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प्लेटलेट बहुत छोटी होती हैं इसलिए ये कुल ब्लड वॉल्यूम का केवल एक छोटा सा हिस्सा होती हैं | प्लेटलेट का मुख्य काम खून का थक्का जमाकर ब्लीडिंग को रोकना होता है | लेकिन, बहुत ही कम केसेस में कुछ लोगों में एक कंडीशन डेवलप हो जाती है जिसमे मज्जा या बोन मेरो (bone marrow ) बहुत ज्यादा प्लेटलेट्स बनाने लगती है जिसे थोम्ब्रोसायटोसिस (thrombocytosis) कहा जाता है | [१] इसके कारण खून के बड़े थक्के बन सकते हैं जिससे स्ट्रोक्स या हार्ट प्रॉब्लम जैसी समस्याएं हो सकती है | इस लेख में आपको जानकारी दी जाएगी कि आप किस तरह से अपनी डाइट, लाइफस्टाइल और दवाओं के जरिये अपने रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या घटा सकते हैं |

विधि 1
विधि 1 का 2:

डाइट और लाइफस्टाइल बदलें

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  1. अपने खून में प्लेटलेट्स की संख्या कम करने के लिए कच्चा लहसुन खाएं: कच्चे या पिसे हुए लहसुन में "एलीसिन (allicin)" नामक कंपाउंड पाया जाता है जो शरीर की प्लेटलेट्स बनाने की क्षमता को प्रभावित कर देता है और इसके कारण रक्त में प्लेटलेट की संख्या कम हो जाती है | [२]
    • इम्युनिटी में सुधार करके शरीर प्लेटलेट्स लेवल घटाकर अपनी प्रतिक्रिया देता है जिससे किसी भी बाहरी चीज़ (जैसे वायरस और बैक्टीरिया) को शरीर के अंदर जाने से रोककर शरीर को सुरक्षा देने में मदद मिलती है |
    • लहसुन में पाए जाने वाले एलीसिन पकाने पर तेज़ी से कम होते जाते हैं इसलिए इसे कच्चा खाने की कोशिश करें | कच्चा लहसुन खाने से कुछ लोगों का पेट ख़राब हो सकता है इसलिए कच्चे लहसुन को खाने के साथ खाएं |
  2. खून का गाढ़ापन कम करने के लिए जिन्को बाइलोबा ( ginko biloba) लें: जिन्को बाइलोबा में “टेर्पीनॉइड (terpenoids)” नामक पदार्थ पाया जाता है जो खून के गाढ़ेपन को कम कर देता है (उसे पतला कर देता है) और खून के थक्के बनने से रोका जा सकता है | [३]
    • जिन्को बाइलोबा से ब्लड सर्कुलेशन सुधारने में भी मदद मिलती है और इससे शरीर में वार्फरिन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है जिससे थक्के घोलने में मदद मिल जाती है |
    • जिनको बाइलोबा सप्लीमेंट के रूप में लिक्विड या कैप्सूल फॉर्म में भी उपलब्ध होता है | आप इन सप्लीमेंट को किसी भी मेडिकल स्टोर या हेल्थ फ़ूड स्टोर से खरीद सकते हैं |
    • अगर आपको जिन्को बाइलोबा की पत्तियां मिल सकें तो उन्हें पानी में पांच से सात मिनट तक उबालकर उस पानी को चाय की तरह पियें |
  3. थक्के बनने से रोकने के लिए अश्वगंधा (ginseng ) का इस्तेमाल करें: जिन्सेंग में “ginsenosides” पाया जाता है जो प्लेटलेट्स के एकत्रीकरण को कम करने में मदद करता है और इस तरह क्लॉट या थक्के बनने से रोका जा सकता है | [४]
    • जिन्सेंग मेडिकल स्टोर और हेल्थ फ़ूड स्टोर्स पर कैप्सूल के रूप में मिल जाता है | इसे अधिकतर एनर्जी फूड्स और ड्रिंक्स में मिलाया जाता है |
    • इसके कारण कुछ लोगों को अनिद्रा और मितली होती है इसलिए आपको कुछ समय तक इसका ट्रायल करना होगा जिससे आप अपने शरीर पर इसकी प्रतिक्रिया देख सकें |
  4. अनार में पॉलीफिनॉल नामक पदार्थ पाया जाता है जिसमे एंटी-प्लेटलेट इफ़ेक्ट होते हैं, इसका मतलब यह है कि ये शरीर के प्लेटलेट्स के प्रोडक्शन को कम कर देते हैं और पहले से उपस्थित प्लेटलेट्स को थक्का बनाने से रोक देते हैं | [५]
    • आप साबुत, ताज़ा अनार का फल खा सकते हैं, अनार का जूस पे सकते हैं या खाना पकाने में अनार के एक्सट्रेक्ट को मिला सकते हैं |
