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लोग कॉम्प्लिकेटेड होते हैं: उनके लिए यूज़र मैनुअल नहीं होता और उनके अंदर नए विंडोज़ OS से अधिक ग्लिचेज़ भी होते हैं। आपको कभी पता नहीं होता कि आपको क्या मिलने वाला है! अगर आपको लोगों से बात करने में कठिनाई होती हो, चाहे वे लोग आपके परिचित हों या ऐसे लोग हों जिनको आप नहीं जानते हों, तब विकिहाउ आपके साथ है। खुशगवार और स्मूथ इंटरेक्शन्स के लिए नीचे दिये गए पहले चरण से शुरू करिए।

विधि 1
विधि 1 का 4:

बाधाओं को दूर करना

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  1. आप अब लोगों से इंटरेक्ट क्यों नहीं कर रहे हैं? आप लोगों से इंटरेक्ट कर रहे हैं मगर आपको लगता है कि आप ग़लत कर रहे हैं? अगर आप समस्या को पहचान लेंगे, तब आपको उससे, उस पर विजय पाने में बहुत सहायता मिलेगी। इस बीच नीचे दी गई सलाह को ट्राई करके देखिये। [१]
  2. अनेक लोगों के लिए दूसरों के साथ इंटरेक्ट करना स्ट्रेसफ़ुल होता है। अगर आप दूसरों से बात करने से चिंतित हो जाते हैं, तब तब शायद आप पहले अपनी एंग्ज़ाइटी पर निबटने से फ़ोकस करना चाहेंगे।
  3. ख़ुद पर विश्वास करिए : अगर आपको डर है कि आप दोस्त बनाने में असफल रहेंगे, या आप लगातार लोगों को अपसेट करते ही रहते हैं, तब तो आपको दूसरों से इंटरेक्ट करने में बहुत कठिनाई होने ही वाली है। ख़ुद पर विश्वास करिए, और आपको पता चलेगा कि इंटरेक्शन करना आसान से और भी आसान होता चला जा रहा है।
  4. अपने आत्मसम्मान का निर्माण करिए : अगर आप अपना बहुत समय केवल यह सोचने में गुज़ार देते हैं कि आपसे कोई भी बात नहीं करना चाहेगा क्योंकि वे आपसे कहीं अधिक अच्छे हैं, तब तो आप इंटरेक्शन की शानदार दुनिया को मिस ही करने वाले हैं! कुछ समय यह एहसास करने में लगाइए कि आप कितने अद्भुत हैं और आप दुनिया को एक अलग ही प्रकाश में देखेंगे।
  5. कॉन्फिडेंट रहिए : सेल्फ़-कॉन्फ़िडेंस की कमी भी दूसरों से इंटरेक्ट करने को बहुत कठिन बना सकती है, अक्सर केवल इसलिए क्योंकि दूसरे समझ जाते हैं कि आप कॉन्फिडेंट नहीं हैं और इसके कारण वे नर्वस हो जाते हैं। अपना सेल्फ़-कॉन्फ़िडेंस बनाइये, या कम से कम सीखिये कि उसका ढोंग कैसे किया जाता है, जिससे कि लोग आपको और भी अधिक पसंद कर सकें।
  6. जैसा कि किसी भी स्किल के साथ होता है (और सोशल इंटरेक्शन तो बेशक एक स्किल ही है), आप उसकी प्रैक्टिस करने से उसमें बेहतर हो सकते हैं। उनका अधिक से अधिक इस्तेमाल करके अपनी सोशल स्किल्स की अधिक से अधिक प्रैक्टिस करिए। आप अपने परिवार के सदस्यों से इंटरेक्ट करके शुरुआत कर सकते हैं, या उन अजनबियों से कर सकते हैं जिनसे आप मिलते हैं, जैसे आपका पंसारी या बैंक का टेलर। [२]
विधि 2
विधि 2 का 4:

