराम देता है |
    • साइनस और गले के पिछले हिस्से में भरे म्यूकस को साफ़ करने के लिए नेति पॉट (neti pot) का इस्तेमाल करें: लेकिन सावधान रहें क्योंकि साइनस इरीगेशन डिवाइस के इस्तेमाल से वो नेचुरल एंटीमाइक्रोबियल एजेंट्स भी निकल जाते हैं जो हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस और फंगस से छुटकारा दिलाते हैं |
    • नासमार्ग को नमी देने और कंजेशन में राहत पाने के लिए हर दो से तीन घंटे में दो से तीन सेलाइन नेसल ड्रॉप्स डालें |
    • पोस्ट नेसल ड्रिप में राहत पाने के लिए हर रोज़ दिन में दो बार नस्य ऑइल इस्तेमाल करें | [५]
  4. म्यूकस और पोस्ट नेसल ड्रिप से राहत पाने के लिए बाज़ार में मिलने वाली डिकंजेस्टेंट का इस्तेमाल करें: ओरल डिकंजेस्टेंट ब्लड वेसल्स को संकरा कर देते हैं जिससे नेसल कैविटी में कंजेशन की मात्रा कम हो जाती है | [६] डिकंजेस्टेंट्स नेसल स्प्रे के रूप में भी मिलते हैं |
  5. अगर तीन दिन के बाद भी लक्षणों में कोई सुधार न हो तो इसका इस्तेमाल बंद कर दें | [७] तीन दिन से ज्यादा डिकंजेस्टेंट का इस्तेमाल फायदा पहुंचाने की बजाय नुकसानदायक होता है क्योंकि इससे फिर से कंजेशन होने लगता है |
  6. गुईफेनेसिन (Mucinex) जैसी दवाओं को बाज़ार से ख़रीदा जा सकता है और इसे टेबलेट या सिरप के रूप में लिया जा सकता है | ये दवाएं म्यूकस को पतला करके बाहर निकालने में मदद करती हैं | [८]
    • इन दवाओं के लेने के लिए मैन्युफैक्चरर के इंस्ट्रक्शन फॉलो करें और अगर आपको समझ न आये तो डॉक्टर या फार्मासिस्ट से पूछें |
  7. इर्रीटेशन और म्यूकस में राहत पाने के लिए डॉक्टर से दवा लिखवायें: डॉक्टर पोस्ट नेसल ड्रिप में राहत देने के लिए आपको कॉर्टिकोस्टेरॉयड, एंटीहिस्टामिन और एंटी-ड्रिप स्प्रे दे सकते हैं | [९]
    • कॉर्टिकोस्टेरॉयड स्प्रे जैसे फ्लोनेस (flonase) और नासाकोर्ट (nasacort) से एलर्जिक रायनाइटिस के कारण होने वाली नासमार्ग की सूजन और इंफ्लेमेशन के इलाज़ में मदद मिल सकती है |
    • एंटीहिस्टामिन स्प्रे से एलर्जिक रायनाइटिस के कारण होने वाले पोस्ट नेसल ड्रिप को ट्रीट किया जा सकता है लेकिन इससे नॉन-एलर्जिक कारणों से होने वाले पोस्ट नेसल ड्रिप में कोई फायदा नहीं मिलता |
विधि 3
विधि 3 का 3:

प्राकृतिक उपचारों का इस्तेमाल करें

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  1. आठ औंस गर्म या गुनगुने पानी में ½ छोटी चम्मच नमक डालकर सिर को पीछे झुकाकर गरारे करें | म्यूकस को और भी ज्यादा निकालने के लिए इस नमक के पानी में ½ नीम्बू का रस भी मिलाएं और गरारे करें |
  2. एलर्जन्स आपके साइनस पर अटैक कर सकते हैं इसलिए इसका एक ही इलाज़ है कि घर को साफ़ रखें | नाक में कोई भी इर्रीटेशन होने से घर से पहले धूल, पॉलेन या परागकण और फफूंदी को निम्नलिखित सुझावों के द्वारा हटा दे |
    • अपने कपडे, बेडशीट्स, तकिये के कवर और गद्दों के कवर्स को नियमित रूप से गर्म पान से धोएं | गर्म पानी हानिकारक बैक्टीरिया को मार देता है |
    • सही या पूर्ण HEPA फ़िल्टर से रेगुलरली वैक्यूम क्लीन करें | HEPA फ़िल्टर से वैक्यूम करने से सुनिश्चित हो जाता है की वैक्यूम करने के दौरान सभी एलर्जन्स निकल जायेंगे |
  3. ये तीनों ही म्यूकस को और ज्यादा बढ़ा देते हैं इसलिए जुकाम होने पर इनसे बचना ही बेहतर है |
  4. गर्म पानी के पॉट पर सुरक्षित दूरी पर अपने सिर को टॉवल से कवर करके स्टीम लेने की कोशिश करें | इस ट्रीटमेंट में अरोमा लाने के लिए चाय (उदाहरण के लिए जिंजर, मिनट या केमोमाइल) या एसेंशियल ऑयल्स (लैवेंडर, रोजमेरी आदि) मिलाएं |
    • गर्म पानी से शॉवर लें | गर्म पानी की स्टीम को नहाते समय अपने फेफड़ों और साइनस में जाने दें |
  5. इसके लिए आपको तीन कप (या एक बड़ा कप) चाय और गर्म पानी की जरूरत होगी | इसमें स्वाद के लिए चीनी या शहद डालें | इसमें आधे डार्क हरे नीम्बू को रस निचोड़ें | इस काढ़े को हर सुबह सबसे पहले बिना कुछ खाए-पिए पियें | नीम्बू लिवर और पेट (जो एक रात पहले के भरे हुए म्यूकस के कारण पोस्ट नेसल ड्रिप का कारण बनता है) को साफ़ कर देता है और यह आपको पूरे दिन के लिए खूब सारी एनर्जी भी देगा |


सलाह

  • बहुत ज्यादा गर्मी में न रहें क्योंकि इससे और भी ज्यादा खांसी आएगी |
  • लेटें नहीं क्योंकि इसे म्यूकस के कारण और ज्यादा खांसी आना शुरू हो जाएगी |
  • चेक करें कि ये पोस्ट नेसल ड्रिप है या रिफ्लक्स नहीं |

चेतावनी

  • स्टेरॉयड मेडिकेशन को अगर लम्बे समय तक लिया जाता है तो काफी गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं | डॉक्टर को इन दवाओं के इस्तेमाल को मॉनिटर करते रहना चाहिए |
  • डिकंजेस्टेंट के कारण हाई ब्लड प्रेशर, ह्रदय गति तेज़ हो जाना, नींद न आना, भूख न लगना और एंग्जायटी हो सकती है | पोस्ट नेसल ड्रिप में राहत पाने के लिए डिकंजेस्टेंट नेसल स्प्रे को इस्तेमाल तीन या चार दिन से ज्यादा नहीं करना चाहिए | इस मेडिकेशन को लेना बंद करने पर कंजेशन फिर से ज्यादा बढे हुए लक्षणों के साथ हो सकता है |

चीज़ें जिनकी आवश्यकता होगी

  • गद्दे के प्लास्टिक के कवर
  • एयर प्यूरीफायर
  • ह्युमिडीफायर
  • बाज़ार में मिलने वाली दवाएं

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