  5. प्लेटलेट्स प्रोडक्शन रोकने के लिए ओमेगा-3 से भरपूर समुद्री भोजन (सीफूड्स) खाएं: ओमेगा-3 फैटी एसिड्स प्लेटलेट्स की एक्टिविटी को प्रभावित करते हैं, खून पतला करते हैं और थक्का बनने के चांसेस कम कर देते हैं | [६] ओमेगा-3 आमतौर पर टूना, सामन, स्कालोप्स, सारडाइन, शैलफिश और हेरिंग जैसे समुद्री भोजन में पाए जाते हैं | [७]
    • हर सप्ताह इन फिशेस की दो से तीन सर्विंग अपनी डाइट में शामिल करने की कोशिश करें जिससे ओमेगा-3 का साप्ताहिक डोज़ मिल सके |
    • अगर आपको मछलियाँ खाना पसंद नहीं है तो हर दिन 3000 से 4000 मिलीग्राम फिश ऑइल सप्लीमेंट लेकर ओमेगा-3 को बूस्ट कर सकते हैं |
  6. थक्का बनने के चांसेस कम करने के लिए रेड वाइन पियें: रेड वाइन में फ्लावोनोइड होते हैं जो इसे बनाने के दौरान लाल अंगूरों की स्किन से मिलते हैं | ये फ्लावोनोइड धमनियों की भित्ति की लाइनिंग में सेल्स का ओवर प्रोडक्शन होने से रोक देते हैं (क्योंकि इस प्रोसेस के कारण रक्त में बहुत सारी प्लेटलेट्स पहुँच जाती हैं)| इससे थक्का बनने के चांसेस कम हो जाते हैं | [८]
    • वाइन के आधे स्टैण्डर्ड गिलास में एक यूनिट अल्कोहल (लगभग 175मिलीलीटर) होता है | पुरुषों को एक सप्ताह में 21 यूनिट से ज्यादा और दिन में चार यूनिट से ज्यादा अल्कोहल नहीं लेना चाहिए |
    • महिलाओं को प्रति सप्ताह 14 यूनिट से ज्यादा और दिन में तीन यूनिट से ज्यादा अल्कोहल नहीं लेना चाहीये | महिला और पुरुष दोनों को ही हर सप्ताह कम से कम दो दिन बिना अल्कोहल के रहना चाहिए | [९]
  7. "सैलिसिलेट्स" वाले फल और सब्जियां खाएं जो खून को पतला रखने में मदद करते हैं और क्लोटिंग से बचाते हैं: ये शरीर की इम्युनिटी को भी बूस्ट करते हैं और नॉर्मल प्लेटलेट्स काउंट को मेन्टेन रखने में मदद करते हैं |
    • सैलिसिलेट वाली सब्जियां है-खीरा, मशरूम, जुकीनी, मूली और अल्फाल्फा |
    • सैलिसिलेट वाले फल हैं- सभी तरह की बेर्रिज़, चेर्रीज, किशमिश और संतरे |
    • शिटाकी मशरूम खाना, प्लेटलेट्स कम करने का एक सबसे अच्छा नेचुरल ऑप्शन है |
  8. खाना पकाते समय दालचीनी मिलाएं जिससे प्लेटलेट्स का समूहन कम हो जाता है: दालचीनी में “cinnamaldehyde” नामक कंपाउंड पाया जाता है जिसे प्लेटलेट्स का समूहन या एकत्रीकरण कम करने के रूप में जाना जाता है और इसके कारण ब्लड क्लोटिंग भी कम हो जाती है | [१०]
    • बेक्ड फ़ूड या भाप में पकाई जाने वाली सब्जियों में पिसी हुई दालचीनी मिलाएं | आप चाय या वाइन में दालचीनी की लकड़ी को उबालकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं |
  9. खून के थक्कों से बचने के लिए स्मोकिंग की आदत छोड़ें: स्मोकिंग करने से ब्लड क्लॉटिंग डेवलप होने की रिस्क बढ़ जाती है क्योंकि सिगरेट्स में (निकोटीन जैसे) कई सारे हानिकारक कंपाउंड्स पाए जाते हैं | स्मोकिंग के कारण ब्लड गाढ़ा होने लगता है और प्लेटलेट्स एकसाथ जुड़ने लगती है | [११]
    • हार्ट प्रॉब्लम और स्ट्रोक्स जैसे सीरियस हेल्थ इशू आमतौर पर खून का थक्का बनने के परिणामस्वरूप ही देखे जाते हैं | स्मोकिंग छोड़ने से आप आसानी से इन जोखिम से बच सकते हैं |
    • स्मोकिंग छोड़ना मुश्किल होता है और इसे रातोंरात नहीं छोड़ा जा सकता | इसलिए स्मोकिंग छोड़ने से सम्बंधित जरुरी जानकारी के लिए आप धूम्रपान छोड़े लेख पढ़ सकते हैं |
  10. कॉफ़ी में एंटी-प्लेटलेट इफ़ेक्ट पाया जाता है जिसका मतलब है कि इससे खून में प्लेटलेट्स की संख्या घट जाती है और प्लेटलेट्स समूहन से बचा जा सकता है | [१२]
    • कॉफ़ी का एंटी-प्लेटलेट इफ़ेक्ट कैफीन के कारण नहीं होता बल्कि उसमे पाए जाने वाले फेनोलिक एसिड्स के कारण होता है | इसीलिए आप डीकैफीनेटेड कॉफ़ी पीकर भी एंटी-प्लेटलेट इफ़ेक्ट हासिल कर सकते हैं | [१३]
विधि 2
विधि 2 का 2:

