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हर्पीस रोग हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस के कारण होता है | इसकी दो प्रजातियाँ होती हैं; HSV-1 और HSV-2 | इनमे से HSV-1 आमतौर पर मुंह के छाले (cold sores) या मुंह में घाव के रूप में शुरू होता है लेकिन कई बार गुप्तांगों में भी देखा जाता है | HSV-2 को गुप्तांगों में होने वाला हर्पीस (जेनाइटल हर्पीस) कहा जाता है | HSV-2 भारत में होने वाला सबसे सामान्य यौन संचारित संक्रमण है जो स्किन और म्यूकस मेम्ब्रेन, गुदा, आँखें, और सेंट्रल नर्वस सिस्टम में इन्फेक्शन के कारण होता है | हर्पीस एक प्रकार का जीवनपर्यंत बना रहने वाला और लाइलाज यौन संचारित संक्रमण है | [१] अगर आपको लगता है कि आपको भी इस वायरस से अपनी चपेट में ले लिया है तो नीचे दी गयी आसान सी स्टेप्स को फॉलो करके पता लगायें कि आपको हर्पीस है या नहीं |

विधि 1
विधि 1 का 3:

हर्पीस के चिन्हों पर नज़र रखें

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  1. आपको हर्पीस है या नहीं, इसका अंदाज़ा तभी लगाया जा सकता है जब गुप्तांगों पर कोई घाव दिखाई देता है | ये घाव इन्फेक्शन के लगभग 6 दिन बाद दिखाई देते हैं | HSV-1 में हने वाले घाव आमतौर पर मुंह के पर या अंदर दिखाई देते हैं | HSV-2 के घाव जांघ, नितम्ब, गुदा और गुदा के आस-पास की स्किन पर दिखाई देते हैं | अगर आप महिला हैं तो ये घाव योनी (vulva), लेबिया (labia), आंतरिक योनि प्रवेशद्वार और सर्विक्स (cervix) पर दिखाई देंगें जबकि पुरुषों में ये लिंग की ग्रंथियों (glands of penis) और मूत्रमार्ग के शाफ़्ट (shaft) पर और अंदरूनी हिस्से पर दिखाई देंगे |
    • ये शुरुआती अवस्था में प्रभावित स्थान पर लाल छालों के गुच्छों के रूप में दिखाई देंगें | [२] शुरूआती दिनों में इन घावों में दर्द के साथ जलन और खुजली होती है | [३]
  2. घाव होने की शुरुआत होने पर अन्य शारीरिक लक्षण भी दिखाई देंगे | आपको सिरदर्द, थकान, बुखार और गुप्तांगों की लिम्फनोड्स (ये नोड्स गुप्तांगों के साइड में और ऊपर पायी जाती हैं) में सूजन हो सकती है| [४] जब शरीर हर्पीस वायरस से मुकाबला कर रहा होता है तब आप अन्य वायरल लक्षणों से भी परेशान हो सकते हैं | [५]
    • इनमे शामिल हैं: बुखार, बदनदर्द और पूरे शरीर में परेशानी | [६]
  3. फफोले युक्त छालों में होने वाले बदलाव पर ध्यान दें: खुजली और जलन वाले घाव आपके केस के अनुसार कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों में बदलना शुरू होंगे | ये खुजली और जलन युक्त घावों से फफोले युक्त, रक्तस्त्राव होने वाले छालों में बदलने लगेंगे | इनमे पैचेज या पंक्तियाँ बनने लगेंगी और एक पस-जैसा कोई पदार्थ स्त्रावित होने लगेगा |
    • यह तरल आमतौर पर स्ट्रॉ-कलर का होता है जिसमे खून की लाइन्स होती हैं | [७]
  4. अंततः, छालों पर पपड़ी बनना शुरू हो जाएगी | यह फेज बहुत लम्बी नहीं चलती और छालों के चारों ओर की स्किन के घाव भरना शुरू हो जायेंगे और बिना-उत्तेजना वाली नयी स्किन बनना शुरू हो जाती है | ये कोई स्कार बने बिना ही हील हो जायेंगे | इनके ठीक होने में लगने वाला समय रोग की गंभीरता पर निर्भर करता है |
    • ये लक्षण पहले शुरूआती घावों का संकेत देते हैं | ये लक्षण हमेशा बदतर होते जाते हैं और अन्य घावों की तुलना में ज्यादा गंभीर होते हैं | पहला घाव 2 से 6 सप्ताह तक कहीं भी बना रह सकता है | अन्य बाद में होने वाले घाव लगभग एक सप्ताह तक बने रहते हैं | [८]
विधि 2
विधि 2 का 3:

मेडिकल डायग्नोसिस का सहारा लें

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  1. हर्पीस दो अलग-अलग प्रकार के वायरस के कारण होता है | HSV-1 एक ऐसा वायरस है जो मुंह के छालों के लिए जिम्मेदार है लेकिन इसके कारण जेनाईटल हर्पीस भी हो सकता है | [९] HSV-2 एक प्राइमरी वायरस है जो जेनाईटल हर्पीस के लिए जिम्मेदार होता है | HSV-2 की तुलना में HSV-1 के केसेस ज्यादा देखे जाते हैं | भारत में लगभग 65% लोग किशोरावस्था से ही HSV-1 से संक्रमित हो चुके होते हैं | [१०] कई लोगों को पता ही नहीं होता कि उन्हें हर्पीस है, विशेषरूप से जब तक उन्हें घाव या छालों के बाहर कोई लक्षण अनुभव न हों | इसीलिए, हर साल हर्पीस के हजारों केसेस देखे जाते हैं और HSV-2 से संक्रमित लगभग 80% लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते | [११]
    • हर्पीस आमतौर पर वायरस वाले स्त्राव या घाव के सम्पर्क में आने से फैलता है | लेकिन, अगर वायरस असंक्रमित दिखने वाली स्किन के नीचे छिपे हों तो हर्पीस घाव के बाहरीन हिस्से के सम्पर्क से भी फ़ैल सकता है | [१२] पहला इन्फेक्शन होने के बाद समय के साथ-साथ यह शेडिंग (shedding) कम होती जाती है और 10 साल के बाद 70% तक कम हो जाती है | [१३]
  2. डॉक्टर से लेबोरेटरी से मिले प्रमाण प्राप्त करें: अगर आपको लगता है कि आपको हर्पीस के घाव या छाले हो रहे हैं तो इनकी पुष्टि के लिए कुछ मेडिकल टेस्ट कराने होंगे | हर्पीस वायरस की टेस्टिंग के लिए पॉलीमरेज़ चैन रिएक्शन टेस्ट (या PCR test) एक प्रमाणित तरीका है | इस टेस्ट में आपके ब्लड सैंपल (प्रभावित घाव या स्पाइनल फ्लूड से लिए गये सैंपल) से DNA की कॉपी की जाती है | यह DNA टेस्ट बताता है कि आप HSV से संक्रमित हैं या नहीं और वायरस की कौन सी स्ट्रैंड आपमें मौजूद है | [१४]
    • आपको वायरल कल्चर टेस्ट भी कराना होगा | [१५] इस टेस्ट के दौरान, डॉक्टर आपके प्रभावित हिस्से से कॉटन स्वाब की मदद से थोडा सैंपल लेंगे और उसे पेट्री डिश (petri dish) में रखेंगें | इस तसत में थोडा समय लगता है क्योंकि वायरस को वृद्धि करने में समय लगता है | जैसे ही वायरस ग्रोथ हो जाती है, डॉक्टर उसे एक्सामिन करके पता लगाते हैं कि आपको किस प्रकार के वायरस ने संक्रमित किया है | [१६] [१७] इस टेस्ट में काफी समय लगता है और PCR की तुलना में सटीक रिजल्ट नहीं आता | [१८]
विधि 3
विधि 3 का 3:

हर्पीस का इलाज करें

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  1. हर्पीस लाइलाज होता है लेकिन आप इन उपायों के द्वारा फोड़े या घाव बनने के समय को कम करने में मदद पा सकते हैं | जैसे ही आपको पता चले कि घाव हो सकता है, डॉक्टर को दिखाकर कुछ मेडिसिन ले लेना चाहिए | ऑफिसियल डायग्नोसिस होने के बाद, अधिकतर डॉक्टर मेडिसिन देते हैं जिससे आप तुरंत इलाज शुरू कर सकते हैं | वेलासायक्लोविर डॉक्टर द्वारा लिखी जाने वाली एक कॉमन मेडिसिन है | [१९] अगर यह आपका पहला घाव है तो पहले लक्षण के साथ ही 48 घंटे के अंदर यह मेडिसिन लेना शुरू कर देना चाहिए और इसे 10 दिन तक लेना चाहिए | इसका डोज़ रोगी पर निर्भर करता है इसलिए डॉक्टर के इंस्ट्रक्शन फॉलो करें | [२०]
    • सामान्यतौर पर, पहली बार होने वाले घाव के लिए इसका डोज़ 1000 मिलीग्राम दिन में दो बार का होता है | इसके बाद होने वाले घावों के लिए सामान्य डोज़ तीन दिन तक 500 मिलीग्राम दिन में दो बार होता है |
    • अगर आपको बार-बार घाव या छाले होते हैं, इसका मतलब है कि अगर 9 साल से भी ज्यादा समय तक होते रहते हैं तो आप सप्रेशन थेरेपी (suppression therapy) की विधि के तौर पर वेलासायक्लोविर का इस्तेमाल कर सकते हैं | इसका मतलब है कि छाले शुरू होने के पहले लक्षण पर लेने की बजाय आप छालों को रोकने के लिए इस दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं | अगर आपकी स्थिति यही है तो डॉक्टर की सिफारिश के अनुसार इसे लें | इसका जनरल डोज़ हर दिन 500 मिलीग्राम दिन में दो बाद होता है |
    • शुरूआती लक्षण प्रभावित हिस्से पर हलके से दंश और खुजली के साथ शुरू होते हैं जो कुछ ही घंटों में या दिन भर में बढ़ते हुए फफोले बन जाते हैं | झनझनाहट, जलन या खुजली के प्रारंभिक लक्षणों के शुरू होने पर ही दवा लेना शुरू कर दें | [२१]
  2. [२२] हालाँकि वेलासायक्लोविर हर्पीस की सबसे मशहूर दवा है लेकिन आप ऐसी पुरानी दवाएं भी आजमा सकते हैं जिन्हें ज्यादा दिनों तक इस्तेमाल नहीं करना पड़ता | ऐसा डोज़ के शिड्यूल की फ्रीक्वेंसी के कारण होता है जिसके कारण रोगी के उपद्रव कम होते जाते हैं | लेकिन यह वेलासायक्लोवीर की तुलना में काफी सस्ती होती है | अन्य दवाओं की तरह ही इसके डोज़ भी अलग-अलग रोगियों के लिए अलग-अलग होते हैं इसलिए आपको डॉक्टर के निर्देशों के अनुसार ही दवा लेनी चाहिए | [२३]
    • अगर आपको डॉक्टर द्वारा पहले एपिसोड के दौरान ही दवा लिखी गयी है तो आमतौर पर दिन में 5 बार 200 मिलीग्राम का डोज़ लेना होगा लेकिन लक्षण बढ़ने पर 10 दिन तक ली जाती है | अगर आपको इसके एपिसोड बार-बार होते हैं तो दिन में 2 से 5 बार तक 200 मिलीग्राम दवा लेनी चाहिए जबकि लक्षण ज्यादा उभरने पर 5 दिन (से लेकर एक साल) तक लेनी चाहिए |
    • आप एसायक्लोविर को क्रीम के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं | यह क्रीम रूप में ओरल थेरेपी की तरह प्रभावशाली नहीं होती लेकिन मुंह के छालों को भरने की प्रक्रिया तेज़ करने में मदद कर सकती है | छाले उभरने पर एक सप्ताह तक हर तीन घंटे में लगाते रहें | [२४]
  3. डॉक्टर से फेमिसिक्लोवर (famiciclovir-famvir) के बारे में पूछें: हर्पीस की अन्य मेडिसिन की तरह ही डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर लक्षण शुरू होने के 48 घंटे में ही फेमसिक्लोविर (famciclovir-famvir) लेना बेहतर होता है | [२५] यह डोज़ हर रोगी के लिए अलग-अलग होता है इसलिए डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही लेना चाहिए | [२६]
    • हर्पीस के फोड़ों को ठीक करने के लिए एक दिन के लिए दिन में दो बार 1000 मिलीग्राम का सामान्य डोज़ लिया जाता है | बार-बार होने वाले फोड़ों को रोकने के लिए लिया जाने वाला सामान्य डोज़ 250 मिलीग्राम दिन में दो बार होता है जिसे एक साल तक लिया जाता है |
    • सामान्यतौर पर, बार-बार होने वाले फोड़े-फुंसियों को ठीक करने के लिए आप एक दिन के लिए दिन में दो बार यह टेबलेट ले सकते हैं | अगर फोड़े-फुंसियाँ बार-बार होते ही रहते हैं, तो डॉक्टर इसे एक साल तक दिन में दो बार लेने की सलाह देंगे | [२७]
  4. ऐसे कई घरेलू उपचार हैं जिन्हें हर्पीस के कारण होने वाले फोड़े-फुंसियों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है | लायसिन (lysine) एक ऐसा एमिनो एसिड है जो खासतौर पर मुंह में होने वाले छालों को ठीक करने के लिए प्रभावशाली होता है | दिन में तीन बार 1000 मिलीग्राम लायसिन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए | आप लायसिन से भरपूर फूड्स जैसे फिश, चिकन, अंडे और आलू को अपनी डाइट में शामिल करके ज्यादा से ज्यादा लायसिन ग्रहण कर सकते हैं |
    • फोड़े-फुंसियों को कम करने के लिए आप एस्पिरिन भी ले सकते हैं लेकिन इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें | इसमें पाया जाने वाला एक सक्रीय घटक है- विलो बार्क (willow bark) जो वायरस को दबाने में मदद करता है | इसे दिन में एक बार 325 मिलीग्राम तक लें |
    • अपने घावों पर लेमन बाम भी लगा सकते हैं | घाव भरने की शुरुआत होने तक दिन में चार बार तक इसे लगाने से बहुत जल्दी सुधार हो सकता है |
    • ज़ोविराक्स (zovirax) क्रीम जैसी अन्य स्थानीय जिंकयुक्त क्रीम खरीदकर इस्तेमाल की जा सकती हैं | हीलिंग जल्दी करने के लिए जिंक ऑक्साइड युक्त क्रीम को हर्पीस से प्रभावित घावों पर लगायें | हीलिंग की गति तेज़ करने और नयी स्किन ग्रोथ को उत्तेजित करने के लिए एलोवेरा जेल को भी प्रभावित घावों पर मल सकते हैं | [२८]