इंटरेक्शन्स शुरू करना

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  1. अपना परिचय दीजिये : जब आप किसी व्यक्ति से पहली बार इंटरेक्ट कर रहे हों, तब उसे अपना परिचय देना एक अच्छी बात होती है। आप बातचीत के दौरान कब अपना परिचय देंगे, यह तो आपके व्यक्तिगत कनवरसेशन पर ही निर्भर करेगा।
  2. अजनबियों से बात करिए : अगर आप अभी लोगों से बहुत इंटरेक्ट नहीं कर रहे हैं, मगर आप चाहते हैं कि शुरुआत करें, तब संभावना यही है कि आपको कुछ अजनबियों से तो बात करनी ही होगी। यह जितना बुरा लग रहा है, वास्तव में उतना बुरा है नहीं! बात करने का कुछ कारण ढूंढ लीजिये और जो भी हो, उसको नैचुरली होने दीजिये। क्या पता: हो सकता है कि आपको कोई नया दोस्त ही मिल जाये!
  3. दोस्त बनाइये : इंटरेक्ट करने के लिए सबसे अच्छे लोग, दोस्त होते हैं, और अधिक दोस्त होने से आपके जीवन में केवल सुधार ही हो सकता है। हालांकि, शर्मीले लोगों के लिए, और ऐसे लोगों के लिए जो उतने सोशल नहीं होते हैं, दोस्त बना पाना सचमुच में बहुत कठिन लग सकता है। मगर थोड़ी ज़िद और थोड़े धीरज से आप बहुत सारे दोस्त बना सकते हैं। बस इतना याद रखिए कि आप जो हैं, आपको वही बना रहना है, और केवल उन्हीं लोगों को दोस्त बनाना है जो आपको एक बेहतर व्यक्ति बनने में सहायता करें!
  4. दोस्तों के साथ अच्छा व्यवहार करिए : जैसा दोस्तों के साथ आप करते ही हैं, उनके साथ अच्छा व्यवहार करने की याद रखिए। इससे अनेक इंटरेक्शन्स में मदद मिलेगी। जो लोग कठिनाई में हों, उनके साथ बातें करके उन लोगों की मदद करिए। जब वे आपको अपने कठिन समय की कहानी सुनाएँ, तब उनकी बात सुनिए। आपको समझ में आ जाएगा।
  5. दोस्तों से बात करिए : चाहे आपको ऐसा क्यों न लग रहा हो कि आपके पास बातें करने के लिए कुछ भी नहीं है, तब भी आपको बातचीत शुरू करने की कोशिश करनी चाहिए। आव्कवर्ड ख़ामोशी आपके दोस्तों में चिंता पैदा कर सकती है या उन्हें परेशान कर सकती है...उन्हें यहाँ तक लग सकता है कि उनको इग्नोर किया जा रहा है!
  6. अपनी बातचीत को शानदार बनाइये : आप जो भी कनवरसेशन करें, उसको बढ़िया बनाइये। प्रश्न पूछिये, वास्तव में सुनिए, और कनवरसेशन में एक्टिव भूमिका निभाइए। पूरे समय आप ही मत बोलते रहिए और न ही बहुत खामोश रहिए। कनवरसेशन के लिए टीमवर्क की ज़रूरत होती है! [३]
विधि 3
विधि 3 का 4:

अवसर निकालना

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  1. चाहे आप छात्र हों या एडल्ट, आपके जीवन में ऐसे लोग होने चाहिए जिनके साथ आप इंटरेक्ट कर सकें: पियर्स। आपके साथ के छात्र या आपके सहकर्मी इंटरेक्ट करने के लिए सही लोग होते हैं।
  2. ख़ास तौर से ऐसे लोगों के लिए, जिनको बहुत अधिक सोशल एंग्ज़ाइटी होती है, सोशल इंटरेक्शन की प्रैक्टिस करने के लिए ऑनलाइन कम्युनिटीज़ बढ़िया जगहें हो सकती हैं। आप किसी टीवी शो या अपनी मनपसंद किताब के किसी फ़ैन ग्रुप को खोज कर पा सकते हैं या आप विकिहाउ जैसी किसी साइट पर वोलंटियर कर सकते हैं!
  3. वास्तविक जीवन में भी क्लब्स और ग्रुप्स होते हैं। सोशल इंटरेक्शन्स की प्रैक्टिस के लिए यह और भी अच्छे होते हैं। अधिकांश स्कूल्स में अनेक क्लब होते हैं, मगर एडल्ट्स भी (अक्सर तो स्थानीय लाइब्रेरी या कम्यूनिटी सेंटर के जरिये से) क्लब्स का पता लगा सकते हैं।
  4. वोलंटियर करना, लोगों से मिलने का और उसी के साथ अपनी कम्यूनिटी को कुछ लौटाने का, एक बढ़िया तरीका होता है। सूप किचेन्स, से ले कर फ़ंडरेज़र्स और जानवरों के लिए शेल्टर बनाने तक, अपनी कम्यूनिटी की मदद करने के अनेक तरीके हैं, और वहाँ पर आपको समान वैल्यूज वाले लोगों से मिलने का अवसर भी मिलेगा!
  5. चाहे वह चर्च हो, मंदिर हो, या कोई भी दूसरा धार्मिक समूह हो, इन जगहों पर आपको एक ऐसा सुरक्षित एनवायरनमेंट मिल सकता है जहां पर आप समान विचारों और वैल्यूज वाले लोगों से मिल सकते हैं, इंटरेक्ट कर सकते हैं, और दोस्ती कर सकते हैं। प्रत्येक प्रकार के विश्वास वाले लोगों के लिए एक न एक ग्रुप तो होता ही है, इसलिए इसकी कोशिश करके देखिये।
  6. अगर आपको वह बात पसंद नहीं आ रही है, तब आप हमेशा ही अपने वर्तमान दोस्तों के साथ और अधिक सोशल हो सकते हैं। कोई क्वायट पार्टी देने या बुक क्लब शुरू करने की कोशिश करिए। ऐसा कुछ भी, जो आपको अच्छा लगता हो और आपके दोस्तों के लिए मज़ेदार हो!
विधि 4
विधि 4 का 4:

भलीभांति इंटरेक्ट करना

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  1. नाइस (nice) बने रहिए : जब आप लोगों से बातें करें, तब नाइस बने रहिए। उनको एक्नौलेज करिए और अपने इंटरेक्शन्स में पॉज़िटिव रहिए। न तो उनके संबंध में झूठ बोलिए और न ही पीठ पीछे उनकी चुगली करिए। बेसिकली, उन्हें उसी तरह ट्रीट करिए, जैसे आप ख़ुद ट्रीट किया जाना चाहते हैं!
  2. पोलाइट बने रहिए : जब आप लोगों से बातें करें, तब पोलाइट रहिए। खास बात यह है, कि सबके साथ पोलाइट रहिए। हमेशा। चाहे वे आपके साथ रूड ही क्यों न हों। "प्लीज़" और "थैंक यू" जैसी चीज़ें कहिए, तथा बोलना शुरू करने से पहले उनको अपनी बात पूरी कर लेने दीजिये। आपको उनके साथ धैर्य भी बनाए रखना चाहिए। जैसे कि आपको दूसरों से इंटरेक्ट करने में समस्या है, हो सकता है कि उन्हें भी हो (या हो सकता है कि उन्हें दूसरी समस्याएँ हों, जैसे कोई अपंगता या मानसिक रोग)। ऐसा व्यवहार रखिए जिससे आपकी दादी/नानी को आप पर गर्व हो, और बस आपका काम हो गया समझिए।
  3. विनीत बने रहिए : जब आप लोगों से बात करें, तब विनीत बने रहिए। न तो डींगें हाँकिए और न ही अपने बारे में बातें करने में बहुत समय लगाइये। इसके कारण लोग आपको नापसंद कर सकते हैं और तय कर सकते हैं कि आपसे भविष्य में आपसे बात ही न करें। सभी को बात करने का मौका दीजिये और जब वे आपको कुछ बताएं तब उससे बढ़ चढ़ कर बात नहीं करने की कोशिश करिए।
  4. मित्रवत बने रहिए : जब आप लोगों से बात करें तब उनके साथ मित्रवत बने रहिए। डिसइंटरेस्टेड मत लगिए, या ऐसे मत लगिए जैसे कि आपको उनकी परवाह ही नहीं है। आई कॉनेटेक्ट बनाइये, मुस्कुराइए, सुनिए और एक पॉज़िटिव मूड (चाहे आप बुरे मूड में ही क्यों न हों) को प्रोजेक्ट करिए।
  5. आप जिसके साथ भी इंटरेक्ट करें, उसके साथ सम्मानपूर्ण व्यवहार करिए। उन्हें बोलने का मौका दीजिये, कुछ भी अपमानजनक, न तो कहिए और न ही करिए, और आम तौर पर उन्हें वैसे ही ट्रीट करिए, जैसे आप ट्रीट किया जाना चाहते हैं। [४]
  6. दूसरों के साथ भली प्रकार से इंटरेक्ट करने का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है उनकी बातों को सुनना। बात उसकी उतनी नहीं होती कि आप कितना कुछ और किस तरह से कहते हैं, बल्कि अधिकतर यह होती है कि आप वास्तव में उनको जो कुछ भी कहते हुये सुनते हैं, उस पर किस प्रकार से रिस्पोंड करते हैं। सुनने की अपनी बेसिक स्किल्स, और इसके साथ ही लाइन्स के बीच में जो लिखा होता है उसे समझने की क्षमता बढ़ाने की प्रैक्टिस करिए और बहुत ही जल्द आप एक प्रो की तरह इंटरेक्ट करने लगेंगे! [५]