मेडिकेशन और प्रोसीजर के जरिये प्लेटलेट्स कम करें

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  1. डॉक्टर के द्वारा लिखी गयी खून पतला करने वाली दवाएं लें: कुछ विशेष परिस्थितियों में डॉक्टर आपको खून पतला करने वाली दवाएं लिखेंगे | ये दवाएं खून को गाढ़ा होने, प्लेटलेट्स के समूहन और खून के थक्के बनने से बचाएंगी | इनमे से डॉक्टर द्वारा लिखी जाने वाली कुछ सबसे कॉमन दवाएं हैं: [१४]
    • एस्पिरिन (Aspirin)
    • हाइड्रोक्सीयूरिया (Hydroxyurea)
    • एनाग्रेलिड (Anagrelide)
    • इंटरफेरॉन अल्फ़ा (Interferon alfa)
    • बुसुल्फान (Busulfan)
    • पिपोब्रोमन (Pipobroman)
    • फॉस्फोरस-32
  2. इमरजेंसी कंडीशन में डॉक्टर इस ट्रीटमेंट की सलाह दे सकते हैं जिसमे खून में प्लेटलेट्स की संख्या बहुत तेज़ी से कम होने लगती है |
    • प्लेटलेटफेरेसिस के दौरान आपकी एक ब्लड वेसल में इंट्रावेनस लाइन डाली जाती है जिससे आपके शरीर से खून निकाल लिया जाता है | इसके बाद इस खून को एक मशीन में से गुजारा जाता है जिसमे खून से प्लेटलेट्स को हटा दिया जाता है |
    • इसके बाद प्लेटलेट्स-फ्री ब्लड को सेकंड इंट्रावेनस लाइन के जरिये शरीर में वापस डाल दिया जाता है |

सलाह

  • आपका प्लेटलेट्स काउंट नापने के लिए, आपके खून का एक सैंपल लिया जायेगा और उसे टेस्टिंग के लिए लेबोरेटरी भेजा जाएगा | नॉर्मल प्लेटलेट काउंट प्रति माइक्रो लीटर रक्त में 150000 से 350000 होता है | [१५]
  • डार्क चॉकलेट के बारे में भी ऐसा माना जाता है कि इससे प्लेटलेट प्रोडक्शन रोका जा सकता है इसलिए हर रात खाने के बाद एक या दो स्क्वायर डार्क चॉकलेट खाएं | [१६]

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