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रेफरेन्स

  1. A Wald, Genital HSV-1 Infections, Sexually Transmitted Infections, 2005 June, 82( 3), 189-190
  2. http://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/genital-herpes/basics/symptoms/con-20020893
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  4. http://www.nlm.nih.gov/medlineplus/ency/imagepages/9000.htm
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  6. http://www.healthgrades.com/conditions/viral-diseases
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  8. Beauman, John G. and MC Maj, Genital Herpes: A Review. Am Fam Physician. 2005 Oct 15, 72(8): 1527-1534
  9. http://www.cdc.gov/std/herpes/stdfact-herpes-detailed.htm
  1. http://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK47447/
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  12. Simmons, Anthony, Clinical Manifestations and Treatment Considerations of Herpes Simplex Virus Infection, Journal of Infectious Diseases, 2002 186, Sup 1, S71- S77
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  14. http://www.mayoclinic.org/drugs-supplements/acyclovir-oral-route-intravenous-route/proper-use/drg-20068393
  15. Simmons, Anthony, Clinical Manifestations and Treatment Considerations of Herpes Simplex Virus Infection, Journal of Infectious Diseases, 2002 186, Sup 1, S71- S77
  16. http://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/genital-herpes/basics/treatment/con-20020893
  17. http://www.mayoclinic.org/drugs-supplements/famciclovir-oral-route/proper-use/drg-20063776
  18. http://www.nlm.nih.gov/medlineplus/druginfo/meds/a694038.html
  19. Beauman, John G. and MC Maj, Genital Herpes: A Review. Am Fam Physician. 2005 Oct 15, 72(8): 1527-1534

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