सलाह

  • "मैं जो भी आपसे तीन बार कहूँगा वह सच होगा।" आप किसी भी इमोशन का बिना ख़ुद महसूस किए तीन बार ढोंग नहीं कर सकते। जब आपका दिन खराब हो, तब लोगों को मुस्कुरा कर देखिये। पहली कुछ बार लगेगा कि यह ज़बरदस्ती है, मगर जल्दी ही आप एहसास करेंगे कि आपको वास्तव में बेहतर महसूस हो रहा है। वहीं दूसरी ओर, बिना दुखी या नाराज़ महसूस किए हुये आप ग़ुस्से या दुख का ढोंग नहीं कर सकेंगे। इसलिए निगेटिविटी का ढोंग करने से दूर ही रहिए; उसके कारण आपको जो सहानुभूति मिलेगी या आप जो धमकी दे पाएंगे वह उसकी सही कीमत नहीं होगी।
  • मनुष्य बहुत इंपैथिक जीव होते हैं। हम पोश्चर्स और स्पीच से दूसरों के इमोशन्स को पकड़ लेते हैं। आपके आसपास जो भी होते हैं, वे आपके मूड को प्रभावित करते हैं, और आप उनके। कोशिश करिए कि आप मुस्कुराते रहने की, और लिथड़-लिथड़ कर कदम बढ़ाने की जगह एनर्जी के साथ चलने की, और अपने आसपास को एंजॉय करने की आदत डाल लें। चाहे आपने उसको हजारों बार भी पहले क्यों न देखा हो, कुछ न कुछ तो हमेशा ही ऐसा होगा, जिसे अगर आप वास्तव में ध्यान से देखेंगे, तब आपको उसमें चकित और खुश करने वाला कुछ तो मिल ही जाएगा।

चेतावनी

  • हमेशा प्लेज़ेंट तरीके से चले जाने को भी तैयार रहिए। बढ़िया से बढ़िया आशय वाले इंटरेक्शन को भी दूसरों के द्वारा ग़लत अर्थों में लिया जा सकता है।
  • ओवरबोर्ड मत हो जाइए। जब लोग रिसेप्टिव हों तब छोटे मोटे पॉज़िटिव इंटरेक्शन भी अच्छे होते हैं। अनजान लोगों से अनायास ज़बरदस्ती बात करने की कोशिश बुरी, नर्वस, और आव्कवर्ड होती है। सीमाएं इन्स्टिंक्टिव (instinctive) होती हैं; उन्हें पार मत करिए।

विकीहाउ के बारे में

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